मंगलवार, 22 मार्च 2022

सामान्य स्थिति बहाल होने के दावों पर प्रश्न उठाया

सामान्य स्थिति बहाल होने के दावों पर प्रश्न उठाया  

इकबाल अंसारी        

श्रीनगर। राज्यसभा में 22 मार्च को विपक्षी सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद सामान्य स्थिति बहाल होने के सरकार के दावों पर प्रश्न उठाते हुए जानना चाहा कि यदि ऐसी ही बात थी तो विस्थापित कश्मीरी पंडितों की आज तक घाटी में वापसी क्यों नहीं हो पायी? पाकिस्तान में तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में अनेक लांच पैडों पर बड़ी संख्या में आतंकवादी मौजूद हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को यह जानकारी दी। हालांकि उन्होंने कहा कि सीमापार से घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि 2018 में इस तरह की 143 घटनाएं, 2019 में 138 घटनाएं और 2020 में 51 घटनाएं घटीं, वहीं 2021 में 34 ऐसे मामले सामने आए हैं। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान और भारत पिछले करीब एक साल से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम का पालन कर रहे हैं। क्या एलओसी पर पाकिस्तान ने बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है और क्या आतंकवादियों ने सीमापार से लांच पैडों से घुसपैठ की कोशिश की है, इस बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘मांगी गयी जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक संवेदनशील अभियान संबंधी मामले से संबंधित है और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में इसे बताया नहीं जा सकता।’’ हालांकि राय ने कहा कि केंद्र सरकार एलओसी पर सुरक्षा हालात की नियमित समीक्षा करती है और आतंकवादियों समेत अन्य खतरे वाले तत्वों की किसी भी हरकत को नाकाम करने के लिए एहतियाती कदम उठाती है।

इसके अलावा राज्यसभा में 22 मार्च को विपक्षी सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद सामान्य स्थिति बहाल होने के सरकार के दावों पर प्रश्न उठाते हुए जानना चाहा कि यदि ऐसी ही बात थी तो विस्थापित कश्मीरी पंडितों की आज तक घाटी में वापसी क्यों नहीं हो पायी? विपक्षी सदस्यों ने राज्य में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गयी सरकार के साथ ही राज्य का दर्जा बहाल करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। हालांकि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद एवं पत्थरबाजी कम होने तथा विभिन्न क्षेत्रों में विकास होने का दावा करते हुए कहा कि पहली बार यह संभव हो पाया कि राज्य में पंचायती चुनाव कराए जा सके।

इसके अलावा सरकार ने मंगलवार को कहा कि प्रत्येक भारतीय जनगणना संबंधी प्रश्नों के जवाब देने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य है और जनगणना तथा राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) की कवायद को सुगम तरीके से पूरा करने के लिए राज्यों के सहयोग से सभी जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा कि राज्य सरकारें जनगणना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के तहत जनगणना की कवायद को करने, उसमें सहायता करने या नजर रखने के लिए जनगणना अधिकारियों की नियुक्ति करती है। जनगणना में मकानों को सूचीबद्ध करने और एनपीआर को अपडेट करने की प्रक्रिया एक अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक पूरी की जानी थी। लेकिन कोविड-19 महामारी आने से इसे स्थगित करना पड़ा था। हालांकि सरकार ने अभी तक जनगणना के नये कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है।

इसके अलावा सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने और सड़क आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिये 62 हजार करोड़ रूपये की परियोजना पर काम चल रहा है। साथ ही गडकरी ने आत्मनिर्भर, सुखी, समृद्ध और संपन्न भारत बनाने के मोदी सरकार के संकल्प के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मंगलवार को कहा कि वर्ष 2024 तक भारत का सड़क आधारभूत ढांचा अमेरिका के बराबर हो जायेगा जिससे विकास एवं आर्थिक वृद्धि होगी तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लोकसभा में ‘वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर चर्चा का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर में 60 हजार करोड़ रुपये की परियोजना पर काम कर रहे हैं तथा जोजिला सुरंग वर्ष 2026 के लक्ष्य के बजाय 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक हमारा प्रयास उस परियोजना को पूरा करने की है जिससे श्रीनगर से 20 घंटे में मुंबई पहुंचा जा सके।

सड़क आधारभूत ढांचे के विकास कार्यो का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार कई अन्य परियोजनाओं पर काम कर रही है जिससे दिल्ली से जयपुर, हरिद्वार और देहरादून दो घंटे में पहुंचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा दिल्ली से अमृतसर 4 घंटे में, चेन्नई से बेंगलूर दो घंटे में और दिल्ली से मुंबई 12 घंटे में पहुंचने के लक्ष्य संबंधी परियोजनाओं को इस साल के अंत तक पूरा किये जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हमारे सड़क देश की समृद्धि से जुड़े हैं और सड़कों के आधारभूत ढांचे के विकास से देश की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। गडकरी ने कहा कि आत्मनिर्भर, सुखी, समृद्ध और संपन्न भारत बनाने के मोदी सरकार का संकल्प है और इसे पूरा करने के लिये हम प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, ”वर्ष 2024 तक भारत का सड़क आधारभूत ढांचा अमेरिका के बराबर हो जायेगा जिससे विकास एवं आर्थिक वृद्धि होगी तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।’’ मंत्री ने कहा कि सांसदों के सुझाव मानते हुए स्थानीय लोगों के क्षेत्र में टोल से निकलने के लिए आधार कार्ड पर आधारित पास बनाएंगे। उन्होंने कहा, ”तीन महीने के अंदर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि 60 किलोमीटर के अंदर एक ही टोल नाका हो। बाकी बंद कर दिये जाएंगे।’’ गडकरी ने कहा कि हमें पैसा चाहिए लेकिन लोगों को तकलीफ नहीं दे सकते।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर गाड़ी में छह एयरबैग लगना अनिर्वाय बनाया गया है। सड़क परिवहन मंत्री ने देश में हर साल डेढ़ लाख लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत होने का जिक्र करते हुए कहा कि लोग मरते रहे और हम देखते रहें…ऐसा नहीं हो सकता है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ‘वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। गडकरी ने कहा कि लोगों में कानून के प्रति सम्मान और डर जरूरी है लेकिन ऐसा देखने में आया है कि कई लोग ग्रीन सिग्नल और रेड सिग्नल का पालन नहीं करते। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर जिला समितियां बनेंगी जिसमें सांसद अध्यक्ष होंगे, कलेक्टर सचिव होंगे। उन्होंने कहा कि सांसद इसमें स्थानीय हादसों पर चर्चा करें, इसे लेकर अधिकारियों को नोटिस एवं सुधारने का निर्देश दें।सड़क एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि यह दुख की बात है कि दुनिया की 11 प्रतिशत सड़क दुर्घटना हमारे देश में होती है। देश में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोगों की सालभर में मौत होती हैं और इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3 प्रतिशत नुकसान होता है। उन्होंने कहा, ”लड़ाई में या कोरोना महामारी में जितने लोग नहीं मरते, उतने सड़क दुर्घटनाओं में मरते हैं। सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों में 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के 65 प्रतिशत लोग हैं।’’ गडकरी ने कहा कि जनता और जन प्रतिनिधियों के सहयोग के बिना सुधार नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर कानून में संशोधन किया गया है, जुर्माना भी बढ़ाया है, लेकिन सबके सहयोग से ही सुधार होगा। मंत्री ने कहा कि लोग मरते रहें और हम देखते रहे…ऐसा नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में विश्व बैंक के सहयोग से कार्यक्रम शुरू किया गया और 50 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई। उन्होंने कहा कि इस मॉडल को देश में लागू करने के बारे में विचार कर रहे हैं।

इसके अलावा विपक्ष ने नागर विमानन क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए मंगलवार को लोकसभा में कहा कि सरकार को इसके लिए अधिक धन खर्च करना चाहिए। दूसरी तरफ, सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार नीति बनी और आज गरीब आदमी का भी हवाई सफर करने का सपना पूरा हो रहा है। लोकसभा में ‘वर्ष 2022-23 के लिए नागर विमानन मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा’ की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि वह यूक्रेन में फंसे छात्रों को लाने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान के लिए नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार प्रकट करते हैं। उन्होंने चीन में सोमवार को हुए एक विमान हादसे का हवाला देते हुए कहा, ‘‘चीन में विमान हादसा हुआ, उसे देखते हुए सुरक्षा एक चिंता का विषय है….सुरक्षा को लेकर पैसा ज्यादा खर्च होना चाहिए।

इसके अलावा केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में कहा कि काले धन पर श्वेत पत्र लाने का कोई प्रस्ताव उसके विचाराधीन नहीं है। काले धन पर श्वेत पत्र लाने संबंधी एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा को यह जानकारी दी। काले धन पर लगाम के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस लड़ाई में अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं।

इसके अलावा सरकार ने मंगलवार को बताया कि देश में डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं और यूजी (स्नातक स्तर) मेडिकल सीटों की संख्या 75 प्रतिशत बढ़कर 89,875 हो गई है जो 2014 से पहले 51,348 थी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनुसख मांडविया ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। मेडिकल की पीजी (स्नातकोत्तर) सीटों की संख्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनकी संख्या 2014 से पहले 31,185 थी जो अब 93 प्रतिशत बढ़कर 60202 हो गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं और जब छात्र विदेशी चिकित्सा योग्यता प्राप्त कर लेते हैं, तो उन्हें भारत में चिकित्सा व्यवसायी के रूप में पंजीकृत होने के लिए विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (स्क्रीनिंग टेस्ट) उत्तीर्ण करनी होती है। मांडविया ने कहा कि मेडिकल सीटों में वृद्धि करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इन उपायों के तहत जिला अस्पतालों व रेफरल अस्पतालों को उन्नत कर नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए केंद्रीय प्रायोजित योजना शुरू की गई है तथा 157 नए मेडिकल कॉलेज अनुमोदित किए गए हैं।इसके अलावा आज संसद के दोनों सदनों में महंगाई का मुद्दा भी जोरशोर से उठा। लोकसभा में कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी का विषय उठाया और सरकार से आग्रह किया कि कीमतों में की गई बढ़ोतरी वापस ली जाए। इसके साथ ही, उन्होंने सदन से वॉकआउट किया। संसद के निचले सदन में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह विषय उठाया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दाम अचानक बढ़ाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह अंदेशा पहले से था कि चुनाव खत्म होने के बाद इनके दाम बढ़ाए जाएंगे।

राज्यसभा में भी विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने भारी हंगामा किया। इस वजह से सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आज विश्व जल दिवस होने का जिक्र किया और जल संरक्षण की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। सदन ने चीन में सोमवार को एक विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कुछ देर मौन भी रखा। सभापति ने इसके बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और सदन को बताया कि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों के मुद्दे पर कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन सहित कुछ अन्य सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं। सारे नोटिस को अस्वीकार करते हुए उन्होंने शून्य काल के तहत मुद्दे उठाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सदस्य वंदना चव्हाण का नाम पुकारा। इसके बाद, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी दलों सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।

अरुणाचल-मिजोरम में तंबाकू का सेवन सर्वाधिक

अरुणाचल-मिजोरम में तंबाकू का सेवन सर्वाधिक   

इकबाल अंसारी    
ईटानगर/आईजोल। अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में 13-15 वर्ष के आयु वर्ग के छात्रों में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या देश में सबसे ज्यादा है। मीडियाकर्मियों के लिए वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (जीवाईटीएस)-4 और तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थानों पर एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के लिए राज्य सलाहकार आर लालरेमरुता ने सोमवार को कहा कि मिजोरम में 13-15 वर्ष के आयु वर्ग के कम से कम 58 प्रतिशत छात्र तंबाकू का सेवन करते है।
अधिकारी ने 2019 में आयोजित वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (जीवाईटीएस) -4 की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा कि मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में इस आयु वर्ग के छात्रों में तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वालों की संख्या देश में सर्वाधिक है। यह रिपोर्ट अगस्त 2021 में जारी की गयी थी।
साथ ही लालरेमरुता ने कहा कि राज्य में वर्तमान में 44 प्रतिशत छात्र धूम्रपान करते हैं, जबकि 33 प्रतिशत छात्र धुआंरहित तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। इन राज्यों में इस आयु वर्ग के 35 प्रतिशत किशोर सिगरेट पीते हैं जबकि 4.6 प्रतिशत किशोर बीड़ी पीते हैं।
वहीं बताया कि छात्रों में तंबाकू उत्पादों के सेवन की उच्च दर का प्रमुख कारण साथियों से पड़ने वाला प्रभाव है। लालरेमरुता के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशन में अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान द्वारा एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के हिस्से के रूप में 2019 में मिजोरम में वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण किया गया था। इसमें 21 स्कूलों के कुल 1,404 छात्रों ने हिस्सा लिया था।

बिहार: मुस्लिम परिवार ने अपनी जमीन दान की

बिहार: मुस्लिम परिवार ने अपनी जमीन दान की   

अविनाश श्रीवास्तव 
पटना। बिहार के एक गांव के मुस्लिम परिवार ने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और आस्था की मिसाल कायम करते हुए बिहार के पूर्वी चंपारण में बनाए जाने वाले दुनिया के सबसे ऊंचे रामायण मंदिर के लिए एक मुस्लिम परिवार ने ढाई करोड़ रुपए से अधिक कीमत की अपनी जमीन दान कर दी है।
गांव के जमींदार इश्त्याक अहमद खान ने विराट रामायण मंदिर के लिए पूरी आस्था के साथ जमीन दान में दी है। गुवाहाटी में व्यवसाय कर रहे इश्तयाक अहमद खान और उनके परिजनों ने बीते बुधवार को पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया निबंधन कार्यालय में अपनी 23 कट्ठा (71 डिसमिल) जमीन का दानपत्र विराट रामायण मंदिर को निबंधित करा दिया।
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि पूर्व में भी इश्त्याक अहमद खान के परिजनों ने विराट रामायण मन्दिर के लिए जमीन लेने में बहुत सहयोग किया है। उन्होंने बताया कि महावीर मंदिर की इस अति महत्वपूर्ण परियोजना के लिए कैथवलिया में जमीन देने की शुरुआत भी खान परिवार ने ही की है।

'भू-जल: अदृश्य से दृश्यमान बनाना' पर कार्यक्रम

'भू-जल: अदृश्य से दृश्यमान बनाना' पर कार्यक्रम   

पंकज कपूर     
उत्तरकाशी। अस्सी गंगा घाटी के राजकीय इंटर कालेज भंकोली में विश्व जल दिवस पर इस वर्ष की थीम 'भू-जल: अदृश्य से दृश्यमान बनाना' पर कार्यक्रम आयोजित किया व जल स्रोतों के संरक्षण के लिए संकल्प लिया गया। स्लोगन लिखने के साथ छात्रों को निकट जल स्रोतों का भ्रमण कराकर उन्हें जल संबंधित विविध जानकारी दी गई। इस अवसर पर विज्ञान शिक्षक डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने घटते जलस्रोतों के कारणों का उल्लेख करने के साथ कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण के लिए मनुष्य की अनावश्यक दखल अंदाजी को रोककर वनीकरण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। क्योंकि जीव जंतुओं के लिए जल प्रमुख आवश्यकताओं में एक है। इसके बिना सभी जीवधारियों का अस्तित्व समाप्त होने में बक्त नहीं लगेगा। हालांकि धरती के करीब तीन चौथाई हिस्से पर पानी ही पानी बसा है, जो महासागरों, बर्फ, झीलों, नदियों और झरनों के रूप में उपलब्ध है। लेकिन इसमें से एक फीसदी से भी कम पानी ही ऐसा है, जो पीने लायक है। इसलिए ये काफी जरूरी हो जाता है कि हम पीने लायक पानी की बचत करें, ताकि भविष्य में पानी का गंभीर संकट खड़ा न हो तथा प्राकृतिक जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस पहल जरुरी है। प्रधानाचार्य कामदेव सिंह पंवार ने कहा कि जल संरक्षण पानी के अनावश्यक उपयोग को कम करना और कुशलतापूर्वक पानी का उपयोग करने की तरीका है। साथ ही जल संचय करना, जैसे वर्षा के जल को स्थानीय आवश्यकताओं और भौगोलिक स्थितियों की आवश्यकतानुसार संचित करके हम भू-जल भंडार को बड़ा सकते है।
 इस अवसर पर शिक्षक सुदीप रावत, सेवाराम पोसवाल, अनुपम ग्रोवर, सुभाष कोहली, स्पन सिंह, दीपेंद्र, पिंकी बहुगुणा, मनीषा राणा, अर्चना पोलीवाल आदि सहित छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

उत्तराखंड: पुष्कर को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री चुना

उत्तराखंड: पुष्कर को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री चुना   

पंकज कपूर     
देहरादून। कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री चुना गया। केंद्रीय पर्यवेक्षक बनकर आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने धामी के नाम का ऐलान किया। इसके बाद धामी पार्टी के वरिष्ठ विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे। जहां उन्होंने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया।
 प्रदेश के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी बुधवार को शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने मंगलवार को बताया कि कल ढ़ाई बजे बजे धामी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री और अनेक केंद्रीय नेता उपस्थित रहेंगे।
देहरादून के परेड ग्राउंड में कल दोपहर 2.30 बजे पुष्कर सिंह धामी 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

सीएम बघेल ने 'विश्व जल दिवस' की शुभकामनाएं दी

सीएम बघेल ने 'विश्व जल दिवस' की शुभकामनाएं दी  
दुष्यंत टीकम           
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को विश्व जल दिवस की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि विश्व जल दिवस के मौके पर हम सभी जल के समस्त स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन हेतु प्रतिबद्ध हो। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारा छत्तीसगढ़ तालाबों, नदियों का प्रदेश है, जबकि सही देखरेख और जागरूकता के अभाव में सुख रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार नरवा कार्यक्रम के तहत् इन जल स्रोतों के संवर्धन का प्रयास कर रही है, मगर इसके लिए जन समुदाय की सहभागिता भी उतनी ही जरूरी है। आप सभी से आग्रह है कि हमारे धरोहर तालाब, जल स्रोतों को बचाने के लिए स्वयमेव पहल कर नई पीढ़ी को भी इसके लिए प्रेरित करें।

दिल्ली के तीनों नगर निगम को एक करने का फैसला

दिल्ली के तीनों नगर निगम को एक करने का फैसला  

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगम को एक करने का फैसला किया है। कैबिनेट ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है। 2012 में नगर निगम चुनाव से पहले दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में बांट दिया गया था।
इसे तीन निगमों दक्षिण नगर न‍िगम, उत्तर नगर निगम और पूर्वी नगर निगम में बांट दिया गया था। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद तीनों नगर निगमों को एक करने के साथ ही 272 वार्ड ही रखे जाएंगे, लेकिन मेयर का कार्यकाल बढ़ाकर कम से कम ढाई वर्ष किया जा सकता है। हालांकि, इस व्यवस्था में तकनीकी पेंच फंस सकता है, क्योंकि अभी की व्यवस्था के मुताबिक आरक्षण व्यवस्था का बड़ा पेंच है।
बता दें कि दिल्ली नगर निगम को तीन निगमों में विभाजित करने का प्रयोग अब तक असफल रहा है। नगर निगम को विभाजित करने के बाद से ही नगर निगमों के कामकाज में कोई खास सुधार तो नहीं हुआ, उलटे निगम वित्तीय संकट में इस कदर फंस गए कि कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो गया था।
साल 2011 में जब दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित थीं, तो उन्होंने दिल्ली विधानसभा ने एक प्रस्ताव पास किया था, जिसे केंद्र सरकार ने अपनी स्वीकृति दी थी। इसके बाद तीनों नगर निगमों का पहली बार चुनाव 2012 में हुआ। उस समय दिल्ली और केंद्र दोनों जगहों पर कांग्रेस पार्टी की सरकार थी और नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी का राज था।
मेयर-इन-काउंसिल की हो सकती है। व्यवस्था मेयर-इन-काउंसिल व्यवस्था अपनाई जा सकती है, जिसमें मेयर और उसके पार्षदों को शहर के लोग सीधे चुनेंगे। अगर ऐसा होता है तो वह राज्‍य के सीएम अरव‍िंंद केजरीवाल से ज्यादा प्रभाव वाला माना जाएगा, क्योंकि सीएम तो सिर्फ एक विधानसभा से विधायक के तौर पर चुना जाता है। वहीं, मेयर और पार्षदों का कार्यकाल बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
2012 के चुनाव में तीनों नगर निगमों में बीजेपी की शानदार जीत दर्ज की थी। बीजेपी 272 में से 138 सीटें जीतने में सफल रही थी, जबकि कांग्रेस पार्टी को 77 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। 2017 में जब दूसरी बार नगर निगम का चुनाव हुआ तो बीजेपी की एकतरफा जीत हुई और बीजेपी के सीटों की संख्या 138 से बढ़ कर 181 पर पहुंच गई थी। 2017 में पहली बार नगर निगम चुनाव लड़ते हुए आम आदमी पार्टी 49 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही और कांग्रेस 31 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी।

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...