शनिवार, 13 अगस्त 2022

देश के नागरिकों से 'हर घर झंडा' फहराने की अपील

देश के नागरिकों से 'हर घर झंडा' फहराने की अपील 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। देश में स्वतंत्रता दिवस को भव्य रूप में मनाने के साथ ही “आजादी का अमृत महोत्सव” मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश के नागरिकों से “हर घर झंडा” फहराने की अपील की गई है। उन्होंने खुद सोशल मिडिया के डीपी में तिरंगा डालकर अभियान की शुरुआत की। इसी अभियान के तहत स्वतंत्रता दिवस से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट की प्रोफाइल तस्वीरों पर संगठन के झंडे की जगह तिरंगे की तस्वीर लगाई है। यह बदलाव ऐसे समय में किया गया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से सोशल मीडिया में अपने डीपी में तिरंगा लगाने की अपील के बाद भी संघ और सरसंघचालक की डीपी में बदलाव नहीं करने पर कांग्रेस ने निशाना साधा था।

इसके बाद केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, विपक्षी नेताओं और आम लोगों ने अपनी डीपी पर तिरंगे की फोटो लगाई। लेकिन आरएसएस और मोहन भागवत ने अपने सोशल मीडिया पर डीपी नहीं बदली थी, जिसके बाद बीजेपी और आरएसएस विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई थी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में सवाल किया था कि क्या नागपुर में अपने मुख्यालय पर 52 साल तक राष्ट्रध्वज नहीं फहराने वाला संगठन अपने सोशल मीडिया खातों की प्रोफाइल तस्वीर पर तिरंगा लगाने के प्रधानमंत्री के आग्रह को मानेगा। वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्विटर पर आरएसएस और उसके प्रमुख मोहन भागवत की प्रोफाइल फोटो के स्क्रीनशॉट को शेयर कर लिखा था कि संघ वालों, अब तो तिरंगा को अपना लो।

75 साल पूरे, सर्वज्ञानी की छवि चमकाने तक सीमित 

75 साल पूरे, सर्वज्ञानी की छवि चमकाने तक सीमित 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर को सिर्फ ‘सर्वज्ञानी’ की छवि चमकाने तक सीमित कर दिया गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आजादी की 25वीं, 50वीं और 60वीं सालगिरह पर संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में विशेष कार्यक्रम किए गए, लेकिन अफसोस की बात है कि 75वीं सालगिरह पर ऐसा कोई आयोजन नहीं हुआ।

भारत की आजादी की 25वीं, 50वीं और 60वीं सालगिरह के अवसर पर संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम किए गए। अफसोस की बात है कि 75वीं सालगिरह पर ऐसा कोई आयोजन नहीं हुआ। इस अवसर को सिर्फ सर्वज्ञानी की छवि चमकाने के लिए सीमित कर दिया गया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत की आजादी की 25वीं, 50वीं और 60वीं सालगिरह के अवसर पर संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम किए गए। अफसोस की बात है कि 75वीं सालगिरह पर ऐसा कोई आयोजन नहीं हुआ।’’ रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘इस अवसर को सिर्फ सर्वज्ञानी की छवि चमकाने के लिए सीमित कर दिया गया।

दिल्ली में 'मंकीपॉक्स' का पांचवां मामला सामने आया

दिल्ली में 'मंकीपॉक्स' का पांचवां मामला सामने आया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस (जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों में अतीत में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं। दिल्ली में 'मंकीपॉक्स' का पांचवां मामला सामने आया है। नाइजीरिया की यात्रा कर चुकी अफ्रीकी मूल की एक 22 वर्षीय महिला को मंकीपॉक्स की पुष्टि होने के बाद इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की टीम सभी संक्रमित और संदिग्ध मरीजों का इलाज कर रही है।

लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, कि दिल्ली में मंकीपॉक्स का 5वां मामला सामने आया है। डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि एक 22 वर्षीय महिला के नमूने शुक्रवार को पॉजिटिव पाए गए और वर्तमान में वह अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में है।डॉ. ने बताया कि एक मरीज को एलएनजेपी में भर्ती कराया गया है और उसके नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं। वर्तमान में 4 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं और एक को छुट्टी दे दी गई है। दिल्ली में मंकीपॉक्स के कुल पांच मामले सामने आए हैं। वह कल पॉजिटिव आई थी। डॉक्टरों की टीम उसका इलाज कर रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि महिला की हाल ही में कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं है, लेकिन एक महीने पहले उसने यात्रा की थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने के एक दिन बाद दिल्ली में इस साल 24 जुलाई को मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हुई थी।केंद्र सरकार ने भारत में फैले वायरस की जांच के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनमें से एक देश के प्रवेश बिंदुओं पर निगरानी भी शामिल था।अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को बीमार व्यक्तियों, मृत या जीवित जंगली जानवरों और अन्य लोगों के निकट संपर्क में आने से बचने की सलाह दी गई है। भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल के कोल्लम जिले में 14 जुलाई को सामने आया था।विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस (जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों में अतीत में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं, हालांकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है।

ठाकरे को महाराष्ट्र के परिवार का मुखिया बताया 

ठाकरे को महाराष्ट्र के परिवार का मुखिया बताया 

कविता गर्ग 

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लंबे इंतजार के बाद अपनी कैबिनेट का विस्तार तो जरूर कर लिया, लेकिन मंत्री पद नहीं पाने वाले विधायक अपनी नाराजगी भी प्रकट करने लगें हैं। हाल के सत्ता संघर्ष में औरंगाबाद पश्चिम विधायक संजय शिरसाट ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बागी तेवर दिखाते हुए एकनाथ शिंदे का साथ दिया था। शिंदे खेमे में शुरू से ही शामिल होने के बावजूद शिरसाट को मंत्री पद नहीं मिला है। उन्होंने कल रात एक ट्वीट किया, जिसने कयासों को जन्म दे दिया है।

अपने ट्वीट में शिरसाट ने उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के परिवार का मुखिया बताया है। इस ट्वीट की तूफानी चर्चा शुरू होते ही शिरसाट ने एक न्यूज चैनल से फोन पर संपर्क साधा और इसपर सफाई भी दी है। शिरसाट ने अपने ट्वीट के साथ विधानसभा में उद्धव ठाकरे का एक भाषण भी संलग्न किया है। लेकिन, कुछ समय बाद उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट भी कर दिया है। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा है कि शिंदे समूह में हम सभी बहुत खुश हैं। इस बीच राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या संजय शिरसाट ने कैबिनेट में जगह न मिलने पर उद्धव ठाकरे के भाषण को ट्वीट कर शिंदे समूह को चेतावनी दी है।

विधायक ने अपने ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने जो ट्वीट किया वह विधानसभा में उद्धव ठाकरे का भाषण था। उस भाषण में उन्होंने महाराष्ट्र के बारे में अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था कि वह परिवार के मुखिया की भूमिका निभा रहे थे। इसलिए आज भी मेरा यह मत है कि यदि आप परिवार के मुखिया की भूमिका निभा रहे हैं तो कहीं न कहीं आपको परिवार के सदस्यों की राय पर विचार करना चाहिए। संजय शिरसाट ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मेरे ट्वीट का यह अर्थ था कि आपको अपनी राय के बजाय अपने परिवार की राय का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह एकनाथ शिंदे के साथ हैं और कोई नाराजगी नहीं है।

मैं परेशान नहीं हूं, मेरी भूमिका आज भी बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि हमने उद्धव ठाकरे को परिवार का मुखिया माना, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। इसलिए, हमें वर्तमान स्थिति के लिए भी खेद है। मैंने इसलिए यह ट्वीट नहीं किया क्योंकि मुझे मंत्री पद नहीं मिला। मैं सिद्धांत का आदमी हूं। शिंदे गुट के साथ अब तक के अपने सफर में मैं हमेशा मुखर रहा हूं। मैं वही बोलता हूं जो मुझे सही लगता है। मेरा भी यही मानना था कि उद्धव ठाकरे को राकांपा और कांग्रेस के साथ नहीं जाना चाहिए था। मैं अब भी इसके साथ खड़ा हूं। हम सभी खुश है।

5 करोड़ से अधिक का निवेश करेगी, दिल्ली सरकार 

5 करोड़ से अधिक का निवेश करेगी, दिल्ली सरकार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार आपदा से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया टीमों के लिए उपकरणों की खरीद पर 5 करोड़ से अधिक का निवेश करेगी। सरकार ने कहा है कि, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पर आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेगी। इस पैसे से आवश्यक उपकरण खरीदे जाएंगे। बता दें कि कोरोना महामारी के बाद दिल्ली सरकार आपदाओं से निपटने के लिए तैयारी में लगी हुई थी। इसी को लेकर सरकार ये कदम उठाने जा रही है।

दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा गया है कि, आधुनिक उपकरणों से लैस होंगे दिल्ली के सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण।केजरीवाल सरकार आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए 5 करोड़ रुपए के उपकरण देगी‌। आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने के दिए निर्देश दिए हैं। “नागरिक सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

आम आदमी पार्टी दिल्ली ने भी एक ट्वीट में कहा है कि, अरविंद केजरीवाल सरकार जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को 5 करोड़ रुपए के आवश्यक उपकरण प्रदान करेगी। दिल्ली को आपदा प्रूफ बनाने के लिए आपदा प्रबंधन के तरीकों की समीक्षा कर रहे हैं। नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और उन्हें किसी भी आपदा से बचाने के लिए सभी उपाय करेंगे।

बता दें कि दिल्ली में आपदा से कई बार काफी नुकसान हो जाता है। इसमें सबसे प्रमुख आग लगने की घटनाएं और बाढ़ हैं। इसे देखते हुए मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दिल्ली में आपदा प्रबंधन अभ्यास का अध्ययन करने और इसे सुधारने के तरीके के बारे में गहन शोध करने का भी निर्देश दिया है। दिल्ली सरकार सभी 11 जिलों के लिए रोप लैडर, सर्च लाइट, पिकैक्स, स्लेज हैमर, स्प्रेडर बैटरी और आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए 5 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने जा रही है।

कैंडिडेट्स से प्रोग्राम्स के लिए आवेदन आमंत्रित किए

कैंडिडेट्स से प्रोग्राम्स के लिए आवेदन आमंत्रित किए 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने रिसर्च के क्षेत्र में रुचि रखने वाले कैंडिडेट्स से फैलोशिप प्रोग्राम्स के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। वे रिसर्च स्कॉलर्स जो रिसर्च और डेवलेपमेंट के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, वे इस फैलोशिप प्रोग्राम के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए कैंडिडेट्स को इस आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

ये रिसर्च स्कॉलरशिप प्रोग्राम एक फुल टाइम प्रोग्राम है जिसके दौरान कैंडिडेट्स को किसी और कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आवेदन के साथ कैंडिडेट्स को एक स्टेटमेंट ऑफ पर्पज यानी अपने रिसर्च के उद्देश्य को 500 शब्दों में लिखकर एप्लीकेशन के साथ लगाना होगा। बिना इस स्टेटमेंट के किसी एप्लीकेशन को कंसीडर नहीं किया जाएगा।

ये पूरी प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में कैंडिडेट्स के डॉक्यूमेंट्स के आधार पर उन्हें शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा। दूसरे चरण में चुने गए कैंडिडेट्स का इंटरव्यू होगा और तीसरे चरण में उन्हें दो हफ्ते के ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए भेजा जाएगा।

कैंडिडेट्स की स्पोकेन और रिटेन हिंदी भाषा में अच्छी पकड़ होनी चाहिए। कैंडिडेट की उम्र आवेदन के समय 40 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।

इसके अलावा जरूरी है कि कैंडिडेट ने कम से कम 60 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएशन किया हो या कोई उच्च कक्षा इतने ही अंकों के साथ पास की हो।

इस प्रोग्राम के अंतर्गत कैंडिडेट्स को मुख्य तौर पर फील्ड वर्क करना होगा। उन्हें डेटा एनालिसेस का अनुभव भी होना चाहिए।

चयनित कैंडिडेट्स को महीने के 30 हजार रुपए की स्कॉलरशिप मिलेगी। इशके साथ फील्ड वर्क के लिए 10 हजार रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। इसके अलावा स्कीम्स की निगरानी करने के लिए टेबलेट खरीदने के लिए करीब 15 हजार रुपए की राशि दी जाएगी।

कैंडिडेट को साल में अधिकतम 12 दिन की छुट्टी लेने की इजाजत होगी। अगर कैंडिडेट का काम अच्छा रहता है तो उसकी स्कॉलरशिप को अगले एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।

अंसारी की 6.30 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की 

अंसारी की 6.30 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की 

संदीप मिश्र 

गाजीपुर। योगी सरकार की ओर से अपराध और अपराधियों के खिलाफ अभियान के तहत पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की करीब 6.30 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क की गई। यह कार्रवाई सदर कोतवाली क्षेत्र के रजदेपुर और फतेहउल्लाहपुर में स्थित दो जमीनों पर हुई।

एसपी रोहन पी बोत्रे के नेतृत्व में पुलिस और राजस्व टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया। एसपी ने बताया की पिछले 30-40 दिनों में अवैध रूप से अर्जित की गई करीब 25 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है। उन्होंने बताया कि दो अगस्त को थाना मुहम्मदाबाद के प्रभारी निरीक्षक ने विवेचक प्रेषित किया।जिसके आख्या पर तीन अगस्त को अभियुक्त मुख्तार अंसारी पुत्र सुभानुल्लाह अंसारी निवासी दर्जी टोला यूसुफपुर थाना मोहम्मदाबाद के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित हुई। जो जनपद में एक गिरोह बनाकर लोक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करने अपने स्वयं के तथा अपने गैंग के सदस्यों के लिए आर्थिक तथा भौतिक व अन्य लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से अकेले एवं सामूहिक रूप से आपराधिक कार्य में बेनाम अचल संपत्ति अर्जित किया गया। कुर्क की गई संपत्ति मुख्तार की पत्नी आफ्शां अंसारी के नाम से शहर के मोहल्ला रजदपुर और फत्तेउल्लहपुर में है। रजदेपुर देहाती में 0.394 हेक्टेयर और फत्तेउल्लाहपुर में 1.507 हेक्टेयर भूमि है।

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा  संदीप मिश्र  शाहजहांपुर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मौजूदा...