शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

सिराज को पिता की कब्र पर देख भावुक हुए धर्मेंद्र

मनोज सिंह ठाकुर   

मुंबई। सिराज के पिता मोहम्मद गौस का 20 नवंबर को निधन हो गया था। लेकिन वह उस वक्त भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे। इस कारण कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से वह अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए वापस भारत नहीं लौट सके थे। बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र ने सोशल मीडिया के जरिए क्रिकेटर मोहम्मद सिराज के हौसले की तारीफ की है।साथ ही एक्टर ने बताया है कि जब उन्होंने सिराज को उनके पिता की कब्र पर देखा तो वो इमोशनल हो गए।अपने ट्विटर पर सिराज की तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ”सिराज तुम्हें पूरा भारत प्यार करता है। नाज़ है तुझ पर, दिल पर वालिद की मौत का सदमा लिए तुम वतन की आन के लिए मैच खेलते रहे और ेक उन्होंने जीत वतन के नाम दर्ज कर के लौटे। कल तुझे अपने वालिद की कब्र पर देखकर मन भर आया। जन्नत नसीब हो उन्हें।

संत मोरारी ने 'तांडव' को लेकर नाराजगी जताई

बृजेश केसरवानी  

प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज के माघ मेले में पहुंचे कथावाचक मोरारी बापू ने तांडव वेब सीरीज को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि भविष्य में इस तरह सनातन धर्म और हमारी संस्कृति को लेकर कोई टिप्पणी न करे, इसको लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। मोरारी बापू ने कहा की ये गलत परंपरा है, इस पर हर हाल ने रोक लगनी चाहिए। उन्होनें कहा की हमारे धर्म की उदारता का मतलब ये नहीं होना चाहिए की कोई उसका गैर जरूरी लाभ ले। माघ मेला क्षेत्र में सतुआ बाबा के शिविर में ठहरे मोरारी बापू ने कोविड काल में हो रहे प्रयागराज माघ मेले की तैयारियों और सहूलियतों को लेकर योगी सरकार की जमकर तारीफ की। हालांकि, उन्होनें लोगों से अभी भी सावधानी बरतने की अपील की है। वहीं देशभर में वैक्सीनेशन की शुरुआत के साथ लोगों में भ्रम को लेकर उन्होनें कहा की किसी के बहकावे में लोगों को नहीं आना चाहिए। अपने प्रधानमंत्री और देश के वैज्ञानिकों पर पूरा भरोसा करना चाहिए। मोरारी बापू ने देश भर के अपने भक्तों से अपील करते हुए कहा की सभी को कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिए। वहीं, नए कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन पर उन्होंने कहा की बातचीत का दौर चल रहा है। उम्मीद है जल्द ही हल निकल जाएगा।

त्रासदी: खदान में हुए विस्फोट की जांच की मांग

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कर्नाटक की एक खदान में हुए विस्फोट के पीड़ितों के परिवारों के साथ शोक जताया और घटना की जांच की मांग की। केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद ने कहा, कर्नाटक में पत्थर खनन खदान में विस्फोट की खबर दुखद है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना। इस तरह की घटनाओं की गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदियों से बचा जा सके। उनकी ये टिप्पणी खनन ब्लास्ट में 10 लोगों के मारे जाने के बाद आई। गुरुवार की देर रात, शिवमोगा में पत्थर खदान में हुए विस्फोट में कम से कम 10 लोग मारे गए। यह घटना शिवमोगा-हंगल राज्य राजमार्ग के साथ स्थित अब्बालगेरे गांव में हुई, जो कि सवलुंगा और शिकारीपुरा से होकर गुजरता है। शिकारीपुरा बेंगलुरु से 290 किलोमीटर दूर स्थित है, और ये कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के निर्वाचन क्षेत्र में आता है।

सीबीआई ने किया एनालिटिका के खिलाफ केस दर्ज

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ मामला दर्ज किया है।कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने 5.62 लाख भारतीय का फेसबुक डाटा चोरी किया। कैंब्रिज एनालिटिका ब्रिटेन की कंपनी है और राजनीतिक परामर्श देने का काम करती है। जांच एजेंसी ने इस मामले में देश से बाहर की एक अन्य कंपनी ग्लोबल साइंस रिसर्च (जीएसआरएल) के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फेसबुक-कैंब्रिज एनालिटिका डेटा चोरी मामले की जांच सीबीआई करेगी। सीबीआई को जानकारी मिली थी कि ग्लोबल साइंस रिसर्च ने अवैध तरीके से 5.62 लाख भारतीय फेसबुक यूजर्स का डेटा जमा किया और इसे कैंब्रिज एनालिटिका के साथ साझा किया। आरोप है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने इस डेटा का इस्तेमाल भारत में हो रहे चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया था।

भारत की वैक्सीन के लिए 92 देश हुए बेताब

नई दिल्ली। वैक्सीन मैनुफैक्चरिंग के बाद अब भारत बड़े वैक्सीन सप्लायर के रूप में भी आगे बढ़ रहा है। भारत के विभिन्न राज्यों में वैक्सीनेशन प्रोग्राम तेजी से चल रहा है। वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू होने के बाद से भारत में इसके बहुत ही कम साइड इफ़ेक्ट देखे गए है। वहीं दुनिया के करीब 92 देशों ने भारत की कोवैक्सीन और कोविशील्ड मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन की माँग की है।

कौन सी कंपनी कर रही है वैक्सीन का उत्पादन

भारत की स्वदेशी वैक्सीन आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड टीके का सीरम इंस्टीट्यूट उत्पादन कर रहा है जबकि कोवैक्सीन का उत्पादन भारत बायोटेक कर रहा है। हाल ही में रिपोर्ट आई हैं कि चीन की वैक्‍सीन ज्यादा प्रभावशाली नहीं, ऐसे में भारत की बनी वैक्‍सीन की डिमांड बढ़ना लाजमी है।

कौन-कौन सा देश कर रहा है वैक्सीन की माँग

गौरतलब है कि कुछ देशों ने भारत सरकार से इसकी माँग की है तो कुछ सीधे वैक्सीन डेवलपर कंपनियों को इसके ऑर्डर भेज रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत की वैक्सीन को लेकर डोमिनिकन रिपब्लिक अपनी काफी दिलचस्पी दिखा रहा है। वहाँ के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा हैं। इस पत्र में उन्होंने विशेषरुप से वैक्सीन के खेप को उनके देश भेजने का अनुरोध किया है। महामारी के घातक परिणामों से त्रस्त पीएम ने अपने पत्र में मोदी से कहा है कि पूरी विनम्रता के साथ मैं आपसे वैक्सीन भेजने का अनुरोध करता हूँ, ताकि हम अपने लोगों को महामारी से सुरक्षित कर सकें। डोमिनिकन रिपब्लिक से पहले वैक्सीन को लेकर ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख चुके है। अनुरोध पत्र भेजने के बाद ब्राजील का विमान भी कोरोना वैक्सीन लेने के लिए भारत पहुँच चुका है। इसके अलावा बोलीविया की सरकार ने 50 लाख डोज कोरोना वैक्सीन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है।इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, जापान, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, वियतनाम और थाईलैंड भी भारत की वैक्सीन के लिए बेताब हैं।

पड़ोसी देशों को पहले मिलेगी भारत की वैक्सीन की खेप

भारत सरकार अपने पड़ोसी नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार समेत कई पड़ोसी देशों को पहले वैक्सीन की खेप भेजेगी। इसी के तहत कई देशों को वैक्सीन की आपूर्ति भी की जा चुकी है तो वहीं कुछ देशों को आने वाले कुछ ही दिनों में की जाएगी। इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा था, नेपाल ने भारतीय वैक्सीन सबसे पहले पाई। हम पड़ोसियों की मदद सबसे पहले कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट में बांग्लादेश के साथ वैक्सीन मैत्री को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद भारत ने घोषणा की थी कि वह अपने पड़ोसी देशों भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को बहुत जल्द वैक्सीन की आपूर्ति करेगा। जबकि श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरीशस में वैक्सीन की आपूर्ति तब की जाएगी जब वहाँ की नियामक संस्थाएँ भारतीय वैक्सीन को स्वीकृति प्रदान कर देंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर पाकिस्तान भी भारत से वैक्सीन की डिमांड करता है तो भारत को उसे देने में कोई दिक्कत नहीं है। बता दें, कई देशों से आ रहे माँगों के बीच भारत से बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव देशों को कोविड टीके की खेप भेजी जा चुकी है। भारत कुछ ही दिनों में म्यांमार, सेशेल्स को भी covid-19 के टीके की आपूर्ति करेगा। भारत ने सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा उत्पादित कोविशील्ड टीके की 1,50,000 खुराक भूटान को जबकि 1,00,000 खुराक मालदीव को भेजी थी। इसके अलावा म्यांमार के लिए शुक्रवार को कोविशील्ड की 15 लाख खुराक भेजने की बात कही गई थी। जिसे आज सेसेल्स और मारीशस को भेजे जाने वाले डोज के साथ रवाना कर दिया जाएगा।

यूनिवर्सिटी के छात्रों को पीएम मोदी ने दिया ‘मंत्र’

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज असम के तेजपुर विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय के छात्रों को शिक्षा का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि आज 1200 से ज़्यादा छात्रों के लिए जीवन भर याद रहने वाला क्षण है। आज से आपके करियर के साथ तेजपुर विश्वविद्यालय का नाम हमेशा के लिए जुड़ गया है। नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया के संघर्ष की दास्तां भी सुनाई। अपने संबोधन के शुरुआत में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज आप जितना खुश हूं मैं भी उतना खुश हूं. मुझे भरोसा है कि आपने तेजपुर में रहते हुए, इस यूनिवर्सिटी में जो सीखा है, देश की प्रगति प्रदेश की प्रगति को गति व ऊंचाई देगा।इस भरोसे की कई वजह भी हैं। पहला- तेजपुर के इस ऐतिहासिक स्थान से मिलने वाली प्रेरणा। दूसरा- विश्वविद्यालय में आपका काम बहुत उत्साह जगाने वाला है। तीसरा- पूर्वी भारत के सामर्थ्य पर, राष्ट्र निर्माण के लिए यहां के लोगों के प्रयासों पर मेरा ही नहीं देश का भी अटूट विश्वास है। उन्होंने कहा, ‘हमारा देश इस वर्ष अपनी आजादी के 75 साल में प्रवेश कर रहा है। सैकड़ों वर्षों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए असम के अनगिनत लोगों का योगदान रहा. अब आपको नए भारत के लिए, आत्मनिर्भर भारत के लिए जी करके दिखाना है. जीवन को सार्थक करके दिखाना है। अब से लेकर भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक यह 25-26 साल आपने जीवन के भी स्वर्णिम पल हैं. अगर 100 साल पहले का थोड़ा सा स्मरण करें तो आप ही की उम्र के लोगों के क्या करते थे, तो आपको आगे क्या करना है ये सोचने में देर नहीं लगेगी। यह आपके लिए गोल्डन पीरियड है। तेजपुर का तेज पूरे भारत पूरे विश्व में फैलाइये। नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार आज जिस तरह नार्थ ईस्ट के विकास में जुटी है, जिस तरह कनेक्टिविटी, शिक्षा स्वास्थ्य हर सेक्टर में काम हो रहा है, उससे आपके लिए अनेकों नई संभावनाएं बन रही है। इन संभावनाओं का पूरा पूरा लाभ उठाइए।आपके प्रयास ये बताते हैं कि आपमें क्षमता भी नया करने का सामर्थ भी है।तेज़पुर विश्वद्यालय की एक पहचान अपने इनोवेशन सेंटर के लिए भी है।आपके ग्रास रूट इनोवेशन वोकल फॉर लोकल को भी नई ताकत देते हैं। ये इनोवेशन स्थानीय समस्याओं को सुलझाने में काम आ रहे हैं जिससे विकास के नए द्वार खुल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘पानी को पीने योग्य बनाने की तेजपुर यूनिवर्सिटी ने कम कीमत वाली आसान टेक्नोलॉजी पर काम किया है। जिसका लाभ असम के साथ साथ कई राज्यों को भी हो रहा है। भारत में इस प्रकार की टेक्नोलॉजी से हर घर जल पहुंचाने का जल जीवन मिशन के सपने का सशक्तिकरण होगा।फसल के अवशेष हमारे किसानों पर्यावरण के लिए बड़ी चुनौती है। वेस्ट ऊर्जा को लेकर तेजपुर यूनिवर्सिटी में जो काम किया जा रहा है, उससे देश की बड़ी समस्या हल हो सकती है। प्रधानमंत्री ने छात्रों को मंत्र देते हुए कहा, ‘जीवन यात्रा में हमें अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।नदियां हमें बहुत कुछ सिखाती हैं।नदियां कई सहायक धाराओं से मिलकर बनती हैं फिर समंदर में जाकर मिल जाती हैं।हमें भी जीवन में अलग अलग लोगों से ज्ञान लेना चाहिए। सीखना चाहिए उस सीख के साथ आगे बढ़कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए। कोरोना के इस काल में आत्मनिर्भर भारत अभियान हमारी शब्दावली का अहम हिस्सा हो गया है. हमारे सपनों के अंदर वो घुल मिल गया है। हमारा पुरुषार्थ, हमारे संकल्प, हमारी सिद्धि, हमारे प्रयास ये सब हम अपने ईर्द-गिर्द महसूस कर रहे है। हर चुनौती, हर समस्या से निपटने का हमारे देश के युवा का अंदाज अब कुछ हटकर है। इसका एक ताजा उदाहरण हमने क्रिकेट की दुनिया में देखा है। बहुत से लोगों ने भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज को देखा होगा। इस हमारी टीम के सामने कई चुनौतियां आईं। हमारी पहले बहुत बुरी हार हुई, लेकिन फिर उतनी ही तेजी से उभरे भी। चोट लगने के बावजूद हमारे खिलाड़ी मैच बचाने के लिए मैदान पर डटे रहे। चैलेंजिंग कंडिशंस में निराश होने के बजाय हमारे युवा खिलाड़ियों ने चैलेंज का सामना किया। कुछ खिलाड़ियों को अनुभव भले ही कम था, लेकिन हौसला उतना ही बुलंद दिखा। उन्हें जैसे ही मौका मिला, इतिहास बना दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज का भारत समस्या के समाधान के लिए प्रयोगों से भी नहीं डरता बड़े स्तर पर काम करने से भी पीछे नहीं हटता।हर गरीब परिवार को घर देने का अभियान भारत में हर घर जल पहुंचाने का अभियान भारत में. सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना भारत में अब सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी भारत में.’ उन्होंने कहा कि अब हमारे वैक्सीन से जुड़े रिसर्च उत्पादन से जुड़ी क्षमता, भारत के साथ ही दुनिया के अनेक देशों को सुरक्षा कवच का विश्वास दे रही है।

टीम इंडिया पर फिदा हुए पीएम, डट कर खेलें

सिडनी/ नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से टेस्ट सीरीज अपने नाम कर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। टीम ने अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी और तमाम तरह की चुनौतियों के बीच ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में पटखनी दी और इतिहास रचा। टीम इंडिया की इस जीत की हर तरफ तारीफ  है और उनके संघर्ष को सराहा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी पूरी टीम की तारीफ कर चुके हैं। शुक्रवार को असम के तेजपुर यूनिवर्सिटी के 18वें दीक्षांत समारोह में मौजूद 1200 छात्रों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम ने भारतीय टीम का जिक्र करते हुए बताया कि खिलाड़ियों ने चोटिल होने के बावजूद लड़ाई को जारी रखा और ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचा। उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम का खेल दृष्टिकोण में बदलाव का एक बड़ा उदाहरण है। पहला टेस्ट हारने के बाद भी उन्होंने लड़ना जारी रखा।मोदी ने कहा, ‘घायल होने के बाद भी वे जीत के लिए संघर्ष करते रहे और नए समाधान खोजते रहे। कुछ खिलाड़ी कम अनुभवी हो सकते हैं, लेकिन उनकी बहादुरी कम नहीं थी। उन्होंने सही प्रतिभा और स्वभाव के साथ इतिहास रचा।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...