रविवार, 13 जून 2021
बारिश के कारण उत्पन्न बीमारियों से लड़ने की तैयारी
झटका: दिल का दौरा पड़ने से नेता इंदिरा का निधन
नाइजीरिया में मवेशी चोरों ने 53 लोगों की हत्या की
विश्व: संक्रमित संख्या 17.55 करोड़ से अधिक हुईं
चुकी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में अब तक कोरोना से 9.39 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 21,633 मरीजों की मौत हो चुकी है। अन्य पड़ोसी देश बंगलादेश में भी कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है जहां 8.24 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और 13,071 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा दुनिया के अन्य देशों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण से स्थिति खराब है।
अवसर,10वीं पास महिलाओं की सेना में भर्ती
संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या 14,02,474
सत्येंद्र कुमार
नई दिल्ली। दिल्ली में शनिवार को कोविड के 213 नए मामले सामने आए, जो 1 मार्च के बाद सबसे कम हैं, जब राष्ट्रीय राजधानी में 175 लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए थे।
दिल्ली सरकार द्वारा जारी प्रतिदिन स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटों में और 28 लोगों की मौत के साथ, दिल्ली में कोरोना से मौतों का कुल आंकड़ा 24,800 हो गया। पिछले 24 घंटों में 497 लोग संक्रमण से उबर गए, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में ठीक होने वालों की कुल संख्या 14,02,474 हो गई। दिल्ली में इस समय 3,610 सक्रिय मरीज हैं, जिनमें से 1,123 होम आइसोलेशन में हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शनिवार को आगाह किया कि महामारी की संभावित तीसरी लहर की संभावना काफी वास्तविक है, जिसके लिए सरकार युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है।उन्होंने कहा कि संभावित तीसरी लहर के संकेत यूके से आ रहे हैं, जहां 45 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के बावजूद कोरोनावायरस के मामले फिर से बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में नौ अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में स्थापित 17 मीट्रिक टन की संयुक्त क्षमता वाले 22 ऑक्सीजन संयंत्रों का उद्घाटन करने के बाद कहा, इसलिए हम हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रह सकते। उन्होंने बताया कि पर्याप्त ऑक्सीजन भंडारण सुनिश्चित करने के लिए जुलाई के अंत तक विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में 13 और ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
शनिवार, 12 जून 2021
अभियान, सैकड़ों अरब डॉलर की परियोजनाएं: मंजूर
वाशिंगटन डीसी। दुनिया के सबसे संपन्न सात देशों (जी 7) के शिखर सम्मेलन में शनिवार को चीन मुख्य मुद्दा रहा। चीन की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ अमेरिका की अगुआई में जी 7 देशों ने पहली बार इतने आक्रामक ढंग से फैसले किए। चीन के वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओआर) अभियान के जवाब में अमेरिका और पश्चिमी देश मिलकर बुनियादी सुविधाओं के विकास का नया अभियान शुरू करेंगे। इस अभियान में सैकड़ों अरब डॉलर (सैकड़ों लाख करोड़ रुपये) की परियोजनाएं होंगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जी 7 देशों के अन्य नेताओं के अनुसार इस परियोजना का नाम बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (बी3डब्ल्यू) होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस कार्यालय के अनुसार इस अभियान के तहत पारदर्शी तरीके और आपसी साझेदारी से आधारभूत ढांचे का विकास किया जाएगा। इसके तहत विकासशील देशों में 2035 तक 40 ट्रिलियन डॉलर की रकम खर्च की जाएगी।
एससी के प्रस्ताव को वापस लेने का अनुरोध किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के हाल के उस प्रस्ताव को वापस लिये जाने का अनुरोध किया है। जिसमें शीर्ष न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों को उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत किये जाने का सुझाव दिया गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने संबंधित प्रस्ताव को संवैधानिक मानदंडों के प्रतिकूल बताया है और कहा कि यह चयन प्रक्रिया की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप है तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए निर्धारित कानून के विरुद्ध है। प्रत्येक उच्च न्यायालय की अपनी स्वतंत्र चयन पद्धति होती है तथा संबंधित उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम द्वारा उम्मीदवारों के व्यक्तिगत मूल्यांकन के आधार नियुक्ति की जाती है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ताओं की उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए विचार करने के अनुरोध को दोहराया था। विकास सिंह के अनुसार शीर्ष न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों के पास दीवानी, आपराधिक, संवैधानिक, वाणिज्यिक कानून आदि से संबंधित सभी प्रकार के मुद्दों से निपटने का व्यापक और सर्वश्रेष्ठ अनुभव है। लेकिन हाईकोर्ट कॉलेजियम द्वारा शायद ही कभी उन पर विचार किया जाता है। क्योंकि वे उच्च न्यायालय के समक्ष नियमित रूप से प्रैक्टिस नहीं करते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन मुख्य न्यायाधीश को वकीलों की एक सूची सौंप सकती है। जो इसे हाईकोर्ट कॉलेजियम को भेज सकते हैं।
गाजियाबाद: निर्धारित शर्तों के हिसाब से कर्फ्यू लागू
अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। जिले के सभी बाजार दो दिन के लिए सोमवार की सुबह सात बजे तक पूर्ण रूप से शासन की तरफ से निर्धारित शर्तों के हिसाब से कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा। इस अवधि सिर्फ दूध, मेडिकल स्टोर व आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलेंगी। सभी मजिस्ट्रेट और थानों की पुलिस सुनिश्चित कराएगी, कि कोरोना कंर्फ्यू का कड़ा से पालन कराए। इसके लिए पहले से सेक्टर और जोन वाइज मजिस्ट्रेट की ड्यूटी निर्धारित है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान सिर्फ चिकित्सकीय कारण, अस्पताल, मेडिकल स्टोर, पैथोलॉजी लैब और इंडस्ट्री में काम करने वाले अधिकारियों और श्रमिकों को ही निकलने की अनुमति होगी। इसके साथ ही अगर किसी की ट्रेन या बस से टिकट बुक हैं तो उन्हें भी जाने की इजाजत दी जाएगी। बाकी किसी को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी।
कौशाम्बी: जल जीवन मिशन अभियान की शुरुआत की
हादसा: मृत शरीर को देखकर भयभीत हुए लोग
अपराध: पैसे के लेनदेन को लेकर सलमान की हत्या
'क्लब हाउस’ संवाद के अनुच्छेद 370 पर बयान दिया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ‘क्लब हाउस’ संवाद के अनुच्छेद 370 को लेकर विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और राज्य का दर्जा खत्म करना ‘बहुत दुखद’ है तथा उनकी पार्टी इस पर पुनर्विचार करेगी। उनके बयान को भाजपा ने आड़े होथों लिया।भाजपा ने कांग्रेस पर भारत के खिलाफ बोलने तथा पाकिस्तान की ‘हां में हां’ मिलाने का आरोप लगाया। भाजपा का कहना है कि सिंह ने पाकिस्तानी मूल के पत्रकार के साथ संवाद के दौरान यह टिप्पणी की।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बयान देना चाहिए। उधर, दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ”अनपढ़ लोगों की जमात को ‘शैल’ (करेंगे) और ‘कंसिडर’ (विचार करना) में फ़र्क़ शायद समझ में नहीं आता।” कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मामले पर कहा कि अगस्त, 2019 में कांग्रेस कार्य समिति ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया था और वही पार्टी का आधिकारिक रुख है तथा वरिष्ठ नेताओं को उसी प्रस्ताव को देखना चाहिए।
कोरोना 'संक्रमण' की भयावहता को उजागर किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने जिम्मेदार अभियान को आगे बढाते हुए फेसबुक पोस्ट में एक महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की पंक्तियों का हवाला देते हुए हाल ही में मंद हुई कोरोना संक्रमण की भयावहता का उजागर किया है। गंगा नदी के पानी में शव उतरा रहे थे। श्मशान घाटों में इतने शव थे कि उन्हें जलाने के लिए लकड़ियाँ कम पड़ गई थीं। पलक झपकते ही मेरे पूरे परिवार को मेरी नजरों के सामने महामारी ने लील लिया। कांग्रेस नेता ने कहा है कि महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने अपने उपन्यास कुल्ली भाट में इन पक्तियों के जरिए आज से लगभग 100 साल पहले आई स्पेनिश फ्लू महामारी की भयावहता को बयां किया था।
एक भयानक भविष्यदर्शी की तरह ये लाइनें आज के समय में और भी चुभती हैं। क्योंकि आज किसी संकट में सरकार द्वारा अपनी जिम्मेदारी से मुँह मोड़ने के कारण पैदा हुई सामूहिक पीड़ा बीते जमाने की बात होनी चाहिए। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार से पूछा है कि आखिर क्या वजह है कि इस महामारी से गुजरते समय हमें वही अनुभव करना पड़ा तो पिछली सदी में स्पेनिश फ्लू महामारी के दौरान देशवासियों ने किया था ? सरकार द्वारा भगवान भरोसे छोड़े दिए गए भारतवासी आखिर क्यों मदद की गुहार लगाते हुए अपनी जान बचाने के लिए दौड़ रहे थे ? गंगा नदी में दिनों-दिन तक उतराते शवों का जो मंजर देख पूरा विश्व व्याकुल था, वह क्यों हुआ ?
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि एक मजबूत नेता संकट के समय सच का सामना करता है और जिम्मेदारी अपने हाथ में लेकर ऐक्शन लेता है। दुर्भाग्य से, प्रधानमंत्री जी ने इसमें से कुछ भी नहीं किया। महामारी की शुरुआत से ही उनकी सरकार का सारा जोर सच्चाई छिपाने और जिम्मेदारी से भागने पर रहा। नतीजतन, जब कोरोना की दूसरी लहर ने अभूतपूर्व ढंग से कहर बरपाना शुरू कियाय मोदी सरकार निष्क्रियता की अवस्था में चली गई। इस निष्क्रियता ने वायरस को भयानक क्रूरता से बढ़ने का मौका दिया जिससे देश को अकथनीय पीड़ा सहनी पड़ी।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा ने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री देश-दुनिया के विशेषज्ञों द्वारा दी गई अनगिनत सलाहों को नजरअंदाज नहीं करते और यदि प्रधानमंत्री खुद के एम्पावर्ड ग्रुप या स्वास्थ्य मामलों की संसदीय समिति की ही सलाह पर ध्यान दे देते तो देश अस्पताल में बेडों, ऑक्सीजन एवं दवाइयों के भीषण संकट के दौर से नहीं गुजरता। कांग्रेस नेता ने कहा है कि अगर वे एक जिम्मेदार नेता होते और देशवासियों द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी की जरा भी परवाह करते तो वे कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर के बीच अस्पताल के बेडों की संख्या कम नहीं करते। तब उन्होंने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने के लिए नए टैंकर जरूर खरीदे होते और औद्योगिक ऑक्सीजन के मेडिकल इस्तेमाल के लिए तैयारी जरूर की होती। तब उन्होंने हिन्दुस्तानियों के लिए व्यवस्था करने से पहले लाखों जीवन रक्षक दवाइयों की डोज विदेशों को नहीं भेजी होती। तब अनगिनत परिवारों को अपने प्रियजनों के लिए मदद मांगते हुए दर-बदर भटकना नहीं पड़ता। इतने लोगों की अनमोल जानें नहीं जाती यदि प्रधानमंत्री आने वाले खतरे के लिए पहले से योजना बनाते और निपटने की तैयारी करते।
शादीशुदा जीवन की स्वतंत्रता की मांग, याचिका दाखिल
कंपनियों के टीके मुफ्त में नहीं लगाएं जाएंगे, निर्णय
मामलें का पटाक्षेप, पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में होंगे
उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के 11 नए मामलें मिलें
पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का कहर जहां तेजी से कम हो रहा है। वही ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। राज्य में आज ब्लैक फंगस के 11 नए मामले तथा 2 मरीजों की मौत हुई। शनिवार की शाम 6:30 बजे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के अब तक 380 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 60 मरीजों की मौत हो चुकी है। वही 35 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक 239 मामले सामने आए। जिनमें 40 की मौत हो चुकी है। 6 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। इसके अलावा दून मेडिकल कॉलेज में 20, मैक्स हॉस्पिटल में 14, महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में 27, जौलीग्रांट में 34, आरोग्यधाम हॉस्पिटल में दो, कृष्णा अस्पताल हल्द्वानी में तीन, सुशीला तिवारी अस्पताल में 29, सिटी अस्पताल में, तिवारी नर्सिंग होम में एक, जिला अस्पताल उधम सिंह नगर में एक, ओएनजीसी हॉस्पिटल में एक , सिनर्जी हॉस्पिटल में 2, उत्तरकाशी डिस्टिक हॉस्पिटल में 02 , मिलट्री हॉस्पिटल रुड़की में दो तथा मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून में एक मामले सामने आए है।
इंवेस्टिगेटिव पत्रकारिता के लिए 'पुलित्जर' पुरस्कार
इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके
इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके अखिलेश पांडेय जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...
-
महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
-
55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
-
वर्षा: पानी में डूबी दिल्ली, बाढ़ के हालात बनें इकबाल अंसारी नई दिल्ली। इन दिनों उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश ने कहर बर...