मेरठ/नई दिल्ली। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहीत भूमि के समान मुआवजे और सर्विस रोड की मांग को लेकर किसानों का विरोध जारी है। किसानों द्वारा एक्सप्रेसवे पर पशु बांधकर विरोध दर्ज कराने के एलान के बाद किसानों को वार्ता के लिए आज दोपहर 12 बजे परिवहन मंत्रालय में मिलने का समय दिया गया है। इस दौरान छह किसान, विधायक, सांसद बागपत सत्यपाल सिंह को बुलाया गया है। वहां केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी या केंद्रीय परिवहन राज्यमंत्री वीके सिंह से किसानों की मुलाकात कराई जाएगी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के चौथे चरण में 26 गांवों के किसान एक समान मुआवजे व सर्विस रोड की मांग कर रहे हैं। किसान नेता सतीश राठी का कहना है कि शुक्रवार को मंत्रालय में किसान अपनी मांग रखेंगे। उसके बाद . का निर्णय लिया जाएगा। एक्सप्रेसवे पर धरना देने वाले किसानों ने गुरुवार को गांव-गांव के किसानों से वार्ता की। मेरठ इलाके के किसान नेता भी समर्थन के लिए गांव-गांव पहुंच रहे हैं। जिससे भारी संख्या में एकत्र होकर एक्सप्रेसवे का कार्य बंद कराया जा सके। सपा नेता पवन गुर्जर का कहना है रणनीति बनाकर जल्द ही एक्सप्रेसवे पर पशुओं को बांधकर काम बंद करेंगे। इस दौरान किसान महबूब सोलाना, हाजी जुनेद काशी, निशांत भड़ाना मौजूद रहे। मेरठ इलाके में एक्सप्रेसवे का कार्य जारी बारिश से मिली राहत के बाद अछरौडा के पीछे बनाए जा रहे टोल प्लाजा के पास पीक्यूसी रोड बनाने का कार्य शुरू हो गया है। टोल प्लाजा के पास बने स्लोप के दोनों ओर कोर मेट लगाने का कार्य भी किया गया। इसके अलावा परतापुर रेलवे लाइन पर बने आरओबी पर लिंटर डालने, वाटर पार्क के सामने कट को बंद करने के बाद सड़क की खुदाई करने का काम शुरू कर दिया है। 350 कर्मचारियों का हुआ कोरोना टेस्टः सवे के कार्य में लगे इंजीनियरों और कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट किया गया। गाजियाबाद प्रशासन की ओर से 350 कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कराया गया। एक्सप्रेसवे का निर्माण करने वाली जीआर इंफ़्रा कंपनी के मैनेजर मनोज बैरवा ने बताया कि ये जिला प्रशासन का सराहनीय कदम है। इससे कर्मचारियों में भी आपस में भय की स्थिति नहीं होगी।
कामरुप। असम में तकरीबन 100 से मरीजों ने कोविड-19 सेंटर को तोड़ कर हाईवे जाम कर दिया। दरअसल, मरीजों का आरोप है कि कामरूप जिले में मरीजों को पानी और खाना नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके विरोध में इन लोगों ने नेशनल हाइवे 31 को जाम कर दिया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि कामरूप के उपायुक्त कैलाश कार्तिक ने पुलिस के साथ गुरुवार को चंगसारी में मरीजों से राजमार्ग को खाली करने और केंद्र पर लौटने के लिए कहा और मामले को बातचीत से हल करने पर भी हामी भरी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में तनाव व्याप्त है, हालांकि, आश्वासन के बाद मरीज वापस केंद्र में लौट आए। एक रूम में 10 से 12 मरीज रखने का आरोपः रोगियों ने आरोप लगाया कि उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है और बिस्तरों की स्थिति भी ठीक नहीं है। एक कमरे में 10से 12 मरीजों को रखा जा रहा है। डिप्टी कमिश्नर ने दिया आश्वासनः डिप्टी कमिश्नर ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके आरोपों पर गौर किया जाएगा और समस्याओं का हल निकाला जाएगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर मरीज COVID देखभाल सुविधा से खुश नहीं हैं, तो वे होम क्वारंटाइन का विकल्प चुन सकते हैं। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि राज्य में स्वास्थ्य कर्मी दिन-रात ड्यूटी पर हैं और हम मानते हैं कि वह अपनी जॉब में लेट हो सकते हैं क्योंकि वह ओपरटाइम कर रहे हैं। मंत्री यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य में टेस्ट पैसे लेने के बाद हो रहे हैं, लेकिन असम में सभी प्रकार के खर्च राज्य सरकार उठा रही है।