शनिवार, 12 जून 2021

शादीशुदा जीवन की स्वतंत्रता की मांग, याचिका दाखिल

बृजेश केसरवानी           
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अंतर धार्मिक विवाहित से जुड़ा ने शादीशुदा जीवन की स्वतंत्रता की मांग को लेकर याचिका दाखिल की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक कि याचिकाकर्ता ने जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप नहीं लगाया हो। सुरक्षा सुनिश्चित करते समय महिला के इस्लाम में धर्मांतरण से फर्क नहीं पड़ेगा। हाईकोर्ट ने कहा कि दो बालिग विवाहित न होने पर भी साथ रहने के हकदार हैं। इसके लिए उनके विवाह के प्रमाण पत्र की कोई जरूरत नहीं है।
कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के लता सिंह केस के आधार पर अनुच्छेद 141 के अनुपालन का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पूरे देश में प्रशासन और पुलिस के अधिकारी यह सुनिश्चित करें।आवश्यक दस्तावेज पेश करने पर कानून के मुताबिक आवश्यक कदम उठाएं ताकि बालिग विवाहित जोड़ों को कोई परेशान ना करें और हिंसा न पहुंचाए। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे वैवाहिक जोड़ों को धमकाने पर क्रिमिनल एक्ट के तहत कार्रवाई करने का भी आदेश है। बता दें 20 वर्ष की हिंदू लड़की यशी देवी ने 40 साल के गुच्छन खान से धर्म परिवर्तन कर शादी की है।
याचिका में लड़की के परिजनों पर वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप का आरोप लगाया गया है। यशी देवी व तीन अन्य की ओर से ये याचिका दाखिल की गई है। हाईकोर्ट के जस्टिस सलिल कुमार राय एकल पीठ ने याचिका निस्तारित की।

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