3 साल पहले 'हार्टअटैक' के जोखिम का पता लगेगा
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल की बीमारियों का शिकार अब ना सिर्फ बुजुर्ग, बल्कि युवा पीढ़ी के लोग भी तेजी से हो रहे हैं। हार्ट अटैक के बढ़ते मामले खुद इस बात का सबूत है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने अब एक ऐसा टेस्ट खोज निकाला है। जिसकी मदद से लगभग तीन साल पहले ही हार्ट अटैक के जोखिम का पता लगाया जा सकता है। इससे हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का खतरा काफी हद तक कम हो सकेगा। इसके लिए वैज्ञानिकों ने हार्ट अटैक के पूर्व पीड़ितों के सी-रिएक्टिव प्रोटीन की जांच की है। यानी एक ऐसा संकेत जो इंफ्लेमेशन के बारे में बताता है। उन्होंने ट्रोपोनिन का भी स्टैंडर्ड टेस्ट किया। ये वो प्रोटीन है जो हार्ट डैमेज होने पर खून में से निकलता है। रिपोर्ट बताती है कि एनएचएस के करीब ढाई लाख रोगियों में जिनका सीआरपी लेवल बढ़ा हुआ था और ट्रोपोनिन टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे, उनमें तीन वर्ष में मौत की संभावना करीब 35 प्रतिशत थी।