शुक्रवार, 5 जून 2020

अजीब तरबूज की फसल की तैयार

हरियाणा।  जैसा कि आप सभी को पता है कि गर्मीयों के मौसम में तरबूज फल बहुत उपयोगी व लाभ दायक होता है। इस गर्मीयों में इस फल के खाने से ठंडक व रहात मिलती है। बाजारो में तरबूज खूब आते है और छोटे से लेकर बड़े साईज जिसका वजन करीब 10 किलो से या अधिक होता है। तरबूज मीठा स्वादिष्ट के साथ आपके स्वास्थ्य के बहुत ही लाभदायक होता है।


वही गर्मीयों इस फल की खुब डिमांड होती है। इस हर कोई पसंद करता है। जिसमें अधिकतर बच्चे तो इसके खाने के दिवाने है। वही इस फल को हरियाणा पानीपत के एक किसान अपने खेत में 500 तरबूज के पौधे लगाए, उसके बाद जब तरबूज पक कर उसे तोड़ा गया तो इस किसान ने इस फल में अजूबे तरिके से इसकी फसल तैयार ये तरबूज पैदा किया। तो आईये इस किसान ने कैसे एक अजूबा तरिका तरबूज की फसल तैयार कीं।पानीपत क्षेत्र में गांव सिवाह के एक किसान ने अपनी मेहनत व लगन से वो कर दिखाया जो आजतक किसी ने नही किया। वैसे आप सभी जातने है कि किसान हमारा अन्नदाता होता है। वही तो आईये सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार पानीपत करनाल में एक किसान रामप्रताप ने अपने खेत में तरबूज के 500 पौधे की खेती कर उन्हें खुब अच्छी तरह देख भाल करके लगाए थे। वही इस बार पहली ऐसा हुआ कि ये सभी के सभी तरबूज के पौधों से अभी उत्पादन शुरू हुआ है। वही जिसमें किसान रामप्रताप ने जानकारी दी कि उनके द्वारा खेत में तरबूज की 500पौधे लगाए जो बिना बीज वाला यह तरबूज शुगर फ्री है।


उन्होनंे बताया कि जबकि ये अन्य तरबूजों की तुलना में इसमें मिठास 13ः अधिक है। और यह पूरी तरह से शुगर फ्री भी है। जिसमें से एक तरबूज का वजन 4 से 6 किलो के बीच वजन का तैयार हुआ है। वही जिसमें सूत्रों के मुताबिक अब इस किसान की अनोखी खेती को देख हरियाण के अन्य किसान भी इस किस्म के तरबूज को उगाएंगे तो उनको बाजार में उनकी डिमांड भी ज्यादा होगी और फिर तरबूज के अच्छे दाम भी मिलेंगे। वही जिसमें आपको बता दे कि वैसे तो किसान हर आदमी का पेट भरने के लिए अनाज, साग सब्जियां और फलो खेती कर देश व दुनिया में पहुंचा ता है। वही जबकि कुछ किसानों की मेहनत उन्हें अन्य किसानो से अलग पहचान बनाती है। तो ऐसे ही एक किसान हरियाणा के पानीपत जिले में देखने को मिलेगें।


वही इस हरियाणा के किसान ने मधुमेह की रोगियों व बच्चों की पसंद को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से बिना बीज वाला तरबूज तैयार किया है। जो अब ये किसी अजूबे से कम नही है। वही इस किसान रामप्रताप ने बताया कि इस तरबूज में बीज नहीं होने के साथ.-साथ अन्य तरबूज की तुलना में पानी की भी मात्रा और मिठास भी 13ः बहुत अधिक है। और साथ ही आपको बता दे कि इस तरह के विशेष किस्म वाले तरबूज उगाने का ट्रायल सिवाह के किसान रामप्रताप के खेत में लिया गया है।


वही जिसमें आपको बता दे कि किसान रामप्रताप शर्मा आर्गेनिक खेती में राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। और फिर इस लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अपने खेत के बाहर ही दुकान लगा रखी थी। वही जिसमें इस दौरान रोजाना 40 से 50 ग्राहक सब्जी लेने के लिए खेत में पहुंचते थे। सूत्रों के मुताबिक रामप्रताप का कहना है कि इसकी खेती करने वाले अन्य किसानों को भी विभिन्न माध्यमों से प्रेरित किया जा रहा है। वहीं उन्होंने बताया की विभाग द्वारा समय.समय पर उन्हें जानकारी उपलब्ध करवाई जाती हैए जिससे वह अन्य किसानों से अलग तरह से खेती करते रहते हैं। तरबूज में नहीं होंगे बीज, डायबिटीज वालों के लिए खास तौर पर शुगर फ्री है। और इसकी विशेषता यह भी है कि इसमें मेहनत कम है और उत्पादन ज्यादा है।


नेक दिल इंस्पेक्टर की मौत से आंखें नम

रिपोर्ट-अतुल त्यागी

 

नहीं रहे एक होनहार इंस्पेक्टर समरजीत सिंह एक सड़क हादसे के अंदर भगवान ने उनकी सांसे छीन ली  

हापुड़। नहीं रहे एक होनहार इंस्पेक्टर समरजीत सिंह एक सड़क हादसे के अंदर भगवान ने उनकी सांसे छीन ली

एक दुखद खबर - नहीं रहे एक होनहार इंस्पेक्टर समरजीत सिंह एक सड़क हादसे के अंदर भगवान ने उनकी सांसे छीन ली क्राइम ब्रांच सहारनपुर में होनहार इंस्पेक्टर समरजीत सिंह की सडक हादसे में दर्दनाक मौत।सहारनपुर में तैनात इंस्पेक्टर समरजीत सिंह की सैफई के पास हुई सडक हादसे में मौत। हापुड के गढमुक्तेश्वर में संभ्रांत महानुभावों ने शोक व्यक्त किया। गढमुक्तेश्वर क्षेत्र में दुर्घटना की खबर से शोक छा गया। अतुल त्यागी,कलमकारों में इमरान ऐडवोकेट, प्रिंस शर्मा, अशरफ चौधरी, भूतेश्वर शर्मा,कुलदीप भारद्वाज, औमप्रकाश गौतम, के एस राणा, नुशरत अब्बासी, अमजद जी , कंछिद सैनी, भूपेन्द्र सागर, दुर्वेश तोमर, सत्यनारायण चौहान, सी बी त्रिपाठी जी , ध्रुव शर्मा, कांति शर्मा, के एस सिंधू, मुनैन्द्र सिंधू, असजद चौधरी, ललित आचार्य, भूपेंद्र वर्मा, हरेन्द्र शर्मा , राजेंद्र सिंह सोनू उपाध्याय, राजकुमार शर्मा, सभी कलमकारों की आंखें हुईं नम।

जिला वैशाली में 12 मामले आए सामने

इसके पहले बिहार में गुरुवार को कोरोना वायरस से संक्रमित दो मरीजों की पटना के एनएमसीएच में मौत हो गई है। इससे मृतकों की संख्‍या 28 हो गई। वहीं आज कोविड की आई पहली जांच रिपोर्ट में कोरोना के 94 नए मरीज मिले थे।


वैशाली। जिले में गुरुवार को कोरोना के नए 12 मामले सामने आए थे। जिले में अब तक संक्रमित की संख्या बढ़कर 83 हो गई। इनमें से 27 लोग ठीक होकर घर लौटे.दो मरीजों की कोरोना से अब तक मौत हो चुकी है। गोपालगंज जिले में आज फिर 7 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज़ मिले। जिले में अब पॉज़िटिव मरीज़ों का आंकड़ा बढ़कर 126 हो गया। अब तक 74 मरीज़ ठीक होकर घर जा चुके हैं, वहीं 52 लोग अब भी संक्रमित हैं। इसके पहले बिहार में गुरुवार को कोरोना वायरस से संक्रमित दो मरीजों की पटना के एनएमसीएच में मौत हो गई है। इससे मृतकों की संख्‍या 28 हो गई। वहीं आज कोविड की आई पहली जांच रिपोर्ट में कोरोना के 94 नए मरीज मिले थे।


कम्युनिटी स्पेयर्ड के करीब पहुंचा संक्रमण

नई दिल्ली। देश में कोराेना संक्रमण के नये मामलों में प्रतिदिन हो रही वृद्धि से संक्रमितों की कुल संख्या सवा दो लाख से अधिक हो गई है तथा पिछले 24 घंटों के दौरान सर्वाधिक 273 लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 6348 पर पहुंच गया है।


केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान 9851 नये मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 226770 हो गयी। इस दौरान 273 लोगों की मृत्यु के बाद मृतकों की संख्या 6348 हो गयी। देश में इस समय कोरोना के 110960 सक्रिय मामले हैं, जबकि 109462 लोग इस महामारी से निजात पाने में कामयाब हुए हैं। महाराष्ट्र इस महामारी से देश में सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। राज्य में पिछले 24 घंटों में 2933 नये मामले सामने आये हैं और 123 लोगों की मौत हुई है जिसके साथ ही राज्य में इससे प्रभावित होने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 77793 तथा इस जानलेवा विषाणु से मरने वालों की संख्या बढ़कर 2710 हो गयी है। इस दौरान राज्य में 1352 लोग रोगमुक्त हुए है जिससे स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 33681 हो गयी है।


भारत के चार सूत्रीय एजेंडे का खुलासा

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में चुनाव में उतरने से पहले भारत ने आज अपने चार सूत्रीय एजेंडे का खुलासा किया। भारत ने कहा कि प्रगति के नये अवसर, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर प्रभावी कार्रवाई और बहुपक्षीय प्रणालियों में सुधार उसकी प्रमुख प्राथमिकताएं हैं।


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सुरक्षा परिषद के लिए भारत की प्राथमिकताओं की एक विवरणिका जारी की। इसमें उक्त चार विषयों के अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा पर एक व्यापक रुख तथा समाधान के उपकरण के तौर पर मानवीयता आधारित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने को भी प्राथमिकता देने की बात कही गयी है। सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यता के लिए 17 जून को चुनाव होना है। अस्थायी सदस्यता दो वर्ष के लिए होती है और भारत दस साल बाद इसके लिए चुनाव में उतरा है। एशिया प्रशांत समूह से एकमात्र मान्य प्रत्याशी होने के नाते भारत की सफलता तय मानी जा रही है। इस अवसर पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि वर्तमान समय में हम अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए चार भिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।


पहली- अंतरराष्ट्रीय शासन की सामान्य प्रक्रिया पर दबाव बढ़ रहा है, दूसरा- पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां बेलगाम होकर बढ़ती जा रही हैं। तीसरा- वैश्विक संस्थानों में पूर्ण प्रतिनिधित्व की कमी बनी हुई है इसलिए वे कम प्रभावी हैं तथा चौथा कोविड-19 की महामारी एवं उसका आर्थिक असर दुनिया पर अभूतपूर्व प्रभाव डालेगा। डॉ. जयशंकर ने कहा कि जीतने की दशा में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का यह आठवां कार्यकाल होगा। इस असाधारण परिस्थिति में भारत एक सकारात्मक वैश्विक भूमिका निभा सकता है। हमने हमेशा ही न्यायोचित बात की है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए पारंपरिक एवं नयी चुनौतियों का जिक्र करते हुए सुरक्षा परिषद के सामने आने वाले संदर्भों पर विचार व्यक्त किये।


विदेश मंत्री ने कहा कि वर्तमान कोविड-19 महामारी ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक एवं राजनीतिक पर्यावरण को जटिल बना दिया है। इससे वैश्विक, क्षेत्रीय एवं स्थानीय चुनौतियों का मुकाबला करने की देशों की क्षमता भी सीमित हुई है। उन्होंने कहा कि भारत की पुरानी भूूमिका संवाद सेतु और अंतरराष्ट्रीय कानून के पैरोकार के तौर पर रही है। इस बार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की भूमिका को पांच ‘स’ – सम्मान, संवाद, सहयोग और शांति, के रूप में निर्धारित किया है जो वैश्विक समृद्धि के लिए वातावरण तैयार करेंगे।


उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्यकाल में भारत का मकसद बहुपक्षीय प्रणालियों में सुधार एवं नये आचार का क्रियान्वयन रहेगा। सुरक्षा परिषद के लिए भारत की उम्मीदवारी का एशिया प्रशांत क्षेत्र के 55 देशों ने एकमत से अनुमोदन किया था जिसमें चीन एवं पाकिस्तान शामिल था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पिछले सप्ताह सुरक्षा परिषद के चुनाव कराने का निर्णय लिया था। ये चुनाव कोविड-19 महामारी के कारण नयी मतदान प्रणाली से कराये जाएंगे। कनाडा, आयरलैंड और नॉर्वे पश्चिमी यूरोप एवं अन्य श्रेणी की दो सीटों के लिए उम्मीदवार हैं। लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियाई समूह के लिए मैक्सिको एकमात्र उम्मीदवार है। अफ्रीकी समूह की एक सीट के लिए केन्या एवं जिबूती के बीच मुकाबला है। भारत इससे पहले 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 तथा 2011-2012 में सुरक्षा परिषद का सदस्य रह चुका है।


नई योजनाओं पर सरकार ने लगाई रोक

नई दिल्ली। कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से देश की इकोनॉमी पस्‍त नजर आ रही है। इससे भारत में राजस्व का नुकसान हो रहा है और सरकार का खर्च भी बढ़ा है, जिसका असर सरकारी योजनाओं पर पड़ने लगा है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने नई योजनाओं की शुरुआत पर रोक लगा दी है। वित्त मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा अगले 9 महीनों या मार्च, 2021 तक स्वीकृत नई योजनाओं की शुरुआत को रोक दिया है। हालांकि, आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाओं पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।


सरकार ने साफ किया है कि अगले आदेश तक विभिन्न मंत्रालय नई योजनाओं की शुरुआत नहीं कर सकते हैं और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना या आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मालूम हो कि सप्लाई चेन को दुरुस्त करने के लिए बीते दिनों मोदी सरकार ने 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार पांच दिनों तक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार द्वारा उठाए गए सभी महत्वपूर्ण कदमों की विस्तार से जानकारी दी थी। सरकार ने समाज के आखिरी तबके पर खड़े लोगों तक मदद पहुंचाने का दावा किया है। अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार ने किसान, प्रवासी मजदूर, कॉर्पोरेट सेक्टर, आदि के लिए हर जरूरी कदम उठाया है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत घोषित की गई राशि में से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 1,70,000 करोड़ रुपए का है।


CII ने किया आगाह
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की मांग के बीच आगाह किया है कि सरकार को राजकोषीय घाटे को बढ़ने से रोकने के उपाय करने चाहिए। सीआईआई ने कहा कि राजकोषीय घाटा बढ़ने से देश की रेटिंग घट सकती है। इससे अर्थव्यवस्था को अन्य परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं। सीआईआई ने 2020-21 के अपने एजेंडा दस्तावेज में चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का कोई अनुमान नहीं लगाया है।


गिरकर बच्चा हुआ घायल, परिजन हड़बड़ाए

सीढ़ी से गिर कर 6 वर्षीय मासूम बच्चा घायल

सुनील पुरी

बिंदकी फतेहपुर। सीडी से गिरकर 6 वर्षीय मासूम बच्चा गंभीर घायल हो गया जिसको इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया काफी देर चले उपचार के बाद बच्चे की हालत में सुधार हुआ तो परिजन वापस घर ले गया।

जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के कुंदनपुर गांव निवासी सुभाष कुमार का 6 वर्षीय पुत्र सौरभ कुमार अपने घर की सीडी से अचानक नीचे गिर गया। बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी तो परिजन उसकी ओर दौड़े खून से लथपथ बच्चे को देखकर परिजनों में हड़कंप मच गया। घायल बच्चों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। काफी देर चले उपचार के बाद बच्चे की हालत में थोड़ा सुधार हुआ तो परिजन वापस घर ले गए। इस मामले में सुभाष ने बताया कि उनका बच्चा शिर्डी में बैठा था। अचानक अनियंत्रित होकर नीचे गिर गया जिससे उसके सिर और नाक में गंभीर चोट आई अस्पताल में भर्ती कराया गया।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...