सोमवार, 23 अगस्त 2021

जमुई में कॉलेज निर्माण को लेकर एचसी का फैसला

अविनाश श्रीवास्तव                      
जमुई। जमुई में मेडिकलकॉलेज निर्माण को लेकर हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया कि खैरा के बेला में ही मेडिकल कॉलेज का निर्माण होगा। हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विभाग को निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश संजय केरोल और जस्टिस डॉक्टर अनिल कुमार उपाध्याय ने इस मामले की सुनवाई के उपरांत यह फैसला दिया है। कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि जिस स्थल पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण होना है वह इलाका सुरक्षा के दृष्टिकोण से ठीक नहीं है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था। सरकार ने कोर्ट को यह जानकारी दिया कि जहाँ पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाना है वह जगह सुरक्षा की दृष्टिकोण से बेहतर है। वहाँ सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम हैं। निर्माण स्थल के पास एसएसबी का कैम्प है। सरकार के द्वारा दिये गए जवाब के बाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। बताते चलें कि जमुई में मेडिकल कॉलेज के निर्माण से यहाँ के लोगों में काफी खुशी है।जमुई जिला के जनप्रिय नेता दिवंगत विधायक अभयसिंह जी का अपने जिला में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का सपना साकार होने जा रहा है। जिले में मेडिकल कॉलेज निर्माण राह में रोड़ा अटकाने वालों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। अपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए कुछ लोग इसके निर्माण में बाधक बने हुए थे। लेकिन बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रधोगिकी मंत्री सुमितकुमारसिंह लगातार इन बाधाओं को दूर करने के लिए प्रयासरत थे। सरकार के तरफ से कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखा जाए, उन्होंने यह सुनिश्चित किया। जिसका परिणाम यह हुआ कि हाईकोर्ट में बिहार सरकार की दलील के सामने रोड़ा अटकाने वालों के तर्क धराशायी हो गए। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद सभी अड़चने दूर हो गई है। 
जल्द ही मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का कार्यारंभ होने जा रहा है।जमुई मेडिकल शिक्षा एवं सेवा के मामले में पटना और देवघर पर निर्भर था। यहां से पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की दूरी 170 किमी से अधिक है। लिहाज़ा किसी भी आपात स्थिति में बहुत मुश्किल होती है। दूसरा यहां मेडिकल एजुकेशन से लोगों का इसके प्रति रुझान बढ़ेगा। मेडिकल कॉलेज शुरू होने से इसके साथ-साथ सरकारी स्तर पर नर्सिंग एजुकेशन, पारा मेडिकल ट्रेनिंग, लैब तकनीशियन, ओटी असिस्टेन्ट, रेडियोलॉजी असिस्टेन्ट आदि की पढ़ाई यहां शुरू हो सकेगी। जिससे बड़े पैमाने पर स्थानीय युवाओं को तकनीकी कौशल आधारित रोजगार मिलेगा।मेडिकल कॉलेज अस्पताल शुरू होने पर स्वाभाविक रूप से इन सभी विधाओं का सहज रूप से शिक्षण-प्रशिक्षण शुरू होता है। वहीं मेडिकल कॉलेज के कारण बहुत सारे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर विकसित होंगे। लोगों में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ेगी, सेहतमंद होंगे। वहीं छोटी बीमारियों में भी पटना और बड़े शहर जाकर इलाज़ कराने को विवश नहीं होंगे। इससे आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानी से बहुत निजात मिलेगी।।

गेस्ट के मामले में डीएसपी शमशेर पर कार्रवाई की

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। एम्स से रोहतक सुनारियां जेल वापस लौटते समय डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को स्पेशल गेस्ट से मिलाने के मामले में महम डीएसपी शमशेर सिंह पर बड़ी कार्रवाई की गई है।
गौरतलब है कि डेरा प्रमुख को इलाज के लिए दिल्ली एम्स ले जाया गया था और आरोप है कि सिक्योरिटी के ओवरआल इंचार्ज रहें डीएसपी शमशेर सिंह ने वापस लौटते समय डेरा प्रमुख की मुलाकात कुछ लोगों से करवाई थी जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। सुरक्षा में चूक का यह मामला मीडिया समेत पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना था। जिसके बाद अब मुख्यालय से डीएसपी को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए हैं।
बता दें कि डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम साध्वियों से यौन उत्पीडन मामले में रोहतक की सुनारियां जेल में बंद हैं।17 जुलाई को अचानक तबीयत बिगड़ने पर बाबा राम रहीम को कुछ टेस्ट कराने के लिए दिल्ली एम्स हॉस्पिटल लें जाया गया था।
इस दौरें की सुरक्षा का पूरा जिम्मा डीएसपी महम को सौंपा गया था। एम्स से वापसी के दौरान डीएसपी ने बाबा राम रहीम को अपनी सरकारी गाड़ी में बैठाया था। इस दौरान साथ में दो महिलाएं भी गाड़ी में साथ बैठी थी। रास्ते में कई जगहों पर गाड़ी को रोका भी गया तथा रुट भी डायवर्ट किया गया था।
वहां से लौटने के बाद महम डीएसपी के सुपरविजन में काम कर रहे रोहतक के एक अन्य डीएसपी ने इस मामले की रिपोर्ट एसपी राहुल शर्मा को दी। एसपी राहुल ने तुरंत एडीजीपी संदीप खिरवार को पूरे मामले से अवगत कराया। इसके बाद मामले की रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजी गई थी। इस रिपोर्ट में डीएसपी महम शमशेर सिंह को सस्पेंड करने की सिफारिश की गई थी।

बाइक और पुलिस वाहन की टक्कर में 1 की मौंत

हरिओम उपाध्याय                    
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में बाइक और पुलिस वाहन की आमने-सामने की टक्कर में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। घटना रविवार को हुई। दो भाई और उनकी पत्नियां गुरुग्राम से रक्षा बंधन उत्सव के लिए बदायूं जिले के अपने पैतृक गांव जा रही थीं। जब उनकी बाइक पुलिस की गाड़ी से टकरा गई। 
पुलिस ने कहा कि चारों बाइक पर सवार थे और कुछ सामान भी ले जा रहे थे। एक भाई की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तीन अन्य को गंभीर चोटें आई हैं, वे अस्पताल में हैं। यह घटना दहगावा गांव के पास हुई जब उन्होंने रोडवेज बस को ओवरटेक करने की कोशिश की और विपरीत दिशा से आ रहे पुलिस वाहन से टकरा गए।

पार्टी के मंत्री सुनील को कैबिनेट से हटाने की मांग की

कविता गर्ग                   
मुंबई। कांग्रेस नेता आशीष देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर पार्टी के मंत्री सुनील केदार को कैबिनेट से हटाने की मांग की है। देशमुख ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि सुनील केदार ने अपने खिलाफ चल रहे एक केस में अपने दोस्त को ही सरकारी वकील बनाया है। उन्होंने यह भी कहा है कि वकील प्रदेश कांग्रेस की लीगल सेल का मुखिया रह चुका है इसलिए यह मामला ‘कन्फ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट’ का है। विधायक आशीष देशमुख ने यह चिट्ठी सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता केदार और 10 अन्य लोगों पर साल 2002 में नागपुर जिले के सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक में 150 करोड़ रुपये के हेरफेर से जुड़े मामले में केस चल रहा है।
उन्होंने यह भी कहा है कि इस मामले की सुनवाई अब आखिरी चरण में है और कोर्ट बीते 19 सालों से अलग-अलग कारणों से इस मामले को लंबित रखे हुए थी। देशमुख ने यह भी आरोप लगाया है कि केदार ने अपने दोस्त को सरकारी वकील इसलिए नियुक्त किया है ताकि वह उनके खिलाफ मजबूती से केस न लड़े और वह केस से बरी हो जाए। देशमुख ने न सिर्फ वकील की नियुक्ति को खारिज करने की मांग की है बल्कि यह भी कहा है कि केदार की राज्य कैबिनेट से भी छुट्टी की जाए।

यूपी: नोंकझोंक का वीडियो, अधिकारियों का संज्ञान

हरिओम उपाध्याय                   
कानपुर। विधायक और दरोगा के बीच के बीच हुई नोंकझोंक का मामला अब तूल पकड़ गया है। दरअसल, नोंकझोंक का वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों ने भी संज्ञान लिया। इसके बाद दरोगा ने सपा विधायक के खिलाफ तस्करा डाला। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है। आने वाले दिनों में विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बताया जाता है कि कानपुर के ग्वालटोली थाने में सपा विधायक इरफान सोलंकी और दरोगा राजीव कुमार सिंह के बीच नोंकझोंक हुई थी। विधायक मोटर साइकिल चालान के मामले में सिफारिश लेकर थाने पहुंचे थे।
मोटर साइकिल चालान के मामले में पहुंचे थे विधायक
पुलिस का कहना है कि शरीफ नाम का एक अपराधी है जिसपर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जा चुकी है। अब उसे जिलाबदर करने की कार्यवाही जारी है। वह कई बार जेल भी भेजा जा चुका है। बीते दिनों उसकी मोटर साइकिल का ग्वालटोली थाने के दारोगा राजीव कुमार सिंह ने चालान किया था। इसके बाद शरीफ ने फोन करके विधायक इरफान सोलंकी को बुला लिया।
पुलिस के अनुसार विधायक थाने पहुंचते ही दारोगा पर भड़के और बोले, तुम्हारा थानेदार कहां हैं। बताते हैं कि इसपर दरोगा ने सलीके से बात करने को कहा, तो विधायक बोले, मैं विधायक हूं, खड़े होकर बात करो। इसी नोंकझोंक का किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था। उधर, ग्वालटोली थाना प्रभारी केके दीक्षित का कहना है कि दारोगा राजीव कुमार सिंह ने थाने में तस्करा डाला है। इसमें विधायक पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और धमकाने का आरोप लगा है।

सावन के महीने में एक फीसदी ज्यादा बरसात हुईं

मनोज सिंह ठाकुर                
भोपाल। मध्यप्रदेश में सावन के महीने में जोरदार बरसात हुई। ग्वालियर और चम्बल संभाग के कई जिलों में चार-पांच दिन तक बाढ़ के हालात बने रहे। इसके बावजूद सावन के महीने में प्रदेश में सावन के महीने में निर्धारित कोटे से केवल एक फीसदी ज्यादा बारिश हुई। ग्वालियर-चम्बल अंचल को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के 31 जिलों में औसत से भी कम बारिश दर्ज की गई। इनमें से 12 जिलों 21 से 42 फीसदी तक और 19 जिलों में 18 फीसदी तक कम बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग के मुताबिक, सावन के महीने में मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है, जबकि मालवा, निवाड़, बुंदेलखंड और महाकौशल क्षेत्र के 12 जिलों में सामान्य से 21 से 42 फीसदी तक कम बारिश हुई। इनमें दमोह, छतरपुर, बालाघाट, जबलपुर, कटनी, पन्ना, सिवनी, बड़वानी, हरदा, धार, इंदौर, खरगोन जिले शामिल हैं। इसके अलावा राजधानी भोपाल सहित 19 जिलों में औसत से 4 से 18 फीसदी तक कम बारिश हुई है। वहीं, ग्वालियर-चंबल संभाग के श्योपुर जिले में सामान्य से 123 फीसदी और गुना जिले में 114 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज हुई है।
सावन समाप्त होने के बाद सोमवार से भादौ का मास शुरू हो गया है। इस महीने में प्रदेश में जोरदार बारिश की संभावना है। हालांकि, वर्तमान में यहां कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है, जिसके चलते बारिश की गतिविधियां कमजोर पड़ी हैं, लेकिन वातावरण में बड़े पैमाने में नमी मौजूद रहने के कारण कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ रही हैं। इधर, मौसम विभाग ने चार जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की है। चार जिलों के अलावा 28 जिलों में आंधी चलने के साथ ही बिजली गिरने का भी अलर्ट जारी किया है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में कोई वेदर सिस्टम मध्यप्रदेश में सक्रिय नहीं है। मानसून ट्रफ भी अब राजस्थान से उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड से होकर नागालैंड तक जा रहा है। इस वजह से नमी मिलने का सिलसिला कम हो गया है। जिसके चलते धीरे-धीरे बादल छंटने लगे हैं। हालांकि कुछ नमी मौजूद रहने के कारण जहां उमस परेशान करेगी, वहां कहीं-कहीं दोपहर बाद छिटपुट बौछारें भी पड़ सकती हैं।
उन्होंने बताया कि मौसम विभाग ने चार जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी है। इनमें धार, देवास, उज्जैन और रतलाम जिलों के अलग-अलग स्थानों पर गरज चमक के साथ बिजली गिरने की संभावना है। इसके अलावा राज्य के 13 अन्य जिलों में बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया। इनमें नीमच, दतिया, मुरैना, मंदसौर, भिंड, शिवपुरी, झाबुआ, शाजापुर, आगर-मालवा, बैतूल, राजगढ़, छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर जिलों में बिजली चमकने के अलावा बादल गरजने के साथ ही बारिश भी होगी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने 25 मास्टर ट्रेनर बनाएं

हरिओम उपाध्याय                    
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 25 मास्टर ट्रेनर बनाये हैं। कठिन प्रशिक्षण के बाद तैयार हुए 25 कांग्रेस नेताओं को मास्टर ट्रेनर का नाम दिया गया है। ये मास्टर ट्रेनर प्रदेश की 403 विधानसभाओं तक जायेंगे और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए प्रशिक्षित करेंगे।
उप्र कांग्रेस कमेटी का 24 अगस्त से 06 सितम्बर तक 403 विधानसभाओं में प्रशिक्षण अभियान चलने जा रहा है। इस अभियान के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका के 25 मास्टर ट्रेनर तैयार हैं। सभी मास्टर ट्रेनरों को उन विधानसभाओं की जानकारी दे दी गयी है, जहां उन्हें पहुंचकर कार्यकर्ता प्रशिक्षण देना है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मीडिया सेल देख रहे द्विजेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 24 अगस्त से शुरु हो रहा प्रशिक्षित कार्यक्रम को पांच हिस्से में बांटा गया है। बूथ प्रबंधन, विधानसभा स्तर पर अपनी योजना जैसे पांच मुद्दे इसमें शामिल है। ये प्रियंका गांधी वाड्रा की योजना है और महत्वपूर्ण अभियान है।
300 नेताओं में सिर्फ 25 का हुआ चयन...
उन्होंने बताया कि मास्टर ट्रेनर बनने से पहले 300 नेताओं का चयन हुआ था। 300 सौ नेताओं में से योग्यता के अनुसार 25 मास्टर ट्रेनर बनाये गये। मास्टर ट्रेनर की आगामी विधानसभा में अहम भूमिका रहेगी। प्रशिक्षण अभियान में बूथ प्रबंधन के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने की अहम जिम्मेदारी भी है।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...