दुल्हन अपहरण में जाट समुदाय का सीकर बंद आह्वान
सीकर ! राजस्थान के सीकर में बहुचर्चित दुल्हन अपहरण प्रकरण में जाट समुदाय ने सीकर बंद का आह्वान किया, लेकिन इसे पुलिस और प्रशासन की समझदारी ही कहा जाएगा कि बंद के शुरुआती दौर में ही जांच अधिकारी बदलने का निर्णय ले लिया गया। अब इस प्रकरण की जांच सीकर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र शर्मा करेंगे। असल में थानाधिकारी महावीर सिंह ने जो जांच की उससे जाट समुदाय संतुष्ट नहीं था। जाट समुदाय के प्रतिनिधियों का कहना रहा कि दुल्हन अपहरण प्रकरण में हमारे समुदाय के युवाओं को बेवजह फंसाया जा रहा है। जबकि अपह्रत दुल्हन ने भी बयान संतोषजनक दिए हैं। इससे पहले दुल्हन के अपहरण पर राजपूत समाज ने सीकर में विरोध प्रदर्शन किया था। इस मुद्दे को लेकर जाट और राजपूत समाज के लोग आमने सामने हैं। राजस्थान में दोनों ही जातियों का खास प्रभाव है। चूंकि इन दिनों लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं और पहले दौर का मतदान 29 अप्रैल को होना है। ऐसे में प्रदेशभर में शांति बनी रहनी चाहिए। सरकार और प्रशासन का भी दायित्व है कि माहौल को बिगडऩे न दें। हालांकि मामला पारिवारिक हैं, लेकिन संवेदनशील होने की वजह से कभी भी माहौल खराब हो सकता है। दोनों ही प्रभावशाली समुदायों की भावनाएं इस प्रकरण से जुड़ी हुई हैं। समाज के प्रतिनिधियों का भी दायित्व है कि वे परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लें। कई बार ज्यादा आवेश भी माहौल को बिगाड़ देता है। 25 अप्रैल को प्रशासन और पुलिस ने जो समझदारी दिखाई उसे आगे भी बरकरार रखना होगा। दोनों समुदायों में तालमेल बना रहे इसकी भी जिम्मेदारी प्रशासन की है। छोटी सी बात को लेकर भी माहौल तेजी से बिगड़ सकता है।
मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान:
25 अप्रैल को ही पुलिस ने अपह्रत दुल्हन के बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 के अंतर्गत करवाए। हालांकि इस प्रक्रिया को लेकर भी जाट समुदाय ने नाराजगी व्यक्त की और बड़ी संख्या में जाट समुदाय के लोग कलेक्ट्रेट परिसर में घुस आए। प्रदर्शनकारियों का कहना रहा कि दुल्हन के बयान नए जांच अधिकारी देवेन्द्र शर्मा के द्वारा ही करवाए जाए। माहौल को देखते हुए प्रशासन ने इस मांग को भी स्वीकार कर लिया। हालांकि अदालत परिसर तक दुल्हन को थानाधिकारी महावीर सिंह ही लेकर आए थे, लेकिन विरोध को देखते हुए देवेन्द्र शर्मा भी मौके पर उपस्थित रहे।
एस.पी.मित्तल