सोमवार, 14 दिसंबर 2020

सरकार के आगे 'मूछें' तान कर खड़ा है किसान

अंकुर मौर्य

नई दिल्ली। आप रातों रात जोड़-तोड़ कर सरकार तो बना सकते हैं।लेकिन रातों-रात विधायकों की तरह किसानों पर साम-दाम-दंड-भेद , इग्गड़म-तिगडम लगाकर पल्ला नहीं झाड़ सकते। किसान आंदोलन को शुरू से देखें तो सरकार ने शतरंज की तरह चाले चली है, किसानों पर पहले बल प्रयोग कर सर्द में पानी की बौछारें की, आंसू गौस छोड़े, चैंनलों से किसानों को खलिस्तानी-आतंकवादी भी बुला डाला, उन्हें लगा किसान भाग जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ किसान अपनी मांगों को लेकर मुस्तैदी से डटा रहा,  फिर सरकार ने अपने प्यादे भेजने शुरू किए माने सचिव-वचिव के स्तर पर किसानों से बात कि लेकिन बात नहीं बनी। फिर सरकार की अन्त्री- मंत्रियों से बात हुई लेकिन उसका भी नतीजा कुछ नहीं निकला और जब कुछ नहीं बचा तो सरकार ने अपना चाणक्य भेजा अमित शाह को, लेकिन मोटा भाई से भी कुछ नहीं हो पाया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...