गुरुवार, 21 जनवरी 2021

इंग्लैंड के खिलाफ शुरू, घरेलू सीरीज का आगाज

नई दिल्ली/ लंदन। भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे का अंत होते ही अब टीम इंडिया अपने अगले मिशन पर जुटने वाली है। पांच फरवरी से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही लंबी घरेलू सीरीज का आगाज हो रहा है। जिसकी शुरुआत चार मैच की टेस्ट सीरीज से होगी। अब खबर आ रही है कि भारत के स्टार ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा पूरी टेस्ट सीरीज से बाहर हो चुके हैं। इसके पहले 19 जनवरी को शुरुआती दो टेस्ट के लिए घोषित हुई टीम में भी उन्हें जगह नहीं मिली थी। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चोटिल हुए खिलाड़ियों में जडेजा भी शामिल थे। जिन्हें सिडनी में खेले गए तीसरे टेस्ट की पहली पारी में अंगूठे पर चोट लगी थी। ड्रॉ हुए उस ऐतिहासिक टेस्ट के बाद जड्डू ने ऑस्ट्रेलिया में ही अपने अंगूठे की सर्जरी करवाई थी। ब्रिस्बेन में खेले गए चौथे टेस्ट से भी वह बाहर थे। 32 वर्षीय़ जडेजा को चोट से उबरने के लिए कम से कम छह हफ्ते का समय लगेगा। बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) में वह रिहेब से गुजरेंगे।बीसीसीआई के सूत्रों ने कहा कि T20I और ODI में जडेजा की भागीदारी पर फैसला बाद में लिया जाएगा। इंग्लैंड को इस दौरे में चार टेस्ट, पांच टी-20 और तीन मैच की वन-डे सीरीज खेलनी है। जिसकी शुरुआत चेन्नई से होगी, यहां दो टेस्ट मैच खेले जाएंगे। टेस्ट सीरीज में भारतीय कप्तान विराट कोहली, हार्दिक पांड्या, चोटिल इशांत शर्मा की वापसी हुई है। ऑस्ट्रेलिया दौरे में दमदाऱ खेल दिखाने वाले मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर और शार्दुल टाकुर को भी शानदार प्रदर्शन का तोहफा मिला है।

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत मानक से कार्य पूर्ण करें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि लखनऊ में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लोक निर्माण विभाग की ओर से जो भी कार्य किये जाने हैं। उन्हे शीघ्र से शीघ्र शुरु कराया जाऐ और शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जो मानक और गाइडलाइन है। उसके अनुसार ही नियमानुसार कार्य कराये जायें। प्रथम चरण में लखनऊ नगर में 102 करोड़ 9 लाख 66 हजार की लागत से 12 मार्गों का लोक निर्माण विभाग ने सुधारात्मक कार्य कराया जाना है। जिसमें सिविल कार्यों की लागत 84 करोड़ 1 लाख 97 हजार तथा विद्युत सम्बन्धी कार्यों की लागत 18 करोड़ 7 लाख 69 हजार है। जिन 12 मार्गों का सुधार किया जाना है। उनमें गौतमबुद्ध मार्ग-बांसमण्डी चैराहा से लाटूश रोड (चैनेज 0.600 से 1.650), शिवाजी मार्ग (हुसैनगंज से लाटूश रोड), हुसैनाबाद मार्ग (गौतमबुद्ध पार्क से टीले वाली मस्जिद), एमजी रोड (डालीगंज चैराहा से रेजीडेन्सी तिराहा, एमजी मार्ग रेजीडेन्सी तिराहा से स्वास्थ्य भवन तिराहा, एमजी मार्ग स्वास्थ्य भवन तिराहा से नेशनल पीजी काॅलेज (राणा प्रताप मार्ग), राजा नवाबअली रोड (स्वास्थ्य भवन तिराहा से कैसरबाग बस स्टेशन चैराहा), यूनिवर्सिटी मार्ग (परिवर्तन चैक से हनुमान सेतु), शाहमीना रोड, एमजी मार्ग (हजरतगंज क्रासिंग से डीएम आवास), एमजी मार्ग (विक्टोरिया मेमोरियल से डीएम आवास) व शाहनजफ रोड सम्मिलित हैं। उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि न केवल वाहनों के आवागमन बल्कि पैदल चलने वाले लोगों के लिये फुटपाथ, हाॅकर्स के लिये वेन्डर्स जोन वाहनों के पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था की जाए। इसके अतिरिक्त रोड फर्नीचर्स, रोड साइड अमेनिटिस, अन्डरग्राउन्ड यूटिलिटीज, स्ट्रीट एवं पेडेस्ट्रियन लाइट, ड्रेनेज सिस्टम तथा मार्गों के सौन्दर्यीकरण से सम्बन्धित प्राविधान किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है।

शुभेंदु आपत्तिजनक नारे के आरोप में अरेस्ट किए

चंदननगर। पश्चिम बंगाल में भाजपा के हुगली जिला की युवा इकाई के अध्यक्ष सुरेश शॉ समेत तीन कार्यकर्ताओं को पार्टी नेता शुभेन्दु अधिकारी के रोड शो के दौरान कथित तौर पर ‘गोली मारो’ के आपत्तिजनक नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने बुधवार को हुगली जिला में पार्टी के कार्यक्रम में इस तरह की कथित नारेबाजी की थी। जिसके बाद जिला पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एक मामला दर्ज किया और तीन लोगों को रात में गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों को चंदननगर उप प्रभागीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 30 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तार नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए चंदननगर पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। हुगली की सांसद लॉकेट चटर्जी और राज्यसभा सदस्य स्वप्न दासगुप्ता के साथ शुभेन्दु अधिकारी के रथतला इलाके में रोड शो के दौरान उनके ट्रक के पीछे चल रहे आरोपी कार्यकर्ताओं ने भाजपा का झंडा और तिरंगा थाम रखा था। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा का झंडा हाथों में थामकर इस तरह की नारेबाजी किए जाने का पार्टी समर्थन नहीं करती है।

सीमा पर एक गांव बसाने के संबंध में प्रतिक्रिया

बीजिंग। चीन के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि ”अपने खुद के क्षेत्र में” चीन की विकास और निर्माण गतिविधियां सामान्य तथा दोषारोपण से परे हैं। मंत्रालय ने यह बात अरुणाचल प्रदेश में चीन के एक नया गांव बनाने की खबरों पर प्रतिक्रिया में कही। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा, ”जंगनान क्षेत्र (दक्षिण तिब्बत) पर चीन की स्थिति स्पष्ट और स्थिर है। हमने कभी भी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी।” चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है। जबकि भारत हमेशा कहता रहा है कि अरुणाचल उसका अभिन्न और अखंड हिस्सा है। चुनयिंग ने कहा कि ”हमारे खुद के क्षेत्र में” चीन की विकास और निर्माण गतिविधियां सामान्य हैं। उन्होंने कहा, ”यह दोषारोपण से परे है क्योंकि यह हमारा क्षेत्र है।” एनडीटीवी ने एक रिपोर्ट में अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र की तस्वीरें दिखाई थीं जिसमें इसने कहा था कि चीन ने एक नए गांव का निर्माण किया है और इसमें लगभग 101 घर हैं। चैनल के अनुसार 26 अगस्त 2019 की पहली तस्वीर में कोई मानव आवास नहीं दिखा। लेकिन नवंबर 2020 में आई दूसरी तस्वीर में आवासीय निर्माण दिखे।

विधान परिषद, सीटों पर जीतने वालों की घोषणा

संदीप मिश्र  

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने वाले इतने ही प्रत्याशी गुरुवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। इनमें भाजपा के 10 और समाजवादी पार्टी (सपा) के दो उम्मीदवार शामिल हैं। रिटर्निंग ऑफिसर बृज भूषण दुबे ने बताया कि नामांकन वापसी की अवधि गुजरने के साथ ही आज विधान परिषद चुनाव के सभी 12 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। उन सभी को प्रमाण पत्र दिये गए हैं। दरअसल, मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी महेश चंद्र शर्मा का नामांकन निरस्त होने के बाद बाकी बचे 12 उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया था। दुबे ने बताया कि शर्मा का नामांकन इसलिए निरस्त किया गया क्योंकि उनका कोई प्रस्तावक नहीं था। उन्होंने बताया कि साथ ही नामांकन के लिए जरूरी शुल्क जमा करने की रसीद भी संलग्न नहीं की गई थी। प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों के लिए नाम वापसी की आखिरी तारीख 21 जनवरी थी। जरूरत पड़ने पर 28 जनवरी को मतदान का कार्यक्रम था।

यूएस राष्ट्रपति ने सभी के लिए मास्क अनिवार्य किया

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडन ने शपथ ले ली है। उनके साथ भारतीय मूल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बन गई हैं। जैसी उम्मीद जताई जा रही थी सत्ता संभालने के बाद बाइडन ने डोनाल्ड ट्रंप के कई फैसलों को पलट दिया है। राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद बाइडन ने सीधे ओवल ऑफिस में कामकाज संभाला और एक्शन में आ गए।बाइडन ने 15 कार्यकारिणी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन सभी की अमेरिका में लंबे समय से मांग चल रही थी और उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान इसका वादा भी किया था। दोपहर को बाइडन ने कहा कि कार्यकारी आदेश, ज्ञापन और निर्देश जारी करने में ‘बर्बाद करने के लिए समय नहीं’ है। बाइडन ने कहा, ‘आज मैं जिन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने जा रहा हूं उनमें से कुछ कोरोना महामारी संकट की कार्यप्रणाली को बदलने में मदद करने वाले हैं, हम एक नए सिरे से जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने जा रहे हैं जो हमने अब तक नहीं किया है और नस्लीय भेदभाव को खत्म करने वाले हैं। ये सभी शुरुआती बिंदु हैं।’ सत्ता संभालते ही बाइडन ने निर्णय लिया कि सभी अमेरिकियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए फैसला लिया। आम लोगों को बड़े स्तर पर आर्थिक मदद देने का एलान। जयवायु परिवर्तन के मसले पर अमेरिका की वापसी यानी अमेरिका अब 30 दिन बाद पेरिस जलवायु समझौते में दोबारा शामिल हो जाएगा। नस्लभेद को खत्म करने की ओर कदम। विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने के फैसले को रोका और डॉ. एंथोनी फॉसी को विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का प्रमुख बनाया।जो बाइडन ने मेक्सिको से लगी सीमा पर आपातकाल की घोषणा को वापस लिया, दीवार बनाने के फैसले और फंडिंग को रोका। ट्रंप प्रशासन द्वारा जिन मुस्लिम देशों पर बैन लगाया गया था, उसे वापस लिया और विदेश मंत्रालय को जल्द ही वीजा प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया। छात्र ऋण की किस्त वापसी को सितंबर तक टाला। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा कि पहले दिन लिए गए फैसले शुरुआत भर  हैं। आने वाले दिनों में राष्ट्रपति और भी कई फैसले लेंगे। उन्होंने कहा, ‘आने वाले दिनों और हफ्तों में, हम अतिरिक्त कार्यकारी आदेशों की घोषणा करेंगे जिससे चुनौतियों का सामना किया जाएगा और अमेरिकी लोगों से राष्ट्रपति चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा किया जाएगा।’

अमेरिका: चीन को उम्मीद थी सत्ता परिवर्तन होगा

बीजिंग। चीन को उम्मीद थी कि अमेरिका में हुआ सत्ता परिवर्तन उसके लिए कुछ सुकून लेकर आएगा और इंडो-यूएस के मजबूत संबंध प्रभावित होंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ कर दिया है कि भारत उनके लिए अहम साझेदार है और दोनों देशों के रिश्ते मजबूत बने रहेंगे। वहीं, अमेरिका के नए रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि चीन की दादागिरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ‘नए अमेरिका’ के नई दिल्ली के प्रति इस झुकाव से बीजिंग बौखला गया है और इसी बौखलाहट में वह भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहा है। चीन को यह डर भी सता रहा है कि भारत अमेरिका के साथ मिलकर तिब्बत के मुद्दे पर उसे घेर सकता है। इसलिए उसने दबाव की रणनीति के तहत धमकाने का खेल फिर शुरू कर दिया है। चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि कुछ भारतीय विशेषज्ञों ने भारत सरकार को अमेरिका के साथ मिलकर तिब्बत कार्ड खेलने का सुझाव दिया है। लेकिन यदि भारत ने ऐसा किया तो दोनों देशों के बीच रिश्ता पूरी तरह खत्म हो जाएगा। अखबार का कहना है कि तिब्बत चीन का हिस्सा है और उस पर किसी की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में कहा गया है, ‘भारत में ब्रह्मा चेलानी जैसे कुछ भूराजनीतिज्ञों ने कहा है कि भारत सरकार को अमेरिका के साथ मिलकर तिब्बत कार्ड खेलना चाहिए। उन्होंने अमेरिका के तिब्बत कानून का लाभ उठाने की भी सलाह दी है। पूर्व भारतीय कूटनीतिज्ञ दीपक वोहरा ने यहां तक लिखा है कि यदि तिब्बत अलग रास्ता चुनता है तो चीन के टुकड़े हो जाएंगे या फिर उसे साम्यवाद छोड़ना होगा और दुनिया अधिक सुरक्षित जगह हो जाएगी। लेकिन हम बताना चाहेंगे कि तिब्बत चीन का हिस्सा है और भारत सरकार लंबे समय से इसे मान्यता देती आई है। यदि नई दिल्ली इन विशेषज्ञों की सलाह को मानती है, तो भारत-चीन के रिश्ते पूरी तरह खत्म हो जाएंगे और नई दिल्ली युद्ध को भड़काएगी’। लेख में आगे कहा गया है कि भारत ने चीन को परेशान करने और व्यक्तिगत लाभ अर्जित करने के लिए तिब्बत कार्ड खेलना छोड़ा नहीं है। भारत के कुछ भूराजनीतिज्ञों को तिब्बत की समझ नहीं है। तिब्बत कार्ड खेलकर कुछ भारतीय चीन को मजबूर करना चाहते हैं कि वो कश्मीर को भारत के हिस्से के रूप में मान्यता दे। लेकिन इन लोगों ने कभी महसूस नहीं किया कि तिब्बत का प्रश्न भारत-चीन संबंधों के लिए कितना संवेदनशील है, ये लोग आग से खेल रहे हैं। धमकी भरे अंदाज में चीनी अखबार ने लिखा है कि बीजिंग इसके बदले में कई कदम उठा सकता है। लेकिन आमतौर पर, हम इन उपायों का उपयोग नहीं करते। उदाहरण के तौर पर कश्मीर वैश्विक मान्यता प्राप्त विवादित क्षेत्र है। चीन एकतरफा यह नहीं स्वीकार करेगा कि यह भारत का हिस्सा है। जैसा कि नई दिल्ली को उम्मीद है। इसके अलावा, भारत के पास कई कांटेदार मुद्दे हैं। जैसा कि धार्मिक मुद्दे और उत्तर-पूर्व भारत में हथियारबंद अलगाववादी। हालांकि, बीजिंग इन मुद्दों के साथ नई दिल्ली पर दबाव बनाने को तुच्छ समझता है।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...