शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

वैचारिक तौर से मजबूत करने की आक्रामक रणनीति

हरिओम उपाध्याय        
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये कमर कस चुकी कांग्रेस खुद को सांगठनिक तौर पर मजबूत करने के साथ ही बूथ स्तर तक के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को वैचारिक तौर से मजबूत करने की आक्रामक रणनीति अपना रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने गुरूवार को बताया कि "प्रशिक्षण से पराक्रम" टैगलाइन के साथ आयोजित किये जा रहे प्रशिक्षण शिविरों में अनुभवी कांग्रेस विचारकों और प्रवक्ताओं, वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारियों की छह टीमें पूरे प्रदेश में विधानसभा स्तर पर सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को आकड़ां एवं तथ्यात्मक तरीकों से प्रशिक्षित कर रही हैं। अनुभवी प्रशिक्षित कांग्रेस नेताओं के द्वारा चलाये जा रहे "कांग्रेस विजय सेना के निर्माण" की विशेषता यह है कि 100 दिन, 700 कैम्प, एवं दो लाख से अधिक कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है। कांग्रेस यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सभी 58000 ग्राम सभाओं तक कांग्रेस वैचारिक रूप से अपनी पकड़ बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि नेतृत्व का मानना है कि इस बार आगामी विधानसभा चुनाव में योगी सरकार की नाकामियों व अर्कणमयता का मजबूत पुलिंदा तैयार करने के साथ ही सपा और बसपा सरकारों के कुशासन एवं भ्रष्टाचार, घपले घोटालों की भी चर्चाओं को बनाएं रखने की जरूरत है। प्रशिक्षण के उपरान्त मजबूत जानकारी तथ्यों, ऑकड़ों के साथ प्रशिक्षित कार्यकर्ता जनता के बीच चुनाव में कांग्रेस पार्टी की विचारधारा और जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर पूरी तरह अपनी बात रखने व समझाने में सक्षम होगा।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि इस तथ्य पर प्रमुखता से जोर दिया रहा है कि आज कांग्रेसियों को आरएसएस बीजेपी के साथ-साथ ही गैर कांग्रेसी सरकारों व सपा बसपा जैसी पार्टियों की सच्चाई को जनता के बीच प्रभावी तरीके से उजागर करना होगा।

29 को याचिका पर अगली सुनवाई करेगा एससी

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट क्षेत्र की उप राष्ट्रपति भवन स्थित मस्जिद समेत 100 साल से अधिक पुराने छह इबादत स्थलों के भविष्य स्पष्ट करने की मांग को लेकर दायर एक याचिका पर अगली सुनवाई 29 सितंबर को करेगा।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका पर सुनवाई करते हुए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की किसी भी संभावना पर विराम लगाते हुए कहा कि इस संबंध में उच्चतम न्यायालय ने पहले ही स्थिति साफ कर दी थी। न्यायालय ने कहा था कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को रोका नहीं जा सकता है। प्रोजेक्ट कार्य पूरा करने की अवधि पहले से तय है।
न्यायमूर्ति सचदेव ने कहा कि यह सर्वविदित है कि याचिका में जिन मस्जिदों और मजार के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गई है, वे काफी पुरानी हैं और परियोजना में निश्चित रूप से इसके बारे में कोई उचित व्यवस्था की गई होगी।
दिल्ली वक्फ बोर्ड ने मस्जिद उप राष्ट्रपति भवन के अलावा मस्जिद ज़ाब्ता गंज, मस्जिद सुनहरी बाग, जामा मस्जिद क्रॉस रोड, मस्जिद कृषि भवन और मज़ार सुनहरी बाग को लेकर अदालत में याचिका दायर की है। याचिका में लुटियन क्षेत्र की इन मस्जिदों एवं मजार के भविष्य को लेकर आशंका व्यक्त करते हुए सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गई है। यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि प्रोजेक्ट में मस्जिदों एवं मजार के बारे क्या योजना है।

आंदोलन: किसानों को बैंक यूनियनों का साथ मिला

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले तकरीबन 1 वर्ष आंदोलन कर रहे किसानों को अब बैंक यूनियनों का भी साथ मिल गया है। संयुक्त किसान मोर्चा को अपना समर्थन देते हुए बैंक यूनियनों ने भारत बंद में अपनी साझीदारी की बात कही है। बैंक यूनियनों के इस समर्थन को अपने लिये संजीवनी मानते हुए संयुक्त किसान मोर्चा अब अन्य यूनियनों के साथ भी संपर्क साधने में जुट गया है।
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पिछले तकरीबन 10 महीने से आंदोलन कर रहे भाकियू संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत 27 सितंबर को 'भारत बंद' की तैयारी कर रहा है। इसी दिन किसान आंदोलन के 300 दिन पूरे हो रहे हैं। अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) ने सरकार से संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों पर उसके साथ फिर से बातचीत शुरू करने और तीन विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने का अनुरोध किया है। किसान संगठनों ने भारत बंद के फैसले से पीछे हटने से इंकार कर दिया है।
इस महीने की शुरुआत में जारी एनएसएस भूमि और परिवारों के पास पशुधन और कृषि परिवारों की स्थिति आकलन, 2018-19 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, संघ ने कहा कि ऐसा लगता है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का सरकार का लक्ष्य, दूर का सपना लगता है। प्रति कृषि परिवार का औसत बकाया ऋण वर्ष 2018 में बढ़कर 74,121 रुपये हो गया,जो वर्ष 2013 में 47,000 रुपये था। कृषि परिवारों का बढ़ता कर्ज, गहराते कृषि संकट को दर्शाता है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पिछले हफ्ते कहा था कि तीन कृषि कानून जब तक वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक वो अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा है कि जब तक हम जीत नहीं जाते तब तक कोई ताकत हमें वहां से हटा नहीं सकती। बता दें कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले नौ महीने से दिल्ली बॉर्डर पर किसान डेरा डाले हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 27 सितंबर के 'भारत बंद' के लिए दिशानिर्देश जारी किए है। कृषि आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि भारत बंद शांतिपूर्ण होगा और किसान ये सुनिश्चित करेंगे कि जनता को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े। उन्होंने कहा कि बंद सुबह छह बजे से शुरू होगा और शाम चार बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों, बाजारों, दुकानों, कारखानों, स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं सार्वजनिक और निजी परिवहन की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी भी सार्वजनिक समारोह की अनुमति नहीं दी जाएगी। बैंक यूनियन के पदाधिकारी आरके शर्मा ने बताया कि हालांकि हमको अभी किसी प्रकार का आदेश यूनियन के बड़े पदाधिकारियों से लिखित में नहीं मिला है। लेकिन यह बताया गया है कि बैंक यूनियन 27 के भारत बंद में शामिल हो सकती हैं।

क्षत्रिय समाज के लोग एक दूसरे के सामने आएं

अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर उत्पन्न हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्वालियर और मुरैना में सम्राट मिहिर भोज को अपनी अपनी जाति और वंश का बताते हुए गुर्जर और क्षत्रिय समाज के लोग एक दूसरे के सामने आ गए हैं। मुरैना में सड़क जाम करने के बाद बामनमोर में दर्जनभर से अधिक युवकों ने मुरैना व ग्वालियर के बीच चलने वाली बसों को रोककर उनके भीतर तोड़फोड़ की। जान बचाने के लिए बसों के भीतर बैठी सवारियां मदद के लिए चिल्लाने लगी। वर्ग संघर्ष की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने अगले 3 दिनों के लिए मुरैना में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद रखने के आदेश जारी कर दिए हैं।
दरअसल सम्राट मिहिर भोज की उस दिन पहले ग्वालियर में एक प्रतिमा लगाई गई थी। इसके बाद मुरैना में भी सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा की स्थापना की गई। सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमाओं के नीचे लगे शिलापट में सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर बताया गया है। इसी बात को लेकर गुर्जर और क्षत्रिय समाज के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है। बृहस्पतिवार को दिन में एक जाति के लोगों ने मुरैना के एमएस रोड पर प्रदर्शन करते हुए जाम लगाया था। उन्होंने मांग उठाई थी कि सम्राट मिहिर भोज के शिलापट के नीचे जिस वर्ग का नाम लिखा गया है। वह गलत है। उसे हटाया जाना चाहिए। युवकों के हंगामे की जानकारी पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और प्रदर्शन कर रहे लोगों को डंडे फटकार कर खदेड़ दिया। बृहस्पतिवार की देर रात बामनमोर में ग्वालियर-मुरैना के बीच चल रही बसों में भी तोड़फोड़ की गई। बताया जा रहा है कि बसों के भीतर बैठी सवारियों ने मदद के लिए काफी गुहार लगाई थी, जिसके चलते आनन-फानन में पहुंची पुलिस ने बसों में तोड़फोड़ कर रहे लोगों को खदेड़ दिया था। इस घटना के बाद जिला मुरैना जिला प्रशासन ने आनन-फानन में एक आदेश निकालकर जिले के स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को 3 दिन के लिए बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। शुक्रवार से शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की जा रही है।

न्यूजीलैंड ने हाथ खींच लिए और दौरा रद्द किया

वेलिंग्टन। क्रिकेट टीम हाल ही में पाकिस्तान दौरे पर गई थी। उसे वहां पर वनडे और टी-20 सीरीज खेलनी थी। फिर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए न्यूजीलैंड ने हाथ खींच लिए और दौरा रद्द कर दिया। लेकिन अब इस दौरे से जुड़ा एक अनोखा खुलासा देखने को मिल रहा है। एक पाकिस्तानी वेबसाइट ने खबर दी है कि न्यूजीलैंड टीम के आठ दिन तक पाकिस्तान में रुकने के दौरान इस्लामाबाद पुलिस 27 लाख रुपये की बिरयानी खा गई।
पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड ने इस सीरीज के लिए काफी तैयारियां की थी, लेकिन उसके हाथ निराशा लगी। यह दौरा रद्द होने के कारण पाकिस्‍तान को तगड़ा आर्थिक नुकसान भी पहुंचा। कीवी टीम के दौरा रद्द करने के बाद इंग्‍लैंड एंड वेल्‍स क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्‍तान का छोटा दौरा रद्द करने की घोषणा करके पीसीबी के जख्‍मों पर नमक छिड़कने का काम किया। हालांकि, ईसीबी ने दौरा रद्द करने के पीछे कोई ठोस वजह नहीं बताई।
बहरहाल, पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड को इन दौरों के रद्द होने से आर्थिक रूप से तगड़ा नुकसान हुआ। अब पाकिस्‍तान के सुरक्षा कर्मियों ने 27 लाख रुपए का बिरयानी बिल जमा करके पीसीबी की मुसीबतें और बढ़ा दी हैं। यह जानकर आप भी हैरान हो गए ना।

हजारा समुदाय के प्रमुख नेता मोहाकिक का आरोप


काबुल। अफगानिस्तान में हजारा समुदाय के प्रमुख नेता मोहम्मद मोहाकिक ने आरोप लगाया है कि मध्यवर्ती प्रांत दयकुंडी में तालिबान के अधिकारी लोगों को अपनी जमीन छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। अपदस्थ अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी के पूर्व सुरक्षा सलाहकार एवं हज्ब-ए-वहदत इस्लामी मर्दोम अफगानिस्तान के नेता मोहाकिक ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट कर कहा कि तालिबान के अधिकारी दयकुंडी में लोगों को गिजाब जिले के कंदिर और दहन नाला क्षेत्रों में तालिबान के प्रशंसकों के लिए अपनी जमीनें छोड़ने को मजबूर कर रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर लोग अपनी जमीनें छोड़ने के तालिबान के आदेश का पालन करते हैं तो आगामी सर्दियों से पहले एक मानवीय संकट पैदा हो जायेगा। मोहाकिक ने दो पत्र भी साझा किये, जो कथित तौर पर तालिबान अधिकारियों ने जारी किये हैं। इन पत्राें में जमीनें छोड़ने का आदेश दिया गया है और जरूरत पड़ने पर तालि
बान के सैन्य आयोग को हस्तक्षेप करने को कहा गया है।
उन्होंने बताया कि दयकुंडी में तालिबान के अधिकारियों ने लोगों को अपनी जमीनें छोड़ने के लिए महज कुछ घंटों का समय दिया है। हजारा नेता ने कहा, “मुझे अभी मिली जानकारी के अनुसार, तालिबान का कहना है कि अगर किसी को आपत्ति है तो वह जमीन छोड़ने के बाद अदालत का रुख कर सकता है। इसका मतलब है कि तालिबान अदालतें पहले फैसले जारी करती हैं और उसके बाद जांच प्रक्रिया होती है।

हाईकोर्ट ने वर्ष 2013 में संशोधन का हवाला दिया

दुष्यंत टीकम        
बिलासपुर। बस्तर जिले की रहने वाली मुनिया मुखर्जी के पति लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में तृतीय श्रेणी कर्मचारी थे, उनकी 30 अगस्त 2020 को मौत हो गई।अनुकंपा नियुक्ति के लिए विभागीय अधिकारियों को आवेदन दिया। लेकिन विभाग ने राज्य शासन के वर्ष 2013 में नियम में संशोधन का हवाला देते हुए उनके आवेदन को खारिज कर दिया। अधिकारियों ने उन्हें बताया, कि दिवंगत कर्मचारी की मां मीना मुखर्जी शासकीय शिक्षक हैं, इसलिए बहू को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं है।
विभाग के इस आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा, कि परिवार में पति पत्नी व बच्चे शामिल होते हैं। सास को उनके परिवार का सदस्य नहीं माना जा सकता। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता महिला को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति को लेकर एक अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है, कि अगर बेटे की मौत हो जाती है, और उसकी मां शासकीय सेवा में है तो पत्नी को नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को नौकरी देने का आदेश दिया है।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...