शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022

यूक्रेन पर हमला नहीं, अभियान के तहत कार्रवाई हैं

यूक्रेन पर हमला नहीं, अभियान के तहत कार्रवाई हैं    

सुनील श्रीवास्तव    

कीव/ मास्को। रूस के यूक्रेन पर हमले तेज हो रहे हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में सायरन की आवाज सुनाई दे रही है। रूस का कहना है कि यह यूक्रेन पर हमला नहीं, बल्कि एक विशेष सैन्य अभियान के तहत कार्रवाही है। हमले यूक्रेन के कई इलाकों में सैन्य ठिकानों पर हो रहे हैं। भारतीयों का यूक्रेन से वापस आने का सिलसिला भी जारी है। इसी बीच भारतीय दूतावास ने भारतीयों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर कहा है कि वे हमले के सायरन सुने तो पास के बॉम्ब शेलटर्स की तलाश गूगल मैप से करें। आइए जानते हैं कि बॉम्ब शेलटर्स क्या होते हैं।

बॉम्ब शेल्टर्स युद्ध की शब्दावली का शब्द है। सामान्य शब्दों में यह वह बंद जगह होती है। जिसे लोगों को बम और मिसाइल जैसे विस्फोटक हथियारों के प्रभाव से बचाने के लिए बनाया जाता है। यह सामान्यतया ऐसा कमरा या क्षेत्र होता है। जो अंडरग्राउंड होता है, इसे बम के प्रभावों से बचाने के लिए खास डिजाइन किया जाता है। जो हवाई हमले के दौरान एक शरण स्थल की तरह काम में लिया जाता है। औपचारिक बॉम्ब शेल्टर में कई विशेष सुविधाएं होती हैं जैसे पीने का पानी, पैकेट बंद भोजन, आपातकालीन दवाएं, बैटरी चलित रेडिया, आपात फ्लैश लाइट या टॉर्च, अतिरिक्त बैटरी, आदि ऐसी जगह पर कम से कम तीन दिन की जरूरतों के लिए इस तरह का सामान जमा करके रखा जाता है। लेकिन हर जगह या शहर में औपचारिक तौर पर बॉम्ब शेल्टर नहीं बनाए जाते हैं। शहर में कई ऐसी जगह भी होती हैं जो जरूरत पड़ने पर बॉम्ब शेल्टर का काम दे सकती हैं या बॉम्ब शेल्टर की तरह उपयोग में लाई जा सकती है। फिलहाल कीव के मैट्रो स्टेशन इसी काम के लिए उपयोग में लाए जा रहे हैं। इतना नहीं फ्लाई ओवर के नीचे के हिस्से वाले किनारे भी कई बार बॉम्ब शेल्टर की तरह काम आ जाते हैं।

जहां एक ओर रूसने यह आश्वसन दिया है कि उसकी सेना सैन्य ठिकानों पर ही हमला कर रही है नागरिकों और नागरिक ठिकानों पर नहीं। लेकिन यूक्रेन की जनता खतरा पहचान रही है। कीव के लोग शहर के अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन की शरण ले रहे हैं। यह मेट्रो नेटवर्क देश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा अंडरग्राउंड नेटवर्क है जिसके सबसे सिस्टम पहले से ही बॉम्ब शेल्टर की तरह माने जाते हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रूसी टेलीविजन पर सैन्य अभियान की कार्रवाई का ऐलान करने के बाद रूस ने ऐलान किया है कि उसने यूक्रेन के एयर बेसेस और एयर डिफेंस सिस्टम नष्ट कर दिया है। मिसाइल कीव सहित कई शहरों पर भी दागी गईं। रूसी सेना कई दिशाओं से यूक्रेन में दाखिल हो चुकी हैं।

इससे पहले भारतीय दूतावास ने (भारतीय) लोगों से कहा  है कि अगर वे कीव की ओर आ रहे हैं तो वापस उसी शहर में लौट जाएं जहां से वे आ रहे हैं। मार्शल लॉ लागू होने के बाद कीव में बड़ी संख्या में लोग मैट्रो स्टेशन की ओर जा रहे हैं। यूक्रेन में करीब 18 हजार भारतीय हैं जिनमें अधिकांश छात्र  हैं। एयर इंडिया की एक उड़ान को यूक्रेन भेजा गया था, लेकिन यूक्रेन में व्यवसायिक उड़ानों के लिए हावई इलाकों को बंद करने की वजह से उसे लौटना पड़ा। भारतीय विदेश मंत्रालय अब यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए दूसरे विकल्पों पर काम कर रहा है। भारतीय दूतावास की मदद के लिए और भी लोग भेजे जा रहे हैं। मंत्रालय बहुत से भारतीय छात्रों से फोन के जरिए संपर्क में है। बताया जा रहा है कि फिलहाल भारतीय छात्र किसी तरह के संकट में नहीं हैं।

यूक्रेनी सरकार को 'खत्म' करना युद्ध का मकसद

यूक्रेनी सरकार को 'खत्म' करना युद्ध का मकसद  

सुनील श्रीवास्तव      

कीव/मास्को/वाशिंगटन डीसी। पेंटागन का मानना है कि रूस के आक्रमण को यूक्रेनी सरकार को 'खत्म' करने और नए नेतृत्व को स्थापित करने के लिए डिजाइन किया गया है। एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी एक्सियोस ने गुरुवार को संवाददाताओं से यह बात कही। अधिकारी ने कहा कि रूस का आक्रमण - वायु, भूमि और समुद्र - तीन स्तरों पर आगे बढ़ रहा है। जिनमें से एक का लक्ष्य राजधानी कीव है।

वाशिंगटन में यूक्रेन के राजदूत ने संवाददाताओं से कहा कि कीव के पास लड़ाई जारी है। लेकिन शहर फिलहाल सुरक्षित है। रूसी और यूक्रेनी सैनिकों ने शुक्रवार को कीव के पास एक हवाईअड्डे पर नियंत्रण के लिए लड़ाई लड़ी, रूसी सेना ने सीएनएन को बताया कि वे अब इसे नियंत्रित करते हैं। रूस उत्तर से बेलारूसी सीमा पर भी आक्रमण कर रहा है, जो अपने निकटतम बिंदु पर कीव से 100 मील से भी कम दूरी पर है। एक्सियोस ने बताया कि रक्षा अधिकारी ने कहा कि अब तक की सबसे भारी लड़ाई खार्किव में हुई है, जो पूर्व में रूस की सीमा के करीब 14 लाख की आबादी वाला शहर है। रूसी सेना भी दक्षिण से हमला कर रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि सबसे अधिक समस्याग्रस्त स्थिति क्रीमिया की है।

अपवर्जन क्षेत्र पर नियंत्रण, रूस से लड़ रहा यूक्रेन

अपवर्जन क्षेत्र पर नियंत्रण, रूस से लड़ रहा यूक्रेन      

सुनील श्रीवास्तव    

कीव/ मास्को/अंकारा। यूक्रेन की सेनाएं राजधानी कीव से 60 मील उत्तर में चेरनोबिल अपवर्जन क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए रूसी सेना से लड़ रही हैं। इस आशंका के बीच कि लड़ाई परमाणु कचरा रखने वाली भंडारण सुविधाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। जिससे समूचे यूरोप में विकिरण के बादल छा सकते हैं। यह जानकारी डेली मेल ने दी। यूक्रेन के आंतरिक मामलों के मंत्रालय के एक सलाहकार एंटोन गेराशचेंको ने कहा कि रूसी सेना क्षेत्र में प्रवेश कर गई और सीमा रक्षक इकाइयों के साथ 'जोरदार' लड़ रही थी।

रिपोर्ट में कहा गया है, "अगर भंडारण सुविधाएं नष्ट हो जाती हैं, तो रेडियोधर्मी बादल यूक्रेन, बेलारूस और यूरोपीय संघ को कवर कर सकता है।" इस बीच, तुर्की ने बताया कि उसका एक जहाज ओडेसा के तट पर एक 'बम' की चपेट में आ गया है, जहां लड़ाई जारी है। तुर्की नाटो का सदस्य है, इस आशंका को रेखांकित करता है कि यूक्रेन में युद्ध जल्दी से अन्य देशों में चूस सकता है और यूरोप में एक चौतरफा संघर्ष को जन्म दे सकता है।डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, कीव के सैनिकों ने लगभग 15 मील दूर एक प्रमुख हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण खो दिया। रूसी सेना ने इससे पहले दिन में लगभग दो दर्जन हमलावर हेलीकॉप्टरों से उस पर हमला किया था। माना जाता है कि उनमें से चार को मार गिराया गया। 

इमारत की 48वीं मंजिल, हवा में तख्त पर लोगः अजब

इमारत की 48वीं मंजिल, हवा में तख्त पर लोगः अजब       

सुनील श्रीवास्तव    

कुआलालंपुर। हर किसी के नसीब में डेस्क पर बैठ, एसी की ठंडी हवा लेते हुए काम करना नहीं है। कई लोगों को हर रोज पसीना बहाना पड़ता है। जिससे उनका घर चल सके। कुछ लोगों की नौकरियां तो इतनी खतरनाक होती हैं कि उसके बारे में अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। इस बात का सबूत इन दिनों एक वायरल वीडियो में देखने को मिल रहा है, जो कुआलालंपुर का है। हाल ही में कुआलालंपुर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो बेहद चौंकाने वाला है। जिसमें इमारत का कांच साफ करने के लिए लोग झूलते हुए तख्त पर खड़े हुए हैं। अचानक बहुत तेज हवा चलने लगती है और उनका झूला तेजी से हिलने लगता है। ये समाचार बेहद डरावना है। क्योंकि कांच साफ करने वाले लोग कई फीट की ऊंचाई पर मौजूद हैं। झूला इतनी दूर-दूर तक हवा में उड़ रहा है कि वीडियो बनाने वाले लोग भी ये नजारा देखकर खौफ में हैं। झूला बार-बार इमारत से भी टकरा रहा है। आपको बता दें कि ये हादसा टीएस लॉ टावर के 48वीं मंजिल पर हो रहा है। कुआला लंपुर फायर एंड रेस्क्यू ऑपरेशन के कमांडर ने कहा कि कर्मचारियों को बचाने के लिए टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई थी।

सोशल मीडिया पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया।
सोशल मीडिया पर भी ये वीडियो काफी चर्चा में बना हुआ है लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। फेसबुक पर भी लोगों ने हैरानी जताई। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार जब बचाव दल वहां पहुंचा तो उन्होंने देखा कि कर्मियों ने अपने आप को खुद से ही खतरे से बचा लिया था। एक शख्स ने कहा कि मलेशिया का मौसम अब पहले की तरह नहीं रह गया है, सभी को ऐसे कामों को अंजाम देने से पहले मौसम के बारे में पता कर लेना चाहिए। हैरानी लोगों को इस बात की है कि झूले की एक रस्सी टूट भी गई मगर उसपर मौजूद सफाई कर्मियों ने हिम्मत नहीं हारी और बिना डरे खुद की जान बचाई।

'10वीं-12वीं टर्म 2' प्रैक्टिकल परीक्षा 2 से शुरू होगीं

'10वीं-12वीं टर्म 2' प्रैक्टिकल परीक्षा 2 से शुरू होगीं   

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10वीं-12वीं टर्म 2 प्रैक्टिकल परीक्षा 2 मार्च से शुरू हो रही है। परीक्षा से पहले बोर्ड ने गाइडलाइन जारी किया है। सीबीएसई 10वीं, 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए बोर्ड ने कहा कि स्कूलों को प्रैक्टिकल की तैयारी करते समय टर्म 1 और टर्म 2 के विभाजन को ध्यान में रखना होगा।सीबीएसई ने स्कूलों से 3 मार्च से ही प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट, इंटरनल असेसमेंट के अंक एक साथ अपलोड करने को कहा है। साथ ही ये भी कहा है कि स्कूल मार्क्स सही-सही अपलोड करें। क्योंकि एक बार अपलोड होने के बाद दोबारा सुधार नहीं किया जा सकता है।

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए, सीबीएसई ने स्कूलों को भीड़भाड़ से बचने के लिए छात्रों के बैच को छात्रों के ग्रुप में विभाजित करने का सुझाव दिया। छात्रों का पहला समूह लैब में भाग ले सकता है जबकि दूसरा ग्रुप कलम और कागजी कार्य कर सकता है। सीबीएसई ने कहा कि कक्षा 10 के लिए बोर्ड द्वारा कोई बाहरी परीक्षक नियुक्त नहीं किया जाएगा। प्राइवेट उम्मीदवारों के संबंध में अलग से कोई व्यावहारिक परीक्षा नहीं होगी। हालांकि, कक्षा 12 के छात्रों के लिए सीबीएसई बाहरी परीक्षक की नियुक्ति करेगा। बोर्ड प्रैक्टिकल परीक्षाओं की निगरानी और परीक्षा के निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में पर्यवेक्षक भी नियुक्त कर सकता है।

एक्ट्रेस मैककॉर्ड ने जंग खत्म करने की गुजारिश की

एक्ट्रेस मैककॉर्ड ने जंग खत्म करने की गुजारिश की     

अखिलेश पांडेय           

कीव/मास्को। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। दुनियाभर के लोग सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक,  को खत्म करने की अपील कर रहे हैं। इस बीच अमेरिकी एक्ट्रेस और एक्टिविस्ट एनालिन मैककॉर्ड ने एक वीडियो जारी कर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर ऐसी बात कह दी कि वह सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गईं। 34 वर्षीय मैककॉर्ड ने यूक्रेन पर हमले के बाद राष्ट्रपति पुतिन के लिए वीडियो संदेश जारी किया। वीडियो में उन्होंने एक कविता पढ़कर रूसी राष्ट्रपति से रूस-यूक्रेन जंग खत्म करने की गुजारिश की। इस दौरान उन्होंने कहा- 'प्रिय राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, मुझे बहुत अफ़सोस है कि मैं तुम्हारी मां नहीं थी। अगर मैं तुम्हारी मां होती तो तुम्हें बहुत प्यार करती।

एक्ट्रेस मैककॉर्ड ने बताया कि पुतिन का जीवन कैसे अलग होता, अगर वह उनकी मां होतीं। वो कहती हैं- 'अगर मैं तुम्हारी मां होती तो दुनिया अच्छाई से भरी होती, इतनी हंसी और खुशी होती कि कुछ भी नुकसान नहीं होता। मैककॉर्ड आगे कहती हैं- 'अगर मैं तुम्हारी मां होती तो तुम्हें अन्याय, हिंसा, आतंक, अनिश्चितता से बचाने के लिए मर मिटती।
अमेरिकी एक्ट्रेस के इस 2 मिनट 20 सेकेंड के वीडियो पर हजारों की संख्या में यूजर्स ने रिएक्ट किया है। कई लोग एक्ट्रेस की कविता पर भड़क गए हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने कविता की सराहना भी की है। एक यूजर ने लिखा- 'युद्ध के समय ऐसी कविताओं का कोई औचित्य नहीं है। वहीं दूसरे यूजर ने कहा- 'पहल अच्छी है।
कई यूजर्स ने कहा- 'ये युद्ध पुतिन ने शुरू किया है, अब समझाने से क्या फायदा। तो कई ने कहा- 'ये काल्पनिक परिस्थितियों के बारे में सोचने का सही समय नहीं है। एनालिन मैककॉर्ड के इस वीडियो पर यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 13,166 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 13,166 नए मामलें    

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 13,166 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 4,28,94,345 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,34,235 रह गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 302 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 5,13,226 हो गई। देश में अभी 1,34,235 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 0.31 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 14,124 की कमी दर्ज की गई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर 98.49 प्रतिशत हो गई है। उल्लेखनीय है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी।

संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ के पार हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ के पार और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 26 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार पहुंच गए।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...