शनिवार, 6 मार्च 2021

अन्नदाता मांगे अधिकार, सरकार करे अत्याचार

100 दिनों से सड़क पर किसान, 250 से अधिक की मौत, अन्नदाता मांगे अधिकार, सरकार करे अत्याचार’- कांग्रेस
अकांंशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के 100 दिन पूरा होने की पृष्ठभूमि में शनिवार को सरकार पर अन्नदाताओं के साथ अत्याचार करने का आरोप लगाया और दावा किया कि सरकार इस आंदोलन को सार्वजनिक विमर्श से गायब करने के लिए तरह-तरह के हथकंड़ों एवं षडयंत्र का सहारा ले रही है। मुख्य विपक्षी पार्टी ने देश के मध्यम वर्ग सहित समाज के विभिन्न तबकों से किसानों का समर्थन करने की अपील भी की और यह मांग फिर उठाई कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए तथा इसके बाद किसान संगठनों से बातचीत कर नए कानूनों की पहल की जानी चाहिए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया ”देश की सीमा पर जान बिछाते हैं। जिनके बेटे, उनके लिए कीलें बिछाई हैं। दिल्ली की सीमा पर। अन्नदाता मांगे अधिकार, सरकार करे अत्याचार। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा किसानों के आंदोलन के 100 दिन हो गए। इन 100 दिनों में 250 से अधिक लोगों की मौत हुई। इस दौरान किसानों को अपमानित किया गया, लेकिन बड़ी संख्या में किसान अब भी बैठे हुए हैं। वे सरकार के उस फोन कॉल की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जिसका वादा प्रधानमंत्री ने किया था। उन्होंने दावा किया आंदोलन दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। लेकिन खबरों से गायब है। विमर्श के इस आंदोलन को गायब करने के लिए सरकार कई हथकंडे अपना रही है। और षडयंत्र कर रही है।
पवन खेड़ा ने कहा किसानों का समर्थन हमें इसलिए भी करना चाहिए क्योंकि वे उस काम को कर रहे हैं। जो हम अपनी जिंदगी की आपा-धापी में नहीं कर पा रहे हैं। किसानों ने मध्यम वर्ग और सभी वर्गों के संघर्ष को सड़कों पर ला दिया है। उन्होंने कहा किसानों को सरकार से उम्मीद नहीं है। लेकिन देश से उम्मीद है। अगर लोग मौन समर्थन भी देंगे तो देश का बहुत भला होगा।
उल्लेखनीय है। कि पिछले 100 दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कई किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून बनाने की है। दूसरी तरफ सरकार ने तीनों कानूनों को कृषि सुधारों की दिशा में बड़ा कदम करार देते हुए कहा है। कि इससे किसानों को लाभ होगा और अपनी उपज बेचने के लिए उनके पास कई विकल्प होंगे।

भाजपा में शामिल होते ही त्रिवेदी का टीएमसी पर हमला

 अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व रेल मंत्री रहे दिनेश त्रिवेदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं। शनिवार को यहां उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता हासिल की।
दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि आज वह स्वर्णिम पल है। जिसका मुझे इंतजार था। आज हम सार्वजनिक जीवन में इसलिए हैं। क्योंकि जनता सर्वोपरि होती है। एक राजनीतिक पार्टी ऐसी होती है। जिसमें परिवार सर्वोपरी होता है। लेकिन आज मैं सचमुच ऐसे दल में शामिल हुआ हूं जिसमें जनता परिवार होती है। भाजपा दल का मकसद है। जनता की सेवा। उन्होंने कहा कि मैं इससे पहले जिस पार्टी में था। वहां पर सिर्फ एक परिवार की सेवा होती है। जनता की नहीं।दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि आज पश्चिम बंगाल में ऐसा माहौल है। कि वहां की जनता मुझसे फोन कर यह कहती थी। कि आप इस पार्टी में क्या कर रहे हैं। आज यह हालत हो गई है। कि एक स्कूल बनाने तक के लिए वहाँ की सत्ताधारी पार्टी को चंदा देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में लगातार हिंसा बढ़ रही है। वहां पर हिंसा और भ्रष्टाचार से जनता परेशान है। ऐसे में बंगाल की जनता खुश है। कि वहां पर असली परिवर्तन होने जा रहा है। और भाजपा सरकार बनाने जा रही है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मुझे खुशी हो रही है। कि हम दिनेश त्रिवेदी को भाजपा में शामिल कर रहे हैं। दिनेश त्रिवेदी का राजनीति में लंबा अनुभव रहा है। उन्होंने सत्ता को दरकिनार करते हुए राजनीतिक जीवन गुजारा है। बहते हुए विचार के साथ भाजपा में अपने आप को समावेश किया है।
उन्होंने कहा कि दिनेश त्रिवेदी जैसे व्यक्तित्व गलत दल में थे और ये बात वह खुद महसूस करते थे। उन्होंने राजनीति में इस वजह से बड़ी क़ीमत चुकाई है। अब सही व्यक्ति सही पार्टी में है। जहां पर उनका भाजपा , नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सही उपयोग कर पाएगी।
दिनेश त्रिवेदी के भाजपा की सदस्यता लेने के इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और धर्मेन्द्र प्रधान भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है। कि श्री त्रिवेदी ने 12 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस और राज्य सभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वह 2011 से 2012 तक रेल मंत्री रहे। वह दो बार लोकसभा और तीन बार राज्सभा सदस्य रहे हैं।

दिल्ली का होगा अपना अलग शिक्षा बोर्ड, दी मंजूरी


 अकांंशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने शहर के लगभग 2,700 स्कूलों के वास्ते अलग स्कूल बोर्ड बनाने के लिए शनिवार को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि शुरुआत में राज्य सरकार के 21-22 सरकारी स्कूलों को दिल्ली स्कूली शिक्षा बोर्ड (डीबीएसई) से संबद्ध किया जाएगा और अगले चार-पांच सालों में सभी स्कूलों को इसके अधीन कर दिया जाएगा। शहर में दिल्ली सरकार के एक हजार स्कूल हैं। और लगभग 1,700 निजी स्कूल हैं। इनमें से ज्यादातर सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं।
केजरीवाल ने कहा कि नए बोर्ड का एक संचालन मंडल होगा जिसके अध्यक्ष दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री होंगे। इसके अलावा एक कार्यकारी खंड भी होगा और एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी उसके प्रमुख होंगे। उन्होंने कहा डीबीएसई का उद्देश्य ऐसी शिक्षा देना होगा जो छात्रों में देशभक्ति और आत्मनिर्भरता का संचार करे।

इमरान के हाथों से फिसलते-फिसलते बचीं कमान


इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को विपक्षी दलों के बहिष्कार के आह्वान के बीच नेशनल असेंबली (संसद) में विश्वासमत जीत लिया। हाल में करीबी मुकाबले वाले सीनेट चुनाव में वित्त मंत्री की हार के बाद उनकी सरकार पर संकट आ गया था। प्रधानमंत्री इमरान खान को संसद के 342 सदस्यीय निचले सदन में 178 वोट मिले और सामान्य बहुमत के लिए 172 वोट की जरूरत थी।
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के निर्देश पर संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था। विपक्ष ने इसमें हिस्सा नहीं लिया क्योंकि 11 दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने मतविभाजन का बहिष्कार किया था। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार अब्दुल हाफिज शेख को करीबी मुकाबले में सीनेट चुनाव में हरा दिया था। इमरान खान के लिए यह बड़ा झटका था। जिन्होंने वित्त मंत्री अब्दुल हाफिज शेख के लिए निजी तौर पर प्रचार किया था।
वित्त मंत्री की हार के बाद विपक्षी दलों ने खान के इस्तीफे की मांग की थी। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सदन में एक-सूत्री प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को अपने आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं से मुलाकात की थी। उनसे सरकार के पक्ष में मतदान करने को कहा गया था।

चंदन की 1 एकड़ की खेती में 30 करोड़ की कमाईं

समुद्र किनारे दिखा 23 फुट बडा रहस्यमयी जीव

लंदन। समुद्र किनारे अक्सर ऐसी चीजें मिलती रहती हैं। जिसके बारे में जानकर काफी हैरानी होती है। कई बार तो उन पर यकीन तक करना मुश्किल हो जाता है। यूके वेल्स में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। ब्रॉड हैवन साउथ बीच पर एक विशालकाय जीव मिलने से हड़कंप से मच गया है। लोगों का कहना है कि इससे पहले उन्होंने इस तरह के जीव नहीं देखे थे। इस तस्वीर को देखने के बाद लोग काफी हैरान-परेशान हैं। जानकारी के मुताबिक, समुद्र किनारे जिस जीव को देखा गया है। उसके दांत हाथी जैसे काफी बड़े-बड़े हैं। इतना ही नहीं उसकी बॉडी आधी मछली जैसी और आधी डायनासोर की तरह है।हालांकि, इस जीव की पहले ही मौत हो चुकी थी। उसकी बॉडी को फिलहाल रिसर्च के लिए भेजा गया है। ताकि, यह पता लगाया जा सके कि आखिर यह जीव कहां से आया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस जीव की लंबाई 23 फीट है। लेकिन, उसका कोई चेहरा नहीं है। इस विशालयकाय जीव को देखने के बाद एक्सपर्ट भी काफी हैरान हैं। क्योंकि, उन्होंने भी इस पहले इस तरह के जीव नहीं देखे थे। वहीं, इस जीव का वजन तकरीबन 36 किलो था। रिपोर्ट अनुसार, समुद्र से बाहर आने के बाद जीव का शरीर सड़ने लगा था। कयास लगाया जा रहा है कि पानी के अंदर ही उसकी मौत हो चुकी थी। हालांकि, अभी तक इस जीव को लेकर कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सका है। एक्सपर्ट का कहना है कि जीव का शरीर इतना सड़ चुका था कि कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे। फिलहाल, उस पर छानबीन जारी है।

कार में जरूरी होगा डबल एयरबैग, नए नियम

अकांंशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वाहनों की आगे की दोनों सीटों के लिए एयरबैग को अनिवार्य कर दिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि एयरबैग को जरूरी करने के लिए सरकारी नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि वाहनों में आगे ड्राइवर की सीट के साथ बैठने वाले यात्री के लिए एयरबैग को अनिवार्य करने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है। बता दें कि उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा पर समिति ने इसके बारे में सुझाव दिया था।
मंत्रालय ने कहा कि 1 अप्रैल, 2021 के पहले दिन या उसके बाद मैन्युफैक्चर किए नए वाहनों में आगे की सीट के लिए एयरबैग जरूरी होगा। वहीं पुराने वाहनों के संदर्भ में मंत्रालय ने कहा है कि 31 अगस्त, 2021 से मौजूदा मॉडलों में भी आगे की ड्राइवर की सीट के साथ एयरबैग लगाना अनिवार्य होगा। इस कदम से दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।

क्यों जरूरी है एयरबैग्स?

कारों में एयरबैग्स दुर्घटना में ड्राईवर और बगल में बैठे पैसेंजर की जान बचाने का कम करते हैं। जैसे ही गाड़ी की टक्कर लगती है, ये गुब्बारे की तरह खुल जाते हैं और जिससे कार में बैठे लोग कार के डैशबोर्ड या स्टेयरिंग से टकरा नहीं पाते और जान बाच जाती है।
कार के बंपर पर एक इंपैक्ट सेंसर लगा होता है जैसे ही गाड़ी किसी चीज से टकराती है तो इंपैक्ट सेंसर की मदद से एक हल्का सा करंट एयरबैग के सिस्टम में पहुंच जाता है, और एयरबैग्स के अंदर गैस भरी होती है। उस गैस को वह गैस फॉर्म में प्ले आता है। पहले यह किसी और फॉर्म भरी होती है जैसे इंपैक्ट सेंसर करंट भेजता है। वह चीज गैस के रूप में परिवर्तित हो जाती है।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

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