बुधवार, 9 सितंबर 2020

20.30 लाख एकड़ जंगल जलकर राख

कैलिफोर्निया में आग से जला 20.30 लाख एकड़ में फैला जंगल।


वाशिंगटन(यूए)। अमेरिका में कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजोम ने कहा है कि प्रांत के जंगलों में आग लगने के कारण लाखों अंडे और पक्षियों के लाखों छोटे बच्चे जलकर भुन गए। 20.30 लाख एकड़ में फैला जंगल जल गया है जो एक वर्ष में इतने बड़े क्षेत्र में जंगल जलने की सबसे बड़ी घटना है। वहीं 2019 में आग की वजह से 118,000 एकड़ में फैला जंगल नष्ट हो गया था। गेविन ने यह बातें मंगलवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कही।
उधर, कैलिफोर्निया के वानिकी एवं अग्नि नियंत्रण विभाग के अनुसार सैन डिएगो के जंगलों में लगी आग सोमवार तक 17000 एकड़ क्षेत्रफल में फैल चुकी थी। विभाग ने कहा था कि लगभग 14000 दमकलकर्मी आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। आग में जलने के कारण कम से कम आठ लोगों की मौत हो गयी है तथा 3300 संरचनाएं नष्ट हो गयी हैं।                  


सीमा विवाद पर 'रूस' ने दिया बयान

नई दिल्ली/ बीजिंग/ मास्को। रूस ने भारत-चीन के बीच चल रहे विवाद में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। रूस ने स्पष्ट किया है कि जब तक दोनों देश उससे मध्यस्थता की भूमिका निभाने के लिए नहीं कहेंगे, तब तक वह इस मामले में नहीं पड़ेगा। हालांकि वह दोनों देशों को बातचीत के जरिए आपसी विवाद हल करने के लिए प्रेरित करता रहेगा।

भारत में रूसी दूतावास के उप प्रमुख रोमन बबुश्किन ने कहा कि उनकी सरकार बातचीत के जरिये पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होते देखना चाहती है। उन्होंने कहा कि, 'हमें उम्मीद है कि भारत और चीन बातचीत के जरिये सीमा विवाद सुलझा लेंगे।' वे पत्रकारों के साथ ऑनलाइन बातचीत कर रहे थे।

रूस की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच ताजा झड़प के बाद बढ़े तनाव के एक दिन बाद आई है। बबुश्किन ने कहा कि, 'हम दोनों देशों के बीच विवादों के समाधान की प्रक्रिया में शामिल नहीं है। हम इसके लिये सकारात्मक माहौल बनाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। 'उधर भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर आठ देशों के शंघाई सहयोग संगठन ( SCO) की मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिये मंगलवार को चार दिवसीय यात्रा पर रूस दौरे पर गए हैं। इस दौरान वे बैठक से अलग हटकर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात कर सकते है।     

पीडाः दुनिया से अलग-थलग हो गया 'चीन'

नई दिल्‍ली/ बीजिंग। अपनी सामरिक व आर्थिक ताकत के गुमान में पड़ोसियों के साथ-साथ अन्य देशों से पंगा लेने वाला चीन आज दुनिया से अलग-थलग पड़ गया है। कोरोना संक्रमण को लेकर अपने रहस्यमय रवैये के कारण पहले ही वह दुनियाभर के देशों के निशाने पर आ गया था। इस बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सैनिकों के साथ चीनी सैनिकों की हिंसक झड़पों व तनातनी ने उसके नापाक इरादे को दुनिया के सामने ला दिया। अब तो चीन के बहकावे और कुटिल चालों में फंसे देशों ने भी उससे किनारा करना शुरू कर दिया है।


भूटान: चीन की नजर पूर्वी भूटान स्थित सकतेंग वन्यजीव अभयारण्य पर है। गत दिनों उसने इस अभयारण्य पर दावा भी ठोक दिया था, जिसका भूटान ने पुरजोर विरोध किया था। इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन-भूटान के बीच कभी सीमा निर्धारित नहीं हुई। सीमा को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है।                   


रूस में मिलेंगे भारत-चीन के विदेश मंत्री

मास्‍को। लद्दाख में भारत और चीन में जारी तनातनी के बीच आज शाम को भारत और चीन के विदेश मंत्री रूस की राजधानी मास्‍को में मुलाकात करेंगे। तय कार्यक्रम के मुताबिक भारतीय समयानुसार शाम 5 बजकर 30 मिनट पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच मुलाकात होगी। कहा जा रहा है कि रूस अपने दोनों मित्र देशों के बीच तनाव कम करने की जमीन तैयार करने में लगा हुआ है। हालांकि रूस ने इसका खंडन किया है।
इससे पहले रूस में ही भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चीनी रक्षा मंत्री ने मास्‍को में मुलाकात की थी लेकिन इस बैठक का कोई परिणाम नहीं निकला था। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लद्दाख में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने मंगलवार को मॉस्को पहुंच चुके हैं।             


भारत के तेवर देख बैकफुट पर आया चीन

नई दिल्‍ली/ बीजिंग। चीन घबराया हुआ है और अब अपने ही लोगों को समझाने की कोशिश कर रहा है कि उसकी सेना युद्ध लड़ सकती है। साथ ही वह यह भी समझा रहा है कि उसे भारत के साथ युद्ध करने का फायदा मिलेगा। इससे साफ जाहिर है कि सीमा पर भारत के आक्रामक रुख से चीन बैकफुट पर है। चीन के स्टेट मीडिया से संबद्ध ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, ‘‘भारत को लेकर चीन की नीति ताकत पर आधारित है और अगर आम लोग भारतीय उकसावे से नहीं डरते हैं, तो पीएलए कैसे डर सकता है? ऐसे में देश कैसे कमजोर हो सकता है? हर किसी को यह मानना होगा कि चीन भारत पर हावी है और ऐसे में हम भारत को चीन का फायदा नहीं उठाने देंगे।’’

लोगों को दे रहा भरोसा, जमीन नहीं गंवाएगा चीन
ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ हू शिजिन ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा, ‘‘चीन-भारत सीमा की सीमावर्ती स्थिति से परिचित लोगों ने मुझे बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का पूरी स्थिति पर द्दढ़ नियंत्रण है और युद्ध की स्थिति में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि यह कैसे लड़ा जाता है। पीएलए के पास भारतीय सेना को हराने की पूरी क्षमता है। इतना ही नहीं भारत-चीन सीमा पर चीन अपनी एक इंच जमीन भी नहीं खोएगा। इसे लेकर हम चीनी लोगों को आश्वस्त करते हैं।’’             


पाक से भी खराब है 'भारत की हालत'

वॉशिंगटन डीसी। भारत के साथ दोस्‍ती का दंभ भरने वाले अमेरिका की नजर में भारत की हालत पाकिस्‍तान से भी खराब है और उसने अपने देशवासियों को भारत नहीं जाने की सलाह दी है। अमेरिका ने पाकिस्तान के लिए अपने यात्रा परामर्श में संशोधन किया है और इसे तीसरे स्तर पर रखते हुए देशवासियों से पाकिस्तान की ‘यात्रा की योजना पर पुनर्विचार’ करने को कहा है। भारत अभी भी न जाने वाले देशों की सूची में शामिल है।
इससे पहले पाकिस्‍तान को चौथे स्तर पर रखा गया था। चौथे स्तर पर रखे गए देश ‘यात्रा नहीं करने’ के परामर्श की श्रेणी में आते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के परामर्श के अनुसार भारत अब भी यात्रा परामर्श के चौथे स्तर में है। भारत के अलावा सीरिया, ईरान, इराक और यमन समेत कई देश चौथे स्‍तर वाली सूची में शामिल हैं। अमेरिका ने भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर वहां ‘यात्रा नहीं करने’ का परामर्श छह अगस्त को जारी किया था।               


फुटबॉलः इटली ने नीदरलैंड्स को दी मात

रोम। इटली ने निकोलो बारेला के गोल दम पर यूईएफए नेशंस लीग के ग्रुप-ए के मैच में नीदरलैंड्स को 1-0 से हरा दिया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, सोमवार को खेले गए मैच के पहले हाफ के स्टॉपेज टाइम में बारेला ने टीम के लिए गोल किया और उनका यह गोल उनकी टीम को जीत दिलाने में काफी रहा।


इस जीत ने इटली को ग्रुप-ए1 के मैच में शीर्ष पर पहुंचा दिया। उनके दो मैचों में चार अंक हैं। इटली के कोच ने इटली के ब्रॉडकास्टर राय से बात करते हुए कहा, मैं मानसिकता, प्रदर्शन, को लेकर काफी खुश हूं। खिलाड़ियों ने शानदार खेला। वहीं अपने स्टार स्ट्राइकर रोबर्ट लेवांडोव्स्की के बिना उतरी पोलैंड ने टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत दर्ज की। 24वें मिनट में हैरिस हाजराडिनोविक ने गोल कर बोस्निया को आगे कर दिया। लेकिन ब्रेक से पहले कामिल ग्लीक ने पोलैंड को बराबरी पर ला दिया और 67वें मिनट में कामिल ग्रोसिस्की ने पौलेंड के लिए दूसरा गोल किया जो टीम के लिए विजयी साबित हुआ।               


जिंगपिंग पर सख्ती की तैयारी में अमेरिका

बीजिंग/ वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी संसद में एक बिल पेश किया गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका में सरकारी तौर पर शी जिनपिंग को चीन का राष्ट्रपति यानी प्रेसिडेंट नहीं कहा जाना चाहिए। बिल के मुताबिक, चीन में लोकतंत्र नहीं है और न ही, जिनपिंग लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए हैं। लिहाजा, अमेरिका उन्हें राष्ट्रपति कहना बंद करे।


तकनीकी तौर पर बिल में कही गई हर बात सही है। दरअसल, 1980 के पहले किसी चीनी शासन प्रमुख को प्रेसिडेंट यानी राष्ट्रपति नहीं कहा जाता था। इतना ही नहीं, चीन के संविधान में भी ‘राष्ट्रपति या प्रेसिडेंट’ शब्द नहीं है।


‘चेयरमैन ऑफ एवरीथिंग’
2012 में जिनपिंग राष्ट्रपति बने। यह पद उन्हें चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के मुखिया होने के चलते मिला। संवैधानिक तौर पर देखें तो सीसीपी का चेयरमैन ही सरकार और सेना का प्रमुख होता है। लेकिन, जिनपिंग के मामले में ऐसा नहीं है। सीएनएन के मुताबिक, जिनपिंग ही सत्ता और पार्टी का एकमात्र केंद्र हैं। वे पार्टी की नई सुपर कमेटीज के चेयरमैन भी हैं। इसलिए, इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स उन्हें ‘चेयरमैन ऑफ एवरीथिंग’ यानी ‘हर चीज का अध्यक्ष’ कहते हैं। ये एक तरह से तानाशाह होना ही है।


अमेरिका में लाए गए बिल में क्या है
ट्रम्प की पार्टी के सांसद स्कॉट पैरी ये बिल लाए। नाम दिया गया, ‘नेम द एनिमी एक्ट’। पैरी चाहते हैं कि जिनपिंग या किसी चीनी शासक को अमेरिका के सरकारी दस्तावेजों में न राष्ट्रपति कहा जाए और न लिखा जाए। बिल के मुताबिक- चीन में राष्ट्रपति जैसा कोई पद नहीं है। वहां कम्युनिस्ट पार्टी का जनरल सेक्रेटरी (महासचिव) होता है। और जब हम उसे राष्ट्रपति कहते हैं तो ऐसा लगता है, जैसे कोई व्यक्ति लोकतांत्रिक तौर पर चुना गया हो। चीन में तो लोकतंत्र नहीं है।


फिर सच्चाई क्या है..
इसे आसान भाषा में समझते हैं। दरअसल, जिनपिंग को ‘राष्ट्रपति’ कहे जाने पर भ्रम है। और इसीलिए विवाद भी हुए। चीन में जितने भी पदों पर जिनपिंग काबिज हैं, उनमें से किसी का टाईटिल ‘प्रेसिडेंट’ नहीं है। और न ही चीनी भाषा (मेंडेरिन) में इस शब्द का जिक्र है। 1980 में जब चीन की इकोनॉमी खुली, तब चीन के शासक को अंग्रेजी में प्रेसिडेंट कहा जाने लगा। जबकि, तकनीकि तौर पर ऐसा है ही नहीं। जिनपिंग सीसीपी चीफ हैं। इसलिए देश के प्रमुख शासक हैं। लेकिन, वे राष्ट्रपति तो बिल्कुल नहीं हैं। बस उन्हें ‘प्रेसिडेंट’ कहा जाने लगा।


सवाल क्यों उठते हैं...
स्कॉट पैरी के पहले भी अमेरिका में यह मांग उठती रही है कि कम से कम आधिकारिक तौर पर तो चीन के शासक को राष्ट्रपति या प्रेसिडेंट संबोधित न किया जाए। आलोचक कहते हैं- जिनपिंग ही क्यों? चीन के किसी भी शासक को राष्ट्रपति कहने से यह संदेश जाता है कि वो लोकतांत्रिक प्रतिनिधि है, और इंटरनेशनल कम्युनिटी को उन्हें यही मानना चाहिए। जबकि, हकीकत में वे तानाशाह हैं।


बात 2019 की है। तब यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की एक रिपोर्ट में कहा गया था- चीन में लोकतंत्र नहीं है। मतदान का अधिकार नहीं है और न बोलने की आजादी है। जिनपिंग को राष्ट्रपति कहना उनकी तानाशाही को मान्यता देना है।


जिनपिंग के ओहदे
चीन में जिनपिंग के पास तीन अहम पद हैं। स्टेट चेयरमैन (गुओजिया झुक्शी)। इसके तहत वे देश के प्रमुख शासक हैं। चेयरमैन ऑफ द सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (झोंगयांग जुन्वेई झुक्शी)। इसके मायने हैं कि वे सभी तरह की चीनी सेनाओं के कमांडर इन चीफ हैं। तीसरा और आखिरी पद है- जनरल सेक्रेटरी ऑफ द चाईनीज कम्युनिस्ट पार्टी या सीसीपी (झोंग शुजि) यानी सत्तारूढ़ पार्टी सीसीपी के भी प्रमुख। 1954 के चीनी संविधान के मुताबिक, अंग्रेजी में चीन के शासक को सिर्फ चेयरमैन कहा जा सकता है।           


अखिलेश ने योगी सरकार पर बोला हमला

लखनऊ - अखिलेश यादव ने आज 9 बजकर 9 मिनट पर की क्रांति की मशाल जलाने की अपील, योगी सरकार पर बोला हमला।


लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर युवाओं से अपील की है कि 9 सितंबर यानि आज रात 9 बजे 9 मिनट तक बेरोजगारी के खिलाफ क्रांति की मशाल जलाएं, ताकि आपकी आवाज सरकार के कानों तक पहुंचे। 
वहीं, अखिलेश यादव के समर्थन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है, उन्होंने लिखा कि इस देश का युवा अपनी आवाज सुनाना चाहता है। उन्होंने भी लोगों से अपील है कि वह भी युवाओं का साथ दें। 
बुधवार को अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मुट्ठियां जब बंध जाती हैं नौजवानों की, नींद उड़ जाती है ‘ज़ुल्मी हुक्मरानों’ की। आइए युवाओं व उनके परिवार की बेरोज़गारी-बेकारी के इस अंधेरे में हम आज रात 9 बजे, 9 मिनट के लिए बत्तियां बुझाकर क्रांति की मशाल जलाएं, उनकी आवाज़ में आवाज़ मिलाएं!               


21 से खुलेंगे स्कूल, गाइडलाइन जारी की

21 सितम्बर से खुलेंगे स्कूल गाइडलाइन्सजारी , बच्चो को भेजने से पहले जाने नियम।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले लगातार बड़ा रहे है और मौत का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। इसी बिच अनलॉक - 4 की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। मॉल से लेकर मेट्रो तक सभी सेवाएं सभी संभव एहतियात के साथ खोली जा रही हैं। इस सबके बीच स्कूलों को लेकर लोगों के मन में बड़ा सवाल है।
अनलॉक-4 में सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक-स्कूल खोलने की इजाज़त दी है। इसकी सरकार ने गाइडलाइन्स भी जारी कर दी है | सरकार ने कई ऐहतिहात भी दी है। 21 सितम्बर से खुलेंगे स्कूलः
जाने गाइडलाइन्स ...
सिर्फ कंटेंनमेंट जोन के बाहर के स्कूल खोले जा सकेंगे और कंटेंनमेंट जोन के बाहर रहने वाले स्टाफ और स्टूडेंट को ही स्कूल आने की इजाजत होगी।अगर आपके बच्चे का स्कूल कंटेंनमेंट जोन में है या फिर आपका घर कंटेनमेंट जोन में है तो आपके बच्चे को स्कूल जाने की इजाजत नहीं होगी।
स्कूल आने वाले छात्रों के पास अभिवावक की लिखित अनुमति होना अनिवार्य है। छात्रों का स्कूल आना किसी भी तरह से अनिवार्य नहीं होगा, यह सिर्फ वॉलेंटियरी बेसिस पर किया जा रहा है।
स्कूल में छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्टाफ को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। क्लास में भी सभी तरह के नियम लागू होंगे। यह सभी नियम अन्य शिक्षण संस्थानों जैसे पर भी लागू होंगे। कोरोना से जंग को लेकर पहले से जारी नियमों और गाइड लाइंस के साथ सरकार ने स्कूलों के लिए अलग से विस्तार से निर्देश जारी किए हैं। इन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर देखा जा सकता है।
स्‍टूडेंट्स के बीच कम से कम 6 फीट की दूसरी होनी चाहिए।इसके अलावा फेस कवर/मास्‍क अनिवार्य किया गया है।फिलहाल बायोमीट्रिक अटेंडेंस नहीं होगी।
स्कूल के अंदर भी थोड़ी-थोड़ी देर में हाथों को साबुन से धुलना या सैनिटाइज करना होगा। परिसर में इधर-उधर थूकने पर पाबंदी है। गेट पर हर छात्र और स्टाफ की थर्मल स्क्रीनिंग होगी, गेट पर ही उनके हाथ भी सैनिटाइज कराए जाएंगे।
बच्चे अपना कोई भी सामान जैसे, पेन, पेंसिल, नोटबुक या कोई अन्य सामान आपस में शेयर नहीं करेंगे।
इसके साथ ही स्कूल के ग्राउंड में किसी भी तरह खेल या शारीरिक एक्टिविटी की मनाही है।
स्कूल आने वाले सभी लोगों के लिए आरोग्य सेतु एप रखना अनिवार्य है।इसके साथ ही सभी स्कूलों को पल्स ऑक्सिमीटर का इंतजाम करना होगा।                  


नीट स्थगन की नई याचिकाएं खारिज की

सुप्रीम कोर्ट में नीट स्थगन की नई याचिकाएं खारिज।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को होने जा रही परीक्षा नीट 2020 के स्थगन की मांग के लिए लगाई गई नई याचिकाओं पर विचार करने से बुधवार को इनकार कर दिया। जस्टिस अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह की खंडपीठ ने कहा कि वे इस मामले की जांच करने के लिए इच्छुक नहीं हैं क्योंकि नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट कुछ दिनों में आयोजित होने वाला है।
शीर्ष अदालत ने परीक्षा स्थगन के लिए जनहित याचिकाओं के समूह के साथ-साथ गैर-भाजपा शासित राज्यों के छह मंत्रियों की याचिका को भी खारिज कर दिया। पीठ ने कहा, “अब सब कुछ खत्म हो गया है। एक समीक्षा को खारिज कर दिया गया है। जेईई हो चुकी है। अब हम इस पर कैसे विचार कर सकते हैं?”
याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दतार ने दलील दी कि वे छात्रों को हो रहीं व्यावहारिक कठिनाइयों को उजागर कर रहे हैं। उन्होंने बिहार का उदाहरण दिया, जहां केवल दो परीक्षा केंद्र हैं। पीठ ने जवाब दिया कि नीट के लिए सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी। अलग-अलग प्रवेश परीक्षा के लिए अलग-अलग तरीखें नहीं हो सकती हैं। दतार ने शीर्ष अदालत से नीट को तीन सप्ताह के लिए स्थगित करने पर विचार करने का आग्रह किया है।
एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील के.टी.एस. तुलसी ने तर्क दिया कि कोविड-19 के एक दिन में 90 हजार मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि जो उम्मीदवार परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं हो सके, उनके बारे में उचित ढंग से विचार करना चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि यह परीक्षा निकाय को तय करनी थी, ना कि न्यायालय को।
एक अन्य अधिवक्ता शोएब आलम ने कंटेनमेंट जोन के लिए जारी दिशा-निर्देशों का हवाला दिया कि ऐसे में वहां के छात्र कैसे परीक्षा केन्द्र पहुंचेंगे। इस पर पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारी उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक सावधानी बरतेंगे।                


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...