शुक्रवार, 30 सितंबर 2022
पीएम ने लता मंगेशकर चौक का उद्घाटन किया
नवरात्रि का छठां दिन मां 'कात्यायनी' को समर्पित
विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण
विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण
विमलेश यादव
गांधीनगर/सूरत/अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को सूरत में 3400 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर कार्यों के पहले चरण और डायमंड रिसर्च एंड मर्केंटाइल (ड्रीम) शहर के मुख्य प्रवेश द्वार का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने परियोजना के दूसरे चरण का शिलान्यास भी किया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने जैव विविधता पार्क की आधारशिला रखी, जो डॉ. हेडगेवार ब्रिज से भीमराड-बमरोली ब्रिज तक 87 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने सूरत के विज्ञान केंद्र में खोज संग्रहालय का भी उद्घाटन किया।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने नवरात्रि के शुभ अवसर पर सूरत में कई परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ-साथ आगामी परियोजनाओं की आधारशिला रखने का अवसर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नवरात्रि का व्रत रखने वाले मेरे जैसे व्यक्ति के लिए सूरत जैसी विशिष्ट व्यंजनों वाली भूमि पर आना थोड़ा कठिन है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 75 अमृत सरोवर का कार्य जोरों पर चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सूरत शहर लोगों की एकजुटता और जनभागीदारी, दोनों का बहुत ही शानदार उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सूरत की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये शहर श्रम का सम्मान करने वाला शहर है। मोदी ने कहा, “हिन्दुस्तान का कोई प्रदेश ऐसा नहीं होगा, जिसके लोग सूरत की धरती पर न रहते हों। एक तरह से यह मिनी इंडिया है।”
इस सदी के शुरुआती दशकों के समय को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदी के शुरुआती दशकों में जब दुनिया में 3-पी यानि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप की चर्चा होती थी, तब मैं कहता था कि सूरत 4-पी का उदाहरण है। मोदी ने कहा, “4-पी यानि पीपुल, पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप। यही मॉडल सूरत को विशेष बनाता है।” उन्होंने कहा कि आज सूरत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में शुमार है, उन दिनों से बहुत अलग है जब शहर का नाम महामारी और बाढ़ के लिए बदनाम किया गया। उन्होंने सूरत के नागरिक जीवन में जैव विविधता पार्क के लाभों के बारे में विस्तार से बताया। डबल इंजन वाली सरकार बनने के बाद सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बनने के बाद तो घर बनाने में भी तेजी आई है और सूरत के गरीबों, मिडिल क्लास को दूसरी सुविधाएं भी मिलने लगी हैं। आयुष्मान भारत योजना के लाभों के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में अभी तक लगभग 4 करोड़ गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज मिल चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा, “इसमें से 32 लाख से अधिक मरीज गुजरात के हैं और लगभग सवा लाख सूरत से हैं।”
सूरत के कपड़ा और हीरे के कारोबार के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सूरत के कपड़ा और हीरा कारोबार से देशभर के अनेक परिवारों का जीवन चलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट जब पूरा हो जाएगा तो सूरत, विश्व के सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक डायमंड ट्रेडिंग हब के रूप में विकसित होगा। शहर में आधारभूत संरचना के विकास के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट से शहर को जोड़ने वाली सड़क जो बनी है, वो सूरत की संस्कृति, समृद्धि और आधुनिकता को दर्शाती है। प्रधानमंत्री ने दिल्ली में तत्कालीन सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि तब जो दिल्ली में सरकार थी, हम उनको बताते-बताते थक गए कि सूरत को एयरपोर्ट की जरूरत क्यों है, इस शहर का सामर्थ्य क्या है। उन्होंने शहर में एक हवाई अड्डे की आवश्यकता पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने कहा,”आज देखिए, कितनी ही फ्लाइट्स यहां से चलती हैं, कितने लोग हर रोज यहां एयरपोर्ट पर उतरते हैं।” मोदी ने इसी तरह की स्थिति को याद करते हुए यह भी कहा कि यहां अनेक साथी ऐसे हैं जिन्होंने एयरपोर्ट के लिए भी हमारे लंबे संघर्ष को देखा है, उसका हिस्सा भी रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सूरत में मेट्रो की स्वीकृति के समय भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई थी।
लॉजिस्टिक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सूरत के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि कारोबार और व्यापार में लॉजिस्टिक का कितना अधिक महत्व है। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक पॉलिसी के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे सूरत को बहुत लाभ होने वाला है। उन्होंने कहा कि मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी पर भी सूरत में एक बड़ी परियोजना पर काम चल रहा है। हजीरा घोघा रोपैक्स फेरी सेवा रोपैक्स के माध्यम से 400 किमी सड़क दूरी को नाटकीय रूप से 10-12 घंटे से घटाकर 3-4 घंटे तक कम करके समय और धन दोनों की बचत कर रही है। सूरत से काशी और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक कनेक्टिविटी का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि माल का ट्रक लोड किया जाता है, और अब रेलवे व तटीय विभाग शिपमेंट की संख्या को बढ़ावा देने के लिए अद्वितीय नवाचारों के साथ आए हैं। प्रधानमंत्री ने समझाया, “रेलवे ने अपने कोचों के डिजाइन में इस तरह से बदलाव किया है कि कार्गो आसानी से उसमें फिट हो सके। इसके लिए एक टन के कंटेनर भी खास तौर पर बनाए गए हैं। इन कंटेनरों को आसानी से लोड और अनलोड किया जाता है। शुरुआती सफलता के बाद अब सूरत से काशी के लिए नई ट्रेन चलाने का प्रयास किया जा रहा है। यह ट्रेन सूरत से काशी तक माल ले जाएगी।”
प्रधानमंत्री ने डायमंड सिटी से ब्रिज सिटी और अब बदल कर जल्द ही इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी के रूप में सूरत की पहचान कायम होने के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों के आगमन पर जोर दिया और कहा कि सूरत जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी जाना जाएगा। मोदी ने कहा कि अभी तक केंद्र सरकार देश भर में इलेक्ट्रिक वाहन चलाने में सरकारों की मदद कर रही है और देश के अन्य शहरों की तुलना में सूरत इस मामले में एक कदम आगे है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज सूरत शहर में 25 चार्जिंग स्टेशनों का उद्घाटन किया गया है और इतने ही स्टेशनों की आधारशिला रखी गई है। निकट भविष्य में सूरत में 500 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।”
संबोधन के समापन में, प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 2 दशकों से विकास के जिस पथ पर सूरत चल पड़ा है, वो आने वाले सालों में और तेज होने वाला है। उन्होंने कहा, “यही विकास आज डबल इंजन सरकार पर विश्वास के रूप में झलकता है। जब विश्वास बढ़ता है, प्रयास बढ़ता है, और सबका प्रयास से राष्ट्र के विकास की गति तेज होती है। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, संसद सदस्य सी. आर. पाटिल और प्रभुभाई वासवम, केंद्रीय राज्य मंत्री दर्शना विक्रम जरदोश और गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
जनरल चौहान ने 'सीडीएस' का पदभार ग्रहण किया
जनरल चौहान ने 'सीडीएस' का पदभार ग्रहण किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को भारत के दूसरे प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) का पदभार ग्रहण किया। उनके सामने सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंगों के बीच समन्वय और महत्वाकांक्षी ‘थियेटर’ कमान के निर्माण का लक्ष्य है ताकि देश की सेनाओं को भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जा सके। जनरल चौहान सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख रह चुके हैं। तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में, भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के नौ महीने से ज्यादा समय बाद जनरल चौहान ने वरिष्ठतम सैन्य कमांडर का दायित्व ग्रहण किया है। जनरल चौहान ने कहा, “भारतीय सशस्त्र बलों में सबसे ऊंचे रैंक का दायित्व ग्रहण कर मुझे गर्व हो रहा है।
मैं सेना के तीनों अंगों की उम्मीदों पर खरा उतरने और सबको साथ लेकर सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने प्रयास करूंगा।” सीडीएस का कार्यभार ग्रहण करने से पहले जनरल चौहान ने इंडिया गेट पर राष्ट्रीय समर स्मारक पर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उनके पिता सुरेंद्र सिंह चौहान भी स्मारक पर मौजूद थे। जनरल चौहान को रायसीना हिल्स पर साउथ ब्लॉक के लॉन पर तीनों सेनाओं की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस अवसर पर थलसेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय, वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और नौसेना के उप प्रमुख वाईस एडमिरल एस. एन. घोरमाडे मौजूद थे। जनरल चौहान की पत्नी अनुपमा भी उनके साथ थीं।
चीन संबंधी मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले जनरल चौहान की नए सीडीएस के रूप में नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध बरकरार है। भारतीय सेना के बेहद अनुभवी और अलंकृत अधिकारी, 61 वर्षीय जनरल चौहान रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर भी काम करेंगे। वह पूर्वी कमान के प्रमुख के पद से गत वर्ष 31 मई को सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद वह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के अधीन सैन्य सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे। जनरल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को हुआ था और 1981 में 11 गोरखा राइफल्स में उन्हें कमीशन मिला था।
सीडीएस के तौर पर जनरल चौहान के सामने, एकीकृत सैन्य कमान के तौर पर ‘थिएटर कमान’ की स्थापना करने की चुनौती होगी। पिछले साल जनरल रावत के नेतृत्व वाले सैन्य मामलों के विभाग ने तीनों सेनाओं से थिएटर कमान की योजना के बाबत स्वतंत्र योजना बनाने को कहा था। परन्तु, आठ दिसंबर 2021 को जनरल रावत के निधन के बाद यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। इस योजना के तहत प्रत्येक थिएटर कमान के पास थलसेना, नौसेना और वायुसेना की इकाइयां होंगी और ये सभी एक इकाई (कमान) के रूप में, किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में, एक कमांडर के नेतृत्व में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सक्षम होंगी। वर्तमान में तीनों सेनाओं की कुल 17 कमान हैं। शुरुआत में एक योजना बनाई गई थी जिसके तहत एक ‘एयर डिफेंस कमान’ और एक ‘मेरीटाइम थिएटर कमान’ का निर्माण किया जाना था।
प्रस्तावित थिएटर कमान को लेकर भारतीय वायु सेना को कुछ आशंकाएं हैं। एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने जून में कहा था कि वायु सेना तीनों सेनाओं के एकीकरण को लेकर पूरी तरह तैयार है। जनरल चौहान 2019 में बालाकोट हमले के दौरान सेना के सैन्य परिचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) थे। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट पर हवाई हमले किये थे और जैश ए मोहम्मद के प्रशिक्षण केंद्रों को बर्बाद कर दिया था। जनरल चौहान ने देश के दूसरे सीडीएस का कार्यभार संभालने के बाद ‘फोर-स्टार रैंक’ धारण किया है। वह ऐसे पहले सेवानिवृत्त अधिकारी बन गए हैं जिन्होंने सेवानिवृत्त होने के बाद चार सितारा रैंक के साथ सेवा में वापसी की।
भारत जोड़ो यात्रा, भाजपा-आरएसएस पर निशाना
भारत जोड़ो यात्रा, भाजपा-आरएसएस पर निशाना
अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी
नई दिल्ली/गुंदलुपेट। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को भारतीय जनता दल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के पास केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ा होने का एकमात्र विकल्प ‘भारत जोड़ो यात्रा’ बचा हुआ है। गांधी की यात्रा तमिलनाडु की सीमा गुडलूर से कर्नाटक के गुंदलुपेट में प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में विभिन्न संस्थान होते हैं जहां पर आप अपनी बात रख सकते हैं, जैसे कि मीडिया और संसद। विपक्ष के लिए सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं।
मीडिया हमारे विचारों को जनता तक नहीं पहुंचाता है और यह पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में है। जब हम संसद में बोलना चाहते हैं तो हमारे माइक बंद कर दिए जाते हैं, विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया जाता है। राज्य विधानसभाओं को चलने नहीं दिया जा रहा है। इसलिए विपक्ष के पास भारत जोड़ो यात्रा ही एकमात्र विकल्प बचा हुआ है।” उन्होंने कहा,“कोई भी शक्ति हमें इस मार्ग पर चलने से नहीं रोक सकती है क्योंकि हम इस पथ पर नहीं चल रहे हैं यह भारत की आवाज है।
इस यात्रा के माध्यम से हम लोगों के दुख-दर्द और कष्टों को सुन रहे हैं। इसलिए भाषण कुछ मिनटों तक ही सीमित करते हैं, जबकि सुबह से शाम तक यात्रा करना और लोगों की बातें सुनने का काम किया जा रहा है।” श्री राहुल गांधी ने कहा कि सभी जाति, धर्म और भाषा के लोग इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं, जो भाईचारे का प्रतीक है, जबकि भाजपा और आरएसएस सत्ता में बने रहने के लिए नफरत और हिंसा फैला रहे हैं। यह यात्रा कर्नाटक के सात जिलों से होकर गुजरेगी और लगभग 500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इसमें कर्नाटक की सात लोकसभा और 22 विधानसभा सीटें को कवर किया जाएगा। कर्नाटक में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
पंजाब: सीएम मान ने कांग्रेस नेतृत्व की कड़ी निंदा की
पंजाब: सीएम मान ने कांग्रेस नेतृत्व की कड़ी निंदा की
अमित शर्मा
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को सत्र में विधानसभा अध्यक्ष की गरिमा पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व की कड़ी निंदा की और कहा कि जो कांग्रेस विधायक अब उंगली उठा रहे हैं, उन्होंने एक ‘फर्जी सीएम’ के साथ काम किया है। पिछली सरकार में कैप्टन अमरिंदर सिंह हमेशा भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करते थे। मान ने सत्र में विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा,“जो ‘नकली सीएम’ कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए काम कर रहे थे, वे अब सत्र में ‘मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे हैं। कांग्रेस भाजपा के लिए काम कर रही है और उन्हें आधिकारिक तौर पर भाजपा को उसकी पार्टी के नाम के साथ लिखना चाहिए।
सत्र में हंगामा करने के लिए कांग्रेस विधायकों पर हमला करते हुए, मान ने कहा कि कांग्रेस ने सदन का कीमती समय बर्बाद किया है और उन्हें तथाकथित ‘भाजपा के सत्र’ में शामिल होने के लिए कहा है ताकि सदन को जनहित में निर्णय लेने के लिए ठीक से काम करने दिया जा सके। सत्र के दौरान, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विपक्ष के पास सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ शून्य मुद्दा है और कांग्रेस ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों का एक भी मुद्दा नहीं उठाया और उन्होंने विधानसभा में एक भी सवाल नहीं उठाया। कांग्रेस के पास सदन में अशांति पैदा करने का एकमात्र एजेंडा है और यह बेहद दुखद और निराशाजनक है कि वे लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस निहित स्वार्थ के साथ काम कर रही है और उन्हें पंजाब के कल्याण की परवाह नहीं है। कांग्रेस अब आधिकारिक तौर पर भाजपा की बी-टीम बन गई है। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने सत्र में हंगामा करने के लिए विपक्ष की आलोचना की और कहा कि सदन को दोपहर साढ़े तीन बजे तक कामकाज करना है लेकिन कांग्रेस ने सदन में हंगामा कर पंजाब की जनता को धोखा दिया. यह दुख की बात है कि वे पंजाब और पंजाबियों के कल्याण के लिए विधेयकों पर बहस करने में विफल रहे हैं।
अशोक स्तंभ के स्वरूप को चुनौती, याचिका खारिज
अशोक स्तंभ के स्वरूप को चुनौती, याचिका खारिज
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत भारत के नए संसद भवन पर बनाए गए अशोक स्तंभ के स्वरूप को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी। दो वकीलों की ओर से दायर याचिका में राष्ट्रीय प्रतीक में लगे शेरों की मुद्रा पर सवाल उठाया गया था। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि भारत के नए संसद भवन लगाई गई शेर की मूर्ति कानून का उल्लंघन नहीं करती है। साथ ही कोर्ट ने आक्रामक मूर्ति के दावे पर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह व्यक्ति के दिमाग पर निर्भर करता है।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि नई मूर्ति स्टेट एंबलम ऑफ इंडिया (प्रोहिबिशन ऑफ इम्प्रॉपर यूज) एक्ट, 2005 में मंजूरी प्राप्त राष्ट्रीय प्रतीक की डिजाइन के विपरीत है। हालांकि, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका में क्या कहा गया ?
याचिका में कहा गया है कि प्रतीक में शामिल शेर क्रूर और आक्रामक नजर आ रहे हैं, जिनका मुंह खुला हुआ है और दांत दिख रहे हैं। जबकि, सारनाथ में मूर्ति के शेर शांत नजर आ रहे हैं। आगे कहा गया है कि चारों शेर बुद्ध के विचार दिखाते हैं। याचिका के अनुसार, यह महज एक डिजाइन नहीं है, इसका अपना सांस्कृतिक महत्व है।
इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके
इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके अखिलेश पांडेय जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...
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