मंगलवार, 10 अगस्त 2021

100 फुट की ऊंचाई पर 3 तिरंगे लगाएंगा विभाग

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। लोक निर्माण विभाग 15 अगस्त यानी देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक ईस्ट किदवई नगर, रानी बाग और ईस्ट विनोद नगर में 100 फुट की ऊंचाई पर तीन तिरंगे लगाएगा। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह परियोजना दिल्ली सरकार के ”देशभक्ति बजट” के तहत पूरी की जा रही है।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के अनुसार पहले उन्हें 15 अगस्त तक पांच स्थानों पर ध्वज स्थापित करने थे। लेकिन फिलहाल तीन तिरंगे ही लगाए जाएंगे। ईस्ट किदवई नगर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्वाचन क्षेत्र नयी दिल्ली जबकि ईस्ट विनोद नगर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज में आता है।
रानी बाग पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन के निवार्चन क्षेत्र शकूरबस्ती में है । पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”हम इसे बहुत कम समय में पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमें यकीन है कि 15 अगस्त तक ईस्ट किदवई नगर, रानी बाग और ईस्ट विनोद नगर में 100 फुट की ऊंचाई पर तिरंगे लगा दिये जाएंगे। इन स्थानों पर काम भी शुरू हो चुका है।
उन्होंने कहा कि द्वारका और कालकाजी में दो और स्थानों की पहचान की गई है। लेकिन 15 अगस्त तक वहां 100 फुट की ऊंचाई पर तिरंगे झंडे स्थापित किये जाने की संभावना नहीं है। इस साल मार्च में, दिल्ली सरकार ने देशभक्ति पर आधारित अपने वार्षिक बजट की घोषणा की थी और इसे ‘देशभक्ति बजट’ नाम दिया था, जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी में 500 स्थानों पर ये तिरंगे स्थापित करने के लिए 45 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
एक अन्य पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने कहा कि 15 अगस्त के बाद और स्थानों की पहचान कर अधिक 100 फुट की ऊंचाई पर तिरंगे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा, “ईस्ट किदवई नगर में नवनिर्मित आवासीय परिसर के पार्क में 100 फुट की ऊंचाई पर तिरंगा लगाया जा रहा है। पूर्वी विनोद नगर और रानी बाग में सार्वजनिक पार्कों में झंडे लगाए जा रहे हैं। हम 500 और स्थानों पर झंडे लगाने के लिए सार्वजनिक स्थानों, पार्कों, मैदानों, स्कूल भवनों व आवासीय परिसरों का सर्वेक्षण कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कहा कि कनॉट प्लेस की तर्ज पर ऊंचे ध्वजस्तंभ पर ये तिरंगे इस तरह से लगाए जाएंगे कि वे कम से कम दो-तीन किलोमीटर की दूरी से दिखाई दें। इसके लिये निविदा भी आमंत्रित की जा चुकी हैं।

इकाई ने ‘भारतीय आर्थिक पार्टी’ का गठन किया

राणा ओबराय                 
लुधियाना। पंजाब में उद्योगपतियों की एक इकाई ने यहां ‘भारतीय आर्थिक पार्टी’ का गठन कर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी को 2022 में विधानसभा चुनाव में पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है।
‘भारतीय आर्थिक पार्टी’ नाम की इस नई पार्टी ने किसानों, व्यापारियों और श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने का दावा किया है। हरियाणा के किसान नेता चढूनी की अध्यक्षता में विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर नई पार्टी की शुरुआत की।
एक व्यापारिक संगठन का नेतृत्व करने वाले तरुण बावा को नवगठित पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। वहीं चढूनी को राज्य में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। चढूनी इस पार्टी में शामिल तो नहीं हुए लेकिन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर उनके नाम की घोषणा के दौरान वह मंच पर मौजूद थे।
पिछले महीने चढूनी ने ‘मिशन पंजाब’ की बात करते हुए कहा था कि पंजाब में केंद्र के कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन करनेवाले संगठनों को पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहिए क्योंकि इससे  एक मॉडल पेश होगा कि तंत्र को कैसे बदला जाता है।
यहां सभा को संबोधित करते हुए चढूनी ने कहा कि ‘भारतीय आर्थिक पार्टी’ उनके ‘मिशन पंजाब-2022’ को सफल बनाने की दिशा में काम करेगी। उन्होंने कहा कि हमने पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 में सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने दावा किया कि किसान, व्यापारी और श्रमिकों को कांग्रेस और भाजपा दोनों के हाथों लगातार उपेक्षा का सामना करना पड़ा है।
चढूनी ने आशा व्यक्त की कि ‘भारतीय आर्थिक पार्टी’ समाज के इन उपेक्षित वर्गों के लिए काम करेंगी। उन्होंने कहा कि किसी राजनीतिक पार्टी ने अब तक एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के मुद्दे पर न तो कोई घोषणा की है और न किसानों को आश्वासन दिया है।
किसान नेता ने दावा किया कि नई पार्टी सदन में बहुमत हासिल करेगी और किसानों, व्यापारियों और श्रमिकों के हितों वाले क़ानून लाए जाएंगे। चढूनी ने शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की सभी बैठकों से अलग रहने की घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त मोर्चे के कुछ नेता उनके और उनके समर्थकों के साथ भेदभाव कर रहे हैं।
हालांकि उन्होंने कहा कि वह इस संगठन के सभी फैसलों का पालन करेंगे क्योंकि वह नहीं चाहते हैं कि किसानों का आंदोलन कमजोर हो। पिछले महीने संयुक्त किसान मोर्चे ने चढूनी को यह कहने के बाद सात दिन के लिए निलंबित कर दिया था कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब के किसान संगठनों को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरना चाहिए।

हर राज्य में पशुओं की भी गिनती की गई: भाजपा

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। भाजपा ने मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकारों के समय हर राज्य में पशुओं की भी गिनती की गई। लेकिन पिछड़ा वर्ग की गिनती नहीं की गई क्योंकि उसे इनकी कोई चिंता ही नहीं थी। निचले सदन में ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा की संघमित्रा मौर्य ने कहा कि देश में सबसे अधिक समय तक कांग्रेस सत्ता में रही और उनके समय हर राज्य में पशुओं की भी गिनती की गई लेकिन पिछड़े वर्ग की गिनती नहीं हुई। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ” साल 2011 में जब जनगणना हो रही थी तब केंद्र में कांग्रेस नीत सरकार थी । हम पूछना चाहते हैं कि तब अन्य पिछड़ा वर्ग के आंकड़े क्यों प्रकाशित नहीं किये गए। ” मौर्य ने आरोप लगाया कि आरक्षण को खत्म करने की शुरूआत साल 2010 में शुरू कर दी गई थी जब कांग्रेस की सरकार थी।
भाजपा सांसद ने कहा कि अगर आपने (कांग्रेस) जनता के अधिकारों के संरक्षण की बात की होती तब जनता आपको सत्ता से बाहर नहीं करती। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के समय तमाम घोटालों के साथ अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गो के हितों को नजरंदाज किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यो का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार पिछड़े वर्गो के अधिकारों के संरक्षण एवं उनके कल्याण को ध्यान में रखकर यह विधेयक लेकर आयी है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले को लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षण को मंजूरी दी है। मौर्य ने कहा कि अब स्नातक, स्नातकोत्तर मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
भाजपा सदस्य ने कहा कि 1931 में आखिरी बार जाति आधारित जनगणना हुई थी और अब तक इसी के आधार पर व्याख्या की जा रही है। आजादी के बाद सबसे अधिक समय तक सरकार में रहने वाली कांग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए।

पीएम की तस्वीर मुद्रित करना अवश्यक व अनिवार्य

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के बाद जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के साथ तस्वीर ”व्यापक जनहित” में है और यह (प्रमाणपत्र) टीकाकरण के बाद भी महामारी से बचाव के सभी नियमों का पालन करने के बारे में जागरूकता फैलाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती पवार ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों का प्रारूप मानकीकृत हैं और प्रमाणपत्रों संबंधी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विकसित दिशानिर्देशों के अनुरूप है।
कांग्रेस के कुमार केतकर ने सरकार से जानना चाहा था कि क्या कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर मुद्रित करना अवश्यक और अनिवार्य है। इसके जवाब में पवार ने कहा कि महामारी के बदलते स्वरूपों के मद्देनजर कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करना इस रोग के प्रसार को रोकने के लिए एक सबसे महत्वपूर्ण उपाय के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा, ”टीकाकरण प्रमाणपत्रों में प्रधानमंत्री के संदेश के साथ फोटो ‍व्यापक जनहित में टीकाकरण के बाद भी कोविड-19 उचित व्यवहार का पालन करने के महत्व के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के संदेश पर बल देता है।” पवार ने कहा कि यह सरकार की नैतिक और नीतिगत जिम्मेदारी है कि इस प्रकार के महत्वपूर्ण संदेश लोगों तक सबसे प्रभावी ढंग से प्रसारित किए जाएं। उन्होंने कहा, ”टीकाकरण के बाद भी कोविड उचित व्यवहार के महत्व के बारे में संदेश सहित टीकाकरण प्रमाणपत्रों संबंधी डब्ल्यूएचओ मानदंडों के अनुपालन में टीकाकरण प्रमाणपत्रों के प्रारूप का निर्णय इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।” यह पूछे जाने पर कि क्या किसी राज्य ने प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर नहीं छापी है, पवार ने कहा कि सभी राज्य कोविड टीकाकरण के लिए कोविन एप्लीकेशन का उपयोग कर रहे हैं।
हालांकि केंद्रीय मंत्री ने केतकर के उस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या किसी सरकार ने पहले भी पोलियो, चेचक इत्यादी जैसे किन्हीं टीकों के प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर का मुद्रण आवश्यक या अनिवार्य बनाया था।
 

गरीबों को ₹400 का सिलेंडर मुहैया कराना चाहिए

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत किए जाने को लेकर मंगलवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि कोरे चुनावी प्रचार से बाज आना चाहिए और गरीबों को 400 रुपये का एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराना चाहिए। पार्टी के प्रवक्ता मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और खाने के उपयोग में लाए जाने वाले तेल की कीमतों में आग लगी हुई है। लेकिन सरकार स्वांग रचने में लगी हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के दूसरे चरण की शुरुआत की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महोबा जिले में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने उज्ज्वला योजना-दो के 10 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस ऑनलाइन इस कार्यक्रम में मोदी ने उज्ज्वला योजना के पहले चरण के पांच लाभार्थियों से बातचीत भी की।
सुरजेवाला ने एक वीडियो जारी कर कहा, ”विडंबना देखिए, लोगों के घरों में महंगाई का अंधेरा परोसने वाले लोग अपनी योजनाओं का नाम उज्ज्वला रख रहे हैं। आज जब मोदी जी उत्तर प्रदेश के महोबा में उज्ज्वला- 2 की शुरुआत कर रहे हैं, तब देश को जानना चाहिए कि पहले उज्ज्वला के नाम पर क्या अंधेरा गरीबों के घर में परोसा गया है ।” उन्होंने यह भी कहा, ”आज खाना बनाने की गैस के दाम महोबा में 888 रुपये प्रति सिलेंडर है जो कांग्रेस की सरकार में 400 रुपये का हुआ करता था। नाम उसका उज्ज्वला नहीं था, मगर लोगों के घरों में गैस के सस्ते दामों की रोशनी जगमगा रही थी।”
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ”उज्ज्वला गैस लेने वाले करीब आठ करोड़ परिवारों में से 3 करोड़ परिवारों ने गैस का सिलेंडर रिफ़िल ही नहीं कराया है क्योंकि वो इतनी भारी भरकम कीमत नहीं चुका सकते। ज़्यादातर लोग फिर से लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं । ऐसा इसलिए कि कैरोसिन की पूरी सब्सिडी भी मोदी जी ने 1 अप्रैल 2021 से समाप्त कर दी और उसके दाम दो गुना से अधिक बढ़ा दिए।
सुरजेवाला ने तंज कसते हुए कहा, ”हमने सुना था कि जंगल की आग पर आग से काबू पाया जाता है। आज मोदी जी पेट्रोल, डीज़ल खाना बनाने की गैस ,खाने का तेल सब के दामों में आग लगाकर गरीबों के पेट की आग बुझाने का स्वांग रच रहे हैं।” उन्होंने कहा, ” मोदी जी ,कोरे चुनावी प्रचार से बाज़ आइए, गरीबों को उज्ज्वला की गैस कांग्रेस की तरह फिर से 400 रु में मुहैया कराइए।

राज्यपाल ने उपराष्ट्रपति नायडू से मुलाकात की

दुष्यंत टीकम                  
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके दिल्ली प्रवास पर हैं। राज्यपाल उइके ने मंगलवार को नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मुलाकात की। इसी तरह सोमवार को राज्यपाल ने केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से दिल्ली स्थित कार्यालय में मुलाकात की थी। राज्यपाल ने केन्द्रीय रक्षा मंत्री को शॉल भेंट कर उनका सम्मान किया। कोरोना काल में रचनात्मक भूमिका में राज्यपाल-2021 पुस्तिका भेंट की। राज्यपाल ने रक्षा मंत्री सिंह के साथ छत्तीसगढ़ के नक्सल समस्या पर चर्चा की। राज्यपाल ने रक्षा मंत्री सिंह को प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया।
इसी तरह राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरमेन हर्ष चौहान और सदस्य अनंत नायक से मुलाकात कर जनजातीय समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। राज्यपाल ने दोनों का शॉल से सम्मान किया और प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया।

आरक्षण को लेकर कदम उठाने की तैयारी में यूपी

हरिओम उपाध्याय                   
लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार आरक्षण को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग प्रदेश की 39 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की तैयारी कर रहा है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जसवंत सैनी ने बताया कि जल्द ही आयोग इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार को संस्तुति भेजेगा। जानकारी के अनुसार, इन 39 जातियों में भूर्तिया, अग्रहरि, दोसर वैश्य, जैसवार राजपूत, रूहेला, मुस्लिम शाह, मुस्लिम कायस्थ, हिन्दू कायस्थ, बर्नवाल, कमलापुरी वैश्य, कोर क्षत्रिय राजपूत, दोहर, अयोध्यावासी वैश्य, केसरवानी वैश्य, बागवान, ओमर बनिया, माहौर वैश्य, हिन्दू भाट, भट्ट, गोरिया, बोट, पंवरिया, उमरिया, नोवाना, मुस्लिम भाट ओबीसी में शामिल हो सकती हैं। 
इनके अलावा विश्नोई, खार राजपूत, पोरवाल, पुरूवार, कुन्देर खरादी, बिनौधिया वैश्य, सनमाननीय वैश्य, गुलहरे वैश्य, गधईया, राधेड़ी, पिठबज आदि जातियों के लिए सर्वे होना है।राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जसवंत सैनी ने कहा है कि प्रत्यावेदन के आधार पर जातियों के सर्वे का कार्य लगातार चल रहा है।
24 जातियों का सर्वे हो चुका है। जबकि 15 जातियों का होना बाकी है। सर्वे इन जातियों में शिक्षा, जनसंख्या और आर्थिक आधार समेत कुल 35 बिंदुओं पर किया जाता है। सर्वे का काम पूरा होने के बाद राज्य पिछड़ा आयोग सरकार को अपनी संस्तुति दे देगा।

हलवाई स्टाइल में आलू गोभी बनाने की रेसिपी

दुष्यंत टीकम                     
रायपुर। हलवाई स्टाइल में बनाइए आलू गोभी की सब्जी और खिलाइए सब वाह वाह कहते रह जाएंगे। तो आइए जानते हैं, हलवाई स्टाइल में आलू गोभी बनाने की रेसिपी।
सामग्री :
फूलगोभी (टुकड़ों में कटा हुआ) - 1
आलू (टुकड़ों में कटा हुआ) - 1
मटर - 1 छोटी कटोरी
प्याज (टुकड़ों में कटा हुआ) - 1
लहसुन - 8-10 कलियां
अदरक - 1 छोटा टुकड़ा
हरी मिर्च - 2
टोमैटो प्यूरी - 1 छोटी कटोरी
हल्दी - 1 छोटा चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - 1 छोटा चम्मच
धनिया पाउडर - 1 छोटा चम्मच
गरम मसाला - 1 छोटा चम्मच
तेल - जरूरत के अनुसार
नमक - स्वादानुसार
विधि:
इसे बनाने के लिए सबसे पहले आप धीमी आंच में एक पैन में तेल गर्म करके इसमें फूलगोभी और आलू डालकर हल्का सुनहरा होने तक फ्राई कर लें।
फिर हल्का फ्राई होते ही फूलगोभी और आलू को एक प्लेट में निकालकर रख लें।
अब इसी पैन में थोड़ा और तेल डालकर गर्म करने के लिए रखें।
इसी बीच प्याज, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च का पेस्ट तैयार करें।
फिर तेल के गर्म होते ही तैयार पेस्ट डालकर सुनहरा होने तक भूनें।
जैसे ही पेस्ट तेल छोड़ने लगे टोमैटो प्यूरी डालकर भून लें।
 इसमें हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और नमक मिक्स करें।
फिर मसालों के भुनते ही फ्राइड गोभी-आलू और साथ में मटर डालकर कड़छी से चलाते हुए अच्छे से मिला लें।
अब सब्जी को ढककर 15 से 20 मिनट के लिए पकाएं।
फिर तय समय के बाद गरम मसाला डालें और 1 मिनट बाद आंच बंद कर दें।
 हलवाई स्टाइल आलू गोभी की सब्जी तैयार है। इसे आप रोटी के साथ सर्व करें।

वर्षा: लोगों को सावन में गर्मी के मौसम का एहसास

दुष्यंत टीकम                  
रायपुर। प्रदेश भर में बारिश थम गई है। इससे उमस में भारी बढ़ोतरी हो गई। लोगों को सावन में गर्मी के मौसम का एहसास हो रहा है। राजधानी रायपुर की बात की जाय तो यहां सोमवार को तापमान सामान्य से 5 डिग्री अधिक रहा। प्रदेश में आज कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। 
प्रदेश में अधिकतम तापमान (उमस) में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। वर्षा का क्षेत्र मुख्यत सरगुजा संभाग और उससे लगे क्षेत्र में ज्यादा संभावित है।

50 हजार रुपये के इनामी अपराधी को अरेस्ट किया

हरिओम उपाध्याय                   
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर थाने पर दर्ज मामले में फरार चल रहे 50 हजार रुपये के इनामी अपराधी अनूप राय उर्फ बन्टी को आज गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ प्रवक्ता ने यहां जानकारी दी। उन्होंने बताया गाजीपुर के करीमुद्दीन इलाके में इसी साल 16 मई की रात अनूप राय ने रविन्द्र नाथ राय एवं इनके परिजनों पर पडोस में तेरही में जाते समय हत्या करने की नियत से फायरिंग किया था, लेकिन रविन्द्र नाथ राय एवं परिजनों ने घर में घुसने पर जान बच गयी थी। 
इस घटना में रविन्द्र नाथ राय के घर के कई सदस्य घायल हो गये थे। इस घटना के तीन लोगों के विरूद्ध थाना करीमुद्दीनपुर पर अभियोग पंजीकृत किया गया था।उन्होंने बताया कि घटना के बाद से सभी आरोपी फरार चल रहे थे, इनकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रूपये का पुरस्कार घोषित किया गया था। इस मामले में एसटीएफ को लगाया गया था। एसटीएफ की टीम को आज सूचना मिली कि इनामी वांछित आरोपी गाजीपुर अपने एक साथी से मिलने के लिये आया है और उसी का इन्तजार कर रहा है।
 इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने अपराधी अनूप राय उर्फ बन्टी को लउआडीह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पुल के नीचे से गिरफ्तार कर उसे आगे की कार्रवाई के लिए करीमुद्दीनपुर थाने में दाखिल करा दिया।प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त अनूप राय उर्फ बन्टी ने बताया कि उसके गांव के ही रहने वाले शातिर अपराधी अमित राय उसका बचपन का मित्र है। अमित राय के साथ रहते-रहते वह भी अपराध करने लगा और 2011 में अमित राय के साथ मिलकर उसने संतोष राम का अपहरण किया था। जिसमें थाना नोनहरा पर अभियोग पंजीकृत हुआ था। इसमें अमित राय एवं वह गिरफ्तार होकर जेल चला गया। जमानत पर छूट कर आने के बाद भी अपराध करता रहा, उसके गांव के ही रहने वाले रविन्द्र नाथ राय से इन सब की राजनीतिक दुशमनी चली आ रही थी, जिसके कारण रविन्द्र नाथ राय एवं इनके घर वालों को जान से मारने की योजना इसने अमित राय एवं उसके भाई अनूप राय के साथ मिलकर हत्या की योजना बनायी लेकिन कामयाम नहीं हुए।

मीडिया व वेबसाइटों पर वाद, अप्रसन्नता जताईं

अकांशु उपाध्याय                       
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस से कथित तौर पर जासूसी कराए जाने के मामले की स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं के सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर समानांतर वाद-वाद करने पर अप्रसन्नता जताई है। न्यायालय ने इन याचिकाकर्ताओं को अनुशासित रहने को कहा है।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत वाद-विवाद की विरोधी नहीं है, लेकिन जब मामला अदालत में लंबित है तो इस पर चर्चा यहीं होनी चाहिए। केन्द्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि उन्हें याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों के संबंध में सरकार से निर्देश लेने के लिए कुछ वक्त चाहिए। इस पर न्यायमूर्ति रमण, न्यायमूर्ति विनीत सरन एवं न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने पेगासस मामले की अगली सुनवाई के लिए 16अगस्त की तारीख निर्धारित की।
पेगासस मामले में याचिका दाखिल करने वाले वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि पेगासस से जुड़ी अदालत की कार्यवाही के बारे में राम को पिछली सुनवाई के बाद सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था। पीठ ने कहा, ”यही तो हम कह रहे हैं। हम पक्षकारों से प्रश्न करते हैं। हम दोनों पक्षकारों से पूछताछ करते हैं। मामले पर बहस यहां होनी चाहिए, इस पर बहस सोशल मीडिया या वेबसाइट पर नहीं होनी चाहिए। पक्षकारों को तंत्र पर भरोसा होना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस से कथित तौर पर जासूसी कराए जाने के मामले की स्वतंत्र जांच कराने के अनुरोध वाली अनेक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इनमें से एक याचिका ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने दाखिल की है। गौरतलब है कि पांच अगस्त को मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि पेगासस से जासूसी कराए जाने संबंधी आरोप ”गंभीर प्रकृति” के हैं, अगर इससे संबंधित खबरें सही हैं तो।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...