बुधवार, 5 मई 2021

हापुड़: अपराधिक कृत्य में संलिप्त 2 गिरफ्तार किएं

अतुल त्यागी                
हापुड़। जनपद में बुधवार को थाना पुलिस द्वारा विजय जुलूस निकालने तथा भीड़ इकट्ठे करने के मामले में 2 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया। बृज किशोर पुत्र सुरेश त्यागी और पवन त्यागी पुत्र आत्माराम त्यागी को पुलिस ने गिरफ्तार किया और कुछ अभियुक्त भागने गये सुनील त्यागी,आकाश त्यागी, विशाल त्यागी विजय जुलूस निकालने और रसगुल्ले बांटते दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। जिनके पास से 20 किलोग्राम रसगुल्ले बरामद किए गए। यह लोग प्रधानी की जीत की खुशी में रसगुल्ले बांट रहे थे। जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

अफसरों को जेल में डालें या अवमानना को तैयार रहें

सुनील श्रीवास्तव  

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में जारी ऑक्सीजन के संकट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली हाईकोर्ट में लगातार इस मसले को सुना जा रहा था, लेकिन अब बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और आज ही इस मामले पर सुनवाई की अपील की है। ऑक्सीजन संकट पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने कोर्ट में बताया कि दिल्ली की मांग अधिक है, उसके मुताबिक संसाधन की जरूरत है। अदालत में जस्टिस शाह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ये एक राष्ट्रीय आपदा है, ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों की मौत हुई है। केंद्र अपनी ओर से कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी शॉर्टेज है ऐसे में अपना प्लान हमें बताइए।

...अवमानना के लिए तैयार रहें''
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि आपने दिल्ली को कितना ऑक्सीजन दिया है, साथ ही केंद्र ने हाईकोर्ट में ये कैसे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को 700 एमटी ऑक्सीजन सप्लाई का आदेश नहीं दिया। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि अप्रैल से पहले ऑक्सीजन की डिमांड ज्यादा नहीं थी, लेकिन अब ये अचानक बढ़ी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सीधे कहा कि केंद्र की जिम्मेदारी है कि आदेश का पालन करे, नाकाम अफसरों को जेल में डालें या फिर अवमानना के लिए तैयार रहें। लेकिन इससे दिल्ली को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी, वो काम करने से ही मिलेगी।
केंद्र सरकार के फॉर्मूले पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये पूरा फॉर्मूला सिर्फ अनुमान पर है। हर राज्य में स्थिति अलग हो सकती है, हर जिले में अलग हो सकती है। राज्य अलग-अलग वक्त पर पीक कर रहे हैं, ऐसे में आप सिर्फ एक ही तरह से नहीं हिसाब लगा सकते हैं। दिल्ली में इस वक्त हालात काफी खराब हैं। आपको हमें बताना होगा कि 3, 4, 5 मई को आपने क्या किया। केंद्र का कहना है कि उन्होंने 3 मई को 433 एमटी, 4 मई को 585 एमटी ऑक्सीजन दिया है।
हाईकोर्ट के नोटिस के खिलाफ दायर की थी याचिका
दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते दिन ऑक्सीजन संकट के मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था, साथ ही केंद्र के दो अफसरों को समन भी भेजा था। अब केंद्र सरकार ने इसी पर आपत्ति जाहिर की है।
केंद्र ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई की मांग की तो चीफ जस्टिस एनवी. रमना ने कहा कि जजों की कमी है, ऐसे में जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ही इस मामले को सुनेगी। 

दिल्ली हाईकोर्ट में भी हो रही है सुनवाई
बुधवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट में भी ऑक्सीजन संकट पर सुनवाई हुई, जिसमें दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया है कि बाकी दिनों के मुकाबले बीते दिन केंद्र से अधिक ऑक्सीजन मिली है।
बीते दिन ही हाईकोर्ट ने फटकार लगाई थी और केंद्र को नोटिस दिया था, बुधवार को केंद्र ने अदालत को बताया कि बीते दिन की सुनवाई को मीडिया में ऐसे दिखाया गया है जैसे केंद्र मुद्दे पर असंवेदनशील है। ऐसे में हमने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। ऐसे में अब हाईकोर्ट में ऑक्सीजन संकट पर तभी सुनवाई होगी, जब सर्वोच्च अदालत मामला सुन लेगा।

भारत: दूसरी लहर का कह़र, तीसरी की तैयारियां

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कहर के बीच अब तीसरी लहर को लेकर तैयारी शुरू होने जा रही है। केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी। लेकिन यह नहीं पता कि यह कब आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की दूसरी लहर इतनी भीषण और लंबी होगी, इसका अनुमान नहीं लगाया गया था।

के विजय राघवन ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''वायरस के अधिक मात्रा में सर्कुलेशन हो रहा है और तीसरा चरण आना ही है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह कब आएगा। हमें नई लहरों के लिए तैयारी करनी चाहिए।'' वैज्ञानिक सलाहकार ने यह भी कहा कि वायरस के स्ट्रेन पहले स्ट्रेन की तरह की फैल रहे हैं। इनमें नई तरह के संक्रमण का गुण नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वेरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन प्रभावी हैं। देश और दुनिया में नए वेरिएंट्स आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एक लहर के खत्म होने के बाद सावधानी में कमी आने से वायरस को फिर से फैलने का मौका मिलता है।केंद्र सरकार ने कहा है कि कुछ राज्यों में कोरोना के केसों में कमी के संकेत जरूर मिले हैं, लेकिन 12 राज्यों में अभी भी 1 लाख से अधिक एक्टिव केस हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा कि देश के 10 राज्यों में पॉजिटिवटी रेट 25 फीसदी से ज्यादा है और इनमें अभी और अधिक काम करने की जरूरत है।
लव अग्रवाल ने बताया कि एक दिन पहले के मुकाबले 2.4 फीसदी केस बढ़े हैं तो कई राज्यों में अधिक मरीजों की मौत भी हुई है।संयुक्त सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''कई राज्यों में एक दिन पहले के मुकाबले मौतों में वृद्धि देखने को मिली है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा में अधिक मौतें हुई हैं।''
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया कि कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में कोरोना के प्रतिदिन वाले वाले केसों में तेजी का रुख बना हुआ है। लव अग्रवाल ने कहा, ''कुछ इलाकों को लेकर चिंता है। बेंगलुरु में पिछले एक सप्ताह में करीब 1.49 लाख केस सामने आए हैं। चेन्नई में 38 हजार केस सामने आए हैं।''

382,315 नए केस मिलें, 3780 संक्रमितों की मौत

हरिओम उपाध्याय   

नई दिल्ली। देश में कोरोना की सुनामी जमकर कहर बरपा रही है। बीते दिन एक दिन सबसे ज्यादा मौत का आंकड़ा सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 382,315 नए कोरोना केस आए और 3780 संक्रमितों की जान चली गई है। हालांकि 3,38,439 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। देश में एक मई को रिकॉर्ड 3689 संक्रमितों की मौत हुई थी।

देश में आज कोरोना की ताजा स्थिति-
कुल कोरोना केस- दो करोड़ 6 लाख 65 हजार 148
कुल डिस्चार्ज- एक करोड़ 69 लाख 51 हजार 731
कुल एक्टिव केस- 34 लाख 87 हजार 229
कुल मौत- 2 लाख 26 हजार 188
कुल टीकाकरण- 15 करोड़ 49 लाख 89 हजार 635 डोज दी गई।
महाराष्ट्र में कोविड से मौतों का आंकड़ा बढ़ा
महाराष्ट्र में कोविड की मौतों और नए मामलों में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई, हालांकि मुंबई की स्थिति में सुधार हुआ है। मंगलवार को राज्य में मौतों का कुल आंकड़ा 71,000 तक जा पहुंचा। सोमवार को राज्य में 567 मौतें हुई थीं, जबकि मंगलवार को 891 मौतें हुईं। इसके साथ मौतों का कुल आंकड़ा 71,742 तक जा पहुंचा। नए संक्रमणों की संख्या फिर से 50,000 के स्तर को पार करते हुए 51,880 हो गई। राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या अब 48,22,902 हो गई है।
देश में 16 जनवरी से कोरोना का टीका लगाए जाने के अभियान की शुरुआत हुई थी। 4 मई तक देशभर में 16 करोड़ 4 लाख 94 हजार 188 कोरोना डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 14 लाख 84 हजार 989 टीके लगे। 1 अप्रैल से 45 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाने के दूसरे चरण का अभियान शुरू हुआ था। अब 1 मई से 18 से ऊपर के लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है।
कई राज्यों में लॉकडाउन या लॉकडाउन जैसी पाबंदियां
देशव्यापी लॉकडाउन लगाए जाने की मांग के बीच भारत के बड़े हिस्से में इस तरह की पाबंदियां अलग-अलग समय अवधि के लिए जारी हैं। राष्ट्रीय राजधानी में 19 अप्रैल से लॉकडाउन लगा हुआ है और यह दस मई तक जारी रहेगा। बिहार में चार मई से 15 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है। उत्तर प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन दो और दिनों के लिए बढ़ाकर गुरुवार तक किया गया है। हरियाणा में तीन मई से सात दिनों के लिए लॉकडाउन लागू है। ओडिशा में आज से 19 मई तक 14 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है। राजस्थान में 17 मई तक लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू हैं। कर्नाटक में 7 अप्रैल की रात से 12 मई तक लॉकडाउन लगा है। झारखंड में 22 अप्रैल से छह मई तक लॉकडाउन लागू है। छत्तीसगढ़ में जिलाधिकारियों को लॉकडाउन 15 मई तक बढ़ाने की अनुमति है, जो पांच मई को समाप्त हो रहा है। पंजाब में वीकेंड लॉकडाउन जैसे उपायों के अलावा व्यापक पाबंदियां हैं और 15 मई तक रात्रि कर्फ्यू लागू रहेगा। मध्यप्रदेश में सात मई तक कोरोना कर्फ्यू लागू है जिसमें केवल आवश्यक सेवाओं को अनुमति है। गुजरात के 29 शहरों में रात्रि कर्फ्यू जारी है।
महाराष्ट्र में पांच अप्रैल को निषेधाज्ञा के साथ कर्फ्यू जैसा लॉकडाउन और लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां लगाई थीं। ये पाबंदियां बाद में 15 मई तक बढ़ा दी गईं। गोवा में चार दिवसीय लॉकडाउन सोमवार को समाप्त हो गया। लेकिन कलानगुटे और उत्तर गोवा के कैंडोलिम जैसे पर्यटक स्थलों पर लॉकडाउन जारी रहेगा। 
तमिलनाडु में 20 मई तक सभी राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर रोक सहित व्यापक पाबंदियां लगाई हैं। केरल में चार मई से नौ मई तक लॉकडाउन जैसी कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं। पुडुचेरी में 10 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है। तेलंगाना में आठ मई तक रात्रि कर्फ्यू जारी है। आंध्र प्रदेश में छह मई से दो हफ्ते के लिए दोपहर 12 बजे से सुबह छह बजे तक आंशिक कर्फ्यू की घोषणा की गई है। पश्चिम बंगाल में पिछले हफ्ते हर तरह की सभाओं पर प्रतिबंध सहित व्यापक पाबंदियां लगाई गईं।

बंगाल में हत्या, तराई के कार्यकर्ताओं में आक्रोश

पंकज कपूर   
रुद्रपुर। पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ तराई के भाजपा कार्यकर्ताओं में गुस्सा है। उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम का सौंपकर पश्चिम बंगाल में अराजकता करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की। साथ ही कहा कि इस तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं जाएगी।
भाजपा जिलाध्यक्ष शिव अरोरा की अगुवाई में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कलक्ट्रेट में राष्ट्रपति को ज्ञापन एडीएम उत्तम सिंह चैहान को सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना की संकट घड़ी में जहां मानव समाज एक-दूसरे की जान बचाने में लगा है। वहीं बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के गुंडे भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या करने में तुले हुए हैं। उनके साथ मारपीट कर रहे हैं। उनके घरों और दफ्तरों में आगजनी कर रहे हैं। भाजपा के कई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है। कई कार्यकर्ताओं को घायल कर दिया है। भाजपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ की घटनाएं एवं आगजनी की घटनाएं आम होती जा रही हैं। यह लोकतंत्र का काला अध्याय तृणमूल कांग्रेस बंगाल में लिख रही है। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र का अपमान है। शिव अरोरा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। गुंडागर्दी करने वालों पर सख्ती से अंकुश लगाने की मांग की। 
ज्ञापन देने वालों में विधायक राजकुमार ठुकराल, मेयर रामपाल सिंह, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौन, रुद्रपुर उत्तरी मंडल के महामंत्री राधेश शर्मा, अमित नारंग, ललित मिगलानी, राकेश सिंह, सुशील यादव, विकास शर्मा, महावीर कश्यप, धर्मपाल कोली, सुदर्शन विश्वास, हरीश भट्ट, नमन चावला, धर्मेंद्र आर्य आदि शामिल थे।

सीएम बनते ही लोकल ट्रेनों का संचालन बंद किया

 मीनाक्षी लोधी   

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी मर्तबा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद ही ममता बनर्जी ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार को थामने के लिए राज्य में मिनी लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाने का ऐलान कर दिया है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को रोकने के लिए सरकार की ओर से लोकल ट्रेनों की आवाजाही पर भी रोक लगाई गई है। दुकानें भी कुछ घंटों के लिए ही खोली जा सकेंगे। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच बंगाल में हुई चुनावी रैलियों को लेकर राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। 

बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कोरोना संक्रमण की वजह से पाबंदियां लगाने का ऐलान करते हुए कहा कि कोविड-19 के हालातों को देखते हुए हमें कुछ कड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में मास्क पहनना अनिवार्य है। राज्य सरकार के दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारी ही अपने काम पर मौजूद रहेंगे। निजी क्षेत्र को भी ूवर्क फ्रोम होम करने को कहा गया है। निजी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारी ही काम पर रह सकते हैं। राज्य के भीतर तमाम शॉपिंग कांप्लेक्स, जिम, सिनेमा हॉल्स और ब्यूटी पार्लर बंद रहेंगे। सामाजिक और राजनीतिक तौर पर भी लोगों की भीड़ नहीं जुटाई जा सकेगी। सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि ज्वेलरी की दुकानें दोपहर 12.00 बजे से लेकर 3.00 बजे तक की खुलेंगी। मिनी लॉकडाउन के तहत होम डिलीवरी को प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्यभर में बैंक सवेरे 10.00 बजे से लेकर अपरान्ह 2.00 बजे तक ही खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी बाजार व खुदरा दुकानें सवेरे 7.00 बजे से लेकर 10.00 बजे तक और फिर शाम को 5.00 बजे से 7.00 बजे तक खुलेगी। राज्य में 6 मई से लोकल ट्रेनों की आवाजाही बंद रहेगी। मेट्रो रेल गाड़ियों में क्षमता से 50 फीसदी लोग ही यात्रा कर सकेंगे। 7 मई से राज्य के एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले यात्रियों को पिछले 72 घंटे की आरटीपीसीआर जी जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। जो लोग जांच के बाद पॉजिटिव पाए जाएंग,े उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाईन किया जाएगा। बस अड्डों पर यात्रियोेेें की रैंडम जांच की जाएगी। यही नियम ट्रेन यात्रियों पर भी लागू रहेगा।

24 घंटों के भीतर 18 विमान सेवाएं रद्द कर दी गई

संदीप मिश्र   

वाराणसी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से यात्रियों की संख्या कम होने से रेलगाड़ियों को रद्द किए जाने के बाद विमान सेवाएं भी कैंसिल की जाने लगी हैं। बुधवार को देश के अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश में आने वाली लगभग आधा दर्जन से भी अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। मंगलवार को भी तीन विमान उत्तर प्रदेश नहीं आ सके थे। बंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, भुवनेश्वर और वाराणसी से आने वाली उड़ानों को ऑपरेशनल कारण बताते हुए निरस्त कर दिया गया है। रद्द की गई सेवाओं के तहत विमानों को बाबतपुर हवाई अड्डे से अलग-अलग राज्यों के लिए उड़ान भरनी थी। इस तरह 24 घंटों के भीतर 18 विमान सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। विमानों के नहीं आने से वह सेवाएं भी रद्द ही रही। देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की महामारी का प्रकोप तेजी के साथ चारों तरफ अपने पांव पसार रहा है।

अप्रैल माह के अंतिम हफ्ते से कोरोना संक्रमण की महामारी का असर रेलगाड़ियों पर दिखाई दे रहा था। अब विमान कंपनियों पर भी कोरोना संक्रमण का असर पड़ना शुरू हो गया है। महामारी की विकरालता को देखते हुए लोग यात्रा से परहेज करने लगे हैं। इसी को देखते हुए विमान कंपनियों ने अपनी उड़ानों को निरस्त करना शुरू कर दिया है। वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से अन्य शहरों के लिए 25 विमानों का आवागमन हो रहा है। अन्य शहरों से आने जाने वाले विमान यात्रियों की संख्या में एयरपोर्ट पर काफी कमी देखने को मिल रही है। विमान यात्रियों की संख्या में कमी को देखते हुए विमानन कंपनियां अपने विमानों को ऑपरेशनल कारणों से रद्द कर रही हैं।

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...