पश्चिम बंगाल लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
पश्चिम बंगाल लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 5 अप्रैल 2022

स्टेनोग्राफर के पदों पर भर्ती, अधिसूचना जारी की

स्टेनोग्राफर के पदों पर भर्ती, अधिसूचना जारी की  

मिनाक्षी लोढी    
कोलकाता। अगर आप 12वीं पास हैं और सरकारी नौकरी की तलाश में हैं तो यह आपके लिए अच्छी खबर हो सकती है। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक भर्ती की अधिसूचना जारी की है। जिसके अनुसार उसके द्वारा स्टेनोग्राफर के पदों पर भर्ती की जाएगी। बता दें इन पदों के लिए आवेदन करने के लिए प्रक्रिया चल रही है। इन पदों पर आवेदन करने के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को ऑफिशियल साइट calcuttahighcourt.gov.in के द्वारा आवेदन करना होगा।
इस भर्ती के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 12 अप्रैल 2022 तय की गई है। इस भर्ती के लिए अभ्यर्थी केवल ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी है। वहीं, उम्मीदवार की टाइपिंग स्पीड 120 मिनट प्रति शब्द होनी चाहिए। वहीं इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार की उम्र 18 साल से 32 साल के मध्य होनी चाहिए। और एससी और एसटी वर्ग के आवेदकों को अधिकतम उम्र में सरकारी नियम के अनुसार 5 वर्ष की छूट दी गई है।
बता दें भर्ती के लिए आवेदन करने वाले सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 800 रुपये और एससी और एसटी वर्ग के आवेदकों को 300 रुपये के आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। इन पदों पर उम्मीदवारों का चयन टाइपिंग टेस्ट आदि प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। इस भर्ती से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल साइट की मदद ले सकते हैं।

रविवार, 3 अक्तूबर 2021

सभी अटकलों को ईवीएम ने खारिज किया: सीएम

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कुर्सी रहेगी या उनकी राज्य से एक बार फिर से विदाई हो जाएगी। इन सभी अटकलों को आज खुली ईवीएम ने खारिज कर दिया है। वोटों की गिनती में ममता बनर्जी इस बार जीत की तरफ बढ़ रही है। फिलहाल ममता बनर्जी तकरीबन 12000 वोटों से अपनी प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल से आगे चल रही है।
रविवार को पश्चिम बंगाल में भवानीपुर व अन्य सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव की गिनती ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को खुश होने का मौका दे दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कुर्सी बरकरार रहेगी या उपचुनाव में हार के बाद उनकी विदाई हो जाएगी? इन सभी अटकलों पर ईवीएम की वोटों की गिनती ने विराम सा लगा दिया है। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए ममता बनर्जी को भवानीपुर उपचुनाव में जीतना जरूरी था। लिहाजा फिलहाल ममता बनर्जी अपनी प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल से तकरीबन 12000 वोटों से आगे चल रही है। रविवार की सवेरे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भवानीपुर उपचुनाव की मतगणना शुरू हुई। अब तक के रुझानों में ममता बनर्जी इस उपचुनाव के वोटों की गिनती में बाजी मारती हुई नजर आ रही है। भवानीपुर के अलावा शमशेरगंज और जंगीपुर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज रविवार को ही घोषित कर दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम सीट से भाजपा उम्मीदवार से विधानसभा चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से उपचुनाव लड़ रही है।

गुरुवार, 30 सितंबर 2021

सात बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हुआ

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भवानीपुर समेत तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हो गया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भवानीपुर से चुनाव लड़ रही हैं।
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कोलकाता की भवानीपुर सीट के अलावा मुर्शिदाबाद जिले की जंगीपुर और समसेरगंज सीट के लिए भी उपचुनाव हो रहा है। तीनों सीटों पर कुल 6,97,164 मतदाता हैं। मतगणना दो अक्टूबर को की जाएगी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बनर्जी को नंदीग्राम सीट पर हार का सामना करना पड़ा था, अब मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें इस उपचुनाव में जीत हासिल करनी होगी।
वहीं, दो उम्मीदवारों की मौत के बाद अप्रैल में जंगीपुर और समसेरगंज में मतदान रद्द करना पड़ा था। चुनाव अधिकारी ने बताया कि तीन निर्वाचन क्षेत्रों में केन्द्रीय बलों की कुल 72 टुकडि़यां तैनात की गई हैं, जिनमें से भवानीपुर में 35 टुकड़ियां तैनात हैं। मतदान केन्द्रों के 200 मीटर के दायरे में दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
मतदान शाम छह तक जारी रहेगा। मतदान केन्द्रों के बाहर सुबह से ही लोग कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं। मतदान केन्द्रों पर मुंह पर मास्क लगाने सहित कोविड-19 संबंधी सभी दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। भवानीपुर में बनर्जी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रियंका टिबरेवाल मैदान में हैं जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने श्रीजीब बिस्वास को टिकट दिया है।

शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

प्रिंयका समेत नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया

मिनाक्षी लोढी       
कोलकाता। राज्य के बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और भवानीपुर सीट से उम्मीदवार प्रिंयका टिबरेवाल समेत कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन्होंने पश्चिम बंगाल में कोलकाता पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास के पास कालीघाट क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया था। कालीघाट थाने में पुलिस ने छह आईपीसी की धारा के तहत मामला दर्ज किया है।
बीजेपी के नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के पास कालीघाट इलाके में  अपनी पार्टी के नेता के पार्थिव शरीर के साथ विरोध प्रदर्शन किया था। राज्य के बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, भवानीपुर सीट से उम्मीदवार प्रिंयका टिबरेवाल, सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो, सांसद अर्जुन सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दरअसल मगरहाट (पश्चिम) के नेता धुरजोती उर्फ ​​मानस साहा की चुनाव के बाद हुई हिंसा में घायल होने के बाद बुधवार को मौत हो गई थी।

रविवार, 19 सितंबर 2021

बंगाल: शिक्षकों के एक वर्ग को जिम्मेदार ठहराया

मिनाक्षी लोढी         

कोलकाता। विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती शनिवार को उस समय विवादों में आ गए जब सोशल मीडिया पर नजर आ रहे एक वीडियो में कथित तौर पर उन्हें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम न उठाने के लिए शिक्षकों के एक वर्ग को जिम्मेदार ठहराते हुए देखा गया।

कुलपति और फैकल्टी सदस्यों के बीच शुक्रवार को हुई वर्चुअल बैठक के वीडियो में चक्रवर्ती के जैसी एक आवाज सुनी जा सकती है। जिसमें वह शिक्षकों को हाल में हुई चोरियों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम न उठाने और इसका जिम्मा सुरक्षाकर्मियों पर थोपने की कोशिश करने को लेकर बोल रहे हैं।

शनिवार, 18 सितंबर 2021

कोच लोधगर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ

मिनाक्षी लोढी       
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पूर्व स्पिनर और मिजोरम अंडर-19 टीम के मुख्य कोच मुर्तजा लोधगर का शुक्रवार की रात को विशाखापट्टनम में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अविषेक डालमिया ने इसकी पुष्टि की। लोधगर 45 साल के थे और वह मिजोरम की टीम के साथ विशाखापट्टनम गये थे जहां टीम को वीनू मांकड़ ट्राफी (अंडर-19 राष्ट्रीय एकदिवसीय) में खेलना है। 
इससे भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के घरेलू सत्र की शुरुआत भी होगी।
डालमिया ने पीटीआई से कहा, ”रात्रि भोज के बाद यह दुखद घटना हुई। मुर्त भाई (लोधगर) और टीम के फिजियो रात्रि भोज करने के बाद बाहर टहल रहे थे कि तभी उनके सीने में तेज दर्द हुआ और वह नीचे गिर गये।” उन्होंने कहा, ”फिजियो और टीम के अन्य सदस्य उन्हें तुरंत अस्पताल ले गये जहां उन्हें मृत घोषित किया गया। ” मुर्तजा ने अपने करियर में नौ रणजी ट्राफी मैच खेले जिनमें 34 विकेट लिये।

शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

बंगाल: बलों की 52 कंपनियां तैनात की जाएंगी

मिनाक्षी लोढी       

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के भवानीपुर, शमशेरगंज और जांगीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को हाेने वाले उपचुनावों में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की करीब 52 कंपनियां तैनात की जायेंगी। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महिला इकाई के एक सेक्शन ने दक्षिण कोलकाता के संवेदनशील भवानीपुर इलाके में रूट मार्च किया।

भवानीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव पर राज्य की ही नहीं बल्कि देश भर की नजर टिकी है, क्योंकि इस सीट से मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं। इससे पहले मार्च-अप्रैल चुनाव के दौरान नंदीग्राम सीट से वह भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शुवेन्दु अधिकारी से हार गयी थीं।

गुरुवार, 16 सितंबर 2021

अभिषेक ने विज्ञापन विवाद पर सीएम को कोसा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने विज्ञापन विवाद पर योगी को जमकर कोसा है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार यूपी में फेल हो गई है और दूसरे राज्यों के विकास मॉडल को चुराकर अपना बता रहीं है। भाजपा से टीएमसी में घर वापसी करने वाले मुकुल राय ने आरोप लगाते हुए कहा है ट्रांसफॉर्मिंग यूपी का मतलब तस्वीरें चुराना है। उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के झूठ की पोल फिर खुल गईं है।

द इंडियन एक्सप्रेस में उत्तर प्रदेश सरकार का छपा एक विज्ञापन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के गले की हड्डी बन गया। ट्रांसफॉर्मिंग उत्तर प्रदेश अंडर योगी आदित्यनाथ शीर्षक से विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। विज्ञापन न सिर्फ योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के लिए मुसीबत बन गया है बल्कि इंडियन एक्सप्रेस जैसे अखबार की छवि को भी इस विज्ञापन से आघात पहुंचा है। मीडिया के अनुसार विज्ञापन में उत्तर प्रदेश की तस्वीर छापने के बजाय पश्चिम बंगाल के कोलकाता की तस्वीर छाप दी गयी है। विज्ञापन में दिखाया गया चित्र माँ फ्लाईओवर का है, जिसका निर्माण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कराया है। विज्ञापन में कोलकाता शहर की पीली टैक्सी भी दौड़ती दिख रहीं हैं। वहां का एक मशहूर होटल भी दिखाई दे रहा है। विज्ञापन की सच्चाई जानने के बाद विपक्ष योगी सरकार पर पिल पड़ा है क्योंकि सामने उत्तर प्रदेश का चुनाव है। राजनैतिक लिहाज से बड़ा राज्य होने के कारण सभी दलों की निगाहें इस पर हैं। लिहाजा विज्ञापन को लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, टीएमसी सीधे मुख्यमंत्री योगी पर हमला बोल रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए विपक्ष ने कहा है कि विकास के नाम पर उत्तर प्रदेश में कुछ नहीं है। लिहाजा अपनी नाक बचाने के लिए सरकार ने झूठा विज्ञापन प्रकाशित किया है। राज्य विधानसभा का चुनाव भाजपा के लिए करो और मरो की स्थिति बन गया है। कोविड की दूसरी लहर में राज्य में काफी मौतें हुईं। लोगों को आक्सीजन और दूसरी सुविधाएं नहीं मिल पायीं। लोग शवों का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाए। इसे लेकर विपक्ष सरकार को पहले ही कठघरे में खड़ा कर चुका है जबकि केंद्र ने साफ कह दिया था कि ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुईं है। विज्ञापन विवाद पर विपक्ष का आरोप है कि दूसरे राज्यों के विकास मॉडल को चुरा कर योगी सरकार अपना बताने पर तुली है। राज्य में डेंगू कहर बरपा रहा है। कई जिलों में स्थिति भयावह है। सरकार विज्ञापनों से अपनी छबि को सुधारना चाहती है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने विज्ञापन विवाद पर योगी को जमकर कोसा है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार यूपी में फेल हो गई है और दूसरे राज्यों के विकास मॉडल को चुराकर अपना बता रहीं है। भाजपा से टीएमसी में घर वापसी करने वाले मुकुल राय ने आरोप लगाते हुए कहा है ट्रांसफॉर्मिंग यूपी का मतलब तस्वीरें चुराना है। उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के झूठ की पोल फिर खुल गईं है। जमीन पर कुछ नहीं दिख रहा है जनता के पैसे को विज्ञापन में लगाया जा रहा है। दूसरे राज्य की तस्वीर चुरा कर अपना बताया जा रहा है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि ऐसा विकास आपने देखा होगा न सुना होगा। कोलकाता के विकास को हमारे मुख्यमंत्री खींचकर यूपी में लाए हैं। एक भूल को विपक्ष ने मुद्दा बना लिया है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्री ने लिखा है सरकार अपनी नीयत बदले या एड एजेंसी।

विज्ञापन को लेकर लोग जहां सरकार की चुटकी ले रहे हैं, वहीं सोशलमीडिया पर विदेश की तस्वीरें डाल कर लिख रहे हैं कि उत्तर प्रदेश बदल रहा है। लोग बता रहे हैं कि देखिए हमारा गांव कितना बदल गया है। सरकार की खूब चुटकी ली जा रहीं है। विज्ञापन को लेकर चैतरफा हमले से घिरी सरकार मुंह छुपा रही है उसके पास कोई जवाब नहीं  है। वैसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और योगी में राजनीतिक लिहाज से छत्तीस का आंकड़ा है। बंगाल में संपन्न हुए चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विजय हासिल कर मोदी एंड शाह टीम को धूल चटाई है, लेकिन कोलकाता में दीदी का विकास मॉडल योगी बाबा को कैसे भा गया यह समझ नहीं आ रहा। यह कैसा खेला होबै है।

सोशलमीडिया यूजर्स इंस्टाग्राम, फेसबुक,ट्विटर पर विदेशी तस्वीरें लगाकर सरकार के विकास मॉडल को ट्रोल कर रहे हैं। सोशलमीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह की पोस्ट पर काफी कमेंट आ रहे हैं। सरकार के बचाव में भाजपा ने कई तर्क दिए हैं। सवाल उठता है इस विज्ञापन को लेकर कहां गलती हुई। सरकार की सहमति से यह सब खेल हुआ या फिर इंडियन एक्सप्रेस के विज्ञापन विभाग की तरफ से। विज्ञापन को सरकार को बताए बिना छाप दिया गया। यह भी हो सकता है कि विज्ञापन का संदेश समाज में सकारात्मक जाए जिसकी वजह से अखबार ने इस तरह का विज्ञापन जारी कर दिया। यह भी हो सकता है कि विज्ञापन फाइनल करने से पूर्व सरकार से अनुमति नहीं ली गई हो।

इंडियन एक्सप्रेस ने माफी भी मांगी है। अखबार की तरफ से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के विज्ञापन में भूल से गलत तस्वीर प्रकाशित हुई है। सभी डिजिटल संस्थान से यह तस्वीर हटा दी गईं है लेकिन सवाल उठता है कि इतनी बड़ी भूल इतने बड़े मीडिया संस्थान से कैसे हो सकती है। विज्ञापन सरकार की नीति और योजनाओं से जुड़ा है । अखबार का विज्ञापन विभाग अपने मन से ऐसी तस्वीर नहीं छाप सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार को बगैर बताए उसने ऐसा छापा है तो निश्चित रूप से संस्थान की यह बड़ी भूल है। गलती अखबार की तरफ से की गई है लेकिन, इसका खामियाजा सरकार भुगत रही है। सवाल उठता है कि विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं क्या विज्ञापन के लिए प्रदेश में ऐसा कोई कार्य नहीं हुआ जिसका उपयोग विज्ञापन में किया जाता। फिलहाल यह मानवीय भूल है विपक्ष को बेवजह इस मसले को तूल नहीं देना चाहिए था। उसे जमीनी मुद्दों पर सरकार को घेरना चाहिए।

शनिवार, 4 सितंबर 2021

सीएम के विधानसभा पहुंचने का रास्ता साफ हुआ

मिनाक्षी लोढी         
कोलकाता। प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा पहुंचने का रास्ता साफ हो गया है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की खाली पड़ी विधान सभा सीटों में से तीन और ओडिशा की एक सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव कराने का ऐलान किया है। बंगाल में भवानीपुर, शमशेरगंज और जंगीपुर सीटों पर उपचुनाव होंगे। वहीं, ओडिशा की पीपली सीट पर भी उपचुनाव कराया जा रहा है। इन सीटों पर आज से ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।


सीएम की मूर्ति लगाने का फैसला, विवाद शुरू हुआ

मिनाक्षी लोढी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में नया विवाद शुरू हो गया है। यह विवाद पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बागुईहाटी क्षेत्र के नज़रूल पार्क उन्नयन समिति द्वारा देवी दुर्गा के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मूर्ति लगाने के फैसले के बाद शुरू हुआ है। इस मुद्दे को लेकर बीजेपी नेता अर्जुन सिंह ने कहा है कि भारतीय इतिहास में जिस भी राजनेता ने अपना आदर्श बनाया है, उसे विनाश का सामना करना पड़ा है।
यह आज तक का इतिहास है। मायावती हो या दक्षिण के बड़े राजनेता, जिस भी राजनेता की पूजा की गई है, वे विनाश की ओर ले गए हैं। वहीं दुर्गा पूजा की तैयारी में जुटे मशहूर क्ले मॉडलर मिंटू पाल अपने कुमारतुली स्टूडियो में फाइबरग्लास की मूर्ति बना रही हैं। मिंटू पल ने कहा कि यह विचार कोलकाता में होने वाली थीम पूजा से आया है, इसलिए थीम पूजा के समय सभी क्लब चाहते हैं कि क्लब आगे बढ़े और कुछ नया दिखाए।

शुक्रवार, 3 सितंबर 2021

जांच कर रहे अधिकारियों को तलब किया जाएगा

मिनाक्षी लोढी         
कोलकाता। बता दें कि सुजय दास सोनारपुर में एक बीजेपी नेता की हत्या के मामले में जांच अधिकारी हैं। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस बार हर मामले की जांच कर रहे राज्य अधिकारियों को चरणबद्ध तरीके से तलब किया जाएगा। राज्य के जांच अधिकारियों से चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों पर कई अहम जानकारियां हासिल की जा सकती है। सीबीआई किसको गिरफ्तार किया गया, किसे गिरफ्तार नहीं किया गया। उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। राज्य के जांच अधिकारियों से राज्य पुलिस के हाथ में क्या सबूत आए, इसका ब्योरा जानना चाहती है।
बता दें कि सीबीआई टीम सबसे पहले हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के घर जाकर उसके भाई से मिली थीं और बाद में उन्हें अपने साथ बयान दर्ज करवाने के लिए निजाम पैलेस ले गई थी। अभिजीत सरकार की इसी साल बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद 2 मई को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। अभिजीत सरकार के बड़े भाई विश्वजीत सरकार ने सीबीआई कार्यालय पहुंच कर कई सबूत सीबीआई अधिकारियों को दिए थे। परिवार का आरोप था कि कोलकाता पुलिस उनकी एफआईआर तक नहीं दर्ज कर रही थी। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अभिजीत के शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया गया था। बाद में कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर ही डीएनए टेस्ट भी कराया गया था। प्रदेश के अधिकारियों की मदद के लिए दिल्ली से टीमें भेजी गई हैं और मुख्यालय के कई अधिकारी कोलकाता में मौजूद हैं और विधानसभा चुनाव के बाद जिस जिले में भी हिंसा की खबर है वहां सीबीआई की टीम गई है और अभी तक उसने कुल 34 एफआईआर दर्ज किए हैं। इसमें हत्या के मामले हैं और हत्या का प्रयास व बलात्कार के मामले भी हैं। इससे पहले हाल के दिनों में सीबीआई की ऐसी सक्रियता और इतने बड़े पैमाने का अभियान देखने को नहीं मिला था।

सोमवार, 30 अगस्त 2021

तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए विधायक तन्मय घोष

मिनाक्षी लोढी       

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बिष्णुपुर के विधायक तन्मय घोष सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त है। पत्रकारों से बात करते हुए घोष ने दावा किया कि भाजपा पश्चिम बंगाल के लोगों के बीच अराजकता फैलाने का प्रयास कर रही है। जिसके कारण वह टीएमसी में शामिल हो गए।

उन्होंने कहा, ”मैं सभी से पश्चिम बंगाल के कल्याण के लिए टीएमसी में शामिल होने का आग्रह करता हूं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हाथों को मजबूत करने की जरूरत है।” घोष ने आरोप लगाया कि भाजपा प्रतिशोध की राजनीति कर रही है और राज्य में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है। घोष पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मार्च में टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। इससे पहले, घोष टीएमसी की युवा इकाई के बांकुड़ा जिले के बिष्णुपुर शहर के अध्यक्ष और स्थानीय नगर निकाय के पार्षद भी थे।

रविवार, 29 अगस्त 2021

हिंसा के केस में ब्यूरो ने 2 आरोपियों को अरेस्ट किया

कोलकता। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुए बड़े पैमाने पर हिंसा के केस में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस केस में सीबीआई ने अब तक 21 केस दर्ज किए हैं। 15 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी भी की गई। सीबीआई को कलकत्ता हाई कोर्ट ने जांच करने के आदेश दिए हैं। बंगाल में इस साल मई में चुनाव के नतीजे आने के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद कई महिलाओं ने रेप और हत्या के आरोप लगाए थे। सीबीआई ने नादिया जिले में भाजपा समर्थक धर्म मंडल पर हुए कथित हमले के सिलसिले में सीबीआई ने शनिवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के मुताबिक दो आरोपी- बिजॉय घोष और असीम घोष-को जांच एजेंसी ने गिरफ्तारी से पहले कुछ समय के लिए हिरासत में लिया था।


शनिवार, 28 अगस्त 2021

विश्वविद्यालय के प्राध्यापक के खिलाफ मामला दर्ज

कोलकाता। सोशल मीडिया पर कथित तौर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जान से मारने की धमकी देने के लिए कलकत्ता विश्वविद्यालय के एक प्राध्यापक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि यह मामला पीएचडी शोधार्थी तमाल दत्ता द्वारा की गई शिकायत के आधार पर हरे स्ट्रीट पुलिस थाने ने जंतु विज्ञान विभाग के प्राध्यापक अरिंदम भट्टाचार्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि भट्टाचार्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 505 (1बी) (जनता को डराने या चिंतित करने की मंशा), 506 (जान से मारने या गंभीर चोट पहुंचाने की धमकी) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि प्राध्यापक को फिलहाल हिरासत में नहीं लिया जा सका है। भट्टाचार्य से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि मैंने मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी तरह की टिप्पणी नहीं की। शिकायतकर्ता तृणमूल कांग्रेस का समर्थक है। मैं पुलिस के कदम उठाने की प्रतीक्षा कर रहा हूं और उसके बाद ही इस पर कानूनी सलाह लूंगा।
तृणमूल कांग्रेस समर्थित पश्चिम बंगाल कॉलेज एवं विश्वविद्यालय प्राध्यापक संगठन ने भट्टाचार्य की सोशल मीडिया पोस्टों की निंदा की है। अप्रैल 2012 में, यादवपुर विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र के प्राध्यापक अंबिकेश महापात्रा को मुख्यमंत्री का मजाक उड़ाते हुए एक कार्टून कथित रूप से लोगों को भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।


गुरुवार, 26 अगस्त 2021

जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर 3 को गिरफ्तार किया

मालदा। पश्चिम बंगाल पुलिस के एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन से तीन लोगों को गिरफ्तार किया और उनके पास से 19 करोड़ रुपए मूल्य की हेरोइन जब्त की।
एसटीएफ द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि एसटीएफ और जीआरपी ने बुधवार को डिब्रूगढ़-नयी दिल्ली स्पेशल राजधानी ट्रेन के एक डिब्बे में छापा मारकर मणिपुर निवासी तीन लोगों को गिरफ्तार किया और उनके पास से 3.8 किलोग्राम हेरोइन जब्त की।
उन्होंने बताया कि जब्त की गई हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 19 करोड़ रुपये है और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। विज्ञप्ति में बताया गया कि इस बीच, एक अन्य अभियान में एसटीएफ ने हथियारों का व्यापार करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया और उनके पास से 50 कारतूस और 49,000 रुपये नकद जब्त किए गए।

गुरुवार, 19 अगस्त 2021

चाय पर आमंत्रण के बाद से सियासी अटकलें तेज

मिनाक्षी लोढी      

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को राज्य सचिवालय में चाय पर आमंत्रण के बाद से सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। इस आमंत्रण के बाद राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ममता बनर्जी बंगाल में भाजपा को बांटने की कोशिश में लग गई हैं।  बता दें कि इससे पहले भाजपा के बड़े नेता मुकुल रॉय की टीएमसी में घर वापसी हुई था।

दरअसल, राजभवन में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित चाय पार्टी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ भाजपा नेता दिलीप घोष, तथागत रॉय और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार इसी दौरान मुख्यमंत्री ने दिलीप घोष को राज्य सचिवालय में चाय पर आमंत्रण दिया। इतना ही नहीं ममता ने उन्हें काली पूजा में आने का भी न्यौता दिया। वहीं दिलीप घोष द्वारा आमंत्रण स्वीकार करने के बाद से बंगाल भाजपा में भी इस बात की खूब चर्चा हो रही है।

बता दें कि वर्ष 2019 के बाद से बंगाल में भाजपा को मिली सफलता से ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। यहां तक कि विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल के कई नेता भाजपा में शामिल हो गए थे जिसके बाद से ही ममता बनर्जी को लगने लगा कि भाजपा बंगाल में उन्हें चुनौती दे रही है। हालांकि विधानसभा चुनाव में मिली जीत से उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिली लेकिन अभी भी वह भाजपा को हल्के में लेना नहीं चाहती हैं। इसलिए अब उनकी नजर बंगाल भाजपा के बड़े नेताओं पर है।

बताया जा रहा है कि दिलीप घोष के समर्थक उन्हें बंगाल में भाजपा को फिर से जीवंत करने का श्रेय देते हैं और अधिकारी को विपक्ष का नेता नियुक्त किए जाने से नाराज हैं।  सूत्रों का कहना है कि इस बात से दिलीप घोष भी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2014 में ममता बनर्जी ने वाममोर्चा के चेयरमैन बिमान बोस समेत वामो के कुछ नेताओं को राज्य सचिवालय में चाय पर बुलाया था। जहां वाम दल को नेताओं ने ममता के साथ बैठ कर चाय और फिश फ्राई का लुफ्त उठाया था।

चुनाव के बाद हुए हिंसा की जांच करेगी सीबीआई

मिनाक्षी लोढी        
कोलकाता। बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुए हिंसा की जांच सीबीआई करेगी। कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच जजों की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। इसके अलावा अन्य मामलों की कोर्ट की निगरानी में एसआइटी जांच करेगी। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को पीडि़तों को मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति इंद्रप्रसन्न मुखर्जी, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार की बड़ी पीठ ने फैसला सुनाया।
फैसले में कहा गया है कि चुनाव बाद हिंसा की जांच सीबीआइ करेगी। अस्वाभाविक मृत्यु, हत्या और दुष्कर्म सहित अन्य अधिक महत्व के अपराध के मामलों की जांच सीबीआइ करेगी, जबकि अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय सिट का गठन किया गया है। जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को देगी। इसकी निगरानी सुप्रीम कोर्ट के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस संबंध में कई याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। उच्च न्यायालय ने 18 जून को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को मामले में आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। आयोग ने 13 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में राज्य सरकार, पुलिस और प्रशासन की तीखी आलोचना की गई है। इसके जवाब में सरकार ने रिपोर्ट को झूठा और पक्षपाती बताते हुए खारिज कर दिया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा गठित समिति ने मतदान के नतीजों के बाद राजनीतिक हिंसा के कई मामलों की जांच सीबीआइ को सौंपे जाने की सिफारिश की थी।
मालूम हो कि आयोग ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव के बाद की हिंसा के आरोपों की सत्यता की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया था। दो मई को विधानसभा परिणामों की घोषणा के बाद, पश्चिम बंगाल के कई शहरों में चुनाव के बाद हिंसा की घटनाएं हुईं थी।

गुरुवार, 12 अगस्त 2021

ट्विटर अकाउंट पर ब्लॉक करने की निंदा की: कांग्रेस

मिनाक्षी लोढी                      
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कांग्रेस का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट कथित तौर पर ब्लॉक करने की बृहस्पतिवार को निंदा करते हुए सवाल किया कि क्या इसका संबंध भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजनीति और नीतियों का विरोध करने से है। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि उसके और उसके कई नेताओं के ट्विटर अकाउंट को इस माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने लॉक कर दिया है।
टीएमसी के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्वीट किया, ”ट्विटर और ट्विटर इंडिया, क्या चल रहा है? हम कांग्रेस और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अकाउंट को ब्लॉक करने की कड़ी निंदा करते हैं।” टीएमसी की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव कुणाल घोष ने कहा कि यह खतरनाक प्रवृत्ति है।
उन्होंने कहा, ”इसका मतलब है कि अब से भाजपा सोशल मीडिया मंचों को भी नियंत्रित करेगी। वे यह भी तय करेंगे कि कौन ट्वीट कर सकता है और कौन नहीं। यह देखना होगा कि क्या कांग्रेस के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक करने का संबंध भाजपा की राजनीति और उसकी नीतियों के उसके विरोध से है।”
कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रोहन गुप्ता ने कहा कि पार्टी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट और उसके शीर्ष नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के करीब 5,000 अकाउंट इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने ब्लॉक कर दिए हैं। कांग्रेस का कहना है कि उसके संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, महासचिव अजय माकन, जितेंद्र सिंह, सांसद मणिकम टैगोर, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव और कई अन्य नेताओं के ट्विटर अकाउंट लॉक किये गए हैं।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही दिल्ली में कथित दुष्कर्म एवं हत्या की पीड़िता नौ वर्षीय बच्ची के माता-पिता से मुलाकात की तस्वीर साझा करने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट लॉक किया गया था।

सोमवार, 9 अगस्त 2021

त्रिपुरा में भतीजे अभिषेक के काफिले पर हमला

मिनाक्षी लोढी                                      
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि त्रिपुरा में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हुआ हमला। गृह मंत्री अमित शाह के सक्रिय समर्थन के बिना नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जहां भी भाजपा की सत्ता है। वहां पर अराजकता का शासन है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के काफिले पर त्रिपुरा में हमला हुआ था, इस हमले के पीछे ममता ने गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया है। त्रिपुरा में हुई वारदात में घायल टीमएसी कार्यकर्ताओं से कोलकाता में मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि जहां भी भारतीय जनता पार्टी को सत्ता मिली है, वहां अराजकता का शासन है। इस दौरान उन्होंन कहा कि हम अभिषेक बनर्जी और दल के कार्यकर्ताओं पर त्रिपुरा में हुए हमले को लेकर निंदा करते हैं। ममता ने कहा कि इस हमले के दौरान जया एवं सुदीप घायल हुए, वह दोनों छात्र हैं। उनके सिर पर भी चोटें आई हैं। उन्होंने कहा कि यह हमला तब हुआ जब वहां पुलिस बल मौजूद था। वहां मौजूदा पुलिस ने भी उनके चोट आने के पश्चात उनकी चिकित्सा कराने के बजाय उन्हें ही हिरासत में ले लिया। ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं इन हिंसक घटनाओं के पश्चात पीछे नहीं हटूंगी। उन्होंने कहा कि जहां भी भाजपा का शासन है वहां पर टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर हमला किया जा रहा है। 
हमले होने के पश्चात पुलिस ने कोई रिएक्शन न लेकर टीएमसी के कार्यकर्ताओं को ही अपनी गिरफ्त में ले लेती है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री में इतनी ताकत नहीं है। जो वह ऐसे हमले करा सकें। उन्होंने कहा कि यह हमले गृहमंत्री अमित शाह के सक्रिय समर्थन के बिना नहीं किये जा सकते।

बुधवार, 4 अगस्त 2021

स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में निगरानी को बढ़ाया

मिनाक्षी लोढी                            
कोलकाता। कोविड-19 रोधी टीके की दोनों खुराक लेने के बाद भी लोगों के संक्रमित होने की खबरों के बीच पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में निगरानी को बढ़ाने और ऐसे लोगों के जीनोम अनुक्रमण का निर्णय किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि विभाग ऐसे मरीजों के जीनोम अनुक्रमण की योजना बना रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उनके कोरोना वायरस ‘स्ट्रेन’ में कोई आनुवंशिक बदलाव हुआ है। 
अधिकारी के अनुसार, इस तरह के अनुक्रमण का निर्णय वैश्विक महामारी की संभावित तीसरी लहर के बारे में विशेषज्ञों की चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए किया गया। अधिकारी ने कहा, ” जीनोम अनुक्रमण परीक्षण उन लोगों पर किया जाना चाहिए, जो पूरी तरह से टीकाकरण के बाद भी संक्रमण की चपेट में आ गए।
प्राथमिक उद्देश्य यह पता लगाने का है कि क्या टीके ने वायरस के खिलाफ काम किया है या यह उत्परिवर्तित हो गया है।” उन्होंने बताया कि राज्य के उत्तरी जिलों में जिला प्रशासन ने जीनोम अनुक्रमण करने का निर्णय किया है, जहां पूर्ण टीकाकरण के बाद लोगों के संक्रमित होने के मामले सामने आए हैं।

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...