रविवार, 23 अगस्त 2020

पीसी शर्मा ने भाजपा पर हमला बोला

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने ग्वालियर में हो रहे आयोजन में बीजेपी पर हमला बोला
नई दिल्ली। भाजपा के कार्यक्रमो के लिए कोई नियम कानून नहीं है, लेकिन हिन्दू धर्म मे  गणेश उत्सव नहीं मनाने दिया जा रहा ग्वालियर में कांग्रेस के एक भी व्यक्ति ने भाजपा की सदस्यता नहीं ली है कांग्रेस के नेताओं पर झूठे प्रकरण दर्ज हो रहे हैं, इसलिए हमने समिति बनाई है, भाजपा कुछ भी करे जनता हमारे साथ है।
विधानसभा सभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव पर कहा
कांग्रेस उचित समय पर अपने पत्ते खोलेगी ,भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए कैंडिडेट उतारा था, इसलिए हमने उपाध्यक्ष पद नहीं दिया।
जमातियों पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाया, इन्हें माफी मांगनी चाहिए
'राम मंदिर का मुद्दा कांग्रेस के पक्ष में, राजीव गांधी ने खुलवाए थे दरवाजे राजधानी सहित आसपास हो रही बारिश पर  पूर्व मंत्री  ने कहा कलियासोत डेम के गेट खोले गए लेकिन इससे पहले पुख्ता इंतजाम नहीं किए निचली बस्तीयों में पानी भर गया।                


ऑनलाइन पढ़ाई का फायदा और नुकसान

छात्रों का भविष्य ऑनलाइन पढ़ाई कितना फायदा कितना नुकसान
ऑनलाइन पढ़ाई में कुछ विद्यार्थी अभिभावकों के साथ कर रहें विश्वासघात


नई दिल्ली। ऑनलाइन पढ़ाई के जरिए छात्र अपने भविष्य के साथ कहीं खिलवाड़ तो नहीं कर रहे।
अभिभावक और बच्चों के बीच सवांद और विश्वास की कमी,अभिभावकों को देना होंगा ध्यान।
कोरोना महामारी से तो पूरा विश्व जूझ रहा है देश में भी लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल कॉलेज बंद चल रहे हैं ऐसे में बच्चों का भविष्य क्या होगा जिसके चलते ऑनलाइन पढ़ाई का चलन बढ़ता जा रहा है। अभिभावकों को भी ऑनलाइन पढ़ाई बेहतर लगती है। बच्चे जब उनके नजर के पास रहते हैं।
शहर तो शहर अब गाँव में भी ऑनलाइन पढ़ाई का चलन तेज होता जा रहा है कितने ऐसे माता-पिता भी है जिन्होंने कभी भी स्मार्ट फोन का इस्तेमाल नहीं किया लेकिन अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए ऑनलाइन पढ़ाई के लिए एंड्रॉयड स्मार्टफोन खरीद कर बच्चों को दिया।
क्या ऑनलाइन पढ़ाई से बदलेगा छात्रों का भविष्य?
देखने मे आ रहा हैं कि कम उम्र के बच्चों को उनके माता पिता ने ऑनलाइन पढ़ाई के लिए महंगे मोबाईल उपलब्ध करा रखें हैं। तथा वह माता पिता मोबाईल दिलवाने के बाद अपने बच्चो पर नजर नही रखते हैं। अधिकांश विद्यार्थी कक्षा ग्यारवी और बारहवीं के हैं और संपन्न परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। हैरानी की बात यह है कि जब लॉक डाउन की वजह से ट्यूशन और स्कूल बंद हैं तो किशोर छात्र इस तरह के कामों में अपना समय बिता रहे हैं और इनके माता-पिता को भनक तक नहीं लग रही है कि बच्चे कर क्या रहे हैं। कोरोना के चलते ऑनलाइन कक्षाओं का चलन बढ़ गया हैं और अभिभावक भी सोचते हैं। कि उनके बच्चे मोबाइल पर पढ़ रहे हैं, इसलिए वे उन पर शक नहीं करते। लेकिन कुछ छात्र अभिभावकों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं और कुछ छात्र ऐसे भी हैं जो ऑनलाइन पढ़ाई के जरिए अपने भविष्य को खराब कर रहे हैं।आजकल अभिभावक और बच्चों के बीच सवांद और विश्वास की कमी साफ देखने को मिल रही हैं। इसी का नतीजा है कि बच्चे हमेशा मोबाइल, वीडियो गेम और अन्य गैजेटों में उलझे रहते हैं सभी अभिभावकों से अपील की अपनी जिम्मेदारी समझे और वे बच्चों पर नजर रखें, देखें कि उनका बच्चा घंटों उस आभासी दुनिया में क्या कर रहा है, किसके साथ संपर्क में है। एक रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया के ज्यादा प्रयोग से बच्चा इसका आदी हो जाता है और मन ही मन अकेला महसूस करने लगता है। यहीं से अवसाद की शुरूआत हो जाती है। इसलिए अभिभावकों एवं बच्चे के बीच हमेशा संवाद बना रहना चाहिए, ताकि वह बाहरी आभासी आकर्षण एवं गलत लोगों की संगत से बचा रहे। आजकल विविध ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से अश्लीलता एवं फूहड़ता से परिपूर्ण वेब सीरीज दिखाई जा रही हैं जिसका गलत असर किशोर के दिलो दिमाग पर पड़ रहा है और इसे देखने से शारीरिक आकर्षण के प्रति उनका मोह एवं रुझान और भी ज्यादा बढ़ने लगता हैं। जिस वजह से उनका मन पढ़ाई -लिखाई से भटक जाता हैं एवं वे बॉयज लॉकर रूम जैसे ग्रुप बनाने की ओर बढ़ने लगते हैं।सरकार की भी जिम्मेदारी है कि ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिनका बॉयज लॉकर रूम जैसे ग्रुप पर नियंत्रण नहीं है, उन पर कठोर कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि नाबालिग इसका उपयोग न कर पाएं।               


1 परिवार के ही 5 लोगों ने लगाई फांसी

टीकमगढ़। एक ही परिवार के 5 लोगो ने फाँसी लगाई
टीकमगढ़। दीपक अग्रवाल। नगर के वार्ड नंबर 8 खरगापुर निवासी धर्म दास सोनी व उसके बाकी सदस्यों ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हत्या का कारण अज्ञात है। उक्त मामले में पुलिस जाँच कर रही है। मरने वालो में धर्मदास सोनी उम्र 62 वर्ष पुणे सोनी उम्र 55 वर्ष, मनोहर सोनी उम्र 27 वर्ष
सोनम सोनी 25 वर्ष , सानिध्य उम्र 4 वर्ष,वधर्मदास सोनी जो कि रिटायर्ड वेटनरी पशु अस्पताल में नौकरी करते थे।               


फ्लैट मिलने में देरी होने पर लिया जाएगा जुर्माना

नोएडा। अब किसी बिल्डर ने डेडलाइन तक प्रॉजेक्ट नहीं दिया, तो खरीददार तुरंत रिफंड मांग सकता है। इसके साथ ही फ्लैट मिलने में देरी होने पर एक से लेकर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगेगा। UP-RERA ने नोएडा और गाजियाबाद के 22 डिवेलपर्स के साथ हफ्ते भर चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया है।


दिसंबर 2018 में गठन के बाद यह पहली बार है कि यूपी रेरा ने पेंडिंग पड़े फ्लैट्स के लिए बिल्डर्स के साथ बैठक की है। रेग्युलेटर ने जिला प्रशासन को 2 हजार रिकवरी नोट्स सौंपे। इसके साथ ही नीलामी के लिए डिफॉल्टर बिल्डर्स को 10 दिनों के अंदर भरपाई करने का समय दिया गया है। इससे खरीददारों को रिफंड किया जा सकेगा।                 


यूपी: 1आइएएस 5 पीसीएस का तबादला

यूपी में प्रशासनिक फेर-बदल, एक आईएएस सहित पांच पीसीएस अफसरों के तबादले।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शनिवार देर शाम राज्य सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल किया। शासन ने एक आईएएस और पांच पीसीएस अफसरों के तबादले कर दिए। जबकि पूर्व में स्थानांतरित एक पीसीएस अधिकारी को नई तैनाती स्थल पर तुरंत जाकर कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है।
आईएएस अधिकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंकित खंडेलवाल को मेरठ से इसी पद पर नोएडा ट्रांसफर किया गया है। पीसीएस अधिकारियों में एसडीएम अभय कुमार सिंह को नोएडा से बलिया, एसडीएम रजनीकांत मिश्रा को मैनपुरी से नोएडा, एसडीएम प्रमोद कुमार को संतकबीरनगर से महराजगंज, एसडीएम गुलशन को बागपत से संतकबीरनगर और एसडीएम मान सिंह पुंडीर को रामपुर से मैनपुरी ट्रांसफर किया गया है। एसडीएम संजय मिश्रा का नोएडा से पूर्व में जौनपुर ट्रांसफर किया गया था। उन्हें तुरंत नई तैनाती स्थल पर जाकर कार्यभार करने को कहा गया है।                   


आरपी मंडल को मिल सकता हैं एक्सटेंशन

मुख्य सचिव आरपी मंडल को मिल सकता है 6 महीने का एक्सटेंशन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव आरपी मंडल को 6 महीने का एक्सटेंशन दिया जा सकता है। इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया है। ज्ञात हो कि आरपी मंडल 30 नवंबर को रिटायर होने वाले थे, लेकिन उससे पहले राज्य सरकार ने उनके एक्सटेंशन का प्रस्ताव भेज दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, 87 बैंच के आईएएस अधिकारी आरपी मंडल को छह महीने का एक्सटेंशन देने राज्य सरकार की ओर से महीने भर पहले का प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें कोरोना काल के दौरान प्रदेश की विपरित परिस्थितियों के साथ सीनियर अफसरों की कमी का हवाला दिया गया है। राज्य सरकार एक्सटेंशन की उम्मीद लगाए हुए है,क्योंकि इसके पहले गुजरात सरकार ने राज्य के मुख्य सचिव अनिल मुकीम को छह साल एक्सटेंशन देने के लिए इसी तरह का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, जिसे केंद्र ने मंजूर कर लिया है।               


3000 फीट ऊंचाई पर विराजमान 'गणेश'

प्रकृति और प्राचीन संस्कृति का अद्भुत मेल, लगभग 3000 फीट की ऊँचाई पर ढोलकाल की पहाड़ियों में विराजमान ऐतिहासिक गणेश प्रतिमा है श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र


जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बैलाडिला पहाड़ी में लगभग 3000 फीट की ऊँचाई पर स्थित ऐतिहासिक गणेश प्रतिमा स्थापित एक मनमोहक स्थल है। माना जाता है कि भगवान गणेश की 3 फीट पत्थर की सुन्दर प्रतिमा 10वीं और 11वीं शताब्दी के बीच नागवंश के दौरान बनाई गई थी। यह साइट का मुख्य आकर्षण है। जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा से लगभग 25 किमी दूर स्थित, यह जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है, और उन लोगों के लिए जो हरी-भरी पहाड़ियों व वादियों के बीच ट्रेक करना पसंद करते हैं।
काले ग्रेनाइट से बनी है लगभग साढे़ तीन फीट ऊँची प्रतिमा
10वीं-11वीं शताब्दी में छिंदक नागवंशी राजाओ द्वारा दुर्लभ चतुर्भुज गणेश प्रतिमा स्थापित करवाई गई थी। लगभग साढे़ तीन फीट ऊँची और ढाई फीट चौड़ी काले ग्रेनाइट पत्थर से बनी यह प्रतिमा बेहद कलात्मक है। समुद्र तल से इस शिखर की ऊँचाई 3000 फीट है। इस प्रतिमा को छत्तीसगढ़ के सबसे ऊँचे स्थल में स्थापित होने का गौरव भी प्राप्त है। दंतेवाड़ा से 25 किमी दूर बैलाडीला की सबसे ऊँची पहाड़ी ढोलकल पर दुर्लभ गणेश प्रतिमा विराजमान है। हर वर्ष गणेश चतुर्थी में दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।ललितासन में विराजमान हैं गणपति।
दक्षिण बस्तर के बैलाडीला की पहाड़ी श्रृंखलाओं में से एक ढोलकल नामक पहाड़ी की चोटी पर सैकड़ों वर्ष पुरानी गणेश जी की दुर्लभ प्रतिमा स्थित है। इस स्थल की विशेषता यह है कि यहां प्रकृति और प्राचीन समृद्ध संस्कृति का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। लगभग तीन हजार फीट की ऊँचाई पर गणेश जी की यह दुर्लभ प्रतिमा, जो कि ललितासन में विराजमान है।
भगवान गणेश व परशुराम का हुआ था युध्द।
जानकारों व पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान गणेश और परशूराम का युद्ध इसी शिखर पर हुआ था। युद्ध के दौरान परशुराम के फरसे से गणेश का एक दांत टूटा था। इस घटना के बाद छिंदक नागवंशी राजाओं ने शिखर पर गणेश की प्रतिमा स्थापित की। पुरातत्व के अनुसार ढोलकल शिखर पर स्थापित दुर्लभ गणेश प्रतिमा लगभग 11वीं शताब्दी की है।
शिखर तक पहुंचने के लिए करनी पड़ती है पैदल यात्रा
ढोलकल शिखर तक पहुंचने के लिए दंतेवाड़ा से करीब 17 किलोमीटर दूर फरसपाल, इसके बाद कोतवाल पारा होकर जामपारा तक पहुंच मार्ग है। जामपारा पहाड़ी के नीचे स्थित है। यहाँ से करीब 5 किमी पैदल चलकर पहाड़ी पगडंडियों से होकर ऊपर पहुंचना पड़ता है। ग्रामीणों के सहयोग से शिखर तक पहुंचा जा सकता है। दुर्गम रास्ते होने के कारण ढोलकाल गणेश प्रतिमा तक श्रद्धालु विशेष मौके पर ही पहुंचते हैं।
क्यूं रखा गया गाँव का नाम ‘फरसपाल’
काले ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित ललितासन में गणेश की प्रतिमा करीब एक हजार साल पुरानी है। ऐसी माना जाता है कि इस पहाड़ पर परशुराम व गणेश जी का युद्ध हुआ था। इस दौरान परशुराम के वार से गणेश का एक दांत टूट गया था, इसलिए इस गाँव का नाम फरसपाल रखा गया।
स्थानीय ग्रामीणों ने की थी स्थल की खोज।
पुरात्वविदों का मानना है कि इस प्रतिमा की स्थापना छिदंक नागवंशी राजाओं ने कराई थी। इसके इर्द-गिर्द सूर्य व शिव की प्रतिमा भी स्थापित थी, लेकिन वर्तमान में यहां अब अवशेष ही शेष हैं। ढोलकल शिखर की खोज स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा की गयी थी।
कई प्रतिमाएं चढ़ चुकी हैं तस्करों की भेंट
ढोकाल शिखर को लेकर किवदंतियां हैं कि गणेश प्रतिमा के बाजू वाली पहाड़ी पर भगवान शिव की प्रतिमा थी। वहीं कुछ दूर एक और पहाड़ी शिखर पर सूर्यदेव की प्रतिमा की स्थापना भी 10 वीं व 11 वीं शताब्दी में कराई गई थी। भगवान शंकर व सूर्यदेव की प्रतिमाएं तस्करों की भेंट चढ़ चुकी है। फिलहाल इन स्थानों पर केवल पत्थरों के अवशेष ही शेष रह गए हैं।
ज्ञात हो कि दक्षिण बस्तर-दंतेवाड़ा में ऐतिहासिक धरोहरों की कमी नहीं है। रख-रखाव के आभाव में ऐतिहासिक धरोहर विलुप्त होने की कगार पर हैं। शासन-प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। पर्यटन मंडल को भी इसकी जानकारी है लेकिन पर्याप्त प्रचार व सुविधाओं के अभाव की वजह से दक्षिण बस्तर का यह सुंदर स्थल आज भी लोगों की नज़रों से मानो ओझल ही है।              


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पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...