सोमवार, 11 जनवरी 2021

नंबर लिंक कराएं बिना कोरोना का टीका नहीं लगेगा

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अब लगभग यह साफ कर दिया है कि बिना आधार को अपने मोबाइल नम्बर लिंक कराए बगैर आपको कोरोना का टीका नही लगेगा। जबकि पहले यह कहा गया था कि आप अपने अन्य फोटो पहचान पत्र के सहारे आप टीका लगवा सकते हैं  .......फर्जी पहचान या नाम के जरिये किसी भी तरह की फर्जीवाड़ा टीकाकरण में न होने पाए, इस बात का बहाना बनाकर सरकार उन सभी लोगों से मोबाइल नंबर आधार से लिंक करने को कह रही है, जिन्हें निकट भविष्य में टीका लगना है। आज ही आधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फैसला आ सकता है। दरअसल केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी आधार योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखने के अपने आदेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई हुई है और आज फैसला आ सकता है.....कोर्ट ने अपने आदेश में योजना के कुछ प्रावधानों को खत्म करने की बात कही थी।जिसमें बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और स्कूल में दाखिले की जानकारी आधार से जोड़ने का प्रावधान शामिल है। टीकाकरण को भी आधार से जोड़ा जा रहा है केंद्र ने राज्यों से एक भी प्रॉक्सी  (एक व्यक्ति की जगह दूसरे वैक्सीन का वैक्सीन लगवाना) न होने देने और इसके लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल करने को कह रहा है। राज्य सरकार के अधिकारियों को किसे, कब और कौन सी वैक्सीन लगी, इन सभी बातों का डिटिजल रिकॉर्ड रखने को कहा गया है। दरअसल आधार जैसी आधिकारिक पहचान, संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा का ही एक स्वरूप है और सरकार ऐसे डेटा को तब तक एकत्र नहीं कर सकती जब तक कि ऐसा करने के लिए कानून द्वारा मान्यता प्राप्त एक स्पष्ट और विशिष्ट उद्देश्य न हो ,लेकिन मोदी सरकार को इस बात की अब कोई परवाह नही है और वह जमकर मनमानी कर रही है। हम सब यह अच्छी तरह से समझ चुके हैं कि इस तरह के डेटा संग्रह और ओर टीके को आधार से जोड़ देना आपके मोबाइल नंबर से जोड़ देने का वास्तविक लाभ वे ही कम्पनिया उठाएगी जो यह बिग डेटा कलेक्ट कर रही है।भारत मे वे लोग जो आधार की परियोजना की शुरूआत करने वाले थे वे ही लोग आज आधार को टीकाकरण से जोड़ने की हिमायत कर रहे हैं। 19 अक्टूबर को प्रकाशित इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक साक्षात्कार में इंफोसिस के नंदन नीलेकणी ने कोविड-19 टीकाकरण प्रक्रिया के साथ आधार को जोड़ने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव रखा, जहां सभी लाभार्थियों को आधार और डेटा सहित प्रमाणित किया जाएगा। जहां “व्यक्ति का नाम, वैक्सीन लगाने वाले का नाम, किस टीके का उपयोग किया गया, किस समय, तारीख, स्थान को रिकॉर्ड किया जाएगा” और इन जानकारियों को क्लाउड पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “यह केवल इसलिए जरूरी नहीं है कि मुझे टीका लग गया है बल्कि यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि आप जानते हैं कि मुझे टीका लगा है। नीलेकणी ने यह भी प्रस्ताव दिया कि टीकाकरण के प्रमाण के रूप में एक डिजिटल प्रमाण पत्र लाभार्थियों को भेजा जाए। जिसे “नौकरी के साक्षात्कार, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि“ पर मांगा जा सकता है। शायद आप अब समझ पाए  कि यह कितनी खतरनाक चीज है।

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