सोमवार, 12 अक्तूबर 2020

फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान काल्रटन का निधन

भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान काल्रटन चैपमैन का निधन।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान काल्र्टन चैपमैन का 49 साल की उम्र में निधन हो गया। गोल डॉट कॉम के मुताबिक, उनका निधन बेंगलुरू में दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ है। टाटा फुटबाल अकादमी (टीएफए) से निकले चैपमैन अपने दिनों में देश के जाने-माने मिडफील्डर थे।
1990 में उन्होंने टीएफए का दामन थामा और तीन साल बाद वह ईस्ट बंगाल चले गए जहां से खेलते हुए उन्होंने ईरा के फुटबाल कल्ब अल जावरा के खिलाफ हैट्रिक लगाई। जेसीटी मिल्स के साथ 1995 से खेलते हुए उन्होंने 14 टूर्नामेंट जीते। 1997-98 में एक सत्र एफसी कोच्चिन के साथ खेला और फिर वापस ईस्ट बंगाल आ गए।
2001 में उनकी कप्तानी में टीम ने नेशनल फुटबाल लीग का खिताब जीता। इसके बाद उन्होंने पेशेवर फुटबाल से संन्यास की घोषणा कर दी। भारत के लिए वह 1995 से 2001 तक बतौर मिडफील्डर खेले। संन्यास लेने के बाद वह टीएफए टीम के कोच बने। दिसंबर 2017 में उनको कोझिकोड स्थित क्वार्टज इंटरनेशनल फुटबाल अकादमी का तकनीकी निदेशक बनाया गया।             


घुटनों के बल चले किसान, एक समान मुआवजा

एक समान मुआवजे की मांग को लेकर घुटनों के बल चले गाजियाबाद के किसान।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के प्रभावित किसानों का आंदोलन अब तेज हो गया है। कई माह से आंदोलनरत किसानों को एक समान मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। कई बार एक्सप्रेस-वे का कार्य भी बंद भी करा दिया गया। पैदल मार्च कर जिला मुख्यालय तक प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। पूर्व घोषणा के तहत किसान आज राज चौपला पर एकत्र हुए। यहां से बड़ी संख्या में किसान घुटनों के बल चलते हुए तहसील मुख्यालय पहुंचे।  किसानों के इस अनोखे प्रदर्शन को लेकर विपक्षी पार्टियों को भी सरकार के खिलाफ बोलने का मौका मिल गया है। किसानों की हो रही दुर्दशा पर विपक्ष ने जमकर प्रहार किया है।
आपको बता दें कि एक समान मुआवजा व सर्विस रोड निर्माण की मांग को लेकर गांव मुरादाबाद स्थित एक्सप्रेस-वे की साइट पर किसानों का लगातार धरना चल रहा है। धरनास्थल पर बुधवार को एक पंचायत का आयोजन किया गया था, जिसमें निर्णय लिया गया कि 12 अक्तूबर को किसान घुटने के बल यात्रा करके तहसील पहुंचेंगे। पूर्व घोषणा के तहत किसानों ने आज घुटनों के बल यात्रा निकाली।
किसानों का आरोप है कि बार- बार एनएचएआई व प्रशासन वार्ता के लिए बुला लेता और सिर्फ आश्वासन देकर टरका दिया जाता है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. बबली गुर्जर ने बताया कि किसान ट्रैक्टर-ट्राली में बैठकर मोदीनगर राज चौपला पहुंचे। इसके बाद राज चौपला से लेकर तहसील तक घुटने के बल यात्रा की और अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। इस मौके पर दलवीर सिंह, महेश प्रधान, रणवीर दहिया, शत्रुजीत सिंह, भूलेराम शर्मा, अरविंद पट्टी, सुनील प्रधान सहित अनेक किसान मौजूद रहे।             


कर्मचारियों को स्पेशल एडवांस का तोहफा

त्योहारों से पहले सरकारी कर्मचारियों को मिला स्पेशल एडवांस का तोहफा, निजी कंपनियों के कर्मचारी भगवान भरोसे। 


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। जहां निजी क्षेत्रों में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारी अपनी नौकरी बचाने की जुगत में आधी तंख्वाह पर भी काम करने को राजी हैं। वहीं दूसरी ओर त्योहारों के सीजन से पहले मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को तोहफा दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महामारी से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए दो प्रस्ताव पेश किए हैं। पहला ‘एलटीसी कैश वाउचर स्कीम’ और दूसरा ‘स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम’ है। स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को 10,000 रुपये फेस्टिवल एडवांस देगी। साथ ही कर्मचारियों को एलटीसी में टिकट किराये का भुगतान नकद में किया जाएगा।
न्यूज़ 18 की खबर के अनुसार वित्त मंत्री ने कहा कि एलटीसी नकद वाउचर योजना और विशेष त्योहार अग्रिम योजना शुरू की जाएगी। मांग को प्रोत्साहन के लिए एलटीए खर्च के लिए अग्रिम में राशि दी जाएगी। एलटीसी के लिए नकद पर सरकार का खर्च 5,675 करोड़ रुपये बैठेगा। सार्वजनिक उपक्रमों और बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।  इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों को 10,000 रुपये फेस्टिवल एडवांस के तौर पर दिये जाएंगे। ताकि त्योहारों के समय सरकारी कर्मचारियों के पास खरीदारी के लिए पैसा हो।
महामारी ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। सरकार की कई घोषणाओं के जरिए गरीब और कमजोर तबकों की जरूरतों को पूरा किया गया। आपूर्ति की बाधा को कम किया गया लेकिन उपभोक्ता मांग को अभी भी प्रोत्साहित करने की जरूरत है।             


कंगना ने कसा तंज, मुंबई में बिजली गुल

मुंबई में बत्ती गुल, कंगना ने सरकार पर कसा तंज।


मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पावर ग्रिड फेल होने की वजह से बिजली गुल हो गई है। बिजली गुल होने का असर लोकल ट्रेन सेवा पर भी पड़ा। तीनो लाइनो पर लोकल सेवा बंद कर दी गई थी। मुंबई के कई इलाकों में गोरेगांव, अंधेरी, सयान, प्रभादेवी और ठाणे के भी कई इलाकों में बिजली बंद कर दी गई थी। जानकारी के मुताबिक 50- 60% मुंबई में बिजली नहीं है। अचानक बिजली बंद होने से मुंबई में अफरा-तफरी जैसे हालात बन गए। मुंबई के ट्रैफिक सिग्नल काम नहीं कर रहे। लोकल रेल सेवा के सभी सिग्नल भी बंद पड़ गए। जो ट्रेन जहां थी वहीं पर खड़ी है। यात्री सही से जानकारी ना मिलने से परेशान है। इतना ही नहीं बत्ती गुल का असर हाई कोर्ट में भी दिखा मुंबई हाई कोर्ट में इंटरनेट नहीं होने की वजह से ऑनलाइन सुनवाई प्रभावित हुई। इसके अलावा 6 कोविड अस्पताल में पावर बैकअप का काम शुरू हो गया। वहीं बिजली गुल की वजह से राजनीति भी चालू है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बिजली कर्मियों को चार-पांच महीने से सैलरी नहीं दी गई। जिस कारण पूरा प्रशासन फेल हो गया।
वही माया नगरी में बिजली गुल होने को लेकर मुंबई के सितारे  भी परेशान नजर आए। जिसे लेकर अभिनेत्री कंगना रनौत ने उद्धव सरकार पर तंज कसा और ट्वीट कर फोटो शेयर करते हुए लिखा कि 'मुंबई में पावर कट, ऐसे में महाराष्ट्र की सरकार क-क-क..... कंगना। इसके अलावा अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी ट्वीट किया और लिखा कि शांत रहो सब ठीक हो जाएगा। आपको बता दें जो ग्रिड फेल हुआ है वह मुंबई के ठाने के कलवा इलाके में मरम्मत के दौरान फेल हुआ है। जिस कारण मुंबई में बिजली सप्लाई कट हो गया और माया नगरी में सीसीटीवी, ट्रैफिक, लोकल ट्रेन , हाई कोर्ट सब बिजली गुल होने से प्रभावित हुए। जिसके बाद करीब 2 घंटे बाद मुंबई में धीरे-धीरे बिजली सेवा बहाल होनी शुरू हो गई। लोकल ट्रेन के बाद ट्रैफिक सिग्नल काम करने लगे। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे भी चलने लगे। मुंबई हाई कोर्ट में सुनवाई फिर से शुरू हो गई।  मुंबई में अब 90 फ़ीसदी इलाकों में बिजली वापस आने से लोगों को राहत मिली है। वही कुर्ला समेत कई जगहों पर बिजली अभी तक गुल है और पूरा मुंबई बिजली बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं।             


लोगों का भविष्य गिरवी रख रहे हैं मोदी

मोदी के लिए लोगों का भविष्य क्यों गिरवी रख रहे हैं मुख्यमंत्री: 'राहुल'


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला कर केंद्र की तरफ से राज्यों को दिए जाने वाले जीएसटी राजस्व के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों से सवाल किया है कि वह मोदी के लिये लोगों के भविष्य को क्यों गिरवी रख रहे हैं। जीएसटी परिषद की आज 11 बजे से होने वाली में बैठक में राज्यों के राजस्व बकाया के मुद्दे पर चर्चा होनी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पहले केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई का वादा किया था, लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी और कोरोना महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था ठप हो गई तो अब केंद्र अपने वादे से पीछे हट रहा है।
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने आज अपने ट्वीट में जीएसटी को लेकर पांच बिंदु उठाते हुए मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने इन बिंदुओं में कहा, केंद्र सरकार ने राज्यों से जीएसटी राजस्व देने का वादा किया था।  कोरोना संकट और पीएम मोदी की वजह से अर्थव्यवस्था चरमरा गई। पीएम मोदी ने 1.4 लाख करोड़ की कर रियायत कॉरपोरेट को दे दी और स्वयं के लिए 8400 करोड़ के दो विमान खरीदे।
अब केंद्र के पास राज्यों को देने के लिए कोई पैसा नहीं है।
वित्त मंत्री राज्यों से कहती हैं कि उधार ले लीजिए।”
राहुल गांधी ने आखिर में सवाल करते हुए लिखा, “आपके मुख्यमंत्री लोगों का भविष्य मोदी के पास क्यों गिरवी रख रहे हैं?”             


पांच राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी

एक और तूफान का अलर्ट: इन 5 राज्यों में भारी बारिश का अनुमान, चेतावनी जारी।


कोलकाता। बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटे में गहरे दबाव में तब्दील हो सकता है। इसके तूफान में बदलने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक मध्य महाराष्ट्र विदर्भ और ओडिशा में भारी बारिश हो सकती है। वहीं, इन राज्यों के तटवर्ती इलाकों में 20 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है। इस आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अगले हफ्ते तक देश के शेष हिस्सों से वापस लौटने की संभावना नहीं है। जिससे बारिश का मौसम और आगे बढ़ जाएगा। दरअसल, बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटे में गहरे दबाव में तब्दील हो सकता है। और नरसापुर तथा विशाखापत्तनम के बीच आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट को 12 अक्टूबर की रात को पार कर सकता है। फिलहाल यह पश्चिमी एवं उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलावा इसकी वजह से उत्तर कर्नाटक के भीतरी भाग मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ और ओडिशा में 13 अक्टूबर को बारिश हो सकती है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा वर्तमान दबाव के चलते दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अगले हफ्ते तक वापसी के कम आसार हैं। अक्टूबर के पहले हफ्ते में भी कम दबाव का एक क्षेत्र बना था। ओडिशा में मछुआरों के समुद्र में जाने पर मनाही बंगाल के पश्चिम-मध्य खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र बनने से बुधवार तक राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया कि ओडिशा में आने वाले कुछ दिनों भारी बारिश के साथ ही तेज हवाएं चल सकती हैं। अधिकारियों ने बताया कि ऐसे में ओडिशा के तटीय इलाकों के मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है। विभाग का अनुमान है। कि आने वाले दिनों में दक्षिणी ओडिशा में 45-55 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। देश में बारिश का मौसम एक जून से 30 सितम्बर तक होता है। इस वर्ष देश में लगातार दूसरे साल सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है।               


कोहली-कार्तिक के बीच कांटे की टक्कर

आईपीएल-13: कोहली-कार्तिक में होगी कड़ी टक्कर।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन में आज शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का सामना दिनेश कार्तिक की कप्तानी वाली कोलकाता नाइट राइडर्स से होगा। दोनों टीमों ने अपने पिछले मैचों में जीत हासिल की है।
विराट कोहली की कप्तानी वाली बेंगलोर ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स को एकतरफा मुकाबले में हराया। वहीं कोलकाता ने किंग्स इलेवन पंजाब के मुंह से जीत छीन ली थी। शुरुआत में बेंगलोर का प्रदर्शन उतना बेहतर नहीं रहा था, लेकिन धीरे-धीरे इस टीम ने लय हासिल की और वह अब बेहतरीन फॉर्म में है।
कप्तान कोहली बीत तीन मैचों में अपनी फॉर्म का प्रदर्शन कर चुके हैं। चेन्नई के खिलाफ उन्होंने अकेले खड़े रहकर नाबाद 90 रन बनाए थे और टीम को मजबूत स्कोर दिया था जिसका बचाव करने में उनकी टीम सफल भी रहे थे। कोहली के अलावा बेंगलोर के सलामी बल्लेबाज देवदत्त पडिकल शुरू से फॉर्म में ही हैं।
उन्होंने अपने प्रदर्शन से खासा प्रभावित किया है। एरॉन फिंच के रूप में उनके पास अच्छा सलामी जोड़ीदार है। चेन्नई के खिलाफ फिंच विफल रहे थे, लेकिन फिंच ने भी अभी तक अच्छा किया है। अब्राहम डिविलियर्स के रूप में टीम के पास एक और स्टार बल्लेबाज है। इन सभी के रहते टीम की बल्लेबाजी मजबूत दिखती है। निचले क्रम में शिवम दुबे हैं जो बड़े शॉट्स लगा सकते हैं।
पिछले मैच में बेंगलोर ने क्रिस मोरिस को मौका दिया था। मोरिस भी उन खिलाड़ियों में से जाने जाते हैं जो बड़े शॉट्स लगा सकते हैं। वहीं, गेंदबाजी में भी कोहली को ज्यादा चिंता नहीं है। श्रीलंका के इसुरु उदाना ने नवदीप सैनी के साथ मिलकर तेज गेंदबाजी के भार को अच्छी तरह बांटा है। मौरिस ने चेन्नई के खिलाफ तीन विकेट लिए थे। मोरिस ने चार ओवरों में सिर्फ 19 रन दिए थे और सैनी ने 18 रन दिए थे। स्पिन में युजवेंद्र चहल तो तुरुप का इक्का कोहली के लिए हैं ही। वॉशिंगटन सुंदर ने चेन्नई के खिलाफ दो अहम विकेट दिला अपना पक्ष मजबूत किया है।
शारजाह का मैदान छोटा है और ऐसे में स्पिनरों के साथ जाना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है। दुबे को मिलाकर कोहली पिछले मैच में छह गेंदबाजों के साथ उतरे थे। संभवत: इम मैच में कोहली एक अतिरिक्त बल्लेबाज को शामिल करें। वहीं, कोलकाता के स्पिनरों, सुनील नरेन और वरुण चक्रव्रर्ती ने टीम के लिए जो प्रदर्शन किया है वो किसी भी टीम के लिए चिंताजनक हो सकता है। पिछले मैच में भी सुनील ने दो शानदार ओवर फेंक पंजाब को जीतने नहीं दिया था। वरुण भी मध्य के ओवरों में उनका अच्छा साथ देते हैं।
कप्तान दिनेश कार्तिक भी इस बात को सरेआम कबूल चुके हैं कि यह दोनों उनके लिए बेहद अहम है। लेकिन सामने विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक कोहली होंगे और मैदान भी छोटा होगा। ऐसे में सुनील और वरुण कितने असरदार होते हैं वो देखना होगा। तेज गेंदबाजी में पिछले मैच में शिवम मावी नहीं खेले थे। उनके स्थान पर प्रसिद्ध कृष्णा को मौका दिया गया था। प्रसिद्ध ने भी काफी प्रभावित किया था। कोलकाता का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत है।
पैट कमिंस, कमलेश नागरकोटी के अलावा प्रसिद्ध और मावी, सभी उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं। बल्लेबाजी में कोलकाता के लिए अच्छी बात यह रही थी कि कप्तान कार्तिक ने पंजाब के खिलाफ अपनी फॉर्म हासिल कर ली थी। अब देखना होगा कि कप्तान उसे किस हद तक जारी रख सकते हैं।
सलामी बल्लेबाज राहुल त्रिपाठी और शुभमन गिल भी फॉर्म में हैं। गिल ने पंजाब के खिलाफ 57 रनों की शानदार पारी खेली थी। अब कोलकाता की चिंता आंद्रे रसेल की फॉर्म है। रसेल जिस प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं इस सीजन तो वो उसकी झलक तक नहीं दिखा पाएं हैं। इस छोटे मैदान पर कोलकाता उम्मीद करेगी की रसेल अपने रंग में लौटें।
टीमें (सम्भावित)
कोलकाता नाइट राइडर्स: दिनेश कार्तिक (कप्तान), आंद्रे रसेल, सुनील नरेन, कुलदीप यादव, शुभमन गिल, लॉकी फग्र्यूसन, नीतीश राणा, रिंकू सिंह, प्रसिद्ध कृष्णा, संदीप वॉरियर, अली खान, कमलेश नागरकोटी, शिवम मावी, सिद्देश लाड, पैट कमिंस, इयोन मोर्गन, टॉम बेंटन, राहुल त्रिपाठी, वरुण चक्रवर्ती, एम. सिद्धार्थ, निखिल नाइक, क्रिस ग्रीन।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर: विराट कोहली (कप्तान) एरॉन फिंच, देवदत्त पडिकल, अब्राहम डिविलियर्स, जोशुआ फिलिपे, वॉशिंगटन सुंदर, शिवम दुबे, नवदीप सैनी, उमेश यादव, डेल स्टेन, युजवेंद्र चहल, मोइन अली, पवन देशपांडे, गुरकीरत सिंह मान, मोहम्मद सिराज, क्रिस मौरिस, पवन नेगी, पार्थिव पटेल, शहबाज अहमद, इसुरु उदाना, एडम जाम्पा, केन रिचर्डसन।         


पीएम ने जारी किया 100 रुपये का सिक्का

मोदी ने राजमाता सिंधिया की जन्मशताब्दी पर जारी किया 100 रुपये का स्मारक सिक्का।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जन्मशताब्दी के अवसर पर आज 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। प्रधानमंत्री ने स्मारक सिक्का जारी करते हुए राजमाता के साथ रथयात्रा और एकता यात्रा के दौरान के अपने अनुभवों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा,“ ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे राजमाता की स्मृति में यह विशेष स्मारक सिक्का जारी करने का अवसर मिला है। कोरोना के कारण भले ही यह कार्यक्रम भव्य नहीं है लेकिन यह दिव्य जरूर है। पिछली शताब्दी में देश को दिशा देने वाले चंद लोगों में राजमाता भी शामिल थीं। वह सिर्फ वात्सल्य की मूर्ति नहीं थीं, बल्कि वह एक निर्णायक नेता थीं और कुशल प्रशासक थीं। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के इतने दशकों तक भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वह साक्षी रहीं।”
उन्होंने कहा,“ आजादी से पहले विदेशी वस्त्रों की होली जलाने से लेकर आपातकाल और राममंदिर आंदोलन तक राजमाता के अनुभवों का व्यापक विस्तार रहा है। राजमाता की जीवनयात्रा और उनके जीवन संदेश को देश की मौजूदा पीढ़ी भी जाने और उनसे प्रेरणा ले इसीलिए उनके बारे में और उनके अनुभवों के बारे में बार -बार बात करना आवश्यक है। ”
मोदी ने कहा,“ विवाह से पहले वह किसी राजपरिवार से संबंधित नहीं थी लेकिन विवाह के बाद उन्होंने सबको अपनाया और पाठ भी पढ़ाया कि कोई भी साधारण से साधारण से व्यक्ति इस लोकतंत्र में सत्ता को सेवा का माध्यम बना सकता है। उनके पस सत्ता थी, संपत्ति थी और सामर्थ्य भी था लेकिन इनसे बढ़कर उनके पास जो अमानत थी, वह थी संस्कार, सेवा और स्नेह की सरिता।
ये सोच और ये आदर्श, उनके जीवन के हर कदम पर देखे जा सकते हैं। राजमाता ने यह साबित किया कि जनप्रतिनिधि के लिए जनसेवा सबसे महत्वपूर्ण है। वह राजपरिवार की थीं लेकिन उन्होंने लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया। आपातकाल के दौरान उन्होंने जो-जो सहा, वह सर्वविदित है। उन्होंने अपने जीवन का महत्वपूर्ण कालखंड जेल में बिताया।”
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने इस समारोह की शुरुआत करते हुए राजमाता की स्मृति में स्मारक सिक्का जारी करने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया और राजमाता के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा,“राजमाता विजयराजे सिंधिया जी की जन्मशती के अवसर पर केंद्र सरकार ने 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी करने का फैसला किया था। इस स्मारक सिक्के काे जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति के लिए मैं और संस्कृति मंत्रालय उनका आभार व्यक्त करते हैं।
हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारी पीढ़ी को राजमाता का सान्निध्य मिला। उन क्षणों को हम सभी साथी कभी भूला नहीं सकते हैं। उनके पास धन, पद प्रतिष्ठा सब थी लेकिन उनका व्यवहार अहंकारशून्य ममत्व से भरा , सहज, सरल और सौम्य था। उनके जो भी मिला, बिना प्रभावित हुए नहीं रह सका। उनका ममत्व कोई नहीं भूल सकता है। ”
उन्होंने कहा, “ भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने के लिए 1980 में नींव बनने वाली राजमाता विजयराजे सिंधिया भाजपा के के चंद जमीनी संस्थापकों में से एक हैं। वे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहीं और पार्टी के विस्तार में हमेशा आगे रहीं। उनके अनुकरणीय जीवन ने आम जनता में उनके प्रति अगाध श्रद्धा पैदा की। वह एक जननेता थीं।”         


आखों की रोशनी बढ़ाने के छोटे-छोटे उपाय

जानिए आँखों की रौशनी बढ़ाने के ये छोटे-छोटे उपाय


मनोज सिंह ठाकुर


हमारे शरीर का बहुत ज़रूरी अंग हमारी आँखें हैं। खूबसूरत आँखें हमें एक अलग पहचान देती हैं। नजर कमजोर होना आजकल एक सामान्य सी बात है। इस समस्या को मजबूरी मान लेना समझदारी की बात नहीं है। क्योंकि सही खानपान की मदद से कमजोर नजर को ठीक किया जा सकता है। दृष्टि कमजोर होना आजकल की व्यस्ततम जीवन शैली का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गयी है। इसके लिए घंटो कंप्यूटर पर बैठ कर काम करना घंटो टीवी देखना आंखों की रोशनी को कमजोर करने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसके अलावा कम रोशनी में स्मार्टफ़ोन, टेलीविजन और कंप्यूटर पर काम करना आंखे की रोशनी को कम कर सकता है। इसके मुख्यकारण गर्मी शराब का सेवन, निरंतर पढना, पाचन विकार। विटामिन ए की कमी को बताया जाता है। जानिए ऐसे ही कुछ घरेलू उपाय जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में आपकी सहायता करेंगे।
आंखों की रौशनी बढऩे के उपाय
रोज सुबह दूब वाली घास पर पड़ी ओस पर चलने से आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है।
आखों के हर प्रकार के रोग जैसे पानी गिरना, आंखें आना, आंखों की दुर्बलता, आदि होने पर रात को आठ बादाम भिगोकर सुबह पीस कर पानी में मिलाकर पीने से आंखें स्वस्थ रहती हैं।
त्रिफला आंखों की रोशनी के लिए बहुत अच्छी औषधि है। इसके तहत त्रिफला के क्वाथ से प्रतिदिन आंखों को धोने से आंखों की ज्योति बढती है।
पैर के तलवों की रोजाना नारियल तेल या तिल के तेल से मालिश करने से आँखों की रोशनी बढती है।
बिलबेरी आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए एक और बेहतरीन उपाय है। यह रात में भी आँखों की रौशनी की समस्या को ठीक करता है। साथ ही यह मोतियाबिंद और ग्लूकोमा से भी आँखों को बचाता है।
हल्दी की गांठ को तुअर की दाल में उबालकर, छाया में सुखाकर पानी में घिसकर सूर्यास्त से पूर्व दिन में दो बार आंख में काजल की तरह लगाने से आंखों की लालिमा दूर होती है।
आंवला और बहेड़ा का नियमित प्रयोग नेत्र ज्योति को दुरस्त रखता है। आंवला बहेड़ा और हरीतकी तीनों के चूर्ण मिश्रण की 3 से 6 ग्राम मात्रा प्रतिदिन प्रयोग करने से भी आंखों की रोशनी दुरस्त होती है।
व्यायाम
आँखों के लिए बहुत व्यायाम हैं। जो आप अपनी दृष्टि को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। ऐसे ही एक अभ्यास के लिए एक आरामदायक स्थिति में बैठें और अपने अंगूठे के साथ अपने हाथ को बाहर खींछे। अब अपने अंगूठे पर ध्यान केंद्रित करें। धीरे-धीरे अपने अंगूठे को अपने करीब लाएं, हर समय ध्यान केंद्रित करते हुए जब तक आपका अंगूठा आपके चेहरे के सामने लगभग 3 इंच तक ना आ जाए और फिर दूर करें जब तक आपका हाथ पूरी तरह से फैल ना जाए। कुछ मिनटों के लिए यह करें।
यह व्यायाम ध्यान केंद्रित करने और आंख की मांसपेशियों में सुधार लाने में मदद करता है। एक और उपयोगी व्यायाम है। अपनी आँखो को बाएं किनारे से दाहिने किनारे तक ले जाएं। फिर ऊपर की तरफ भौं केंद्रित करें और फिर नीचे की ओर नाक की नोंक पर देखें। आप ये अभ्यास दैनिक रूप से दिन में कई बार कर सकते हैं।             


नुकसान करती हैं दूध वाली चाय की प्याली

अगर आप भी सुबह उठते ही लेते हैं। दूध वाली चाय का आनंद, तो जान ले ये बात


मनोज सिंह ठाकुर


सभी लोग चाय पीना पसंद करते हैं। कइयों की तो नींद ही चाय की प्याली खत्म करने के बाद खुलती है। ये भारतीय समाज का एक अभिन्न अंग बन चुकी है। जिसे हम चाह कर भी नजऱ अंदाज नहीं कर सकते। बहुत सारे लोग ऑफिस में दिन भर चाय लेते रहते है। यहां तक की उपवास में भी चाय लेते रहते है। चाय के सेवन करने से शरीर में मौजूद विटामिन्स बहुत जल्द खत्म होते हैं। इसके सेवन से स्मरण शक्ति में भी बहुत दुर्बलता आती है। आइएं इसके बुरे प्रभावों के बारे में जानें। दूध वाली चाय के नुकसान
चाय से भूख मर जाती है। दिमाग सूखने लगता है और नींद भी बहुत कम हो जाती है।
चाय पीने से कैंसर तक होने की संभावना भी बहुत ज्यादा रहती है। जो लोग चाय बहुत पीते है उनकी आंतें बहुत जल्द खराब हो जाती है। और कब्ज घर कर जाती है। 4-चाय पीने से खून गन्दा हो जाता है। और चेहरे पर लाल फुंसियां भी निकल आती है। चाय में कैफीन और टैनिन होते हैं। जो कि शरीर में ऊर्जा भर देते हैंद्य लेकिन ये खून को दूषित करने के साथ शरीर को बहुत कमजोर भी करता है।
दूध से बनी चाय का सेवन पाचन क्रिया पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। और यदि आप इसके साथ कुछ नमकीन खा रहे हैं। तो उससे बुरा और कुछ भी नहीं। इससे त्वचा रोग भी होते है।
-चाय के हर कप के साथ एक या अधिक चम्मच शक्कर ली जाती है। जो बहुत ज्यादा वजन बढाती है।
-रेलवे स्टेशनों या टी स्टालों पर बिकने वाली चाय का सेवन यदि न करें तो यह बेहतर होगा क्योंकि ये बर्तन को साफ किए बिना कई बार इसी में चाय बनाते रहते हैं। जिस कारण कई बार चाय बहुत ज्यादा विषैली हो जाती है। भुलकर भी ज्यादा देर तक थर्मस में रखी चाय का सेवन कभी भी न करें। चायपत्ती को कम उबालें तथा एक बार चाय बन जाने पर इस्तेमाल की गई चायपत्ती को जरूर फेंक दें।             


5 अधिकारियों ने की लापरवाही, भेजा नोटिस

सर्वे अभियान में लापरवाही, पांच अधिकारियों को नोटिस।


मनोज सिंह ठाकुर


कोरबा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के नोडल अधिकारी कुंदन कुमार ने सर्वे अभियान में लापरवाही बरतने वाले पांच अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। शनिवार को पोड़ी-उपरोड़ा में अभी तक लक्षणात्मक व्यक्तियों की पहचान नहीं किए जाने पर जिम्मेदार पांच अधिकारियों के विरुद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दो दिवस के भीतर जवाब मांगा है। जिन अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। उनमें अरुण खलखो अनुविभागीय अधिकारी रास्जव, पोड़ी-उपरोड़ा, डा.दीपक विकासखंड चिकित्सा अधिकारी, एलएस जोगी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, वीके राठौर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा एवं स्वरूप धारा बीपीएम पोड़ी-उपरोड़ा शामिल हैं। इन्हें जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर भ्रमण कर कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के तहत 12 अक्टूबर तक चलने वाले सर्वे के तहत आज तक लक्षणात्मक व्यक्तियों की पहचान नहीं किए जाने एवं कार्य के प्रति लापरवाही प्रदर्शित करने एवं नियम विपरीत कार्य करने पर अधिकारियों के विरुद्ध सीईओ कुमार ने कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है।             


विदेशों में सजेंगे छत्तीसगढ़ के गोबर के दिए

विदेशों में भी सजेंगे हमारे छत्तीसगढ़ के गोबर से बने दिए और वंदनवार


मनोज सिंह ठाकुर


दुर्ग। हमारे जिले के बने गोबर के दिए और वंदन वार अब विदेश में भी पहुंचने लगे हैं। भिलाई की महिलाओं द्वारा निर्मित गोबर से बनी सजावटी सामग्री को लंदन से भी खऱीददार मिले हैं। इतना ही नहीं लखनऊ, महाराष्ट्र के मुंबई, अकोला, पंजाब, उत्तराखंड, रायपुर, राजनांदगांव ,कोरबा से भी आर्डर मिला है। उड़ान नई दिशा संस्था की श्रीमती निधि चन्द्राकर ने बताया आज ही उन्होंने लंदन भेजने के लिए दियों ,वंदनवार, वाल हैंगिंग की डिलीवरी दी है।रायपुर के पारख जी ने उनसे संपर्क किया उनके बेटे लंदन में रहते हैं। जब उन्होंने देखा कि में गोबर से इतनी सुंदर वस्तुएं बनाई जा रही हैं। तो क्यों न उनको को भेजें। ताकि देश से मीलों दूर रहकर जब वहाँ बसाए घर आंगन में गोबर के दिए रोशन होंगे तो अपनी संस्कृति से जुड़ाव भी महसूस होगा।
भिलाई में महिलाएं बना रही हैं। गोबर से सजावटी सामान-हर सामग्री में मौसमी सब्जिय़ों के बीज ताकि उपयोग के बाद उगाए पौधे।
गोबर से बने दियों और सजावट के सामान का अब ग्रामीण अंचल में ही नहीं बल्कि शहरों में भी क्रेज़ है। नगरीय निकायों में भी महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया और त्यौहार के लिए दिए और अन्य सजावटी सामान बना रहीं भिलाई की उड़ान नई दिशा की महिलाओं ने गोबर से वंदनवार डेकोरेटिव दिए वाल हैंगिंग,शुभ लाभ आदि बनाए हैं। एक नया प्रयोग भी किया है इन सामग्रियों में मौसमी सब्जिय़ों और फूलों के बीज भी डाले गए हैं। ताकि उपयोग के बाद इनको गमले में डालकर पौधे उगाए जा सकें।दियों का मुल्य 2 रुपये।
डेकोरेटिव दियों का मूल्य 50 से 150 रुपए  वंदन वार 150 से 250 रुपए और शुभ लाभ व लटकन 100 रुपए में उपलब्ध है।करीब 250 महिलाएं मिलकर ये काम कर रही हैं।
नंदौरी गाँव की महिलाओं ने चुनी स्वावलंबन की राह अब और महिला समूहों को कर रही प्रशिक्षित
कहते हैं। जहां चाह वहाँ राह ।यही कहानी है। धमधा जनपद के नंदौरी के संगवारी स्व सहायता समूह की। समिति की अध्यक्ष श्रीमती रानी लक्ष्मी बाई बंछोर ने बताया कि जब उन्होंने सरकार की नरवा गरूवा घुरूवा बाड़ी गोधन न्याय योजना के बारे सोशल मीडिया पर देखा अखबारों में पढ़ा तो उनको भी रुचि उत्पन्न हुई कि घर पर बैठकर भी आमी अर्जित कर सकती हैं। मुख्यमंत्री जी ने गौठानों को रोजगार ठौर के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की है। तो क्यों न हम महिलाएं भी स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ाएं। समूह बनाया और यू ट्यूब पर गोबर से दिए बनाने की विधि देखी।जनपद पंचायत से भी मदद मिली।उनका का सबको पसंद आया अब तो और लोगों को भी प्रशिक्षण दे रही हैं। राजनांदगांव के दूरस्थ मानपुर जनपद से भी महिलाएं प्रशिक्षण लेकर जा चुकी हैं। साथ ही पाटन के कई क्लस्टर की महिलाओं को भी इस समूह ने गोबर से दिए बनाना सिखाया है। ये दिए 30 से 35 रुपए दर्जन में उपलब्ध हैं।
राज्य शासन की पहल से गोबर के बहु आयामी उपयोग की राह खुली, किसने सोचा था। जिस गोबर को हम किसी काम का नहीं समझते थे। वही आज लाखों लोगों की आय का ज़रिया बन जाएगा। राज्य शासन की गोधन न्याय योजना से एक तरफ किसान व पशुपालकों की आय में इज़ाफ़ा हुआ है। और वर्मी कम्पोस्ट व नाडेप खाद बनाकर जैविक खेती की राह तो रोशन हुई ही है। दूसरी ओर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने गोबर से दिए एवं अन्य सजावटी सामान बनाकर न केवल अपने हुनर का प्रदर्शन कर रही हैं। बल्कि आय भी अर्जित कर रही हैं। रक्षाबंधन में जहां गोबर से बनी राखियों को लोगों ने पसंद किया और गणेश चतुर्थी में गोबर व मिट्टी के गणेश घर घर विराजे अब नवरात्र और दीपावली के लिए दिए,धूप,वंदन वार,लटकन व शुभ-लाभ आदि सामग्रियाँ बाजार में आने की तैयारी में हैं।           


शोपियां में स्कूल के 13 छात्र बनें आतंकवादी

एजेंसियों के रडार पर शोपियां का स्कूल, धार्मिक स्कूल आतंकी संगठनों के लिए भर्ती का जरिया बना 13 छात्र आतंकवादी बने इनमें पुलवामा हमले में शामिल सज्जाद भी।


शोपियां। यूपी केरल और तेलंगाना के कई छात्रों ने भी इस स्कूल में ले रखा था। दाखिला, अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ऐसे छात्रों की संख्या जीरो हो गई थी। खुफिया एजेंसियों ने आतंकी बन चुके ऐसे छात्रों की सूची बनाई जो इस स्कूल में पढ़ रहे हैं। या फिर पास हो चुके हैं। साउथ कश्मीर के शोपियां जिले का एक धार्मिक स्कूल सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ गया है। ये स्कूल आतंकी संगठनों में भर्ती का जरिया बन चुका है। खुफिया एजेंसियों ने ऐसे 13 छात्रों और पूर्व छात्रों के किसी न किसी आतंकी ग्रुप में शामिल होने का पता लगाया है। इन स्टूडेंट्स में आतंकवादी सज्जाद भट का नाम भी है। वह पिछले साल फरवरी में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में शामिल था।
पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों के मुताबिक इस स्कूल में पढ़ने वाले दक्षिण कश्मीर के कुलगाम पुलवामा और अनंतनाग जिलों के ज्यादातर छात्रों और पूर्व छात्रों को आतंकी संगठन अपने खेमे में शामिल करते हैं। उत्तर प्रदेश, केरल और तेलंगाना के कई छात्रों ने भी इस स्कूल में एडमिशन लिया था। लेकिन पिछले साल आर्टिकल 370 खत्म होने बाद ऐसे छात्रों की संख्या जीरो हो गई। 13 छात्रों की लिस्ट में ज्यादातर शोपियां और पुलवामा के सूत्रों के मुताबिक आतंकी सज्जाद भट का नाम आने के बाद इस मामले में जांच शुरू हुई। ऐसे 13 छात्रों या पूर्व छात्रों का इस लिस्ट में नाम है। सैकड़ों ऐसे ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यूएस) हैं। जो इस संस्थान के छात्र या पूर्व छात्र हैं। ये तमाम आतंकी संगठनों की मदद करते हैं।
हाल ही में बारामूला का एक युवक छुट्टियों के बाद अपने घर से स्कूल लौटते समय लापता हो गया था। बाद में पता चला कि वह आतंकवादी ग्रुपों में शामिल हो गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इन 13 आतंकवादियों में से ज्यादातर शोपियां और पुलवामा के रहने वाले हैं।
ये बड़े आतंकी भी इसी स्कूल से
इस साल अगस्त में प्रतिबंधित किए गए अल-बद्र आतंकी संगठन का तथाकथित कमांडर जुबैर नेंग्रू भी इसी स्कूल से था। इसके अलावा हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी नाजिम नजीर डार और ऐजाज अहमद पॉल भी शामिल हैं। जिन्हें शोपियां में 4 अगस्त को एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने मार गिराया था।               


सोनू के लिए फैंस ने 'भारतरत्न' की मांग की

सोनू के लिए भारत रत्न की मांग, फैंस ने मोदी से अपील की कहा- देश के सच्चे हीरो को अवॉर्ड दिया जाए। सोनू सूद ने इस पोस्ट पर विनम्रता से हाथ जोड़ लिए।


मनोज सिंह ठाकुर


मुंबई। कोविड में लॉकडाउन के दौरान एक्टर सोनू सूद रियल हीरो बनकर उभरे हैं। सोनू सूद ने महामारी के दौरान हजारों लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया खाना, स्वास्थ्य सुविधा पढ़ाई की सुविधा मुहैया कराई। इसके बाद से ही सोनू के चाहने वाले सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। एक फैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि सोनू सूद को भारत रत्न दिया जाए। इस पोस्ट के जवाब में सोनू सूद ने विनम्रता से हाथ जोड़ लिए। सोशल मीडिया यूजर ने मंदिर में लगाई सोनू की फोटो सोशल मीडिया यूजर ने एक पोस्ट की। इस पोस्ट में मंदिर भगवान के साथ सोनू सूद की भी फोटो लगी है। इस पर तिलक भी लगाया गया है। यानी यह फैन सोनू की पूजा करता है। उसने अपनी पोस्ट में नरेंद्र मोदी से अपील की कि हम देश के सच्चे हीरो को भारत रत्न देने की मांग करते हैं। मगर, सोनू ने बड़ी ही विनम्रता के साथ इस पोस्ट पर जवाब दिया। उन्होंने हाथ जोड़े हुए इमोजी पोस्ट की है।
फीस ना दे पाने वाले छात्रों के लिए चिंता जाहिर की थी।
दरअसल महामारी के दौरान सोनू ने समाजसेवा के लिए ऐसे कदम उठाए कि हर कोई उन्हें रियल हीरो बता रहा है। गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा मुहैया करवाने की दिशा में सोनू ने पिछले कुछ महीनों में काफी काम किया है। इस महीने की शुरुआत में सोनू सूद ने कई ट्वीट किए थे। इनमें उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की थी। कि जो छात्र पैसे नहीं दे पा रहे हैं। स्कूल उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस बंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा था। कि अगर बैंक मोरेटोरियम पीरियड दे सकते हैं। तो स्कूल भी छात्रों के लिए ऐसी व्यवस्था कर सकते हैं।             


मन में प्रश्न ही प्रश्न, शांति कहां मिलेगी ?

शांति कैसे मिल सकती है। जिस व्यक्ति के मन में सिर्फ प्रश्न ही प्रश्न होते हैं। उसे कभी भी उन प्रश्नों के उत्तर सुनाई नहीं देंगे ऐसे लोग हमेशा अशांत ही रहते हैं।


महाभारत में अर्जुन को श्रीकृष्ण ने दिया था गीता का उपदेश, उस समय अर्जुन ने पूछे थे। कई प्रश्न, संतुष्टि के बिना मन को शांति नहीं मिल सकती है। जहां असंतुष्टि रहती है। वहां हमेशा ही अशांति रहती है। अशांत व्यक्ति के मन में कई प्रश्न होते हैं। अगर कोई व्यक्ति उन प्रश्नों के उत्तर बताता भी है। तो अशांत मन इन उत्तरों को सुनता नहीं। ऐसे लोग कभी सुखी नहीं रह पाते हैं। जो लोग शांति चाहते हैं। उन्हें अपने मन से सभी प्रश्नों को निकाल देना चाहिए। भगवान पर भरोसा रखकर अपने कर्तव्य पूरे करना चाहिए। कर्म करते समय फल क्या मिलेगा ये भी नहीं सोचना चाहिए। महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। युद्ध से पहले ही अर्जुन ने शस्त्र रख दिए थे। और वे युद्ध करना ही नहीं चाहते थे। तब अर्जुन के मन को शांत करने के लिए श्रीकृष्ण ने कर्मों का महत्व बताया था। उस समय अर्जुन ने कई प्रश्न श्रीकृष्ण से पूछे थे। उत्तर देने के लिए सामने स्वयं भगवान श्रीकृष्ण थे। अर्जुन के मन में प्रश्न ही प्रश्न थे। ये प्रश्न ही अर्जुन की अशांति का कारण थे।
अशांत व्यक्ति के मन में प्रश्न वैसे ही रहते हैं। जैसे वृक्षों पर पत्ते लगे रहते हैं। पुराने पत्ते हटते और नए पत्ते आ जाते हैं। ठीक जैसे ही व्यक्ति के मन में नित नए प्रश्न पनपते हैं।
आध्यात्मिक गुरु ओशो ने अपने गीता दर्शन में लिखा है। कि अर्जुन के प्रश्नों का कोई अंत नहीं है। किसी के भी प्रश्नों का कोई अंत नहीं होता है। जहां श्रीकृष्ण जैसा उत्तर देने वाला मौजूद हो तो प्रश्न उठते ही चले जाते हैं।
इन्हीं प्रश्नों की वजह से अर्जुन श्रीकृष्ण को भी देख पाने में समर्थ नहीं थे। इन्हीं प्रश्नों की वजह से अर्जुन श्रीकृष्ण के उत्तर को भी नहीं सुन नहीं पा रहे थे। जिस व्यक्ति के मन में प्रश्न ही प्रश्न भरे हों वह उत्तर को नहीं समझ पाता है। क्योंकि व्यक्ति उत्तर नहीं सुनता है। अपने ही प्रश्नों में उलझा रहता है। जिन लोगों के मन में प्रश्न नहीं है। वे ही शांत रहते हैं। ऐसे ही लोग जीवन में सुख-शांति प्राप्त कर पाते हैं। मन में प्रश्न रहेंगे तो हम ध्यान भी नहीं कर सकते हैं। इसीलिए अपने मन से प्रश्नों को निकाल देना चाहिए।               


उपचुनावः आरोप-प्रत्यारोप के तीर चले

आरोप-प्रत्यारोपः गद्दारी-वफादारी के बीच जनता के मुद्दे छूटे भाजपा-कांग्रेस एक-दूसरे को ठहरा रहे गद्दार और खुद को बता रहे वफादार।


नई दिल्ली। उपचुनाव में पार्टियां स्थानीय मुद्दों को तरजीह नहीं दे रहीं उनके पास गद्दारी और वफादारी जैसी बातों के अलावा कुछ नहीं। इस पर चर्चा भाजपा की सभाओं में सिर्फ सिंधिया के अपमान की बातें जबकि कांग्रेस को कमलनाथ सरकार गिरने का दर्द। इन मुद्दों को भुलाया मुरैना में कैलारस शुगर मिल दतिया के भांडेर में गैस पावर प्लांट और भिंड के मेहगांव-गोहद में पेयजल और सिंचाई का संकट बड़े मुद्दे।
उपचुनाव का आगाज होने के बाद दोनों ही दल (भाजपा व कांग्रेस) एक-दूसरे के खिलाफ मुखर हो गए हैं। भाजपा नेता जहां चुनावी सभाओं कार्यकर्ता बैठकों में एक ही बात दोहरा रहे हैं। कि ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके समर्थक मंत्रियों-विधायकों का कांग्रेस सरकार में अपमान हुआ इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ी। वहीं कांग्रेस भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है। कुल मिलाकर दोनों ही दल एक दूसरे गद्दार और खुद को वफादार कह रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच जनता के मूल मुद्दों को भुला दिया गया है। किसी भी दल के स्टार प्रचारक और प्रत्याशी मूल मुद्दों पर बात नहीं कर रहे हैं। लियर शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी में शामिल करने का मुद्दा हो या मुरैना की कैलारस शुगर मिल को चालू कराने और चंबल वाटर प्रोजेक्ट की विस्तृत रूपरेखा तय करने का मामला। भांडेर में सोलर पाॅवर प्लांट और भिंड के मेहगांव-गोहद में पीने का पानी व सिंचाई संकट, शिवपुरी के करैरा में सोनचिरैया अभयारण्य व करैरा नगर की जलावर्धन योजना पोहरी में अजवाइन प्रोसेसिंग यूनिट जैसे बड़े मुद्दों को भी पूरी तरह भुला दिया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने अभी तक जितनी भी जनसभाएं और कार्यकर्ताओं की बैठक ली उनमें सिंधिया व उनके समर्थक मंत्री-विधायकों का कांग्रेस सरकार में अपमान का मुद्दा छाया रहा।
उधर कांग्रेस नेता हर सभा में आरोप लगा रहे हैं। कि भाजपा ने कांग्रेस की चुनी हुई कमलनाथ सरकार को खरीद-फरोख्त कर गिराया। हम तो वादे पूरे कर रहे थे। लेकिन भाजपा ने धनबल से सरकार गिरा दी।
5 जिलों के इन मुद्दों पर कोई भी राजनीतिक दल नहीं कर रहा चर्चा।
मुरैना
शुगर मिल । पिछले दो चुनाव में भाजपा व कांग्रेस ने कैलारस शुगर मिल के नाम पर जनता से वोट बटोरे लेकिन उपचुनाव में भाजपा हो या कांग्रेस किसी भी पार्टी का प्रत्याशी या उनका नेता इस पर चर्चा करने को भी तैयार नहीं हैं। जबकि कैलारस शुगर मिल जौरा कैलारस व सबलगढ़ के लिए सबसे बड़ा विकास का मुद्दा है।
सीतापुर कॉरिडोर । 200 करोड़ से 2 साल पहले तैयार सीतापुर कॉरिडोर में आज तक एक भी उद्योग नहीं आया। जिले के युवा बेरोजगार हैं। उद्योग लगें तो उन्हें रोजगार मिले लेकिन इस पर अब कोई भी दल चर्चा नहीं कर रहा।
भिंड
पानी । मेहगांव क्षेत्र के गांवों में खारे पानी की बड़ी समस्या है। सिंचाई के लिए भी किसानों को पानी नहीं मिलता।
कॉलेज । गोहद में एक भी कॉलेज नहीं है। यहां कन्या कॉलेज की मांग लंबे समय से की जा रही है। गोरमी और रौन क्षेत्र में कॉलेज की मांग भी लंबे समय से की जा रही है।
शिवपुरी
अभयारण्य । करैरा क्षेत्र में सोनचिरैया अभयारण्य पर पिछले चुनावों में चर्चा होती थी। अभ्यारण्य से प्रभावित गांव के ग्रामीण परेशान हैं। करैरा में जलावर्धन योजना का शिलान्यास बाबूलाल गौर के समय हुआ था। पूरा पैसा खर्च होने के बाद भी जनता को पानी नहीं मिला रहा।
प्रोसेसिंग यूनिट। पोहरी क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अजवाइन की पैदावार हाेती है। यहां प्रोसेसिंग यूनिट की मांग लंबे समय से है। इसी क्षेत्र के बैराड़ में कॉलेज के लिए जमीन तो मंजूर है। लेकिन उस पर अतिक्रमण है। कॉलेज नहीं खुलने से छात्र परेशान हैं।
दतिया। गैस प्लांट और पानी । भांडेर क्षेत्र में गैस पॉवर प्लांट बनना है। लोगों ने इसको लेकर संघर्ष भी किया लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। यहां फसलों की सिंचाई का संकट भी है। हालांकि बांध भर जाने से पिछले दो साल से पानी मिल रहा है। लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। इसके अलावा कई गांवों में बिजली का बड़ा संकट है।
ग्वालियर। मेट्रोपोलिटन सिटी । कमलनाथ सरकार में भोपाल इंदौर के साथ ग्वालियर को मेट्रोपोलिटन सिटी बनाने की घोषणा हुई थी। प्रशासनिक टीम ने बैंगलुरु जाकर सर्वे भी किया था लेकिन कांग्रेस सरकार जाने के बाद इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं बढ़ी। उपचुनाव में भाजपा या कांग्रेस के नेता कोई भी इस पर कुछ नहीं बोल रहे। स्वर्ण रेखा नदी । हनुमान बांध से जलालपुर तक स्वर्ण रेखा नदी पर कमलनाथ सरकार के वक्त एलिवेटेड रोड प्रस्तावित की गई थी। 22 अगस्त को ग्वालियर में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की मांग पर इसे पूरा कराने की घोषणा की थी। उपचुनाव में इस पर कोई बात नहीं हो रही। चंबल प्रोजेक्ट: चंबल नदी से ग्वालियर तक पानी लाने के लिए 2018 में एनसीआर बोर्ड ने लोन की स्वीकृति दे दी थी। लेकिन वाइल्ड लाइफ व अन्य विभागों की एनओसी न आ पाने के कारण इस पर काम शुरू नहीं हो सका। कोई भी पार्टी इस मुद्दे को लेकर बात नहीं कर रही है।             


स्वास्थ्य मंत्री का अनोखा बयान आया सामने

स्वास्थ्य मंत्री का अनोखा बयान आया सामने, कहा भगवान की पूजा के लिए पंडालों में जाने की क्या जरूरत।


नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का अनोखा बयान सामने आया है। कोरोना को लेकर दिए बयान को लेकर जमकर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म में में कोई भी धर्माचार्य यह नहीं कहते हैं। कि लोगों के जीवन को खतरे में डालकर त्योहार मनाने चाहिए और कोई भी भगवान यह नहीं कहते कि उनकी पूजा के लिए आपको बड़े-बड़े पूजा पंडालों में जाने की जरूरत है। इस वक्त कोरोना के खिलाफ लड़ाई ही पूरी दुनिया के लिए सर्वोपरि धर्म है। डॉ हर्षवर्धन ने संडे संवाद में त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के पालन सुनिश्चित करने के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि त्योहारों के मौसम में कोरोना के संक्रमण का खतरा निश्चित रूप से अधिक है। और इसे लेकर हम सब चिंतित हैं।
दो गज की दूरी का रखें ध्यान। हर्षवर्धन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं त्योहारों को मौसम को देखते हुए जन आंदोलन की शुरूआत की है। अगर इस जन आंदोलन में हम और आप सब अपनी भागीदारी दें तो निश्चित रूप से हमने त्योहारों को लेकर जो दिशा निर्देश जारी किये हैं। वे खुद ब खुद जनता तक पहुंच जायेंगे। इस जन आंदोलन में प्रधानमंत्री ने कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने को कहा है। विशेषकर सार्वजनिक स्थलों पर सदैव मास्क पहनने और दूसरों से कम से कम दो गज की दूरी रखने की आवश्यकता है।
मेरा धर्म जिंदगी बचाना है। हर्षवर्धन
हर्षवर्धन ने कहा कि देश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में लोगों के प्राणों की रक्षा करना मेरा पहला धर्म है। त्योहार आते- जाते रहेंगे। एक व्यक्ति के रूप में और देश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मेरा धर्म लोगों की रक्षा करना जिंदगी बचाना है। मेरा धर्म जिंदगी को बर्बाद करना नहीं है। कोई धर्म या भगवान ये नहीं कहते हैं। कि त्योहारों को आडंबरपूर्ण तरीके से मनाने के लिए और प्रार्थना के लिए पंडाल में या मंदिर में या मस्जिद में जाने की जरूरत है। यह असाधारण समय है। और इसका निदान भी असाधारण ही होना चाहिए।                 


बिजली आपूर्ति बंद, ट्रेनों में फंसे लाखों यात्री

ग्रिड ठप्प होने से मुंबई में बिजली आपूर्ति बंद लोकल ट्रेनों में फंसे लाखों यात्री।


मुंबई। मुंबई के कुछ हिस्सों में पावर कट से लोकल से यात्रा करना वाले लाखों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई सहित अन्य हिस्सों में आज बिजली गुल हो गई। इससे मुंबई लोकल की रफ्तार भी थम सी गई। चर्चगेट से वसई रेलवे स्टेशन के बीच पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेनें ग्रिड फेल होने के कारण बंद हो गई हैं। महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी 400KV कलवा-पडगा एमआईएस सेंटर में रखरखाव का काम कर रही है। राउत ने कहा जब मुंबई और ठाणे क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति को प्रभावित करने का काम चल रहा था। तब तकनीकी गड़बड़ी हुई थी। उन्होंने कहा कि आपूर्ति 45 मिनट में बहाल होने की उम्मीद है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मुंबई को बिजली की आपूर्ति करने वाले लाइनों और ट्रांसफार्मर (कलावा-पद्घे और खार्गर आईसीटी) सिस्टम में ट्रिपिंग हुई है। इससे मुंबई और उपनगरों में आपूर्ति प्रभावित हो गई है। एक अधिकारी ने कहा है। कि बहाली की प्रक्रिया चल रही है। सूत्रों ने कहा है। कि टाटा पावर की बिजली आपूर्ति में खराबी के कारण शहर में बिजली की आपूर्ति बाधित है।             


देश में कोरोना संक्रमित 71 लाख पार

देश में कोरोना का आंकड़ा 71 लाख के पार, पिछले 24 घंटों में 77,559 कोरोना मरीज मिले।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के मामले 71 लाख से अधिक हो चुके हैं। हालांकि नये मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है और अब तक 61 लाख से ज्यादा लोग कोरोनामुक्त हो चुके हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 77,559 कोरोना संक्रमितों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दे दी गयी। देश में अब तक 61,49,535 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। इसी अवधि में 66,732 लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद संक्रमण का आंकड़ा 71,20,538 हो गया।
पिछले 24 घंटों के दौरान 816 संक्रमित अपनी जान गंवा बैठे और इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1,09,150 हो गयी है। कोरोना संक्रमण के नये मामलों में कमी आने के कारण सक्रिय मामले 5643 घटकर 8,61,853 हो गये। देश में अभी सक्रिय मामलों का प्रतिशत 12.10 और रोगमुक्त होने वालों की दर 86.36 प्रतिशत है जबकि मृत्यु दर 1.53 फीसदी रह गयी है। कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मामले 22बढ़कर 2,21,637 रह गये हैं जबकि 309 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 40,349 हो गयी है।
इस दौरान 10,461 लोग संक्रमणमुक्त हुए जिससे स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढ़कर 12,66,240 हो गयी। दक्षिणी राज्य कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान मरीजों की संख्या में 659 की कमी आयी और अब 1,20,289 सक्रिय मामले हैं। राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 9966 पर पहुंच गया है तथा अब तक 5,80,054 लोग स्वस्थ हुए हैं। आंध्र प्रदेश में इस दौरान मरीजों की संख्या 329 कम होने से सक्रिय मामले 46,295 रह गये। राज्य में अब तक 6224 लोगों की मौत हुई है। वहीं कुल 7,03,208 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में इस दौरान 191 मरीज कम हुए हैं जिससे सक्रिय मामले 40,019 हो गये हैं तथा इस महामारी से 6394 लोगों की मौत हुई है जबकि 3,90,566 मरीज ठीक हुए हैं।
तमिलनाडु में सक्रिय मामलों की संख्या 44,095 हो गयी है तथा 10,252 लोगाें की मौत हुई है। वहीं राज्य में अब तक 6,02,038 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
केरल में सक्रिय मामले 96,401 हो गये तथा 1003 लोगों की मौत हुई है जबकि स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढ़कर 1,91,798 हो गयी है। ओडिशा में सक्रिय मामले 23,602 हो गये हैं और 1022 लोगों की मौत हुई है जबकि रोगमुक्त लोगों की संख्या 2,27,615 हो गयी है।
राजधानी दिल्ली में इस दौरान सक्रिय मामले 306 कम होने से यह संख्या 21,701 हो गयी है। वहीं संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या 5769 हो गयी है तथा अब तक 2,81,869 मरीज रोगमुक्त हुए हैं। तेलंगाना में कोरोना के 24,514 सक्रिय मामले हैं और 1228 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1,87,342 लोग इस महामारी से ठीक हुए है। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के 30,236 सक्रिय मामले हैं तथा 5622 लोगों की मौत हुई है, वहीं अब तक 2,58,948 लोग स्वस्थ हुए हैं।
पंजाब में सक्रिय मामलों की संख्या 9275 हो गयी है तथा संक्रमण से निजात पाने वालों की संख्या बढ़कर 1,10,865 गयी है जबकि अब तक 3833 लोगों की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश में सक्रिय मामलों की संख्या 15,177 है तथा 1,29,019 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 2624 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। गुजरात में सक्रिय मामले 15,695 हैं तथा 3566 लोगों की मौत हुई है और 1,32,173 लोग इस बीमारी से स्वस्थ भी हुए हैं। बिहार में सक्रिय मामले 11,044 हो गये हैं। राज्य में 946 लोगों की मौत हुई है जबकि 1,84,541 लोग संक्रमणमुक्त भी हुए हैं।
कोरोना महामारी से अब तक राजस्थान में 1650, हरियाणा में 1579, जम्मू-कश्मीर में 1322, छत्तीसगढ़ में 1253, असम में 816, झारखंड में 787, उत्तराखंड में 747, पुड्डुचेरी में 563, गोवा में 507, त्रिपुरा में 316, हिमाचल प्रदेश में 250, चंडीगढ़ में 191, मणिपुर में 91, लद्दाख में 64, मेघालय में 63, अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 55, सिक्किम में 55, अरुणाचल प्रदेश में 24, नागालैंड में 17 तथा दादर-नागर हवेली एवं दमन-दीव में दो लोगों की मौत हुई है।


मिशन के तहत सीमा विवाद पैदा किया गया

चीन एक मिशन के तहत पैदा कर रहा है सीमा विवाद: 'राजनाथ'


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि पाकिस्तान के बाद अब चीन भी सीमा पर एक मिशन के तहत विवाद पैदा कर रहा है लेकिन देश इस संकट का दृढ़ता के साथ सामना कर रहा है। राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा सात राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में बनाये गये 44 पुलों का वीडियों कांफ्रेन्स के माध्यम से सोमवार को उद्घाटन किया और अरुणांचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग के काम का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश हर क्षेत्र में कोविड 19 के कारण उपजी अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है। वह चाहे कृषि हो या अर्थव्यवस्था, उद्योग हों या सुरक्षा व्यवस्था। सभी इससे गहरे प्रभावित हुए हैं। इस विकट समय में पाकिस्तान के बाद चीन द्वारा सीमा पर एक मिशन के तहत विवाद पैदा किया जा रहा है। उन्होंने कहा , “हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमा पर पैदा की गयी स्थितियों से आप भली-भांति अवगत हैं। पहले पाकिस्तान और अब चीन के द्वारा मानो एक मिशन के तहत सीमा पर विवाद पैदा किया जा रहा है। इन देशों के साथ हमारी लगभग 7 हजार किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहाँ आए दिन तनाव बना रहता है।” उन्होंने कहा कि समस्याओं के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल, और दूरदर्शी नेतृत्व में यह देश, न केवल इन संकटों का दृढ़ता से सामना कर रहा है, बल्कि सभी क्षेत्रों में बड़े और ऐतिहासिक बदलाव भी ला रहा है।                     


सुनवाई के लिए लखनऊ पहुंचा पीड़ित परिवार

हाथरस मामले में सुनवाई के लिए लखनऊ पहुंचा पीड़िता का परिवार।


लखनऊ। हाथरस केस में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होनी है। इसके लिए हाथरस पीड़िता का परिवार लखनऊ पहुंच गया है। पीड़िता के माता-पिता, दो भाई और एक भाभी को उत्तराखंड भवन में ठहराया गया है। पीड़ित परिवार की सुरक्षा में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। उत्तराखंड भवन जाने वाले सभी रास्तों को फिलहाल बंद कर दिया गया है। कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार सुबह हाथरस पीड़िता के परिजन राजधानी लखनऊ के लिए रवाना हुए थे। हाथरस डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार, एसडीएम अंजलि गंगवार और एसपी भी उनके साथ लखनऊ पहुंचे हैं।
हाथरस मामले की सुनवाई दोपहर 2.15 बजे शुरू होगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के जज न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने हाथरस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार, हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार और एसपी हाथरस कोर्ट में मौजूद रहेंगे। विनोद शाही यूपी सरकार का पक्ष रखेंगे। पीड़ित पक्ष की ओर से परिवार के पांच सदस्य कोर्ट रूम में मौजूद रहेंगे।             


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...