शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

राहुल-प्रियंका ने किया सरकार पर हमला

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद के मानसून सत्र में पारित कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर शुक्रवार को मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा इस कानून के जरिए किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने की व्यवस्था की गई है।


राहुल गांधी ने इस कानून के विरोध में भारत बंद को सफल बनाने की लोगों से अपील की और सरकार पर हमला करते हुए कहा “दोषपूर्ण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बर्बाद कर दिया है। नया कृषि कानून किसानों को गुलाम बना देगा।” इसके साथ ही राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारत बंद के लिए भी लोगों से समर्थन देने का आग्रह किया। प्रियंका गांधी ने कहा ” किसानों से एमएसपी छीन ली जाएगी। उन्हें कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा। न दाम मिलेगा, न सम्मान। किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा। भाजपा का कृषि बिल ईस्ट इंडिया कम्पनी राज की याद दिलाता है। हम ये अन्याय नहीं होने देंगे।”             


केरल को 'संयुक्त राष्ट्र' करेगा पुरस्कृत

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से गैर संक्रामक रोगों के नियंत्रण के लिए पुरस्कार की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र अंतर टास्क फोर्स की ओर से दिया जा रहा हैै। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेबियस ने इस अवॉर्ड की घोषणा करते हुए भारत के राज्य केरल को इस पुरस्कार के लिए चुना है। गैर संक्रामक रोगों के नियंत्रण और रोकथाम के लिए लगातार काम करने के लिए केरल को संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार के लिए चुना गया है। संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार के लिए चुने जाने पर केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा का कहना है कि ‘यह पुरस्कार स्वास्थ्य क्षेत्र में केरल की अथक सेवा की मान्यता है। स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने एक बयान में कहा “राज्य सरकार ने बीमारियों के इलाज के लिए सभी स्तरों पर अस्पतालों में बुनियादी सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों से सुविधाओं की व्यवस्था की है। हम COVID-19 संक्रमण के दौरान मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सक्षम थे क्योंकि हम एनसीडी पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम थे।


सोने की कीमत में जबरदस्त गिरावट आई

सोना खरीदने वालों के लिए अच्छी खबर! कीमतों में आई जबरदस्त गिरावट जानें नई कीमत।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। सोने के जेवरात खरीदने वालों के लिए एक बड़ी खबर है। सोने के दाम में लगातार गिरावट की वजह से महीनों के बाद सोना एक बार फिर से 50 हजार रुपये के नीचे आ चुका है। स्पॉट गोल्ड की कीमतों में गुरुवार को गिरावट देखने को मिली फेस्टिव सीजन से ठीक पहले महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता और बढ़ती बेरोजागरी से पीली धातु के दाम में कमी देखने को मिल रही है। मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर गुरुवार को सोना 613 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता होकर 49,638 रुपये के स्तर पर आ गया है। दुनियाभर में सोने की मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। सोने की सबसे ज्यादा खपत चीन में होती है।वायदा बाजार में भी अक्टूबर के लिए सोने के भाव में गिरावट दर्ज की गई  यह 0.45 फीसदी लुढ़ककर 49,293 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। बीते चार दिन में सोने के दाम में करीब 2,500 रुपये प्रति 10 ग्राम की कमी आई है।
इस एक्ट्रेस को सता रहा जान का खतरा कहा मैं छत से लटकी हुई पाई गई तो डॉलर में मजबूती का असर
पिछले महीने ही सोने का भाव उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। इस बीच हालिया गिरावट से अलग अधिकतर एनलिस्ट्स व ट्रेडर्स सोने के भाव को लेकर अभी भी आशावादी दिखाई दे रहे हैं। वर्तमान में सोने के दाम पर सबसे ज्यादा अमेरिकी करंसी डॉलर का असर देखने को मिल रहा है। इस सप्ताह अमेरिकी कंरसी में मजबूती देखने को मिली है।
ब्याज दरों ने बिगाड़ा खेल
जानकारों का कहना है। कि विकसित देशों में ब्याज दरें शून्य के करीब पहुंच चुकी हैं। केंद्रीय बैंकों ने भी संकेत दिया है। कि लंबे समय तक ब्याज दरें कुछ ऐसी ही रहेंगी। आमतौर पर ब्याज दरों का असर सोने के दाम पर पड़ता है।ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है। ब्याज दरें शून्य के करीब होने से अधिकतर लोग सुरक्षित निवेश के गोल्ड में निवेश का विकल्प चुन सकते हैं। इससे कीमतों में तेजी आने का अनुमान है।               


कीटो डाइट से रहे दूर, कई नुकसान

कीटो डाइट से रहे दूर। हार्ट प्राब्लम मसल्स की मास में कमी के साथ शरीर को पहुंचाता है। कई प्रकार के नुकसान।


रायपुर। कीटो डाइट आज सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। लेकिन लोग इस बात से अंजान हैं। कि इसके कई सारे ऐसे नुकसान हैं। इसके कारण बॉडी में थकान बॉडी में फाइबर  मिनरल्स और विटामिन्स की कमी हो सकती है।
हार्ट प्रॉब्लम। कीटो डाइट हार्ट के लिए घातक साबित हो सकती है। कीटो डाइट कम समय के लिए वजन कम करने में मदद करती है। लेकिन इसमें कई सारी ऐसी चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। जिससे हार्ट रिस्क बढ़ सकता है।
एथलेटिक परफॉर्मेंस में कमी कीटो डाइट पर रहने से परफॉर्मेंस में कमी आ जाती है। दरअसल जब बॉडी कीटोसिस में होती है। तो शरीर अधिक अम्लीय अवस्था में रहता है। जो पीक लेवल पर परफॉर्मेंस की क्षमता को लिमिटेड कर देता है।
दोबारा वजन बढ़ना । कीटो डाइट को लंबे समय तक फॉलो नहीं करना चाहिए। इसके बाद आपको अपने नॉमर्ल डाइट पर आ जाना चाहिए। कीटो डाइट की बड़ी समस्या यह है। कि ज्यादातर लोगों का डाइट छोड़ने के बाद वापस वजन बढ़ने लगता है। क्योंकि वो कार्ब्स का सेवन शुरू कर देते हैं।
मसल्स मास कम होता है। कीटो डाइट से जल्दी वजन कम होने का एक कारण यह भी है। कि इससे मसल्स को काफी नुकसान होता है। इससे फैट बर्न होने के साथ मसल्स मास भी बर्न होता है। इससे आप जल्दी पतले हो जाते हैं। जब कोई व्यक्ति कीटोजेनिक डाइट से बाहर आता है तो वह मूल वजन का अधिकतर हिस्सा वापस से प्राप्त कर लेता है। लेकिन उसमें लीन मसल्स की अपेक्षा फैट गेन अधिक होता है।             


भारत में 58 लाख से अधिक संक्रमित

भारत में कोरोना के मामले 58 लाख के पार…कुल 92,290 लोगों की मौत…24 घंटे में 86,052 नए मामले और 1,141 मौतें।


नई दिल्ली। दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से कोरोना संक्रमण भारत में ही फैल रहा है। देश में पिछले 24 घंटों में 86,052 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं। और 1141 लोगों की जान भी चली गई है। दो सितंबर से लगातार देश में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। अच्छी खबर ये है। कि 24 घंटे में 81,177 मरीज ठीक भी हुए हैं। छह दिनों बाद ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए कोरोना संक्रमितों से कम दर्ज की गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 58 लाख 18 हजार हो गई है। नमें से 92,290 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव केस की संख्या घटकर 9 लाख 70 हजार हो गई और 47 लाख 56 हजार लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या करीब चार गुना अधिक है।
ICMR के मुताबिक, 24 सितंबर तक कोरोना वायरस के कुल 6 करोड़ 89 लाख सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। जिनमें से 15 लाख सैंपल की टेस्टिंग कल की गई।
मृत्यु दर में गिरावट
राहत की बात है। कि मृत्यु दर और एक्टिव केस रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मृत्यु दर गिरकर 1.58% हो गई।  इसके अलावा एक्टिव केस जिनका इलाज चल है। उनकी दर भी घटकर 17% हो गई है। इसके साथ ही रिकवरी रेट यानी ठीक होने की दर 82% पर है। भारत में रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है।
देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र लगातार कोरोना की सबसे बुरी मार झेलने वाला राज्य बना हुआ है। यहां अब तक 12 लाख मामले और 33 हजार मौतें दर्ज हो चुकी हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हैं। इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का दूसरा स्थान है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। मौत के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत का नंबर है।            


सिपाही ने थाने में खुद को गोली से उड़ाया

प्रतापगढ़ के थाने में सिपाही आशुतोष यादव ने खुद को गोली से उड़ाया!


बृजेश केसरवानी


प्रतापगढ़। गोली लगने से संदिग्ध दशा में हुई मौके पर मौत। मौत के बाद पुलिस महकमे में मचा हड़कम्प । थाना परिसर में पत्रकारों के प्रवेश पर पुलिस ने लगाया प्रतिबंध । 2018 बैच का बताया जा रहा है मृतक सिपाही।पुलिस का कोई भी अधिकारी इस घटना पर मुह खोलने को नही है तैयार । एएसपी समेत भारी पुलिस बल मौजूद । घटना की जाँच में जुटी पुलिस । लालगंज कोतवाली परिसर की घटना।               


भाकियू ने संपूर्ण भारत में किया चक्का जाम

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी


भारत सरकार के द्वारा किसानों के लिए जारी किए गए तीनों अध्यादेश वापस लेने और एमएसपी लागू करने को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने संपूर्ण भारत में किया चक्का जाम


हापुड़। भारत सरकार के द्वारा किसानों के लिए जारी किए गए तीनों अध्यादेश के विरुद्ध भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने तीनों अध्यादेश को किसान विरोधी बताते हुए वापस लेने एमएसपी लागू करने को लेकर सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर ट्राली में भरकर भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओ ने नारेबाजी करते हुए। ततारपुर बाईपास पर नेशनल हाईवे को किया जाम, आसपास के थानों की भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे एडीएम जयनाथ यादव एसपी सर्वेश कुमार मिश्र के द्वारा भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं को शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील के साथ समझाने का प्रयास जारी हैं।               


उत्तर-प्रदेश पुलिस ने अवैध शराब बरामद की

अतुल त्यागी, प्रवीण कुमार
सिम्भावली पुलिस ने अवैध शराब की बरामद


हापुड़। उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के थाना सिंभावली क्षेत्र में चेकिंग के दौरान आईसर कैंटर में अवैध रूप से ले जा रही शराब को पुलिस ने बरामद किया है। आपको बता दे कि थाना सिंभावली क्षेत्र मैं पुलिस द्वारा चेंकिग की जा रही थी तभी तेज रफ्तार आईसर केंटर गाड़ी को रुकने का इशारा किया गया तो ड्राइवर भगाने लगा वही पुलिस ने आरोपी चालक को धर दबोचा है जिसके पास से 270 अवैध शराब की पेटी जिसकी कीमत लगभग 12 लाख बताई जा रही है। शातिर तस्करो ने केंटर गाड़ी पर भारतीय डाक विभाग लिख कर अवैध शराब की तस्करी कर रहे थे।               


विवाद को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष

अतुल त्यागी


जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष


हापुड़। उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के थाना धौलाना के गांव बीघापुर में दो पक्षों में जमीन के कब्जे को लेकर खूनी संघर्ष हो गया। जिसमें दोनों पक्षों से करीब आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। झगड़े की सूचना पाकर मौके पर पहुंची थाना धौलाना पुलिस ने घायलों को धौलाना के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां दोनों पक्षों से तीन लोगों की हालत गंभीर देखते हुए मेरठ मेडिकल की लिया रेफर कर दिया।वही पीड़ित दलित महिला सुकन्ति ने बताया की ग्राम प्रधान ने उनकी करीब 6 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा किए हुए हैं जिसकी शिकायत कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। दबंग ग्राम प्रधान द्वारा उनकी जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा था जिसको रोकना चाहा तो ग्राम प्रधान के लोगों ने उन पर हमला कर दिया। जिसकी वजह से करीब हमारी तरफ से आधे दर्जन लोग घायल हो गए है।               


सेना से मुठभेड़, दो आतंकी मार गिराए

अनंतनाग। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में शुक्रवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि सुरक्षा बलों ने एक गांव में गुरुवार रात से स्थगित अभियान शुक्रवार को सूरज की पहली किरण के साथ दोबारा शुरू कर दिया।


गांव में गुरुवार को घेराबंदी एवं तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। अंधेरा घिरने के बाद अभियान रोक दिया गया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया सूचना मिलने पर बिजबेहरा के सिरहामा में अभियान चलाया गया हालांकि सुरक्षा बल के जवान गांव में एक विशेष मकान की ओर बढ़ रहे थे, तो वहां छिपे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी और हथगोले भी फेंके।             


पौष्टिकता,औषधीय गुणों से भरपूर लहसुन

लहसुन पहाड़ी क्षेत्रों की एक प्रमुख नगदी/व्यवसायिक फसल है। पारंपरिक रूप से उगाई जाने वाली लहसुन जैविक होने के साथ ही अधिक पौष्टिक, स्वादिष्ट व औषधीय गुणों से भरपूर भी होती है जिस कारण बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है। उद्यान विभाग के वर्ष 2015-16 में दर्शाये गये आंकड़ों के अनुसार राज्य में 1530.45 हैक्टर क्षेत्र फल में लहसुन की खेती की जाती है जिससे 9768.25 मैट्रिक टन उत्पादन होता है।


जलवायु – ऐसी जगह जहां न तो बहुत गर्मी हो और न ही बहुत ठण्डा लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त है। लहसुन की खेती 1000 से 1500 मीटर तक की ऊंचाई वाले क्षेत्र जहां तापमान 25 – 35 डिग्री सेल्सियस रहता हो आसानी से की जा सकती है।             


अवैध शराब की तीन भट्टीयों पर छापामारी

राजीव सक्सेना


नानकमत्ता। नदी किनारे चल रही तीन अवैध कच्ची शराब की भट्टियों पर पुलिस ने छापामार कार्रवाई करते हुए मौके से शराब बनाने के उपकरण तथा तैयार शराब बरामद की। छापे की भनक लगते ही शराब तस्कर मौके से फरार हो गए। जिनके विरुद्ध पुलिस ने आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है।


शुक्रवार को थाना अध्यक्ष कमलेश भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि मुखबिर द्वारा सूचना दी गई कि थाना क्षेत्र के ग्राम सलमता के पास से बहने वाली खकरा नदी के किनारे शराब तस्करों द्वारा अवैध शराब की भट्टियों का संचालन किया जा रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई करते हुए खकरा नदी के किनारे चल रही तीन अवैध कच्ची शराब की भट्टीयों के ठिकानों पर छापामारी करते हुए शराब बनाने के उपकरण तथा मौके से 80 लीटर तैयार शराब बरामद की। इस दौरान पुलिस ने हजारों लीटर लहान भी नष्ट किया। थाना अध्यक्ष ने बताया कि छापे की भनक लगते ही शराब तस्कर स्वर्ण सिंह पुत्र महेंद्र सिंह, प्रेम सिंह पुत्र महेंद्र सिंह तथा कृपाल सिंह पुत्र दारा सिंह निवासी देवकली सलमता पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हो गये। फरार तीनों शराब तस्करों के विरुद्ध पुलिस ने आबकारी अधिनियम की धारा (60)2 के तहत अभियोग पंजीकृत किया है।                 


किराया वापसी का फैसला सुरक्षित रखा

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने लाकडाउन के दौरान रद उड़ानों के यात्रियों के पूरे पैसे वापस करने के मामले में शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने गैर-सरकारी संगठन प्रवासी लीगल सेल की याचिका पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।


इससे पहले सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार को केवल यात्रियों की चिंता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ट्रेवल एजेंट ने विमानन कंपनियों के पास अग्रिम पैसे जमा कराए हैं तो उस पर उसे कुछ नहीं कहना। यह विमानन कंपनियों और ट्रेवल एजेंट के बीच एक करार है और नागरिक विमानन महानिदेशालय को इससे कोई लेनादेना नहीं है। इस बीच विमानन कंपनी गो एयर के वकील ने कहा कि कंपनी वित्तीय कठिनाइयों से गुजर रही है। इस पर न्यायमूर्ति भूषण ने कहा कि आपकी कंपनी को दिक्कत है इसके लिए यात्री क्यों सफर करे? इसके बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया।                      


संक्रमित महिला की आत्महत्या, रिपोर्ट मांगी

श्रीराम मौर्य/राकेश चंदेल


शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार से पूछा है कि कोरोना संक्रमित महिला आत्महत्या मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई। हाईकोर्ट ने सरकार से रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि मंगलवार को चौपाल की रहने वाली कोरोना संक्रमित महिला ने शिमला के रिप्पन अस्पताल में आत्महत्या कर ली थी। महिला के परिजनों ने भी अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंंभीर आरोप लगाए। प्रदेश सरकार ने भी इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं डीसी शिमला ने भी एडीएम से दस दिन के भीतर मामले की जांच रिपोर्ट देने को कहा है।               


एससीः एसएमसी शिक्षकों की एलएसपी मंजूर

श्रीराम मौर्य/राकेश चंदेल


नई दिल्ली/शिमला। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बीते कई सालों से सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षकों की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में मंजूर हो गई है। मामले की आगामी सुनवाई आठ अक्तूबर को तय हुई है। इस दौरान हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से 2630 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी।
वीरवार को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की एसएलपी मंजूर करते हुए प्रदेश सरकार को भी अपनी ओर से एसएलपी दायर करने को कहा। वहीं, प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी एसएलपी दायर करने के लिए समय मांगा इस पर कोर्ट ने 8 अक्तूबर से पहले प्रक्रिया पूरी करने को कहा। प्रदेश सरकार से एसएमसी शिक्षकों की संख्या, उनके द्वारा दी जा रही सेवाओं वाले क्षेत्रों सहित उन्हें और नियमित शिक्षकों को दिए जा रहे वेतन का पूरा ब्योरा देने के निर्देश भी सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं। हिमाचल हाईकोर्ट ने बीते दिनों एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने का फैसला सुनाते हुए इनकी जगह आगामी छह माह में नियमित शिक्षकों की भर्ती करने का फैसला दिया था।
साल 2012 से दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों के स्कूलों में सेवाएं दे रहे इन शिक्षकों की नौकरी संकट में पड़ने के बाद हरकत में आई प्रदेश सरकार ने इस बाबत कैबिनेट बैठक में विस्तृत चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को लेकर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी।इसी बीच शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए एसएलपी दायर की थी। वीरवार को सुप्रीम कोर्ट ने एसएलपी को मंजूर कर दिया है। अब सरकार भी अपनी ओर से एसएलपी दायर करेगी। आगामी सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ताओं को पैरवी के लिए खड़ा किया जाएगा।                    


प्रदेश में मेडिकल उपकरणों का उत्पादन होगा

श्रीराम मौर्या/राकेश चंदेल


शिमला। हिमाचल के जिला ऊना में पहला मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करने का फैसला ले लिया गया है। प्रदेश में 100 करोड़ की लागत से यह पार्क विकसित होगा। सरकार ने पार्क स्थापित करने को जिला ऊना में 1100 एकड़ जमीन चयनित की है। अब प्रदेश सरकार जल्द ही ऊना के टाहलीवाल के पास पार्क विकसित करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजने वाली है। दरअसल प्रदेश सरकार अभी तक तय नहीं कर पाई थी कि मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित करने के लिए उपयुक्त जगह कौन सी होगी।अब प्रदेश सरकार ने स्थान का चयन कर लिया है। बताया जा रहा है कि उद्योग विभाग के नाम यह जमीन करने की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।             


अमेजॉन इको स्मार्ट स्पीकर लॉन्च किए

नई दिल्ली। अमेजन 2020 एनुअल इवेंट में अमेजन कंपनी ने नए इको स्मार्ट स्पीकर लॉन्च किए। इस इवेंट में कंपनी ने नेकस्ट जेनरेशन के फायर टीवी डिवाइस भी लॉन्च किए हैं। जिसमें फायर टीवी स्टिक और फायर टीवी स्टिक लाइट शामिल हैं। भारत में इन फायर टीवी डिवाइसों की कीमत ऐलान भी हो चुका है। अगली पीढ़ी के फायर टीवी स्टिक की कीमत-3,999 है, जबकि फायर टीवी स्टिक लाइट की कीमत 2999 रुपये है। ये दोनों डिवाइस आज से भारत में प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध हैं।


क्या है विशेषताएँ


जहां तक विशेषताओं की बात है फायर टीवी स्टिक 1.7 गीगाहर्ट्ज क्वाड-कोर प्रोसेसर के साथ आती है, कंपनी का कहना है कि नए फायर स्टिक पिछली जेनरेशन के स्टिक की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा शक्तिशाली है और उनकी तुलना में 50 प्रतिशत कम बिजली की खपत करता है। इसमें डुअल-बैंड, डुअल-एंटीना वाईफाई है जो स्टेबल स्ट्रीमिंग और ड्रोप्ड कनेक्शन के लिए 5 गीगाहर्ट्ज नेटवर्क को सपोर्ट करता है।               


पत्रकारों के हित में योगी ने फिर की घोषणा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि राज्य में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को प्रतिवर्ष पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा। इसके अलावा कोरोना वायरस संक्रमण से किसी पत्रकार की मौत होने पर उसके परिजन को दस लाख सरकार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने ये घोषणाएं राजधानी में नवनिर्मित पंडित दीन दयाल उपाध्याय सूचना परिसर भवन के उद्घाटन के दौरान कीं। उन्होंने कहा कि सूचना विभाग शासन और प्रशासन के कार्यों को मीडिया तक पहुंचाने के लिए एक सेतु का काम करता है। उन्होंने कहा, ‘किसी भी सरकार के कार्यों का आम जनमानस तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय होता है। शासन का काम योजनाएं बनाना होता है और प्रशासन उसे विभिन्न माध्यमों से आम जन तक पहुंचाता है, लेकिन जनता, शासन और प्रशासन के बीच में एक महत्त्वपूर्ण सेतु के रूप में मीडिया की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को राज्य सरकार प्रतिवर्ष पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर देगी। इसके अलावा कोरोना वायरस संक्रमण से किसी पत्रकार की मृत्यु होने पर उसके परिजन को दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता दे जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मीडियाकर्मी काम कर रहे है और पत्रकारों को पूरी सुरक्षा और जागरुकता के साथ काम करते हुए संक्रमण से बचना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में इन्सेफलाइटिस कुछ साल तक एक जान लेवा बीमारी थी जो धीरे-धीरे पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश को अपनी चपेट में ले चुकी थी, लेकिन प्रधानमंत्री स्वच्छता मिशन कार्यक्रमों और प्रदेश सरकार की योजनाओं की बदौलत इस बीमारी को समाप्त करने में सफलता मिली।                  



अब अतीक से प्रशासन खर्च भी वसूलेगा

 बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। अनेक आपराधिक गतिविधियों में तथाकथित रूप से शामिल समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद का मकान, कार्यालय और कॉम्पलेक्स ढहाने के बाद अब प्रशासन उसे तोड़ने का खर्च भी वसूलेगा। इसमें जेसीबी का किराया, मजदूरों की दिहाड़ी के साथ ही अधिकारियों और पुलिस फोर्स का खर्च भी अतीक से वसूला जाएगा। इसके लिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण, प्रशासन और पुलिस के अधिकारी अपने विभागों का खर्च का हिसाब तैयार कर रहे हैं। करीब 25 लाख रुपये खर्च आने का अनुमान लगाया गया है। अदायगी न होने पर अतीक के खिलाफ आरसी जारी की जाएगी। प्रयागराज विकास प्राधिकरण अब तक अतीक के मकान, कार्यालय समेत दस भवनों को गिरा चुका है। इस कार्रवाई में पुलिस और जिला प्रशासन भी शामिल रहा है। पीडीए की कार्रवाई में आधा दर्जन अधिकारी, प्रवर्तन दल की पूरी टीम के साथ पचास की संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं। प्रत्येक कार्रवाई में चार से छह जेसीबी का इस्तेमाल किया जाता है।अतीक का मकान और कार्यालय खाली कराने में 70 से ज्यादा मजदूर लगाए गए थे। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक का एक-एक दिन का वेतन भी अतीक से लिया जाएगा। कार्रवाई में पीडीए की जेसीबी के साथ किराए के जेसीबी भी लगाए गए थे। पुलिस के साथ ही पीएसी की एक कंपनी भी मकान के ध्वस्तीकरण में लगाई गई थी। इस सभी का खर्च अब अतीक से वसूले जाने की तैयारी चल रही है। सूत्रों की मानें तो अतीक के खिलाफ हुई कार्रवाई में हुए खर्च का हिसाब एक सप्ताह में तैयार कर लिया जाएगा।             


गाजियाबादः प्लास्टिक फैक्ट्री में भीषण आग

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। जिले के टीला मोड़ इलाके में प्लास्टिक की फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। आग लगने से लाखों रुपए के नुकसान की खबर है। हालांकि कहा ये भी जा रहा है कि फैक्ट्री अवैध रूप से चलाई जा रही थी। दमकल की 5 गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। फिलहाल इस बात की भी जांच की जा रही है कि ये अवैध फैक्ट्री इलाके में कब से, और किसकी मिलीभगत से चलाई जा रही थी।राहत की बात ये है कि घटना में किसी के घायल या हताहत होने की खबर नहीं है। बताया ये भी जा रहा है कि अवैध रूप से चल रही प्लास्टिक की फैक्ट्री और गोदाम में आग बुझाने के इंतजाम भी नहीं थे। सूत्रों के अनुसार यहां पर काम करने वाले लोगों की जिंदगी खतरे में डाली जा रही थी। अगर दमकल की जांच में यह तमाम चीजें पूरी तरह से स्पष्ट हो जाती हैं, तो फैक्ट्री मालिक पर मुकदमा दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है। फैक्ट्री में से भारी मात्रा में प्लास्टिक के तार  के अलावा पॉलीथिन का मेटीरियल भी बरामद किया गया है।


जहरीले धुएँ से परेशान लोग घरों से बाहर निकले


फैक्ट्री से थोड़ी ही दूरी पर टीला मोड़ का रिहायशी इलाका भी है। जिस समय आग लगी, उसकी लपटें काफी ऊपर तक देखी जा सकती थी। इसके अलावा धुएं के गुब्बार को देख लोग घरों से बाहर आ गए। रात के अंधेरे में आग की ऊंची ऊंची लपटें दूर से ही नजर आने लगी थी।               


बना सकते हैं तो बिगाड़ भी सकते हैंः किसान

अन्नदाताओं ने दी सरकार को चेतावनी बना सकते हैं। तो गिरा भी सकते हैं।


कृषि बिल से दुकानदारी बंद होने के डर से नेता हुए चौकन्ने
ज़ाकिर घुरसेना। कैलाश यादव


नई दिल्ली। पिछले दिनों कृषि बिल को लेकर सड़क से लेकर संसद तक बवाल मचा हुआ हैं। कांग्रेस ने विरोध में बिल की कॉपी फाड़ दी थी। एवं कई विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद में काफी हंगामा मचाया। लेकिन बहुमत बीजेपी का है। और बिल आखिरकार पास हो ही गया। भाजपा का कहना है। कि कांग्रेस किसान विरोधी है। अब ये समझ में नहीं आ रहा कि किसान हितैषी कौन है। भाजपा के सहयोगी दल भी इस बिल के विरोध में है। अकाली दल के प्रतिनिधि और केंद्र के मंत्री ने तो इस बिल के विरोध में इस्तीफा भी दे दिया। एक किसान ने तो जहर भी खा लिया। जनता ये खुसुर-फुसुर कर रही है। कि अगर ये बिल किसानों के हित में है। तो राजनीति क्यों। ये तो ऐसा हो गया कि पहले अंग्रेज व्यापारी बनकर आये और शासन करने लगे अब ये लोग शासक बनकर आये और व्यापार करने लगे। वैसे भी अगर किसानों की आमदानी बढ़ती है तो किसी पार्टी को परेशान होने की जरूरत क्यों पड़ी। राजनीति अन्नदाताओं के समझ से परे है। बहरहाल जो भी हो अन्न दाताओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए अगर हुआ तो वे सरकार बनाना और बिगाडऩा भी जानते हैं।
मंत्री डॉ शिव डहरिया अचानक दिल्ली गए कोरोना काल में अचानक डॉ शिव कुमार डहरिया दिल्ली गए है। जहां वे पीएल पुनिया से मुलाकात कर चर्चा करेंगे जनता में खुसुर फुसुर है। कि अचानक ऐसी क्या बात हो गई कि मंत्री डॉ डहरिया को दिल्ली जाना पड़ा चारों तरफ राजनीति ही राजनीति अन्नदाता इस बिल से पसोपेश में है। कांग्रेस की माने भाजपा की माने या अन्य विपक्षी दलों की माने। किसानों के मन में शंका-कुशंका पैदा हो रही है। वैसे भी अन्नदाता पहले ही उपज के उचित मूल्य से वंचित है।उनका मानना है। कि मौजूदा व्यवस्था में भी समर्थन मूल्य से कम दामों में उपज को बेचने की मजबूरी है। और अगर इस बिल से किसानों को देश व्यापी बाजार मिलता है। और आड़तियों, दलालों से मुक्ति मिलती है। साथ ही उपज का अच्छा दाम मिलता है। तो यह किसानों के हित में है, अगर नहीं है। तो अन्नदाताओं की पेराई होगी जो किसी भी पार्टी के लिए ठीक नहीं है।
सपनों में जान होना चाहिए
कहते है कि मंजिल उन्हें ही मिलती है। जिनके हौसलों में जान होती है। पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है। और यही हमारे अन्नदाता कर रहे है। अपनी लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक खुद लड़ रहे है और राजनीतिक दल खुद-ब खुद उनके साथ जुड़ रहे है।
एनसीबी रायपुर में भी करे कार्रवाई
लोग सुशांत केस से अब ऊब चुके है। क्योंकि जाँच की दिशा बदल गई है। ऐसा लगता है। जो भी हो ये भी आवयश्क था। रायपुर की जनता में खुसुर-फुसुर हो रही है कि एनसीबी जैसी कार्यवाही रायपुर में भी होनी चाहिए। हर मौहल्लों में नशे के कारोबारी मिल जायेंगे। जुआ, सट्टा और नशीली दवाई के अवैध कारोबारियों को छुटभैया नेताओं का संरक्षण होता है। जिसकी वजह से कई अपराधी तो थाने से ही छूट जाते है। शहर को अवैध कारोबार नशीली दवाई, चरस, गांजा, सिरप आदि के कारोबारियों ने जकड़ लिया है। शासन को चाहिए इस पर कड़ा से कड़ा कानून लागू करना चाहिए। ताकि नौनिहालों को इस नासूर से बचाया जा सके। हम करे तो खता तुम करो तो अदा
अभी हाल में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के विकास के लिए करोड़ों रूपये की सौगात दी। अभी बिहार में विधान सभा चुनाव होना है। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मरवाही के विकास के लिए करोड़ों रूपये देने की घोषणा की। अब भाजपा नेता कह रहे है। कि उपचुनाव सामने है। इसलिए सरकार ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। जनता में खुसुर-फुसुर है। कि बिहार में भी प्रधानमंत्री ने अरबों की घोषणा की। वहां भी तो चुनाव है। ये तो ऐसा हो गया। हम करे तो खता तुम करो तो अदा।
क्या यही विकास का फार्मूला है।
जम्मू कश्मीर की शोपियां में पिछले 18 जुलाई को तीन लड़कों को मुठभेड़ में मार दिया गया। सुरक्षाबलों ने बताया था। कि इनके पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया था। ये खूंखार आतंकवादी थे। अब घर वालों के शिकायत पर जाँच हुई तो मुठभेड़ फर्जी निकला। मरने वाले तीनों मजदूर निकले। जनता में खुसुर-फुसुर है। कि जवानों को विशेषाधिकार कानून का उल्लघंन करने का छूट किसने दिया। उच्च पदस्थ अधिकारियों ने पीडि़त परिवार को ये बोलकर चलता कर दिया कि भविष्य में किसी परिवार के साथ अन्याय नहीं होने देंगे लेकिन तीन परिवार के चिराग तो बुझ गए। इंसान के जिंदगी की कीमत जानवरों से भी कम और बदत्तर हो गई है। क्या यही विकास का फार्मूला है।              


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...