गुरुवार, 14 जनवरी 2021

कश्मीर की डल झील, 30 वर्ष बाद वही मंजर

श्रीनगर। कश्मीर की प्रसिद्ध डल झील और कई अन्य जलाशयों के अधिकांश हिस्सों में बृहस्पतिवार को पानी जम गया और पूरी घाटी में शीतलहर का प्रकोप जारी है। वहीं श्रीनगर में बीती रात पिछले 30 वर्षों में सबसे ठंडी रात रही। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। जो 30 वर्षों में शहर का सबसे कम तापमान है। उन्होंने बताया कि 1995 में श्रीनगर में तापमान शून्य से नीचे 8.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। जबकि 1991 में तापमान शून्य से नीचे 11.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। श्रीनगर में अब तक का सबसे कम तापमान 1893 में शून्य से 14.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था। घाटी के बाकी हिस्सों में भी ठंड काफी बढ़ रही है। दक्षिण कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए एक आधार शिविर के रूप में कार्य करने वाले पहलगाम पर्यटन रिसॉर्ट में न्यूनतम तापमान शून्य से 11.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। यह रिसॉर्ट जम्मू-कश्मीर में सबसे ठंडा स्थान रहा। गुलमर्ग पर्यटक स्थल में न्यूनतम तापमान शून्य से 7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि दक्षिण में कोकेरनाग में शून्य से 10.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। भयंकर ठंड के कारण डल झील सहित कई जलाशयों का बहुत बड़ा हिस्सा जम गया। न्यूनतम तापमान में गिरावट से जलापूर्ति पाइपों में पानी जमने लगा है। शहर की कई सड़कों पर बर्फ की मोटी परत बिछी हुई है। जिससे लोगों के लिए गाड़ी चलाना मुश्किल हो गया है। वर्तमान में कश्मीर ‘चिल्लई-कलां’ की चपेट में है।

लचर प्रदर्शन के कारण तीन बार हार का सामना

बेंगलुरू। बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन से उत्तर प्रदेश को सैयद मुश्ताक अली ट्राफी टी-20 टूर्नामेंट के ग्रुप 'ए' में गुरुवार को लगातार तीसरी हार का सामना करना पड़ा। जबकि पंजाब ने अपना विजय अभियान जारी रखकर नाकआउट में जगह बनाने की तरफ मजबूत कदम बढा।जम्मू कश्मीर ने मुज्तबा युसुफ (14 रन देकर तीन विकेट) की शानदार गेंदबाजी और अब्दुल समद (नाबाद 54) के अर्धशतक की मदद से उत्तर प्रदेश को 30 गेंद शेष रहते हुए आठ विकेट से करारी शिकस्त दी।पहले बल्लेबाजी के लिये बुलायी गयी। उत्तर प्रदेश की टीम निर्धारित 20 ओवरों में पांच विकेट पर 124 रन ही बना पायी। सुरेश रैना खाता भी नहीं खोल सके। कप्तान प्रियम गर्ग ने सर्वाधिक 35 रन बनाये। जम्मू कश्मीर ने 15 ओवर में दो विकेट खोकर लक्ष्य हासिल किया। समद ने शुभम खजूरिया (नाबाद 34) रन के साथ तीसरे विकेट के लिये 89 रन की अटूट साझेदारी की। उधर पंजाब ने अभिषेक शर्मा (62 गेंदों पर 107) के शतक तथा हरप्रीत बरार के चार विकेट की मदद से रेलवे को 117 रन से पराजित किया। पंजाब को पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर अभिषेक और प्रभसिमरन सिंह (39 गेंदों पर 63) ने पहले विकेट के लिये 129 रन जोड़कर टीम को शानदार शुरुआत दिलायी। अभिषेक ने अपनी पारी में पांच चौके और नौ छक्के जबकि प्रभसिमरन ने दो चौके और छह छक्के लगाये। पंजाब ने चार विकेट पर 200 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया और फिर रेलवे को 17.1 ओवर में 83 रन पर ढेर कर दिया। हरप्रीत बरार ने 22 रन देकर चार और अर्शदीप सिंह ने 16 रन देकर तीन विकेट लिये। पंजाब की यह लगातार तीसरी जीत है। जिससे उसके 12 अंक हो गये हैं और वह ग्रुप ए में शीर्ष पर है। जम्मू कश्मीर, कर्नाटक और रेलवे के आठ-आठ अंक हैं। कर्नाटक ने एक अन्य मैच में त्रिपुरा को 10 रन से हराया।

बेसहारा गोवंश हेतु चारा वाहन का संचालन किया

गोपीचंद सैनी
बागपत। कल्याण भारती सेवा संस्थान के तत्वावधान में मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर बड़ौत नगरपालिका स्थित बेसहारा गोवंश हेतु एक चलती-फिरती चारा सेवा वाहन का संचालन किया गया। बड़ौत नगरपालिका के बेसहारा गोवंशो को चारा और गुड़ खिलाया गया। सेवा के माध्यम से समाज और सरकार से बेसहारा गोवंश की सुरक्षा हेतु अपील का प्रयास किया गया। बड़ौत नगर की गरीब बस्तियों में एक अस्थायी चलता-फिरता खिचड़ी भण्डारे का आयोजन किया गया और गरीब बच्चों को कपड़े वितरित किये गए। आयोजित कार्यक्रमों का संचालन संस्थान के प्रबंधक निदेशक गोपी चन्द सैनी ने संस्थान के सदस्यों की सहायता से संस्थान के आजाद नगर बड़ौत कार्यालय से किया। जिसमें प्रमोद कुमार, चौधरी रोताश सैनी,  हरिभूषण उपाध्याय, राहुल तोमर, मास्टर पवन कुमार सैनी, नीतू जैन, श्रीमती चन्द्र प्रभा, श्रीमती हेमचंद जैन,  सिमा और विनीत कुमार, मुख्य रूप से सहयोगी रहें।

सुबह 4 बजे से गंगा व यमुना घाट पर भीड़ जुटी

कौशांबी। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर जिले के गंगा यमुना के विभिन्न घाटों पर लाखों भक्तों ने गंगा यमुना नदी के पवित्र जल में डुबकी लगा कर स्नान किया है।स्नान के दौरान गंगा यमुना के घाटों पर भक्तों की भारी भीड़ लगी रही प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर जगह-जगह पर पुलिस के जवानों को ड्यूटी पर तैनात किया था। मकर संक्रांति के दिन भोर 4:00 बजे से ही गंगा और यमुना के घाटों पर स्नान करने भक्त पहुंचने लगे हैं।दोपहर बाद भी गंगा यमुना के घाटों पर स्नान करने वालों की संख्या लगातार मौजूद रहे लाखों भक्तों ने विभिन्न गंगा यमुना के घाटों में स्नान किया है। गंगा के कड़ा घाट संदीपन घाट, पल्हाना घाट, बदनपुर घाट, फतेहपुर घाट, काकरा बाद घाट, उमरछा घाट के साथ यमुना के महेवा घाट पभोषा घाट नंदा का पुरवा घाट सेवढा घाट रसूलपुर ब्यूर घाट औधन घाट तिल्हापुर घाट सहित विभिन्न गंगा यमुना के घाटों पर स्नान करने वाले भक्तों की भीड़ लगी रही।
सुशील केसरवानी 

विद्यार्थी मोर्चा ने किसानों के समर्थन के संदेश दिए


मेरठ। किसान किसान अध्यादेश पूरे समाज के लिए भारत देश के हर नागरिक के लिए एक अभिशाप साबित हो रहा है। बल्कि एक बड़े नाग के रूप में सामने लाया जा रहा है। जो पूरे भारतीय किसानों को मूल निवासियों को गरीबों को मजदूरों को मजदूरों को रोटी से मोहताज कर देगा। भारतीय विद्यार्थी मोर्चा की एक बैठक डॉक्टर जाकिर हुसैन कॉलोनी में मोहम्मद राशिद सैफी जी के यहां आयोजित की गई। जिसमें भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट राहुल कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कीजिए सरकार आज एक नाग के रूप में बैठी हुई है। जो पूरे भारत को 10 रही है और अब किसान अध्यादेश लाकर समस्त समाज को डसने का काम कर रही है। हिंदू हिंदुत्व के नाम पर यह सरकार लोगों को गुमराह कर रही है और आपसे प्यार मोहब्बत को खत्म करने पर तुली हुई है। यह भारत को खोखला कर दिया है। इस सरकार ने और लगातार आतंकवादी लोगों का सहयोग कर रही है। हमें इससे बचना होगा अपने देश को भारत संविधान को बचाना होगा।
बहुजन मुक्ति पार्टी के पश्चिमांचल महासचिव एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज भारत देश में जो स्थिति बनी हुई है। यह हमारे समाज के लिए बहुत खतरनाक सिद्ध हो रही है और आने वाले वक्त में हर गरीब व्यक्ति मजलूम पसमांदा वर्ग सबके लिए बड़ी दुखदाई खबर लेकर आएगी और आ रही है। जो आज किसान अपने लिए नहीं बल्कि हमारे लिए गरीबों के लिए लड़ रहा है। हमें उनका साथ देना चाहिए और मोदी सरकार को किसान अध्यादेश वापस ले लेने चाहिए लेकिन यह इतनी निकम्मी सरकार है कि जो भी इसके विपक्ष में बोलता है तो उसको जेल में डालने का काम करती है। लेकिन बहुजन मुक्ति पार्टी कभी इनसे जेलों से या इनके अत्याचारों से नहीं डरती है और बामसेफ की विचारधारा पर काम करने वाली एकमात्र पार्टी है। जो हमें और हमारे भारतीय संविधान को हमारे हक अधिकारों को बचाने का काम करते हैं। अन्यथा आज तक बहुजन के नाम पर अनेक बहुत सारे राजनीतिक दल बने हुए हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। केवल दलाली तक सीमित रह गए हैं और लोगों को लूटने का छूटने का काम कर रहे हैं, जो हमें बचना होगा। हमें समझना होगा कि हमारे हक में हमारा दुश्मन से लड़ने वाली पार्टी केवल एक मूलनिवासी और विदेशी की लड़ाई लड़ रही है। जो डीएनए में साबित हो चुका है तो ब्राह्मण विदेशी हैं और यह आज 80 परसेंट पूरे भारतीय लोगों पर अत्याचार और अपने आप को हुक्मरान साबित कर रहे हैं। ओबीसी वर्ग को हिंदू बनाकर मुस्लिमों से लगाया जाता है। जबकि ओबीसी को आज तक गिनती तक नहीं होने दिए आने वाले वक्त में जो आज 2021 में ओबीसी की गिनती होनी थी। अध्यादेश से उसको लारी में रखकर उसको खत्म करना चाहते हैं और आने वाले वक्त में इसको गिनती तक नहीं होने देना चाहती ओबीसी का हक अधिकार मारना चाहती है। मोदी वैसे बनिया समाज से है। उच्च श्रेणी से है लेकिन उसको ओबीसी वर्ग का इन्होंने साबित करके दिखाया पेश किया लेकिन वह लूटने वाला बनिया वर्ग है। हमें इस को समझना होगा संजय कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा यह आजादी हमारी देश की आजादी नहीं है। हमारा देश आज भी इन ब्राह्मणों के कब्जे में है। हम लोगों को गुलाम बनाकर रखा गया है। उस आजादी को आम लोगों तक पहुंचने से रोका गया इन ब्राह्मणों ने अपना कब्जा आजादी के बाद भी साबित करके रखा हुआ है। आज भी हमें एक दूसरे को आपस में लड़ा कर अपने आप का हमें गुलाम बनाना चाहती हैं। हमें इससे बचना होगा। बैठक मे एड राहुल कुमार भारतीय विद्यार्थी मोर्चा उपाध्यक्ष उ. प्र संजय कुमार आर डी गादरे बहुजन मुक्ति पार्टी के पश्चिमांचल जोन महासचिव एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आर डी गादरे अहमद काजिम मा राशिद आदि ने विचार रखे। बैठक में रहीम मनोज, मो. अली, कासिद शालीम, मोहसिन फैसल, फरमान सुहैल, वाहिद सिकन्दर, प्रदीप फरमान, मोईन, अर्श अरशद, शहजाद समीर, सुएब अनीस शाहिद आदि मौजूद रहे।

बेरोजगारी के दौर में नौकरी के नाम पर की लूट

राधेश्याम शास्त्री  
कुशीनगर। बेरोजगारी के दौर में नौकरी चाहे सरकारी हो या गैर सरकारी उसके नाम पर कभी भी लूटा जा सकता है। भले ही नौकरी आफिस में बैठकर लिखा-पढ़ी करने की है। साहब की जी हजूरी करने की है या गांव शहर की सड़कों और गलियों के सफाई करने की ही क्यों न हो।बस! इसकी भनक भर लग जाय। नौकरी पाने वालों की कतार लग जायेंगे। वह भी मुफ्त नहीं, बल्कि भरी हुई जेब के साथ। छोटी-बड़ी सरकारी नौकरी के बैकैंसी की अभी घोषणा हुई ही नहीं कि छोटे-बड़े सफेद पोशधारी नौकरी का‌ ठेका लेकर घूमने लग जाते हैं और नेता या बड़े अधिकारी से काम करने की गारंटी पर 20 हजार रुपए से लाखों रुपए तक इन बेरोजगारों से ऐंठने में कामयाब हो जाते हैं। पूर्व में जनपद के सभी गांवों में सफाई कर्मी के रूप में बाल्मिकी समाज के लोगों को आथि॔क रुप से राहत पहुंचाने के हेतु सरकारी पद की घोषणा बसपा सुप्रीमों व सूबे के मुखिया बहन मायावती द्वारा की गई। परन्तु आवेदन में कोई प्रतिबंध नहीं करके समस्त वर्गों के लोगों को आवेदन देने की छूट दे दी गयी।न जिसका परिणाम यह निकला कि सरकार के मंशा के अनुरूप कोई भी गरीब, मजदूर या बाल्मिकी समाज का व्यक्ति नौकरी  नहीं पा सका। अलबत्ता पैसे के बल पर समाज के अन्य वर्गों के लोग नौकरी हथिया लिए और जरूरत मंद हाथ मलते रह गए। आलम यह है कि गांवों में तैनात सफाई कर्मी स्वयं काम न करके महीने में दो चार दिन मजदूर रखकर काम की खानापूर्ति कर अपना वेतन प्रतिमाह लेते जा रहें हैं। जनपद के कई गांवों का   दौरा करने पर पाया गया कि एक तरफ़ जहां सड़कों और गलियों में कचड़ा भरा हुआ है। वहीं दूसरी ओर नालियां गन्दगी से बजबजा रही है। जिससे संक्रामक बिमारियां फैल रही है। किसी भी सफाई कर्मी का नाम पता व गांवों में आने का समय, दिन निश्चित नहीं है।इसकी‌ जानकारी केवल ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी को होता है। गांव के किसी भी‌आदमी को कुछ भी मालूम नहीं होता है। उधर जिसके लिए यह योजना लागू की गई वह बाल्मिकी समाज आज भी ग़रीबी की मार झेलते हुए नरक की जिंदगी जीने को बेबस है। आधुनिक युग में फाइबर, प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों के आ जाने से उनका समूचा कारोबार भी चौपट हो गया है। आखिर वो करें तो क्या? जगह -जगह धरना प्रर्दशन और हड़ताल करने पर भी दलितों की दम्भ भरने वाली सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है बल्कि खुद आरक्षण को लेकर महिला-पुरुष, सामान्य, पिछड़ी, अनुसूचित जाति वर्ग अनुसूचित जनजाति के भंवरजाल में फंस गई है। जनपद के कई ब्लाकों के कई गांवों से जहां ब्राह्मण, सिंह, यादव आदि संबल वर्ग के लोगों को नियुक्त कर लिया गया है वहीं सांस बहुओं को नहीं बेटियों को भी सफाई कर्मी के रूप में नियुक्त करके सारी पारदर्शी की धज्जियां उड़ा दी गई है। ये नियुक्त कमी॔ स्वयं  तो जाते नहीं हैं बल्कि गांव के ही किसी आदमी को आधा -तिसरी मजदूरी देकर कोरम पूति॔ करवा लेते हैं। सरकारी महकमे के पास इतना भी समय नहीं है कि वह जाने कि  सम्बन्धित गांव का सफाई कर्मी काम भी कर रहा है या मुफ्त में वेतन ले रहा है। इसका जीता जागता प्रमाण जनपद के दुदही विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत सोरहवां, शाहपुर माफी,अराजी बुन्देलगिरी में मौके पर जाकर देखने को मिला। सफाई कर्मियों द्वारा वर्षों से गांवों के नालियों की सफाई नहीं किया गया है। तथा फर्जी तरीके से पेरोल बनाकर हर माह अपना वेतन उठाते जा रहे हैं। कर्मचारी फर्जी तरीके से संस्तुति करते जा रहे हैं।ऐसा क्यों! इसमें राज क्या है? क्षेत्र में चर्चा है कि तमाम सफाई कर्मी गांवों में इसलिए नहीं जाते हैं कि वे या तो किसी नेता के भाई -भतीजा हैं या  किसी सता पक्ष के‌ नेता के रिश्तेदार बताते हैं। 
वास्तव में यह ‌निषपक्ष व निर्भीक रुप से जांच-पड़ताल का विषय है। यदि वह सफाई कर्मी के पद पर नियुक्त हैं चाहे जैसा भी हुआ है। वह गांवों में जाकर सफाई कर्मी में लग जायें। अन्यथा गरीबों के खून-पसीने की गाढ़ी कमाई को वैसे ही  न डकार जाय। चर्चा है कि विकास खंड के सहायक विकास अधिकारी पंचायत श्री रामविलाश गोंड व आफिस के बाबुओं द्वारा सफाई कर्मियों पर दबाव व निर्देश देने के बावजूद भी इन सफाई कर्मियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। क्यों? चर्चा है कि जब भी कार्यवाही की बात आती है तो सफाई कर्मियों द्वारा अधिकारियों व  क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों द्वारा अधिकारियों पर‌ जबरन दबाव बनाया जाता है। उधर विभागीय अधिकारियों जिला पंचायत राज अधिकारी जनपद-कुशीनगर के पास फोन किए जाने पर फोन हमेशा स्वीच ऑफ रहता है। लगता है कि इन्हीं माननीय का संरक्षण प्राप्त है। क्योंकि इनके द्वारा कभी भी ज़िले में दौड़ा करने का समाचार प्राप्त नहीं हुआ है। यदि ऐसी बात नहीं है तो वर्षों से लापरवाह व अनुशासनहीन कमियों के खिलाफ जांच पड़ताल करके कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है। 

प्रदेश के भविष्य निर्माण के प्रति सरकार बेपरवाह

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी
हापुड़। जहां पर यूपी सरकार नौनिहालों के विद्यालयों पर दे रही है। पूरी तरह से शक्ति से ध्यान कर रही है। आदेश पर आदेश, कर रही है। लाखों करोड़ों रुपए खर्च देश के नौनिहालों का भविष्य बनाने में नहीं है यूपी सरकार पीछे, वही देखा जाए तो यूपी सरकार के नौनिहालों पर खर्च होने वाला पैसा जमीनी स्तर पर नहीं चमक रहा। क्योंकि जनपद हापुड़ के तहसील गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत कई विद्यालय ऐसे हैं। जहां पर देश के भविष्य शिक्षा तो ले रहे हैं। मगर विद्यालयों की बिल्डिंग पर एक पल का भी भरोसा नहीं है, जो बिल्डिंगए काफी समय से जर्जर हालात में खड़ी हैं वो आज भी इसी तरह से खड़ी हैं, जिन बिल्डरों का छूट रहा है बिना हाथ लगाए सीमेंट भी, विद्यालयों के रूम की छत में लगा रखे हैं बिल्डिंग की छत को रोकने के लिए ईटों के पोल, अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि जिस विद्यालय की छत के नीचे पोल लगे हैं बीच में खड़े हैं तो उन विद्यालयों पर आम जनता या कोई अधिकारी यह सरकार कितने समय का भरोसा कर सकते हैं, क्षेत्रीय विद्यालयों का मामला है बड़ा, उठते हैं क्षेत्रीय खंड शिक्षा अधिकारी पर कई सवाल, क्या वो क्षेत्रीय विद्यालयों का दौरा नहीं करते, या दोहरा कर आश्वासन देकर कार्य खत्म हो जाता है, आते हैं क्षेत्रीय खंड शिक्षा अधिकारी सवालों के घेरे में, आखिर जिन विद्यालयों में बच्चे शिक्षा ले रहे हैं उन विद्यालयों का दौरा नहीं कर पाते, नहीं तो जितने समय से शिक्षा अधिकारी क्षेत्र में हैं विद्यालय के हालात इतने जर्जर बेकार क्यों हुए, विद्यालय के हालात है राम भरोसे आखिर किस विश्वास पर बच्चे इतने समय से कर रहे हैं अपनी शिक्षा पूरी इन खस्ता हालात के विद्यालयों में, क्या योगीराज में इसी तरह के विद्यालयों में बच्चे शिक्षा लेते क्षेत्रीय अधिकारियों को अच्छे लग रहे हैं या उनकी जिंदगी पर कोई बड़ी ग्रह घूमती हुई सही लग रही है, गाजियाबाद के मुरादनगर हादसे से हुई हापुड़़ शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं ले पाई सबक, मामला हुआ हाईलाइट तो संज्ञान बता डाला तथा जांच का आश्वासन भी दिया गया, जहां पर श्मशान घाट के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल दिए बड़े आदेश पड़ा भारी श्मशान घाट को बनाने वालों पर देखना पड़ा सलाखों का चेहरा लगी सख्त धाराएं, फिर भी हापुर के शिक्षा अधिकारी बैठे हैं आराम से कुर्सी पर, आखिर बच्चों के अभिभावक भी होंगे परेशान ऐसे विद्यालयों को देखकर जिनमें उनके आंखों के उजाले लेते हैं शिक्षा नौनिहाल, मगर वो बिल्डिंग नहीं है एक पल की भरोसे की भी जहां पर आए हैं उनके बच्चे उनका नाम रोशन करने के लिए शिक्षा लेने, गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत लगभग कई स्कूल ऐसे पाए गए हैं जहां पर आम व्यक्ति भी बैठना पसंद नहीं करेगा उन विद्यालयों के हालातों को देखते हुए, आखिर क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी इतनी समय से क्या कर रहे हैं।जिन्हें विद्यालयों के मामलों में संज्ञान हैं या नहीं, बना हुआ है। गढ़ क्षेत्र में नौनिहालों की जिंदगी पर बड़ा खतरा विद्यालयों की बिल्डिंग को देखते हुए। जहां पर आप ने देखा कि गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत गांव लुहारी , गांव शेरपुर आलापुर, गांव अनूपपुर डिबाई वार्ड नंबर 1 तथा इन सबसे ज्यादा भुरी और खस्ता हालात में खड़ा है। गांव हशूपुर का विद्यालय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, आखिर इन विद्यालयों का इतना मामला क्यों हुआ खस्ता, मामला बना रहेगा काफी बड़ा सवाल है। बहुत ज्यादा मगर जवाब किसी के पास नहीं, अब देखना यह होगा कि क्षेत्रीय खंड शिक्षा अधिकारी इन सभी विद्यालयों के विषय में कितनी जल्द करते हैं। कार्यवाही या इसी तरह रह जाएंगे। सब आश्वासन पर आश्वासन रखे हुए।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...