मंगलवार, 29 सितंबर 2020

हाथरस की बेटी हार गई जिंदगी की जंग

हाथरस के बेटी हार गई जिंदगी की जंग, एम्स में तोड़ा दम।


लखनऊ। पिछले 15 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हाथरस गैंगरेप पीड़िता आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। चार हैवानों ने 19 साल की महिला से गैंगरेप करने के बाद उनकी जीभ काट दी थी। इसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता को पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था। बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए दिल्‍ली स्थित सफदरजंग अस्‍पताल रेफर कर दिया गया था।
मंगलवार सुबह गैंगरेप पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इससे पहले आरोपियों ने महिला की गला घोट कर हत्‍या करने की भी कोशिश की थी। इस दौरान पीड़िता ने खुद को बचाने की जीतोड़ कोशिश की थी। इस पर आरोपियों ने उनकी जीभ तक काट दी थी। इस घटना में वह बुरी तरह जख्‍मी हो गई थीं। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्‍हें अलीगढ़ से दिल्‍ली लाया गया। एम्‍स में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन डॉक्‍टर गैंगरेप पीड़िता को बचा नहीं सके।
दिल्‍ली एम्‍स रेफर किए जाने से पहले जेएनएमसी के सुपरिंटेंडेंट डॉक्‍टर हैरिस मंजूर खान ने न्‍यूज एजेंसी पीटीआई बताया था कि गैंगरेप पीड़िता वेंटिलेटर पर है। अस्‍पताल के प्रवक्‍ता ने बताया था कि विक्टिम के दोनों पैर लकवाग्रस्‍त हो गए थे। इसके अलावा उनका एक हाथ भी आंशिक तौर पर पारालाइज्‍ड हो गया था। पीड़िता की गंभीर हालत को देखते हुए परिजनों ने बेहतर इलाज के लिए दिल्‍ली में दिखाने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी, जिसके बाद गैंगरेप विक्टिम को एम्‍स रेफर कर दिया गया था जहां उनकी मौत हो गई।
बता दें कि हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र के एक गांव में अपनी मां के साथ खेत पर चारा लेने के लिए गई युवती के साथ गांव के ही दबंगों ने पहले तो दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। उसके बाद उसे जान से मारने की कोशिश की, लेकिन युवती के चीखने-चिल्लाने से मौके पर ग्रामीणों को आता देख दबंग वहां से फरार हो गए। इसके बाद पीड़ित युवती के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल युवती को अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
इससे पहले हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर  ने बताया था कि 14 सितंबर को हुये इस सामूहिक दुष्कर्म के मामले में चारों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि गांव में दबंग लोगों ने उन्नाव जैसी जघन्य घटना को दोहराने की बात करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी।                 


ट्रेनिंग देने के लिए मजबूर पूर्व 'हॉकी स्टार'

भोपाल: पूर्व हॉकी स्टार मीर रंजन नेगी फुटपाथ पर ट्रेनिंग देने के लिए मजबूर, सरकार से मांगा एक मैदान।


भोपाल। बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘चक दे इंडिया’ किसे याद नहीं होगी। ये फिल्म एक हॉकी कोच के जज्बे और उसके समर्पण की दास्तान थी। उस फिल्म के रियल लाइफ हीरो और पूर्व भारतीय हॉकी कोच मीर रंजन नेगी अब एक नए मोर्चे पर जूझ रहे हैं। वो इंदौर में हॉकी की नई पौध को मैदान दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सपना है कि हॉकी में देश को गोल्ड मेडल मिले और सुविधाओं का आलम ये है कि हॉकी की नई पौध को तैयार करने के लिए मैदान नहीं, बल्कि फुटपाथ मिला है।जिनकी जिंदगी पर बनी फिल्म चक दे इंडिया देश की सबसे सुपरहिट स्पोर्ट्स फिल्म साबित हुई। जिसमें मीर रंजन नेगी का किरदार बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार शाहरुख खान ने निभाया था।
इंदौर नगर निगम ने खेल का मैदान ही छीन लिया।
इस तरह सख्त और सीमेंटेड सतह पर हॉकी की नई नस्ल तैयार करना मीर रंजन नेगी की चॉइस नहीं, मजबूरी है। मजबूरी इसलिए क्योंकि इंदौर नगर निगम प्रशासन ने इनका खेल का मैदान ही छीन लिया। इस पर मीर रंजन नेगी ने कहा, ”हम स्टेडियम नहीं चाहते,एक मैदान चाहते हैं।जिसमें तारबाड़ हो बस। हॉकी ने मुझे बहुत कुछ दिया। मैं विश्वास दिलाता हूं मैं यहां से अंतर्राष्टरीय खिलाड़ी दूंगा.”
मीर रंजन नेगी दो साल पहले मुंबई छोड़कर सिर्फ इसलिए आए थे ताकि वो अपनी कर्मभूमि इंदौर में हॉकी की नई नस्ल तैयार कर सकें। ऐसा वो कर भी रहे हैं लेकिन बिना मैदान के, जबकि फुटपाथ पर हॉकी की ट्रेनिंग के खतरे भी हैं। स्टेडियम जब मिलेगा, तब मिलेगा। मीर रंजन नेगी के सामने ये एक नया चैलेंज है, उनके ऊपर सीमेंट कंकरीट वाली सतह पर चैम्पियन तैयार करने का जिम्मा है।             


गुस्से में तोड़ा विवादित ढाचा, आएगा फैसला

अयोध्या में विवादित ढांचा साजिशन गिराया गया या कारसेवकों के गुस्से में तोड़ा गया? कल आएगा फैसला।


अयोध्या। 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में लखनऊ की सीबीआई अदालत कल फैसला सुनाने वाली है। इस मामले में बीजेपी के कई दिग्गज नेता आरोपी हैं। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय और साध्वी ऋतम्भरा। ये वो बड़े चेहरे हैं जिनपर कल अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस मामले में फैसला आने वाला है।
ये फैसला ऐसे समय में आने जा रहा है जब सुप्रीम कोर्ट से राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला आ चुका है और राम मंदिर निर्माण का काम भी शुरू हो चुका है। सीबीआई अदालत तय करेगी कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा साजिशन गिराया गया था या कारसेवकों के गुस्से में ढांचा तोड़ा गया।
इस मामले में कुल 49 आरोपी थे जिनमें 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बाकी बचे 32 मुख्य आरोपियों पर फैसला आएगा। कोर्ट ने सभी आरोपियों को फैसले के दिन व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा है। हालांकि कोरोना की वजह से उम्रदराज और बीमार आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट मिलने की संभावना है।
क्या है पूरा मामला।
साल 1992 में 6 दिसंबर के दिन रामजन्मभूमि परिसर में कारसेवा की इजाजत सुप्रीम कोर्ट से मांगी गई थी।कहा गया कि रामभक्त अयोध्या में सरयू का जल और एक मुट्ठी मिट्टी राम चबूतरे पर चढ़ाएंगे। तत्कालीन बीजेपी सरकार ने कोर्ट में हलफनामा देकर दावा किया था कि कार सेवक सिर्फ कारसेवा करके लौट जाएंगे। लेकिन लाखों की संख्या में इकट्ठा रामभक्तों ने विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया। ढांचा गिराए जाने के बाद तत्कालीन कल्याण सिंह की सरकार ने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया। बाद में सरकार ने ढांचा गिराए जाने के मामले में जांच का आदेश दिया।
इस मामले की पहले सीआईडी ने जांच शुरू की लेकिन बाद में ये पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले पर कोर्ट के फैसले से पहले उमा भारती ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वो जेल जाने को तैयार हैं लेकिन इस मामले में जमानत नहीं लेंगी।                 


कोरोनाः बस्ती में 13 नए संक्रमित मिलें

27 ने कोरोना से जीती जंग,13 नए मिले पॉजिटिव।


बस्ती। सोमवार को एक तरफ 27 संक्रमितों ने कोरोना से जंग जीतकर घर पहुंचे तो दूसरी तरफ बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर से जारी की गई 1830 की जांच रिपोर्ट में 1817 निगेटिव जबकि 13 नए पॉजिटिव पाए गए। इसी के साथ जिले में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3483 हो गई है। अब तक 3066 स्वस्थ हो चुके हैं।
कोरोना से मरने वालों की संख्या 70 है। सीएमओ डा. एके गुप्ता ने बताया कि मुसहा के बेलसड़, कंपनीबाग, बस्ती सदर, नकटीदेई बुजुर्ग, देवखर दुबौलिया, खटरुआ केशवपुर, कैनपुरा, हवेलीखास, पिकौरा भट्ट नंदनगर में तीन लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। पिकौरा काजी व उसका वाल्टरगंज में एक-एक संक्रमित पाए गए हैं। सक्रिय मरीजों की संख्या 347 हो गई है। सीएमओ ने बताया कि जो मरीज मिले हैं, उन्हें मेडिकल कालेज बस्ती, मुंडेरवा व परशुरामपुर तथा रुधौली में बने कोविड-19 अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है। कुछ मरीजों की सहमति पर होम आइसोलेट में रखा गया है। बताया कि 1031 लोगों की रिपोर्ट प्रतीक्षारत है। अब तक एक लाख 13 हजार 938 सैंपल लिए जा चुके हैं। अब तक एक लाख नौ हजार 424 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सोमवार को शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की जांच एंटीजन टेस्ट किट से टीम द्वारा की गई।             


देवर ने भाभियों पर लगाया शोषण का आरोप

देवर ने भाभियों पर लगाया यौन शोषण का आरोप, कहा- भाई के काम पर जाने के बाद अश्लील वीडियों दिखाकर दी जाती है धमकी, कोर्ट पहुंचा मामला।


अलीगढ़। देवर और भाभी का रिश्ता दुनिया के खुबसूरत रिश्तों में से एक है । यह रिश्ता कहीं मां- बच्चों का रुप ले लेता है तो कहीं भाई और बहन का। लेकिन उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक अलग ही मामला सामने आया है। जहां देवर ने अपनी भाभियों पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। युवक ने अपनी दोनों भाभियों पर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने आरोपी भाभियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।
आरोप है कि उसकी दोनों भाभियों ने उसके साथ जबरदस्ती की है। अश्लील वीडियो दिखाकर और मारपीट के बाद उसको संबंध बनाने के लिए मजबूर किया है। पीड़ित युवक ने एसएसपी से शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही पुलिस द्वारा सुनवाई न होने पर कोर्ट की शरण भी ली है। वहीं न्यायालय ने पुलिस को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
पीड़ित युवक ने कहा है कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है। उसके दोनों भाइयों की शादी पास ही के क्षेत्र में हुई है। उसके दोनों भाई चाट की ठेला लगाने का काम करते हैं। दोनों भाई काम पर चले जाते हैं तो दोनों भाभी युवक के साथ गैर वाजिब हरकतें करती हैं। मारपीट के साथ ही बदनाम करने की भी धमकी देती है , और उस पर संबंध बनाने के लिए दबाव डालती हैं।
लगातार उत्पीड़न से परेशान होकर उसने एक बार आत्महत्या करने का भी प्रयास किया। लेकिन आरोपी भाभियां उसे घर पर ले आईं। अपने साथ हो रहे उत्पीड़न के विषय में अगर वह किसी को बताता है तो लोग उसका ही मजाक उड़ाते हैं। पूरे मामले को लेकर पीड़ित युवक ने अब अदालत से गुहार लगाई है, जिसके बाद अदालत ने स्थानीय पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।              


कलयुगी बेटे ने पिता की हत्या की

कलयुगी बेटे ने की पिता की निर्मम हत्या,कारण अज्ञात, आरोपी बेटा फरार तलाश में जुटी पुलिस।


धमतरी / छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के मगरलोड थाना क्षेत्र के अमलिडिहि गांव में एक पुत्र ने अपने ही पिता पर कुदाली से सिर और कान में ताबड़तोड़ वार कर दिया | इसमें पिता गंभीर रूप से लहूलुहान होकर घायल हो गया | जिसे 108 की मदद से इलाज के लिए शासकीय अस्पताल मगरलोड ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। हालांकि अभी मौत का स्पष्ट नहीं हो सका | सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच कर रही है | वही घटना के बाद से आरोपी बेटा फरार हो गया है | जिसकी खोजबीन में पुलिस जुटी है |
मगरलोड पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह 7.30 बजे ग्राम अमलीडीह निवासी चंदू राम निषाद पिता केजू राम निषाद उम्र 50 वर्ष अपने घर के आंगन में बैठा था ।उसकी पत्नी व बेटी सब्जी सुधार रही थी। उसका बड़ा पुत्र रोशन निषाद उम्र 23 वर्ष आया और अचानक अपने पिता चंदू राम के सिर व कान पर कुदाली से वार कर फरार हो गया। उसकी पत्नी व बेटी की चीख पुकार रोने की आवाज सुनकर पड़ोसी पहुँचे । चंदू राम लहूलुहान घायल अवस्था में पड़ा था । जिसे संजीवनी 108 वाहन से ईलाज के लिए शासकीय अस्पताल मगरलोड लाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस हत्या का मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है। अभी तक आरोपी पुत्र पुलिस के गिरफ्त से बाहर है ।              


कर्ज में डूबे कर्मचारी ने की आत्महत्या

कर्ज में डूबे श्रीराम पिस्टन के कर्मचारी ने की आत्महत्या, परिजनों का कहना है हुई हत्या।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद में सिहानी गेट कोतवाली क्षेत्र के मेरठ रोड पर स्थित प्रसिद्ध कंपनी श्रीराम पिस्टन में कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों का कंपनी अधिकारियों से लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। उधर साथी की मौत के बाद कर्मचारियों ने कंपनी में हंगामा खड़ा कर दिया। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन कर हंगामा कर रहे कर्मचारियों को शांत कराया।
पुलिस का कहना है कि कर्ज में डूबने की वजह से कर्मचारी ने मौत को गले लगाया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं पत्नी ने हत्या का आरोप लगाया है। मूलरूप से जिला जौनपुर के ग्राम बागबड का रहने वाला 40 वर्षीय गिरीश पुत्र इंद्रजीत यहां घूकना में पत्नी और बच्चों के साथ किराए पर रहता था। वह श्रीराम पिस्टन के पिन प्लांट में कर्मचारी था।
बताया गया है कि मंगलवार को गिरीश की सुबह 6 बजे से ड्यूटी थी। इसी दौरान गिरीश ने कंपनी में पंखे से लटककर फांसी लगा ली। कर्मचारियों ने गिरीश का शव पंखे से लटका हुआ देखा तो उनमें अफरा-तफरी मच गई और उन्होंने इसकी जानकारी कंपनी अधिकारियों को देते हुए साथी की मौत पर हंगामा खड़ा कर दिया।
बताया गया है कि कर्मचारियों का प्रतिवर्ष होने वाला एग्रीमेंट नहीं हुआ था। जिसे कराने को लेकर कर्मचारियों और कंपनी अधिकारियों में ठनी हुई थी। यही कारण रहा कि गिरीश ने आत्महत्या कर ली, हालांकि कंपनी अधिकारियों ने ऐसी किसी बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि कर्मचारियों और उनके बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं था। उधर कंपनी में कर्मचारी द्वारा आत्महत्या किए जाने एवं हंगामे की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की। कोतवाल कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि छानबीन में पता चला है कि गिरीश पर काफी लोन था। जिसकी वजह से वह दुखी था। यही कारण रहा कि उसने आत्महत्या कर ली। उधर गिरीश की मौत के बाद उसके परिजनों में कोहराम मचा है।             


सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाला अरेस्ट

सीएम योगी की पोस्ट से छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर डालने वाला गिरफ्तार।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद में सिहानी गेट थाना क्षेत्र के हिंडन विहार में यूपी के मुख्यमंत्री की फोटो के साथ छेड़छाड़ करके उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले आरोपी को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
सीएम योगी की फोटो के साथ छेड़छाड़ करने के बाद आरोपी ने उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। जिसके बाद सिहानी गेट थाने पर हिंदू युवा वाहिनी की शिकायत पर इस मुकदमे को दर्ज किया गया। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने वहां से भागने की कोशिश की लेकिन आरोपी नाकामयाब रहा।
अभद्र टिप्पणी करने वालों पर लगातार शिकंजा।
बता दें कि इससे पहले भी गणमान्य लोगों की फोटो में सॉफ्टवेयर के माध्यम से छेड़छाड़ करके उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का मामला सामने आया था। इस मामले में कवि नगर में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन ऐसे आरोपियों पर पुलिस की नजर पूरी तरह से है।


सितारों को ड्रग सप्लाई करती थी रिया 'चक्रवर्ती'

फिल्मी सितारों को ड्रग सप्लाई करती थी रिया चक्रवर्ती, एनसीबी ने कोर्ट में किया खुलासा।


लखनऊ। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बॉम्बे हाई कोर्ट में रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक चक्रवर्ती की जमानत का विरोध करते सोमवार को कहा है कि ये ड्रग सिंडिकेट के एक्टिव मेंबर हैं। एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि रिया ने ड्रग तस्करी को फाइनेंस किया। वॉट्सऐप चैट, मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड डिस्क से निकाले गए रिकॉर्ड बताते हैं कि रिया चक्रवर्ती ना केवल लगातार इसका सौदा करती थीं, बल्कि इस अवैध कारोबार को फाइनेंस भी करती थीं।
एनसीबी ने एफिडेविट में यह भी कहा है कि यह जानते हुए भी कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग ले रहे हैं, रिया ने इसमें उनका साथ दिया और छिपाया। एनसीबी ने कहा, ”यदि पूरे परिदृश्य को देखें तो मौजूदा आवदेक (रिया) ने यह जानते हुए कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स ले रहे हैं, उन्होंने इसे प्रश्रय दिया। मौजूदा आवेदक ने उपने घर में ड्रग्स को स्टोर किया और सुशांत सिंह राजपूत को भी देती थी।”
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि रिया हाई सोसायटी पर्सनैलिटीज के लिए ड्रग डिलीवरी से जुड़ी हुई थीं। एनसीबी ने कहा, ”वह हाई सोसायटी पर्सनैलिटीज से जुड़े ड्रग सिंडिकेट की एक्टिव मेंबर हैं। इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि वह ड्रग्स तस्करी में शामिल थीं। रिया चक्रवर्ती ड्रग डिलीवरी करतीं थीं और क्रेडिड कार्ड, कैश और पेमेंट गेटवे के जरिए पेमेंट करती थीं।” 
आपको बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत केस में उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को ड्रग्स केस में एनसीबी ने गिरफ्तार किया था। अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती पिछले काफी दिनों से मुंबई की भायखला जेल में बंद हैं। मुंबई की विशेष अदालत ने उन्हें 6 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है।  सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने घर में मृत मिले थे।               


निजीकरण के खिलाफ निकाला जुलूस

प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ विद्युतकर्मियों ने निकाला मशाल जुलूस।


अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में मशाल जुलूस निकाल कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले किया गया।  बिजलीकर्मियों का मशाल जुलूस मुख्य अभियंता कार्यालय से शुरू होकर कविनगर रामलीला मैदान में समाप्त हुआ। प्रदर्शन के दौरान बिजली कर्मियों ने केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बिजली कर्मियों का कहना था कि सरकार की मंशा पूर्वांचल विद्युत वितरण लिमिटेड का निजीकरण करना है। बिजली कर्मचारी सरकार की इस मंशा को कभी भी पूरा नहीं होने देंगे। कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा निजीकरण किया जा रहा है। निजीकरण उपभोक्ताओं के हित में नहीं है, इससे बिजली उपभोक्ताओं को काफी नुकसान होगा। इससे डिप्लोमा और इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के भविष्य भी अंधकार में चला जाएगा।
बिजली कर्मियों का कहना था कि सरकार अगर उनकी मांगे नहीं मानती है, तो इसके खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन होगा। केंद्रीय नेतृत्व ने 5 अक्टूबर से विद्युत सप्लाई पूरी तरह से बंद करने की तैयारी कर ली है। बिजली विभाग से संबंधित तमाम अधिकारी और कर्मचारियों के परिवार वाले भी इस लड़ाई में उनके साथ सड़कों पर उतरेंगे।             


पॉलिसी धारकों को मिलेंगे नए अधिकार

1 अक्तूबर से बदल रहे हैं स्वास्थ्य बीमा से संबन्धित नियम, पॉलिसी धारकों को मिलेंगे नए अधिकार।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। 1 अक्टूबर के बाद पॉलिसी धारक को नए अधिकार मिलने वाले है। अगर आपने लगातार 8 साल तक अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम भरा है तो कंपनी किसी भी कमी के आधार पर क्लेम रिजेक्ट नहीं कर पाएगी। हेल्थ कवर में ज्यादा से ज्यादा बीमारियों के लिए इलाज का क्लेम मिलेगा। हालांकि, इसका असर प्रीमियम की दरों में इजाफे के तौर पर भी दिख सकता है।
पहली बार मिलेंगे ये अधिकार-
एक से ज्यादा कंपनी की पॉलिसी होने पर ग्राहक के पास क्लेम चुनने का अधिकार होगा। एक पॉलिसी की सीमा के बाद बाकी का क्लेम दूसरी कंपनी से मुमकिन हो सकेगा। डिडक्शन हुए क्लेम को भी दूसरी कंपनी से लेने का अधिकार होगा।  30 दिन में क्लेम स्वीकार या रिजेक्ट जरूरी है। एक कंपनी के प्रोडक्ट में माइग्रेशन तो पुराना वेटिंग पीरियड जुड़ेगा। टेलीमेडिसिन का खर्च भी क्लेम का हिस्सा होगा।
टेलीमेडिसिन को बढ़ावा
इलाज के पहले और बाद टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल पॉलिसी में शामिल होगा। ओपीडी कवरेज वाली पॉलिसी में टेलीमेडिसिन का पूरा खर्च मिलेगा। डॉक्टर मरीजों को टेलीमेडिसिन के इस्तेमाल की सलाह दे सकेंगे। इसके लिए उन्हें बीमा कंपनियों को मंजूरी नहीं लेनी, सालाना सीमा का नियम लागू होगा।
कवरेज का दायरा बढ़ा।
बीमारियों के कवरेज का दायरा बढ़ेगा। सभी कंपनियों में कवर के बाहर वाली स्थाई बीमारियां समान होंगी। कवर के बाहर वाली स्थाई बीमारियों की संख्या घटकर 17 रह जाएगी। अभी किसी पॉलिसी में एक्सक्लूजन 10 हैं तो 17 होने पर प्रीमियम घटेगा। मानसिक, जेनेटिक बीमारी, न्यूरो संबंधी विकार जैसी गंभीर बीमारियों का कवर मिलेगा। न्यूरो डिसऑर्डर, ऑरल केमोथेरेपी, रोबोटिक सर्ज़री, स्टेम सेल थेरेपी का भी कवर शामिल।
प्री एग्जीस्टिंग बीमारियों की शर्ते बदलीं।
पहले से बीमारी वाली शर्तों को लेकर नियम बदलें- पॉलिसी जारी होने के तीन महीने के भीतर लक्षण पर प्री-एग्जिस्टिंग बीमारी माना जाएगा। 8 साल तक प्रीमियम के बाद क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा। 8 साल पूरे होने के बाद पॉलिसी को लेकर कोई पुनर्विचार लागू नहीं होगा। 8 साल तक रीन्युअल तो गलत जानकारी का बहाना नहीं चलेगा।
इंप्लांट और डायग्नोस्टिक का पूरा क्लेम मिलेगा।
फार्मेसी, इंप्लांट और डायग्नोस्टिक से जुड़ा पूरा खर्च क्लेम में मिलेगा। एसोसिएट मेडिकल खर्च बढ़ने से क्लेम राशि में कटौती होती है। तय सीमा से ज्यादा रुम पैकेज में एसोसिएट मेडिकल खर्च पर क्लेम कटौती होती है। क्लेम में आईसीयू के भी अनुपात में कटौती नहीं होगी।             


दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...