बुधवार, 22 मई 2019

पाकिस्तान नहीं चाहता ,मोदी पीएम बने

पाकिस्तान में लोग नहीं चाहते, नरेंद्र मोदी बनें दोबारा प्रधानमंत्री


23 मई को आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर पड़ोसी देश पाकिस्तान भी नजर बनाए हुए है। दोनों देशों के बीच सीमा तनाव को देखते हुए पाकिस्तान की चुनाव परिणामों में दिलचस्पी हैरान नहीं करती है। इसके अलावा पाकिस्तान में रहने वाले कई लोगों के भारत में पारिवारिक संबंध हैं।


पाकिस्तान के नागरिकों का कहना है कि वह नहीं चाहते कि नरेंद्र मोदी दोबारा सत्ता में आएं। इसके पीछे वजह भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान में घुसकर आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक से घबराहट मानी जा रही है।


ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की वापसी के बारे में वहां के टीवी न्यूज चैनल के जरिए अपनी राय साझा कर रहे हैं और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। लाहौर के रहने वाले शाही आलम ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल से कहा, 'मोदी को सत्ता में वापस नहीं आना चाहिए, उन्होंने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कराई।


एक दूसरे शख्स ऐजाज ने कहा, 'मुझे मोदी के बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आने पर संदेह है। मुझे यकीन है कि उन्हें बहुमत नहीं मिलेगा जो पाकिस्तान के लिए अच्छा है।' बता दें कि कुछ महीने पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि अगर मोदी 2019 का चुनाव जीतते हैं तो दोनों देशों के बीच शांतिवार्ता के अवसर बेहतर होंगे।


 


एनसीपी विधायक ने दिया इस्तीफा

एनसीपी एमएलए जयदत्त क्षीरसागर ने दिया इस्‍तीफा, शिवसेना में होंगे शामिल


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री जयदत्त क्षीरसागर ने विधायक पद से इस्‍तीफा दे दिया है और आज शिवसेना में शामिल होने जा रहे हैं। इससे पहले जयदत्त क्षीरसागर ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके निवास मतोश्री पर मुलाकात की।


गौरतलब है कि बीड़ जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में जयदत्त अकेले राकंपा विधायक हैं। बाकी सभी भाजपा से हैं। बताया जा रहा है कि क्षीरसागर राकंपा से नाराज हैं, यह नाराजगी पार्टी द्वारा उनकी अनदेखी और उनके स्थानीय प्रतिद्वंदी धनंजय मुंडे को अधिक महत्व देने को लेकर है।


 


भूकंप के झटकों से हिला अंडमान

सुबह-सुबह भूकंप के झटकों से हिला अंडमान


अंडमान में बुधवार सुबह एक बार फिर से भूकंप तेज झटके महसूस किए गए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र के अनुसार भूकंप के झटके सुबह छह बज कर नौ मिनट पर महसूस किए गए और इसका केन्द्र अंडमान द्वीप था। भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर स्‍केल पर 5।8 मापी गई है।


गौरतलब है कि अंडमान निकोबार द्वीपसमूह भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में आता है। हालांकि अभी तक इससे किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है। सोमवार को निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। निकोबार द्वीप में देर रात 2:04 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर स्‍केल पर 4।5 मापी गई थी।


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ध्यान से देखो और समझो

ध्यान से देखो और समझो


नई सरकार को विदेश नीति पर लेने होंगे अहम फैसले

नई सरकार को आर्थिक क्षेत्र में अहम विदेश नीति के फैसले लेने होंगे:अमेरिका


भारतीय मामलों पर अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि 23 मई के बाद भारत में गठित होने वाली नई सरकार के सामने खासकर आर्थिक क्षेत्र में अहम विदेश नीति के फैसले लेने की चुनौती होगी।


काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन के एलिसा आइरस ने कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अगली सरकार कौन बनाता है, भारत को विशेषकर आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण विदेश नीति के फैसलों का सामना करना पड़ेगा।'


'ऑवर टाइम हैज कम : हाउ इंडिया इज मेकिंग इट्स प्लेस इन द व‌र्ल्ड' नामक पुस्तक के लेखक और पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन में काम कर चुके आइरस ने कहा कि यद्यपि कि अमेरिका और भारत के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में संबंध मजबूत हुए हैं, दोनों के बीच व्यापार और आर्थिक मोर्चे पर तनाव भी बढे है!


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कर्जदार किसान ने कलेक्ट्रेट परिसर मे की आत्महत्या

हनुमानगढ में कर्ज में दबे किसान ने कलेक्ट्रट परिसर में किया सुसाइड


हनुमानगढ। राजस्थान के हनुमानगढ में कर्ज से परेशान एक किसान के जिला कलेक्ट्रट परिसर में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर लेने का मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार कलेक्ट्रेट परिसर के पार्क में पेड़ पर एक व्यक्ति का शव लटकने की आज सुबह छह बजे मिली सूचना पर थाना प्रभारी अरहविंद भारद्वाज ने मौके पर पहुंचकर शव को नीचे उतारा। मृतक के जेब से मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान हनुमानगढ जिले मे रावतसर तहसील के किकरालिया न्योलखी निवासी सूरजाराम (52) के रूप में हुई।


पुलिस ने मृतक के शव को हनुमानगढ के टाउन सिविल अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाकर परिजनों को सूचना दी। पुलिस ने बताया कि मृतक के पुत्र विजय ङ्क्षसह ने रिपोर्ट में बताया कि उसके पिता ने एचडीएफसी बैंक की रावतसर शाखा से किसान क्रेडिट योजना के तहत ऋण लिया था और पिछले काफी समय से ऋण की किश्ते चुका नहीं पा रहे थे। इस कारण वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगे।


बैंक के कर्मचारी भी बार-बार किश्ते अदा करने के लिए दबाव बनाए हुए थे। बैंक द्वारा बताया जा रहा था कि अगर किश्ते अदा नहीं की गई तो उसकी कृषि भूमि को कुर्क करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। विजय ङ्क्षसह का आरोप है कि बैंक कर्मचारियों द्वारा ऋण के लिए बार-बार परेशान करने से दुखी होकर सोमवार रात उसके पिता ने जिला कलेक्ट्रेट परिसर में आत्महत्या कर ली।


हनुमानगढ़ जंक्शन पुलिस ने बताया कि एचडीएफसी बैंक कर्मचारियों पर सुरजाराम को मरने के लिए मजबूर कर देने के आरोप में दण्ड संहित की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांंकि इसमें किसी को नामजद नहीं किया गया है। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। बताया जा रहा है कि सुरजाराम ने बैंक से साढे छह लाख लाख किसान क्रेडिट योजना के तहत ऋण लिया था।


राजस्थान परिवहन-निगम में डेबिट-क्रेडिट कार्ड मान्य

अब यात्री डेबिट-क्रेडिट कार्ड से भी ले सकेंगे रोडवेज बसों में टिकट


झुंझुनूं। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों में अब यात्री डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भी टिकट ले सकेंगे। झुंझुनूं जिले में निगम के खेतड़ी डिपो के मुख्य प्रबंधक रामावतार बुनकर ने मंगलवार को बताया कि इसके लिए जिले के झुंझुनूं डिपो को सौ और खेतड़ी डिपो को 84 एटीएम टिकट मशीन भेजी गई हैं। दोनों ही डिपो में परिचालकों को इनके संचालन का प्रशिक्षण देकर ये मशीनें जारी की जा रही हैं।


उन्होंने परिचालको को ये मशीन वितरित करते हुये बताया कि ये अत्याधुनिक मशीनें आनलाईन है। इनमें कैमरा और जीपीएस सिस्टम लगा है। इस मशीन के माध्यम से यात्रियों के फोटो भी खींचे जायेगें। इस नई टिकट मशीन में सभी तरह के कार्ड मान्य होंगें। यह मशीन क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड सहित सभी बैंको के सभी कार्ड से टिकट जारी करेगी। जीपीएस सिस्टम के कारण बस कहां पर चल रही है, उसकी लोकेशन भी मशीन बताती रहेगी।


इससे टिकट लेने के लिए बुङ्क्षकग घर के आगे लाइन लगाने की जरुरत नहीं होगी। यात्री बस में ही टिकट ले सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन सभी परिचालकों को प्रशिक्षण देकर प्रदान की जा रही है। झुंझुनूं डिपो में कुल 110 मशीन भेजी गई है। जिनमें दस मशीन प्रशिक्षण के लिए आरक्षित रखी गई है।


हनी ट्रैप में पंप मालिक को फसाने का मामला

उदयपुर में हनी ट्रैप कर पेट्रोल पंप मालिक को ब्लैक मेल करने का मामला सामने आया है


उदयपुर ! शिकायत मिलने पर एसीबी की टीम ने मौके से ही 11 लाख रुपये की फिरौती लेते हुए दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है. वहीं मामले में पुलिस ने दो वकीलों को भी हिरासत में लिया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. एसपी कैलाश चंद्र विश्नोई ने बताया कि मामले के जांच कर रहे है, महिला ब्लैक मेल कर रही थी, इसमें वकीलों का क्या इंवॉलमेंट है, पूछताछ कर रहे है.
जानकारी के मुताबिक महिलाओं ने पहले पेट्रोल पंप मालिक को झांसे में लिया और फिर उसके कुछ आपत्तिजनक फ़ोटो लेकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. मामला संज्ञान में आने पर एएसपी गोपालस्वरूप मेवाड़ा ने दोनों महिलाओं के मौके से रुपये लेते हुए ट्रेप करने की योजना बनाईं. पुलिस ने कई टीमें बनाई और महिला थाने के आसपास के इलाके में घेरा बंदी की.
कार्रवाई के दौरान महिलाओं और 2 वकीलों को मौके से थाने लाया गया. महिलाओ को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. अब पुलिस इस मामले में और भी पूछताछ कर अन्य मामलों को भी सामने लाने को कोशिश में जुटी है.
सूत्रों के मुताबिक उदयपुर शहर में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं. ये अमीर व्यावसाइयों के यहां महिला को प्लांट करते हैं. महिला व्यवसायी के साथ इनटीमेट होती है और रिकॉर्डिग करती है. इसके बाद व्यवसायी को ब्लैकमेल करना शुरू किया जाता है. इसमे थाना पुलिस भी शामिल होती है. थाने पर रिपोर्ट आई है यह कहकर व्यवसायी को धमकाया जाता है, और राजीनामा का दबाव डाला जाता है. फिर वकील सौदा कर पैसे मांगते है. अक्सर व्यावसायी बदनामी के डर मोटी रकम दे देते हैं


संविदा कर्मियों को नियमित करेेेगे गहलोत

संविदाकर्मियों को नियमित करेगी गहलोत सरकार, विभागों से 10 दिन में मांगी रिपोर्ट
जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार ने सभी विभागों से संविदाकर्मियों के संबंध में दस दिन में डिटेल रिपोर्ट मांगी है, जिससे संविदाकर्मियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया तय की जा सके। प्रशासनिक सुधार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रविशंकर श्रीवास्तव ने सचिवालय में अहम बैठक में तमाम विभागों से वर्गीकृत जानकारी 10 दिन में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
गहलोत सरकार ने कांग्रेस घोषणा पत्र के वादे के अनुसार दो कमेटी गठित की गई थी, पहली कमेटी अतिरिक्त मुख्य सचिव रविशंकर श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित हुई, वहीं इस बारे में कैबिनेट कमेटी का भी गठन किया गया। सब कमेटी की पहली बैठक में ये निर्देश दिए गए कि संविदाकर्मियों के विभिन्न प्रकारों के विभागों में संविदाकर्मी हैं, उनके नियमितीकरण के क्या उपाय हैं? इस बारे में डिटेल रिपोर्ट दी जाए। सिर्फ 18 विभाग ही ये जानकारी दे पाए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव रविशंकर श्रीवास्तव ने सचिवालय में बैठक ली, जिसमें यह कमी साफ उभर कर सामने आई।
बैठक में यह भी सामने आया कि 20 विभागों ने यह लिख कर दिया है कि उनके यहां कोई भी संविदाकर्मी नहीं है। अब 10 दिन में रिपोर्ट आने के बाद फिर बैठक करके इस बारे में विचार किया जाएगा कि संविदाकर्मियों के डाटाबेस और उनके नियमितीकरण की प्रक्रिया किस तरह व्यवस्थित की जाए। बैठक में कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव रोली सिंह, अल्पसंख्यक मामलात विभाग की प्रमुख सचिव अपर्णा अरोड़ा, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन और आईसीडीएस निदेशक सुषमा अरोड़ा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।


57 डिग्री में भी रोजा नहीं छोड़ता रेलवे ड्राइवर

रेल इंजन के 57 डिग्री तापमान में भी रोज़ा नही छोड़ता रेलवे ड्राइवर, सिग्नल और क्रॉसिंग पर पढ़ता है नमाज



नई दिल्ली! रमजान उल मुबारक के मुक़द्दस महीने में झुलसा देने वाली गर्मी में कोई भी रोज़ेदार घर से निकलना नही चाहेगा लेकिन मजबूरी में निकलना पड़ता है,15 घण्टे के लम्बे रोज़े में 42 डिग्री तापमान साथ साथ गर्म हवा के झुलसा देने वाले झोंके रोज़े की शिद्दत बढ़ा देती है।


गर्मी कितनी भी है लेकिन मोमिन फर्ज अदा करने के लिये रोज़ा रखकर बाहर निकलते हैं!कुछ नौकरी पेशा ऐसे हैं जो दिनभर कड़ी तेज धूप में सड़क पर खड़े होकर ट्रैफिक कंट्रोल करते हैं तो कोई 57 डिग्री गर्म रेल इंजन में रोजा रखकर ट्रेन चलाता है। ऐसे भी लोग हैं जो तपा देने वाली गर्मी में रोजा रख कर सिटी बस से सवारियों को एक जगह से दूसरी छोड़ रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रोजा रखने वाले ऐसे कर्मचारी अपने फर्ज को लेकर प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं। उनका कहना है कि हमारे लिए फर्ज बहुत अहम हैं।


पूर्वोत्तर रेलवे में तैनात लोको पायलट मोहम्मद मुईनुद्दीन अंसारी रेल इंजन के भीतर 57 डिग्री तापमान में रोज़ा रखकर अपना फर्ज निभा रहे हैं,क्योंकि इंजन के अंदर बाहर से ज़्यादा गर्मी रहती है,इस बारे में मुइनुद्दीन ने बताया कि वो पिछले 15 सालों से नौकरी करते हुए रोज़ा रखते हुए आरहे हैं।


मुईनुद्दीन अंसारी ने कहा कि बाहर के तापमान से लोको इंजन की गर्मी बहुत अधिक होती है लेकिन अल्लाह के पसंदीदा महीना रमजान भी बस तीस दिन का होता है। असिस्टेंट लोको पायलट महमूद अयाज सिद्दीकी बताते हैं कि रोजे में सिर पर पानी से भीगे दो-दो गमछे रख कर ट्रेन चलानी पड़ती है। थोड़ी समस्या होती है, लेकिन यह हमारा फर्ज है।


मंगलवार, 21 मई 2019

प्रणय ने माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा

भारतवासी प्रणय ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा


भारतवासी प्रणय बंदबुच ने 13 अन्य लोगों के साथ सोमवार को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा दिया। पर्यटन मंत्रालय की पर्वत शाखा के अनुसार, चीन, ग्रीस व भारत के सात पर्वतारोही और सात नेपाली शेरपा 8,848 मीटर ऊंची चोटी पर सोमवार की सुबह पहुंच गए। नेपाल ने 14 मई को विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ाई के लिए रास्ता खोला था। तब आठ नेपाली शेरपा माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में कामयाब रहे थे।


यह पहली टीम थी जो इस रास्ते माउंट एवरेस्ट पर पहुंची थी। माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने वालों में चार चीन, दो ग्रीस व एक भारत से हैं। भारतीय पर्वतारोही की पहचान प्रणय बंदबुचा के रूप में हुई।


इस मौसम में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए 41 अलग-अलग टीमों के 378 पर्वतारोहियों को पर्यटन मंत्रालय ने अनुमति दी है। इनमें से 200 पर्वतारोहियों ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी का रुख भी कर लिया है।


 


ब्रिटेन में लैंडिंग कार्ड व्यवस्था की खत्म

ब्रिटिश सरकार ने भारत से आने वाले यात्रियों के लिए लैंडिंग कार्ड भरने की अनिवार्यता खत्म कर दी


ब्रिटिश सरकार ने भारत जैसे देशों से ब्रिटेन आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए लैंडिंग कार्ड भरने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। इसका मकसद ब्रिटेन में प्रवेश को सुगम बनाना है।


यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र (ईईए) के बाहर के देशों से आने वाले विमान यात्रियों को अब ब्रिटेन के हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद फार्म भरकर पासपोर्ट के साथ उसे आव्रजन अधिकारियों के हवाले करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सुविधा सोमवार से ही लागू हो गई है। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार सभी गैर ईईए यात्रियों को ब्रिटेन पहुंचने पर लैंडिंग कार्ड भरने की जरूरत को खत्म कर रही है। इससे देश में आना आसान होगा।


ब्रिटेन के एयरपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करेन डी. ने कहा कि हवाई अड्डे व्यस्त मौसम की तैयारी कर रहे हैं। हमें पता है कि पासपोर्ट कंट्रोल के लिए कोई भी कतार में इंतजार नहीं करना चाहता।


ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के यात्री इस सप्ताह से समूचे ब्रिटेन के हवाई अड्डों पर स्वचालित द्वार का इस्तेमाल कर पाएंगे।


 


बंगाल में हिंसा जारी, ट्रेन पर फेंके बम

पश्चिम बंगाल:भाटपारा में हिंसा जारी, ट्रेन पर फेंके गए देसी बम


पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के भाटपारा में लगातार हिंसा जारी है। ट्रेन पर देसी बम फेंके गए जिसके बाद रेल यात्रियों ने भागकर किसी तरह अपनी बचाई। भाटपाड़ा में कल से ही धारा 144 लागू है।


वहीं एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक बंगाल के कूच बिहार स्थित सिताई में पिछली रात हिंसा में भारतीय जनता पार्टी के पांच कार्यकर्ता घायल हो गए। बीजेपी ने इस हिंसा के लिए टीएमएसी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाय है।


चुनाव बाद किसी भी तरह की हिंसक घटना से बचने के लिए पश्चिम बंगाल के भाटापारा में सोमवार को धारा-144 लगा दी गई है। लोकसभा चुनावों के साथ ही भाटापारा में विधानसभा के लिए उपचुनाव हुए थे। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार मदन मित्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वे केंद्रीय बल के एक जवान से बहस करते हुए दिखाई दे रहे थे।


 


विपक्ष के दावों को आयोग ने किया खारिज

विपक्ष के दावों को चुनाव आयोग ने किया खारिज, कहा- बिल्कुल सुरक्षित है ईवीएम


लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले ईवीएम को लेकर नए सिरे से विवाद शुरू हो गया है। विपक्षी दलों के नेता ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए छेड़छाड़ की कोशिश का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष प्रियंका गांधी, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मनीष सिसोदिया समेत कई नेताओं ने स्ट्रॉन्ग रूम (जहां वोटिंग के बाद ईवीएम रखे गए हैं) पर निगरानी रखने के लिए कार्यकर्ताओं से अपील की है।


वहीं चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों के दावों को खारिज किया है। चुनाव आयोग ने कहा, ''गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी में ईवीएम को लेकर जो आरोप लगाए गए वो सही नहीं हैं। जिन ईवीएम का मतदान में इस्तेमाल हुआ है वो पूरी तरह सुरक्षित हैं।


गाजीपुर प्रशासन ने भी महागठबंधन के उम्मीदवार अफजाल अंसारी के दावों को खारिज किया है। गाजीपुर प्रशासन ने ट्वीट कर कहा, ''ईवीएम को लेकर आशंकाएं निराधार हैं। ईवीएम 24×7 सीआईएसएफ की सुरक्षा में है। उम्मीदवारों को स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी के लिए अपने एजेंटों को रखने की अनुमति दी गई है।'' इस ट्वीट को चुनाव आयोग ने रिट्वीट किया है।


बीजेपी ने भी इसे विपक्ष की हताशा करार दिया। बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि ये हार तय देखकर ऐसा कर रहे हैं। मोदी को गाली देते देते अब चुनाव आयोग और ईवीएम को गाली देने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तो अपना फ़ैसला दे दिया है।


 


एनएनपी विधायक सहित 7 की मौत

अरुणाचल प्रदेश: एनएनपी विधायक तिरोंग अबो सहित 7 की संदिग्ध आतंकी हमले में मौत


अरुणाचल प्रदेश में एनएनपी के विधायक तिरोंग अबो और 6 अन्य लोगों की एक हमले में मौत हो गई है बताया जा रहा है कि इस हमले में अबो के परिवार वालों के साथ सुरक्षाकर्मी भी इस हमले में मारे गए हैं।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, संदिग्ध एनएससीएन (नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड) के आतंकवादी हमले के पीछे हो सकते हैं, ये घटना अरुणाचल प्रदेश में तिरप जिले के बोगापानी गाँव में हुई है।


अबो अरुणाचल प्रदेश की खोंसा-पश्चिम सीट से विधायक हैं। वहीं मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने इस क्रूर हमले की निंदा की और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। 'एनपीपी श्री तिरंग अबोह और उनके परिवार और उनके सुरक्षा कर्मियों पर हुए क्रूर हमले की कड़ी निंदा करता है।


 


कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या


कर्ज में डूबे किसान ने आत्महत्या की।
27 हजार पंचायत सहायकों की नौकरी दांव पर।
आखिर राजस्थान में कांग्रेस सरकार राहुल गांधी के शब्दों का मान कैसे रखेगी?

लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान की सभाओं में बार बार कहा कि अब किसी भी किसान को बैंक कर्ज की वजह से आत्महत्या नहीं करनी पड़ेगी और न ही लोन नहीं चुकाने पर किसी किसान को जेल जाना पड़ेगा। इसी प्रकार राहुल ने कहा था कि नरेन्द्र मोदी ने दो लाख रिक्त पदों पर भर्तियां नहीं की। कांग्रेस ने राहुल गांधी के कथनों से जुड़े विज्ञान भी जारी किए। चूंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है ऐसे उम्मीद रही कि राजस्थान में तो राहुल गांधी के शब्दों और वायदों का मान रखा ही जाएगा। लेकिन राजस्थान पत्रिका ने 21 मई के अजमेर संस्करण में अंतिम पृष्ठ भूमि पर बैंक कर्ज में डूबे किसान ने खुदकुशी शीर्षक से एक खबर प्रकाशित की है। इस खबर में बताया गया कि अजमेर जिले के मसूदा विधानसभा क्षेत्र के भिनाय थानांर्गत तेलाड़ा गांव के चालीस वर्षीय किसान लादू सिंह ने विषाक्त पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली। भारतीय स्टेट बैंक की भिनाय शाखा की ओर से लादू सिंह को 6 लाख रुपए के कर्ज की वूसली का नोटिस 19 मई को प्रात: 11 बजे मिला और लादू सिंह ने दोपहर एक बजे विषाक्त पदार्थ खा लिया। बैंक अधिकारी स्वीकार करते हैं कि लादू सिंह के घर पर नोटिस चस्पा किया गया था। अब सवाल उठता है कि राहुल गांधी के कथन का क्या होगा? जब कांगे्रस के शासन में कर्ज में डूबा किसान खुदकुशी कर रहा है तो फिर आम किसान को राहत कैसे मिलेगी? हालांकि मसूदा के कांग्रेस विधायक राकेश पारीक ने किसान की खुदकुशी से इंकार किया है। पारीक का कहना है कि लादू सिंह बीमार था और उसने गलती से दवाई की जगह विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। विधायक के दावे में कितना दम है यह जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन यह सही है कि लादू सिंह ने 6 लाख रुपए की वसूली का नोटिस मिलने के बाद ही विषाक्त पदार्थ खाया।
27 हजार युवाओं की नौकरी दांव पर:
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में 27 हजार ग्राम पंचायत सहायकों की नौकरी भी दांव पर लग गई है। पिछली भाजपा सरकार ने पंचायत सहायकों की सेवा की अवधि 18 मई तक बढ़ा दी थी, लेकिन 21 मई गुजर जाने के बाद भी सेवा विस्तार नहीं किया गया है, जबकि ऐसे पंचायत सहायक 2007 से लगातार काम कर रहे हैं। इन्हीं युवाओं ने पहले विद्यार्थी मित्र के रूप में कार्य किया। भाजपा की सरकार ने 2017 में इन्हें ग्राम पंचायत सहायक के तौर पर नियुक्त कर दिया। प्रति वर्ष सेवा विसतार किया जाता है, लेकिन इस बार कांग्रेस के शासन में सेवा विस्तार नहीं हुआ। 18 मई के बाद से ही 27 हजार ग्राम पंचायत सहायकों के सिर पर तलवार लटक गई है। राहुल ने तो कहा कि राजस्थान के हजारों युवाओं को भी सरकारी स्थायी तौर नौकरी मिलेगी, लेकिन राजस्थान में उल्टा हो गया। जो 27 हजार युवा पहले से नौकरी कर रहे थे, उनकी नौकरी भी छीनी जा रही है। आखिर परेशान लोग हां जाएं? ग्राम पंचायत सहायकों के प्रतिनिधि कमल टेलर ने बताया कि कांग्रेस भी अपने घोषणा पत्र में अस्थायी कार्मिकों को सायी करने का वायदा किया था, लेकिन हमारी तो अस्थायी नौकरी पर भी खतरा हो गया है। ग्राम पंचायत सहायक की समस्याओं के संबंध में मोबाइल नम्बर 9413894235 पर कमल टेलर से जानकारी ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल


विपक्षी दल फिर पहुंचा चुनाव आयोग


एक्जिट पोल के अनुरूप परिणाम नहीं आए तो क्या ईवीएम सही हो जाएगी?
आखिर हार का ठिकरा ईवीएम पर क्यों। विपक्षी दल फिर पहुंचे चुनाव आयोग।



21 मई को देश के प्रमुख विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग के दफ्तर पर दस्तक दी है। दिग्गज नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त से कहा कि 23 मई को ईवीएम में दर्ज मतों की गणना वीवीपेट की पर्चियों से करवाई जावे। विपक्षी नेताओं ने ईवीएम को लेकर अपनी आशंकाओं के बारे में भी चुनाव आयोग को जानकारी दी। आयोग ने विपक्षी दलों को स्पष्ट कर दिया कि मतगणना के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो दिशा निर्देश दिए हैं उन्हीं के अनुरूप मतगणना होगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के पांच मतदान केन्द्रों की ईवीएम के मतों की गणना वीवीपेट की पर्चियों से करवाई जाएगी। आयोग ने कहा कि यदि कोई गडबड़ी होगी तो इन पांच ईवीएम के माध्यम से सामने आ जाएगी। आयोग ने विपक्षी दलों को आश्वस्त किया कि ईवीएम की मतगणना में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई तकनीक नहीं है जिससे ईवीएम में दर्ज मतों में कोई बदलाव हो सके। सवाल उठता है कि आखिर विपक्षी दल ईवीएम पर शक क्यों कर रहे हैं? क्या एक्जिटपोल से विपक्ष में घबराहट है? यदि 23 मई को मतगणना के परिणाम एक्जिटपोल के विपरीत आ गए तो क्या ईवीएम सही हो जाएगी? ईवीएम पर तभी शक होगा, जब परिणाम विपक्षी दलों के खिलाफ आएंगे? ईवीएम को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठाए गए हैं, लेकिन इन सवालों का आयोग की ओर से ठोस जवाब भी दिया गया है। सब जानते हैं कि मतदान के बाद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ही ईवीएम को सील किया जाता है और फिर मतगणना के समय भी इन्हीं प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सील को तोड़ा जाता है। ऐसे में ईवीएम में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नजर नहीं आती है। विपक्षी दलों ने भाजपा और नरेन्द्र मोदी को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यूपी में पुश्तैनी दुश्मन मायावती और अखिलेश यादव ने हाथ मिला लिया तो बिहार में कांगे्रस ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी के साथ गठबंधन किया। बंगाल में तो ममता बनर्जी के समर्थकों ने हिंसा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राजनीति में यह सब जायज है। जो लोग ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि कांग्रेस शासित प्रदेशों और अन्य प्रदेशों में जहां गैर भाजपा सरकारें हैं, वहां सरकार द्वारा नियुक्त जिला कलेक्टर ही जिला निर्वाचन अधिकारी की भूमिका निभाते हैं। सब जानते हैं कि राज्य सरकारें अपने नजरिए से कलेक्टरों की नियुक्ति करती हैं। ऐसे में यदि किसी भी ईवीएम पर गड़बड़ी की आशंका होगी तो सबसे पहले निर्वाचन अधिकारी की ही जिम्मेदारी होगी। जब विपक्षी सरकारों की निगरानी में ईवीएम रखी हुई है तो फिर गड़बड़ी कैसे हो सकती है।
एस.पी.मित्तल


जिला अधिकारी से लगाई इंसाफ की गुहार

डीएम साहिबा हमें दिलाओं इंसाफ
मेरी बहन को मार दिया, मेने किसी तरह बचाई अपनी जान
पीड़ित युवती ने सुसरालियों के खिलाफ डीएम से लगाई गुहार
एसएसपी को भी कर चुकी शिकायात, पुलिस ने नहीं पकड़े अभी तक आरोपी



गाजियाबाद। एक पीड़ित युवती ने डीएम से गुहार लगाते हुए इंसाफ दिलाने की मांग की। असलतपुर फरूखनगर निवासी पीड़ित युवती नेहा ने बताया कि उसकी और उसकी बहन शालू की शादी 20-11-2013 में हिन्दू रिति रिवाज के अनुसार राहुल गार्डन बैहटा हाजीपुर लोनी के रहने वाले सुशील के पुत्र राजकुमार व रामकुमार के साथ हुई थी। हम दोनों बहनों की शादी में हमारे माता-पिता ने अपनी अहसियत से बढ़चढ़कर दान दहेज दिया था। लेकिन हम दोनों बहनों को हमारे सुसराल के लोग दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। आए दिन दहेज के लिए मारपीट भी करते थे। एक दिन तो मेरे पति राजकुमार ने मेरा हाथ गैस पर रखकर जलाने का प्रयास किया। नेहा ने बताया कि हम दोनों बहनों दहेज में बाइक लाने के लिए आए दिन मारपीट करते थे। इस कारण में काफी दिनों से अपने मायके में आकर रहने लगी। लेकिन सुसराल वालों ने इस दौरान तीन मई को मेरी बहन शालू को फांसी लगाकर मार दिया। जब यह खबर हम लोगों को लगी तो मेरे परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। लेकिन मेरे सुसराल के लोगों ने हम लोगों की साथ अभ्रद व्यवाहर करते हुए मारपीट भी की। नेहा ने बताया कि जब हम लोगों ने इनकी शिकायत लोनी बार्डर थाने में की तो पुलिस ने भी सुसराल पक्ष का साथ देते हुए हमारी कोई सुनवाई नहीं की। उल्टा हमें थाने से भगा दिया। नेहा ने बताया कि एसएसपी आॅफिस पर शिकायत देने के बाद आरोपी सुसरालियों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।, लेकिन अभी भी मेरी बहन क हत्यारे खुलेआम घूम रहे है। उल्टा हम लोगों को रसूख दार लोगों से फैसला करने की धमकी दी जा रही है। पीड़ित ने बताया कि सुसराल वालों से सांठ गांठ कर मेरे पिता को भी पुलिस ने झूठे केस में फंसा कर जेल भेज दिया। पीड़ित नेहा ने मामले से संबंधित एक शिकायती पत्र डीएम कार्यालय में सौंपा। इस मौके पर पीड़िता की मां ने भी न्याय की गुहार लगाई।


अब नेताओं की खैर नहीं, याचिका दर्ज

 


अब नेताओ की खैर नही


सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई है, इसे आपके आकलन के लिए भेज रहे है .. प्रिय / सम्मानित भारत के नागरिकों... आपसे इस संदेश को पढ़ने का अनुरोध किया जाता है और अगर सहमत हैं,तो कृपया अपनी संपर्क के सभी लोगों को भेजे और बदले में उनमें से प्रत्येक को भी आगे भेजने के लिए कहें। तीन दिनों में, पूरे भारत में यह संदेश होना चाहिए। भारत में हर नागरिक को आवाज उठानी चाहिए__2018 का सुधार अधिनियम__ - सांसदों को पेंशन नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि राजनीति कोई नौकरी या रोजगार नही है बल्कि एक निःशुल्क सेवा है। - राजनीति लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एक चुनाव है,इसकी पुनर्निर्माण पर कोई सेवानिवृत्ति नहीं है,लेकिन उन्हें फिर से उसी स्थिति में फिर से चुना जा सकता है। (वर्तमान में उन्हें पेंशन मिलती है सेवा के 5 साल होने पर)। इसमें एकऔर बड़ी गड़बड़ी यह है कि अगर कोई व्यक्ति पहले पार्षद रहा हो,फिर विधायक बन जाए और फिर सांसद बन जाए तो उसे एक नहीं,बल्कि तीन-तीन पेंशनें मिलती हैं।यह देश के नागरिकों साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है जो तुरंत बंद होना चाहिए। - केंद्रीय वेतन आयोग के साथ संसद सदस्यों सांसदो का वेतन भत्ता संशोधित किया जाना चाहिए और इनको इनकम टैक्स के दायरे में लाया जाए। (वर्तमान में वे स्वयं के लिए मतदान करके मनमाने ढंग से अपने वेतन व भत्ते बढा लेते हैं और उस समय सभी दलों के सुर एक हो जाते हैं। - सांसदों को अपनी वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली त्यागनी चाहिए और भारतीय जन-स्वास्थ्य के समान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में भाग लेना चाहिए। इलाज विदेश में नही भारत मे होना चाहिए इनका,अगर विदेश में करवाना है तो अपने खर्च से करवाएँ,अन्यथा मर जाएँ। मुफ्त छूट,राशन,बिजली,पानी,फोन बिल जैसी सभी रियायत समाप्त होनी चाहिए। (वे न केवल ऐसी बहुत सी रियायतें प्राप्त करते हैं बल्कि वे नियमित रूप से इसे बढ़ाते भी रहे हैं) - अपराधी नेताओं को चुनाव लड़ने से रोका जाए, संदिग्ध व्यक्तियों के साथ दंडित रिकॉर्ड,अपराधिक आरोप और दृढ़ संकल्प, अतीत या वर्तमान को संसद से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, कार्यालय में राजनेताओं के कारण होने वाली वित्तीय हानि,उनके परिवारों,नामांकित व्यक्तियों,संपत्तियों से वसूल की जानी चाहिए। - सांसदों को भी सामान्य भारतीय लोगों पर लागू सभी कानूनों का समान रूप से पालन करना चाहिए। - नागरिकों द्वारा एलपीजी गैस सब्सिडी का कोई समर्पण नहीं जब तक सांसदों और विधायकों को उपलब्ध सब्सिडी,संसद कैंटीन में सब्सिडी वाले भोजन,सहित अन्य रियायतें वापस नहीं ले ली जाती। -संसद में सेवा करना एक सम्मान है,लूटपाट के लिए एक आकर्षक करियर नहीं। -फ्री रेल और हवाई जहाज की यात्रा की सुविधा बंद हो। आम आदमी क्यो उठाये इनकी मौज मस्ती का खर्च यदि प्रत्येक व्यक्ति कम से कम बीस लोगों से संपर्क करता है तो भारत में अधिकांश लोगों को यह संदेश प्राप्त करने में केवल तीन दिन लगेंगे।


एग्जिट पोल पर विश्वास नहीं

 ए'ग्जिट पोल के आकंड़ों को लिया वापिस


इसी तरह का चुनावी सर्वे सामने आना था। आप को क्या उम्मीद थी? वो चैनल जो दिन रात सत्ता के चरण पखारने में लगे हैं मोदी की इच्छा और जरूरत से अलग कोई आंकड़ा देने की हिमाकत कर सकते हैं? उस चैनल के पत्रकार जो सामने मौजूद मोदी से एक सवाल तक नहीं पूछ सकते हैं वो उनकी सत्ता के जमींदोज होने की घोषणा कर सकते हैं। लिहाजा उन्हें जो करना था और पिछले पांच सालों से जो वो कर रहे थे उसी को उन्होंने आगे बढ़ाया है।


इसमें कोई चकित करने वाली बात नहीं है। आश्चर्य तब होता जब वो इससे अलग कोई नतीजा दे रहे होते। दरअसल इन चैनलों को आखिरी समय तक बीजेपी को जीतते हुए दिखाना है। क्योंकि यह मोदी और अमित शाह की जरूरत है। सत्ता अब उनके वजूद की प्राथमिक शर्त बन गयी है। लिहाजा वो अपने आखिरी दम तक उसे हासिल करने की कोशिश करेंगे।


अब उसके लिए क्या कुछ करना पड़ सकता है। और क्या कुछ करेंगे वह तो भविष्य के गर्भ में है। सच यह है कि अगर बीजेपी की सत्ता नहीं बनती हुई दिखती है तो अगले तीन दिन में जो होगा वह शायद भूतो न भविष्यति हो। क्योंकि उन्हें किसी भी कीमत पर सत्ता चाहिए। किसी भी कीमत मतलब किसी भी।


उसके जाने का मतलब उनकी जिंदगी का छूटना है। और कोई भी शख्स इतनी आसानी से अपनी जिंदगी नहीं छोड़ता है। लिहाजा इन तीन दिनों में जो कुछ भी हो जाए वह कम होगा। वैसे तो बीजेपी की प्रेस कांफ्रेंस और उसमें पीएम की मौजूदगी की एक व्याख्या ये भी की जा रही है कि अब वह अमित शाह को एक्जीक्यूटिव हेड के तौर पर पेश कर खुद को स्टेट्समैन की भूमिका में ले आने की तैयारी शुरू कर दिए हैं।


यह प्रेस कांफ्रेंस उसकी शुरूआत भर थी। वैसे भी आप को बता दें कि संघ में प्रचारक रहते मोदी बेहद शौकीन मिजाज थे। राजशाहाना जिंदगी उनकी स्वाभाविक पसंद थी। यही वजह है कि इस लोकतंत्र के भीतर भी सत्ता के शीर्ष पर किसी पीएम की बनिस्पत वह राजा सरीखा व्यवहार करते ज्यादा दिखे।


ऊपर कही गयी बातों की पुष्टि गुजरात के पूर्व गृहमंत्री स्वर्गीय हरेन पांड्या के बयान से की जा सकती है। जिसमें उन्होंने अपनी हत्या से कुछ दिन पहले ही बताया था कि संघ में रहते मोदी लक्जरी जीवन पसंद करते थे। जिसको लेकर संघ के भीतर उनके प्रति एक तरह की नाराजगी थी।


पांड्या का कहना था कि वह राजाओं की तरह जीवन जीना चाहते थे। और इसी के चलते उनकी कुछ ही दिनों में संघ से विदाई तय मानी जा रही थी। लेकिन उसी बीच गुजरात की राजनीति में आए नये घटनाक्रमों ने उन्हें नया जीवन दे दिया। सत्ता में आने के बाद मोदी की जीवनशैली में ये बातें बिल्कुल साफ तौर पर देखी जा सकती हैं।
बहरहाल चैनलों ने मोदी को जिताने की दौड़ में जितने ब्लंडर किए हैं उसके लिए उन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता है। टाइम्स नाऊ ने तो उत्तराखंड में बाकायदा आप यानि आम आदमी पार्टी को 2.90 फीसदी वोट दे दिए हैं जो बीएसपी से भी ज्यादा हैं। जबकि सचाई ये है कि आप वहां चुनाव ही नहीं लड़ी है।


इसी तरह से एक एजेंसी ने हरियाणा में बीजेपी को 22 सीटें दे दी है। जबकि सूबे में लोकसभा सीटों की संख्या महज 10 है। यूपी में किसी ने गठबंधन को 56 दिया तो किसी ने 17 और किसी ने 11। अब इतनी विविधता भला क्या किसी एग्जिट पोल की हो सकती है। ऐसे में किसी के लिए अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि ये आंकड़े कैसे तैयार किए गए हैं। हां अब ये भांग के नशे में बनाए गए हैं या फिर सत्ता ने गर्दन पर पिस्तौल रख कर बनवाया है। फैसला करना आप का काम है।


अपनी भूल का एहसास इन चैनलों को भी होने लगा है। इंडिया टुडे ने अपने कई आंकड़ों को वेबसाइट से हटा लिया है। खुद को सबसे ज्यादा विश्वसनीय बताने वाले चैनल का अगर ये हाल है तो बाकियों का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है


RISAT-2B से मजबूत होगी भारतीय क्षमता

RISAT-2B से मजबूत होगी भारत की खुफिया क्षमता, इसरो बुधवार को करेगा लॉन्च


रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट (आरआईएसएटी-2बी) के साथ प्रक्षेपित होने जा रहे भारत के पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी) की मंगलवार को उल्टी गिनती शुरू हो गई।


इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि पीएसएलवी बुधवार को प्रक्षेपित होगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अधिकारी के अनुसार, पीएसएलवी के प्रक्षेपण की 25 घंटों की उल्टी गिनती मंगलवार को सुबह 4।30 बजे शुरू हो गई। इसरो के सांख्यिकी तंत्र के अनुसार, 'पीएसएलवी-सी46' आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में रॉकेट पोर्ट से पहले लांच पैड से बुधवार सुबह 5।30 बजे प्रक्षेपित होगा।


रॉकेट अपने साथ 615 किलोग्राम का 'आरआईएसएटी-2बी' ले जाएगा जो आकाश से भारत की खुफिया क्षमताओं को और मजबूत करेगा। भारत की एक अन्य 'आरआईएसएटी-2बीआर' नाम के रडार इमेज सैटेलाइट को भी इसी साल लांच करने की योजना है। इसरो के अनुसार, 'आरआईएसएटी-2बी' का उपयोग कृषि, वन विज्ञान और आपदा प्रबंधन में किया जाएगा।


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...