सोमवार, 19 जुलाई 2021

बकरीद के मौके पर लॉकडाउन में ढील देने का ऐलान

तिरूवंतपुरम। कोरोना संक्रमण का खतरा न टलने के बावजूद केरल सरकार ने बकरीद के मौके पर लॉकडाउन में ढील देने का ऐलान किया है। केरल सरकार के इस फैसले से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आपत्ति दर्ज की है और उसने साफ कहा है कि अगर केरल सरकार ने बकरीद पर लॉकडाउन में रियायत देने का आदेश वापस नहीं लिया तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होगा। बता दें कि केरल अभी भी उन राज्यों में से एक है जहां हर दिन कोरोना के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हो रहे हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपने बयान में कहाकोरोना मामलों में इजाफे के बीच केरल सरकार का इस तरह का फैसला दुखी करने वाला है। जब जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कई उत्तरी राज्यों ने सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनजर परंपरिक और लोकप्रिय तीर्थ यात्राओं को रोक दिया है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल के विद्वान राज्य ने ऐसा निर्णय लिया है। गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को ऐलान किया था कि बकरीद के मौके पर राज्य में लगे लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट दी जाएगी। 
इस बुधवार को होने वाली ईद के लिए रविवार से यह छूट तीन दिन के लिए दी गई है। इस दौरान कपड़े, जूते-चप्पल की दुकान, ज्वैलरी की दुकान, गिफ्ट आइटम की दुकान, घर के सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर और रिपेयरिंग सेंटर को खोलने की मंजूरी दी गई है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने फिल्मों की शूटिंग और पूजा स्थलों को भी लॉकडाउन संबंधित छूट देने की घोषणा की है। इसको लेकर विजयन ने तर्क दिया कि प्रतिबंध चाहे कितना भी सीमित क्यों न हो, बड़ी आर्थिक और सामाजिक समस्याएं पैदा कर रहे हैं और इसलिए कोरोना के रोजाना सामने आ रहे मामलों को ध्यान में रखते हुए कुछ रियायतें दी जा रही है।

रेप के आरोपों की जांच अधिकारी से रिपोर्ट मांगीं

तिरुवनंतपुरम। केरल उच्च न्यायालय ने ओलंपिक खिलाड़ी मयूखा जॉनी की मित्र के साथ हुए बलात्कार के आरोपों की जांच कर रहे अधिकारी से सोमवार को रिपोर्ट मांगी। जॉनी की मित्र ने आरोप लगाया है कि एक व्यक्ति ने उसका बलात्कार किया और उसकी नग्न तस्वीरें खींची तथा उसे ब्लैकमेल करने के लिए इन तस्वीरों का इस्तेमाल किया। पीड़िता के वकील ने आरोप लगाया कि जांच आगे नहीं बढ़ी है। 
जबकि मामले में लोक अभियोजक ने तर्क दिया कि राज्य पुलिस प्रमुख के आदेश पर अपराध शाखा को हाल में जांच सौंपी गई, जिसके बाद न्यायमूर्ति शिरसी वी ने जांच अधिकारी को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। लोक अभियोजक ने कहा कि यह मामला अपराध शाखा को पांच जुलाई को सौंपा गया और उसने आठ जुलाई को जांच अपने हाथ में ली तथा पीड़िता, उसकी मां और 2016 में हुई घटना के बाद पीड़िता की जांच करने वाले चिकित्सक के बयान दर्ज करना शुरू किया। उन्होंने बताया कि अदालत ने अपराध से जुड़े कई मोबाइल फोन जब्त किए हैं और अपराध शाखा ने 18 जुलाई को मामले की जांच के लिए नए विशेष दल का गठन किया है।
अदालत ने लोक अभियोजक से इन सब बातों को रिपोर्ट में शामिल करने का निर्देश दिया। इस मामले में अब 30 जुलाई को आगे सुनवाई होगी। जॉनी ने पिछले साल एक संवाददाता सम्मेलन में इस मामले की जांच को लेकर केरल पुलिस और राज्य महिला आयोग की एक पूर्व अधिकारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे।
उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी दोस्त के साथ चुंगथ जॉनसन नाम के एक व्यक्ति ने बलात्कार किया और उसकी नग्न तस्वीरें लेकर उनका इस्तेमाल उसे धमकाने के लिए किया। जॉनी ने आरोप लगाया था कि शुरुआत में सक्रियता से कदम उठाने वाली पुलिस बाद में आरोपी के पक्ष में उच्च स्तरीय प्रभावशाली लोगों के हस्तक्षेप के चलते निष्क्रिय हो गयी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी मित्र को धमकाया जा रहा है।

संक्रमाकम स्वरूप सामने आया तो मामले बढ़ जाएंगे

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप मुख्य रूप से जिम्मेदार था। जिसके कारण संक्रमण के 80 प्रतिशत से ज्यादा नए मामले सामने आए। ‘सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ के सह अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर वायरस का कोई अधिक संक्रामक स्वरूप आता है तो संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं। वायरस का डेल्टा स्वरूप, अपने पूर्ववर्ती अल्फा स्वरूप से 40-60 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है और ब्रिटेन, अमेरिका तथा सिंगापुर समेत 80 से ज्यादा देशों में पहले ही फैल चुका है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, डॉ अरोड़ा ने कहा कि ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप (एवाई.1 और एवाई.2) अब तक महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश समेत 11 राज्यों में सामने आए 55-60 मामलों में पाया गया है। उन्होंने कहा कि अभी वायरस के इस स्वरूप की संक्रामक क्षमता और टीके के इस पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “कोविड-19 के ‘बी1.617.2’ स्वरूप को डेल्टा वायरस के नाम से जाना जाता है। पहली बार भारत में अक्टूबर 2020 में इसका पता चला था। देश में दूसरी लहर के लिए यह मुख्य रूप से जिम्मेदार है। आज कोविड-19 के 80 प्रतिशत से ज्यादा मामले इसके कारण सामने आ रहे हैं। वायरस का यह स्वरूप यह महाराष्ट्र में पहली बार सामने आया था और पश्चिमी राज्यों से होते हुए उत्तर की ओर बढ़ा जिसके बाद मध्य और पूर्वी भारत में इसके संक्रमण के मामले सामने आए। डॉ अरोड़ा ने कहा, “मानव कोशिका पर हमला करने के बाद यह तेजी से खुद को दोहराता है। इससे फेफड़े जैसे अंगों में सूजन आ जाती है।
डेल्टा स्वरूप से उपजी बीमारी अधिक गंभीर है, इसके बारे में कहना कठिन है। भारत में दूसरी लहर के दौरान आयु वर्ग और मौत के आंकड़े लगभग उतने ही थे जितने पहली लहर में थे।”
उन्होंने कहा, “डेल्टा प्लस स्वरूप (एवाई.1 और एवाई.2) अब तक महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश समेत 11 राज्यों में सामने आए 55-60 मामलों में पाया गया है। एवाई.1 स्वरूप नेपाल, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, जापान में भी पाया गया है लेकिन एवाई.2 स्वरूप कम पाया गया है। वायरस के इस प्रकार की संक्रामक क्षमता और टीके के इस पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है।
डॉ अरोड़ा ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा किये जा रहे अध्ययन के अनुसार, वतर्मान में जो टीके दिए जा रहे हैं वह डेल्टा स्वरूप पर प्रभावी हैं।

एफडीआई के प्रवाह में 25.4 प्रतिशत की वृद्धि हुईं

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि भारत में मजबूत बुनियादी तत्व और बाजार का आकार निवेश बाजार को आकर्षित करना जारी रखेंगे। लोकसभा में गिरीश भालचंद्र बापट और राहुल शेवाले के प्रश्न के लिखित उत्तर में सीतारमण ने यह बात कही।
उन्होंने विश्व निवेश रिपोर्ट 2021 का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2020 में भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के प्रवाह में 25.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 64 अरब डालर पहुंच गया जो वर्ष 2019 में 51 अरब डालर था। एफडीआई प्राप्त करने के मामले में भारत वर्ष 2019 में आठवें स्थान से 2020 में पांचवे स्थान पर आ गया। नई ग्रीनफील्ड निवेश घोषणाओं के मूल्य में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 44 प्रतिशत और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में 16 प्रतिशत तक की अपेक्षाकृत तीव्र गिरावट दर्ज की गई । वित्त मंत्री ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि भारत में घोषित ग्रीनफील्ड परियोजनाएं 19 प्रतिशत तक सिकुड़ी जो विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 44 प्रतिशत तक गिरावट के संदर्भ में महत्वपूर्ण है । सीतारमण ने कहा, ”भारत का मजबूत बुनियादी तत्व और बाजार का आकार निवेश बाजार को आकर्षित करना जारी रखेंगे । 

10 दलों के सदस्यों की ओर से 17 नोटिस मिलें: नायडू

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडु ने सभी दलों के सदस्यों से मानसून सत्र के सुचारू तरीके से संचालन में सहयोग करने की अपील करते हुये आज कहा कि उनके सचिवालय को नियम 267 के तहत कार्यस्थगन के लिए 10 दलों के सदस्यों की ओर से 17 नोटिस मिले हैं। लेकिन उसमें से मात्र एक नोटिस कोविड को लेकर है।
एम वेंकैया नायडु ने सदन में कहा कि एक ही दल के सदस्य अलग अलग मुद्दों पर नोटिस दिया है। इससे यह प्रतीत होता है कि सदस्य किसी एक मुद्दे की तात्कालिकता पर एकमत नहीं हैं जिस पर कार्यस्थगन नियम के तहत चर्चा कराने की आवश्यकता है। कुल 17 में से मात्र एक नोटिस कोरोना से जुड़ा है। सभापति ने कहा कि इन नोटिसों पर उन्होंने ध्यानपूवर्क विचार किया है और पाया है कि इसमें ऐसा कोई भी मुद्दा नहीं उठाया गया है जिस पर आज सदन की कार्यवाही स्थगित कर चर्चा कराने की जरूरत है। 
इसके मद्देनजर वह किसी भी नोटिस को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।एम वेंकैया नायडु ने कहा कि गत शनिवार को उनके द्वारा बुलायी सर्वदलीय बैंक में सदन के सभी पक्षों ने सत्र के दौरान सुचारू संचालन की इच्छा व्यक्त की थी । आम लोगों से जुड़े मुद्दे उठाने पर सहमत हुये थे। उन्होंने सदस्यों को आश्वस्त किया कि आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर सत्र के दौरान चर्चा करायी जायेगी।

मंत्रिपरिषद से परिचय, विपक्ष ने हंगामा शुरू किया

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के हंगामें के बीच कहा कि कुछ लोगों को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में दलित, महिलाओं और पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व रास नहीं आ रहा है। यह बात उन्होंने तब कही, जब वह अपनी नई मंत्रिपरिषद का परिचय करा रहे थे। हंगामें के चलते उन्होंने लिखित में इसे सदन के पटल पर रखा।
लोकसभा की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे नए सांसदों के शपथ ग्रहण से शुरु हुई। इसके बाद प्रधानमंत्री ने संसद का मंत्रिपरिषद से परिचय कराना चाहा तो विपक्ष की ओर से हंगामा शुरू हो गया। हंगामे के बीच प्रधानमंत्री ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि उन्हें नई मंत्रिपरिषद का परिचय नहीं कराने दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि नई मंत्रिपरिषद में दलित, महिला, और अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वालों को बड़ा प्रतिनिधित्व मिला है। 
विपक्ष को इसपर उत्साह जताते हुए इसकी प्रशंसा करनी चाहिए थी। हालांकि विपक्ष इसपर हंगामा कर यह साबित कर रहा है कि उसे पिछड़ों, किसानों और ग्रामीण परिवेश से आने वालों का    मंत्रिपरिषद में प्रतिनिधित्व रास नहीं आ रहा है। 
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने इसे संसद की स्वस्थ  परंपरा के खिलाफ बताया। लोकसभा अध्यक्ष ने यहां तक कहा कि विपक्ष भारतीय लोकतंत्र और संसद की गरिमा गिरा रहा है। बाद में उन्होंने पिछले सत्र और इस सत्र के बीच इस दुनिया में नहीं रहे 40 विशिष्ट लोगों का विषय रखा। इसमें उन्होंने दिवंगत फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार और ओलंपिक खिलाड़ी रहे मिल्खा सिंह का भी जिक्र किया। निधन संबंधित विषय रखे जाने के दौरान भी हंगामा जारी रखने पर बिरला ने कड़ी आपत्ती जताई, जिसके बाद महौल थोड़ी देर के लिए शांत हुआ। इसके बाद प्रश्नकाल में हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 
प्रश्नकाल से पूर्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री के मंत्रिपरिषद परिचय के दौरान हंगामे के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि नियम और पंरपरा के तहत मंत्रिपरिषद में होने वाले हर छोटे-बड़े फेर बदल की जानकारी सदन को दी जाती है। उनके सदन में रहते हुए पिछले 24 वर्षों में कभी इस परंपरा को तोड़ा नहीं गया। यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है और स्वस्थ संदीय परंपरा के खिलाफ है। 

उत्तराखंड में 27 जुलाई तक बढ़ा कर्फ्यू, ऐलान किया

पंकज कपूर                
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में कोरोना कर्फ्यू 27 जुलाई तक कुछ छूट के साथ एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। राज्य के लोगों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव सहित सभी जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। हवाई मार्ग से दोनों टीका लगवा चुके लोगों को राज्य में प्रवेश की छूट दी गई है। इसके साथ ही दुकानों के खुलने के समय को बढ़ाया गया है। 
शासकीय प्रवक्ता और काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में कोरोना का प्रभाव कम हुआ है फिर भी सरकार संक्रमण को लेकर पूरी एहतियात बरत रही है। राज्य में एक सप्ताह के लिए कोरोना अवधि को कुछ छूट के साथ 27 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। 
सुबोध उनियाल ने बताया कि अब राज्यवासी को मैदानी जिलों से पर्वतीय जिलों में जाने के लिए आरटीपीसीआर या एंटीजन टेस्ट की जरूरत को समाप्त कर दिया है। राज्य के लोग बिना रोक टोक आवागमन कर सकते हैं।  दुकानों के खुलने के समय में बदलाव किया गया है। अब प्रात:आठ बजे से रात नौ बजे तक प्रतिष्ठान खोलने की छूट दी गई है। सिनेमा हॉल और वाटर पार्क 50 फीसदी कैपेसिटी के साथ खुल सकेंगे। बाकी पूर्व में लिए गए निर्णय यथावत लागू रहेंगे।

तापसी का प्रोडक्शन, फिल्म ‘ब्लर’ की शूटिंग प्रारंभ

पंकज कपूर                      
नैनीताल। सिने अभिनेत्री तापसी पन्नू के प्रोडक्शन हाउस ‘आउटसाइडर्स फिल्म्स’ के बैनर तले बन रही फिल्म ‘ब्लर’ की शूटिंग रविवार को प्रारंभ हो गई। पहले दिन  बलरामपुर हाउस और वेलवेडियर होटल में शूटिंग की गई। फिल्म की मुख्य किरदार अभिनेत्री तापसी पर ही मुहूर्त शॉट फिल्माया गया। तापसी इस शॉट से पहले फिल्म की स्क्रिप्ट को गहराई से पढ़ती नजर आईं।
फिल्म ब्लर की यूनिट एक- डेढ़ माह तक नैनीताल जिले में रहेगी। 
फिल्म ‘ब्लर’ स्पेनिश कहानी से प्रेरित एक थ्रिलर फिल्म बताई जा रही है। फिल्म की शूटिंग माल रोड, नैनी झील के गिर्द के अलावा भवाली, सातताल, रामगढ़ और भीमताल की खूबसूरत वादियों में होगी। पहाड़ों की कोहरे से ढकती-छुपती खूबसूरती के साथ ही यहां की प्रसिद्ध बाल मिठाई जैसी पारंपरिक पहचानों को भी फिल्म में शामिल किया जाएगा। फिल्म में कई स्थानीय युवाओं को भी छोटी भूमिकाएं मिलने की उम्मीद है।

60 साल में सेवानिवृत्त होने का विकल्प नहीं: एचसी

बृजेश केसवानी                   
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सहायक अध्यापक की 60 साल आयु से पहले मृत्यु होने पर इस आधार पर ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं रोका जा सकता कि उसने 60 साल में सेवानिवृत्त होने का विकल्प नहीं दिया था।
कोर्ट ने कानपुर देहात के अरविंद कुमार द्विवेदी को सहायक अध्यापिका रही उनकी पत्नी की ग्रेच्युटी की गणना कर दो माह में भुगतान किए जाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि समय से भुगतान नहीं किया गया तो याची 8 फीसदी ब्याज पाने का हकदार होगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने दिया है। याची का कहना था कि उसकी पत्नी रस्तपुर विकासखंड मैथा, जिला कानपुर देहात के प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापिका थी। सेवा काल में मौत हो गई। अन्य परिलाभों का भुगतान कर दिया गया, किन्तु ग्रेच्युटी यह कहते हुए रोक ली गई कि अध्यापिका ने सेवानिवृत्ति विकल्प नहीं दिया था।

भारतीय तटरक्षक बल की ताकत में इजाफा हुआ

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। स्वदेशी रिमोट कंट्रोल्ड गन मिलने से भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल की ताकत में शनिवार को और इजाफा हो गया। ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड ने आज एक समारोह में 12.7 मिमी. स्टैबिलाइज्ड रिमोट कंट्रोल्ड गन के 25 सिस्टम नौसेना को सौंप दिए। इसमें 15 एसआरसी गन नौसेना के लिए और 10 भारतीय तटरक्षक बल के लिए हैं। इसे इजराइल की कंपनी एलबिट सिस्टम्स के सहयोग से विकसित किया गया है। जिसके लिए रक्षा मंत्रालय ने इस बंदूक की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का अनुबंध किया है।   
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 अगस्त 2020 को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तमिलनाडु की ऑर्डिनेंस फैक्टरी, तिरुचिरापल्ली (ओएफटी) में स्टैबिलाइज्ड रिमोट कंट्रोल्ड गन सिस्टम (एसआरसीजी) लांच किया था। 
12.7 मिमी. की इस स्वदेशी रिमोट कंट्रोल्ड गन को नाटो मानक के अनुरूप जहाजों और छोटी नौकाओं के समुद्री इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया है। यह स्वदेशी बन्दूक दिन और रात के समय सटीकता के साथ दुश्मन की छोटी नावों, गश्ती नौकाओं और अन्य छोटे जहाजों को दूर से निशाना बना सकती है। एसआरसीजी में स्वचालित लक्ष्य ट्रैकिंग क्षमता है, इसलिए बंदूक प्रणाली की खराबी या बिजली आपूर्ति की विफलता के मामले में मैन्युअल फायरिंग करने में सक्षम है।
एसआरसीजी हथियार प्रणाली के लिए ओएफटी नोडल कारखाना है और आयुध निर्माणी, वरनगांव में इसके लिए गोला-बारूद का उत्पादन किया जाएगा। 2.82 करोड़ रुपये के निवेश से आयुध निर्माणी, तिरुचिरापल्ली में अत्याधुनिक असेंबली और परीक्षण सुविधाएं विकसित की गई हैं। भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के लिए इस प्रणाली के स्वदेशी निर्माण से लगभग 167 करोड़ रुपये की बचत होगी। साथ ही यह प्रणाली आयुध निर्माणी, तिरुचि और अन्य सहयोगी कारखानों को 255 करोड़ प्रति वर्ष की दर से व्यापार करने का अवसर प्रदान करेगी।

दिलीप व महान धावक मिल्खा को श्रद्धांजलि दी

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को दोनों सदनों ने प्रख्यात अभिनेता दिलीप कुमार और महान धावक मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि दी। उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने दिलीप कुमार एवं मिल्खा सिंह के साथ साथ दिवंगत वर्तमान सदस्यों रघुनाथ महापात्र एवं राजीव सातव तथा दिवंगत 10 पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी।
सदस्यों ने दिवंगत लोगों के सम्मान में कुछ क्षणों का मौन रखा। नायडू ने यूसुफ सरवर खान उर्फ दिलीप कुमार के निधन का जिक्र करते हुए कहा कि उनका अभिनय सफर करीब पांच दशक लंबा रहा और उन्होंने करीब 65 फिल्मों में काम किया। उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘देवदास’, ‘नया दौर’, ‘मुगले आजम’, ‘गंगा जमुना’ आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि ”ट्रेजडी किंग” के नाम से मशहूर दिलीप कुमार को कई सम्मान मिले, जिनमें अभिनय के लिए आठ फिल्म फेयर पुरस्कार शामिल है। उल्लेखनीय है कि दिलीप कुमार ने उच्च सदन में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया था। नायडू ने मिल्खा सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें बचपन में काफी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा और देश के विभाजन के समय उनके माता-पिता की मृत्यु हो गयी थी और वह अनाथ हो गए।
उन्होंने कहा कि बाद में वह सेना में शामिल हुए और उनके जीवन में नया मोड़ आया। उन्हें 1956 में मेलबर्न ओलंपिक के लिए भारतीय दल में शामिल किया गया और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। नायडू ने कहा कि ”फ्लाइंग सिख” के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह को कई सम्मान मिले।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी दिलीप कुमार और मिल्खा सिंह के निधन पर दुख जताया और दोनों हस्तियों के उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सदन दिलीप कुमार और मिल्ख सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता है और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
लोकसभा अध्यक्ष ने सदन के दिवंगत 40 पूर्व सदस्यों को भी श्रद्धांजलि दी। सदस्यों ने इन दिवंगत लोगों के सम्मान में खड़े होकर कुछ समय तक मौन रखा। राज्यसभा ने अपने पूर्व सदस्यों एन एम कांबले, भगवती सिंह, बलिहारी बाबू, अजीत सिंह, मतंग सिंह, जितेंद्र भाई भट्ट, रामेंद्र कुमार यादव रवि, जगन्नाथ पहाड़िया व शांति पहाड़िया को भी श्रद्धांजलि दी।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...