शुक्रवार, 28 मई 2021
कोरोना उत्पत्ति की जांच में भारत से समर्थन मांगा
रामदेव के तेल में मिली मिलावट, फैक्ट्री की सीज
नरेश राघानी
अलवर। बाबा रामदेव की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एलोपैथी पर बयान देकर फंसने के बाद अब रामदेव अपनी ही कंपनी के सरसों के तेल को लेकर मुश्किलों में घिर गए हैं। राजस्थान के अलवर में गुरुवार देर रात प्रशासन ने पंतजलि कंपनी के सरसों के तेल में मिलावट की आशंका के चलते खैरथल की सिंघानिया आयल मिल को सीज कर दिया है। इस कार्रवाई के दौरान खुद जिला कलेक्टर वहां मौजूद रहे साथ ही कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवाई गई है।
योगी ने दोषियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया
इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने अलीगढ़ के अधिकारियों से बात करके पीड़ितों की मदद करने का निर्देश दिया। साथ ही आरोपियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि अगर सरकारी ठेके से शराब खरीदी गई थी तो उसे सीज किया जाए और दोषियों की संपत्ति भी कुर्क की जाए।
इस बीच अलीगढ़ के गांवों में जहरीली शराब से मौत के बाद दहशत का माहौल है। इसके साथ ही लोगों में गुस्सा भी है. अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि अभी तक 7 लोगों की मौत हुई है, मामले की जांच की जा रही है, जांच में जो भी निकल कर आएगा, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।अलीगढ़ के थाना लोधा क्षेत्र के अंतर्गत गांव करसुआ में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हुई है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि मरने वालों ने गांव ही ठेके से शराब खरीद कर पी थी। मरने वालों में दो करसुआ में स्थित एचपी गैस बॉटलिंग प्लांट के ड्राइवर हैं। मौके पर अफसर पहुंच गए हैं और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
व्यापार प्रकोष्ठ के द्वारा श्रद्धांजलि सभा आयोजित
पूर्व प्रधान की हत्या, सड़क पर रखा शव: आक्रौश
प्रशांत कुमार
चंदौली। अमड़ा गांव निवासी पूर्व प्रधान की लाश देर रात रेलवे ट्रैक पर मिलने से ग्रामीण आकोशित हो गए हैं। उन्होंने शुक्रवार की सुबह पूर्व प्रधान की लाश को नेशनल हाईवे पर रखकर प्रदर्शन किया।
जानकारी के अनुसार चंदौली जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के अमड़ा गांव निवासी पूर्व प्रधान रमेश यादव 24 मई को घर से लापता हो गए थे। बुधवार की रात सुल्तानपुर में रेलवे ट्रैक पर उनका शव मिला। परिजनों के अनुसार उनकी हत्या की गई है। पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर गुरुवार को ग्रामीणों ने सदर कोतवाली का घेराव किया।
प्रधान के परिजनों का कहना है कि हम लोगों को अंदेशा था कि उनका अपहरण किया गया है। इसलिए हमने थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई लेकिन पुलिस उतनी सक्रिय नहीं हुई। जिसके चलते उनकी हत्या हो गई। पुलिस अधिकारियों के आश्वासन और समझाने.बुझाने पर ग्रामीण मान गए।
आर्थिक तंगी के कारण राम लड्डू बेच रहे अभिनेता
संक्रमित गुमशुदा मौतों की संख्याओं की छानबीन
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कोरोना से जितने लोग संक्रमित हुए हैं, उनमें एक चौथाई की ही जांच हो पाई है। यही हाल कोरोना से होने वाली मौतों का भी है। अस्पतालों में मरने वालों का तो रिकॉर्ड है, लेकिन जो घर-गांव, सड़क और झोलाछाप नर्सिंगहोमों में मर गए, उनके बारे में कुछ पता नहीं। निजी अस्पतालों के रिकॉर्ड में भी घपला है। मौतों को कई-कई दिन के बाद पोर्टल पर अपलोड किया गया। उनमें बहुत सी मौतों के छिपा लेने का भी संदेह है।
हर तरफ आंकड़े दबाए जाने की खबरें छपने और बहस शुरू होने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी कोरोना की गुमशुदा मौतों की संख्या पता करने की कोशिश में लग गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ताजा रिपोर्ट में कोरोना संक्रमितों और मौतों का आंकड़ा कम दर्ज किए जाने की बात कही गई है। पांच से नौ सितंबर 2020 में हुए सीरो सर्वे की रिपोर्ट में भी इसके संकेत मिले थे। नगर में 1442 लोगों के सैंपल की जांच की गई थी।इस दौरान 16 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। बाकी 1426 की रिपोर्ट निगेटिव थी। जब सीरो टेस्ट हुआ तो इनमें 23 फीसदी के शरीर में कोरोना की एंटी बॉडीज पाई गईं। इसका मतलब, ये लोग कोरोना से संक्रमित हुए और ठीक हो गए। हर संक्रमित सेे संक्रमण की एक चेन भी होगी, जिसकी जांच नहीं की गई।
अगर जांच होती संक्रमितों की संख्या तीन गुना से अधिक हो सकती थी। इसी तरह की स्थिति कोरोना से होने वाली मौतों की भी है। बहुत से रोगी अस्पतालों में कोरोना से मरे, लेकिन रिकार्ड में आने से रह गए। निजी अस्पतालों ने धांधली की। शासन के निर्देश के बाद मौत का आंकड़ा उसी दिन अपडेट नहीं किया।
डाटा फीडिंग डेस्क होने के बाद भी देर की गई। संदेह है कि डाटा फीडिंग में भी आंकड़ों में खेल किया गया। इसके अलावा सबसे अधिक संख्या तो अस्पताल न पहुंच पाने वाले कोरोना रोगियों की है। माना जा रहा है कि अगर सब रिकार्ड हुआ होता तो आंकड़ा कुछ और ही होता। यही संदेह डब्ल्यूएचओ ने भी जाहिर किया है।
एक चौथाई संक्रमितों की हो पाई होगी जांच
स्वरूपनगर के रहने वाले और अमेरिका के इमरजेंसी सेवाओं के विशेषज्ञ डॉ. कृष्ण कुमार का कहना है कि कानपुर की आबादी अधिक है। एक चौथाई संक्रमितों की ही जांच हो पाई होगी। अगर सबकी होती तो आंकड़ा कुछ और होता। कोरोना संक्रमण की चेन बड़ी लंबी खिंचती चली जाती है। बहुत से लोग बिना लक्षण के होते हैं, वे खुद बिना इलाज ही ठीक हो जाते हैं लेकिन संक्रमण बहुत फैला देते हैं।
कोरोना काल में 13 हजार अंतिम संस्कार
जिले के श्मशान घाटों पर एक अप्रैल से पांच मई के बीच साढ़े 11 अंतिम संस्कार होने का अनुमान है। आम दिनों में रोजाना लगभग सौ के औसत से 35 दिनों में लगभग साढ़े तीन हजार अंतिम संस्कार होते थे। इसी तरह शहर के तीस कब्रिस्तानों में भी 35 दिनों में लगभग डेढ़ हजार जनाजों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। आम दिनों में यह संख्या 10 से 12 के बीच होती थी। कोरोना काल में हुए अंतिम संस्कार और सुपुर्द-ए-खाक में संक्रमित मरीजों के अलावा अन्य बीमारियों से हुई मौतें भी शामिल है।
बर्रा के रहने वाले रवि श्रीवास्तव (54) की आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद घर वाले अस्पतालों में लेकर भागते रहे। कोविड कमांड सेंटर से फोन करवाया गया, फिर भी बेड नहीं मिला। ऑक्सीजन लेवल गिरता गया। आखिर में मौत हो गई। इनका रिकार्ड कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में नहीं है। मौत 17 अप्रैल को हुई थी।
सुजातगंज की रहने वाली 60 वर्षीय महिला और उनकी 23 साल की बेटी की कोरोना से मौत हुई। पहले उन्हें आर्यनगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए घरवाले कोशिश करते रहे। इस बीच, मौत हो गई। इनकी मौत भी कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में दर्ज नहीं हुई।
कोरोना रोगियों की कुछ मौतें छूट गई थीं। तीन बार विशेष अभियान चलाकर छूटी हुई मौतों को आंकड़े में शामिल किया गया। इसी वजह से कभी-कभी एक दिन में बहुत अधिक मौतें अपलोड हो गईं। अब भी पता किया जा रहा है कि अगर किसी की मौत कोरोना से हुई है तो उसे आंकड़ों में जोड़ा जाएगा।
हाथ पैरों में ठोकी कील, पीड़ित ने खुद रचा षड्यंत्र
संदीप मिश्र
बरेली। पुलिस पर अपने हाथ-पैर में कील ठोक देने का आरोप लगाने वाले युवक ने अब कबूल किया है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने यह काम खुद किया था। पुलिस ने उसके इस बयान का वीडियो बनाकर जारी किया है। इसके साथ उसके खिलाफ कार्रवाई करने की भी तैयारी कर रही है। जोगीनवादा में रहने वाला रंजीत बुधवार को अपनी मां शीला के साथ एसएसपी ऑफिस पहुंचा था। एसएसपी के सामने उसने आरोप लगाया कि 24 मई की रात मास्क न लगाने की वजह से जोगीनवादा चौकी की पुलिस ने उसे पकड़ा और फिर उसके हाथ-पैर में कील ठोक दीं।
एसएसपी ने मामले की जांच कराई तो पता चला कि रंजीत पुलिसकर्मी से मारपीट करके भागा था जिसकी रिपोर्ट भी दर्ज है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह पुलिस पर हाथ-पैर में कील ठोकने का आरोप लगा रहा है।पुलिस ने बृहस्पतिवार को जांच की तो पता चला कि सिपाही से मारपीट के बाद रंजीत जोगीनवादा में ही मैसर के जरी कारखाने पर पहुंचा था जहां उसने खुद ही एक व्यक्ति से अपने हाथ और पैर में कील ठुकवाई थी।उन लोगों ने इसके फोटो खींच लिए और पुलिस को दे दिए। पुलिस ने यह फोटो रंजीत को दिखाए तो उसने कबूल कर लिया कि अपने हाथ-पैर में कीलें खुद उसने ठुकवाई थीं। पुलिस ने उसके कबूलनामे का वीडियो बनाकर भी सार्वजनिक किया है। इसके साथ रंजीत के खिलाफ कार्रवाई की भी तैयारी कर रही है।
फिर ठोक सकता हूं कील
रंजीत ने बताया कि उसने उलटे पांव के अंगूठे और अंगुली में कील फंसाकर अपने हाथ में ठोकी थी। इस पर एसएसपी ने आश्चर्य जताते हुए उससे पूछा कि उसे क्या दर्द नहीं हुआ तो वह बोला, कील मंगवाओ अभी फिर ठोककर दिखा सकता है।
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने जानकारी दी है कि रंजीत ने पुलिस पर जो आरोप लगाए थे, वे झूठे पाए गए हैं। रंजीत ने खुद ही कील ठोकने की बात स्वीकार कर ली है। उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
उनकी नौटंकी जनता ने कब की बंद कर दी: प्रकाश
“2024 नहीं, इसी साल सभी को लगेगी वैक्सीन”
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “पहले तो कांग्रेस को वैक्सीन पर भरोसा नहीं था, उनके एक साथी ने इसे बीजेपी की वैक्सीन कहा। कोवैक्सीन को लेकर आपने भ्रम फैलाया। राहुल जी समझ लीजिए वैक्सीन का विरोध आपने किया। पिछले साल से ही वैक्सीन तैयार हो गई थी। राहुल गांधी कहते हैं कि 2024 तक सभी को वैक्सीन लगेगी। हम कहते हैं इस साल के अंत तक सभी को टीका लग जाएगा। दिसंबर अंत तक लोगों को वैक्सीन लग जाएगी।”
कांग्रेस पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “राहुल जी अगर आपको वैक्सीन की चिंता है तो पहले अपनी सरकार वाले राज्यों पर ध्यान दीजिए। राजस्थान में आए दिन बलात्कार हो रहे हैं। हाल ही में एक एंबुलेंस का इस्तेमाल रेप करने के लिए किया गया। एक महिला सांसद पर कांग्रेस के गुंडों ने हमला किया। देश को उपदेश देने की बजाए अपने राज्य पर ध्यान दीजिए।”
लक्षद्वीप: जिसमें 36 द्वीप यानी आइलैंड का समूह
अकांशु उपाध्याय
लक्षद्वीप। भारत का सबसे छोटा संघ राज्यक्षेत्र यानी केंद्र शासित प्रदेश है। भारत के मालदीव के तौर पर विख्यात लक्षद्वीप एक द्वीपसमूह है जिसमें 36 द्वीप यानी आइलैंड हैं। लक्षद्वीप को अपने सुंदर, मनोहारी और सूरज को चूमते हुए समुद्री तटों और हरे भरे प्राकृतिक नजारों के लिए जाना जाता है। लेकिन इन दिनों देश के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक लक्षद्वीप के समंदर में सियासी ज्वार आया हुआ।
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल द्वारा मसौदा नियमों के रूप में पेश किए गए प्रशासनिक उपायों के खिलाफ लक्षद्वीप द्वीपसमूह में विरोध बढ़ रहा है। इसने यहां के साथ-साथ देश की राजनीति में भी उबाल ला दिया है। यह बवाल है यहां विकास के एजेंडे को लेकर लाए जा रहे सुधार कानूनों को दमनात्मक बताया जा रहा है।हालांकि, प्रशासन इसे विकास से जोड़ते हुए प्राकृतिक संरक्षण का हवाला देते हुए सुधारवादी बताया है। लेकिन पक्ष और विपक्ष यानी भाजपा, कांग्रेस और एनसीपी आदि दलों के राजनेता भी इन नियमों और आदेशों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से
क्या है लक्षद्वीप का नया मसौदा?
- पूर्व में गुजरात के गृह राज्य मंत्री रहे एवं वर्तमान में लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ापटेल द्वारा पेश मसौदे में ये प्रमुख नियम हैं …
- लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 (LDAR) का मसौदा पेश किया, जो प्रशासक को विकास के उद्देश्य से किसी भी संपत्ति को जब्त करने और उसके मालिकों को स्थानांतरित करने या हटाने की अनुमति देता है।
- असामाजिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए प्रिवेंशन ऑफ एंटी-सोशल एक्टीविटीज (PASA) एक्ट भी पेश किया है, जो किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से गिरफ्तारी का खुलासा किए बिना सरकार द्वारा एक साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।
- इसके अलावा, मसौदा पंचायत चुनाव अधिसूचना भी है जो किसी ऐसे व्यक्ति को पंचायत चुनाव लड़ने से रोकती है जिसके दो से अधिक बच्चे हैं।
- लक्षद्वीप पशु संरक्षण विनियमन भी है जो स्कूलों में मांसाहारी भोजन परोसने पर प्रतिबंध के साथ-साथ गोमांस की बिक्री, खरीद या खपत पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है।
- साथ ही प्रशासक की ओर से प्रस्तावित नए मसौदा कानून के तहत लक्षद्वीप में शराब के सेवन पर रोक हटाई गई है।
लक्षद्वीप के मसौदे पर विवाद क्यों है?
- पक्ष और विपक्ष यानी लक्षद्वीप से एनसीपी सांसद समेत भाजपा और कांग्रेस के आदि दलों के राजनेता भी इन नियमों और आदेशों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। प्रशासक द्वारा क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान नष्ट करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- द्वीपसमूह की 60,000 से अधिक आबादी के साथ अच्छी तरह से नीचे नहीं गया है, जिनमें से 90% मुस्लिम हैं और लगभग 95% अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत हैं।
- इसके अतिरिक्त, कोविड -19 महामारी के मद्देनजर द्वीपों में किसी भी आगंतुक के लिए 14 दिनों के अनिवार्य संगरोध को हटाने के परिणामस्वरूप कोरोना के 6,800 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि क्षेत्र पिछले साल काफी हद तक कोविड-मुक्त था।
- राजनेताओं का यह भी आरोप है कि यह सब, नए दमनकारी कानून एक ऐसे क्षेत्र में लागू किए जा रहे हैं, जहां 2019 तक हत्या और बलात्कार के मामले लगभग शून्य थे। हालांकि, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, महिलाओं पर हमले के पांच मामले थे।
लक्षद्वीप की भौगोलिक स्थिति
- केरल के तटीय शहर कोच्चि से करीब 220 से 440 किमी दूर, पन्ना अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप एक जिला संघ राज्य क्षेत्र है और इसमें 12 एटोल, तीन रीफ, पांच जलमग्न बैंक और 10 बसे हुए द्वीप यानी आइलैंड हैं।
- यह सभी द्वीप 32 वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र में फैले हुए हैं। लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती है और यह यहां का प्रमुख शहर भी है। यह भारत की सबसे शांतिपूर्ण जगह मानी जाती है।
- लक्षद्वीप समूह के सभी द्वीप प्राकृतिक परिदृश्य, रेतीले समुद्र तट, वनस्पतियों और जीवों की बहुतायत और एक आरामदायक जीवन शैली के साथ लक्षद्वीप की शोभा और आकर्षण को बढ़ाती है।
- हालांकि, लक्षद्वीप में प्रवेश सीमित है। यहां जाने के लिए लक्षद्वीप प्रशासन से यात्रा के लिए परमिट यानी पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता होती है।
- कोच्चि से संचालित जहाजों और उड़ानों द्वारा लक्षद्वीप तक पहुंचा जा सकता है। सभी पर्यटकों के लिए कोच्चि ही लक्षद्वीप का गेट-वे है।
एक नजर में लक्षद्वीप समूह
- लक्षद्वीप समूह में 36 द्वीप हैं और यहां का कुल क्षेत्रफल 32.69 वर्ग किलोमीटर है।
- लक्षद्वीप की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 64,473 है।
- लक्षद्वीप की साक्षरता दर 91.82% है।
- प्रशासनिक आधार पर लक्षद्वीप को एक जिला माना जाता है।
- लक्षद्वीप में पहले चार तहसील थी, लेकिन अब 10 राजस्व उपखंड यानी रेवेन्यू सब डिवीजन बनाए गए हैं।
- लक्षद्वीप में निवास योग्य 10 द्वीप ग्राम पंचायत हैं।
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