आबुधाबी। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को यह तय करने के लिए 28 जून तक का समय दिया है कि वह अक्टूबर-नवम्बर में टी-20 विश्व कप का आयोजन करा सकता है या नहीं। आईसीसी ने मंगलवार को अपनी बोर्ड बैठक में यह फैसला किया। समझा जाता है कि आईसीसी टी-20 विश्व कप को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कराने की तरफ झुक रही है और उसने ओमान के रूप में मध्य पूर्व में एक सह मेजबान और ढूंढा है। यदि टूर्नामेंट को भारत से बाहर ले जाया जाता है। आईसीसी बोर्ड ने भारतीय बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ गांगुली से समय बढ़ाने के लिए आग्रह मिलने के बाद बीसीसीआई को 28 जून तक का समय दिया है। ताकि वह यह तय कर ले कि क्या वे विश्व कप की मेजबानी कर सकते हैं या नहीं ? आतंरिक रूप से आईसीसी बोर्ड ने यह निष्कर्ष निकाला है कि टूर्नामेंट को यूएई में कराना ज्यादा सुरक्षित होगा। जबकि बीसीसीआई के पास मेजबानी अधिकार रहेंगे।
बुधवार, 2 जून 2021
दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दर 0.78 प्रतिशत हुईं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली में कोविड-19 के 576 नये मामले सामने आने के बाद दिल्ली में संक्रमण की दर 0.78 प्रतिशत हो गई और बुधवार को 103 और मरीजों की बीमारी से मौत हो गई। यह लगातार तीसरा दिन है, जब राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण की दर एक प्रतिशत से कम दर्ज की गई है। दिल्ली में मंगलवार को कोविड-19 के ढाई महीनों में सबसे कम 623 मामले सामने आए थे और 62 लोगों की मौत हुई थी जबकि संक्रमण की दर एक प्रतिशत से नीचे थी। शहर में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 648 मामले सामने आए थे और 86 मरीजों की मौत हुई थी। जबकि संक्रमण दर 0.99 प्रतिशत थी। वहीं, रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में 946 नये मामले सामने आए थे और 78 मरीजों की मौत हुई थी। देश में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रसार होने के बाद, दिल्ली में रोजाना के मामलों और मौतों में 19 अप्रैल के बाद से वृद्धि देखी गई थी। तीन मई को शहर में एक दिन में सर्वाधिक 448 मरीजों की मौत हुई थी। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से संक्रमण के दैनिक मामलों और मरीजों की मौत की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 1,287 लोग संक्रमण से स्वस्थ हुए हैं। दिल्ली में आज सामने आए कोविड-19 के 576 मामलों के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14,27,439 हो गई है, जबकि मृतक संख्या बढ़कर 24,402 हो गई है। संक्रमण से मृत्यु दर 1.71 प्रतिशत है। इलाज करा रहे लोगों की संख्या 9,364 है जिनमें से 4,531 लोग घरों में पृथकवास में हैं।
विकास की दावेदारी, बदहाली का जिम्मेदार कौन ?
जलजमाव से गिरा मकान, एसडीएम ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा
छात्रों के हित में हो, सरकार वही निर्णय लें: गांधी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकारों एवं प्रादेशिक शिक्षा बोर्डों को, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की तरह 12वीं कक्षा की परीक्षा कराने के संदर्भ में छात्र-हितैषी निर्णय करना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सीबीएसई की तरह राज्यों के बोर्डों को भी छात्रों, अभिवावकों, शिक्षकों की बात सुनकर 12वीं की परीक्षा के संदर्भ में छात्र-हितैषी निर्णय लेने चाहिए। मेरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, शिक्षा मंत्रियों से अपील है कि अपने निर्णयों में छात्रों की आवाज, उनके स्वास्थ्य की रक्षा को महत्व दें।
’’प्रियंका गांधी ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण सीबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द किए जाने के बाद मंगलवार को छात्रों को बधाई दी थी और कहा था कि आखिरकार उनकी आवाज सुनी गई।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर, केंद सरकार ने मंगलवार को सीबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया।
वैक्सिनेशन: एचसी ने सरकार को फटकार लगाईं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना के वैक्सिनेशन को लेकर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा अगर ऐसे ही हालात रहे और हमने खुद कार्रवाई नहीं की तो भगवान भी हमारी मदद नहीं कर पाएगा। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप के पास वैक्सीन नहीं है तो आप ऐसी घोषणाएं क्यों करते हैं? कोर्ट ने कहा कि हालत यह है कि देश के युवाओं को वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो रही है। जबकि उम्रदराज लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। हमें समझना होगा कि युवा ही देश का भविष्य है, उनको सुरक्षित करना जरूरी है।80 साल की उम्र के लोग देश को आगे नहीं ले जाएंगे, देश को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी युवाओं पर है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के संसाधन गंगा की तरह बह रहे हैं। पेट्रोल की कीमत बढ़ाने की क्या जरूरत थी। लोगों के पास पैसे नहीं हैं, हमें उनका ध्यान रखना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हम बड़े भारी मन से ये आदेश दे रहे हैं। केंद्र की ओर से वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि अगर दवा का कोई स्रोत हो तो इसे आगे लाया जाए। तब दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि हमें इसे लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है, वेणुगोपाल के पास है। दिल्ली सरकार उसे आगे बढ़ाएगी। तब कीर्तिमान सिंह ने कहा कि अगर सभी सहयोग करेंगे तो काम आसान हो जाएगा। सुनवाई के दौरान वकील वेणुगोपाल ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार खरीदना चाहेगी तो भी उसे अनुमति नहीं मिलेगी। तब कोर्ट ने कहा कि हमने ये कब कहा। हमें किसी को अनुमति देने की जरूरत नहीं है। तब मेहरा ने कहा कि राज्यों को इस बात का अधिकार मिलना चाहिए कि जहां से भी दवाई लानी हो वो लेकर आएं लेकिन केंद्र इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। तब कोर्ट ने कहा कि हम ये नहीं चाहते हैं।
नौसेना: जहाज खर्ग को बचाने के प्रयास विफल हुएं
तेहरान। ईरान की नौसेना के सबसे बड़े जहाज में ओमान की खाड़ी में आग लग गई और वह बुधवार को डूब गया। ‘द फार्स’ और ‘तस्नीम’ समाचार एजेंसियों ने बताया कि जहाज खर्ग को बचाने के प्रयास विफल हो गए। इस जहाज का नाम खर्ग द्वीप के नाम पर रखा गया है, जो ईरान का मुख्य तेल टर्मिनल है। फार्स ने बताया कि आग देर रात करीब दो बजकर 25 मिनट पर लगी और दमकलकर्मियों ने इसे बुझाने की कोशिश की। यह जहाज ओमान की खाड़ी में तेहरान से करीब 1,270 किलोमीटर दूर दक्षिणपूर्व में जास्क बंदरगाह के समीप डूब गया। ईरान के सोशल मीडिया पर चल रही तस्वीरों में जीवनरक्षक जैकेट पहने नौसैनिकों को जहाज को निकालते हुए देखा जा सकता है और उनके पीछे आग लगी हुई है। सरकारी टेलीविजन और अर्धसरकारी समाचार एजेंसियां खर्ग को प्रशिक्षु जहाज बताते हैं। फार्स ने बुधवार सुबह जहाज से उठते काले धुएं की वीडियो जारी की है। ईरानी अधिकारियों ने खर्ग में आग लगने की वजह नहीं बतायी है। ओमान की खाड़ी में जहाजों को निशाना बनाते हुए 2019 में शुरू हुए रहस्यमयी धमाकों के सिलसिले में यह ताजा घटना है। खर्ग जहाज का डूबना ईरान के लिए ताजा नौसेना हादसा है। 2020 में ईरानी सेना के अभ्यास के दौरान जास्क बंदरगाह के समीप एक मिसाइल गलती से एक नौसैन्य जहाज से टकरा गयी थी। जिससे 19 नाविकों की मौत हो गयी थी और 15 घायल हो गए थे। 2018 में ईरानी नौसेना एक युद्धक जहाज कैस्पियन सागर में डूब गया था।
12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द, बाध्य होना पड़ा: अखिलेश
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि परीक्षार्थियों और अभिभावकों के दवाब के आगे केन्द्र की असंवेदनशील भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को आखिरकार सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने के लिए बाध्य होना पड़ा। अखिलेश यादव ने कहा कि अब अन्य बोर्ड और राज्य बोर्ड को भी परीक्षा रद्द करने के फैसले में देरी नहीं करनी चाहिये। उनकी पार्टी पहले ही कहती आयी है कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी हुये बिना परीक्षा कराना परीक्षार्थियों की जान को जोखिम में डालने वाला होगा। उन्होने ट्वीट किया " परीक्षार्थियों-अभिभावकों के दबाव के आगे आख़िरकार असंवेदनशील भाजपा सरकार को झुकना ही पड़ा और सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द किये जाने का फ़ैसला उन्हें लेना ही पड़ा। अब इसी आधार पर अन्य बोर्ड व राज्य बोर्ड की परीक्षाएँ भी रद्द की जानी चाहिए। "गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने मंगलवार को सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी जिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने इसे उचित फैसला बताया था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के बारे में जल्द फैसला लेने का भरोसा दिलाया था।
राज्य बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया
राणा ओबराय
चंडीगढ़। सीबीएसई और सीआईएसई के नक्शे कदम पर चलते हुए हरियाणा सरकार ने राज्य बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है। जिसके चलते एक नीति बनाकर बारहवीं कक्षा के छात्र प्रमोट कर दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सीबीएसई और सीआईएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दिए जाने का फैसला लिए जाने के बाद हरियाणा सरकार ने भी केंद्र की तर्ज पर चलते हुए राज्य बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द किए जाने का ऐलान किया है। शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि हमने भी राज्य में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रदद करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा है कि हम केंद्र द्वारा सीबीएसई और सीआईएसई बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द किए जाने के फैसले के साथ हैं। जिसके चलते हमने भी छात्र-छात्राओं के जीवन को ध्यानार्तगत रखते हुए राज्य बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है।
5 करोड़ से ज्यादा टेस्ट करने के आंकड़े को पार किया
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट के मंत्र के साथ कोरोना संक्रमण को काफी हद तक काबू कर चुके उत्तर प्रदेश ने मंगलवार तक पांच करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट करने के आंकड़े को पार कर लिया। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बुधवार को बताया कि मंगलवार शाम तक प्रदेश में पांच करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट हो चुके थे जिसमें पिछले 24 घंटे में 3.32 लाख टेस्ट शामिल हैं। यूपी यह उपलब्धि हासिल करने वाला देश का पहला राज्य है जबकि दूसरे नम्बर का प्रदेश अब तक सिर्फ 3.5 करोड़ टेस्ट ही कर पाया है। उन्होने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटो में कोरोना संक्रमण के 1500 नये मामले सामने आये है। राज्य मेंं फिलहाल कुल सक्रिय केसों की संख्या 28000 रह गई है। जबकि रिकवरी रेट 97.1 फीसदी हो गया है।
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