बरसात के दिन 'समसामयिक'
जल अनेक अर्थों में जीवनदाता होता है, इसलिए कहा गया है कि 'जल ही जीवन' है। मनुष्य ही नहीं, जल का उपयोग सभी सजीव जीव-जंतु व प्राणियों के लिए अनिवार्य होता है। पेड़-पौधे एवं वनस्पति जगत के साथ अन्य सभी सजीव संरचना के लिए जल आवश्यक होता है। यह उन पांच तत्वों में से एक है जिससे हमारे शरीर की रचना हुई है। इसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते हैं।
किंतु आज कई बड़े शहरों में जल निकासी न होने के कारण एकत्रित जल प्रदूषण का संवाहक बन जाता है। उसमें रोगाणु उत्पन्न होकर अनेक प्रकार के रोगों को जन्म देते हैं। जनपद गाजियाबाद स्थित उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नगर पालिका परिषद लोनी में जल निकासी ना होने के कारण बरसात के दिनों में जरा सी बरसात होते ही नेशनल हाईवे, इंटर स्टेट हाईवे, सर्कुलर सड़कें और अंदर गलियों तक में जलजमाव हो गया है। अभी बरसात शुरू ही हुई है, जैसे-जैसे बरसात होती जाएगी, वैसे-वैसे यह प्रदूषित जल स्थानीय नागरिकों को अपनी चपेट में ले लेगा। जिसके कारण हजारों लोग असहनीय पीड़ा का दंश झेलने के लिए विवश होंगे। इन सब के पीछे हमारा स्थानीय जनप्रतिनिधि उत्तराधिकारी है। जनता को तरह-तरह से लूट-खसोटने के अलावा, जनहित में कोई भी ऐसा काम नहीं किया गया है। जिससे जनता को राहत प्रदान हो सकें। जबकि केंद्र व राज्य दोनों स्थानों पर एक ही राजनीतिक पार्टी की सरकार गठित हुई है। सांसद एवं विधायक दोनों जनप्रतिनिधियों का सत्ताधारी पार्टी से संबंध है। इसके बावजूद भी इस विकट समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया है। किसी सदन में इस समस्या के लिए किसी प्रतिनिधि ने आवाज ही नहीं उठाई है।
आपको बता दें विश्व भर में 80 प्रतिशत से अधिक बीमारियां प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में प्रदूषित जल से ही होती है।
हमारे यहां सड़कों पर, कच्ची गलियों में, खाली प्लाटों में और जो भी तराई क्षेत्र है। वहां बरसात का पानी एकत्रित हो जाता है। एकत्रित होकर जल प्रदूषित हो जाता है। उसमें जीवाणु, रोगाणु और विषाणु उत्पन्न हो जाते हैं। प्रदूषित जल के कारण हमें खुजली, खालिस, पीलिया, पोलियो, गैस्ट्रो, एन्टराइटिस, जुखाम, संक्रमण, यकृत शोध, चेचक अतिसार, पेचिस, मियादी बुखार, अति ज्वर, हैजा, खांसी और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां उत्पन्न होती है। क्योंकि जल के अंदर नाइट्रेट, सल्फेट, बोरेट, कार्बोनेट, सिलियम, यूरेनियम, बोरान, बेरियम, मैगजीन आदि खनिज पदार्थ उत्पन्न रहते हैं।
राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'