गुरुवार, 16 जुलाई 2020

ब्राज़ीली राष्ट्रपति फिर संक्रमित मिलें

ब्रासीलिया। चीन के द्वारा फैलाये गए वायरस कोविड 19 के कारण हाहाकार मचा हुआ है। ब्राजील में अमेरिका के बाद सबसे अधिक मौतें हो रही हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने बुधवार को बताया कि वह अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। उन्होंने एक दिन पहले ही दूसरा कोविड टेस्ट कराया था। बोल्सोनारो ने कहा कि उन्हें कोई लक्षण नहीं हैं लेकिन फिर भी दोबारा उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। उन्होंने बताया कि वह एंटी-मलेरिया ड्रगः हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन  ले रहे हैं, जो कि काम कर रही है। 7 जुलाई को पहली बार हुए थे पॉजिटिवः आपको बता दें कि ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो पहली बार 7 जुलाई को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। देश को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि मैं ठीक हूं लेकिन कल सुबह मैंने फिर से कोरोना टेस्ट कराया। शाम को रिपोर्ट आई जिसमें पाया गया कि मैं अभी भी संक्रमित हूंं। ब्राजील में हो चुकी हैं 75 हजार से अधिक मौतेंः ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने कोरोना की गंभीरता को नहीं समझा, जिसका खामियाजा उनका देश भुगता रहा है। उल्लेखनीय है कि ब्राजील में कोरोना वायरस से पिछले 24 घंटे में 1233 मौतें हुई हैं जिससे इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 75,366 हो गई है। बता दें कि ब्राजील कोरोना वायरस संक्रमितों के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। अमेरिका में कोरोना के 34 लाख से अधिक संक्रमित मामले सामने आए है।   


श्रीराम  'निर्भयपुत्र'


अलर्टः फिंगर 4 पर हुई तोपों की तैनाती

नई दिल्ली/ बीजिंग। लद्दाख में तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है। चीन के चरित्र और हरकतों को देखकर भारतीय सेना ने लाइन अरुणाचल कंट्रोल पर अपनी तैयारी बढ़ा दी है। पूर्वी लद्दाख में तोपों की तैनाती बढ़ा दी गई है। इस बीच भारतीय सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी दिल्ली पहुंच गए हैं। हालात बिगड़ने के संकेत इस बात से मिल रहे हैं कि चीन की सेना पैंगोंग में फिंगर-4 से पीछे हटने से इनकार कर दिया है। इधर, LAC पर तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल से लद्दाख के दौरे पर होंगे।


LAC पर तनाव लंबा चलेगा
चीन की सेना पैंगोंग में पीछे हटने को तैयार नहीं है। फिंगर-4 से हटने को चीन की सेना तैयार नहीं है। चुशूल में दोनों देशों के बीच चौथी कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। यह बातचीत 14 घंटे से ज्यादा चली थी। गलवान, हॉटस्प्रिंग्स और गोगरा से सैनिकों के हटने पर सहमति बनी थी। भारत की मांग है कि चीन के सैनिक इलाके से पूरी तरह से हटें।


भारत सेना अलर्टः भारतीय सेना भी पूरी तरह से तैयार है। चीन की हरकतों को ध्यान में रखते हुए भारत ने पूर्वी लद्दाख में 60 हजार सैनिकों की तैनाती कर दी है। भारत ने भीष्म टैंक, अपाचे युद्धक हेलीकॉप्टर, सुखोई फाइटर जेट, शिनूक और 'रुद्र' युद्धक हेलीकॉप्टर की तैनाती कर दी है। पूूर्वी लद्दाख में भारत ने तोपों की तैनाती बढ़ा दी है।      


सरस 'निर्भयपुत्री'


तुर्की अधिकारियों को भेजना चाहिएः ग्रीस

एथेंस। ग्रीस उन आठ तुर्की अधिकारियों को वापस भेजने के लिए तैयार था जो 15 जुलाई की रात को अलेक्जेंड्रुपोली में एक सैन्य हेलीकॉप्टर के साथ उतरे थे, रेसेप तईप एर्दोगन की सरकार के खिलाफ तख्तापलट की कोशिश नाकाम रही, लेकिन तुर्की के पक्ष के साथ कोई संचार स्थापित नहीं किया जा सका, पूर्व रक्षा मंत्री इवांजेलोस अपोस्टोलिसिस ने बुधवार को ग्रीक ब्रॉडकास्टर मेगा के साथ एक साक्षात्कार में खुलासा किया। ''जब आठ [सर्विसमैन] के साथ हेलीकॉप्टर उतरा, तब भी हेलीकॉप्टर को वापस करने का प्रयास किया गया, लेकिन संचार तुर्की के साथ] खो गए थे," उन्होंने कहा। "जब हेलीकॉप्टर उतरा, तो मैंने [तुर्की के रक्षा मंत्री हुलसी] अकार से संपर्क करने की कोशिश की, क्योंकि मामला बहुत सुचारू रूप से चल रहा था।" जब संचार बहाल किया गया और अकार ने आखिरकार अपोस्टोलकिस को तुर्की अधिकारियों को प्रत्यर्पित करने के लिए कहा, "स्थिति विकसित हो गई थी, वे [अधिकारी] गिरफ्तार कर लिए गए थे, वे शरण प्रक्रिया में प्रवेश कर चुके थे, न्याय में शामिल थे, कुछ भी करने का कोई रास्ता नहीं था। "मंत्री ने समझाया, "उस समय, इस बिंदु पर, उन्हें स्वीकार किए जाने से पहले कुछ संचार करना था ताकि जो किया जाना था, वह हो सके।" अपोस्टोलिक ने यह भी दावा किया कि ग्रीस को जानकारी थी कि वास्तव में ऐसा होने से कुछ घंटे पहले एक तख्तापलट की योजना बनाई जा रही थी और ग्रीक नेशनल इंटेलिजेंस सर्विस (EYP) के प्रमुख ने अकार को चेतावनी दी, जिन्होंने कहा कि उन्होंने इसके बारे में नहीं सुना था। जैसा कि तख्तापलट का प्रयास विकसित हो रहा था, पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने तुर्की समकक्ष से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन फोन नीचे थे। "हम एर्दोगन के आंदोलनों की निगरानी कर रहे थे, हमें पता था कि वह एक होटल में था और किसी समय हमने एक हवाई जहाज को उसे लेने के लिए जाते देखा था," उन्होंने कहा। एक पूर्व यूनानी सशस्त्र सेना प्रमुख अपोस्टोलकिस ने यह भी स्पष्ट करने से इनकार कर दिया कि क्या ग्रीस को एर्दोगन की मदद के लिए एक हेलीकॉप्टर भेजने के लिए तैयार किया गया था, यदि आवश्यक समझा गया था। “मैं न तो इसकी पुष्टि कर सकता हूं और न ही इससे इनकार कर सकता हूं। अगर कुछ करने की जरूरत है तो संवाद करने का प्रयास किया गया। मुझे लगता है कि हमने इस मुद्दे पर बहुत अच्छा रुख बनाए रखा, ”उन्होंने जवाब दिया।             


साल के अंत तक मिलेंगी 3 करोड़ डोज

मास्को। इस साल के आखिर तक रूस अपनी एक्सपेरिमेंटल कोरोना वायरस वैक्सीन की 3 करोड़ डोज देश में बनाने की तैयारी में है। यही नहीं मॉस्को का इरादा विदेश में इस वैक्सीन की 17 करोड़ डोज बनाने का है। रशिया डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के हेड किरिल दिमित्रीव ने बताया है कि इस हफ्ते एक महीने तक 38 लोगों पर चला पहला ट्रायल भी पूरा हो गया। रिसर्चर्स ने पाया है कि यह इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है और प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित कर रही है। हालांकि, यह प्रतिक्रिया कितनी मजबूत है, इसे लेकर संशय है। अगले महीने इसे रूस और सितंबर में दूसरे देशों में अप्रूवल मिलने के साथ ही उत्पादन पर काम शुरू हो जाएगा।
मिडिल ईस्ट में होगा तीसरे फेज का ट्रायलः दिमित्रीव ने बताया कि अगस्त में हजारों लोगों के ऊपर तीसरे चरण का ट्रायल होना है। इससे पहले 3 अगस्त तक 100 लोगों पर ट्रायल को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा है, 'मौजूदा नतीजों के आधार पर हमें भरोसा है कि इसे रूस में अगस्त में अप्रूव कर दिया जाएगा और कुछ और देशों में सितंबर में जिससे यह पूरी दुनिया में अप्रूव होने वाली पहली वैक्सीन बन जाएगी।' उनका कहना है कि तीसरे चरण का ट्रायल रूस के अलावा मिडिल ईस्ट के दो देशों में किया जाएगा। इसके लिए रूस सऊदी अरब से बात कर रहा है। सऊदी से इसके उत्पादन में साथ देने की बात भी की जा रही है। 


शिवांशु 'निर्भयपुत्र'


पेशेंट के संपर्क से 1 फैकल्टी संक्रमित

पंकज कपूर


ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में पिछले 24 घंटे में 6 लोगों की कोविड सेंपल रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। जिनमें एक एम्स की फैकल्टी भी शामिल है। संस्थान की ओर से इस बाबत स्टेट सर्विलांस ऑ​फिसर को सूचित कर दिया गया है।


एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि संस्थान में की गई सेंपलिंग में 6 व्यक्तियों की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव पाई गई है। उन्होंने बताया कि एम्स के एक 39 वर्षीय संकाय सदस्य कोविड संक्रमित पाए गए हैं। वह एसिम्टमेटिक (जिसमें रोग के लक्षण नहीं पाए जाते हैं), बीती 13 जुलाई को ओपीडी में उनका कोविड सेंपल लिया गया था जो कि बृहस्पतिवार को पॉजिटिव आया है, लिहाजा उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया है। बताया गया है कि एम्स फैकल्टी एक कोविड पॉजिटिव स्ट्रोक के पेशेंट के संपर्क में आए थे।


दूसरा मामला रायवाला क्षेत्र का है। रायवाला निवासी एक 37 वर्षीया महिला जिसका बीते मंगलवार को एम्स में कोविड सेंपल लिया गया था, जो कि पॉजिटिव पाया गया है। महिला एसिम्टमेटिक (जिसमें रोग के लक्षण नहीं पाए जाते) है, उसे नजदीकी सीसीसी सेंटर में भर्ती होने की सलाह दी गई है। यह महिला हरिद्वार स्थित एक फैक्ट्री में कार्यरत हैं, हाल ही में इस फैक्ट्री के 7 कर्मचारी कोविड संक्रमित पाए गए हैं।


एक अन्य लालबाड़ा, रुड़की निवासी 52 वर्षीय व्यक्ति पिछले 20 दिनों से स्वास रोग से ग्रसित था। खराब तवियत के कारण बीते मंगलवार को एम्स इमरजेंसी में आए थे, जहां उनका कोविड सेंपल लिया गया व उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया, पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।


अन्य मामले सत्यम विहार, हरिद्वार के हैं, जिसमें 44 वर्षीय व्यक्ति जो कि तीन दिनों से अस्वस्थ होने के कारण 14 जुलाई को एम्स इमरजेंसी में आए थे, जहां उनका तथा उनकी 17 वर्षीय पुत्री का कोविड सेंपल लिया गया, इसके बाद उक्त व्यक्ति को कोविड आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया। बुधवार देरशाम पिता-पुत्री की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है, लिहाजा उन्हें एम्स के कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया है।


एक अन्य मामला जगजीतपुर, हरिद्वार निवासी युवक का है। जिसका बीते मंगलवार को एम्स ओपीडी में कोविड सेंपल लिया गया था, एसिम्टमेटिक इस पेशेंट का रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है लिहाजा उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया है। गौरतलब है कि युवक की पत्नी बीते सोमवार को कोविड संक्रमित पाई गई थी, जिसका एम्स में उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि संबंधित मामलों के बाबत स्टेट सर्विलांस ऑफिसर को सूचित कर दिया गया है।             


मेरठ में पीट-पीटकर साधु की हत्या

मेरठ। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी। अब ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ में आया है। यहां शिव मंदिर के साधु की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी गई है। हत्या का आरोप एक विशेष समुदाय के लोगों पर लगा है। इधर साधु की हत्या का मामला अब तूल पकड़ा और शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू हो गया। पुलिस ने कहा है कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
घटना मेरठ के भावनपुर की है। अब्दुलापुर बाजार में एक शिव मंदिर हैं। बताया जा रहा है कि मंदिर में ही गांव के कांति प्रसाद की दुकान थी और वह मंदिर कमिटी के उपाध्यक्ष भी थी। वह मंदिर की साफ-सफाई के साथ पुजारी का काम भी देखते थे।
भगवा गमछे को लेकर हुआ विवाद
बताया जा रहा है कि कांति गले में भगवा रंग का गमछा डालते थे और पीले रंग के कपड़े पहनते थे। सोमवार को कांति गंगानगर में बिजली का बिल जमा करने गए थे। आरोप है कि लौटते समयय ग्लोबल सिटी के पास गांव के ही अनस कुरैशी उर्फ जानलेवा ने कांति के भगवा गमछे को लेकर कथित धार्मिक टिप्पणी की और मजाक बनाया।


मजाक का किया विरोध तो बीच सड़क पर पीटा
अनस के मजाक करने का कांति ने विरोध किया, जिसके बाद दोनों के बीच बहस हो गई। आरोप है कि अनस ने कांति की सड़क पर ही जमकर पिटाई की और भाग गया। वहां से कांति किसी तरह गांव पहुंचे और अनस के घर जाकर उसकी हरकत की शिकायत की।
घर में शिकायत करने पहुंचा साधु तो फिर हुई पिटाई
कांति अनस के घर पर थे तभी पीछे से वह आ गया। आरोप है कि अनस ने एक बार फिर से अपने घरवालों के साथ मिलकर कांति की फिर से जमकर पिटाई की और वहां से बाइक लेकर भाग गया। कांति के परिजनों को जब उनकी पिटाई की सूचना मिली तो वे लोग उन्हें लेकर थाने पहुंचे। यहां उनकी हालत बिगड़ गई।
इलाज के दौरान हुई मौत
घरवालों कांति को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान कांति की मौत हो गई। कांति प्रसाद की तहरीर पर पुलिस ने अनस के खिलाफ धार्मिक टिप्पणी करने, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली। मंगलवार को इलाज के दौरान कांति की मौत हो गई।





आरोपी को किया गया गिरफ्तार




साधु की मौत की सूचना पर कई हिंदू संगठन थाने पर पहुंचे और हंगामा करने लगे। मामला बढ़ने पर पुलिस ने अनस को गिरफ्तार कर लिया। एसओ संजय कुमार ने कहा कि अनस को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है, अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। तनाव को देखते हुए गांव में फोर्स तैनात कर दी गई।             


जमातियों ने मानी गलती, 275 पर जुर्माना

आदिल अहमद


नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना काल के दौरान मरकज़ से पकडे गए विदेशी जमातियो ने अपनी गलतियों को कबूल किया और अदालत ने इन 275 जमातियो पर सजा के बतौर आर्थिक जुर्माना लगाया है।


मिले समाचारों के अनुसार मरकज मामले में साकेत कोर्ट ने करीब 275 से ज्यादा विदेशी जमातियों को सजा सुनाई है। विदेशी जमातियों को टिल राइजिंग कोर्ट यानी एक दिन कोर्ट रूम में खड़ा रहने की सजा सुनाया गई है। सभी विदेशी जमातियों पर 5 से 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। विदेशी जमातियों ने कोर्ट के सामने अपनी गलती मानी और कबूल किया की उनसे कोरोना महामारी नियमों की अवहेलना हुई है।


इतना ही नहीं, फॉरेन एक्ट, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, और IPS की कई धाराओं की अवहेलना हुई है। ये सभी विदेशी जमाती, चाइना, नेपाल, इंडोनेशिया, विजी, आस्ट्रेलिया और बाकी अन्य देशों से मरकज़ में शामिल होने भारत आए थे।                 


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...