मंगलवार, 11 जुलाई 2023

'लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल' में नजर आएंगे सैकत

'लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल' में नजर आएंगे सैकत

अखिलेश पांडेय 

पलामू। स्विट्जरलैंड में 12 अगस्त तक आयोजित होने वाले लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में पलामू के रंगमंच के कलाकार सैकत नजर आएंगे। साथ ही पलामू के सुदूरवर्ती क्षेत्र के युवक-युवती भी अभिनय करते नजर आएंगे। बता दें की फिल्म फेस्टिवल में जिस फिल्म का चयन हुआ है, वो पलामू में शूट की गयी है। 

अधिकांश पीटीआर क्षेत्र में इस फिल्म की शूटिंग हुई है। फिल्म का नाम व्हिस्पर ऑफ़ फायर एंड वाटर है। यह फिल्म हिंदी और बांग्ला में है। 

यह फिल्म लुद्धक चटर्जी के निर्देशन में बनी है। जो कि उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म है।

वर्षा: राज्य सरकारों ने अभियान तेज किए

वर्षा: राज्य सरकारों ने अभियान तेज किए

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उत्तर भारत के रेगिस्तान वाले राजस्थान से लेकर पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश तक लगातार हो रही बारिश मंगलवार को भी जारी रही, जिसके कारण सात और लोगों की मौत हो गयी, जबकि सैकड़ों लोग अभी भी इन क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। प्रभावित राज्यों की सरकारों ने पिछले तीन दिन की लगातार बारिश के कारण हुई भारी तबाही के मद्देनजर प्रभावित जिलों में राहत और बचाव अभियान तेज कर दिए हैं।

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण चार लोगों की मौत हुई जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। हिमाचल प्रदेश अत्यधिक वर्षा से सबसे अधिक प्रभावित है, और यहां कम से कम 300 लोग फंसे हुए हैं। मौसम विभाग ने शिमला, सिरमौर और किन्नौर जिलों में मध्यम से भीषण बाढ़ की आशंका की चेतावनी जारी की है। उत्तर-पश्चिमी भारत में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है।

जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हुई है। भारी बारिश के परिणामस्वरूप इन इलाकों में नदियां, छोटी नदियां और नाले उफान पर आ गए हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है और आवश्यक सेवाएं बाधित हो गईं।

राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान को पार कर गया, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि एहतियातन पुराने रेलवे पुल को सड़क व रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली की यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘यमुना नदी में पानी के खतरनाक स्तर के कारण पुराने रेलवे पुल, पुस्ता रोड गांधी नगर को अगले आदेश तक सार्वजनिक/यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे तदनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं।’’ यातायात पुलिस ने यात्रियों से बंगला साहिब गुरुद्वारा और रकाबगंज गुरुद्वारे में गुरुपर्व समारोह के मद्देनजर बाबा खड़क सिंह मार्ग, पंडित पंत मार्ग आदि से निकलने से बचने को भी कहा। दिल्ली में यमुना का पानी अनुमान से पहले सोमवार शाम को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया था।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, हरियाणा द्वारा यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में अधिक पानी छोड़े जाने के कारण सोमवार शाम पांच बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर बढ़कर 205.4 मीटर हो गया था और मंगलवार सुबह छह बजे तक यह 206.38 मीटर पर पहुंच गया। इसके मंगलवार शाम तक 206.75 मीटर तक पहुंचने की आशंका है।

उत्तराखंड में सोमवार रात उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी पुल के पास भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में तीन वाहन दब गए, जिसके कारण मध्य प्रदेश के चार तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। एक अधिकारी के मुताबिक चार में से तीन लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं और चौथे व्यक्ति को मलबे से निकालने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि घायल हुए सात लोगों में से दो की हालत गंभीर है।

उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमावर्ती इलाके में बरसाती नदी जुम्मागाड़ में अचानक आई बाढ़ में उस पर बना पुल सोमवार रात को बह गया जिससे भारत-तिब्बत सीमा को जोड़ने वाली सड़क बंद हो गयी तथा एक दर्जन से अधिक सीमांत गांवों का संपर्क टूट गया। यह पुल जोशीमठ से करीब 45 किलोमीटर दूर जोशीमठ-नीति राजमार्ग पर स्थित जुम्मा गांव के पास था।

हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में चंद्रताल झील क्षेत्र में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए भेजे गए भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को खराब मौसम के कारण वापस लौटना पड़ा। राज्य में 14,100 फुट की ऊंचाई पर स्थित चंद्रताल झील क्षेत्र में फंसे करीब 300 पर्यटकों को निकालने के लिए भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को बुलाया गया और अधिकारियों के मुताबिक उन्हें मंगलवार रात तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।

काजा से एक बचाव दल कुंजुम दर्रा पहुंच गया है तथा वह झील से महज आठ किलोमीटर दूर है। राज्य के प्रधान सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। शर्मा ने कहा, ‘‘उनमें से दो को अत्यधिक ऊंचाई होने के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है तथा उन्हें हवाई मार्ग से निकाला जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि वहां फंसे सभी लोगों को मंगलवार रात तक सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सोमवार को पर्वतीय राज्य में विभिन्न स्थानों से करीब 100 लोगों को बचाया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, लाहौल के चंद्रताल और पागल नाला तथा मंडी के विभिन्न हिस्सों में अब भी करीब 800 लोग फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि लोसर तथा काजा की तरफ से सड़क मरम्मत के लिए दो दलों को भेजा गया है।

दल में प्रशासन, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सदस्य, पुलिसकर्मी तथा स्थानीय ग्रामीण शामिल हैं। शर्मा ने बताया कि 24 जून को मानसून आने के बाद से राज्य में 780 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और सड़कों, पुलों तथा जल आपूर्ति व्यवस्था को हुए नुकसान के कारण यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।

सोमवार शाम से बारिश रुक गई है और बचाव कार्य और सड़क बहाली के काम में तेजी आ गई है। इस बीच, पंजाब और हरियाणा में तीन दिनों की लगातार बारिश के बाद मंगलवार को मौसम साफ हो गया। बारिश के कारण दोनों राज्य के कई हिस्सों में भारी तबाही हुई है। अधिकारियों ने कहा कि रूपनगर, पटियाला, मोहाली, अंबाला और पंचकूला सहित दोनों राज्यों के प्रभावित जिलों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।

पंजाब के होशियारपुर में नौ और 10 जुलाई की रात को भारी बारिश के कारण मिट्टी के घर की छत गिरने से 75 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। सुल्तानपुर लोधी में 24 वर्षीय एक व्यक्ति के शाहकोट के पास सतलुज नदी के बाढ़ के पानी में डूबने की आशंका है। हरियाणा के अंबाला शहर में घग्गर नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद एक आवासीय विद्यालय की कुल 730 छात्राओं को सोमवार की रात उनके छात्रावास परिसर में बाढ़ का पानी घुसने के बाद कुरुक्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया।

अधिकारियों ने कहा कि चूंकि, राज्य के हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, इसलिए निकटवर्ती निचले इलाकों के लोगों को नदी के किनारे से दूर रहने के लिए कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह नौ बजे बैराज से करीब 3.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बताया जा रहा है कि इस साल बैराज से छोड़े गए पानी की यह सबसे अधिक मात्रा है। यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों के कई गांवों और यमुना नदी से सटे गांवों को अलर्ट पर रखा गया है।

पंजाब और हरियाणा के कुछ सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है, लेकिन अधिकारी उन्हें बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। हरियाणा में जलभराव के कारण अंबाला-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई प्रमुख राजमार्गों को अस्थायी रूप से यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में आधी रात के आसपास लगातार बारिश के कारण एक मंजिला मकान ढह जाने से 42 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी और बेटा घायल हो गए। राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में भी भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई, जहां सोमवार रात को प्रतापगढ़ जिले में 35 वर्षीय एक व्यक्ति उफनती कर्मवाछनी नदी में डूब गया।

काठमांडू जा रहा हेलीकॉप्टर लापता, क्रैश हुआ 

काठमांडू जा रहा हेलीकॉप्टर लापता, क्रैश हुआ 

सुनील श्रीवास्तव 

काठमांडू। नेपाल के सोलुखुम्बु से मंगलवार को काठमांडू जा रहा मनांग एयर का हेलीकॉप्टर लापता होने के बाद क्रैश हो गया है। हालांकि अभी तक इसके बारे में अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुका है।बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर सोलुखुम्बु जिले के लिखुपिके ग्रामीण नगर पालिका के लमजुरा में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।हेलीकॉप्टर जिरी और फाप्लू के बीच स्थित है।

वहीं, इससे पहले सूचना अधिकारी ज्ञानेंद्र भुल ने बताया कि  “हेलिकॉप्टर सोलुखुम्बु से काठमांडू जा रहा था और सुबह करीब 10 बजे नियंत्रण टावर से उसका संपर्क टूट गया।” कॉल साइन 9NMV वाला हेलीकॉप्टर सुबह 10:12 बजे (स्थानीय समय) पर रडार से उतर गया। लापता हेलिकॉप्टर पर 5 विदेशी नागरिक सवार थे।

नदियों में स्नान करना पुण्य कर्म, जानिए विधि 

नदियों में स्नान करना पुण्य कर्म, जानिए विधि 


पुण्य अवसरों पर नदियों में इस तरह से करें स्नान 

राजेंद्र गुप्ता

अक्सर लोग अमावस्या या पूर्णिमा पर या किसी विशेष दिन जब स्नान करने जाते हैं, तो बस दो या तीन चार डुबकी लगा कर आ जाते हैं। लेकिन, ऐसा तो आप किसी भी नदी में कर सकते हैं। यह स्नान तो साधारण ही हुआ। नदी के पास रहने वाले लोग ऐसा स्नान रोज ही करते हैं। तब क्या है तीर्थ, माघ, अमावस्या, पूर्णिमा और कुंभ में स्नान करने के नियम जिससे स्नान का पूर्ण लाभ मिले?

प्रात: काल स्नान का महत्व : तीर्थ में प्रात: काल स्नान करने का महत्व है। प्रात: काल स्नान करने से दुष्ट विचार और आत्मा पास नहीं आते। रूप, तेज, बल पवित्रता, आयु, आरोग्य, निर्लोभता, दुःस्वप्न का नाश, तप और मेधा यह दस गुण प्रातः स्नान करने वाले को प्राप्त होते हैं। अतएव लक्ष्मी, पुष्टी व आरोग्य की वृद्धि चाहने वाले मनुष्य को सदेव स्नान करना चाहिए।

नदी स्नान की विधि : उषा की लाली से पहले ही स्नान करना उत्तम माना गया है। इससे प्रजापत्य का फल प्राप्त होता है। नदी से दूर तट पर ही देह पर हाथ मलमलकर नहा ले, तब नदी में गोता लगाएं। शास्त्रों में इसे मलापकर्षण स्नान कहा गया है। यह अमंत्रक होता है। यह स्नान स्वास्थ और शुचिता दोनों के लिए आवश्यक है। देह में मल रह जाने से शुचिता में कमी आ जाती है और रोम छिद्रों के न खुलने से स्वास्थ में भी अवरोध होता है। इसलिए मोटे कपड़े से प्रत्येक अंग को रगड़-रगड़ कर स्नान करना चाहिए।

शिखा धारण कर रखी है तो : निवीत होकर बेसन आदी से यज्ञोपवीत भी स्वच्छ कर लें। इसके बाद शिखा बांधकर दोनों हाथों में पवित्री पहनकर आचमन आदी से शुद्ध होकर दाहिने हाथ में जल लेकर शास्त्रानुसार संकल्प करें। संकल्प के पश्चात मंत्र पड़कर शरीर पर मिट्टी लगाएं। इसके पश्चात गंगाजी की उन उक्तियों को बोलें। इसके पश्चात नाभी पर्यंत जल मे जाकर, जल की ऊपरी सतह हटाकर, कान औए नाक बंद कर प्रवाह की और या सूर्य की और मुख करके स्नान करें। तीन, पांच ,सात या बारह डुबकियां लगाए। डुबकी लगाने से पहले शिखा खोल लें।

हमारे शरीर में 9 छिद्र होते हैं उन छिद्रों को साफ-सुधरा बनाने रखने से जहां मन पवित्र रहता है वहीं शरीर पूर्णत: शुद्ध बना रहकर निरोगी रहता है। मलपूर्ण शरीर शुद्ध तीर्थ में स्नान करने से शुद्ध होता है। इस प्रकार दृष्टफल-शरीर की स्वच्छता, अदृष्टफल-पापनाश तथा पुण्य की प्राप्ति, यह दोनों प्रकार के फल मिलते हैं। अशक्तजनों को असमर्थ होने पर सिर के नीचे ही स्नान करना चाहिए अथवा गीले कपड़े से शरीर को पोछना भी एक प्रकार का स्नान है।

स्नान में निषिद्ध कार्य : नदी के जल में वस्त्र नहीं निचोड़ना चाहिए। जल में मल-मूत्र त्यागना और थूकना नदी का पाप माना गया है। शोचकाल वस्त्र पहनकर तीर्थ में स्नान करना निषिद्ध है। तेल लगाकर तथा देह को मलमलकर नदी में नहाना मना है।

स्नान के बाद क्या करें : हिन्दू धर्म अनुसार स्नान और ध्यान का बहुत महत्व है। स्नान के पश्चात ध्यान, पूजा या जप आदि कार्य सम्पन्न किए जाते हैं।

बच्चियों से अश्लील हरकतें, एसडीएम गिरफ्तार 

बच्चियों से अश्लील हरकतें, एसडीएम गिरफ्तार 

मनोज सिंह ठाकुर 

झाबुआ। डिप्टी कलेक्टर सुनील कुमार झा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, झाबुआ में अनुसूचित जनजाति के छात्रावास में आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम ने वहां मौजूद बच्चियों से बेहद अश्लील हरकतें की। छात्राओं ने इसकी शिकायत छात्रावास अधीक्षक से की। वहीं, अधीक्षक के आवेदन पर पुलिस ने एसडीएम सुनील कुमार झा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है। 

इंदौर कमिश्नर पवन कुमार शर्मा ने एसडीएम सुनील कुमार झा को सस्पेंड कर दिया है। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी एसडीएम को गिरफ्तार भी कर लिया है।

अध्यात्म: सावन में 'महामृत्युंजय' मंत्र का करें जाप

अध्यात्म: सावन में 'महामृत्युंजय' मंत्र का करें जाप


अयोध्या। सावन का पवित्र माह चल रहा है। सावन का यह माह भगवान शंकर को समर्पित होता है। सावन में भगवान शिव की आराधना करने से समस्त मनोकामना की भी पूर्ति होती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, सावन के महीने में अगर सच्चे मन से भगवान शंकर को प्रसन्न करना है, तो प्रत्येक दिन शिव मंदिर में जाकर भगवान शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए। रुद्राभिषेक करना चाहिए। ऐसी मान्यता है, जो भी भक्त सच्चे मन और सच्ची श्रद्धा से सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करते है। उनके मंत्रों का जप करता है, तो भगवान शंकर जल्दी प्रसन्न होते हैं। आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे महामृत्युंजय मंत्र के बारे में, तो चलिए जानते हैं।

अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं, कि सावन का पवित्र महीना चल रहा है। ऐसे में देवाधिदेव महादेव की प्रसन्नता के लिए लोग नाना प्रकार के उपाय कर रहे हैं। इसी उपाय के बीच भगवान शंकर का अमोघ मंत्र महामृत्युंजय मंत्र एक ऐसी संजीवनी मंत्र है, जो समस्त कामनाओं की सिद्धि करने वाला है। दीर्घायु जीवन की प्राप्ति सौभाग्य की प्राप्ति कालसर्प दोष से मुक्ति जो भी भक्त इस मंत्र की अभिलाषा के साथ जब करता है। भगवान भोलेनाथ उसकी सारी मुरादें पूरी करते हैं।

देवा दी देव महादेव को महामृत्युंजय मंत्र काफी प्रिय माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का जप करने से भगवान शंकर जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाएं को पूरा करते हैं। इतना ही नहीं, महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु से भी बचा जा सकता है।

महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हुए आसन पर बैठकर जब करना चाहिए। पूरब दिशा की तरफ मुंह करके मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र का जप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का अवश्य प्रयोग करना चाहिए। मंत्र का जप करने वाले दिन में मांस और प्याज लहसुन का सेवन करना वर्जित होता है. इतना ही नहीं स्वच्छ और भक्ति भाव के साथ भगवान शंकर के मंत्र का जप करना चाहिए।

अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं और आप इससे निजात पा रहे हैं, तो अपने घर में महामृत्युंजय मंत्र का जप करें ऐसा करने से सभी परेशानियां दूर होंगी।

अगर आपको भैया डर सता रहा है और आप भविष्य में होने वाली बातों को लेकर परेशान हैं, तो आप महामृत्युंजय का जप कर सकते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र का जप करके आप आर्थिक तंगी और कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं, और अगर आप पैसों की तंगी से परेशान है, तो प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-269, (वर्ष-06) पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. बुधवार, जुलाई 12, 2023

3. शक-1944, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दसमीं, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 05:18, सूर्यास्त: 07:11। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 18 डी.सै., अधिकतम- 30+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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