सोमवार, 11 जनवरी 2021

भीख मांगता "बचपन" 'विश्लेषण'

संदीप सिंह 

लगातार आर्थिक तरक्की कर रहे भारत में एक तरफ अरबपतियों की लम्बी कतार बनती जा रही है तो दूसरी ओर देश में ही एक तबका भीख मांग कर पेट भरने को मजबूर है।

लखनऊ। भिक्षावृत्ति आधुनिक होते भारत के माथे पर कलंक की तरह हैं। मंदिरों, मस्जिदों या किसी भी धार्मिक स्थल पर भिखारियों का जमवाड़ा लगा रहता है। दो जून की रोटी को तरसते देश के लाखों गरीब अस्पतालों, बस अडडों, चौराहों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भिक्षावृत्ति को मजबूर हैं। कानूनी प्रावधानों के ज़रिये भिक्षावृत्ति पर रोक की कोशिशें अब तक असफल ही साबित हुई हैं। भिक्षावृति को कानूनन अपराध घोषित करने के बावजूद भिखारियों की तादाद कम नहीं हुई।

कुछ लोग अपने फायदे के लिए जबरन बच्‍चों से उनका बचपन छीन कर चौक-चौराहों पर भीख मंगवाते हैं। कोरोना काल में सड़कों पर भीख मांगने वाले इन बच्‍चों में इजाफा हुआ है।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद चल रही है लेकिन शहर के कई चौराहे पर कहानी ही कुछ अलग है। पुलिस की नाक के नीचे मासूमों का बचपन छीना जा रहा है। मासूमों से भीख मंगवाई जा रही है। हलांकि भीख मांगने का अंदाज थोड़ा बदल दिया गया है। यदि आप राजधानी लखनऊ में रहते हैं तो शायद ऐसा आपके साथ भी हुआ होगा। कार से दफ्तर या बाजार जाते समय जब गाड़ी रेल लाइट पर रुकती है तो अचानक छोटे-छोटे बच्चे हाथ मे कपड़ा लिए आपकी गाड़ी साफ करने लगते हैं। हजरतगंज के हलवासिया चौराहे से लेकर कपूरथला आईटी पुराना लखनऊ के चौक दुबग्गा समेत कई इलाकों में ये तस्वीरें आम है।

दरसल में बच्चे आम नही हैं औऱ न ही गाड़ी साफ करवाने के बहाने मेहनत करके आपसे पैसे मांग रहे। इनके पीछे भीख मंगवाने वाले गिरोह काम करते हैं जो बच्चों को आगे कर देते और बाद में उनसे जुटाए गए पैसे में हिस्सा बसूलते हैं। भीख मांगने में ही नही बल्कि बच्चों के अधिकार को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत भी कई बार गाइडलाइंस जारी कर चुकी है लेकिन न तो पुलिस न ही प्रशासन इस ओर ध्यान देता है।बाल भिक्षावृत्ति जागरूकता अभियान के तहत शुक्रवार को महिला सहायता प्रकोष्ठ की टीम ने कस्बा गढ़ीपुख्ता पहुंचकर बाल भिखारियों के संबंध में डोर टू डोर सर्वे किया, हालांकि टीम को कस्बे में कोई भी बाल भिखारी नहीं मिला। टीम ने लोगों को जागरूक करते हुए बच्चों से भीख मंगवाने वालों की सूचना प्रशासन और पुलिस को देने की अपील की।

यूपी की योगी सरकार  ने जनपद स्‍तर पर इन बाल भिक्षुओं को चिन्हित कर एक विशेष कार्य योजना लागू की है। इस योजना के तहत बाल भिक्षुओं को शिक्षा की दिशा में प्रेरित किया जाएगा और उनके माता-पिता को रोजगार देने दिया जाएगा। राज्‍य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्‍यक्ष डॉ. विशेष गुप्‍ता ने बताया कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश में बाल भिक्षावृत्ति रोकने व बाल भिक्षुओं को सबल बनाने के लिए इस विशेष अभियान को शुरू किया है।प्रदेश में बाल भिक्षावृत्ति के संबंध में शासन को लगातार शिकायतें मिल रही थी, इसके बाद पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन ने शामली जिला प्रशासन को 26 दिसम्बर से 10 जनवरी तक बाल भिक्षावृत्ति जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। शासन के निर्देशों के बाद एसपी शामली सुकीर्ति माधव ने महिला सहायता प्रकोष्ठ की टीम को जिले में डोर टू डोर सर्वे कर बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। शुक्रवार को महिला सहायता प्रकोष्ठ की मुख्य आरक्षी आशा, आरक्षी दीपा बालियान, प्रीति रानी, काजल व पवन कुमार की टीम ने कस्बा गढ़ीपुख्ता पहुंचकर अभियान चलाया।

क्रिकेट: 41 साल बाद ऑस्ट्रेलिया का सपना तोड़ा

हरिओम उपाध्याय   
नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी टेस्ट पांचवें और आखिरी दिन ड्रॉ हो गया। टीम इंडिया ने सिडनी टेस्ट की चौथी पारी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 131 ओवर खेले, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 80 साल बाद खेले गई सबसे लंबी चौथी पारी है। इस तरह 41 साल बाद टेस्ट क्रिकेट में ये बड़ा कारनामा हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के 407 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया को रोहित शर्मा (52) ने बेहतरीन शुरुआत दी और इसके बाद ऋषभ पंत और चेतेश्वर पुजारा ने भारत की जीत की उम्मीदें जगा दी।पुजारा और ऋषभ पंत ने मिलकर 148 रनों की पार्टनरशिप की थी, लेकिन ऋषभ पंत महज तीन रन से अपने तीसरे टेस्ट शतक से चूक गए, जबकि पुजारा 77 रन बनाकर हेजलवुड की गेंद पर बोल्ड हो गए। इसके बाद रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी ने मिलकर मैच ड्रॉ करा दिया। भारत ने दूसरी पारी में 5 विकेट पर 334 रन बनाकर मैच ड्रॉ कर लिया।

टीम इंडिया सिडनी टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज करने से चूक गई। अगर टीम इंडिया इस मैच में जीत दर्ज कर लेती तो वह अपने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में चौथी पारी में सबसे बड़े 407 रनों के लक्ष्य को हासिल करने का रिकॉर्ड बना लेती।इससे पहले 12 अप्रैल 1976 को चौथी पारी में सबसे बड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करने का रिकॉर्ड भारत के नाम दर्ज हो गया था, जो 27 साल तक बरकरार रहा। भारत ने पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट में 403 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 406/4 रन बनाकर इतिहास रच दिया था।

चौथी पारी में सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत

  1. वेस्टइंडीज विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया, 418/7 रन, टारगेट 418, सेंट जोन्स 2003
  2. साउथ अफ्रीका विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया, 414/4 रन, टारगेट 414, पर्थ 2008
  3. भारत विरुद्ध वेस्टइंडीज, 406/4 रन, टारगेट 403, पोर्ट ऑफ स्पेन, 1976

सिडनी में भारतीय टीम के रिकॉर्ड की बात करें तो वह अच्छा नहीं रहा है। भारत अब तक खेले गए 13 टेस्ट मैचों में से सिर्फ 1 ही मुकाबला जीत पाया है, जबकि 5 टेस्ट मैचों में कंगारुओं ने टीम इंडिया को मात दी है। इसके अलावा 7 मैच ड्रॉ पर खत्म हुए हैं।

आखिरी बार भारत ने विराट कोहली की कप्तानी में यहां 3-7 जनवरी 2019 में टेस्ट मैच ड्रॉ कराया था। टेस्ट सीरीज अभी भी 1-1 से बराबर है। ऐसे में भारत अगर ब्रिस्बेन में चौथा टेस्ट जीत लेता है, तो वह ऑस्ट्रेलिया की धरती पर दूसरी बार टेस्ट सीरीज पर कब्जा जमा लेगा। आखिरी बार 2018-19 के दौरे पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज 2-1 से जीती थी।

सिडनी में टीम इंडिया का रिकॉर्ड

  1. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 12-18 दिसंबर 1947 – सिडनी – मैच ड्रॉ
  2. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 26-31 जनवरी 1968 – सिडनी – ऑस्ट्रेलिया 144 रनों से जीता
  3. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 7-12 जनवरी 1978 – सिडनी – भारत पारी और 2 रन से जीता
  4. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 2-4 जनवरी 1981 – सिडनी – ऑस्ट्रेलिया पारी और 4 रन से जीता
  5. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 2-6 जनवरी 1986 – सिडनी – मैच ड्रॉ
  6. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 2-6 जनवरी 1992 – सिडनी – मैच ड्रॉ
  7. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 2-4 जनवरी 2000 – सिडनी – ऑस्ट्रेलिया पारी और 141 रनों से जीता
  8. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 2-6 जनवरी 2004 – सिडनी – मैच ड्रॉ
  9. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 2-6 जनवरी 2008 – सिडनी – ऑस्ट्रेलिया 122 रनों से जीता
  10. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 3-6 जनवरी 2012 – सिडनी – ऑस्ट्रेलिया पारी और 68 रनों से जीता
  11. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 6-10 जनवरी 2015 – सिडनी – मैच ड्रॉ
  12. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 3-7 जनवरी 2019 – सिडनी – मैच ड्रॉ
  13. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – 7-11 जनवरी 2021 – सिडनी – मैच ड्रॉ

कृषि, बागवानी व पशुपालन पर 221 लाख खर्च

कृषि, बागबानी, पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए (आतमा) द्वारा खर्च किये जा रहे 221 लाख: एडीसी

दीपक शर्मा 

धर्मशाला। कृषि, बागबानी व पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण(आतमा) द्वारा वर्तमान वित वर्ष में विभिन्न गतिविधियों के लिए 221 लाख रुपये खर्च किये जाएंगे, जिसमें से 188 लाख रुपये खर्च किये जा चुके हैं। यह जानकारी एडीसी राहुल कुमार ने आज सोमवार डीआरडीए के सभागार में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्ध अभिकरण(आतमा) की गवर्निग बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। एडीसी ने कहा कि कृषि व सम्बद्ध विभागों के अधिकारी बेहतर तालमेल बनाकर आतमा स्कीम एवं सरकार द्वारा कृषकों के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का सुचारू रूप से क्रियान्वयन करें।इस दौरान एडीसी द्वारा ब्लॉक स्तर के 46सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कारों को मंजूरी दी गई। जिसमें कृषि विभाग के 16 किसान, पशु पालन विभाग के 15 किसान तथा बागवानी विभाग के 15 किसानों के लिए 4.60 लाख रुपये की राशि अनुमोदित कि गई। इसके अतिरिक्त स्वयं सहायता समूह के 2 ग्रुपों को40 हजार रुपये की राशि अनुमादित की गई।

एडीसी ने बताया कि वर्तमान वित वर्ष में कांगड़ा जिला में 12000 किसानों को प्राकृतिक खेती के दायरे में लाया जाना था उसके एवज में 9952 किसान प्राकृतिक खेती के दायरे में लाये गये हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का प्राकृतिक खेती की और रूझान बढ़ा है। उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में वर्ष 2018 से अभी तक 24089 किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।एडीसी ने बताया कि वर्तमान वित्त वर्ष में किसानों के लिए दो दिवसीय 345 प्रशिक्षण आयोजित किये गये जिसमें 7506 किसानों को प्रशिक्षण देकर सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत 736 पंचायतों में यह प्रशिक्षण दे दिया गया है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 47 देसी गाय पर 25 हजार रुपये प्रति गाय अनुदान दिया गया है। गौशाला के फर्श को पक्का करने के लिए 247 किसानों को लाभान्वित किया गया है। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत घटक बनाने के लिए 3385 प्लास्टिक ड्रम पर 75 प्रतिशत अनुदान के हिसाब से 3385 किसानों को लाभान्वित किया गया है। संसाधन भंडार बनाने के लिए 10000 अनुदान प्रति किसान के हिसाब से 89 किसानों को लाभान्वित किया गया है।
इस दौरान पशु पालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ. संदीप मिश्रा ने कडकनाथ पोल्ट्री ब्रीड को बढ़ावा दने के लिए तथा डॉ. संजय शर्मा, इन्चार्ज कृषि विज्ञान केन्द्र कांगड़ा द्वारा खडरपतवार को नियन्त्रण करने के लिए ब्रीफ प्रेजेंटेशन दी गई। इस अवसर पर बैठक में मौजूद अधिकारियों ने अपने बहुमूल्य सुझाव दिये।
निदेशक आतमा डॉ.डीके अवस्थी ने बैठक का संचालन किया तथा विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी  दी।
इस अवसर पर उप परियोजना निदेशक आतमा डॉ.अमित शर्मा, डॉ.अरूण ब्यास, जिला कृषि अधिकारी डॉ. कुलदीप धीमान, नाबार्ड डॉ. अरूण खन्ना, डां.संदीप कुमार, डॉ. सरिता शर्मा, डॉ.अजय सिंह, डॉ.चंदन,  डॉ. अनिल शर्मा, रोहित संग्राय  सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जुड़ने का आह्वान किया

मोदी ने स्टार्टअप इंडिया अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में जुड़ने का किया आह्वान
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी 15-16 जनवरी को होने वाले स्टार्टअप इंडिया अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन प्रारंभ से जुड़ने के लिए देश भर के युवाओं का आह्वान किया और कहा कि इस कार्यक्रम में उद्योग, निवेश, बैंकिग और वित्त जगत के श्रेष्ठ लोगों के अलावा स्टार्टअप से जुड़े युवा उद्यमी भी शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री ने सोमवार को एक लिंक्डेन पोस्ट भी साझा किया जिसमें उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे कोविड-19 महामारी के संक्रमण काल में डिजीटल संवाद एक नया आयाम बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा लाभ है। कि लोग घरों में बैठे हुए भी कार्यक्रमों का हिस्सा बन सकते हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अधिकांश कार्यक्रम इन दिनों डिजीटल माध्यम से हो रहे हैं। जिससे युवाओं को विदेशी और घरेलू कार्यक्रमों में जुड़ने का मौका मिल रहा है। ऐसा ही एक मौका प्रारंभ’ के रूप में 15-16 जनवरी को आ रहा है। मैं देश के युवाओं से इससे जुड़ने का आग्रह करता हूं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में लोगों ने अधिकांश समय घरों में बिताया और इसके चलते उन्हें अपने काम करने के तरीके में भी बदलाव लाना पड़ा। लोगों को घरों से काम करना पड़ रहा है। लिहाजा प्रौद्योगिकी को आदतों में शुमार करना ही बेहतर है। उन्होंने कहा कि डिजीटल माध्यम का उपयोग करके उन्होंने विश्व के नेताओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें भी की।
उन्होंने कहा कि मुझे अधिकांश कार्यक्रम डिजीटल माध्यम से करने पड़े जो बहुत उपयोगी साबित हुए। इन कार्यक्रमों के जरिए वैज्ञानिकों, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों, कोरोना योद्धाओं, शिक्षाविदों, उद्योग जगत के नेताओं, युवा अन्वेषकों और आध्यात्मिक नेताओं से संवाद हुआ।
उन्होंने कहा कि इसी माध्यम से उन्होंने मील का पत्थर साबित होने वाली विकास की कई योजनाओं का उद्घाटन ओर शिलान्यास भी किया। यहां तक कि सरकारी योजनाओं के लाखों लाभार्थियों से भी मैंने संवाद किया। सम्मेलन का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह आयोजन भारत में स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत के पांच साल होने का गवाह भी बनेगा।
उन्होंने कहा कि इस शुरुआत से भारत में विश्व का सबसे आकर्षक स्टार्टअप ‘इको सिस्टम’ भी तैयार हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं के जज्बे को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। नवाचार के प्रति उनकी लगन ने उत्कृष्ट परिणाम दिए हैं। यह अच्छा संकेत है। कि हमारे स्टार्टअप से जुड़े युवा न सिर्फ बड़े बल्कि छोटे-छोटे शहरों से सामने आ रहे हैं।

विंटर: हिमाचल सैलानियों का पसंदीदा स्थल बना

श्रीराम मौर्य  

शिमला। हिमाचल विंटर सीजन के दौरान सैलानियों के भ्रमण का पसंदीदा स्थल बनता जा रहा है। राज्य में संडे को बाजार खोलने के निर्णय, चार जिलों में नाइट कर्फ्यू खत्म करने सहित बाहरी राज्यों के लिए वोल्वों बस सेवा आरंभ करने के बाद पर्यटकों की आमद में इजाफा रिकॉर्ड किया गया है। 

राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद प्रदेश में सैलानियों की आमद में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। प्रदेश के पर्यटक स्थलों पर क्रिसमस व नववर्ष के दौरान काफी संख्या में सैलानी पहुंचे थे। वीकेंड पर भी सैरगाहों में काफी तादाद में सैलानी यहां पहुंच रहे थे, लेकिन शिमला, कुल्लू, मंडी व कांगड़ा में नाइट कर्फ्यू और वोल्वों बस सेवा बंद होने से वीकेंड को छोड़कर सप्ताह के शेष दिनों के दौरान कम ही संख्या में सैलानी पहुंच रहे थे, मगर अब नाइट कर्फ्यू खत्मा होने और वोल्वों बस सेवा बहाल करने के बाद सैलानियों की आमद में बढ़ोतरी आई है। होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि इन निर्णयों के बाद सैलानियों की आमद में बढ़ोतरी हुई है।

सैलानियों की आमद में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। शिमला, धर्मशाला, डलहौजी, मनाली और कुल्लू में काफी तादाद में सैलानी पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रदेश के पर्यटक स्थल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।वीकेंड पर प्रदेश के अधिकतर पर्यटक स्थलों पर होटल सैलानियों से जैम पैक रहे। प्रदेश में शुक्रवार व शनिवार को होटलों में 60 से 80 प्रतिशत तक ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई है, जबकि रविवार को भी प्रदेश के होटलों में ऑक्यूपेंसी दर 50 से 60 फीसदी रिकॉर्ड की गई है। अब पर्यटन कारोबारी मौसम में करवट आने के इंतजार में हैं।

भारत में पहली बार मिला अफ्रीकी कोरोना स्ट्रेन

मुसीबत बढ़ी: भारत में पहली बार मिला अफ्रीकी कोरोना स्ट्रेन

मुंबई। देश में कोरोना वायरस ने खुद को भयानक तौर पर बदल लिया है। यानी वह म्यूटेट कर गया है। इस म्यूटेशन की वजह से अब उस पर तीन तरह की एंटीबॉडीज का कोई असर नहीं है। इसे खोजा है। मुंबई के एक डॉक्टर और उनकी टीम ने। कोरोना ने जो म्यूटेशन किया है। उसका सीधा संबंध दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन से है। यानी ये कोरोना के खिलाफ आपके शरीर में बन रही एंटीबॉडीज का असर इस नए कोरोना वायरस पर कम होगा। मुंबई के खारघर स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर में रिसर्चर्स को मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (मुंबई शहर से बाहर) के तीन कोरोना मरीज मिले, जिनमें दक्षिण अफ्रीका के कोरोना म्यूटेशन की तरह ही म्यूटेशन हुआ है। यहां तक मुबंई में हुए म्यूटेशन की वंशावली यानी जीनोम का स्ट्रक्चर दक्षिण अफ्रीका वाले म्यूटेशन में मिलता है।
अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट किया भाजपा सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील होकर जिस प्रकार उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रही है। वह अन्नदाता का सीधे-सीधे अपमान है। घोर निंदनीय यादव ने आगे कहा अब तो देश की जनता भी किसानों के साथ खड़ी होकर पूछ रही है। दुनिया में उठता हुआ धुआं दिखता है। जिन्हें घर की आग का मंज़र, क्यों न दिखता उन्हें’।
अखिलेश यादव ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का जिक्र करते हुए कहा सपा के समय में पूर्वांचल की खुशहाली के लिए समाजवादी एक्सप्रेस-वे का काम शुरू हुआ था। जिसे भाजपा सरकार न बना सकी। अब सपा की सरकार आयेगी और हवाई जहाज उतारकर इसका उद्घाटन करेगी। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश की जनता त्रस्त है। भाजपा सरकार के ऐसे विकास से, नाम है। एक्सप्रेस-वे, पर बना रही है। बैलगाड़ी की चाल से...

सोना फिर हुआ सस्ता,खरीदने का बेहतर मौका

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। मोदी सरकार एक बार फिर आज से सस्ता सोना बेच रही है। अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं। 11 जनवरी से 15 जनवरी तक आपके पास बेहतरीन मौका है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (स्वर्ण बांड) के लिए सोने की कीमत 5,104 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह जानकारी दी है। बता दें यह गोल्ड आपको फिजिकल रूप में नहीं मिलेगा। सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड स्कीम 2020-21-एक्स श्रृंखला खरीद के लिए 11 जनवरी से 15 जनवरी, 2021 तक खुलेगा। रिजर्व बैंक ने कहा बॉन्ड का मूल्य 5,104 रुपये प्रति ग्राम के स्तर पर बैठता है। बॉन्ड का मूल्य, खरीद अवधि ((6-8 जनवरी, 2021) के पहले के तीन कारोबारी दिवसों में 999 प्रतिशत शुद्धता वाले सरल औसत बंद मूल्य (जो भारतीय सर्राफा एवं आभूषण संघ द्वारा प्रकाशित किया जाता है) पर आधारित है। केंद्रीय बैंक ने आगे कहा, सरकार ने आरबीआई के परामर्श से, ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को इस मूल्य पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देने का फैसला किया है। इसमें आवेदनों के लिए भुगतान डिजिटल मोड के माध्यम से किया जाना है। केंद्रीय बैंक ने कहा ऐसे निवेशकों के लिए स्वर्ण बॉन्ड की कीमत 5,054 रुपये प्रति ग्राम होगी।

नागपुर: चिकन देने से इनकार, ढाबे में लगाईं आग

चिकन देने से किया मना तो ढाबे में लगा दी आग..

नागपुर। महाराष्ट्र के नागपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां देर रात नशे में धुत कुछ लोगों ने ढाबे को आग के हवाले कर दिया। ढाबे वाले शख्स की गलती सिर्फ इतनी थी, उसने नशे में धुत लोगों को चिकन देने से मना कर दिया था। क्योंकि ढाबे में चिकन खत्म हो चुका था। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, ये पूरा मामला नागपुर के बेलतरोडी इलाके का है। जहां रविवार देर रात सड़क किनारे एक ढाबे पर 29 वर्षीय शंकर तायडे और 19 वर्षीय सागर पटेल खाना खाने पहुंचे थे। दोनों ने ढाबा मालिक से चिकन का ऑर्डर किया, लेकिन रात के 1 बज रहे थे। और ढाबे में चिकन खत्म हो गया था, जिसके चलते मालिक ने दोनों से चिकन ना मिल पाने की बात कही। आरोप है। कि ढाबा मालिक से चिकन खत्म की बात सुनते ही शंकर और सागर भड़क उठे और दोनों ने ढाबे में आग लगा दी। हालांकि, इस हादसे में कोई हताहत तो नहीं हुआ लेकिन ढाबे को खासा नुकसान हुआ है। फिलहाल, इस घटना के बाद ढाबा मालिक की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें थाने ले जाया गया है। जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।

ऊना में सर्वाधिक व मंडी में सबसे कम मतदान

ऊना जिला में सबसे ज्यादा 73.40, मंडी में सबसे कम 55.80 फीसदी मतदान

श्रीराम मौर्य 

शिमला। हिमाचल प्रदेश के शहरी चुनावों में रविवार को 70 फीसदी मतदान हुआ। शहरों में रहने वाले लोगों ने कोरोना काल के बावजूद मतदान के प्रति खूब रूझान दिखाया। हालांकि इसमें अनुकूल मौसम का भी खास योगदान रहा। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदेश के शहरी निकायों में मतदान का क्रम पूरा हुआ, जिसमें कोरोना संक्रमित लोगों ने भी मताधिकार का प्रयोग किया।

सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक चली वोटिंग के बीच 70 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। कुल तीन लाख 10 हजार 730 मतदाता शहरी क्षेत्रों में दर्ज किए गए थे, जिनमें से दो लाख 35 हजार 85 लोगों ने मतदान किया है। ऊना जिला में सबसे ज्यादा 73.40 फीसदी मतदान हुआ, जबकि मंडी जिला में सबसे कम 55.80 फीसदी मतदान हुआ। इसके अलावा बिलासपुर जिला में 70.20 फीसदी, चंबा जिला में 69.60 फीसदी, हमीरपुर जिला में 69.80 फीसदी, कांगड़ा जिला में 69.50 फीसदी,  कुल्लू जिला में 64.40 फीसदी, मंडी जिला में 55.80 फीसदी। 

शिमला जिला में 62.40 प्रतिशत, सिरमौर जिला में 67.40 फीसदी तथा सोलन जिला में 56.60 फीसदी फीसदी मतदान रिकार्ड किया गया। प्रदेश की 50 कमेटियों में कुल 401 वार्डों पर वोट पड़े। सभी जगहों पर शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव होने की सूचना है। कांगड़ा जिला के जवाली में बिजली गुल हो जाने से मोमबत्ती की रोशनी में मतदान हुआ, वहीं कई जगहों पर थर्मल स्कैनिंग मशीनें सही तरह से काम नहीं कर पाईं। कोरोना काल में यह चुनाव चुनौतीपूर्ण था। तय समय पर चुनाव से जुड़ी सभी सूचनाएं प्राप्त नहीं हो पा रही थीं। 

वहीं, दोपहर में  ऐप में भी कुछ डिस्टर्बेंस बताई जा रही थी। चुनावी नतीजों को लेकर लोगों का कौतुहल बरकरार रहा, क्योंकि चुनाव के नतीजे आने में देरी हुई। चुनावी नतीजे शाम छह बजे के बाद सामने आने लगे। सरकार ने कोविड के चलते जीत का जश्न मनाने से इनकार किया था, मगर ऐसा नहीं हो सका और नतीजे आने के बाद ढोल- धमाके होने शुरू हो गए। समर्थकों ने खूब नाच गाना किया, जिससे कहीं पर नियम भी टूटते दिखे। हालांकि पुलिस का पुख्ता प्रबंध पूरे प्रदेश में दिखाई दिया।

जासूसी के लिए कई तरीके अपना रही 'आईएसआई'

आई एस आई की लड़कियां न्यूड होकर करतीं थीं बात, हनी ट्रैप में फंसा पूर्व सरपंच


जयपुर। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई एस आई सीमावर्ती इलाकों में जासूसी के लिए कई तरीके अपना रही है। राजस्थान के जैसलमेर में पोखरण रेंज से गिरफ्तार एक शख्स ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं। इस शख्स का कहना है। कि आई एस आई की ओर से लड़कियां उससे न्यूड होकर फोन पर बात करती थी। इस शख्स ने कहा है। कि लड़कियों से बात करने और तस्वीरें देखने के चक्कर में वो ऐसा फंसा कि सेना की गोपनीय जानकारी उनतक भेजने लगा।
सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले में राजस्थान के जैसलमेर के पोखरण फायरिंग रेंज के पास लाठी गांव से एक पूर्व सरपंच को गिरफ्तार किया है। आई एस आई की हनी ट्रैपिंग में फंसे इस व्यक्ति का नाम सत्यनारायण पालीवाल है। ये व्यक्ति इस इलाके का सरपंच रह चुका है।
अब तक की जांच के अनुसार सत्यनारायण पालीवाल ने सेना की गतिविधियां समेत कई सामरिक सूचनाएं आई एस आई को पहुंचाई है। आरोपी ने आई एस आई की लड़कियों से बात करने के लिए सोशल मीडिया पर नकली अकाउंट बना रखा था। इस अकाउंट से वह सूचनाएं आईं एस आई को भेज रहा था।
सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले में राजस्थान के जैसलमेर के पोखरण फायरिंग रेंज के पास लाठी गांव से एक पूर्व सरपंच को गिरफ्तार किया है। आई एस आई की हनी ट्रैपिंग में फंसे इस व्यक्ति का नाम सत्यनारायण पालीवाल है। ये व्यक्ति इस इलाके का सरपंच रह चुका है।
अब तक की जांच के अनुसार सत्यनारायण पालीवाल ने सेना की गतिविधियां समेत कई सामरिक सूचनाएं आई एस आई को पहुंचाई है। आरोपी ने आई एस आई की लड़कियों से बात करने के लिए सोशल मीडिया पर नकली अकाउंट बना रखा था। इस अकाउंट से वह सूचनाएं आई एस आई को भेज रहा था।

पंचायत: उम्मीदवारों के लिए तय हुए चुनाव-चिन्ह

उम्मीदवारों के लिये तय हुए चुनाव चिन्ह, जानिए कौन - कौन से चुनाव चिन्ह
बृजेश केसरवानी 
लखनऊ। पांच वर्ष के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का समय आ गया है। अब बारी है। प्रधान कौन बनेंगे। उसी का सूरज खुशियों के साथ उगेगा और वोटर भी तोप से वोट के गोला दागेंगे तथा प्रधानजी भी जीतने के बाद प्लेन से उड़ान भगेंगे। इसके लिये बैलेट पेपर भी आ गये हैं। जिन पर मतदान के लिये तरह-तरह के चुनाव चिह्न भी जारी किये गये हैं। जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को तैयारियां रफ्तार से चल रही हैं। मतदान की प्रक्रिया को अधिसूचना का इंतजार है। इस बार मतदान के दौरान ग्राम प्रधान के पद पर 45 लोग चुनाव लड़ने का एक गांव से प्रवाधान होगा। प्रधानी के चुनाव में 45 लोग दावेदार हो सकेंगे। इनके लिये अलग-अलग चुनाव चिह्न का मतपत्र होगा। बता दें कि इस बार चुनाव के लिये मतपत्र पर तोप से लेकर हवाई जाहज (प्लेन) तक का चिह्न भी रहेगा। इसके अलावा उगता सूरज, हल जोतता किसान, इमली, अनार, पुस्तक जैसे चिह्न रहेंगे। जिनके माध्यम से प्रधानों की पांच वर्ष के लिये किस्मत लिखी जायेगी। दहगवां के नगर पंचायत बनने के बाद जिले में 1,037 ग्राम पंचायतों पर चुनाव कराया जायेगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाला है। इसके लिये तीन प्रकार के अलग-अलग मतपत्र मिलेंगे। जिसमें ग्राम प्रधान पद के लिये अलग, वार्ड सदस्य के लिये अलग, जिला पंचायत सदस्य पद के लिये अलग मतपत्र मिलेगा। तीनों मतपत्रों के अलग-अलग रंग होंगे, जिन पर मतदान करके मतपेटिका में मतपत्र डाला जायेगा।
डॉ. पीएस पटेल, सहायक चुनाव अधिकारी बताते हैं। कि निर्वाचन आयोग से मतपत्र आ गये हैं। चुनाव चिह्न प्रकाशित हैं। चुनाव में काफी ज्यादा संख्या में चुनाव चिह्न हैं। और अलग-अलग पद के लिये मतपत्र आये हैं। प्लेन और हल जोतता किसान जैसे कई चिह्न पुराने भी हैं। बाकी कुछ नये चिह्न आये हैं। प्रशासन निर्वाचन की तैयारियां जोरशोर से कर रहा है।

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