गुरुवार, 24 अगस्त 2023

मस्तिष्क गतिविधियों को शब्दों में बदलना संभव

मस्तिष्क गतिविधियों को शब्दों में बदलना संभव 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है, जो लकवाग्रस्त लोगों के मस्तिष्क के संकेतों को पहले की तुलना में तेज गति से शब्दों में बदल सकता है। यह गंभीर रूप से लकवाग्रस्त लोगों के बीच संचार बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। शोधकर्ताओं ने कहा कि ‘ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस’ (बीसीआई) मस्तिष्क की गतिविधि को तेजी से और अधिक सटीक रूप से शब्दों में बदलने तथा मौजूदा तकनीकों की तुलना में व्यापक शब्दावली को शामिल करने में सक्षम है। 
मस्तिष्क आघात या ‘एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस’ सहित मस्तिष्क विकारों वाले लोगों को अक्सर मांसपेशियों के पक्षाघात के कारण बोलने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। पिछले अध्ययनों से पता चलता है कि लकवा पीड़ित व्यक्ति की मस्तिष्क गतिविधियों को शब्दों में बदलना संभव है, लेकिन केवल लिखित रूप में और सीमित गति, सटीकता और शब्दावली के साथ ऐसा किया जा सकता है। 
‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हालिया अध्ययन से पता चला है कि ‘बीसीआई’ जो मस्तिष्क में डाले गए बारीक इलेक्ट्रोड की एक श्रृंखला के जरिये एकल कोशिकाओं की तंत्रिका गतिविधि को एकत्र करता है, और इसे स्वरों में बदलने के लिए एक कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क को प्रशिक्षित करता है।
 इस उपकरण की मदद से, ‘एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस’ से पीड़ित एक मरीज औसतन 62 शब्द प्रति मिनट की दर से संवाद करने में सक्षम हुआ, जो कि इसी तरह के उपकरण के पिछले रिकॉर्ड से 3.4 गुना तेज है। बीसीआई ने 50 शब्दों की शब्दावली पर 9.1 प्रतिशत शब्द त्रुटि दर हासिल की, जो 2021 से पिछले अत्याधुनिक बीसीआई की तुलना में 2.7 गुना कम त्रुटियां हैं।

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