रविवार, 25 अप्रैल 2021
राज्यों में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की जाएंगीं
भारत: 24 घंटे में कोरोना के 3,49,691 नए संक्रमित
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में 24 घंटे में कोविड-19 के रिकॉर्ड 3,49,691 नए मामले आने के साथ ही संक्रमण के मामले बढ़कर 1,69,60,172 पर पहुंच गए। जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26 लाख के पार चली गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान संक्रमण के कारण 2,767 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 1,92,311 पर पहुंच गई है। संक्रमण के मामले बढ़ने का सिलसिला थम नहीं रहा है और देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26,82,751 हो गई है। जो संक्रमण के कुल मामलों का 15.82 प्रतिशत है। जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर गिरकर 83.05 प्रतिशत रह गई है। आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,40,85,110 हो गई है। जबकि मृत्यु दर गिरकर 1.13 प्रतिशत रह गई है।
गंगाराम अस्पताल को 5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलीं
मुक्केबाज के खिलाफ 0-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी
बगदाद के अस्पताल में सिलेंडर फटने से 15 की मौत
अस्पतालों में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कीमत तय की
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
शनिवार, 24 अप्रैल 2021
अमेरिका ने मदद के लिए साफ इंकार किया: साथी
रमजान का एक असरा पूरा होने के बाद दूसरा शुरू हुआ
संदीप मिश्र
बरेली। रमजान के पवित्र महीने का आगाज होने के बाद से ही शहर में मुस्लिम समाज के लोग अकीदत के साथ रोजे रखकर देर रात तक तराबीह सुनकर खुदा की इबादत कर रहे हैं। वहीं मस्जिदों में अब कुरान ख्वानी का सिलसिला शुरू होने लगा है। रमजान का अब दूसरा अशरा शुरू हो चुका है। चांद रात के दिन से ही नगर व ग्रामीण क्षेत्र की सभी मस्जिदों में तराबीह का दौर शुरू हो गया था। शुक्रवार को रमजान का एक असरा पूरा होने के बाद दूसरा असरा शुरु हो गया है।रमजान के दूसरे अशरे की शुरुआत शनिवार से हो गई है। मगफिरत का यह अशरा रमजान के 20वें रोजे के सूरज डूबने तक रहेगा। दूसरे अशरे में रोजेदार रोजा रखकर अल्लाह से मगफिरत की दुआ करेंगे। वहीं घरों पर भी रोजेदारों ने नमाज अदा कर खुदा से कोरोना के खात्मे की दुआ मांगी। दूसरे अशरे में रोजेदार रोजा रखकर अल्लाह से मगफिरत की दुआ करते हैं। इस दौरान अल्लाह से अपने गुनाहों की तौबा की जाती है। कोरोना संक्रमण काल में पाबंदियों के साथ रोजे की तमाम रवायतें निभाई जा रही हैं।
82.47 प्रतिशत लोगों को लगाईं गई कोरोना वैक्सीन
संदीप मिश्र
बरेली। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए वैक्सीनेशन जरूरी है। पहले लोग इसको लेकर जागरुक नहीं थे लेकिन जब मरीजों की संख्या और मौतों का आंकड़ा बढ़ा तो लोग वैक्सीनेशन कराने के लिए आगे आ रहे हैं। शनिवार को लक्ष्य के सापेक्ष 82.47 प्रतिशत लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आरएन सिंह ने बताया कि शासन की ओर से जिले को छह हजार लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य दिया गया था। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच जागरुक 4948 लोगों का टीकाकरण किया गया। जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुल लक्ष्य 30160 रखा गया था। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में 22 हजार और शहरी क्षेत्र में 7560 लोगों को वैक्सीन लगाई जानी थी।
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शराब नहीं मिलीं, सैनिटाइजर पीने से 6 लोगों की मौत
कविता गर्ग
मुंबई। पूर्वी महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में शराब नहीं मिलने के बाद सैनिटाइजर पीने से छह लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने कहा कि डॉक्टरों ने मारे गए तीन लोगों की मौत का कारण सैनिटाइजर पीना बताया है। जबकि इन्हीं परिस्थितियों में मरने वाले बाकी तीन लोगों का पुलिस को बिना बताए ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस को शुक्रवार को सूचित किया गया था कि वाणी के ग्रामीण अस्पताल में तीन लोगों को उल्टी आने एवं असहज महसूस करने के बाद भर्ती कराया गया था, जिनकी मौत हो गई। पुलिस अधिकारी ने कहा कि मृतकों के परिजन ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते शराब नहीं मिलने पर इन लोगों ने सैनिटाइजर पी लिया था। उन्होंने कहा कि बिना पुलिस को सूचित किए बाकी तीन लोगों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मामले में जांच जारी है।
गाजियाबाद: 159 संक्रमितों ने कोरोना को दीं मात
अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। चारों ओर मचे कोरोना के हाहाकार के बीच 159 मरीजों ने कोरोना को मात दी। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार इस अवधि में 585 नए मरीज मिले और 10 मरीजों की जान भी गई। अब गाज़ियाबाद में सक्रिय संक्रमितों की संख्या 5841 हो गई है। जिले में कोरोना संक्रमण के चलते अब तक 138 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिला प्रशासन ने गाज़ियाबाद के 34 निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज की सुविधा दी हुई है। इसके बावजूद भी जिले के किसी भी अस्पताल में बेड की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इसका बड़ा कारण है कि दिल्ली, नोएडा के अलावा उत्तर प्रदेश के कई जिलों से मरीज इलाज के लिए गाज़ियाबाद में आ रहे हैं। ये वे मरीज हैं, जो पैसे के बल पर या फिर अधिकारियों के बीच अपनी पहुँच के कारण गाज़ियाबाद में भर्ती हो रहे हैं। जबकि गाज़ियाबाद के निवासी अपने संक्रमित परिजनों को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
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