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शनिवार, 21 जनवरी 2023

'कैंसर' जैसी गंभीर बीमारियों की सुनामी का सामना

'कैंसर' जैसी गंभीर बीमारियों की सुनामी का सामना

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम/वाशिंगटन डीसी। देश-दुनिया में हम सभी ने कोरोना वायरस का कहर देखा है और अब हम बढ़ते हार्ट अटैक और कैंसर जैसी बीमारियों में बढ़ोतरी देख रहे हैं। अमेरिका के एक नामी कैंसर रोग विशेषज्ञ ने आगाह किया है कि वैश्वीकरण, बढ़ती अर्थव्यवस्था, आबादी और बदलती जीवन शैली के कारण भारत को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की सुनामी का सामना करना पड़ेगा। इससे प्रभावी तरीके से निपटने के लिए उन्होंने प्रौद्योगिकी आधारित चिकित्सा तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया है।

अमेरिका के ओहायो में क्लीवलैंड क्लिनिक के हेमेटोलॉजी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. जेम अब्राहम ने कहा है कि कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए टीके, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा डिजिटल तकनीक का विस्तार और लिक्विड बायोप्सी से निदान उन छह रुझानों में शामिल हैं, जो इस सदी में कैंसर के उपचार को नया रूप देंगे।

मनोरमा ईयर बुक 2023' के एक आलेख में अब्राहम ने कहा है कि अन्य तीन रुझान 'जीनोमिक प्रोफाइलिंग, जीन संपादन प्रौद्योगिकियों के विकास और अगली पीढ़ी के 'इम्युनोथैरेपी' और 'सीएआर टी सेल थेरेपी' का इस्तेमाल हैं। उन्होंने कहा है, डिजिटल तकनीक, सूचना प्रौद्योगिकी व टेलीहेल्थ से मरीजों और विशेषज्ञों के बीच की खाई कम होगी। यह संभावित रूप से हमारे देश के दूरदराज के हिस्सों में विशेषज्ञों की देखभाल की उपलब्धता में वृद्धि करेगा, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल है, जहां हमारी अधिकांश आबादी रहती है।

उन्होंने कहा कि भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि जब ये प्रौद्योगिकियां कैंसर की देखभाल में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी तो इसे अपने लाखों लोगों के लिए कैसे सस्ता और सुलभ बनाया जाए। कैंसर रोग विशेषज्ञ ने आगाह किया, वैश्वीकरण, बढ़ती अर्थव्यवस्था, आबादी और बदलती जीवन शैली के कारण भारत कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की सुनामी का सामना करेगा।

डराने वाले आंकड़े 
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुमानों के अनुसार, जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के कारण 2040 में दुनिया भर में कैंसर रोगियों की संख्या 2.84 करोड़ होने की आशंका है, जो 2020 की तुलना में 47 प्रतिशत अधिक होगी। यह संख्या वैश्वीकरण और बढ़ती अर्थव्यवस्था से जुड़े जोखिम कारकों में वृद्धि से बढ़ सकती है। वर्ष 2020 में दुनिया भर में अनुमानित तौर पर कैंसर के 1.93 करोड़ नए मामले आए और करीब एक करोड़ लोगों की कैंसर से मौतें हुईं।

शुक्रवार, 20 जनवरी 2023

11 साल में पहली बार अपना लुक बदला: विकिपीडिया 

11 साल में पहली बार अपना लुक बदला: विकिपीडिया 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। विकिपीडिया ने अपनी 22वीं वर्षगांठ के मौके पर 11 साल में पहली बार अपना लुक बदला है। अंग्रेज़ी विकिपीडिया के डेस्कटॉप इंटरफेस में बेहतर सर्च ऑप्शन के साथ आर्टिकल के कंटेंट के लिए नया टेबल और भाषा बदलने के लिए दाईं ओर डेडिकेटेड टूल दिया गया है। विकिमीडिया फाउंडेशन के स्वामित्व वाले विकिपीडिया की शुरुआत 15 जनवरी 2001 को हुई थी।इंटरनेट पर सबसे लोकप्रिय साइटों में से एक विकिपीडिया है। हमने कई सालों से विकीपीडिया को बस एक ही रूप में देखा है। लेकिन अब कई सालों का इंतजार खत्म हुआ और अब विकिपीडिया को एक नया रूप मिल गया है। 11 वर्षों में पहली बार, विकिपीडिया को एक नया रूप मिल रहा है। विकिपीडिया के डेस्कटॉप इंटरफ़ेस में सुधारों की एक सीरीज साइट को उपयोग करने में आसान बनाएगी और सभी का स्वागत करेगी, विकिमीडिया फ़ाउंडेशन ने कहा।

सबसे पहली बात, प्लेटफॉर्म अब पूरी तरह से नए रूप में है, साथ ही हर जानकारी में एक साइड मेन्यू पॉप-अप होता है, जिससे आपको आसानी से नेविगेट करने में मदद मिलती है। विकिमीडिया फाउंडेशन का कहना है कि भाषा-स्विचिंग टूल्स को अब रखा गया है जिससे यूजर्स आसानी से अपनी पसंदीदा भाषा सर्च सकते हैं और आवश्यकतानुसार 300 से अधिक भाषाओं के बीच स्विच कर सकते हैं।

विकिपीडिया के सर्च अनुभव को भी अपग्रेड मिला। क्योंकि सर्च विकल्प अब फोटो और डिटेल्स का लाभ उठाता है, जिससे आपके लिए आवश्यक लेखों को सर्च आसान हो जाता है। विकिपीडिया ने एक नया बंधनेवाला साइडबार जोड़ा है। यह यूजर्स को हर एक कंटेंट के बाईं ओर पाए जाने वाले लंबे मेनू को दिखाने में मदद करेगा, जिससे उन्हें बिना विचलित हुए आवश्यक जानकारी देखने में मदद मिलेगी।

कंटेंट की एक नई टेबल है, जो यूजर्स को यह जानने में सहायता करती है कि वे वर्तमान में कौन सा सेक्शन पढ़ रहे हैं। इसके अलावा, यह पेज को नीचे स्क्रॉल करने पर भी दिखाई देता है, जिससे विभिन्न सेक्शंस में नेविगेट करना आसान हो जाता है। एक अपडेटेड हेडर है जो स्क्रॉल करते ही आपके साथ चलेगा। विकिमीडिया फाउंडेशन ने कहा, आप जो सर्च रहे हैं उसे सर्च के लिए अब आपको पेज के टॉप पर स्क्रॉल करने की आवश्यकता नहीं होगी, और आप इसके बजाय पढ़ने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

'सारस' पक्षी ने कई वर्षो से भारत आना बंद किया

'सारस' पक्षी ने कई वर्षो से भारत आना बंद किया 

अखिलेश पांडेय/नरेश राघानी 

टोमस्क/उदयपुर/जयपुर। सर्दियों में आने वाली साईबेरियन सारस पक्षी ने कई वर्षो से भारत आना बंद कर दिया है। पक्षी विशेषज्ञ एवं पूर्व वन संरक्षक डा सतीश शर्मा के अनुसार संसार में क्रेनों की 15 प्रजातियां ज्ञात है जो तीन वशों एन्टीगोन, बालिएरिका तथा ग्रूस में सम्मिलित की गई हैं। ज्ञात 15 प्रजातियों में कभी 5 भारत में मिलती थी लेकिन कई वर्षो से साइबेरिया क्षेत्र से सर्दियों में आने वाली साईबेरियन सारस ने आना बंद कर दिया और हमारे देशो में केवल 4 सारस या क्रेन प्रजातियां ज्ञात है। साईबेरियन सारस राजस्थान के केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान में आती थी लेकिन अब वे नहीं आ रही है।

उन्होंने बताया कि जानी पहचानी सारस क्रेन जिसे वैज्ञानिक भाषा में ग्रूस एन्टीगोन कहते है, स्थानीय प्रजाति है तथा देश छोड कर नहीं जाती। काली गर्दन की सारस की संख्या जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षैत्रों में गर्मी में तो उत्तर पूर्व भारत में सर्दी में पहुंचती है। कुरजां (ग्रूस विरगो) तथा कॉमन क्रेन (ग्रूस-ग्रूस) हमारे यहां हिमालय के उस पार के सूदूर क्षेत्रों में सर्दी की ऋतु में देशान्तर गमन कर अक्टूबर के आस-पास आने लगती है तथा फरवरी मार्च में गर्मी प्रारंभ होने पर प्रवास समाप्त कर वापस लौट जाती है। कुरजां को राजस्थान का जन-जन जानता है।

जोधपुर जिले का खीचन गांव कुरजां प्रवास के लिये न केवल देश बल्कि विदेशों में भी जाना जाता है। खीचन के लोग बडे स्नेह व आत्मीयता से सदियों से कुरजां के प्रवास को सुरक्षित एवं यादगार बनाते आ रहे है। खीचन में उनके रहने तक उनको भोजन के रुप में नियमित चुग्गा दिया जाता है। कुरजां के साथ कॉमन क्रेन को भी देखा जा सकता है। ये दोनो क्रेन बडे झूण्ड बनाकर रहने, उड़ने, खाना खाने एवं आराम करने की प्रवृति रखती है। क्रेन या सारस जब उड़ान भरती है तो यह अपनी गर्दन आगे एवं पैर पीछे की तरफ लम्बे फैलाकर उड़ते है। उड़ान में पंक्ति या वी आकार में उड़ने से ये अपना ईंधन बचाती है।

क्रेन अपना जोड़ा बनाने के बाद वफादारी से स्थायी रिश्ते निभाते है। कहते है जोड़े में एक की मृत्यु होने पर दुसरा साथी खाना पीना छोड मृत्यु को गले लगा लेता है। इसी प्रवृति के कारण न केवल भारत में बल्कि दूसरे देशों में भी क्रेनों को आदर दिया जाता है। हिमालय के उस पार बौध धर्म के अनुयायी भी क्रेनों का आदर करते है। हमारे धर्म ग्रंथों एवं लोक गीतों में सारस एवं कुरजा की बडी महिमा है। 

सोमवार, 16 जनवरी 2023

दो फोन पर एक व्हाट्सएप अकाउंट का उपयोग 

दो फोन पर एक व्हाट्सएप अकाउंट का उपयोग 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। व्हाट्सएप अपने ग्राहकों के लिए नए नए फीचर्स लाता रहता है। ये दुनिया के सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप में से एक है। व्हाट्सएप यूजर की सिक्योरिटी पर भी काफी ध्यान देता है। लेकिन अक्सर लोगों की मांग रहती है कि वे एक ही व्हाट्सएप अकाउंट को दो अलग-अलग फोन पर उपयोग नहीं कर पाते हैं। अब इसके लिए व्हाट्सएप लेकर आया धांसू जुगाड़, जिसकी मदद से आप दो फोन पर एक व्हाट्सएप अकाउंट का उपयोग कर सकते हैं, तो आइए जानते हैं ये कैसे संभव है ?

ऐसे करें शुरुआत 
पहला कदम यह सुनिश्चित करना है कि दोनों फोन में व्हाट्सएप इंस्टॉल हो। एक बार यह हो जाने के बाद, आपको अपने फ़ोन नंबर का उपयोग करके पहले फ़ोन पर अपना अकाउंट वैरिफाई करना होगा। एक बार आपका अकाउंट वैरिफाई हो जाने के बाद, आप दूसरे फ़ोन पर जा सकते हैं।

ऐसे बढ़ें आगे 
दूसरे फ़ोन पर, आपको WhatsApp खोलना होगा और अपना फ़ोन नंबर दर्ज करना होगा। टेक्स्ट संदेश या फ़ोन कॉल का उपयोग करके अकाउंट को वैरिफाई करने के बजाय, आपको "एसएमएस के माध्यम से सत्यापित करें" विकल्प का चयन करना होगा। यह पहले फ़ोन पर एक कोड भेजेगा, जिसे आप अकाउंट को वैरिफाई करने के लिए दूसरे फ़ोन पर दर्ज कर सकते हैं।

दोनों फोन में एक्टिव होगा व्हाट्सएप
एक बार दूसरे फोन पर अकाउंट वेरिफाई हो जाने के बाद, आप दोनों डिवाइस पर व्हाट्सएप का उपयोग शुरू कर सकते हैं। ध्यान रखें कि संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए आपके दोनों फ़ोन पर इंटरनेट कनेक्शन होना आवश्यक है। हालाँकि, व्हाट्सएप आपको ऑफ़लाइन उपयोग के लिए संदेशों को डाउनलोड करने की अनुमति देता है, इसलिए यदि आपके पास कोई कनेक्शन नहीं है तब भी आप उन्हें देख सकते हैं।

नहीं कर पाएंगे ये काम 
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दो फ़ोन पर एक WhatsApp खाते का उपयोग करने की कुछ सीमाएँ हैं। उदाहरण के लिए, आप एक समय में केवल एक फ़ोन पर मैसेज और कॉल प्राप्त कर सकेंगे। अगर आप एक कॉल पर हैं या एक फ़ोन पर बातचीत कर रहे हैं, तो आप दूसरे फ़ोन पर मैसेज या कॉल प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त, व्हाट्सएप का एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन एक समय में केवल एक डिवाइस पर काम करता है, इसलिए यदि आप एक ही अकाउंट का उपयोग दो फोन पर कर रहे हैं, तो आपको यह चुनना होगा कि एन्क्रिप्टेड बातचीत के लिए किसका उपयोग करना है।

अब उठाएं दो फोन पर व्हाट्सएप का मजा
कुल मिलाकर, दो फोन पर एक व्हाट्सएप अकाउंट का उपयोग करना कई उपकरणों से जुड़े रहने का एक शानदार तरीका है। चाहे आपके पास काम का फ़ोन हो या निजी फ़ोन, या आप अपने टैबलेट पर WhatsApp का उपयोग करना चाहते हैं, यह एक सरल और आसान समाधान है। बस सीमाओं को ध्यान में रखना सुनिश्चित करें और यदि आप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको एक डिवाइस चुनना होगा।

गुरुवार, 12 जनवरी 2023

हिंसा भड़काने में भाषा की भूमिका की जांच शुरू 

हिंसा भड़काने में भाषा की भूमिका की जांच शुरू 

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी/ब्रासीलिया। ब्राजील में दंगे, 6 जनवरी, 2021 की घटना और कोलोराडो एलजीबीटीक्यू नाइट क्लब में बड़े पैमाने पर गोलीबारी जैसी घटनाएं तब हुई जब कुछ समूहों ने बार-बार दूसरों के खिलाफ खतरनाक भाषा का इस्तेमाल किया। यही कारण है कि अमेरिका में निर्वाचित अधिकारियों ने हिंसा भड़काने में भाषा की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। एक सामाजिक मनोवैज्ञानिक के रूप में जो खतरनाक भाषा और दुष्प्रचार का अध्ययन करता है, मुझे लगता है कि नागरिकों, विधायकों और कानून प्रवर्तन के लिए समान रूप से यह समझना महत्वपूर्ण है कि भाषा समूहों के बीच हिंसा को भड़का सकती है। वास्तव में, बयानबाजी में विभिन्न प्रकार के खतरे हैं, जो हमारे में से ही कुछ लोगों को हिंसा फैलाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

वह समाज को दो वर्गों आंतरिक समूह और बाहरी समूह में बांट देते हैं और खतरनाक भाषा के जरिए वह अपने कृत्यों को सही ठहराने का प्रयास करते हैं। उदाहरण के लिए, हाल के चुनावों से संकेत मिलता है कि मुख्य रूप से धुर दक्षिण समाचार स्रोतों पर भरोसा करने वाले 40 प्रतिशत लोगों का मानना ​​है कि "सच्चे देशभक्तों" को देश को "बचाने" के लिए हिंसा का सहारा लेना पड़ सकता है। समूहों के बीच संघर्ष को फैलाने वाले प्रमुख तत्वों को पहचानने वाले वैज्ञानिक सिद्धांतों की एक श्रृंखला पर चित्रण करते हुए, मैंने पांच बुनियादी प्रकार के खतरे की पहचान की है।

1. शारीरिक धमकियाँ - वे हमें नुकसान पहुँचाने वाले हैं इसमें जब एक समूह द्वारा दूसरे समूह को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने या मारने की आशंका के रूप में चित्रित किया जाता है, इस श्रेणी में आता है।

उदाहरण के लिए, आंतरिक समूह कभी-कभी बाहरी समूह को आंतरिक समूह के लिए खतरे के रूप में चित्रित करने के लिए बीमारी का उपयोग करते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों द्वारा एशियाई अमेरिकियों और अप्रवासियों के खिलाफ लगाए गए आरोप इसके उदाहरण हैं। आंतरिक समूह भी उसी कारण से बाहरी समूहों को शारीरिक रूप से आक्रामक या हिंसक अपराधी मान लेते हैं। इस तरह के कामों में माहिर लोग बाहरी समूहों को अमूमन हमारे समाज के संरक्षित या कमजोर वर्गों- महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के प्रति विशेष रूप से आक्रामक के तौर पर पेश करने के शौकीन होते हैं। इस तरह के चरित्र-चित्रण से बाहरी समूह निंदनीय लगने लगते हैं और कमजोर लोगों की "रक्षा" करने की कार्रवाई महान प्रतीत होती है।

समय-समय पर, मध्य युग से चल रहे एक सिलसिले में, अलग-अलग आंतरिक समूहों ने यहूदियों पर तथाकथित "रक्तपात आरोप" लगाया है, जिसमें एक अनुष्ठान के रूप में ईसाई बच्चों की हत्या की बात कही गई। आज, हम क्यूएनन षड्यंत्र के सिद्धांतों में इसकी प्रतिध्वनि देखते हैं, जो उदारवादियों पर बच्चों की तस्करी का आरोप लगाते हैं।परिणामस्वरूप, क्यूएनएन में विश्वास रखने वाले "बच्चों को बचाना" चाहते हैं और कथित खतरे से निपटने के लिए हिंसा का उपयोग करने को तैयार हैं।

2. नैतिक खतरे - वे हमारे समाज को नीचा दिखा रहे हैं एक आंतरिक समूह में कोई व्यक्ति जो बाहरी समूह को समाज के सांस्कृतिक, राजनीतिक या धार्मिक मूल्यों के लिए अपमानजनक मानता है, वह बाहरी समूह को नैतिक खतरे के रूप में रखता है।

उदाहरण के लिए, लोग अक्सर एलजीबीटीक्यू समुदाय के सदस्यों को इस तरह के धमकी भरे तरीकों से निशाना बनाते हैं। कुछ लोगों का मानना ​​है कि समलैंगिकता नैतिक रूप से गलत है। और ऐसे लोग हैं जो तर्क देते हैं कि समान-लिंग विवाह स्वयं विवाह के लिए खतरा है। पिछली कांग्रेस के दौरान, विवाह अधिनियम के सम्मान पर चैंबर द्वारा हस्ताक्षर किए जाने से पहले एक रिपब्लिकन महिला सदन के पटल पर रो रही थी। लोगों ने एलजीबीटीक्यू समुदाय की कथित अनैतिकता को प्राकृतिक आपदाओं से लेकर आतंकी हमलों तक हर चीज के लिए जिम्मेदार ठहराया है। और यह आरोप कि एलजीबीटीक्यू लोग बच्चों को प्रेरित कर रहे हैं और उन्हें तैयार कर रहे हैं, आज राजनीतिक खतरे के मुख्य आधार हैं।

3. संसाधन खतरे - वे हमसे हमारे संसाधन ले रहे हैं कभी-कभी, आंतरिक समूह के सदस्य बाहरी समूहों को मूल्यवान वस्तुओं के प्रतियोगी के रूप में पेश करते हैं और दोनो मूल्यवान संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। इससे समूहों के बीच दुश्मनी और संघर्ष तेजी से बढ़ता है। यदि बाहरी समूह वांछित संसाधन तक पहुंच बना लेते हैं, तो इसका मतलब यह लगाया जाता है कि आंतरिक समूह के लिए कुछ भी नहीं बचा है।

इस प्रकार के खतरे का सबसे आम उदाहरण यह आरोप है कि अप्रवासी "हमारी नौकरियां चुरा रहे हैं।" शिक्षा, छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य देखभाल या सामाजिक सेवाओं जैसे अन्य संसाधनों का अनुचित हिस्सा प्राप्त करने के रूप में बाहरी समूहों को दिखाकर इस खतरे को बढ़ाया जा सकता है।

4. सामाजिक खतरे - वे हमारे लिए बाधाएँ हैं जब आंतरिक समूह के सदस्य बाहरी समूह पर उनकी सामाजिक स्थिति या महत्वपूर्ण संबंधों तक पहुंच को हथियाने का आरोप लगाते हैं। यह जनसंख्या में जनसांख्यिकीय बदलाव से शुरू हो सकता है। वैकल्पिक रूप से, जब आंतरिक सदस्य अपनी स्थिति को अवांछनीय मानते हैं, तो वह दोष बाहरी समूह पर मढ़ सकते हैं।

5. खुद को खतरा - ये हमें बुरा महसूस कराते हैं अंत में, आंतरिक समूह को कभी-कभी ऐसा महसूस होता है जैसे कि उसके सामूहिक आत्मसम्मान को बाहरी समूह द्वारा खतरे में डाला जाता है, जैसे कि जब उन्हें लगता है कि बाहरी समूह उन्हें बदनाम कर रहा है। इससे "वे हमसे नफरत करते हैं, इसलिए हम उनसे नफरत करते हैं" की तर्ज पर सोच सकते हैं।

उदाहरण के लिए ट्विटर पर "लिबटार्ड" या "रिपग्निकन" की खोज करें। लेकिन इस मामले में, जिस स्तर पर बाहरी समूह को इस अपमान में संलग्न माना जाता है वह अतिशयोक्तिपूर्ण है और आंतरिक समूह द्वारा समान व्यवहार की उपेक्षा करता है। बाहरी समूह को जितना बड़ा खतरा माना जाता है, उतनी ही अधिक उचित चरम कार्रवाई दिखाई देती है। इस दौरान दोनो समूह स्पष्ट रूप से बंटे हुए दिखाई देते हैं। अंतरसमूह संघर्ष पर दशकों के शोध के कई अध्ययनों ने कथित खतरे और शत्रुता और संघर्ष के बीच इस संबंध का समर्थन किया है। 

बुधवार, 11 जनवरी 2023

द्विपक्षीय निवेश और व्यापार मुद्दों पर बातचीत 

द्विपक्षीय निवेश और व्यापार मुद्दों पर बातचीत 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/लंदन। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और ब्रिटेन के वित्त मंत्री प्रमुख जेरेमी हंट ने बुधवार को द्विपक्षीय निवेश और व्यापार मुद्दों पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने जी-20 से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। इस समय भारत जी-20 का अध्यक्ष है। वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने आज टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों पक्षों ने जी-20, द्विपक्षीय निवेश, व्यापार और आपसी हितों से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा की।’

शनिवार, 7 जनवरी 2023

समझौते को अंतिम रूप, ब्रिटेन-भारत में दृढ़ इच्छाशक्ति 

समझौते को अंतिम रूप, ब्रिटेन-भारत में दृढ़ इच्छाशक्ति 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/लंदन। भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार को मजबूत करार देते हुए लंदन के उप महापौर (कारोबार) राजेश अग्रवाल ने कहा कि प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने को लेकर ब्रिटेन और भारत में दृढ़ इच्छाशक्ति है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के पास सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा, पेशेवर सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने के कई अवसर हैं। अग्रवाल रविवार से शुरू होने वाले तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंदौर आए हैं।

उन्होंने कहा,‘‘एफटीए को अंतिम रूप देकर द्विपक्षीय भागीदारी बढ़ाने को लेकर ब्रिटेन और भारत के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। एफटीए को लेकर दोनों तरफ से इच्छाशक्ति बहुत मजबूत है।’’अग्रवाल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के साथ ही रक्षा, पेशेवर सेवाओं, विधिक सेवाओं, जीवन विज्ञान और नव उद्यमों (स्टार्ट-अप) के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच भागीदारी बढ़ाने के कई अवसर हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और भारत के बीच के आर्थिक रिश्तों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले लंदन शहर में भारतीय कंपनियां करीब 80,000 नौकरियां दे रही हैं, जिनमें टाटा समूह और अलग-अलग आईटी फर्म शामिल हैं।

अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 के भीषण प्रकोप के दौरान भी भारतीय कंपनियों ने दुनियाभर में अपना कारोबार बढ़ाया, जो देश की आर्थिक तरक्की का सूचक है। वैश्विक मंदी की आहट पर उन्होंने कहा, ‘‘भारत का स्थानीय बाजार बहुत मजबूत है और देश की अर्थव्यवस्था तमाम झटकों को झेलने में सक्षम है। वैश्विक परिघटनाओं का हालांकि हर देश पर कुछ असर तो पड़ता ही है, लेकिन मुझे लगता है कि भारत इससे (आर्थिक मंदी के खतरे से) काफी हद तक सुरक्षित है।’’ अग्रवाल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और दवा निर्माण में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है और यहां औद्योगिक उत्पादन की गतिविधियां भी तेज हो रही हैं।

लंदन के उप महापौर ने कहा, “पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं, क्योंकि भारत सबसे तेज रफ्तार से बढ़ती अर्थव्यवस्था और आर्थिक वृद्धि का वैश्विक इंजन है।’’ अग्रवाल ने यह भी कहा कि प्रतिभा संपन्न भारत में सरकार निवेश और उद्यमशीलता बढ़ाने में इच्छाशक्ति से लैस नजर आती है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका लोकतंत्र है और पश्चिमी देश भारत की ओर दोस्ताना नजरिया रखते हैं।’’ भारत के विकास में भारतवंशियों के योगदान को रेखांकित करते हुए लंदन के उप महापौर ने कहा कि प्रवासी भारतीय हर साल करीब 90 अरब डॉलर अपनी मातृभूमि भारत भेजते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह कथन एकदम सटीक है कि प्रवासी भारतीय देश और विश्व के बीच एक जीवंत पुल की तरह हैं। प्रवासी भारतीय दुनिया में भारत के अनौपचारिक राजदूत हैं और वे भारत के ब्रांड को मजबूत कर रहे हैं।’’

इंदौर में जन्मे और पले-बढ़े अग्रवाल भारतीय मूल के पहले ऐसे शख्स हैं, जो लगातार दूसरी बार लंदन के उप महापौर बने हैं। उन्होंने कहा, “लंदन में भारतीय मूल के करीब 6.5 लाख लोग रहते हैं और इस शहर की राजनीति, अर्थव्यवस्था, कला और संस्कृति में उनका बहुत बड़ा योगदान है।” अग्रवाल ने कहा कि उनका गृहनगर इंदौर भारत के सबसे साफ शहर के रूप में पहले ही अपनी वैश्विक पहचान बना चुका है और मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर में सोयाबीन, मोटे अनाज और डेयरी उत्पादों के प्रसंस्करण में निवेश की काफी संभावनाएं भी हैं।

शुक्रवार, 6 जनवरी 2023

120 से अधिक देशों के पहले सम्मेलन का आयोजन

120 से अधिक देशों के पहले सम्मेलन का आयोजन

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। भारत आगामी 12 और 13 जनवरी को विश्व भर के 120 से अधिक दक्षिणी देशों के पहले सम्मेलन का वर्चुअल माध्यम से आयोजन करने जा रहा है। जिसमें ऊर्जा एवं मानव केन्द्रित आर्थिक विकास को लेकर इन विकासशील देशों की चिंताओं, चुनौतियों, हितों एवं प्राथमिकताओं के बारे में विचार मंथन होगा। जिसके निष्कर्ष का जी-20 के एजेंडे पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना है। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि दक्षिणी देशों की आवाज़ का यह वैश्विक सम्मेलन या “वाॅयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट” भारत की एक अनूठी पहल है तथा इसका आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबका प्रयास’ के विज़न तथा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के मंत्र के आधार पर किया जा रहा है।

क्वात्रा ने बताया कि इस सम्मेलन में विश्व के दक्षिणी छोर पर स्थित 120 से अधिक देशों को आमंत्रित किया गया है जो अधिकांशत: विकासशील देश हैं और उनकी आवाज़ वैश्विक मंचों पर या तो दबी या अनसुनी रह जाती है। इस सम्मेलन में किसी भी अंतरराष्ट्रीय संस्था या संगठन को आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि दो दिन के इस सम्मेलन में कुल दस सत्र होंगे जिनमें दो सत्र शिखर नेताओं के तथा आठ सत्र मंत्रिस्तरीय होेंगे। प्रत्येक सत्र में दस से लेकर बीस देश तक शिरकत करेंगे। दोनों दिन तीन-तीन सत्र समानांतर चलेंगे। पहले दिन वित्त मंत्री, पर्यावरण मंत्री और विदेश मंत्री का सत्र होगा। दूसरे दिन ऊर्जा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, शिक्षा मंत्री और वाणिज्य मंत्री सत्र आयोजित किये जाएंगे।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रियों के सम्मेलन में आर्थिक चुनौतियों, विकास के लिए वित्तपोषण के उपायों, वित्तीय सहायता, वित्तीय समावेशन, तकनीकी एवं डिजीटल पहल के उपयोग के साथ साथ विदेशी ऋण के कुचक्र से बचाव के बारे में भी चर्चा होगी। पर्यावरण मंत्रियों के सत्र में संतुलित विकास एवं पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली पर चर्चा होगी जबकि विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में दक्षिणी छोर के देशों की प्राथमिकताओं पर बात होगी। ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में ऊर्जा के किफायती दरों पर उपलब्धता और ऊर्जा दक्ष तकनीक की उपलब्धता पर चर्चा होगी। शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में मानव केन्द्रित विकास और वाणिज्य मंत्रियों के सत्र में व्यापार को लेकर परस्पर तालमेल प्रगाढ़ करने के बारे में चर्चा होगी।

विदेश सचिव ने बताया कि हम हाल की वैश्विक घटनाक्रमों और उनका हमारी अर्थव्यवस्थाओं पर प्रभाव खासकर यूक्रेन युद्ध, किफायती ऊर्जा की उपलब्धता, जलवायु परिवर्तन, जलवायु वित्तपोषण, ऋण भार वृद्धि आदि विषयों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि यह परामर्शकारी एवं परिणामोन्मुखी सम्मेलन होगा जिसमें दक्षिणी छोर वाले देशों की चिंताओं, चुनौतियों, हितों एवं प्राथमिकताओं के बारे में विचार मंथन होगा। उन्होंने कहा कि भारत का प्रयास होगा कि समान चिंताओं या चुनौतियों पर विचार विमर्श के माध्यम से एक एकीकृत योजना बने। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह सही है कि यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब भारत जी-20 की अध्यक्षता संभाल रहा है। लेकिन इसका जी-20 से जुड़े आयोजनों से कोई संबंध नहीं है। अलबत्ता इसके निष्कर्षों को भारत जी-20 के समक्ष विचार विमर्श के लिए प्रस्तुत कर सकता है।

उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से एक नयी पहल है। इसके माध्यम से वह दक्षिणी छोर के देशों की विचारधारा, उनके मत एवं चिंताओं को समग्रता में जान सकेंगे जबकि जी-20 के सदस्य देशों के साथ हमारा सामीप्य एवं सहयोग चलता रहेगा। संयुक्त राष्ट्र में सुधारों को लेकर चर्चा होने की संभावना के बारे में पूछने पर विदेश सचिव ने कहा कि आमंत्रित देश अपने विकास से जुड़ी चिंताओं, चुनौतियों, हिताें एवं प्राथमिकताओं से जुड़े जिस विषय को उचित समझेंगे, उसे चर्चा के लिए उठा सकते हैं।

यह पूछे जाने पर कि वित्त मंत्रियों के सत्र में विदेशी ऋण के कुचक्र के बारे में चर्चा क्या चीन के संदर्भ में होगी, विदेश सचिव ने कहा कि विकास की यात्रा में एक प्रमुख एवं महत्वपूर्ण मुद्दा ऋण का भार भी होता है तो ऐसे में कोई देश यह नहीं चाहेगा कि वित्त पोषण में वह ऋण के भार में दब जाए। निमंत्रित देश अपनी विकास की यात्रा, क्षमताएं, परिप्रेक्ष्य और अनुभव साझा करेंगे। उनके लिए ऋण भी एक समस्या है और बातचीत उसी तक सीमित रहेगी। इसे किसी देश के संदर्भ में देखना ठीक नहीं होगा। एक सवाल के जवाब में श्री क्वात्रा ने कहा कि “वाॅयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट” का यह पहला आयोजन है, इसमें आमंत्रित देशों की भागीदारी एवं इसके निष्कर्ष का आकलन एवं विश्लेषण करने के बाद तय किया जाएगा कि इसे नियमित आयोजन का रूप दिया जाये अथवा नहीं।

बुधवार, 4 जनवरी 2023

उत्तराधिकारी की नियुक्ति में अडंगा लगाने की तैयारी 

उत्तराधिकारी की नियुक्ति में अडंगा लगाने की तैयारी 

अखिलेश पांडेय/इकबाल अंसारी 

ल्हासा/कोलकाता। तिब्बत की निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति पेन्पा त्सेरिंग ने दावा किया कि चीन पिछले 15 साल से दलाई लामा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति में अडंगा लगाने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस आशंका के मद्देनजर अंतत: उनका प्रशासन लोकतांत्रिक तरीके से उत्तराधिकारी का चयन चाहता है। त्सेरिंग ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में रेखांकित किया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा वर्ष 1995 में प्रतिद्वंद्वी पंचेन लामा की नियुक्ति जैसी पुनरावृत्ति हो सकती है जब दलाई लामा की ओर से चुने गए लड़के को जनता की नजरों से ओझल कर दिया गया था।

उन्होंने मंगलवार को कहा, मौजूदा दलाई लामा के न रहने के बाद क्या होगा यह तिब्बितयों के लिए चुनौती है, खासतौर पर यदि चीन-तिब्बत समस्या का समाधान नहीं हुआ तो। राष्ट्रपति (सिकयोंग) त्सेरिंग ने कहा, हमारा मानना है कि निश्चित तौर पर चीन दलाई लामा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति में हस्तक्षेप करेगा...वे इसकी गत 15 साल से तैयारी कर रहे हैं। त्सेरिंग सिकयोंग की उपाधि भी धारण करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार ने वर्ष 2007 में एक आदेश जारी किया था। जिसमें सभी अवतारित लामाओं के उत्तराधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया में उसकी मौजूदगी की जरूरत बताई गई थी। त्सेरिंग ने कहा, यह किया गया, जिसका उद्देश्य धर्म को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना था...हालांकि न तो चीन की और न ही किसी अन्य सरकार की कोई भूमिका होनी चाहिए।

तिब्बत की निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति ने कहा, उन्होंने (चीनियों ने) वर्ष 1995 में तब हस्तक्षेप किया जब एक लड़के (ज्ञानचेन नोरबू) को पंचेन लामा के तौर पर चुना गया। महामाहिम (दलाई लामा) द्वारा चुने गए पंचेन लामा (गेधुन छोयी न्यिमा) को गायब कर दिया गया और हमें अब तक पता नहीं कि वह जिंदा भी है या नहीं। न्यिमा को 17 मई 1995 के बाद से स्वतंत्र पर्यवेक्षकों द्वारा देखा नहीं गया है।

चीन की सरकार का दावा है कि वह सामान्य जीवन जी रहा है जबकि तिब्बती निर्वासित और मानवाधिकार समूहों का मानना है कि उसे चीन द्वारा चित्त परिवर्तन के लिए श्रम शिविर में कैदी के तौर पर रखा गया है। तिब्बती बौद्धों का मानना है कि सर्वोच्च लामा या जीवित बुद्ध की आत्मा उनके निधन के बाद बच्चे के रूप में फिर से पैदा होगी और उसका विभिन्न संकेतों द्वार पता लगाया जा सकता है।

अफसोस व्यक्त करते हुए त्सेरिंग ने कहा, कम्युनिस्ट चीन धर्म को नहीं मानता, इसके बावजूद वह पूरी तरह से धार्मिक कार्यक्रम में हस्तक्षेप करना चाहता है। उन्होंने कहा कि दलाई लामा ने कहा था कि अगर चीनी सरकार की रुचि पुन: अवतार में इतनी ही है तो उसे तिब्बी बौद्ध धर्म को पढ़ना चाहिए। त्सेरिंग ने कहा कि 14वें दलाई लामा के देहांत के बाद दुनिया और तिब्बियों के आगे बढ़ने के लिए छह बिंदुओं की योजना तैयार की गई है और इस योजना के केंद्र में लोकतांत्रिक हस्तांतरण है। गौरतलब है कि वर्ष 2011 के बाद भी तिब्बत का धार्मिक नेतृत्व दलाई लामा के पास ही बना रहा लेकिन राजनीतिक नेतृत्व प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित निर्वासित तिब्बती सरकार के राष्ट्रपति या सिकयोंग को हस्तांरित कर दिया गया।

वर्ष 1950 में चीन ने तिब्बत पर हमला किया और वर्ष 1959 में इसके खिलाफ आंदोलन हुआ जिसका चीन ने क्रूरता से दमन किया। इस घटना के बाद दलाई लामा अपने कई समर्थकों के साथ भारत भाग आए और उसके बाद उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित संसद की स्थापना की। 

सोमवार, 2 जनवरी 2023

कंपनी 'ऑडी' की खुदरा बिक्री 4,187 इकाई रही

कंपनी 'ऑडी' की खुदरा बिक्री 4,187 इकाई रही

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/बर्लिन। जर्मनी की कार कंपनी ऑडी की भारत में खुदरा बिक्री 2022 में 27.14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,187 इकाई रही है। 2021 में कंपनी की बिक्री 3,293 इकाई रही थी। ऑडी इंडिया ने कहा कि वृद्धि और बढ़िया हो सकती थी लेकिन आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों और सेमीकंडक्टर की कमी से ऐसा नहीं हुआ। इसके बावजूद 2022 में ऑडी इंडिया का प्रदर्शन मजबूत उत्पाद पोर्टफोलियो के कारण अच्छा रहा है।

ग्राहकों की धारणा बेहतर होने और व्यवसाय में मजबूत निरंतरता से भी इसमें मदद मिली। कंपनी ने बताया कि उसने एक जनवरी से अपने वाहनों के लगभग सभी मॉडल के दाम 1.7 प्रतिशत तक बढ़ाए हैं। ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लन ने कहा कि 2022 में कंपनी की वृद्धि भारत में महंगी श्रेणी के वाहनों के लिए अनुमानित 20-22 फीसदी की वृद्धि से अधिक रही है। उन्होंने कहा कि सभी श्रेणियों की बिक्री में वृद्धि हुई है।

कंपनी ने कहा कि 2022 में बिक्री में वृद्धि तीन प्रमुख पेशकश के बूते हुई जो हैं– ऑडी क्यू7, ऑडी ए8 एल और ऑडी क्यू3। इसके अलावा सेडान ए4 और ए6, एसयूवी क्यू5 और क्यू8 और इलेक्ट्रिक कार ई-ट्रॉन तथा ई-ट्रॉन स्पोर्टबैक की बिक्री अच्छी रही है। ढिल्लन ने बताया, ‘‘न केवल बिक्री आंकड़े बढ़ रहे हैं। बल्कि पुरानी कारों का कारोबार ‘ऑडी अप्रूव्ड: प्लस भी बढ़ रहा है। यह कारोबार वास्तव में नई कारों की बिक्री से दोगुने से भी अधिक बढ़ रहा है।’’ उन्होंने बताया कि कंपनी ने पुरानी कारों के शोरूम 2022 में बढ़ाकर 22 कर दिए हैं। जिनकी संख्या 2021 में 14 थी। उन्होंने 2023 में भी मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद जताई।

रविवार, 1 जनवरी 2023

नए साल के जश्न के दौरान मची भगदड़, 9 की मौंत

नए साल के जश्न के दौरान मची भगदड़, 9 की मौंत

सुनील श्रीवास्तव 

कंपाला। पूर्वी अफ्रीकी देश युगांडा की राजधानी कंपाला के एक लोकप्रिय मॉल में नए साल के जश्न के दौरान मची भगदड़ में बच्चों सहित कम से कम नौ लोगों की मौंत हो गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। यह भगदड़ नमासुबा उपनगर के फ्रीडम सिटी मॉल में उस समय हुई, जब लोग आतिशबाजी देखने के लिए एक तरफ जमा हो रहे थे।

कंपाला मेट्रोपॉलिटन उप पुलिस प्रवक्ता ल्यूक ओवोयेसिग्यिरे ने कहा कि यह घटना आधी रात को हुई थी ‘‘जब नए साल के जश्न के एक कार्यक्रम में मौजूद लोगों को बाहर जाने और आतिशबाजी का प्रदर्शन देखने के लिए प्रोत्साहित किया गया।’’ एक आधिकारिक बयान के अनुसार कातवे क्षेत्रीय पुलिस इस घटना की जांच कर रही है।

इस घटना के संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने कहा कि पांच लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि चार अन्य लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। जहां उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया था। अन्य घायलों के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। पुलिस ने कहा कि शवों को मुलागो में शहर के मुर्दाघर में ले जाया गया है। राजधानी कंपाला का यह शॉपिंग मॉल संगीत समारोहों और नए साल के जश्न के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।

पाक: गोलियां चला कर किया 'नए साल' का स्वागत

पाक: गोलियां चला कर किया 'नए साल' का स्वागत

अखिलेश पांडेय 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में कराची सहित कई बड़े शहरों में नए साल का स्वागत हवा में गोलियां चला कर किया गया। जिसमें कम से कम 22 लोग घायल हो गए। घायलों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। शनिवार रात 12 बजते ही नये साल का स्वागत करने के लिए कराची में गोलीबारी की आवाज़ गूंज उठी। पाकिस्तानी टेलीविजन नेटवर्क जियो टीवी के मुताबिक, कराची के अलग-अलग हिस्सों में की गई हवाई गोलीबारी में बच्चों और महिलाओं समेत कई लोग घायल हो गए। हालांकि, शहर में हथियारों के प्रदर्शन पर रोक है। अस्पतालों के सूत्रों ने बताया कि घायल हुए आठ लोगों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि चार घायलों को जिन्ना अस्पताल में और महिलाओं और बच्चों सहित 10 लोगों को अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया।

कोरंगी में गोलीबारी के सिलसिले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से तीन पर हत्या की कोशिश का आरोप लगाया गया है। समाचार चैनल की खबर के मुताबिक, कराची के लोग नये साल का जश्न मनाने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े। सिंध के गवर्नर कामरान टेसोरी भी लोगों के साथ नुमाइश चौरंगी इलाके में आतिशबाजी देखने पहुंचे। इसी तरह के जश्न की खबरें लाहौर, इस्लामाबाद और रावलपिंडी से भी मिली हैं। लाहौर से भी लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। पाकिस्तान में नये साल का जश्न विवादास्पद रहा है। धर्मगुरुओं का कहना है कि नये साल का जश्न मनाना और पश्चिमी संस्कृति की नकल करना ‘गुनाह’ है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इस वार्षिक कार्यक्रम को मनाने के लिए सड़कों पर उमड़ने वाले लोगों की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है।

राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने नव वर्ष पर देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मुबारकबाद दी और पाकिस्तान के विकास, प्रगति और समृद्धि के साथ-साथ दुनिया में शांति के लिए दुआ की। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में उम्मीद जताई कि 2023 पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया से भुखमरी, युद्ध, आतंकवाद, अपराध, संप्रदायवाद और वर्ग विभाजन को खत्म करने वाला वर्ष साबित होगा।

शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022

ब्रिटेन: भारतवंशी दवा विक्रेता को 18 महीने की जेल

ब्रिटेन: भारतवंशी दवा विक्रेता को 18 महीने की जेल

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने एक भारतवंशी दवा विक्रेता को अवैध दवाओं की आपूर्ति करने के जुर्म में 18 महीने की जेल की सजा सुनाई है। रिपोर्ट के मुताबिक 40 साल से अधिक के अनुभव वाले लंदन के दवा विक्रेता दुष्यंत पटेल (67) ने एक महिला को 2020 में महीनों तक ‘श्रेणी सी’ के अंतर्गत आने वाली या ब्रिटेन के कानून के तहत प्रतिबंधित दवाओं की महीनों तक आपूर्ति की थी।

स्थानीय पुलिस ने पूर्वी इंग्लैंड के नॉर्विच में अलीशा सिद्दिकी नामक इस महिला की मौत के चार महीने बाद पटेल को इस मामले में संदिग्ध के रूप पहचान की थी। सिद्दीकी का शव अगस्त 2020 में मिला था। स्थानीय मीडिया के अनुसार, अलीशा सिद्दिकी की प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका, लेकिन विष विज्ञान (टॉक्सिकोलोजी) परीक्षण के परिणाम से पता चला कि ज्यादा मात्रा में दवा की खुराक लेने से उसकी मौत हुई।

सिद्दिकी के फोन के विश्लेषण से पता चला कि जनवरी और अगस्त 2020 के बीच पटेल के साथ उसकी कई बार बातचीत हुई थी। पटेल को 18 महीने की सजा सुनाते हुए न्यायाधीश एलिस रॉबिन्सन ने कहा कि दवा विक्रेता द्वारा ‘‘विश्वास का गंभीर उल्लंघन’’ किया गया। अदालत को बताया गया कि पटेल पर सिद्दिकी की मौत के संबंध में किसी भी अपराध का आरोप नहीं लगाया गया, केवल अवैध दवा की आपूर्ति का आरोप लगाया गया।

मंगलवार, 27 दिसंबर 2022

स्मार्टफोन व आईफोन में काम नहीं करेगा 'व्हाट्सएप'

स्मार्टफोन व आईफोन में काम नहीं करेगा 'व्हाट्सएप'

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। आज के दौर में लगभग हर स्मार्टफोन यूजर व्हाट्सएप का इस्तेमाल करता है। जो लोग व्हाट्सएप यूज करते हैं तो ये खबर उनके लिए काम की हो सकती है। बता दें हर साल की तरह आने वाले साल में भी व्हाट्सएप कई स्मार्टफोन और आईफोन में काम करना बंद कर देगा। जिन फोन पर व्हाट्सएप काम करना बंद करेगा उनके ऑपरेटिंग सिस्टम अब आउटडेटेड हो चुके हैं।

बता दें इन फोन की संख्या करीब 49 है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से कई फोन तो इतने पुराने हो चुके हैं कि अब उनका इस्तेमाल भी कोई नहीं कर रहा होगा। जिसका मतलब ये है कि स्माटफोन यूजर्स या फिर आईफोन यूजर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं है। तो चलिए जानते हैं कौन से स्माटफोन में  व्हाट्सएप काम करना बंद कर देगा। 

इन फोन पर काम करना बंद कर देगा व्हाट्सएप

​Archos 53 Platinum
Apple iPhone 5
Apple iPhone 5c
Grand S Flex ZTE
Grand X Quad V987 ZTE
HTC Desire 500
Huawei Ascend D
Huawei Ascend D1
Huawei Ascend D2
Huawei Ascend G740
Huawei Ascend Mate
Huawei Ascend P1
Quad XL
Lenovo A820
LG Enact
LG Lucid 2
LG Optimus 4X HD
LG Optimus F3
LG Optimus F3Q
LG Optimus F5
LG Optimus F6
LG Optimus F7
LG Optimus L2 II
LG Optimus L3 II
LG Optimus L3 II Dual
LG Optimus L4 II
LG Optimus L4 II Dual
LG Optimus L5
LG Optimus L5 Dual
LG Optimus L5 II
LG Optimus L7
LG Optimus L7 II
LG Optimus L7 II Dual
LG Optimus Nitro HD
Memo ZTE V956
Samsung Galaxy Ace 2
Samsung Galaxy Core
Samsung Galaxy S2
Samsung Galaxy S3 mini
Samsung Galaxy Trend II
Samsung Galaxy Trend Lite
Samsung Galaxy Xcover 2
Sony Xperia Arc S
Sony Xperia miro
Sony Xperia Neo L
Wiko Cink Five
Wiko Darknight ZT।

शनिवार, 24 दिसंबर 2022

अपनी पसंदीदा फिल्मों की लिस्ट ट्वीट कर लिखा 

अपनी पसंदीदा फिल्मों की लिस्ट ट्वीट कर लिखा 

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी/न्यूयॉर्क। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2022 की अपनी पसंदीदा फिल्मों की एक लिस्ट ट्वीट कर लिखा है, मैंने इस साल कुछ बेहतरीन फिल्में देखीं...क्या मैंने कुछ मिस किया? सूची में द फेबलमैन्स, टॉप गन: मेवरिक, टिल और आफ्टर यैंग शामिल हैं। ओबामा ने अपने प्रोडक्शन हाउस हायर ग्राउंड प्रोडक्शंस की फिल्म डिसेंडेंट का नाम भी इसमें शामिल किया। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हर साल दिसंबर के महीने में अपनी पसंदीदा फिल्में और पढ़ी किताबों की लिस्ट जारी करते हैं। अब उन्होंने शुक्रवार को साल 2022 में दिखीं फिल्मों की लिस्ट जारी की है और लोगों से पूछा है कि उन्हें इस साल कुछ खास जो देखने लायक हो वो छोड़ तो नहीं दिया है।  

इस लिस्ट को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया हैं। मिस्टर प्रेसिडेंट की इस लिस्ट में कोरियन ब्लॉकबस्टर फिल्म डिसीजन टू लीव, साइंस फिक्शन सेंसेशन एवरीवेयर ऑल एट वंस, फ्रेंच ड्रामा पेटिट मैमन, के साथ-साथ टॉप गम मेवरिक, आफ्टर यांग, टार, द वुमन किंग, हैपनिंग, टिल, द गुड बॉस, ए हीरो, हिट ए रोड और व्हील ऑफ फॉर्च्यून एंड फैंटेसी जैसी ब्लॉकबस्टर जैसी फिल्में शामिल हैं। इस लिस्ट में ओबामा की प्रोडक्शन कंपनी की डॉक्यूमेंट्री भी शामिल है, जो नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी।

अपनी पसंदीदा फिल्मों की लिस्ट को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा, मैंने इस साल कुछ बेहतरीन फिल्में देखीं हैं- यहां मेरी कुछ पसंदीदा फिल्में हैं। मुझसे देखने में क्या छूट गया? वहीं, ट्विटर पर इस लिस्ट के सामने आने के बाद लोग उन्हें रीट्वीट कर दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने वाली फिल्म आरआरआर देखने की सलाह दी है। जबकि यूएसए टुडे के फिल्म क्रिटिक्स ब्रायन ट्रुइट ने लिखा, मुझे लगता है कि आप सच में आरआरआर को देखेंगे।

राम चरण और जूनियर एनटीआर अभिनीत इस फिल्म को  प्रतिष्ठित गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स, 2023 में बेस्ट नॉन-अंग्रेजी फिल्म और सॉन्ग नाटु-नाटु सहित बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग में नॉमिनेशन किया गया है, जिससे दावा किया जा रहा है कि इस फिल्म में ऑस्कर अवार्ड, 2023 में एंट्री का रास्ता साफ कर लिया है।

शनिवार, 17 दिसंबर 2022

किसी एक कदम को उपयुक्त मान लेना स्वीकार्य नहीं 

किसी एक कदम को उपयुक्त मान लेना स्वीकार्य नहीं 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/ओटावा। कनाडा के मॉन्ट्रियल में जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र के शिखर सम्मेलन में भारत ने कहा है कि जैव विविधता संरक्षण के लिए क्षेत्र आधारित लक्ष्य तय करना किसी एक कदम को सभी के लिए उपयुक्त मान लेने की तरह है, जो स्वीकार्य नहीं है। भारत ने कहा कि कृषि जैसे कमजोर क्षेत्रों के लिए आवश्यक सहायता को सब्सिडी नहीं कहा जा सकता और इसे समाप्त करने का लक्ष्य नहीं रखा जा सकता। 

भारत सहित 196 देशों के प्रतिनिधि सात दिसंबर से शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र के जैवविविधता शिखर सम्मेलन (सीओपी15) में नयी वैश्विक जैवविविधता रूपरेखा (जीबीएफ) पर वार्ता को अंतिम रूप देने की उम्मीद से एकत्रित हुए हैं। जीबीएफ उन नए लक्ष्यों को निर्धारित करेगी, जो 2030 तक प्रकृति के संरक्षण के लिए वैश्विक कार्यों का मार्गदर्शन करेंगे। सीओपी-15 में जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी, उनमें संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना करके और अन्य क्षेत्र आधारित संरक्षण के लिए कदम उठाकर पृथ्वी की 30 प्रतिशत भूमि एवं सागर को संरक्षित करना शामिल है, जिसे 30 गुणा 30 संरक्षण लक्ष्य नाम दिया गया है। 

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को सीओपी15 में कहा, हमारा अनुभव कहता है कि क्षेत्र-आधारित लक्ष्य निर्धारित करना ‘किसी एक कदम को सभी के लिए उपयुक्त मानने’ के दृष्टिकरण की तरह है, जो स्वीकार्य नहीं है।

पक्षकार जीवाश्म ईंधन उत्पादन, कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन के लिए सब्सिडी समेत पर्यावरण के लिए हानिकारक अन्य सब्सिडी को खत्म करने और इस धन का इस्तेमाल जैव विविधता संरक्षण के लिए करने पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत ने कहा कि कमजोर क्षेत्रों के लिए आवश्यक समर्थन को सब्सिडी नहीं कहा जा सकता है और उन्हें उन्मूलन के लिए लक्षित नहीं किया जा सकता, लेकिन उन्हें तर्कसंगत बनाया जा सकता है।

भारत ने सकारात्मक निवेश के माध्यम से जैव विविधता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। यादव ने कहा, अन्य विकासशील देशों की तरह हमारी कृषि करोड़ों लोगों के जीवन, आजीविका और संस्कृति का स्रोत है। उनकी गतिविधियों के आधुनिकीकरण में मदद करते हुए उनकी खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। यादव शुक्रवार को मॉन्ट्रियल पहुंचे और वह अगले सप्ताह वार्ता के अंतिम चरण में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022

मलेशिया को करीब 90 हजार अंडों का निर्यात किया

मलेशिया को करीब 90 हजार अंडों का निर्यात किया

इकबाल अंसारी/सुनील श्रीवास्तव 

चेन्नई/कुआलालंपुर। तमिलनाडु के नामक्कल जिले से पहली बार मलेशिया को करीब 90 हजार अंडों का निर्यात किया गया है। मलेशिया पिछले कुछ महीनों से अंडों की कमी का सामना कर रहा था और वहां के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री ने कुआलालंपुर में भारतीय दूतावास से संपर्क भारत से अंडे निर्यात करने की मांग की थी। 

मलेशिया में चिकन और अंडे मुख्य भोजन का हिस्सा हैं। इसलिए मलेशियाई सरकार द्वारा इसे एक गंभीर खाद्य सुरक्षा मुद्दा माना गया। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) की क्षेत्रीय प्रमुख शोभना कुमार ने बताया कि मलेशियाई मंत्री के अनुरोध के आधार पर, कुआलालंपुर में भारत के उच्चायुक्त ने 12 दिसंबर को केंद्र सरकार को एक पत्र भेजा जिसमें मलेशिया में अंडों की कमी और भारत से अंडे के आयात में उनकी रुचि के बारे में बताया गया।

एपीईडीए और एनिमल क्वारंटाइन एंड सर्टिफिकेशन सर्विसेज (एक्यूसीएस) ने प्रमाणन प्रक्रिया में तेजी लाते हुए तमिलनाडु के नमक्कल से मलेशिया को परीक्षण के तौर पर अंडों की पहली खेप भेजी। तिरुचिरापल्ली हवाई अड्डे से 14 दिसंबर करीब 90 हजार अंडे विमान द्वारा भेजे गए थे और विमान कल सुबह मलेशिया पहुंच गया। मलेशियाई लोगों की स्वीकृति के बाद इसके निर्यात जारी रहने के आसार है।

हिप्पो ने बच्चे को निगलने के बाद जिंदा उगला

हिप्पो ने बच्चे को निगलने के बाद जिंदा उगला

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

कंपाला। युगांडा में घर के पास खेलते समय 2 वर्षीय एक बच्चे को एक हिप्पो ने निगल लिया और फिर बाद में उसे ज़िंदा उगल दिया। पुलिस ने बताया कि बच्चे को बचाने के लिए एक शख्स ने हिप्पो पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया था। बाद में बच्चे को इलाज के लिए एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अफ्रीका के युगांडा की एक घटना ने लोगों को चौंका दिया है, जहां एक 2 साल के बच्चे को दरियाई घोड़े (Hippo) ने निगल लिया। हालांकि, जब वहां मौजूद शख्स ने उसे पत्थर मारना शुरू किया तो हिप्पो ने उसे उगल दिया। गनीमत रही कि इस घटना में बच्चा जिंदा बच गया। 

कैपिटल एफएम युगांडा के अनुसार, यह बच्चा रविवार को कैटवे कबाटोरो (Katwe Kabatoro) के शहर की एक झील किनारे अपने घर के पास खेल रहा था, तभी एक भूखे दरियाई घोड़े ने उसे अपने जबड़ों से पकड़ लिया। इससे पहले कि हिप्पो बच्चे को पूरी तरह से निगलता, वहां मौजूद एक शख्स ने समझदारी दिखाई और जानवर को पत्थर फेंक कर मारने लगा। ऐसे में हिप्पो ने बच्चे को उगल दिया।

इसके बाद बच्चे को तुरंत इलाज के लिए पास के शहर बवेरा (कांगो) स्थित एक अस्पताल ले जाया गया और हिप्पो वापस झील में चला गया। 'यूके टेलीग्राफ' को पुलिस ने बताया कि शख्स ने जब हिप्पो को पत्थर मारे तो वह डर गया, जिसकी वजह से उसने बच्चे को मुंह से बाहर फेंक दिया। Chrispas Bagonza नाम के शख्स की समझदारी और बहादुरी ने बच्चे की जान बचा ली।

यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। 13 दिसंबर को ट्विटर हैंडल @gorillasights से बच्चे और हिप्पो की तस्वीर पोस्ट की गई। उन्होंने कैप्शन में लिखा- हैरान करने वाली खबर!!! तस्वीर में जो हिप्पो नजर आ रहा है, वह क्वीन एलिजाबेथ नेशनल पार्क का है। उन्होंने आगे लिखा- एक दरियाई घोड़े ने इस बच्चे को निगला और फिर उगल दिया। मां उसे तुरंत अस्पताल लेकर भागी, जहां उसे पता चला कि वह जीवित है।

सबसे छोटे कद वाले जीवित शख्स बनें 'अफशिन'

सबसे छोटे कद वाले जीवित शख्स बनें 'अफशिन'

अखिलेश पांडेय 

तेहरान। ईरान के 20-वर्षीय अफशिन एस्माइल गैडरजेदह  65.24 सेंटीमीटर (2 फीट 1.6 इंच) की लंबाई के साथ दुनिया के सबसे छोटे कद वाले जीवित शख्स बन गए हैं। अफशीन पिछले रिकॉर्ड धारक कोलंबिया के 36-वर्षीय एडवर्ड नीनो हर्नांडेज से करीब 7 सेंटीमीटर (2.7 इंच) छोटे हैं। 700 ग्राम वज़न के साथ पैदा हुए अफशीन अब लगभग 6.5 किलोग्राम के हैं।  2 फीट 1 इंच लंबाई और 6.5 किलोग्राम वजन वाले ईरानी युवक अफशिन का शरीर बेहद कमजोर है. इसकी वजह से मोबाइल जैसी छोटी चीज भी वे यूज नहीं कर पाते हैं।

अफशिन का जब जन्‍म हुआ था तो उनका वजन 700 ग्राम था। वे ईरान के वेस्‍ट अजरबेजान प्रोविंस के बुकान काउंटी के रहने वाले हैं। उनकी लंबाई 2 फीट 1 इंच (65.24 सेमी) है। अफशिन ने कहा कि गिनीज वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में नाम आने के बाद उम्‍मीद है कि लोग उन्‍हें जानेंगे और लोग उनकी मदद भी कर सकेंगे। अफशिन ने कहा कि उन्‍हें उम्‍मीद है कि वह अपने सारे सपने पूरे कर सकेंगे। 

अफशिन ने कोलंबिया के 2.7 इंच वाले 36 साल के Edward Niño Hernandez का कम लंबाई का रिकॉर्ड तोड़ा है। अफशिन ने कहा कि वह शारीरिक तौर पर इतने कमजोर रहे कि कभी स्‍कूल भी नहीं जा पाए. उन्‍हें अपने स्‍थानीय गांव में कोई काम भी नहीं मिला। 

मोबाइल फोन भी उनके शरीर के लिहाज से भारी रहता है। यही कारण है कि वह मोबाइल भी नहीं पकड़ पाते हैं। अफशिन के पिता Esmaeil Ghaderzadeh ने कहा शारीरिक रूप से कमजोर होने की वजह से ही उनका बेटा पढ़ नहीं पाया। पर वह मानसिक तौर पर पूरी तरह से स्‍वस्‍थ्‍य है। अफशिन ने हाल ही में अपना नाम लिखना सीखा है। अफशिन ने बताया कि उनके नाप के कपड़े उन्‍हें नहीं मिल पाते हैं. यही वजह है कि वह तीन साल की उम्र के बच्‍चों  के साइज के कपड़े पहनते हैं।

अफशिन अपना ज्‍यादातर समय कार्टून देखने में बिताते हैं। उनका फेवरेट कार्टून टॉम एंड जेरी है। हाल में उन्‍होंने इंस्‍टाग्राम पर @mohamadghaderzadeh_official अकाउंट भी बनाया है। गिनीज वर्ल्‍ड रिकॉर्ड के एडिटर इन चीफ क्रेग ग्‍लेंडे ने भी अफशिन और उनके परिजनों से मिलने के बाद खुशी जताई। उन्‍होंने कहा अफशिन बतौर सेलिब्रिटी, अपना आने वाला सफर इंजॉय करने के लिए तैयार हैं। वहीं अफशिन ने कहा कि वह दुबई में मौजूद बुर्ज खलीफा इमारत के टॉप पर जाना चाहते हैं।

मंगलवार, 13 दिसंबर 2022

ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद कई बदलाव किए 

ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद कई बदलाव किए 

अखिलेश पांडेय 

टोरंटो/ओटावा/वाशिंगटन डीसी। अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने ट्विटर का 28 अक्टूबर को अधिग्रहण करने के बाद से इस सोशल मीडिया मंच में कई बदलाव किए हैं। जिसके परिणामस्वरूप कंपनी के भीतर व्यापक अराजकता और उथल-पुथल मची हुई है। ट्विटर के संचालन को संभालने के कुछ दिनों के भीतर, मस्क ने कंपनी के शीर्ष अधिकारियों और 7,500 में से आधे कर्मचारियों को निकाल दिया, विविधता और समावेशन का प्रतिनिधित्व करने वाले कर्मचारियों को असंगत तरीके से बाहर नहीं करने की सलाह को नजरअंदाज कर दिया और रोजगार श्रम कानूनों एवं कर्मचारी अनुबंधों का उल्लंघन किया। 

इसके बाद मस्क ने 16 नवंबर को शेष कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए एक ईमेल भेजा: पूरी तरह खुद को काम में झोंक दो या कंपनी छोड़ दो। पत्र में कहा गया, इसका मतलब है, बहुत तेजी के साथ घंटों काम करना। केवल असाधारण प्रदर्शन करने वालों को ही उत्तीर्ण किया जाएगा।

ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ कर्मचारी काम करते करते अपने कार्यालयों में ही सो गए। ऐसी स्थिति पैदा करना मस्क के लिए नई बात नहीं है। उनका पहले से ही अधिकारियों को बर्खास्त करने और टेस्ला में बड़े पैमाने पर छंटनी करने का इतिहास रहा है। मनुष्यों से मशीन के पुर्जों की तरह व्यवहार मस्क यांत्रिक शैली के प्रबंधन में भरोसा करते हैं, जिसके तहत कर्मचारियों से इंसानों के बजाय मशीन में लगे पुर्जे की तरह व्यवहार किया जाता है। 

अमेरिकी इंजीनियर फ्रेडरिक टेलर प्रबंधन सिद्धांत के शुरुआती समर्थकों में से एक थे। उन्होंने 1910 में प्रकाशित द प्रिंसिपल्स ऑफ साइंटिफिक मैनेजमेंट’ में लिखा था: अतीत में मनुष्य पहले रहा है। भविष्य में व्यवस्था पहले होनी चाहिए... हमारी योजना में, हम अपने कर्मचारियों से पहल नहीं मांगते है...

..हम कोई पहल नहीं चाहते। हम उनसे केवल यही चाहते हैं कि वे हमारे द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करें, जो हम कहते हैं, वह करें और इसे शीघ्र करें। इस शैली के तहत उत्पादन के साधनों को कर्मचारियों की भावनात्मक स्थिति से अधिक महत्व दिया जाता है, किंतु कर्मचारी वास्तव में भावनात्मक एवं संवेदनशील होते हैं, जिनके पास सोचने-समझने की ताकत है और जब उनके साथ उचित व्यवहार किया जाता है तो वे अपना काम अच्छी तरह से करते हैं।

मानव केन्द्रित कार्य
यांत्रिक प्रबंधन की कमियों के कारण मानवतावादी प्रबंधन दृष्टिकोण उत्पन्न हुआ। मानवतावादी दृष्टिकोण भावनात्मक रूप से स्वस्थ कार्यस्थलों, लैंगिक समानता, सम्मान, उत्पीड़न-विरोधी कर्मचारियों के बीच जुड़ाव और संघर्ष प्रबंधन को प्राथमिकता देता है। वैश्विक महामारी शुरू होने के बाद से अधिक मानवीय कार्यस्थल की अवधारणा तेजी से बढ़ रही है। कार्यस्थलों पर असंतोष के परिणामस्वरूप कर्मचारी अधिक मानव-केंद्रित कार्यस्थलों की मांग कर रहे हैं और अपने अधिकारों के लिए खड़े हो रहे हैं। 

पत्रकार टॉम गिब्बी ने फोर्ब्स में कहा कि कर्मचारी अपनी जरूरतों और चाहतों के बारे में स्पष्ट हैं। यदि उनका वर्तमान नियोक्ता उन जरूरतों को पूरा नहीं करता है, तो वे एक नया नियोक्ता ढूंढते हैं जो उनकी परवाह करता है। यह स्पष्ट है कि मस्क की कार्यस्थल संस्कृति के भले ही कोई भी लाभ हों, लेकिन यह स्वस्थ नहीं है।

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...