मंगलवार, 22 सितंबर 2020

भारत-चीन सीमा विवाद पर लंबी चर्चा

भारत, चीन ने 14 घंटों तक सीमा विवाद पर की चर्चा।


नई दिल्ली। भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद सुलझाने के लिए मोल्डो में 14 घंटे लंबी कूटनीतिक। सैन्य वार्ता की। दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता विचार। विमर्श का विवरण अभी तक जारी नहीं किया गया है। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि थे। वार्ता सोमवार सुबह 9 बजे शुरू हुई और रात 11 बजे समाप्त हुईयह पहली बार था। कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल में दो लेफ्टिनेंट जनरल दो मेजर जनरल और विदेश मंत्रालय (एमईए) के एक संयुक्त सचिव थे। लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली में सेना मुख्यालय से लेफ्टिनेंट जनरल पी.जी.के. मेनन थे। मेनन नवंबर में लेह स्थित 14 कोर के कमांडर का पदभार संभालेंगे।
संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव, (पूर्वी एशिया) की उपस्थिति यह सुनिश्चित करने के लिए थी। कि चीन के साथ वार्ता दोनों देशों के बीच सहमति बनी पांच-बिंदु रोडमैप पर हो, जिसमें सैनिकों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएससी) से फौरन पीछे हटाना भी शामिल है। 10 सितंबर को रूस के मॉस्को में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच वार्ता के दौरान दोनों देश पांच-सूत्रीय रोडमैप पर सहमत हुए थे।प्रतिनिधिमंडल में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के इंस्पेक्टर जनरल दीपम सेठ और चार ब्रिगेडियर भी थे। यह कोर कमांडर स्तर की चर्चा का छठा दौर था। अगस्त में कोर कमांडर स्तर की चर्चा के पांचवें दौर के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने गतिरोध में सबसे बड़े फ्लैश पॉइंट पैंगोंग झील में मौजूदा स्थिति पर विचार-विमर्श किया था।
यह 14 कोर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट प्रमुख मेजर जनरल लियू लिन थे। जो पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव को कम करने के लिए बैठक कर रहे थे। पहली बैठक 6 जून को हुई थी।
इसके बाद हालांकि 15 जून को गालवान घाटी में पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर एक बर्बर हमला किया गया था, जिसमें चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हुई जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। जबकि अज्ञात संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए थे।पैंगोंग सो के उत्तरी किनारे में, सेनाएं फिंगर 3 और फिंगर 4 के बीच आमने-सामने हैं।जहां दोनों देशों की सेनाओं द्वारा पिछले दिनों हवा में चेतावनी शॉट फायर किए गए। झील के दक्षिणी किनारे पर सेना स्पंगगुर गैप मुखपारी और रेयांग ला में कुछ मीटर की दूरी पर हैं। चीन ने सबसे पहले भड़काऊ सैन्य कदम उठाए और उसके बाद भारत ने भी इन स्थानों पर सैनिकों की तैनाती की। इन दोनों स्थानों पर दोनों देशों के सैनिकों ने एक-दूसरे को डराने के लिए चेतावनी के शॉट फायर किए थे।
पीएलए के सैनिकों ने इस महीने की शुरुआत में फिंगर 3 और 4 के बीच के क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश की जिसके कारण हवा में लगभग 200 शॉटफायर हुए। इसके बाद दोनों सेनाएं कुछ सौ मीटर की दूरी पर हैं। भारत फिंगर 8 पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दावा करता है। और फिंगर 4 तक क्षेत्र में रहा है। लेकिन यथास्थिति के एक स्पष्ट परिवर्तन में चीनी फिंगर 4 पर कैम्प लगा रहे हैं। और फिंगर 5 और 8 के बीच किलेबंदी की है।                


रबी-खरीफ के बारे में पीएम को नहीं पता

क्या रबी और खरीफ के बारे में नहीं पता पीएम मोदी को? देखिए सोशल मीडिया पर पीएमओ का ट्वीट क्यों हो रहा ट्रोल।


हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय के ऑफिशियल टि्वटर अकाउंट से एक ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में किसानों की एमएसपी पर कितनी खरीद हुई इसका जिक्र था और साथ ही लिखा था इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को 1 लाख 13 हजार करोड़ रुपए एमएसपी पर दिया गया है। पीएमओ के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर राजनीतिक पार्टियों में रबी फसल की श्रेणी में धान का नाम आने पर प्रतिक्रियाएं तेज हो गयी।
रबि और खरीफ फसल समझिये।
भारत में वे सभी फसलें जो सर्दी एवं वसंत ऋतू में होती है, उन्हें रबी की फसल कहा जाता है।यह अक्टूबर के अंत से मार्च या अप्रैल के बीच तक का समय होता है। रबी फसल की बुआई के समय कम तापमान और जब फसल तैयार होने लगता है तब शुष्क और गर्म वातावरण की जरुरत होती है।ज्यादातर अक्तूबर-नवम्बर के महिनों में बोई जाती हैं, रबि की फसल में – चावल, मक्का, ज्वार, मक्का, बाजरा, रागी (अनाज), अरहर (दालें), सोयाबीन, मूंगफली (तिलहन), कपास आदि।
खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं,तथा सितम्बर अक्टूबर में इनकी कटाई होती है।फसलों को बोते समय अधिक तापमान एवं आर्द्रता होती है। फसल तैयार होते – होते शुष्क वातावरण की जरुरत होती है। इसे उत्तर भात में जून-जुलाई में बोया जाता है। रीफ की फसल में – गेहूं, जौ, जई (अनाज), चना, मटर / दाल (दलहन), अलसी, सरसों (तिलहन) आदि।
अब विवाद क्या हो रहा है समझिये।
प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्वीट पर रबि की फसल की श्रेणी में धान को रखे जाने पर पूरा विवाद है।इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया तो आ ही रही है साथ ही अलग- अलग राजनीतिक दलों ने इस ट्वीट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरना शुरू कर दिया।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया.. जिस देश के प्रधानमंत्री को धान और गेहूँ का अंतर नहीं पता,रबी और खरीफ का अंतर नहीं पता, वो किसान का भला क्या ख़ाक करेगा।इसीलिए कहते हैं- ‘नीम हक़ीम ख़तरा-ए-जान।
सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है ?
सोशल मीडिया पर पीएमओ के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल पर भी खूब प्रतिक्रिया मिल रही है।यहां तर्क भी है कटाक्ष भी. कुमार विक्रांत सिंह सीधे प्रधानमंत्री को टैग करते हुए लिखते हैं- नरेंद्र मोदी जी लिखने वाले को बताइये कि, धान खरीफ की फसल में होता है,रबी की फसल में नहीं भूल सुधार कराइये।
एक ट्वीटर हैंडल से इस ट्वीट के समर्थन में प्रतिक्रिया दी जाती है, अगर तुम ढंग से किताबे पढ़ लेते तो बेरोजगार नहीं होते असम और पश्चिम बंगाल में रबी की सीजन में धान होता है।इस पर रबि और खरीफ फसल को लेकर एक लंबी बहस चलती है,जिसमें कई लोग लिखते हैं परीक्षा में धान को रबि फसल में लिखेंगे तो चलेगा क्या ?
पूरे भारत की बात करनी चाहिए कुछ राज्यों की नहीं,इस पर जवाब आता है, ज्ञान देने से पहले थोड़ी रिसर्च कर लेनी चाहिए दस बीस साल पहले छपी किताबे के आधार पर ज्ञान नहीं देना चाहिए और दूसरा ऐसे सवाल परीक्षा में नहीं पूछे जाते जिनके एक से ज्यादा जवाब हो धान खरीफ सीजन के अलावा रबी और जायद में भी बोया जाता है। कुल मिलाकर धान किस श्रेणी में आता है इसे लेकर बहस तो चल रही है साथ ही धान को लेकर राजनीति भी शुरू है।
एक्सपर्ट की राय।
इस चर्चा में एक ट्वीट और है जिसका जिक्र भी जरूरी है लेखिका औऱ पत्रकार मृणाल पांडे लिखती हैं, फ़सल और रबी और ख़रीफ़ यह शब्द फ़ारसी मूलक हैं।आमतौर से ये हिंदी उर्दू भाषी इलाके में ही इस्तेमाल होते हैं, जहां धान ख़रीफ़ की फ़सल है।बंगाल, पूर्वोत्तर या दक्षिण के अहिंदीभाषी इलाकों में एकाधिक बार उगाई जाने वाली धान की फ़सलों के नाम आपको स्थानीय भाषा में मिलेंगे।              


शरद-सीएम उद्धव को इनकम टैक्स नोटिस

शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इनकम टैक्स नोटिस।


मुंबई/नई दिल्ली। संसद में सरकार और विपक्ष के बीच की लड़ाई जारी है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस एनसीपी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को आयकर विभाग का नोटिस पहुंचा है। ये नोटिस पिछले चुनाव में दिए गए हलफनामे को लेकर पहुंचा है।
सिर्फ शरद पवार ही नहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मंत्री आदित्य ठाकरे, एनसीपी नेता सुप्रिया सूले को भी आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग की ओर से इस नोटिस के जरिए पिछले कुछ चुनावों में दाखिल किए गए हलफनामे की जानकारी मांगी है। 
नोटिस मिलने को लेकर जब शरद पवार से सवाल किया गया तो मंगलवार को उन्होंने कहा कि वो लोग (नोटिस भेजने वाले) कुछ लोगों को ज्यादा चाहते हैं।
आपको बता दें कि पिछले लंबे वक्त से भारतीय जनता पार्टी और महाराष्ट्र सरकार के बीच तनाव की स्थिति जारी है।इस बीच ये नोटिस का मामला सामने आया है।
इतना ही नहीं शरद पवार और शिवसेना की ओर से लगातार कृषि बिल का विरोध किया जा रहा है।  साथ ही राज्यसभा सांसदों के सस्पेंशन के मसले पर मंगलवार को ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक दिन का उपवास रखने का ऐलान किया था। इस पूरे सियासी घटनाक्रम के बीच नोटिस की खबर सामने आई है।
कृषि बिल से पहले सुशांत सिंह राजपूत केस, कंगना रनौत पर बीएमसी के एक्शन और कोरोना संकट के मसले पर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना-एनसीपी की सरकार महाराष्ट्र में आमने-सामने हैं।                 


24 घंटे में 1 लाख संक्रमित ठीक हुये: रिकॉर्ड

कोरोना को हरानेवालों ने बनाया रिकॉर्ड: 24 घंटे में भारत में ठीक हुए रिकॉर्ड 1 लाख मरीज।


नई दिल्ली। भारत में पिछले चार दिनों से लगातार नए कोरोना संक्रमितों से ज्यादा ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डेली रिकवरियों की इस उच्च दर ने भारत को दुनियाभर में रिकवर केसों के मामलों में सबसे टॉप स्थान पर पहुंचा दिया है। देश में पिछले 24 घंटों में 75,083 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं,और 1053 लोगों की जान भी चली गई है। दो सितंबर से लगातार देश में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। अच्छी खबर ये है कि 24 घंटे में अबतक रिकॉर्ड 101,468 मरीज ठीक भी हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 55 लाख 62 हजार हो गई है। इनमें से 88,935 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव केस की संख्या घटकर 9 लाख 75 हजार हो गई और 44 लाख 97 हजार लोग ठीक हो चुके हैं।संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या करीब चार गुना अधिक है।
आईसीएमआर के मुताबिक, 21 सितंबर तक कोरोना वायरस के कुल 6 करोड़ 53 लाख सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 9 लाख 33 हजार सैंपल की टेस्टिंग कल की गई।
मृत्यु दर में गिरावट।
राहत की बात है कि मृत्यु दर और एक्टिव केस रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मृत्यु दर गिरकर 1.60% हो गई।इसके अलावा एक्टिव केस जिनका इलाज चल है उनकी दर भी घटकर 18% हो गई है।इसके साथ ही रिकवरी रेट यानी ठीक होने की दर 80% हो गई है। भारत में रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है।
देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र में दो लाख से ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर दिल्ली, चौथे नंबर पर गुजरात और पांचवे नंबर पर पश्चिम बंगाल है।इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं।एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का दूसरा स्थान है।कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है।मौत के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत का नंबर है।                


किसान की फावड़े से काटकर हत्या की

बदायूं: पानी का पाइप ना देने पर किसान की फावड़े से काटकर हत्या।


बदायूं। बदायूं के बिल्सी क्षेत्र में आज सुबह खेत में फसल को पानी लगा रहे किसान की फावड़े से काट कर हत्या कर दी गई। विवाद पानी लगाने को पाइप लेने की बात से शुरू हुआ और नौबत यहां तक आ पहुंची कि पाइप न देने पर बुजुर्ग किसान की फावड़े से काट कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मामला बिल्सी थाना इलाके के गांव दीननगर शेखपुर का है। किसान नत्थूलाल धान की फसल को पानी लगा रहा था तभी आरोपी रूपकिशोर वहां पहुचा और उससे पानी लगाने को पाइप मांगने लगा। मना करने पर विवाद इतना बढ़ गया कि रूपकिशोर ने नत्थू के सिर पर फाबड़े से कई बार किये और बचाने आये उसके भाई को भी दौड़ा लिया। लोगो की मदद से आरोपी को भी पकड़ लिया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कराया गया है।                 


कंपार्टमेंट 'सीबीएसई' परीक्षा को निर्देश दिया

कम्पार्टमेंट परीक्षा परिणाम जल्द घोषित करने का सीबीएसई को निर्देश।


नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को 10वीं और 12वीं की कम्पार्टमेंट परीक्षा के परिणाम जल्द घोषित करने का मंगलवार को निर्देश दिया ताकि वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में पास हुए छात्रों को नामांकन मिल सके। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने सीबीएसई को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के साथ मिलकर परीक्षा परिणाम जारी करने तथा नामांकन के लिए आवेदन करने की तिथियों के बारे में निर्णय लेने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा कि अभी असामान्य परिस्थितियां हैं और सीबीएसई एवं यूजीसी को फिलहाल कम्पार्टमेंट परीक्षा दे रहे बच्चों का भी ध्यान रखना चाहिए। कम्पार्टमेंट परीक्षा आज से शुरू हुई है और 29 सितम्बर तक चलेगी।
न्यायालय ने यूजीसी के वकील से कहा कि वह नामांकन के लिए कट-ऑफ तारीख के बारे में आयोग से 24 सितम्बर तक निर्देश लेकर आयें। उसके बाद ही वह सीबीएसई को कट-ऑफ तारीख से पहले परिणाम जारी करने का निर्देश देगा। छात्र याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा ने दलील दी कि यदि कम्पार्टमेंट परीक्षा में पास होने वाले विद्यार्थियों को नामांकन नहीं मिलता है,तो उनका शीर्ष अदालत के समक्ष यह याचिका दायर करने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।                    


अपनी 7 साल की बच्ची को जिंदा जलाया

पंजाब: मां ने अपनी सात साल की बच्ची को जिंदा जलाया, अधजली लाश को सुनसान जगह पर फेंका।


राणा ऑबरॉय


चंडीगढ़। पंजाब के अमृतसर से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जहां एक महिला ने अपनी सात साल की बच्ची को घर में ही जिंदा जला दिया। अधजली लाश को किसी सुनसान जगह पर फेंक दिया था। पुलिस ने हत्या के आरोप में महिला को गिरफ्तार कर लिया है,और बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
बताया जा रहा है,कि महिला के चार बच्चे हैं। जिसका कत्ल किया है वो सबसे छोटी बेटी थी। बच्ची की हत्या किस वजह से की गई, पुलिस उसकी जांच कर रही है।
इस घटना के बाद से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। लोगों का इस बात पर विश्वास कर पाना बेहद मुश्किल हो रहा है,कि हरप्रीत कौर नाम की महिला ने घर में ही अपनी सात साल की बेटी को जिंदा जला दिया। इसके बाद उसने बच्‍ची की अधजली लाश को प्लास्टिक के एक बैग डाल दिया और उसे एक छप्पड़ के पास फेंक दिया।
पुलिस का कहना है,कि बच्ची के गायब होने के बाद पुलिस और परिवार ने उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान एक अधजली लाश बरामद हुई। जांच के दौरान पुलिस को महिला पर कुछ शक हुआ और उससे सख्ती के साथ पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस का कहना है,कि महिला के चार बच्चे हैं,और पति के साथ झगड़े के बाद वह गुरुद्वारे के एक सेवादार के साथ रह रही थी। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और महिला के पति से भी पूछताछ कर रही है। महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।                                         


पति से अलग रहने पर पत्नी ने फांसी लगाई

लखनऊ: पति से अलग रह रही विवाहिता ने लगाई फांसी।


लखनऊ। मानक नगर थाना क्षेत्र में अपने चचेरे भाई संग अकेले रह रही एक विवाहिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार सुबह सूचना मिलने पर पहुंची स्थानीय थाने की पुलिस ने मृतका का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मानक नगर थाना क्षेत्र स्लिपर ग्राउंड मकान संख्या 1/86 बी में अपने पांच वर्षीय चचेरे भाई आदित्य के साथ रह रही पिंकी (30) पत्नी सूरज ने अपने कमरे में पंखे से दुप्पटे के सहारे फांसी लगा अपनी जान दे दी। मंगलवार सुबह लगभग 9:00 बजे बहन को फंदे से झूलता देख मासूम भाई बदहवास चीखने पुकारने लगा। पड़ोसियों की सूचना पर मौके पर पहुंची स्थानीय थाना मानक नगर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मानक नगर थाना प्रभारी योगेंद्र प्रसाद के मुताबिक मृतका तीन वर्षों से अपने पति से अलग रह रही थी और घरों में साफ सफाई का काम करती थी। मृतका के पिता चंद्रशेखर आलमबाग के फत्तेली रेलवे कॉलोनी में अपने परिवार संग रहते है।                   


अधिसूचना के खिलाफ एससी में याचिका दायर

उप्र में 31,661 शिक्षकों की भर्ती अधिसूचना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर।


नई दिल्ली/ लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 31 हजार 661 पदों पर एक सप्ताह के भीतर भर्ती कराने के लिए योगी सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है। रितु रेनुवाल के जरिये दायर याचिका में राज्य सरकार द्वारा जारी भर्ती अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की है। रेनुवाल उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों की वकील भी हैं।
मुख्यमंत्री ने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती के 31,661 पदों पर एक हफ्ते के भीतर नियुक्तियां करने का निर्देश दिया था। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग पूरी तरह तैयारी में जुटा था और कहा गया था,कि मुख्यमंत्री योगी आगामी दिनों में खुद चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। अब इस फैसले के खिलाफ बीटीसी अभ्यर्थी शीर्ष अदालत पहुंच गये हैं।
याचिका में कहा गया है,कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। ऐसे में जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता है, तब तक 31 हजार 661 पदों की भर्ती की राज्य सरकार की अधिसूचना पर रोक लगायी जानी चाहिए।                 


प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर होंगे

प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर होंगे गाज़ियाबाद और एनसीआर के निवासी, पंजाब में किसानों ने शुरू किया पराली जलाना।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद समेत एनसीआर के सभी निवासियों को इस सर्दी में भी दूषित हवा में जीने को मजबूर होना पड़ेगा। इसका कारण है।पंजाब के किसानों का पराली जलाना।  सूत्रों के अनुसार  पंजाब में किसानों ने फसलों के बचे हुए भागों यानी पराली को जलाना शुरू कर दिया है। नेशनल एरोनोटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की ओर से जारी ताज़ा तस्वीरों से इस बात के संकेत मिले हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पराली जलाने के शुरुआती संकेतों का पता चला है। पराली  जलाना भारतीय दंड संहिता और 1981 के वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत अपराध माना गया है। इसके बावजूद ये किसान धान के बचे हुए भागों को जलाना जारी रखते हैं। यह अभ्यास विकल्पों और श्रमिकों की कमी के चलते शुरू हुआ था।नासा के संसाधन प्रबंधन प्रणाली से आग का डाटा देने वाले सूचना तंत्र खेतों में आग लगाने में लगातार वृद्धि दिखाता है। गोडार्ड अर्थ साइंसेज टेक्नोलोजी एंड रिसर्च के वैज्ञानिक पवन गुप्ता के हवाले से अखबार ने कहा कि मानचित्र में लाल धब्बे के रूप में दिखाई देने वाली आग ज्यादातर पंजाब के अमृतसर से है। अमृतसर के अलावा पंजाब में तरन तारन, फिरोजपुर, कपूरथला, मनसा और जालंधर में भी पराली जलाई जाती है। 13 से 16 सितम्बर के बीच सेटलाइट से मिले डेटा के अनुसार 5 से 7 जगहों पर खेतों में आग लगी देखी गई।गुप्ता ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटना शुरू हो गई है। इस साल हम सेटेलाइट एयर क्वालिटी डेटा का विश्लेषण कर अनुमान लगाने का प्रयास करेंगे कि इसका स्थानीय जलवायु और मौसम पर क्या प्रभाव पड़ता है। वहीं एक अधिकारी ने कहा है।कि इस साल परली जलाने के कम मामलों की उम्मीद कर रहे हैं।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है। कि पिछले साल दिल्ली में वायु प्रदूषण खेतों में फसलों के बचे हुए हिस्से में आग लगाने के कारण बढ़ा था। खेतों में जलाई जाने वाली पराली दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की सरकारों के बीच विवाद का कारण बनती रही है। पिछले साल दिल्ली सरकार ने पराली जलाने के बढ़ते मामलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को निशाने पर लिया था।आपको बता दें कि पराली जलाने को दिल्ली में प्रदूषण के कारणों में से एक माना गया। पंजाब और हरियाणा की पराली से दिल्ली के प्रदूषण में पिछले साल 46 फीसदी तक प्रभाव था। प्रदूषण का स्तर गंभीर स्तर में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर तक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल प्रतिबंध निर्माण गतिविधि की घोषणा की।इससे पहले पंजाब और हरियाणा को किराए के आधार पर कृषि मशीनरी देने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया। फसलों के अवशेष प्रबंधन के लिए ज्यादा उच्च स्तर के मशीनी उपकरण खरीदने में असमर्थ किसानों के लिए यह प्रस्ताव था।                   


रैपिड रेल के लिए 100 करोड़ मंजूर किए

 गाज़ियाबाद-मेरठ रैपिड रेल के लिए योगी सरकार ने किए ₹ 100 करोड़ मंजूर।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। योगी सरकार ने दिल्ली,गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। यह पैसा राज्यांश के रूप में दिया गया है। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने इस संबंध में प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम को पत्र भी भेज दिया है। इसके मुताबिक रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम परियोजना में राज्यांश के रूप में 900 करोड़ रुपये दिया जाना है।
उन्होंने कहा है।कि सभी काम निर्धारित व तय मानकों के आधार पर कराए जाएंगे। परियोजना की डीपीआर को केंद्र व राज्य सरकार पहले मंजूरी दे चुकी है। इसलिए इसकी शर्तों का पूरा ध्यान रखा जाएगा इसकी अनदेखी नहीं की जाएगी। इस पैसे को 31 मार्च 2021 तक अनिवार्य रूप से खर्च करना होगा। इन पैसों को खर्च करने का उपयोगिता प्रमाण पत्र 30 अप्रैल 2021 तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होगा। परियोजना के लिए शेष पैसे की मांग उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ करना होगा। इस पैसे को निर्धारित मद में ही खर्च किया जाएगा इसे किसी अन्य काम पर खर्च नहीं किया जाएगा।                  


'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा  संदीप मिश्र  शाहजहांपुर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मौजूदा...