सोमवार, 20 जून 2022
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
रविवार, 19 जून 2022
आईसीटी का उपयोग, यूनेस्को की मान्यता प्राप्त की
आईसीटी का उपयोग, यूनेस्को की मान्यता प्राप्त की
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी/लंदन/पेरिस। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान पीएम ईविद्या नामक एक व्यापक पहल के अंतर्गत आईसीटी का उपयोग करने के लिए यूनेस्को की मान्यता प्राप्त की है। 17 मई, 2020 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में पीएम ई-विद्या की शुरुआत की गई थी, जो डिजिटल/ऑनलाइन/ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकीकृत करता है। ताकि बच्चों को प्रौद्योगिकी का उपयोग करके शिक्षा प्रदान करने और सीखने के नुकसान को कम करने के लिए मल्टी-मोड एक्सेस को सक्षम किया जा सके। केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसईएल), शिक्षा मंत्रालय (एमओई), भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की एक घटक इकाई को यूनेस्को के वर्ष 2021 के लिए शिक्षा में आईसीटी के उपयोग के लिए किंग हमद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
यह पुरस्कार ष्सतत विकास के लिए वर्ष 2030 एजेंडा और शिक्षा पर इसके लक्ष्य 4 के अनुरूप, सभी के लिए शैक्षिक और आजीवन सीखने के अवसरों का विस्तार करने के लिए नई तकनीकों का लाभ उठाने में नवीन दृष्टिकोणों को मान्यता प्रदान करता है। बहरीन साम्राज्य के समर्थन से वर्ष 2005 में स्थापित यह पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को पुरस्कृत करता है जो उत्कृष्ट परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं और डिजिटल युग में सीखने, शिक्षण और समग्र शैक्षिक प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकियों के रचनात्मक उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। एक अंतरराष्ट्रीय निर्णायक मण्डल प्रति वर्ष दो सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं का चयन करती है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को पेरिस में यूनेस्को मुख्यालय में एक समारोह के दौरान 25,000 अमेरिकी डॉलर, एक पदक और एक डिप्लोमा प्रदान किया जाता है, जो इस वर्ष 24 जून, 2022 को आयोजित किया जाएगा।
सभी के लिए शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और देश में शैक्षिक प्रणाली में समानता लाने के लिए सस्ती प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए और राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए, सीआईईटी, एनसीईआरटी के माध्यम से शिक्षा मंत्रालय बड़ी संख्या में ई-बुक्स, ई-कंटेंट – ऑडियो, वीडियो, इंटरेक्टिव, ऑगमेंटेड रियलिटी कंटेंट, इंडियन साइन लैंग्वेज (आईएसएल) वीडियो, ऑडियोबुक, टॉकिंग बुक्स आदि के डिजाइन, विकास और प्रसार में अथक और सावधानी से काम कर रहा है। स्कूल और शिक्षक शिक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के ई-पाठ्यक्रम; ऑनलाइन/ऑफलाइन, ऑन-एयर टेक्नोलॉजी वन क्लास-वन चौनल, दीक्षा, ईपाठशाला, निष्ठा, स्वयं प्लेटफॉर्म पर स्कूल एमओओसी आदि का लाभ उठाकर मुख्य रूप से छात्रों और शिक्षकों के लिए ऑनलाइन क्विज़ जैसे डिजिटल कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है।
अवैध खनन करने के आरोप में 4 गिरफ्तार किए
भूमिगत मार्गों के समन्वित नेटवर्क का उद्घाटन: पीएम
वरिष्ठ नेताओं ने गांधी को जन्मदिवस पर शुभकामनाएं दी
वरिष्ठ नेताओं ने गांधी को जन्मदिवस पर शुभकामनाएं दी
अकांशु उपाध्याय/मनोज सिंह ठाकुर
नई दिल्ली/भोपाल। मध्य-प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनके जन्मदिवस पर शुभकामनाएं दी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा, ‘सत्य उनकी शक्ति है, संघर्ष उनका बल है। सेवा उनका संकल्प है, निर्भयता उनका स्वभाव है, धैर्य उनका गुण है, नेतृत्व उन्हें सहज-सिद्ध है और भारत के जन-जन का कल्याण उनका सपना है।
देश के प्रति ऐसी महान सोच रखने वाले श्री राहुल गांधी को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।’ वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, राहुल गांधी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। आपके संघर्ष में हम आपके साथ हैं। सत्य की विजय होगी। सत्य ही ईश्वर है।
आईएनसी: जूही ने 'फर्स्ट रनर अप' का खिताब जीता
आईएनसी: जूही ने 'फर्स्ट रनर अप' का खिताब जीता
सुनील श्रीवास्तव/दुष्यंत टीकम/कविता गर्ग
वाशिंगटन डीसी/रायपुर/मुंबई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर जूही व्यास (31) ने मुंबई में आयोजित एक समारोह में मिसेज इंडिया (आईएनसी) में फर्स्ट रनर अप का खिताब जीता है। यह खिताब उन्होंने मुंबई में हुई (आईएनसी) मिसेज इंडिया कॉम्पिटिशन में जीता। अब जल्द ही वह अमेरिका में होने वाले मिसेज ग्लोबल कांटेस्ट में भारत को रिप्रजेंट करेंगी। जूही कहती हैं कि जमाना बदल चुका है। महिलाओं के खून में दो तरह के डीएनए होते हैं। पहला केयर टेकर और दूसरा मैनेजरल।
हालांकि, जूही इस उपलब्धि से ज्यादा खुश नहीं हैं। वे कहती हैं मैं विनर बनना चाहती थी। जूही ने बताया कि मैंने दो साल पहले इसकी तैयारी की। जब मेरा छोटा बेबी डेढ़ साल का था। कड़ी मेहनत के चलते मैंने 15 से 17 किलो वजन कम किया। ये बहुत कठिन था।
बेरोजगारी के ‘अग्निपथ’ पर चलने के लिए मजबूर किया
कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर मुद्रास्फीति की दर
कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर मुद्रास्फीति की दर
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सामान्य मानसून से बंपर कृषि उत्पादन और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी से महंगाई के मोर्चे पर राहत मिल सकती है, अर्थशास्त्रियों ने यह राय जताई है। खाद्य वस्तुओं और ईंधन के महंगा होने से मुद्रास्फीति की दर कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर है। हालांकि, सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क को और कम करने जैसे राजकोषीय उपायों से भी मुद्रास्फीति को नियंत्रित कर सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक नीति पर जोर दिया जाएगा। खुदरा मुद्रास्फीति मई में सालाना आधार पर 7.04 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा 7.79 प्रतिशत था। दूसरी ओर थोक मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 15.88 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई। मूल्यवृद्धि का तीन-चौथाई हिस्सा खाद्य पदार्थों से आ रहा है और सामान्य मानसून के चलते इसमें राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक पहले ही प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है और आने वाले समय में इसमें 0.80 प्रतिशत की बढ़ोतरी और हो सकती है।
खाद्य तेल की कीमतों में प्रमुख कंपनियों ने पहले ही कमी की घोषणा की है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अर्थशास्त्री विश्रुत राणा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जिंस कीमतें मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के लिए एक प्रमुख प्रेरक कारक हैं और आगे खाद्य कीमतें मानसून पर निर्भर करेंगी। बेहतर मानसून से कृषि उत्पादन बढ़ेगा और कीमतों पर लगाम लगेगी। राणा ने ईमेल पर बताया, ‘‘कम उत्पाद शुल्क, कम मूल्यवर्धित कर, या कृषि उपज पर प्रत्यक्ष सब्सिडी जैसे कुछ अतिरिक्त नीतिगत विकल्प हैं, लेकिन फिलहाल मौद्रिक नीति पर जोर दिए जाने की संभावना है।
हमें आगे नीतिगत दरों में 0.75 प्रतिशत की और वृद्धि की उम्मीद है।’’ इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि वस्तुओं का शुद्ध आयातक होने के नाते भारत इस मोर्चे पर बहुत कुछ नहीं कर सकता है। हालांकि, प्रभाव को कम करने के लिए आयात शुल्क में कटौती की जा सकती है। हालांकि, इसकी अपनी सीमाएं हैं। डेलॉयट इंडिया के अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि मुद्रास्फीति वैश्विक और घरेलू स्तर पर आपूर्ति श्रृंखला के चलते है। ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि आपूर्ति बाधाओं को कम करने के लिए राजकोषीय नीतियां प्रभावी हो सकती हैं।
सरकार को योजना वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे
असम: 3 हजार से अधिक प्रभावित लोगों को बचाया
युवाओं से अपना प्रदर्शन वापस लेने का अनुरोध
सांप्रदायिक तनाव: फिक्स्ड-लाइन इंटरनेट सेवाएं बहाल
इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके
इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके अखिलेश पांडेय जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...
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