गुरुवार, 10 मार्च 2022
यूपी: पूर्ण बहुमत हासिल किया, पीएम ने दी बधाई
पंजाब: आप 92, कॉन्ग्रेस 19, गठबंधन 5 सीटें
भाजपा 48, कांग्रेस 18, 2-2 निर्दलीय-बसपा: यूके
भाजपा 48, कांग्रेस 18, 2-2 निर्दलीय व बसपा: यूके
कृष्णा रावत डोभाल
देहरादून। आखिरकार 10 मार्च का दिन उत्तराखंड में नई सरकार का परिदृश्य लेकर आया है, जनता ने अपने नुमाइंदे अगले 5 साल के लिए विधानसभा में भेज दिए हैं , बस अब इंतजार है नई सरकार के गठन का, जिस की कवायद आने वाले कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी ऐसे में सबकी उत्सुकता बनी रहती है कि उत्तराखंड की किस सीट से कौन जीता। देखें उत्तराखंड की 70 सीटों का हाल, आपका वोट आपकी सरकार। भाजपा के खाते में 48 सीटें आई है कांग्रेस को कुल 18 सीटें मिली है, चार अन्य को मिली है।
देखिए पूरी लिस्ट
अल्मोड़ा- कैलाश शर्मा (बीजेपी)
रानीपुर- आदेश चौहान (बीजेपी)
बद्रीनाथ- राजेंद्र सिंह भंडारी (cong)
बागेश्वर – चंदन राम दास ( बीजेपी)
बाजपुर- यशपाल आर्य (cong)
भगवानपुर- ममता राकेश (cong)
भीमताल- राम सिंह खेरा (बीजेपी)
चकराता- प्रीतम सिंह (cong)
चंपावत – कैलाश चंद्र (बीजेपी)
चौबत्तखाल- सतपाल महाराज (बीजेपी)
देहरादून कैंट- सविता कपूर(बीजेपी)
देवप्रयाग- विनोद कंडारी (बीजेपी)
धनोल्टी- प्रीतम सिंह पंवार (बीजेपी)
धरमपुर- विनोद चमोली (बीजेपी)
धारचूला- हरीश सिंह धामी ( cong)
डोईवाला- बृज भूषण गैरोला (बीजेपी)
डीडीहाट- बिशन सिंह चुफाल (बीजेपी)
द्वाराहाट – मदन सिंह बिष्ट (cong)
गदरपुर- अरविंद पांडे (बीजेपी)
गंगोलीहाट – फकीर राम (बीजेपी)
गंगोत्री – सुरेश सिंह चौहान (बीजेपी)
घनसाली- शक्ति लाल शाह (बीजेपी)
हल्द्वानी – सुमित हृदेश (cong)
हरिद्वार – मदन कौशिक (बीजेपी)
हरिद्वार ग्रामीण – अनुपमा रावत (cong)
जागेश्वर- मोहन सिंह (बीजेपी)
जसपुर – आदेश सिंह चौहान (cong)
झबरेड़ा – वीरेंद्र कुमार (cong)
ज्वालापुर- रवि बहादुर (cong)
कालाढूंगी – बंशीधर भगत (cong)
कपकोट- सुरेश गढ़िया (बीजेपी)
कर्णप्रयाग – अनिल नौटियाल (बीजेपी)
काशीपुर- त्रिलोक सिंह चीमा ( बीजेपी)
केदारनाथ- शैला रानी रावत (बीजेपी)
खानपुर- उमेश शर्मा (निर्दलीय)
खटीमा- भुवन चंद्र कापडी (cong)
किच्छा- तिलक राज बेहड़ (cong)
कोटद्वार- रितु खंडूरी (bjp)
लक्सर- शहजाद (bsp)
लाल कुआं- मोहन सिंह बिष्ट (bjp)
लैंसडाउन- दिलीप रावत (bjp)
लोहाघाट- खुशाल सिंह (cong)
मंगलौर – सरवत करीमअंसारी (bsp)
मसूरी- गणेश जोशी (bjp)
नैनीताल – सरिता आर्या (bjp)
नानकमत्ता- गोपाल सिंह राणा (cong)
नरेंद्र नगर – सुबोध उनियाल (bjp)
पौड़ी – राजकुमार पोरी (bjp)
पिरान कलियर – फुरकान अहमद (cong)
पिथौरागढ़ – मयूख महर (cong)
प्रताप नगर – विक्रम सिंह नेगी (cong)
पुरोला – दुर्गेश्वर लाल (bjp)
रायपुर- उमेश शर्मा काऊ (bjp)
राजपुर रोड – खजान दास (bjp)
रामनगर- दीवान सिंह बिष्ट (bjp)
रानीखेत- प्रमोद नैनवाल (bjp)
ऋषिकेश- प्रेमचंद्र अग्रवाल (बीजेपी)
रुड़की – प्रदीप बत्रा (बीजेपी)
रुद्रप्रयाग- भरत सिंह चौधरी (बीजेपी)
रुद्रपुर- शिव अरोड़ा (बीजेपी)
सहसपुर- सहदेव सिंह पुंडीर (बीजेपी)
सल्ट- महेश जीना (बीजेपी)
सितारगंज – सौरभ बहुगुणा (बीजेपी)
सोमेश्वर- रेखा आर्य (बीजेपी)
श्रीनगर – धन सिंह रावत (बीजेपी)
टिहरी – किशोर उपाध्याय (बीजेपी)
थराली- भोपाल राम टम्टा(बीजेपी)
विकास नगर- मुन्ना सिंह चौहान (बीजेपी)
यम्केश्वर- रेनू बिष्ट (बीजेपी)
यमुनोत्री- संजय डोभाल ( निर्दलीय)
वहीं इन नतीजों में भाजपा के पाले में 47 सीटें, कांग्रेस 19 सीटों पर सिमटी। साथ ही दो सीटों पर निर्दलीय और दो पर बसपा कब्जा जमाने में कामयाब हुई।
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कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले मंत्री ने प्रतिक्रिया दी
कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले मंत्र्री ने प्रतिक्रिया दी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ होता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस पार्टी के शर्मनाक प्रदर्शन को लेकर हाल की में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन से साफ है। अब वह राष्ट्रीय पार्टी नहीं रही बल्कि एक क्षेत्री पार्टी होने की दिशा में बढ़ रही है। चुनाव परिणामों को लेकर उन्होंने कहा कि यह परिवर्तनकारी परिणाम हैं। लगभग 46 साल तक कांग्रेस में रहे अश्विनी कुमार ने कहा कि गांधी परिवार अब पार्टी के लिए चुनाव नहीं जीत रहा है। उन्होंने कहा कि इन चुनावों से साफ है कि गांधी परिवार का नेतृत्व अब कांग्रेस के लिए कुछ नहीं कर रहा है। वे अब मजबूत नहीं रहे। पार्टी छोड़ने के बाद भी खुद को सोनिया गांधी का वफादार बताते हुए उन्होंने कहा कि अब पार्टी के फैसलों पर सोनिया गांधी की मुहर नहीं लगती। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए बगैर कहा कि सोनियां गांधी के जो नियंत्रण में हैं उन्हें लंबे समय तक राष्ट्रीय विकल्प के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अश्विनी कुमार ने कहा कि लेकिन में अभी भी आशावादी हूं। क्योंकि जैसे पानी अपना रास्ता ढूंढता है, लोग भी अपने नेताओं को ढूंढते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस आम आदमी पार्टी से हार गई। इसके अलावा गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में माना जा रहा था कि यदि वह सत्ता में वापसी नहीं कर पाई तो कम से कम जबरदस्त टक्कर जरूर देगी।
उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी पीठ नहीं थपथपना चाहता लेकिन मैंने यह कह दिया था कि आप पंजाब में आने वाली सुनामी है। हम सभी जानते थे कि यह 75 से ज्यादा सीटें जीतेगी, लेकिन किसी ने ऐसा कहने की हिम्मत नहीं की क्योंकि यह मूर्खतापूर्ण लग रहा था। अश्विनी कुमार ने आगे कहा, ‘मैं कांग्रेस पार्टी की दुर्दशा से खुश नहीं हूं। लेकिन भविष्य में इसकी राजनीतिक प्रासंगिकता नगण्य रहेगी। कांग्रेस पार्टी का योगदान नगण्य होने जा रहा है। देश में उभर रहे राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए कांग्रेस पार्टी एक क्षेत्रीय पार्टी बनी रहेगी।’ उन्होंने कहा कि पंजाब के परिणाण राजनीतिक परिदृश्य को बदलने जा रहे हैं। पंजाब में आप ने जो प्रदर्शन किया है वह काबिलेतारीफ है। केजलीवाल ने दिल्ली में जो काम किया उसकी वजह से उन्हें वोट मिले।
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