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सोमवार, 8 अगस्त 2022

सावन: प्राचीन शिव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की 

सावन: प्राचीन शिव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की 


जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा सपरिवार किया रुद्राभिषेक

भोग भंडारे का आयोजन

बिरगांव व्यास तालाब स्थित शिव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। बिरगांव व्यास तालाब स्थित प्राचीन शिव मंदिर में आज सावन के आखिरी सोमवार में विशेष पूजा-अर्चना की गई। जिसमें प्रमुख रूप ग्रामीण विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा मौजूद थे। वही, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री पंकज शर्मा सपरिवार शामिल हुए। श्री शर्मा ने परिवार के साथ भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक किया एवं क्षेत्र की जनता के लिए प्रार्थना की। आपको बता दें, कि सावन के महीने में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व रहता है। श्री पंकज शर्मा ने यह अभिषेक क्षेत्र की जनता के जीवन में खुशहाली के लिए किया एवं उनकी सुख समृद्धि की प्रार्थना की उनके साथ बिरगांव के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

वही, व्यास तालाब के किनारे भव्य भोग भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीण विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा ने मौजूद लोगों को खुद परोसकर भोजन कराया। हजारों की संख्या में भक्तजनों ने प्रसाद ग्रहण किया। पूरे बिरगांव में आज एक धार्मिक वातावरण निर्मित हो गया था। जिसमें सभी शिव भक्तों आस्था की डुबकी लगा रहे थे। चारों तरफ बोल बम और हर हर महादेव के नारे लग रहे थे। लोग भक्ति रस में डूबे हुए नजर आए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से बिरगांव ब्लॉक अध्यक्ष योगेंद्र सोलंकी, महापौर नंद लाल देवांगन, सभापति कृपाराम निषाद, आशीष दुबे, पार्षद उबारन बंजारे,रियाज खान, ओम प्रकाश साहू, रितेश सिंह, शकील अहमद, चंदन पाल ,जिया, राकेश यादव, हनी बग्गा, बैसाखु सागर, रमेश साहू, विजय टंडन, हेमंत पटेल उबारन बंजारे,बाबूलाल कुर्रे, ईश्वर बंजारे, संतोष साहू,जीत सिंह, राधे वर्मा,ओमप्रकाश साहू, दीपक साहू , जयशंकर तिवारी, रानी गोस्वामी,बसंत साहू,परमानन्द पटेल, डॉ पात्रे, सुषमा वर्मा,अंशुदेवी वर्मा, नीता विश्वकर्मा,सुरेंद्र चौधरी, चेतन वर्मा अविनाश नियाल, सेवक साहू, भगत साहू,रोशन यादव,पुखराज भार्गव, दलबीर सिंह, छबि धीवर, राजू सेन, नारायण चन्द्रवंशी, सतीश सिंह, आर बी यादव, प्रेमलाल चतुर्वेदी, राजेन्द्र साहू, उमेश डांडे, काशी साहू, जीत साहू, अरुण तिवारी,पंकज मधेशिया, आशीष साहू,आदि मौजूद थे।

बुधवार, 3 अगस्त 2022

एक ही दिन में स्वाइन फ्लू के 11 मरीज मिलें, हड़कंप 

एक ही दिन में स्वाइन फ्लू के 11 मरीज मिलें, हड़कंप 

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। देशभर में इन दिनों कोरोना के साथ ही मंकीपॉक्स की दहशत बनी हुई है। इस बीच छत्तीसगढ़ में एक ही दिन में 7 जिलों में स्वाइन फ्लू के 11 मरीजों के मिलने से हड़कंप मच गया है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। चिन्हित मरीजों की जांच के साथ इलाज भी जारी है। महामारी नियंत्रण विभाग के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि जिन सात जिलों से स्वाइन फ्लू के मरीज मिले हैं उनमें 4 लोग रायपुर के हैं। वहीं रायगढ़ में दो और धमतरी, दुर्ग, दंतेवाड़ा, राजनांदगांव और बस्तर जिले में एक-एक मरीज का पता चला है। उनका इलाज कर रहे अस्पतालों ने अभी शुरुआती जानकारी दी है। जल्दी ही एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) को इसकी रिपोर्ट कर दी जाएगी।

कुछ ही देर में आपात बैठक...

संक्रामक रोग के प्रकरण आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि शाम के वक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी, सभी जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। इसमें स्वाइन फ्लू की रोकथाम और इलाज के संबंध में जानकारी देने के साथ ही सभी प्रोटोकॉल बताए जाएंगे। सर्विलांस कार्यक्रम पर भी जोर रहेगा ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके।

जानवरों से होती है बीमारी फैलने की शुरुआत...

डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि स्वाइन फ्लू के फैलने की शुरुआत जानवरों से होती है। इसके बाद संक्रमित मरीज को काटने वाले मच्छर से यह दूसरों को फैलता है। बाद में यह कोरोना की तरह खांसने और छींकने के दौरान निकलने वाले ड्रॉपलेस से बड़े पैमाने पर फैलने लगता है।

सर्दी-जुकाम की तरह होता है लक्षण...

स्वाइन फ्लू भी सामान्य इंफ्लूएंजा यानी सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों वाला ही होता है। अंतर यह है कि सामान्य सर्दी-जुकाम अधिकतम तीन दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन स्वाइन फ्लू में यह कई दिनों तक चलता है। इससे श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल, किडनी, फेफड़े आदि की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह फ्लू घातक हो सकता है।

3 साल पहले मिले थे सर्वाधिक मरीज...

स्वाइन फ्लू H1N1 के आंकड़ों पर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ में 2019 में सर्वाधिक 169 मरीज मिले थे। वहीं 2020 में 10 और 2021 में 6 मरीजों की पहचान हुई थी। इस बार गंभीर बात ये है कि छत्तीसगढ़ में एक ही दिन 7 जिलों में एक साथ 11 मरीज स्वाइन फ्लू के मिले हैं।

लक्षण नजर आये तो नजर अंदाज न करें...

स्वाइन फ्लू एक इंफ्लुएंजा वायरस की वजह से होता है जो सुअरों में पाया जाता है। तीन दिनों से अधिक समय तक 101 डिग्री से अधिक बुखार रह रहा हो, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, नाक से पानी आ रहा हो या फिर नाक पूरी तरह बंद हो गई हो, थकान, भूख में कमी और उल्टी जैसे लक्षण स्वाइन फ्लू हो सकते हैं। अगर ऐसे लक्षण दिखें तो इसे नजर अंदाज न करें और तुरंत अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं।

4 स्थानों पर है जांच की सुविधा...

डॉ सुभाष मिश्रा ने बताया कि RTPCR टेस्ट के माध्यम से स्वाइन फ्लू के मरीजों की पहचान होती है। राज्य में राजधानी रायपुर में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और एम्स के अलावा बिलासपुर और बस्तर में इसकी जांच की सुविधा है। फ़िलहाल जिस तरह स्वाइन फ्लू के मरीज एक साथ मिले हैं, उससे आशंका व्यक्त की जा रही है कि अभी और भी मरीज मिलेंगे।

स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए कोरोना की तरह ही मास्क लगाना बेहद जरुरी है। इससे संक्रामक रोगों को काफी हद तक रोका जा सकता है। बेहतर है कि अगर आपकी मास्क लगाने की आदत छूट गई हो तो फिर से इसका इस्तेमाल शुरू कर दें और सावधानी बरतते हुए भीड़भाड़ से बचें।

बुधवार, 27 जुलाई 2022

आदिवासी दिवस की छुट्टी के औचित्य पर सवाल उठाएं

आदिवासी दिवस की छुट्टी के औचित्य पर सवाल उठाएं 

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के आखरी दिन आज पक्ष और विपक्ष द्वारा समय समय पर अलग अलग मुद्दों पर हंगामा किया जा रहा है। विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के चर्चा में आदिवासी सम्मान का मुद्दा लेकर सत्ता पक्ष ने जमकर हंगामा किया। दरअसल, भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा के दौरान आदिवासी दिवस की छुट्टी के औचित्य पर सवाल उठाएं।

उन्होंने कहा कि जहां आदिवासी दिवस मनाया जाता है, वहां आदिवासियों का अस्तिव खतरे में है। जिसके बाद सत्ता पक्ष के आदिवासी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस के आदिवासी विधायक कवासी लखमा और अमरजीत भगत ने विधानसभा में जमकर नारेबाजी की और विधायक चंद्राकर को माफ़ी मांगने को कहा।

शुक्रवार, 22 जुलाई 2022

राइस मिलर्स की बैठक, चावल जमा करने पर जोर

राइस मिलर्स की बैठक, चावल जमा करने पर जोर

नीरजधर दीवान   

बिलासपुर। कलेक्टर सौरभ कुमार ने राइस मिलर्स की बैठक लेकर एफ.सी.आई. में चावल जमा करने की गति बढ़ाने को कहा है। अंतिम तिथि को ध्यान में रखते हुए चावल जमा करने की वर्तमान गति को नाकाफी बताया है। उन्होंने कहा कि मिलर्स की जो वाजिब दिक्कतें हैं, प्रशासन उन्हें दूर करेगी। बैठक में उन्होंने राइस मिलरों को लक्ष्य के अनुरूप चावल जमा करने में तेजी लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बताया कि चावल जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर निर्धारित की गई है। फिलहाल 39 हजार 809 मीटरिक टन चावल एफ.सी.आई. को दिया जाना बचा हुआ है।

गौरतलब है कि राइस मिलर्स द्वारा उठाव किए गए धान का कस्टम मिलिंग के पश्चात भारतीय खाद्य निगम में चावल को जमा किया जाना था। राइस मिलर्स द्वारा अत्यंत धीमी गति से एफ.सी.आई. में चावल जमा किया जा रहा है। जिसके कारण 30 सितंबर 2022 तक निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में समस्या आ सकती है। राइस मिलरों को 2 लाख 54 हजार मीटरिक टन चावल भारतीय खाद्य निगम में जमा किया जाना था जिसमें से 1 लाख 65 हजार 619 मीटरिक टन चावल एफ.सी.आई. में जमा किया जा चुका है। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने सभी राइस मिलर्स को निर्धारित समय-सीमा के भीतर लक्ष्य के अनुरूप शेष चावल एफ.सी.आई. में जमा करने के लिए निर्देशित किया। बैठक में अपर कलेक्टर श्री राम अघारी कुरूवंशी, खाद्य नियंत्रक राजेश शर्मा, जिला विपणन अधिकारी उपेन्द्र कुमार, एफ.सी.आई. के मण्डल प्रबंधक चरण सहित खाद्य विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

रविवार, 17 जुलाई 2022

समिति द्वारा भाई-बहनों को श्रवण यंत्र का वितरण

समिति द्वारा भाई-बहनों को श्रवण यंत्र का वितरण

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव समिति द्वारा जैन सेवा जन सेवा के अंतर्गत जैन साध्वी स्नेहयशा श्री की निश्रा में गूंगे बहरे भाई-बहनों को श्रवण यंत्र का वितरण किया गया। इस अवसर पर साधर्मिक बुजुर्गों को भी श्रवण यन्त्र प्रदान किये गए। जैन साध्वी स्नेहयशा श्री ने इस अवसर पर कहा कि धर्म का सेवा से सरोकार होना ही चाहिए। चातुर्मास जैन धर्म की सूक्ष्म अहिंसा के साथ जीवन जीने की कला है। अहिंसा हमारे जीवन में दया करुणा सेवा के भाव पैदा करती है। इसलिए चातुर्मास काल में मानव सेवा , मूक पशु पक्षियों की सेवा , अभयदान के प्रकल्प अवश्य किये जाने चाहिए। उपदेशों के साथ उनका आचरण में दृष्टिगोचर होना बहुत जरूरी है। भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव समिति के अध्यक्ष महेन्द्र कोचर व सलाहकार विजय चोपड़ा ने बताया कि जैन व जन सेवा प्रकल्प के तहत 500 श्रवण यंत्र का वितरण जारी है। अभीतक 117 भाई बहनों को सहायता उपलब्ध कराई गई है, जिसमें साधर्मिक भाई व अन्य लाभार्थी शामिल हैं। 
अध्यक्ष महेन्द्र कोचर व महासचिव मनोज कोठारी ने बताया कि रायपुर में अनेक गुरुभगवंतों के चातुर्मास हो रहे हैं। सभी धर्मस्थलों में जरूरतमंद गूंगे बहरों का चयन कर श्रवण यंत्र का वितरण समय-समय पर किया जाएगा। महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि साध्वी श्री स्नेहयशा श्री की निश्रा में 8 साधर्मिक भाइयों व 11 लाभार्थीयों को जन सेवा की भावना से कान की मशीन प्रदान की गई। आध्यात्मिक चातुर्मास समिति के अध्यक्ष विवेक डागा व सचिव प्रकाश कोठारी ने बताया कि साध्वी श्री स्नेहयशा श्री की निश्रा में बच्चों के जीवन निर्माण हेतु संस्कारों का शंखनाद कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। साथ ही मानव सेवा व मूक पशु पक्षियों की सेवा की प्रेरणा व उसे कार्यरूप में परिणित कर दिखाया जा रहा है। मानव सेवा प्रकल्प के संचालन में महेन्द्र कोचर, विजय चोपड़ा,चन्द्रेश शाह,मनोज कोठारी,गुलाब दस्सानी,कमल भन्साली, महावीर कोचर,अरुण कोठारी, महावीर मालू , हरीश डागा आदि की सक्रिय सहभागिता रही है।

गुरुवार, 14 जुलाई 2022

1 जून से अब तक 363.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज

1 जून से अब तक 363.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज 

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब तक 363.4 मि.मी. औसत वर्षा राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक, एक जून 2022 से अब तक राज्य में 363.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 14 जुलाई तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 933.2 मिमी और बलरामपुर जिले में सबसे कम 120.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में पिछले दस वर्षों के आधार पर अब तक वर्षा का औसत 335.7 मि.मी. है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 144.2 मिमी, सूरजपुर में 195.5 मिमी, जशपुर में 142.7 मिमी, कोरिया में 214.6 मिमी, रायपुर में 247.9 मिमी, बलौदाबाजार में 375.4 मिमी, गरियाबंद में 426.5 मिमी, महासमुंद में 336.5 मिमी, धमतरी में 431.4 मिमी, बिलासपुर में 372.3 मिमी, मुंगेली में 431.8 मिमी, रायगढ़ में 291.9 मिमी, जांजगीर-चांपा में 439.2 मिमी, कोरबा में 243.2 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 384.0 मिमी, दुर्ग में 370.1 मिमी, कबीरधाम में 311.0 मिमी, राजनांदगांव में 407.7 मिमी, बालोद में 495.1 मिमी, बेमेतरा में 277.7 मिमी, बस्तर में 474.1 मिमी, कोण्डागांव में 449.3 मिमी, कांकेर में 512.0 मिमी, नारायणपुर में 386.6 मिमी, दंतेवाड़ा में 395.6 मिमी और सुकमा में 364.6 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।

सोमवार, 11 जुलाई 2022

कोरिया में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए

कोरिया में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए 

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोरिया में सोमवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर इसकी क्षमता 4.3 थी। भूकंप का केंद्र बैकुंठपुर से पश्चिम-उत्तर दिशा में 16 किमी दूर और जमीन से 10 किमी अंदर बताया जा रहा है। महज दो सेकेंड के लिए झटका महसूस हुआ। शुरुआत में लोग समझ ही नहीं पाए। हालांकि भूकंप से किसी भी तरह के नुकसान की खबर अभी नहीं है। चार माह पहले भी अंबिकापुर में झटके महसूस किए गए थे।
जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब 8.10 बजे अंबिकापुर संभाग में बैकुंठपुर के छिंदडांड और सोनहत के कटगोरी इलाके में झटके महसूस किए गए। लोगों को लगा कि माइंस में ब्लास्ट के चलते झटका लगा है। हालांकि इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा। कुछ लोग जरूर घबरा कर घरों से बाहर निकल आए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, हल्के से उच्च तीव्रता श्रेणी का भूकंप था। इस श्रेणी के भूकंप से आंशिक क्षति का अंदेशा रहता है।

16 मार्च को भी अंबिकापुर संभाग में लगे थे झटके...

इससे पहले 16 मार्च को भी अंबिकापुर संभाग में भूकंप के झटके महसूस किये गए थे। तब रिक्टर पैमाने पर 3.1 तीव्रता के भूकंप मापा गया था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, अंबिकापुर से 138 किमी दूर दोपहर लगभग 3.9 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गए। भूकंप का केंद्र 15 किलोमीटर की गहराई में था।

रविवार, 10 जुलाई 2022

राहुल के परिजन और ग्रामीणों ने सीएम से मुलाकात की

राहुल के परिजन और ग्रामीणों ने सीएम से मुलाकात की

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पिहरिद के बोरवेल में लगभग 65 फीट नीचे गिरे राहुल को सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन कर निकालने और उसके इलाज के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए गए प्रयासों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए रविवार को राहुल के परिजन और जांजगीर-चांपा के सैकड़ो ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बड़ी घोषणा करते हुए राहुल के स्पीच थैरेपी और उसकी शिक्षा की सम्पूर्ण जिम्मेदारी उठाने की बात कही है। साथ ही राहुल के परिवार की आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 5 लाख रूपए की आर्थिक मदद करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने राहुल के परिजन को रोजगार देने के भी निर्देश दिए।
गौरतलब है कि 105 घंटे के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहुल को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया था। इसके बाद ग्रीन कारीडोर बनाकार राहुल को उपचार हेतु बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था।
मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए राहुल की मां गीता देवी ने कहा कि आपने अपना बेटा समझ कर राहुल की जान बचाई है। इसके लिए मैं और मेरा परिवार जीवन भर आपका आभारी रहेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राहुल के बारे में सूचना मिलते ही अधिकारियों को  निर्देश दे दिए थे कि बचाव कार्य में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने राहुल की दादी को भरोसा दिलाया था कि उसका नाती सुरक्षित बाहर आएगा। श्री बघेल ने कहा कि जब भी हम सामूहिक प्रयास करते है तो उसमें सफलता जरूर मिलती है और राहुल को बचाने के लिए तो हर एक ने धैर्यपूर्वक और दिन-रात  मेहनत की। बघेल ने कहा कि 105 घंटे तक पत्थर, चट्टान को काटकर राहुल को बाहर निकालने का कार्य कठिन था लेकिन राहुल को बचाने में लोगों की दुआ और ईश्वर की कृपा भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बोरवेल से निकालने के बाद अस्पताल में इलाज कराना दूसरी चुनौती थी और इसके लिए उन्होेंने एयर एम्बुलेंस के साथ ही देश के कुशल डॉक्टरों को भी तैयार रखा था। बघेल ने कहा कि राहुल जिंदगी की जंग पहले बोरवेल में लड़ा और फिर अस्पताल में।
इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय परिसर में राहुल के परिजन ने मुख्यमंत्री का सम्मान किया। साथ ही जांजगीर-चांपा से आए ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने भी राहुल के मामले में मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की प्रशंसा करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।

बुधवार, 6 जुलाई 2022

संयुक्त तत्वाधान में 'विशाल स्वास्थ्य शिविर' का आयोजन

संयुक्त तत्वाधान में 'विशाल स्वास्थ्य शिविर' का आयोजन 

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी आपदा प्रबंधन एवं सहायता और शंकर नगर मंडल के संयुक्त तत्वाधान में 'विशाल स्वास्थ्य शिविर' का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और महामंत्री संघठन पवन साय ने किया। सुबह 10 बजे से स्वास्थ्य शिविर में भीड़ उमड़ने लगी। शिविर में आंखों की निःशुल्क जांच उपरांत उन्हें निःशुल्क चश्मे का वितरण किया गया। शिविर के समापन तक 536 लोगो को मुफ्त चश्मा प्रदान किया गया। साथ ही आंखों की जांच उपरांत जिनकी आखों में मोतियाबिंद की रिपोर्ट आई उनका रजिस्ट्रेशन कर उनका मुफ्त में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाएगा। 
स्वास्थ्य शिविर में चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. कर्तव्य कावड़िया और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पारुल जैन ने भी अपनी सेवाएं दी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव ने शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा, कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन त्याग तपस्या का था। देश की एकता अखंडता के लिए उन्होंने अपना बलिदान दिया। भाजपा के कार्यकर्ता आज उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र ही नही, बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी अपनी भूमिका अदा कर रहे है। जिसका प्रत्यक्ष उदहारण यह जांच शिविर है। स्वास्थ्य शिविर में भारतीय जनता पार्टी जिले के अध्यक्ष श्रीचन्द सुंदरानी, भाजपा आपदा प्रबंधन एवं सहायता के प्रदेश संयोजक लोकेश कावड़िया, जयंती पटेल, प्रफुल, विश्वकर्मा, अमरजीत सिंह, किशोर महानन्द, अंजय शुक्ला, शंकर, नगर मंडल अध्यक्ष अनूप खेलकर, मिली बनर्जी सहित वरिष्ठ पदाधिकारी गण और स्वास्थ्य विभाग की डॉक्टरों की टीम उपस्थित थी।

कैबिनेट की बैठक आज, ट्रांसफर पर बैन हटाने की मांग

कैबिनेट की बैठक आज, ट्रांसफर पर बैन हटाने की मांग 

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कैबिनेट की बैठक कल होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि बैठक में कर्मचारियों के ट्रांसफर पर बैन हटाने को लेकर फैसला हो सकता है। गौरतलब है कि राज्य में सरकारी विभागों में ट्रांसफर पिछले दो साल से नहीं हो पाया है। इसलिए कर्मचारी ट्रांसफर पर बैन हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा मानसून सत्र की तैयारी और अनुपूरक बजट को लेकर कल की बैठक में चर्चा हो सकती है। अल्प बारिश से खेती प्रभावित हो रही है, लिहाजा कल इस पर भी सरकार कोई बड़ा बड़ा फैसला सकती है।विधानसभा के मानसून सत्र से पहले कैबिनेट की बैठक में मुख्य रूप से अनुपूरक बजट, संशोधन विधेयक आदि पर चर्चा हो सकती है। खेती किसानी के सीजन में खाद बीज की उपलब्धता पर बात होगी।
छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारी महंगाई भत्ते को लेकर आंदोलित हैं। इस महीने हफ्तेभर हड़ताल करने की तैयारी है। संभव है कि सरकार कर्मचारियों के हित में महंगाई भत्ते का फैसला कर सकती है। इसी तरह कर्मचारियों को संतुष्ट करने के लिए ट्रांसफर पर बैन भी हटा सकती है। चर्चा है कि मंत्री विधायक और कार्यकर्ताओं का भी ट्रांसफर से बैन हटाने को लेकर दबाव है।

रविवार, 26 जून 2022

भूमि अधिकार आंदोलन सम्मेलन, 28 को पेस्टोरल सेंटर

भूमि अधिकार आंदोलन का सम्मेलन 28 को पेस्टोरल सेंटर, रायपुर में ; हन्नान मोल्ला, मेधा पाटकर, सुनीलम होंगे शामिल

दुष्यंत टीकम
रायपुर। छत्तीसगढ़ में जल, जंगल, जमीन, खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की कॉरपोरेट लूट तथा इसके खिलाफ लड़ रहे संगठनों और कार्यकर्ताओं पर दमन के खिलाफ भूमि अधिकार आंदोलन का राज्य स्तरीय सम्मेलन 28 जून को पेस्टोरल सेंटर, बैरन बाजार, रायपुर में आयोजित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ में भूमि से विस्थापन, पुनर्वास, पर्यावरण संरक्षण, आदिवासियों, दलितों व कमजोर तबकों के अधिकार और आजीविका जैसे मुद्दों पर काम कर रहे अनेक संगठनों और उनके प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। इन आंदोलनों से जुड़े हन्नान मोल्ला, मेधा पाटकर, सुनीलम, बादल सरोज, प्रफुल्ल समंत्रा जैसे राष्ट्रीय नेता भी इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

यह जानकारी एक विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ल और छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने दी। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण कानून में मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित कॉरपोरेटपरस्त और किसान विरोधी संशोधनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान भूमि अधिकार आंदोलन का जन्म हुआ था, जिसने पूरे देश में चल रहे भूमि संघर्षों को संगठित और एकजुट करके मोदी सरकार के किसान विरोधी कदमों को मात दी थी। प्रदेश में भूमि संघर्षों को विकसित करने और प्राकृतिक और सामुदायिक संसाधनों की लूट के खिलाफ छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन से जुड़े संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस समय छत्तीसगढ़ में हसदेव, सिलगेर, रावघाट, बेचाघाट, कोरबा, चांपा, रायगढ़, जशपुर व नया रायपुर में किसानों और आदिवासियों के महत्वपूर्ण संघर्ष चल रहे हैं। ये सभी संघर्ष भूमि की रक्षा, विस्थापन, पुनर्वास सुविधा, रोजगार व ग्रामीण समुदायों की आजीविका जैसे मुद्दों पर चल रहे है। भूमि अधिकार आंदोलन के सम्मेलन में इन संघर्षों में शामिल कार्यकर्ता अपने अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगे और इन संघर्षों को समन्वित तरीके से चलाने की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे, ताकि इन मुद्दों पर साझा आंदोलन विकसित किया जा सके और उसे मजबूत बनाया जा सके। सम्मेलन में शामिल होने वाले भूमि अधिकार आन्दोलन से जुड़े राष्ट्रीय नेता भी इसके लिए आवश्यक मार्गदर्शन करेंगे।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों पर चल रहे संघर्षों के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए इन आंदोलनों पर राज्य प्रायोजित दमन के खिलाफ भी आवाज बुलंद की जाएगी। ये दमन स्थानीय समुदायों को डराने-धमकाने, संविधान में निहित स्वशासन की अवधारणा को कुचलने तथा कॉरपोरेट लूट को सुगम बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है, जिसके खिलाफ प्रदेश की सभी जनतांत्रिक ताकतों को लामबंद किया जाएगा। प्रदेश की काँग्रेस सरकार ने लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शनों पर जो गैर-कानूनी प्रतिबंध लगाए हैं, उसके खिलाफ भी आवाज़ बुलंद की जाएगी।

मंगलवार, 21 जून 2022

लापरवाही: बिजली के तार टूटने से 5 मवेशियों की मौंत

लापरवाही: बिजली के तार टूटने से 5 मवेशियों की मौंत 

दुष्यंत टीकम
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के धुरसा गाँव मे मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। मिली जानकारी के मुताबिक तालाब के करीब ट्यूबवेल के लिए गए बिजली के तार टूटने से चारा चरने गए मवेशी करेंट की चपेट में आ गए। जिसके चलते मौके पर ही 5 मवेशियों की मौंत हो गई। इस पूरे मामले में विद्युत विभाग की लापरवाही सामने आई है।
ट्यूबवेल के लिए गए तार के टूटने के चलते ये बड़ा हादसा हुआ है। जिसके चलते 5 बेजुबान जानवरों की मौंत हो गई। बता दें, कि ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों खेती किसानी का कार्य भी प्रारंभ है।
ऐसे में ग्रामीण भी खेतों की ओर जाते है। विद्युत विभाग की इस लापरवाही का नतीजा और भी भयावह हो सकता था। वक़्त रहते अगर विभाग टूटे हुए बिजली के तार हटा लेता, तो ये हादसा नही होता।

गुरुवार, 2 जून 2022

महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर, चर्चा की

महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर, चर्चा की 

दुष्यंत टीकम  
कोरबा। वीरों की भूमि राजस्थान में 482 वर्ष पहले जन्मे वीर योद्धा और पराक्रमी राजा महाराणा प्रताप, उनकी जयंती के अवसर पर कोरबा में याद किया गया। राजपूत क्षत्रिय समाज के द्वारा महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ देश के लिए किए गए कार्यों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर यहां काफी संख्या में नागरिकों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
अपने अद्भुत शौर्य और पराक्रम से दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले परम प्रतापी महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा सैकड़ों वर्षो के बाद भी हर तरफ सुनी जा रही है।
भारत भूमि में हर तरफ उनके रण कौशल की चर्चा जारी है। कोरबा में महाराणा प्रताप के 482 वे जन्मदिवस पर राजपूत क्षत्रिय समाज सहित अन्य वर्ग के लोगों ने अपने सरोकार दिखाएं और उनका जय जयकार किया। बताया गया कि महाराणा प्रताप अपने अपने समय में जो योगदान दिया, वह चिरस्थायी है। महापुरुषों का स्मरण वर्ष के 2 दिन ही करने की परंपरा विभिन्न क्षेत्रों में बनी हुई है। जरूरत इस बात की है कि महापुरुषों के बताए हुए रास्ते पर चलने के साथ उनसे कुछ सीखने का काम भी किया जाए।

सोमवार, 30 मई 2022

जोगी की प्रतिमा स्थापित, स्थान आवंटित करने की मांग

जोगी की प्रतिमा स्थापित, स्थान आवंटित करने की मांग 

दुष्यंत टीकम  
जगदलपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने 29 मई को छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री माननीय अजीत जोगी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में 30 मई को उनकी स्मृत्ति अजीत जोगी का स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी जनसेवा को याद किया।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के बस्तर जिला, अध्यक्ष व बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद के नेतृत्व, शहर, एवं जिला ब्लाक के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री माननीय अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए स्थान आवंटित करने की मांग, सरकार से की।  
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के जिला अध्यक्ष व मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद ने  कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री माननीय अजीत जोगी एक युग पुरुष थे। छत्तीसगढ़ की माटी में एक गरीब आदिवासी के यहाँ जन्मे श्री जोगी ने गरीबी, लाचारी और असहाय से भरे विषम काल में पल-बढ़ कर, परिस्थितियों से लड़ कर, एक दक्ष गोल्ड मेडलिस्ट इंजीनियर, प्रोफेसर, आईपीएस एवं आईएएस बने और छत्तीसगढ़ राज्य बनने के उपरान्त प्रथम मुख्यमंत्री बनकर उन्होंने छत्तीसगढ़ की अस्मिता का मान बढ़ाया और सदैव किसानों व गरीबों का मसीहा बने रहें, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, असहाय और पिछड़ों के उत्थान और सेवा के लिए कार्य किया एवं संपूर्ण जीवन न्यौछावर किया।
नवनीत चांद ने कहा कि युगपुरुष माननीय अजीत जोगी जी छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे पुत्र थे।छत्तीसगढ़ के लोगों को जोगी से अपार स्नेह था और आम लोगों ने उन्हें कभी भी नेता नहीं, बल्कि घर के एक सदस्य के रूप में मान दिया। छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता की जनभावनाओं का सम्मान करते हुए, छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री माननीय अजीत जोगी की प्रतीमा के लिए सरकार  सार्वजनिक स्थान पर जमीन आवंटित करें‌। ताकि उनकी प्रतीमा के स्वरुप से उनके आदर्श लोगों के हृदय में अविस्मरणीय बने रहें। माननीय अजीत जोगी जी की जीवनी, उनका परिश्रम और जनसेवा भाव उनकी प्रतीमा के प्रतीक के रूप में आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बने। उक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष नवनीत चांदमुक्ति मोर्चा जिला अध्यक्ष भरत कश्यप जिला उपाध्यक्ष , जगदलपुर विधानसभा प्रभारी नीलाम्बर सेठिया जगदलपुर ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष अजय बघेल ,शैलेन्द्र वर्मा,धनशाय बघेल ,मोहन मौर्य, कमल गजविर, गीता भारती,पाकलू, पीतम ,दयतारी, गुरमीत कौर, पिंकी तिलक, गीता नाग, कृष्णा, हीरालाल धर्मेंद्र, कुंदन ,बौद्धनाथ आदि सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़: टमाटर के भाव में इजाफा देखने को मिला

छत्तीसगढ़: टमाटर के भाव में इजाफा देखने को मिला 

दुष्यंत टीकम           
जशपुर। आम आदमी पर महंगाई की मार लगातार जारी है। लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही। कुछ दिन पहले जहां नींबू का भाव आसमान छू रहा था तो वहीं अब टमाटर भी अपने लाल तेवर दिखा रहा है। 5 दिन पहले टमाटर 25 से 30 रुपये किलो मिल रहा था, जो अब फुटकर में 60 से 80 रुपये प्रति किलो मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ के पत्थलगांव में पानी के मोल बिकने वाले टमाटर के भाव में इजाफा देखने को मिला है। 60 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाला टमाटर आज 80 से 100 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। इसका मुख्य कारण ये है कि प्रदेश में रेल सेवाओं की कमी होने से सब्जी व्यापारियों को परिवहन खर्च ज्यादा हो रहा है, जिसके कारण महंगे दामों पर टमाटर बेचने पड़ रहे है।
वहीं सर्वाधिक उपज लेने के लिए प्रसिद्ध पत्थलगांव सब्जी मंडी में स्थानीय किसानों के खेतों के बजाय बैंगलुरू और नागपुर से टमाटर मंगाया जा रहा है। ग्राहकों का भी कहना है कि छत्तीसगढ़ की रेल सेवाओं में कमी की वजह से उन्हें साग सब्जियों में भारी मंहगाई की मार झेलनी पड़ रही है।पत्थलगांव, लुड़ेग, बगीचा सब्जी मंडी से पहले हर दिन टमाटर दूसरे राज्यों में भेजा जाता था, लेकिन अब बाहर से टमाटर मंगाना पड़ रहा है। इसकी वजह से भी टमाटर महंगे दामों में बेचा जा रहा है। जिसका सीधा असर जनता की जेब पर पड़ा रहा है।

शुक्रवार, 27 मई 2022

राजकीय दमन के खिलाफ आंदोलन, 390 दिन पूरे

राजकीय दमन के खिलाफ आंदोलन, 390 दिन पूरे  

संजय पराते 
रायपुर/बस्तर। छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर में बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में उन पर हुए राजकीय दमन के खिलाफ चल रहे प्रतिरोध आंदोलन के एक साल, या ठीक-ठीक कहें तो 390 दिन, पूरे हो चुके हैं। बीजापुर-जगरगुंडा मार्ग पर पहले से स्थापित दर्जनों सैनिक छावनियों की श्रृंखला में पिछले साल ही 12-13 मई की मध्य रात्रि को, तर्रेम में स्थापित एक छावनी के दो किमी. बाद ही, सिलगेर में चार आदिवासी किसानों की जमीन पर कब्जा करके बना दिये गए एक और छावनी के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों के प्रतिरोध को कुचलने के लिए पुलिस और सैन्य बलों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग में एक गर्भवती महिला सहित 5 लोग शहीद हो गए थे और 300 आदिवासी घायल हो गए थे। 
तब से इस सैन्य छावनी को हटाने और उस इलाके में खनिज दोहन के लिए बन रहे लंबे-चौड़े सड़क निर्माण को रोकने, इस फायरिंग के जिम्मेदार लोगों को सजा देने और हताहतों को मुआवजा देने की मांग पर पूरा दक्षिण बस्तर आंदोलित है। वास्तव में यह नरसंहार प्राकृतिक संसाधनों की कॉर्पोरेट लूट को सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्रायोजित जनसंहार था और कांग्रेस सरकार इसकी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। एक साल बीत जाने के बाद भी आज तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, घायलों और शहीदों के परिवारों को मुआवजा मिलना तो दूर की बात है। आदिवासी एक "अंतहीन न्याय" की प्रतीक्षा कर रहे हैं। 13 मई 2021 को अचानक उगे इस अर्ध सैनिक बलों की इस छावनी ने पेसा और वनाधिकार कानून और मानवाधिकारों को कुचलने के सरकारी पराक्रम पर तीखे सवाल खड़े किए हैं।
इस जनसंहार को दबाने और आदिवासी प्रतिरोध को कुचलने की सरकार ने जितनी भी कोशिश की, यह आंदोलन तेज से तेज हो रहा है और इस बीहड़ क्षेत्र में आदिवासियों की लामबंदी बढ़ती ही जा रही है। यह आंदोलन पूरे बस्तर और छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में प्राकृतिक संसाधनों की लूट के खिलाफ प्रतिरोध के प्रतिनिधि चेहरे के रूप में विकसित हो रहा है। मूलवासी बचाओ मंच द्वारा संचालित इस आंदोलन ने देशव्यापी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए जब अपनी सभा का आयोजन किया, 26 नवंबर को दस हजार से ज्यादा आदिवासी पुरुष-महिला, नौजवान-नवयुवतियां शामिल थे, जिनकी संख्या शहीदों की बरसी पर आयोजित इस सभा में बीस हजार तक पहुंच गई थी। इन दोनों सभाओं का किसान सभा प्रतिनिधि के रूप में हम लोग गवाह हैं।
इस जनसंहार के बाद कांग्रेस पार्टी ने एक प्रतिनिधिमंडल सिलगेर भेजा, लेकिन उसकी रिपोर्ट आज तक सामने नहीं आई। भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने भी वहां का दौरा किया और चुप्पी साध ली। जन आक्रोश के दबाव में सरकार को दंडाधिकारी जांच की भी घोषणा करनी पड़ी, लेकिन एक साल बाद भी उसकी जांच का कोई अता-पता नहीं है। सिलगेर आंदोलन का संचालन कर रहे नौजवान आदिवासियों ने दो बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात की है, लेकिन थोथा आश्वासन ही मिला है, ठोस कार्यवाही कुछ नहीं हुई है। 
इस आंदोलन स्थल से सीधी रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार पूर्णचन्द्र रथ ने अपने डिस्पैच में लिखा है, कि "कैम्प हटाने का कोई प्रयास सरकार का नहीं दिखाई देता, बल्कि आंदोलन को कमजोर करने की तमाम कोशिशें की जाती रही। पास के तर्रेम थाने को पार करते ही सभी तरह के मोबाइल नेटवर्क का समापन हो जाता है और संचार के लिए सिर्फ पुलिस का वायरलेस सेट काम करता है। साल भर के इस प्रदर्शन में सर्दी, गर्मी, बरसात जैसी सारी प्राकृतिक विपदाओं के बीच आंदोलन जारी रहा। हालांकि कोरोना काल में सरकार द्वारा धारा 144 लगा कर इकट्ठा होने को अपराध घोषित किया गया, बीते साल से अब तक बाहर से आने वालों को बार-बार रोका गया, बातचीत में समाधान न होने पर भी आंदोलन खत्म होने की कहानियां फैलाई गई, पर आंदोलन उसी जोश से जारी रहा।
इसमें भागीदारी कर रहे ग्रामीणों की संख्या 17 मई 2022 को 20 हजार से ज्यादा नज़र आ रही थी और उनमें 90% 12 से 35 वर्ष के युवा थे, जिनमे युवतियों की संख्या सर्वाधिक थी। कुछ लोगों से ही हिंदी में संवाद हो पाता था, जिनके अनुसार वे 40 से 50 किमी. दूर गांवों से आये थे और बारी-बारी से आंदोलन में अपनी क्षमता अनुसार समय और धन का योगदान करते हैं। भोजन और चाय की व्यवस्था कर रहे युवाओं के बीच सुनीता से बात हुई, तो उसने कहा कि पंचायत स्तर पर घूम-घूम कर चावल और रुपयों की व्यवस्था करते है। यहां तक कि छोटी-मोटी बीमारियों, चोट, दस्त के लिए दवाइयां भी यहां आने-जाने वालों के लिए फ्री में उपलब्ध है। किसी भी लंबे चलने वाले आंदोलन के लिये जरूरी सभी व्यवस्थाएं अपने स्थानीय संसाधनों से करने की पूरी कोशिश की गई थी। 
तेज गर्मी में लोगों के बैठने के लिये ताड़ के पत्तों से ढका मात्र 6 फ़ीट ऊंचा तकरीबन 80,000 वर्ग फ़ीट का मंडप बनाया गया था। मिट्टी की लिपाई से बना मंच, जिसकी लंबाई करीब 40 फ़ीट और चौड़ाई करीब 20 फ़ीट होगी, रंग-बिरंगे कागजों के फूलों से सजाया गया था। मंच पर सोलर फोटोवोल्टिक शीट से ऊर्जा प्राप्त माईक सिस्टम और लैपटॉप, प्रिंटर की व्यवस्था थी, जिससे मूलवासी मंच की विज्ञप्ति और सूचनाएं प्रिंट करके बांटी जा रही थी। इस दूरस्थ स्थल पर कवरेज के लिए आने वाले पत्रकारों को लिखित धन्यवाद पत्र भी बांटा गया।
मूलवासी बचाओ मंच के पर्चे में आंदोलन की अब तक की घटनाओं को सिलसिलेवार ढंग से रखने की कोशिश की गई है। पूरे आयोजन में कम से कम 5 मोबाइल कैमरे निरंतर वीडियो रिकार्डिंग करते रहते हैं, कोई भी कार्यकर्ता जब बयान देता या बातचीत करता है, तो बेहद गंभीरता से एक-एक मुद्दे को बताता है, जिसे रिकार्ड करने उनका कोई साथी भी मौजूद रहता है।" किसी भी आंदोलन में जनता की उपस्थिति और उसमें लगने वाले जोशीले नारे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन लंबे समय तक चलने वाले ऐसे आंदोलनों में, जिसका कोई ओर-छोर दिखाई नहीं देता और जिसकी सफलता-असफलता की कोई निर्णायक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, पर्दे के पीछे का सांस्कृतिक हस्तक्षेप इससे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। देशव्यापी किसान आंदोलन में भी हमने यह देखा, सिलगेर आंदोलन की ताकत के पीछे भी यही सांस्कृतिक हस्तक्षेप है, जो व्यापक जन लामबंदी और जोश को संगठित करने में और इस पूरे आंदोलन को आत्मिक बल देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस आंदोलन से जुड़े और 8वीं तक पढ़े आज़ाद ने बताया कि अन्य दिनों में उपस्थिति 200-500 तक रहती है। सबसे ज्यादा पढ़ाई रघु ने की है 12वीं तक और वे इस आंदोलन के असली चेहरा है। हमने देखा कि सैन्य बलों की भारी उपस्थिति के बीच भी वे निर्भीकता से अपनी बात पत्रकारों के बीच रख रहे थे। इस दौरान आदिवासियों के शोषण और लूट के खिलाफ संघर्ष की चमक और जीत का आत्मविश्वास उनके चेहरे पर स्पष्ट देखा जा सकता था। रघु के साथी गजेंद्र ने भी केवल 12वीं तक पढ़ाई की है। 
कला संस्कृति मंच इस आंदोलन में लगातार सक्रिय है। इससे जुड़े साथी यहां के आंदोलनकारियों के साथ मिलकर गीत लिख रहे हैं। आज़ाद बताते हैं कि लिखने की इस प्रक्रिया में हिंदी गानों ने उनकी बहुत मदद की है। वे उचित शब्द की खोज में डिक्शनरी का भी सहारा लेते हैं। सभी मिलकर इन गीतों की धुनें भी बनाते हैं और किसी भी बड़े कार्यक्रम के आयोजन के हफ्ता-दस दिन पहले सब मिलकर नृत्य की रिहर्सल भी करते है। हमने देखा कि उनका सांस्कृतिक प्रदर्शन मंत्र मुग्ध करने वाला और पोलिटिकल कंटेंट लिए हुए होता है। इन गीतों में वे अपने दुश्मनों की पहचान कर रहे हैं। उनके लिए नरेंद्र मोदी, अमित शाह देशद्रोही हैं, तो भूपेश बघेल-कवासी लखमा राजद्रोही हैं। पिछले एक साल से धरना स्थल पर हर रात उनका सांस्कृतिक अभ्यास चल रहा है। 
जब हम लोग 17 मई की सुबह सिलगेर पहुंचे, हजारों आदिवासी सैन्य छावनी के सामने अपने नारों और गीतों के साथ प्रदर्शन कर रहे थे। इस छावनी के सामने ही उन्होंने अपने शहीदों की याद में स्मारक बनाया है। हरे रंग से पुते हुए इस स्मारक पर हंसिया-हथौड़ा अंकित "हरा झंडा" शान से लहरा रहा है। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने नृत्य के साथ अपने प्रतिरोधी गीत गाये। एक आदिवासी कार्यकर्ता एक चैनल के सामने अपना बयान दर्ज करा रहा है कि यदि सरकार उनके जल-जंगल-जमीन छीनना ही चाहती है, तो उन सबको लाइन से खड़ा करके गोलियों से उड़ा दें और कब्जा कर लें। आदिवासियों के इस साहसपूर्ण प्रदर्शन के सामने सैनिकों के बंदूकों की नोकें झुकी हुई है। असल में आदिवासी संस्कृति अपनी मृत्यु का शोक नहीं मनाती, उसका उत्सव मनाती है। यह आत्मबल उन्हें इसी उत्सवी संस्कृति से मिलता है।
पिछले एक साल से बीजापुर को जगरगुंडा से जोड़ने वाले सड़क निर्माण का काम रुका हुआ है। सिलगेर में जो छावनी बनाई गई है, उससे आगे काम बढ़ नहीं पाया है। साफ है कि जब तक आंदोलन जिंदा है, तब तक कॉर्पोरेट लूट का रास्ता भी आसान नहीं है। सामूहिक उपभोग की आदिवासी संस्कृति कॉर्पोरेट लूट के खिलाफ एक प्रतिरोधक शक्ति है, जिसे सत्ता में बैठे दलाल राम और कृष्ण के नाम पर खत्म करने की मुहिम चला रहे हैं। इस बीच इस आंदोलन के 'नक्सल प्रायोजित' होने का सरकारी दुष्प्रचार भी खूब हुआ है, लेकिन इस आंदोलन की धार तेज ही हुई है। वर्ष 1910 के भूमकाल आंदोलन के बाद व्यापक जन लामबंदी के साथ यह पहला आंदोलन है, जिसकी धमक पूरी देश-दुनिया में फैली है। इस आंदोलन ने आदिवासियों को इस देश का नागरिक ही न मानने की, कॉर्पोरेट लूट के लिए अपने ही बनाये संविधान और कानूनों को और नागरिक अधिकारों को अपने पैरों तले कुचलने वाली कांग्रेस-भाजपा की सरकारों का असली चेहरा बेनकाब कर दिया है।

शनिवार, 14 मई 2022

10वीं-12वीं का रिजल्ट घोषित किया: मंडल

10वीं-12वीं का रिजल्ट घोषित किया: मंडल  

दुष्यंत टीकम       
रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं-12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया है। स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने परिणाम जारी किया है। माशिमं के अध्यक्ष डॉ आलोक शुक्ला, सचिव वीके शुक्ला और संसदीय सचिव विनोद चंद्राकार भी उपस्थित है। छात्र अपनी रिजल्ट शिक्षा मंडल की ऑफिशियल वेबसाइट cgbse.nic.in पर चेक कर सकते हैं।छत्तीसगढ़ बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा मार्च में आयोजित की गई थी। जिसमें 10वीं में करीब 3 लाख 80 हजार और बारहवीं में 2 लाख 93 हजार से अधिक छात्रों ने भाग लिया था।

ऐसे चेक करें अपना रिजल्ट...
स्टेप 1- छात्र सबसे पहले बोर्ड की ऑफिशिय वेबसाइट cgbse.nic.in पर विजिट करें‌।
स्टेप 2- वेबसाइट के होमपेज पर रिजल्ट के लिंक पर क्लिक करें।
स्टेप 3- अब एक नया पेज खुलेगा, जिसमें रोल नंबर और डेट ऑफ बर्थ की जानकारी दर्ज करें।स्टेप 4- रिजल्ट स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा।

ये है एसएमएस से 10वीं का रिजल्ट चेक करने का तरीका...
स्टेप 1- मोबाइल में CG10 'स्पेस' रोल नंबर टाइप करें।
 स्टेप 2-अब टाइप किया मैसेज 56263 पर भेज दें।
स्टेप 3- रिजल्ट एसएमएस के जरिए आपके मोबाइल पर आ जाएगा।

बुधवार, 4 मई 2022

नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 1 जवान शहीद

नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 1 जवान शहीद  

दुष्यंत टीकम         
नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई है। इस घटना में एक जवान शहीद हो गया हैं। ये मुठभेड़ नारायणपुर एवं दंतेवाड़ा के सीमावर्ती क्षेत्र तुलारगुफा और मंगारी के मध्य जंगल मे हुई है। शहीद जवान भानुप्रतापपुर के रहने वाला था और डीआरजी में पदस्थ था। जवान का नाम सालिकराम बताया जा रहा है।
बता दें नारायणपुर पुलिस को नारायणपुर एवं दंतेवाड़ा के सीमावर्ती क्षेत्र तुलारगुफा और मंगारी के जंगल मे नक्सलियों के होने की जानकारी मिली थी। इस सूचना के बाद डीआरजी के जवान सर्चिंग अभियान में जंगल पहुंचे हुए थे। जवानों को आता देखकर नक्सलियों में उनपर फायरिंग कर दी। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में एक जवान शहीद हो गया है। वहीं जानकारी मिली है कि अभी भी मुठभेड़ जारी है।

सोमवार, 25 अप्रैल 2022

हादसा: ईंट भट्टी से टकराई कार, 2 युवकों की मौंत

हादसा: ईंट भट्टी से टकराई कार, 2 युवकों की मौंत  

दुष्यंत टीकम     
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में एक तेज रफ्तार कार सोमवार को सड़क किनारे ईंट भट्टी से टकराने से कार में सवार दो युवकों की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नगरनार थाना क्षेत्र के सेमरा के पास सुबह एक तेज रफ्तार कार सड़क किनारे ईंट भट्टी से टकरा गई, इस हादसे में कार में सवार मध्यप्रदेश के सतना निवासी मनीष सोनी और जबलपुर के तिलवारा घाट निवासी कुलदीप सिंह की मौत हो गई। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुँचकर शव को मेकाज भिजवाया गया। थाना प्रभारी बीआर नाग ने बताया कि राजनांदगांव पासिंग वाहन में दोनों युवक जगदलपुर से ओडिसा की ओर जा रहे थे। यह दोनों जगदलपुर में एक कंपनी में काम करते है और रात में खाना खाने के लिए ढाबा जा रहे थे, सड़क हादसे के चलते इनकी मौत हो गई।

रविवार, 3 अप्रैल 2022

खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव, फ्लैग मार्च निकाला

खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव, फ्लैग मार्च निकाला     

दुष्यंत टीकम          
राजनांदगांव। पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव संतोष सिंह के निर्देशन में आगामी खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण संपन्न कराने हेतु जिला पुलिस बल एवं पैरामिलेट्री फोर्स की संयुक्त टीम के साथ थाना गंडई क्षेत्र में फ्लैग मार्च निकाला गया। साथ ही साथ कॉबिंग गश्त, एरिया डॉमिनेशन, रोड पेट्रोलिंग एवं स्थैतिक चेक पोस्ट लगाकर वाहनों की चेकिंग भी कर रही है। जिससे चुनाव के दौरान आसामाजिक तत्वों द्वारा गड़बड़ी फैलाने हेतु हथियार, अवैध रूपये, अवैध शराब व नशीले पदार्थ आदि विधानसभा क्षेत्र में ना ला सके। 
जिससे उक्त चुनाव निष्पक्ष एवं सुरक्षित तरीके से सम्पन्न किया जा सके। फ्लैग मार्च के दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा लोगों से अपील भी किया जा रहा है कि मतदान के समय किसी प्रकार की अशांति फैलाने या असंवैधानिक कृत्य करने का प्रयास न करें, यदि कोई अप्रिय स्थित घटित होने की संभावना हो तो तत्काल पुलिस को सूचित करें संबंधित आरोपियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यावाही की जाएगी। मतदान दिवस के दिन अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग अवश्य करें।

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...