शुक्रवार, 8 जनवरी 2021
शातिर वांछित अपराधियों के विरुद्ध चला अभियान
40 वर्षीय विधवा महिला के साथ सामुहिक दुष्कर्म
सीएम योगी का एक्शन, 2 अफसर हटाएं, 3 निलंबित
बागपत पुलिस ने अपराधियों पर नकेल कसी
नए फरमानों से व्यापारियों का होता हैं उत्पीड़न
शेयर बाजार तेजी से उबरने में कामयाब रहा
इकबाल अंसारी/मनोज सिंह ठाकुर
मुंबई। विदेशों से मिले सकारात्मक संकेतों के बीच आईटी, टेक और ऑटो समूहों में जोरदार लिवाली से घरेलू शेयर बाजार दो दिन की तेजी से उबरने में कामयाब रहे और बीएसई का सेंसेक्स तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी करीब डेढ़ प्रतिशत उछलकर नये शिखर पर बंद हुये। सेंसेक्स 689.19 अंक यानी 1.43 प्रतिशत की बढ़त में 48,782.51 अंक पर तथा निफ्टी 209.90 अंक यानी 1.48 प्रतिशत की छलांग लगाकर 14,347.25 अंक पर बंद हुआ। यह दोनों प्रमुख सूचकांकों का ऐतिहासिक उच्चतम स्तर है।चौतरफा लिवाली के बीच आईटी, टेक और ऑटो समूहों के सूचकांक बीएसई में तीन फीसदी से अधिक चढ़े। धातु और दूरसंचार को छोड़कर अन्य सभी समूह हरे निशान में रहे। मझौली और छोटी कंपनियों में भी निवेशकों ने पैसा लगाया। बीएसई का मिडकैप 1.01 प्रतिशत चढ़कर पहली बार 19 हजार अंक से ऊपर 19,138.72 अंक पर और स्मॉलकैप 0.72 प्रतिशत की मजबूती के साथ 18,908.59 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में मारुति सुजुकी का शेयर छह प्रतिशत के करीब चढ़ा। टेक महिंद्रा में साढ़े पांच प्रतिशत, इंफोसिस में चार प्रतिशत और अल्ट्राटेक सीमेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा पावरग्रिड में साढ़े तीन प्रतिशत की तेजी रही। इंडसइंड बैंक का शेयर डेढ़ फीसदी और भारती एयरटेल का एक प्रतिशत के करीब टूटा। अधिकतर प्रमुख विदेशी बाजार हरे निशान में रहे। एशिया में दक्षिण कोरिया का कोस्पी 3.97 प्रतिशत, जापान का निक्की 2.36 प्रतिशत और हांगकांग का हैंगसेंग 1.20 प्रतिशत की तेजी में रहा। हालांकि चीन का शंघाई कंपोजिट 0.17 प्रतिशत की गिरावट में बंद हुआ। यूरोप में शुरुआती कारोबार में जर्मनी का डैक्स 0.67 फीसदी और ब्रिटेन का एफटीएसई 0.02 प्रतिशत चढ़ा।
सेंसेक्स 371.59 अंक चढ़कर 48,464.91 अंक पर खुला और पूरे दिन हरे निशान में रहा। धीरे-धीरे इसकी बढ़त और मजबूत होती गई। कारोबार की समाप्ति से पहले 48,854.34 अंक तक चढ़ने के बाद अंत में यह गत दिवस के मुकाबले 689.19 अंक की तेजी के साथ 48,782.51 अंक पर बंद हुआ। इसका दिवस का निचला स्तर 48,365.58 अंक दर्ज किया गया।
बीएसई में कुल 3,267 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 1,763 कंपनियों के शेयर हरे निशान में और 1,350 के लाल निशान में बंद हुये जबकि शेष 154 कंपनियों के शेयर दिन भर के उतार-चढ़ाव के बाद अंतत: अपरिवर्तित रहे। निफ्टी 121.05 अंक की बढ़त के साथ 14,258.40 अंक पर खुला। इसका दिवस का उच्चतम स्तर 14,367.30 अंक और निचला स्तर 14,221.65 अंक रहा। अंत में यह गत दिवस की तुलना में 209.90 अंक ऊपर 14,347.25 अंक पर रहा। निफ्टी की 50 में से 41 कंपनियों के शेयर बढ़त में और शेष नौ के गिरावट में रहे।
मुंबई हमले के आतंकी सरगना को 15 साल कैद
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली/इस्लामाबाद। मुंबई हमले का सरगना और लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी उर रहमान लखवी को पाकिस्तान की एक अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में कुल 15 साल कैद की सजा सुनाई है। बीते दिनों लखवी को आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। उसे आतंकवाद निरोधक विभाग यानी सीटीडी ने गिरफ्तार किया था। लखवी मुंबई हमला मामले में साल 2015 से ही जमानत पर था लेकिन एफएटीएफ के खौफ और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तानी सरकार को आखिरकार उस पर शिकंजा कसना पड़ा। समाचार एजेंसी रॉयटर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि लखवी को टेरर फंडिंग के तीन अलग अलग अपराधों में पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। पंजाब के आतंकवाद निरोधक विभाग यानी सीटीडी पंजाब की खुफिया सूचना पर एक अभियान के बाद लखवी को आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। बीते दिनों पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकवाद निरोधक विभाग यानी सीटीडी के अधिकारियों ने लखवी से पूछताछ भी की थी।
लखवी को 26 नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का मास्टर माइंड बताया जाता है। पूरे आतंकी हमले को अंजाम देने में उसकी भूमिका रही थी। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के नेतृत्व में ही लश्कर-ए-तैयबा ने साल 2008 में मुंबई हुए आतंकी हमलों को अंजाम दिया था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी जबकि तीन सौ लोग घायल हुए थे। मुंबई आतंकी हमले के बाद भारत को लखवी की तलाश है। अमेरिका में भी वह इसी आतंकी हमले में वांछित है।
भारत, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश में प्रतिबंधित कौमार्य परीक्षण पर आखिरकार पाकिस्तान के पंजाब में भी लगी रोक। सीटीडी के मुताबिक, लखवी पर एक दवाखाना चलाने के लिए जुटाए गए धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में करने का आरोप है। लखवी और अन्य ने इस दवाखाने से जुटाए गए धन को एकत्रित किया और इसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग में किया। लखवी के खिलाफ मुकदमा लाहौर स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत में चला।
लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा से जुड़े होने और आतंकवाद के लिए रकम, योजना और सहायता मुहैया कराने के साथ साथ हमलों की साजिशें रचने को लेकर लखवी को संयुक्त राष्ट्र ने साल 2008 में ही वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों में घोषित आतंकियों और समूहों की संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध लगाए जाने जैसे प्रावधान हैं। हालाकि बाद में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल- कायदा प्रतिबंध समिति ने लखवी को निजी खर्च के लिए डेढ़ लाख रुपये के मासिक भुगतान की इजाजत दे दी थी।
इसी का फायदा उठाकर वह पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा था और आतंकियों के लिए धन मुहैया कर रहा था। माना जा रहा है कि आतंकवादियों पर शिकंजा कसने के लिए इमरान खान की सरकार पर पड़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव और एफएटीएफ की कार्रवाई के डर के चलते ही लखवी के खिलाफ यह कदम उठाया गया है। पाकिस्तान साल 2018 से ही टेरर फंडिंग और आतंकवादियों को संरक्षण देने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है। फरवरी महीने में एफएटीएफ की बैठक होनी है जिसमें आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों की समीक्षा होगी। इसी बैठक में पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ एक्शन को लेकर सफाई देनी होगी। पाकिस्तान पर आरोप लगते रहे हैं कि उसने आतंकियों की फंडिंग रोकने के लिए पुख्ता उपाय नहीं किए हैं। इस बार पाकिस्तान को यह बताना होगा कि उसने क्या प्रभावी कदम उठाए हैं। माना जा रहा है कि आर्थिक बदहाली की मार झेल रही इमरान सरकार ने ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए ही दिखावे के तौर पर यह कदम उठाया है।
पूर्व सीएम की हत्या पर 26 तक फैसला करें
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1995 में चड़ीगढ़ स्थित सचिवालय के समक्ष हुए बम धमाके में बेअंत सिंह और कम से 16 अन्य लोगों की मौत हो गई थी। राजोआना को विशेष अदालत ने वर्ष 2007 में मौत की सजा सुनाई थी।
लंबित बिलों का भुगतान करें सरकार: एचसी
उच्च न्यायालय अधिवक्ता पीयूष गुप्ता की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिन्होंने दलील दी कि वकील ऐसे समय वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहे हैं जब अदालतें बंद हैं क्योंकि कुछ के लिए आय का एकमात्र स्रोत पेशेवर शुल्क और बिल काफी समय से लंबित हैं। केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने सुनवाई के दौरान कहा कि केंद्र की सूची में शामिल वकीलों के लिए स्वीकृत बजट नौ करोड़ रुपये का था और पूरी राशि का भुगतान किया जा चुका है।
वहीं स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की ओर से पेश हुए केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता अनुराग अहलूवालिया ने कहा कि संबंधित वकीलों के बिल एनसीबी को भेज दिए गए हैं और इनमें प्रक्रिया जारी है। उच्च न्यायालय ने वकीलों के बिलों का भुगतान करने के लिए अधिकारियों को समय दे दिया और मामले में अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तारीख निर्धारित कर दी।
पूर्व में लंबित याचिका में आवेदन दायर कर केंद्र सरकार के एक वकील ने दावा किया था कि उनके पेशेवर शुल्क का कुछ समय से भुगतान नहीं हुआ है तथा उनके कई बिल काफी समय से लंबित हैं। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के वकीलों का शुल्क या बिल काफी समय से लंबित हैं। अदालत ने केंद्र के पैनल में शामिल वकील को मुख्य मामले में पक्ष बनने की अनुमति दे दी थी। इसने केंद्र और आप सरकार को निर्देश दिया था कि वे अपने-अपने वकीलों के छह महीने से अधिक पुराने बिलों का जल्द से जल्द भुगतान करें।
ताइवान भरोसेमंद साझेदार और जीवंत लोकतंत्र
चीन के एक प्रवक्ता ने कहा, ”अमेरिका ताइवान के मुद्दे पर राजनीतिक तिकड़म से चीन के मुख्य हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में सफल नहीं होगा।” उन्होंने कहा, ”हम अमेरिका को याद दिलाना चाहते हैं कि वह आग से खेल रहा है जिसमें वह खुद जल जाएगा।” उल्लेखनीय है कि अमेरिकी कांग्रेस में दोनों प्रमुख पार्टियों के समर्थन की वजह से ताइवान से अमेरिका का संबंध मधुर है लेकिन मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की इच्छा चीन की धमकी को नजर अंदाज कर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की निरंकुशता का विकल्प तैयार करने की रही है।
आलिया भट्ट ने शादी को लेकर कहीं अहम बातें
मुंबई। फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द इयर से अपने करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री आलिया भट्ट किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं वह हमेशा किस न किसी कारण की वजह से लाइमलाइट में रहती हैं। आपको बता दें कि आलिया भट्ट और रणबीर कपूर के अफेहर की चर्चा कई दिनों से जोर शोरों पर है क्योंकी उन दोनों को हमेशा एक साथ ही स्पॉट किया जाता है और कुछ दिनों से तो यह भी खबर सामने आ रही थी की आलिया भट्ट और रणबीर कपूर जल्द ही शादी कर लेंगे। लेकिन इन सभी अफवाहें पर विराम लगाते हुए आलिया ने कहा कि “मैं अभी शादी के लिए तैयार नहीं हूं। उन्होंने कहा कि वह परेशान हैं कि सब उनसे यही सवाल करते हैं कि मैं शादी कब करूंगी? हर कोई मुझसे ये क्यों पूछ रहा है कि मैं कब शादी करने वाली हूं? आप जानते हैं कि मैं अभी केवल 25 साल की हूं, और मुझे लगता है कि अभी शादी करना काफी जल्दी होगा।”
'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन
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