मंगलवार, 17 अक्तूबर 2023

26 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त न करें

26 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त न करें 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक महिला की तरफ से दायर 26 हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। महिला अब बच्चे को जन्म देगी और इसे नहीं गिराया जा सकता यही कोर्ट का फैसला है।
जानकारी के अनुसार दो बच्चों की मां एक विवाहित महिला को 26 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। क्योंकि भ्रूण स्वस्थ था और एम्स मेडिकल बोर्ड को बच्चे में को विसंगति नहीं मिली।
पीठ ने गर्भ समाप्त करने की अनुमति से किया इंकार
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि गर्भावस्था की अवधि 24 सप्ताह से ज्यादा हो गई है, जो मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी की अनुमति की सीमा में नहीं आता है इसलिए टर्मिनेशन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि भ्रूण 26 सप्ताह और 5 दिन का है और मां को तत्काल कोई खतरा नहीं है। इसमें कहा गया है कि भ्रूण में कोई विसंगति भी नहीं थी। पीठ ने कहा, “गर्भावस्था की लंबाई 24 सप्ताह से अधिक हो गई है और यह लगभग 26 सप्ताह और 5 दिन की है। गर्भावस्था की चिकित्सीय समाप्ति की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

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