सोमवार, 14 दिसंबर 2020

समाजवादी पार्टी ने सम्मेलन को लेकर की बैठक

समाजवादी पार्टी ने तीन दिवसीय सम्मेलन को लेकर की आवश्यक बैठक
कासगंज। समाजवादी पार्टी एटा- कासगंज की संयुक्त बैठक एटा पार्टी कार्यालय कासगंज पर जिलाध्यक्ष व पूर्व सांसद कुं देवेंद्र सिंह यादव व जिलाध्यक्ष परवेज जुबैरी की अध्यक्षता मे आयोजित की गई। बैठक मे एटा मे होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन पर विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक हशरत उल्ला शेरवानी, पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह यादव, पूर्व विधायक अमित कुमार यादव उर्फ टीटू , पूर्व विधायक रणजीत सिंह सुमन, जिला महासचिव भूपेंद्र सिंह प्रजापति, वरिष्ठ जिलासचिव लक्ष्मनसिंह यादव, देवेन्द्र सिंह लोधी, रंजीत सिंह यादव आदि नेतागण उपस्थित हुऐ।

दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद करने का ऐलान किया

देशभर के टोल फ्री करवाने और दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करने का किसान संगठनों ने किया ऐलान
राणा ओबरॉय
सोनीपत। किसान संगठनों ने 12 दिसंबर को देशभर के टोल फ्री करने का एलान किया था। इससे पहले हरियाणा के करनाल और पानीपत में आंदोलनकारी किसानों ने शुक्रवार की देर रात ही बसताड़ा टोल प्लाजा और पानीपत टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया एवं बैरियर तोड़ दिया। साथ ही वाहनों की आवाजाही फ्री कर दी। इस दौरान मौके से पुलिस-प्रशासन नदारद रहा। सरकार की मंशा देखते हुए ही शुक्रवार को दिन भर किसान नेताओं में बातचीत का दौर चलता रहा और सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है। कि दिल्ली-अंबाला, दिल्ली-रोहतक-दिल्ली मुथरा और दिल्ली-गाजियाबाद हाइवे तो पहले से ही बंद किए हुए हैं। इनके साथ ही अब दिल्ली से जयपुर हाइवे को बंद किया जाएगा। इसके लिए किसान नेताओं को जिम्मेदारियां सौंप दी गई हैं। 
 वही जिले में नेशनल हाईवे-44 पर बसताड़ा और करनाल-जींद मार्ग पर प्योंत टोल प्लाजा को लेकर शुक्रवार की सुबह से ही किसान सक्रिय हो गये थे। किसानों ने मौके पर पहुंचकर शनिवार को टोल बंद रखने की कंपनी अधिकारियों से अपील की थी। इस दौरान टोल प्रबंधन ने एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण) के आदेश पर ही निर्णय लेने की बात कही थी। इसके बाद इसकी जानकारी एनएचएआई और स्थानीय प्रशासन को भी दी गयी थी। 
इसके बाद डीसी निशांत कुमार यादव ने शनिवार की सुबह ही टोल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करने की बात कही थी। लेकिन इससे पहले ही शुक्रवार की देर रात सैकड़ों की संख्या में पंजाब और हरियाणा के किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचे। यहां टोल फ्री करने के बाद जैसे ही वे आगे बढ़े एकबार फिर टोल कंपनी ने वसूली शुरू कर दी। ऐसे में दोबारा से किसानों ने लौटकर बैरियर तोड़ दिया। इसके बाद आगे जाकर आंदोलनकारी किसानों ने पानीपत टोल प्लाजा पर भी कब्जा कर उसे फ्री कर दिया।  
दूसरी ओर अन्नदाता भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरमुख सिंह ने कहा कि 13 दिसंबर को लोनी रोड बार्डर बंद करने का निर्णय भी लिया है। इसको लेकर हरियाणा व उत्तर प्रदेश के किसान संगठनों की बैठकों का दौर चल रहा है। रणनीति के तहत लोनी बार्डर रोड की ओर कूच किया जाएगा और किसानों के जत्थे वहां पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि टोल पर होने वाले प्रदर्शन के दौरान किसान दो बड़े औद्योगिक घरानों के उत्पादों का बहिष्कार भी करेंगे। वहीं 14 को जिला स्तर पर प्रदर्शन करने की भी किसानों द्वारा योजना बनाई जा रही है। 
किसान नेताओं और संगठनों के आह्वान पर 12 दिसंबर को गुलिया खाप तीसा की ओर से कुंडली-पलवल-मानेसर एक्सप्रेस हाइवे पर प्रदर्शन किया जाएगा। खाप नेताओं के अनुसार इस दौरान बादली में बनाए गए केएमपी टोल को बंद करवाया जाएगा, जबकि संगठनों की ओर से प्रस्तावित कंपनी के उत्पाद का बहिष्कार किया जाएगा। ढांसा बॉर्डर पर खाप के प्रधान विनोद गुलिया ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान विभिन्न खापों का समर्थन उनके साथ रहेगा। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर बादली के पास केएमपी के टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा। कल से प्रस्तावित कंपनी के किसी उत्पाद की खरीदारी नहीं करेंगे।
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार इस परेशानी का समाधान नहीं चाहती किसानों की तरफ से आज भी सकारात्मक बातचीत के लिए रास्ता खुला हुआ है। लेकिन किसान तीनों कृषि कानून वापिस लेने से कम कुछ भी नहीं मानेंगे। इस बीच दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल पर साफ-सफाई की स्थिति बिगड़ती जा रही है।  अब यहां कूड़े का अंबार लग गया है। कचरा गंदे शौचालय और ठहरा हुआ पानी बदूब पैदा कर रहे हैं। 

इटावा: शेरनी जेसिका ने जन्में दो नन्हें शावक

शेरनी जेसिका ने जन्मे दो नन्हे शावक, सफारी पार्क में दौड़ी खुशी

इटावा। लायन सफारी पार्क में शेरनी जेसिका ने शनिवार को दो नन्हे शावकों को जन्म दिया जो अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। शेरनी जेसिका सफारी पार्क के लिए बहुत ही सौभाग्यशाली भी साबित हुई क्योंकि इससे पहले भी यह 6 शावकों को जन्म दे चुकी है। इटावा सफारी पार्क के उपनिदेशक सुरेश चंद राजपूत ने बताया कि शेरनी जेसिका ने शुक्रवार की रात एनिमल हाउस में लगभग 12:00 से 1:15 के बीच 2 शावकों को जन्म दिया। शेरनी जेसिका इससे पूर्व 5 अक्टूबर 2016 को सिम्बा, सुल्तान व 15 जनवरी 2018 को बाहुबली और 26 जून 2019 को भारत सोना और रूपा को जन्म दे चुकी है। शेरनी जेसिका गुजरात के गिरी से 2019 में आई थी इसकी बेटी जेनिफर भी सफारी में ही है ,वह 15 अप्रैल 2020 को केसरी को जन्म दे चुकी है। उन्होंने बताया कि अभी शेरनी जेसिका के पास जाने की इजाजत किसी को भी नहीं है । डॉक्टर लगातार निगरानी कर रहे हैं शावक शेरनी का दूध पी रहे हैं और बिल्कुल स्वस्थ है। वहीं जेसिका की त्रिस्तरीय निगरानी की जा रही है जिसमे प्रशासनिक नियंत्रण कक्ष व हॉस्पिटल स्टाफ के द्वारा लगातार सीसीटीवी द्वारा निगरानी रखी जा रही है इसके साथ ही उसके तीन स्तर के अलग इंतजाम किए गए हैं वह पहले कक्ष में अपने शावकों के साथ रहेगी दूसरे कक्ष में उसके खाने-पीने का इंतजाम व तीसरे में सामान्य तापमान बनाया गया है जिसमें वह सर्दी में आराम करेगी। अब तक 9 शावकों को जन्म देने वाली यह इकलौती शेरनी है जो 2016 से 8 शावकों को जन्म दे चुकी है सबसे पहले के सिंबा सुल्तान अब 4 वर्ष के हो गए हैं और सफारी में अब तक 9 शावक जन्म ले चुके हैं।

पश्चिम बंगाल: भाजपा और ममता में हुआ टकराव

भाजपा और ममता में टकराव

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर इलाके में भाजपा अध्यक्ष जगत नड्डा और भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर जो हमला हुआ। उसमें ऐसा कुछ भी हो सकता था। जिसके कारण ममता बनर्जी की सरकार को भंग करने की नौबत भी आ सकती थी। यदि नड्डा की कार सुरक्षित नहीं होती तो यह हमला जानलेवा ही सिद्ध होता। कैलाश विजयवर्गीय की कार विशेष सुरक्षित नहीं थी तो उनको काफी चोटें लगीं।
क्या इस तरह की घटनाओं से ममता सरकार की इज्जत या लोकप्रियता बढ़ती है ? यह ठीक है कि भाजपा के काफिले पर यह हमला ममता ने नहीं करवाया होगा। शायद इसका उन्हें पहले से पता भी न हो लेकिन उनके कार्यकर्ताओं द्वारा यह हमला किए जाने के बाद उन्होंने न तो उसकी कड़ी भर्त्सना की और न ही अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की।बंगाल की पुलिस ने जो प्रतिक्रिया ट्वीट की, वह यह थी कि घटना-स्थल पर ‘‘खास कुछ हुआ ही नहीं’’। पुलिस ने यह भी कहा कि ‘‘कुछ लोगों ने पत्थर जरुर फेंके लेकिन सभी लोग सुरक्षित हैं। सारी स्थिति शांतिपूर्ण है।’’ जरा सोचिए कि पुलिसवाले इस तरह का रवैया आखिर क्यों रख रहे हैं ? क्योंकि वे आंख मींचकर ममता सरकार के इशारों पर थिरक रहे हैं। सरकार ने उन्हें यदि यह कहने के लिए प्रेरित नहीं किया हो तो भी उनका यह रवैया सरकार की मंशा के प्रति शक पैदा करता है।
यह शक इसलिए भी पैदा होता है कि ममता-राज में दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है और उक्त घटना के बाद कल भी एक और हत्याकांड हुआ है। प. बंगाल के चुनाव सिर पर हैं। यदि हत्या और हिंसा का यह सिलसिला नहीं रुका तो चुनाव तक अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती है। केंद्र और राज्य में इतनी ज्यादा ठन सकती है कि ममता सरकार को भंग करने की नौबत भी आ सकती है। उसका एक संकेत तो अभी-अभी आ चुका है। पुलिस के तीन बड़े केंद्रीय अफसर, जो बंगाल में नियुक्त थे और जो नड्डा-काफिले की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे, उन्हें गृहमंत्री अमित शाह ने वापस दिल्ली बुला लिया है। ममता इससे सहमत नहीं है। लेकिन इस तरह के कई मामलों में अदालत ने केंद्र को सही ठहराया है। ममता को आखिरकार झुकना ही पड़ेगा। राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता के बीच रस्साकशी की खबरें प्रायः आती ही रहती हैं। भाजपा की केंद्र सरकार और ममता सरकार को जरा संयम से काम लेना होगा, वरना बंगाल की राजनीति को रक्तरंजित होने से कोई रोक नहीं पाएगा।

सिसोदिया-जावड़ेकर में उपवास को लेकर बहस

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों को जेल में डालने की आपकी साज़िश को नाकाम करें तो वह पाखंडी हो गए।मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके आज कहा, " वाह प्रकाश जावड़ेकर जी। आप काले क़ानून बनाकर किसानों की खेती बर्बाद करें, प्रदर्शनकारी किसानों को जेल में डालने की साज़िश करें तो आप हितैषी। अरविंद केजरीवाल किसानों को जेल में डालने की आपकी साज़िश नाकाम करें, उनकी सेवा करें, समर्थन में उपवास करें तो पाखंडी।"

नक्सली हमले में मुजफ्फरनगर का लाल शहीद हुआ

भानुप्रताप उपाध्याय  

मुजफ्फरनगर। सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडेट के पद पर तैनात मुजफ्फरनगर का लाल विकास सिंघल छत्तीसगढ़ में बीती देर रात नक्सलवादियों द्वारा किये गये हमलें में शहीद हो गया। शहीद का पार्थिव शरीर देर शाम तक उसके पैतृक गांव पचेंड़ा पहुंचेगा। इस सूचना से परिजनों में बुरी तरह कोहराम मचा हुआ है और गांव में शोक की लहर व्याप्त है। मुजफ्फरनगर के थाना नई मंड़ी क्षेत्र के पचेंड़ा गांव निवासी सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडेंट के पद पर तैनात विकास सिंघल पर छत्तीसगढ़ में बीती रात नक्लसवादियों ने घात लगाकर हमला बोल दिया। विकास सिंघल ने नक्सलवादियों का डटकर मुकाबला किया। काफी देर तक वह नक्सलवादियों पर भारी पड़ा। अंत में मुकाबला करते-करते वह शहीद हो गया। इस शहादत की जानकारी जब परिजनों तक पहुंची तो उनमें कोहराम मच गया। थोड़ी ही देर में यह बात पूरे गांव में फैल गई। विकास सिंघल की शहादत से आश्चर्यचकित हुए ग्रामीण उसके घर पहुंचे, जहां विकास सिंघल के परिवार में कोहराम मचा हुआ था।

सरकार के लिए 'किसान' आंदोलन बना सिरदर्द

सोनीपत। कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 18 दिनों से जारी किसानों के आंदोलन की वजह से जहां स्थानीय उद्योग और व्यापार प्रभावित हुआ है, वहीं भारतीय रेलवे को भारी चपत लगी है। कहना गलत नहीं होगा कि किसान आंदोलन सरकार के लिए सिरदर्द बन चुका है।बतादें कि किसानों के रेल रोको आह्वान के बाद रेलवे ने दिल्ली से पंजाब की तरफ जाने वाली कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया है। वहीं दो ट्रेनों का ठहराव अंबाला व चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन तक ही को ही बनाया है। रेलवे की तरफ से पुरानी दिल्ली से बठिंडा आने-जाने वाली एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। वहीं पश्चिम एक्सप्रेस को 16 दिसंबर तक बांद्रा से चंडीगढ़ के बीच ही चलाया जाएगा।

मंदाकिनी में 2 लाख ने लगाई आस्था की डुबकी

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के पौराणिक तीर्थ स्थल चित्रकूट में सोमवती अमावस्या के पावन पर्व पर सोमवार को दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगायी और कामदगिरि की परिक्रमा की। इस मौके पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध किये थे। श्रद्धालुओं को पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये कोविड प्रोटोकाल का पालन करने की सलाह दी जा रही थी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में स्नानार्थी संक्रामक बीमारी को लेकर बेपरवाह दिखे। हालांकि कई ने स्नान ध्यान करने के बाद मास्क लगा कर परिक्रमा की।

घबराहट: सपा नेताओं पर पुलिस का पहरा बडा

जौनपुर। समाजवादी पार्टी की किसान यात्रा के अंतिम दिन सोमवार को प्रस्तावित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के मद्देनजर जिला प्रशासन ने पूर्व मंत्री जगदीश नारायण राय समेत पार्टी के अन्य नेताओं और पदाधिकारियों के घर के बाहर पुलिस का पहरा बैठा दिया है। जिले के जफराबाद विधानसभा क्षेत्र में किसान यात्रा के मद्देनजर भारी पुलिस बल सुबह से ही सपा के कद्दावर नेता के घर के बाहर तैनात कर दिया गया है। जिले में घरों के अंदर मौजूद सपा नेताओं पर बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है।

भारत: स्वस्थ होने वालों की संख्या-94 लाख हुई

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के नये मामलों की तुलना में इस बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या लगातार बढ़ते हुए 94 लाख के करीब पहुंच गयी है तथा सक्रिय मामले निरंतर कम हो रहे हैं और इनकी दर 3.57 फीसदी रह गयी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 27,071 नये मामले सामने आये जिससे संक्रमण के कुल मामले 98.84 लाख हो गये। इस दौरान 30,695 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या 93.88 लाख तथा रिकवरी दर बढ़कर 94.98 प्रतिशत हो गयी है। इस दौरान सक्रिय मामले 3960 कम होकर 3.52 लाख रह गये हैं तथा 336 मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,43,355 हो गया है और मृत्यु दर अभी 1.45 फीसदी है।

सरकार के आगे 'मूछें' तान कर खड़ा है किसान

अंकुर मौर्य

नई दिल्ली। आप रातों रात जोड़-तोड़ कर सरकार तो बना सकते हैं।लेकिन रातों-रात विधायकों की तरह किसानों पर साम-दाम-दंड-भेद , इग्गड़म-तिगडम लगाकर पल्ला नहीं झाड़ सकते। किसान आंदोलन को शुरू से देखें तो सरकार ने शतरंज की तरह चाले चली है, किसानों पर पहले बल प्रयोग कर सर्द में पानी की बौछारें की, आंसू गौस छोड़े, चैंनलों से किसानों को खलिस्तानी-आतंकवादी भी बुला डाला, उन्हें लगा किसान भाग जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ किसान अपनी मांगों को लेकर मुस्तैदी से डटा रहा,  फिर सरकार ने अपने प्यादे भेजने शुरू किए माने सचिव-वचिव के स्तर पर किसानों से बात कि लेकिन बात नहीं बनी। फिर सरकार की अन्त्री- मंत्रियों से बात हुई लेकिन उसका भी नतीजा कुछ नहीं निकला और जब कुछ नहीं बचा तो सरकार ने अपना चाणक्य भेजा अमित शाह को, लेकिन मोटा भाई से भी कुछ नहीं हो पाया।

उत्तर भारत में मौसम ने अचानक लीं करवट

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। पूरे उत्तर भारत में मौसम ने अचानक ही करवट ली है। मौसम विभाग के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, झारखंड और बिहार में भी भारी बारिश की संभावना है। बारिश के कारण उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सर्दी में और इजाफा होगा। बता दें कि पंजाब कुछ क्षेत्रों में शुक्रवार-शनिवार मध्य रात बारिश हुई थी जिसके कारण रविवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। वहीं सोमवार को भी पंजाब के कई इलाकों में बादल छाए हुए हैं और ठंडी हवाओं का दौर जारी है। वहीं राजस्थान में भी मौसम विभाग ने बारिश का अनुमान जताया है। साथ ही हिमाचल प्रदेश के कीलांग, कल्पा और मनाली में तापमान शून्य से नीचे रहा। राज्य के ऊंचे क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे के दौरान ताजा बर्फबारी हुई। वहीं कश्मीर में भी कई इलाकों में पारा शून्य से नीचे दर्ज किया गया। प्रशासन ने कुपवाड़ा और बांडीपुरा जिलों में ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमस्खलन की मध्यम दर्जे की चेतावनी जारी की है।  विभाग ने कहा है कि अगले 24 घंटे में पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश भी भारी बारिश और बर्फबारी होने की आशंका है।


पप्पू के प्रचार में 400 करोड रुपए खर्च किए

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। 2017 में जब मुझे अपने फेसबुक मित्रों के साथ राहुल गाँधी से चर्चा का निमंत्रण मिला था। तब मुलाकात के पहले ही मिनट में राहुल ने कहा कि "संघ और भाजपा ने मुझे पप्पू बनाने के लिए ₹400 करोड़ खर्च किए। यह ऐसी स्विकरोक्ति थी जिसे राहुल के मुँह से सुनकर हम सब दंग रह गये, पर मैं यह सोचता रहा कि जिस व्यक्ति के पास संघ और भाजपा के खिलाफ इतना स्पष्ट इनपुट हो वह अपनी ही सरकार के 10 साल के समय में क्युँ कुछ ना कर सका। इस मामले में ईडी और इनकमटैक्स की कार्यवाही हो सकती थी, यदि राहुल के पास ऐसी सूचना और सबूत थे तो वह चुप क्युँ रहे जबकि सरकार के सारे विभाग उनके हाथ में थे।

सीएम ने बाढ़ नियंत्रण कार्य करने के दिए आदेश

हरिओम उपाध्याय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हर साल बाढ़ से होने वाली जनहानि को रोकने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ नियंत्रण से सम्बन्धित कार्यों को अगले साल 15 जनवरी से मई के बीच पूरा करने के निर्देश दिये हैं। योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा करते हुये कहा कि बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कार्यो को हर हाल में 15 जनवरी से शुरू कर लिया जाये। इस सम्बन्ध में सभी औपचारिकताएं शीघ्रता से पूर्ण की जाएं, जिससे बाढ़ नियंत्रण सम्बन्धी कार्यों को मई तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए।

दिन निकलते ही सपा विधायक को किया नजरबंद

दिन निकलते ही सपा विधायक संजय गर्ग को किया पुलिस ने नजरबंद
अरविंद कुमार सैनी   
सहारनपुर। किसानों के आंदोलनों को को लेकर समाजवादी पार्टी के द्वारा दिए गए समर्थन को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा सुबह 4:00 बजे से ही विधायक संजय गर्ग को थाना जनकपुरी प्रभारी अभिषेक सिरोही पुलिस टीम के द्वारा किया गया नजरबंद।
सपा विधायक संजय गर्ग को धरने स्थल पर जाते समय पुलिस ने घेरा बाहर जाने की इजाजत न मिलने पर सपा विधायक और पुलिस में हूई तीखी नोक झोंक।
वही, आज सपा जिलाध्यक्ष चौधरी रूद्र सेन सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ किसानों के धरने में शामिल होने से पूर्व ही भारी पुलिस बल ने उनके आवास तीतरो में एक बार फिर किया नजरबंद। वहीं सपा विधायक संजय गर्ग को धरना स्थल पर जाते समय पुलिस ने घेर लिया और घर से बाहर जाने की इजाजत न मिलने पर सपा विधायक और पुलिस में तीखी नोकझोंक भी हुई। इसके बाद भी पुलिस ने शक्ति दिखाते हुए सपा विधायक को घर से नहीं निकलने दिया।

आंदोलन: किसानों की भूख हड़ताल, तेज प्रदर्शन

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन तेज, किसानों ने शुरू की भूख हड़ताल
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। किसान नेताओं ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की और कहा कि सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा। इस बीच दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन से और लोगों के जुड़ने की संभावना है।
किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सिंघु बॉर्डर पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी रविवार को कहा था। कि वह सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से अहम त्यागने और कानूनों को रद्द करने’’ की अपील की थी।
किसानों के एक बड़े समूह ने हरियाणा-राजस्थान सीमा पर पुलिस द्वारा रोके जाने पर रविवार को दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया था। राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के तहत सोमवार को किसानों का देश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना देने का कार्यक्रम है। राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
बीकेयू एकता उग्रहान के नेता नहीं करेंगे भूख हड़ताल
भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान यूनियन के एक दिन के अनशन के फैसले से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह भूख हड़ताल नहीं करेंगे। सुखदेव ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी। सुखदेव ने कहा कि हम एक दिन का अनशन नहीं करेंगे।
सुखदेव ने कहा कि हमने कुछ गलत नहीं किया। हमने केवल बृहस्पतिवार को मानवाधिकार दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी।

सरकारी आर्थिक पैकेज जुमला साबित हुआ: गांधी

सरकार का आर्थिक पैकेज भी जुमला साबित हुआ: राहुल
पालूराम  
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कोरोना संकट के दौरान सरकार ने जो 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज घोषित किया वह जमीन पर नहीं उतरा और घोषणा करने में माहिर सरकार का यह पैकेज भी जुमला साबित हुआ।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि चुनावी जुमला- 15 लाख अकाउंट में कोरोना जुमला- 20 लाख करोड़ का पैकेज। इसके साथ ही उन्होंने एक खबर पोस्ट की है। जिसमें सूचना के अधिकार-आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में सरकार ने बताया है। कि इस साल मई में जो 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा कोरोनो से निपटने के लिए की गई थी। उसका महज 10 फ़ीसदी पैसा ही वितरित हुआ है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस तरह से 15 लाख रुपए खाते में डालने के चुनावी जुमले की तरह मोदी सरकार का 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज भी कोरोना जुमला साबित हुआ है।

समर्थन में जिओ के मोबाइल व सिम कार्ड जलाएं

यहां किसान समर्थन में जिओ के मोबाइल और सिम कार्ड जलाए
हरिओम उपाध्याय 
नई दिल्ली। किसान संगठनों के राष्ट्रीय आह्वान पर भाकपा (माले) द्वारा मोदी सरकार के अंबानी-अडानी राज के खिलाफ प्रदर्शन कर अंबानी के उत्पादों का बहिष्कार व जिओ फोन व सिम कार्ड तोड़ने व दहन कार्यक्रम कार रोड चौराहे पर किया गया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए माले राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के हित में नहीं अडाणी-अंबानी जैसे कॉरपोरेट घरानों के लिए काम कर रही है। मोदी राज अंबानी-अडानी राज में तब्दील हो चुका है। तीनों कृषि कानून किसानों के खिलाफ कॉरपोरेट के फायदे के लिए ही हैं। इसलिए किसान आंदोलन का अंबानी-अडानी के उत्पादों के बहिष्कार का फैसला सही समय पर लिया गया सही फैसला है। हम किसानों के इस आह्वान का समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि खेत-खेती और किसानी को बचाने के लिए किसानों का आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है। इसलिए मोदी सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद को खरीदने के लिए मंडी व्यवस्था लागू करना होगा व किसानों से धोखाधड़ी बंंद करना होगा। सरकारी स्तर पर फसल खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करना होगा। इस अवसर पर तय किया गया कि किसानों के सवाल पर मोदी सरकार के हठ और कंपनी राज के खिलाफ 27 दिसंबर को बुद्धपार्क हल्द्वानी में किसानों का महाधरना आयोजित किया जायेग।

विकास प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली में सुधार जरूरी

विकास प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली में सुधार जरूरी योगी
संदीप मिश्र  
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के सभी विकास प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार की जरूरत जताते हुए कहा कि प्राधिकरणों की योजनाएं समयबद्ध होने के साथ साथ जनहित पर केंद्रित हों और अनावश्यक नागरिकों को परेशान न किया जाए। योगी ने सोमवार अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि विकास प्राधिकरणों में कई स्तरों पर कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार की जरूरत है। पहले सम्बंधित विभाग स्थानीय स्तर पर इनकी समीक्षा कर संचालित परियोजनाओं की स्थिति का परीक्षण कर लें इसके बाद वह स्वयं भी एक-एक प्राधिकरण की समीक्षा करेंगे।
उन्होने किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी धान क्रय केन्द्रों पर प्रोक्योरमेन्ट की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का लाभ किसानों को समय से मिले। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी धान क्रय केंद्रों की समीक्षा की जाए।
योगी ने कहा कि कुछ अराजक तत्व व्यवस्था में गड़बड़ी करने की फिराक में हैं। कतिपय शिकायतें भी मिली हैं। इन लोगों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने औद्योगिक निवेश के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और सरल करने के निर्देश देते हुए इन्वेस्ट यूपी यूपीसीडा और विकास प्राधिकरणों में योग्य और कर्मठ अधिकारियों की तैनाती की जरूरत बताई।

पुरुष गए हैं धरने में, 'महिलाओं' ने बागडोर संभाली

रामपुर। पुरानी कहावत है कि हर कामयाब आदमी के पीछे एक महिला का हाथ होता है। शायद यही साबित करने में जुटी हैं किसान परिवारों की वो महिलाएं, जो फसलें बचाने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। वह अपने बच्चों को भी पाल रही हैं और घर का काम भी कर रही हैं। साथ ही खेतों में जोताई करना हो, ट्रैक्टर चलाना हो या फिर खेतों को पानी लगाना, किसी भी काम में वह पीछे नहीं है। बस उनकी एक ही कामना है कि उनके पुरुष जो केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनो के विरोध में दिल्ली धरने पर गए हैं, वह कामयाब होकर लौटें।

वहीं, बुजुर्ग महिला किसान सुखविंदर कौर ने कहा कि सरदार तो सभी गए हैं, हम लोग खेती किसानी कर रहे हैं. हम बहुत परेशान हैं। जब खेती आती है तो कोई भाव नहीं मिलता है, फसल का रेट भी मिलता नहीं और खून पसीना हमारा एक हो जाता है। अब इसमें कोई फायदा नहीं। सरकार जो कानून लाई है, वह हमारे हित में नहीं है।

दरअसल, कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने दिल्ली पहुंचे किसानों को अपना घर छोड़े 18 दिन से ज्यादा हो गए हैं। अपने घरों से दूर दिल्ली बॉर्डर पर खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन कर रहे किसान इतने लंबे समय तक धरना जारी रखने में शायद इसलिए, सफल हो रहे हैं कि उनकी गैरमौजूदगी में उनकी महिलाओं ने खेती किसानी की जिम्मेदारी उठा रखी है। अपने पति-पिता या बेटे के विरोध प्रदर्शन में जाने के बाद फसलें बर्बाद होने से बचाने की चुनौती कुबूल करते हुए, महिलाएं खेतों की जुताई, फसलों को पानी लगाने से लेकर ट्रैक्टर चलाने तक, कोई भी काम करने से नहीं हिचक रहीं।

रामपुर में महिला किसान सिमरनजीत कौर से बात की तो, उन्होंने कहा हम खेती किसानी करने को मजबूर हैं, वजह इसकी सबको पता है। हमारे भाई-पति सब लोग वहां धरने पर बैठे हैं। सिमरनजीत कौर ने आगे कहा कि हमने तो उनसे यह तक कहा था कि हम भी साथ में चलते हैं धरने में, लेकिन यहां खेती को कौन देखता? तो हमने अपने घर के मर्दों से कहा कि आप जाओ और जीत कर आना, हम सब काम कर लेंगे। हम घर-परिवार को भी संभाल लेंगे और खेती किसानी भी करेंगे।

गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और यूपी समेत कुछ अन्य राज्यों के किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर दो हफ्तों से ज्यादा समय से धरने पर हैं। इन किसानों की मांग है कि नए कृषि कानून वापस लिए जाएं। सरकार से इस मसले पर कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। महिला किसान प्रीतिंदर कौर ने कहा कि हमारे पिता भाई सब लोग दिल्ली गए हुए हैं, इसलिए हमें खुद ही खेती करनी पड़ रही है और खुद ही घर संभालना पड़ रहा है। मोदी जी ने जो कानून बनाया है यह गैरकानूनी है, हम इस कानून को नहीं मानते, हमने अपने घर वालों को कह रखा है कि जीत कर आना बगैर जीते मत आना।

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने की भूख हड़ताल

अकांशु उपाध्याय

 नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 19वां दिन है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान आज भूख हड़ताल पर बैठे हैं। दूसरी ओर सभी जिला मुख्यालयों पर आज धरना दिया जाएगा। किसानों ने रविवार को कुंडली बॉर्डर पर मीटिंग कर ये फैसले लिए। किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन के संबंध में जो भी फैसला कुंडली बॉर्डर से होगा, वही आखिरी माना जाएगा। किसानों को दिल्ली की सीमाओं से हटाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट 16 दिसंबर को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की बेंच में इसकी सुनवाई होगी। अर्जी लगाने वाले लॉ स्टूडेंट ऋषभ शर्मा का कहना है कि किसान आंदोलन के चलते सड़कें जाम होने से लोग परेशान हो रहे हैं। साथ ही कोरोना संक्रमण बढ़ने का भी खतरा है।भारतीय किसान यूनियन के 3 नेताओं के इस्तीफे पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि किसानों में कोई फूट नहीं है। जिन 3 नेताओं ने इस्तीफा दिया है, वे अपने संगठन के अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह से नाराज थे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने किसानों की भूख हड़ताल को समर्थन देते हुए कहा है कि वह खुद भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से भी भूख हड़ताल करने की अपील की है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल के उपवास को नौटंकी बताया।

किसान आंदोलन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह सक्रिय हो गए हैं। अभी तक शाह की किसानों के साथ एक ही बैठक हुई है, लेकिन अब हर मुद्दा वे खुद देख रहे हैं। इसे लेकर पिछले 2 दिन में शाह 5 से ज्यादा बैठक कर चुके हैं। सरकार हर राज्य के किसानों के लिए अलग स्ट्रैटजी बना रही है। किसानों को मनाने और आंदोलन खत्म कराने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अलग-अलग राज्यों और यूनियनों की जिम्मेदारी दी गई है। ये दोनों सभी से अलग-अलग बात करेंगे। लेकिन, पंजाब के किसान नेताओं की जिम्मेदारी अमित शाह ने अपने पास रखी है।

दोनों पक्ष बातचीत की स्ट्रैटजी बनाने में जुटे हैं। किसान नेताओं ने कहा है कि सरकार से चर्चा के लिए जाने वाले किसानों की संख्या कम की जाएगी। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें नजर रखने की जरूरत है, ताकि कोई गलत तत्व हमारे बीच न हो। वहीं शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूरे मुद्दे पर चर्चा की है और जल्द ही किसानों को बातचीत के लिए बुलाया जाएगा।

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