मंगलवार, 6 अगस्त 2019

बुध ग्रह का संक्षिप्त विवरण

बुध,सौरमंडल के आठ ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य से निकटतम है। इसका परिक्रमण काल लगभग 88 दिन है। पृथ्वी से देखने पर, यह अपनी कक्षा के ईर्दगिर्द 116 दिवसो में घूमता नजर आता है जो कि ग्रहों में सबसे तेज है।गर्मी बनाए रखने के लिहाज से इसका वायुमण्डल चूँकि करीब-करीब नगण्य है, बुध का भूपटल सभी ग्रहों की तुलना में तापमान का सर्वाधिक उतार-चढाव महसूस करता है, जो कि 100 K (−173 °C; −280 °F) रात्रि से लेकर भूमध्य रेखीय क्षेत्रों में दिन के समय 700 K (427 °C; 800 °F) तक है। वहीं ध्रुवों के तापमान स्थायी रूप से 180 K (−93 °C; −136 °F) के नीचे है। बुध के अक्ष का झुकाव सौरमंडल के अन्य किसी भी ग्रह से सबसे कम है (एक डीग्री का करीब 1⁄30), परंतु कक्षीय विकेन्द्रता सर्वाधिक है। बुध ग्रह अपसौर पर उपसौर की तुलना में सूर्य से करीब 1.5 गुना ज्यादा दूर होता है। बुध की धरती क्रेटरों से अटी पडी है तथा बिलकुल हमारे चन्द्रमा जैसी नजर आती है, जो इंगित करता है कि यह भूवैज्ञानिक रूप से अरबो वर्षों तक मृतप्राय रहा है।


कक्षीय विशेषताएँ
युग J2000
उपसौर
69,816,900 कि.मी
0.466 697 एयू
अपसौर
46,001,200 कि.मी
0.307 499 एयू
अर्ध मुख्य अक्ष
57,909,100 कि.मी
0.387 098 एयू
विकेन्द्रता
0.205 630[3]
परिक्रमण काल
87.969 1 d
(0.240 846 a)
0.5 मर्क्युरी सौर दिवस
संयुति काल
115.88 d
औसत परिक्रमण गति
47.87 km/s
औसत अनियमितता
174.796°
झुकाव
7.005° to इक्लिप्टिक
3.38° to सौर विषुवत रेखा
6.34° to सदा एक सा समतल 
आरोही ताख का रेखांश
48.331°
उपमन्द कोणांक
29.124°
उपग्रह
कोई नहीं
भौतिक विशेषताएँ
माध्य त्रिज्या
2,439.7 ± 1.0 कि.मी
0.3829 पृथ्वी
सपाटता
0
तल-क्षेत्रफल
7.48×107 कि.मी2
0.147 पृथ्वी
आयतन
6.083×1010 कि.मी3
0.056 पृथ्वी
द्रव्यमान
3.3022×1023 कि.ग्राg
0.055 पृथ्वी
माध्य घनत्व
5.427 ग्रा/सें.मी3
विषुवतीय सतह गुरुत्वाकर्षण
3.7 मी/से2
0.38 g
पलायन वेग
4.25 कि.मी/सें
नाक्षत्र घूर्णन 
काल
58.646 दिवस
1407.5 घंटा
विषुवतीय घूर्णन वेग
10.892 किमी/घंटा (3.026 मी/से)
कोणीय व्यास
4.5" – 13"
वायु-मंडल
सतह पर दाब
नाममात्र
संघटन
42% आण्विक ऑक्सीजन
29.0% सोडियम
22.0% हाईड्रोजन
6.0% हीलियम
0.5% पोटैशियम
आर्गन, नाइट्रोजन, कार्बन डाईआक्साइड, वाष्प, ज़ेनान, क्रिप्टान एवं नियॉन के नाममात्र
बुध को पृथ्वी जैसे अन्य ग्रहों के समान मौसमों का कोई भी अनुभव नहीं है। यह जकड़ा हुआ है इसलिए इसके घूर्णन की राह सौरमंडल में अद्वितीय है। किसी स्थिर खड़े सितारे के सापेक्ष देखने पर, यह हर दो कक्षीय प्रदक्षिणा के दरम्यान अपनी धूरी के ईर्दगिर्द ठीक तीन बार घूम लेता है। सूर्य की ओर से, किसी ऐसे फ्रेम ऑफ रिफरेंस में जो कक्षीय गति से घूमता है, देखने पर यह हरेक दो बुध वर्षों में मात्र एक बार घूमता नजर आता है। इस कारण बुध ग्रह पर कोई पर्यवेक्षक एक दिवस हरेक दो वर्षों का देखेगा।


बुध की कक्षा चुंकि पृथ्वी की कक्षा (शुक्र के भी) के भीतर स्थित है, यह पृथ्वी के आसमान में सुबह में या शाम को दिखाई दे सकता है, परंतु अर्धरात्रि को नहीं। पृथ्वी के सापेक्ष अपनी कक्षा पर सफर करते हुए यह शुक्र और हमारे चन्द्रमा की तरह कलाओं के सभी रुपों का प्रदर्शन करता है। हालांकि बुध ग्रह बहुत उज्जवल वस्तु जैसा दिख सकता है जब इसे पृथ्वी से देख जाए, सूर्य से इसकी निकटता शुक्र की तुलना में इसे देखना और अधिक कठिन बनाता है


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