सोमवार, 11 जनवरी 2021
सोना फिर हुआ सस्ता,खरीदने का बेहतर मौका
नागपुर: चिकन देने से इनकार, ढाबे में लगाईं आग
ऊना में सर्वाधिक व मंडी में सबसे कम मतदान
ऊना जिला में सबसे ज्यादा 73.40, मंडी में सबसे कम 55.80 फीसदी मतदान
श्रीराम मौर्य
शिमला। हिमाचल प्रदेश के शहरी चुनावों में रविवार को 70 फीसदी मतदान हुआ। शहरों में रहने वाले लोगों ने कोरोना काल के बावजूद मतदान के प्रति खूब रूझान दिखाया। हालांकि इसमें अनुकूल मौसम का भी खास योगदान रहा। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदेश के शहरी निकायों में मतदान का क्रम पूरा हुआ, जिसमें कोरोना संक्रमित लोगों ने भी मताधिकार का प्रयोग किया।
सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक चली वोटिंग के बीच 70 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। कुल तीन लाख 10 हजार 730 मतदाता शहरी क्षेत्रों में दर्ज किए गए थे, जिनमें से दो लाख 35 हजार 85 लोगों ने मतदान किया है। ऊना जिला में सबसे ज्यादा 73.40 फीसदी मतदान हुआ, जबकि मंडी जिला में सबसे कम 55.80 फीसदी मतदान हुआ। इसके अलावा बिलासपुर जिला में 70.20 फीसदी, चंबा जिला में 69.60 फीसदी, हमीरपुर जिला में 69.80 फीसदी, कांगड़ा जिला में 69.50 फीसदी, कुल्लू जिला में 64.40 फीसदी, मंडी जिला में 55.80 फीसदी।
शिमला जिला में 62.40 प्रतिशत, सिरमौर जिला में 67.40 फीसदी तथा सोलन जिला में 56.60 फीसदी फीसदी मतदान रिकार्ड किया गया। प्रदेश की 50 कमेटियों में कुल 401 वार्डों पर वोट पड़े। सभी जगहों पर शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव होने की सूचना है। कांगड़ा जिला के जवाली में बिजली गुल हो जाने से मोमबत्ती की रोशनी में मतदान हुआ, वहीं कई जगहों पर थर्मल स्कैनिंग मशीनें सही तरह से काम नहीं कर पाईं। कोरोना काल में यह चुनाव चुनौतीपूर्ण था। तय समय पर चुनाव से जुड़ी सभी सूचनाएं प्राप्त नहीं हो पा रही थीं।
वहीं, दोपहर में ऐप में भी कुछ डिस्टर्बेंस बताई जा रही थी। चुनावी नतीजों को लेकर लोगों का कौतुहल बरकरार रहा, क्योंकि चुनाव के नतीजे आने में देरी हुई। चुनावी नतीजे शाम छह बजे के बाद सामने आने लगे। सरकार ने कोविड के चलते जीत का जश्न मनाने से इनकार किया था, मगर ऐसा नहीं हो सका और नतीजे आने के बाद ढोल- धमाके होने शुरू हो गए। समर्थकों ने खूब नाच गाना किया, जिससे कहीं पर नियम भी टूटते दिखे। हालांकि पुलिस का पुख्ता प्रबंध पूरे प्रदेश में दिखाई दिया।
जासूसी के लिए कई तरीके अपना रही 'आईएसआई'
पंचायत: उम्मीदवारों के लिए तय हुए चुनाव-चिन्ह
यूपी: फंदे पर लटका मिला महिला सिपाही का शव
सरकार लगाएगी रोक या हम लगाएं: एससी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार और किसानों के बीच किसान आंदोलन के समाधान को लेकर अब तक हुई बातचीत में प्रगति न होने पर सोमवार को चिंता जताते हुए केंद्र से पूछा कि क्यों न तीनों कानूनों पर रोक लगा दी जाये? मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि क्यों न तीनों कानूनों पर उस वक्त तक रोक लगा दी जाये। जब तक न्यायालय द्वारा गठित समिति इस मामले पर विचार न कर ले और अपनी रिपोर्ट न सौंप दे।
रेहड़ी-पटरी वालों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन
मुजफ्फरनगर। पैंठ ना लगने से बच्चों के लालन पालन के लिए परेशान दुकानदारों ने पैंठ लगवाये जाने की मांग करते हुए कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया।सोमवार को पैंठ आदि में साग-सब्जी आदि की दुकानें लगाकर रोजी-रोटी कमाने वाले दुकानदारों ने धरना प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से शाहबुददीन रोड पर लगने वाली पैंठ आरंभ कराये जाने की मांग की। प्रदर्शनकारी दुकानदारोें द्वारा डीएम कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार सिंह को दिये गये ज्ञापन में बताया गया है कि शाहबुददीन रोड पर पिछले काफी समय से पैंठ बाजार लगता आ रहा है।
मुंबई: एक्ट्रेस प्रियंका ने फिल्म की शूटिंग पूरी की
नंबर लिंक कराएं बिना कोरोना का टीका नहीं लगेगा
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अब लगभग यह साफ कर दिया है कि बिना आधार को अपने मोबाइल नम्बर लिंक कराए बगैर आपको कोरोना का टीका नही लगेगा। जबकि पहले यह कहा गया था कि आप अपने अन्य फोटो पहचान पत्र के सहारे आप टीका लगवा सकते हैं .......फर्जी पहचान या नाम के जरिये किसी भी तरह की फर्जीवाड़ा टीकाकरण में न होने पाए, इस बात का बहाना बनाकर सरकार उन सभी लोगों से मोबाइल नंबर आधार से लिंक करने को कह रही है, जिन्हें निकट भविष्य में टीका लगना है। आज ही आधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फैसला आ सकता है। दरअसल केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी आधार योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखने के अपने आदेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई हुई है और आज फैसला आ सकता है.....कोर्ट ने अपने आदेश में योजना के कुछ प्रावधानों को खत्म करने की बात कही थी।जिसमें बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और स्कूल में दाखिले की जानकारी आधार से जोड़ने का प्रावधान शामिल है। टीकाकरण को भी आधार से जोड़ा जा रहा है केंद्र ने राज्यों से एक भी प्रॉक्सी (एक व्यक्ति की जगह दूसरे वैक्सीन का वैक्सीन लगवाना) न होने देने और इसके लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल करने को कह रहा है। राज्य सरकार के अधिकारियों को किसे, कब और कौन सी वैक्सीन लगी, इन सभी बातों का डिटिजल रिकॉर्ड रखने को कहा गया है। दरअसल आधार जैसी आधिकारिक पहचान, संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा का ही एक स्वरूप है और सरकार ऐसे डेटा को तब तक एकत्र नहीं कर सकती जब तक कि ऐसा करने के लिए कानून द्वारा मान्यता प्राप्त एक स्पष्ट और विशिष्ट उद्देश्य न हो ,लेकिन मोदी सरकार को इस बात की अब कोई परवाह नही है और वह जमकर मनमानी कर रही है। हम सब यह अच्छी तरह से समझ चुके हैं कि इस तरह के डेटा संग्रह और ओर टीके को आधार से जोड़ देना आपके मोबाइल नंबर से जोड़ देने का वास्तविक लाभ वे ही कम्पनिया उठाएगी जो यह बिग डेटा कलेक्ट कर रही है।भारत मे वे लोग जो आधार की परियोजना की शुरूआत करने वाले थे वे ही लोग आज आधार को टीकाकरण से जोड़ने की हिमायत कर रहे हैं। 19 अक्टूबर को प्रकाशित इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक साक्षात्कार में इंफोसिस के नंदन नीलेकणी ने कोविड-19 टीकाकरण प्रक्रिया के साथ आधार को जोड़ने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव रखा, जहां सभी लाभार्थियों को आधार और डेटा सहित प्रमाणित किया जाएगा। जहां “व्यक्ति का नाम, वैक्सीन लगाने वाले का नाम, किस टीके का उपयोग किया गया, किस समय, तारीख, स्थान को रिकॉर्ड किया जाएगा” और इन जानकारियों को क्लाउड पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “यह केवल इसलिए जरूरी नहीं है कि मुझे टीका लग गया है बल्कि यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि आप जानते हैं कि मुझे टीका लगा है। नीलेकणी ने यह भी प्रस्ताव दिया कि टीकाकरण के प्रमाण के रूप में एक डिजिटल प्रमाण पत्र लाभार्थियों को भेजा जाए। जिसे “नौकरी के साक्षात्कार, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि“ पर मांगा जा सकता है। शायद आप अब समझ पाए कि यह कितनी खतरनाक चीज है।
टीकाकरण: आधार से मोबाइल लिंक होना अनिवार्य
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में 16 जनवरी से कोरोना का टीकाकरण शुरू हो रहा है। इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दे दिया गया है। टीकाकरण के लिए सरकार ने को-वि (Co-win) ऐप और प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। इसी प्लेटफॉर्म के जरिए टीकाकरण होगा और इसी पर टीकाकरण से संबंधित सभी तरह की जानकारी डाली जाएगी। हालांकि, को-विन ऐप को अभी प्ले-स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध नहीं कराया गया है। टीकाकरण के लिए पूरी तैयार कर ली गई है और सबसे जरूरी बात कि इसके लिए आधार नंबर से मोबाइल नंबर लिंक करवाना अनिवार्य होगा।
यदि आप कोरोना का टीका लगवाना चाहते हैं तो आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए। हालांकि अभी इस बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है कि लोगों को खुद अपना मोबाइल नंबर आधार से लिंक करवाना होगा या सरकार कैंप लगवाकर यह काम करेगी। नोटिफिकेशन में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि वे लोगों के आधार नंबर को मोबाइल नंबर से लिंक करें ताकि टीकाकरण के लिए एसएमएस भेजने में सुविधा हो।बता दें कि आप खुद से मोबाइल नंबर को आधार से लिंक नहीं कर सकते। इसके लिए आप अपने आधार कार्ड को लेकर अपने मोबाइल नंबर प्रोवाइडर कंपनी के नजदीकी स्टोर पर जाएं और आधार को मोबाइल नंबर से लिंक करने को कहें, हालांकि यह काम सभी स्टोर पर नहीं हो सकेगा। आधार को मोबाइल से लिंक करने का काम उसी स्टोर से हो सकेगा जो प्वाइंट ऑफ सेल (POS) ऑथराइज्ड हैं। साल 2018 में लाखों लोगों ने सरकार के आदेश के बाद अपने मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कराया था। यदि आपका मोबाइल नंबर पहले वाला ही है तो अब आपको अपने नंबर को आधार से लिंक कराने की जरूरत नहीं है। आप में से कई लोग ऐसे होंगे जिन्होंने पहले आधार को मोबाइल नंबर से लिंक भी करा लिया होगा।
आपका नंबर लिंक है या नहीं ऐसे जानें – अगर आपको जानना है कि आपका नंबर वाकई में आधार से लिंक हुआ है या नहीं तो इसके लिए आप आधार की वेबसाइट वेरिफाई मोबाइल नंबर में जाकर चेक कर सकते हैं कि आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक हुआ है या नहीं। इसके लिए इन स्टेप को फॉलो करें My Aadhaar> Aadhaar Services >Verify Email/Mobile Number. इस तरह आप मोबाइल नंबर की लिंकिंग चेक कर सकते हैं।
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