सोमवार, 4 मई 2020

शेयर बाजार खुलते हैं गिरा, धडा़म

मुंबई। कोरोना वायरस ‘कोविड-19′ के मद्देनजर लॉकडाउन बढ़ाए जाने से घरेलू शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में आज चार फीसदी से अधिक की भारी गिरावट देखी गई। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स करीब 1,600 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 450 अंक से अधिक लुढ़क गया।


विदेशों से मिले नकारात्मक संकेतों का असर भी बाजार पर देखा गया। शुक्रवार को जहाँ घरेलू शेयर बाजार बंद थे वहीं अमेरिकी शेयर बाजार गिरावट में बंद हुये थे। आज एशियाई बाजार भी गिरावट में रहे जिससे घरेलू स्तर पर निवेश धारणा कमजोर हुई। पिछले कारोबारी दिवस पर 33,717.62 अंक पर बंद होने वाला सेंसेक्स 969.48 अंक की गिरावट में 32,748.14 अंक पर खुला और चंद मिनटों में करीब 1,600 अंक टूटता हुआ 32,122.67 अंक तक उतर गया।


बाजार में चौतरफा बिकवाली रही। निफ्टी 326.40 अंक की लुढ़ककर 9,533.50 अंक पर खुला और थोड़ी ही देर में 9,400.95 अंक तक नीचे उतर गया। खबर लिखे जाते समय सेंसेक्स 1,530.18 अंक यानी 4.54 प्रतिशत की गिरावट में 32,187.44 अंक पर और निफ्टी 449.20 अंक यानी 4.56 प्रतिशत नीचे 9,410.70 अंक पर था।


राजस्थान में संक्रमितो का आंकड़ा-3009

जयपुर। एक तरफ देश के अधिकतर राज्यों में ग्रीन, ऑरेन और रेड जोन में कुछ राहत दी गई है। दूसरी तरफ देश में कोरोना के मामलें बड़ते ही नजर आ रहे है। आज राजस्थान में कोरोना वायरस के 123 मामले सामने आए हैं और 4 लोगों की मौत हो गई है। राज्य में मरीजों की संख्या 3009 हो गई है। मरने वालों की संख्या 75 हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी है।


इसके साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के 42533 मामले अब तक सामने आ गए हैं। इनमें से 29453 लोगों का इलाज जारी है 11706 मरीज ठीक हो गए हैं। 1373 लोगों की मौत हो गई है। पिछले 24 घंटे में 2553 नए मामले सामने आ गए हैं और 72 लोगों की मौत हो गई है। महाराष्ट्र 12974 मामले अब तक सामने आ गए हैं। इनमें से 2115 लोग ठीक हो गए हैं। 548 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा गुजरात में 5400 से ज्यादा और दिल्ली में 4549 मामले सामने आए हैं।


कृषि में निवेश एवं प्रोत्साहन की जरूरत

खेती में निवेश एवं प्रोत्साहन बढ़ाए जाने की जरूरत


 करोना संकट के समय चीनी मिलों ने निराश किया


     अब जबकि देश लाकडाउन के तीसरे दौर में प्रवेश कर गया है तथा उद्योग एवं व्यवसाय कारोबार को बचाने की चिंता जोर पकड़ रही है तथा कारोबारी जगत एवं उनके पैरोकार अर्थ विशेषज्ञ सरकारो को तमाम सहायता एवं रियायतो को दिए जाने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे समय कारोबार जगत द्वारा पोषित एवं पालित मीडिया समूह एवं अर्थ चिंतक खेती-बाड़ी एवं उस पर आश्रित लोगों की समस्याओं से नजर बचाते दिखाई पड़ रहे हैं, मेरा अपना मत है कि कारोबारी जगत यदि बड़े मुनाफा मार्जिन के लालच पर कुछ माह तक विराम लगा सके तो करोना संकट के झटको से कुछ महीनों में स्वयं उबर सकता है। संगठित उद्योग जगत को केंद्र एवं राज्य सरकारों पर अनावश्यक दबाव डालने से बचने का प्रयास करना चाहिए। कारोबार जगत को उत्पादन प्रोत्साहन पैकेज से बहुत लाभ नहीं होने वाला है क्योंकि खरीदने वाला अधिकांश निम्न मध्यमवर्गीय खेती आश्रित समूह एवं छोटा व्यवसाय करने वाला वर्ग जो गांव एवं छोटे-छोटे कस्बों में रहता है, सरकारों को उस वर्ग की खरीदने की क्षमता बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए,शहरों से पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों का दबाव अंततः लम्बे समय तक खेती-बारी आश्रित परिवारों पर ही पड़ने वाली है ,करोना संकट के समय सरकारों ने जिस आत्मविश्वास को दिखाया है उसका बड़ा कारण विपुल अन्न भंडार तथा बड़ी आबादी का खेती पर निर्भरता ही है।
      पिछले कुछ वर्षों में कर्ज माफी एवं किसान सम्मान लाभ के जरिए सरकारों ने थोड़ी राहत पहुंचाने का प्रयास किया है लेकिन सोच में अभी परिपूर्णता आना बाकी है इस देश में 80% से ऊपर बहुत छोटी जोत वाले किसान हैं जिनके परिवार के लोग प्रवासी मजदूर एवं खेतिहर मजदूर भी हैं तथा केवल अपने परिवार के भरण-पोषण के लायक अन्न पैदा कर लेते हैं मेरे अनुभव में *3:5 एकड़ से 18 एकड़* तक जोत वाले किसान परिवार जिनके आय का एकमात्र साधन खेती उत्पाद है वही वास्तविक संकट में है क्योंकि देश के बाजारों एवं गोदामों के लिए वही अन्न पैदा कर रहे हैं तथा प्रति एकड़ अधिकतम मानव रोजगार दे रहे हैं सरकारों ने *5 एकड़ से 18 एकड़ तक वालों को लगभग स्वयं के पुरुषार्थ एवं भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है।
अर्थ विशेषज्ञों द्वारा मान लिया गया है कि 5 से 18 एकड़ वाले मध्य वर्ग में आते हैं जबकि हकीकत में ठेला, खोमचा,रेडी दुकानदार वालो से थोड़ा ऊंचा तथा गैर जीएसटी वाले व्यवसायियों के बराबर एवं उससे कुछ कुछ कम आमदनी वाले श्रेणी में है, खेती बारी वाले तबके के संबंध में किसी अन्य मौके पर विस्तृत चर्चा करूंगा!
करोना संकट के समय जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहसिक एवं सामयिक निर्णय से देश को बचाने हेतु नेतृत्व देने का प्रयास किया है तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के बाहर फंसे लोगों के प्रति दिलेरी दिखाई है उसे देश एवं प्रदेश का मनोबल बढ़ाने में सहायता मिला है* देश के अनेक मुख्यमंत्री एवं करोना के मोर्चे पर लड़ने वाले सरकारी तंत्र के योद्धाओ ने अब तक अभूतपूर्व समर्पण का परिचय दिया है लेकिन चीनी मिलों के मालिकों ने निराश किया है पिछले कुछ वर्षों से सरकारी सहायता के अभ्यस्त हो चुकी चीनी मिलों ने अनुदान की प्रत्याशा में गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान को बहुत पीछे  एवं धीमा कर दिया है जबकि उन्हें करोना संकट के समय उदारता दिखाना चाहिए था। करोना ने कुछ गहरी चोट, संदेश एवं संकेत दिया है जिसे समय रहते समझने की जरूरत है परस्पर स्वावलंबी गांव, आत्मनिर्भर समाज एवं राज्य, तथा श्रम प्रधान एवं सस्ती तकनीक आधारित उत्पादन प्रणाली ही राष्ट्र को भविष्य के आर्थिक संकट, वायरसों के प्रकोप, तथा प्रकृति की नाराजगी से बचा पाएगी।
नीतिकारो, शासनाध्यक्षों को महात्मा गांधी के हिंद स्वराज, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया एवं चौधरी चरण सिंह को जरूर पढ़ना चाहिए, जीवन-शैली अर्थनीति तथा उत्पादन प्रणाली में बदलाव भविष्य की जरूरत बन गई है उत्पादन प्रणाली मनुष्य की उपयोगी तथा प्रकृति की सहयोगी होनी चाहिए ।


मदन गोविन्द राव
   पूर्व विधायक
 कुशीनगर (ऊ.प्र.)


गैरहाजिर सिपाही की संदिग्ध मौत

भानु प्रताप उपाध्याय


शामली। सिम्‍भालका गांव में एक सिपाही की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनकी तैनाती बुलंदशहर जिले में थी लेकिन वह गैरहाजिर चल रहे थे। शनिवार देर रात शव घर में बंद कमरे में मिला। पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट न होने पर बिसरा सुरक्षित रखा गया है।नगर कोतवाली शामली के सिम्‍भालका गांव निवासी 35 वर्षीय कुलदीप पुत्र बलजोर उप्र पुलिस में थे और वर्तमान में उनकी तैनाती बुलंदशहर जिले के थाना औरंगाबाद में थी। सिपाही की शादी 2011 में सिसौली निवासी स्वाति से हुई थी। स्वाति के पिता प्रेमपाल दारोगा हैं और नोएडा में तैनात हैं। नगर कोतवाली प्रभारी प्रेमवीर राणा ने बताया कि कुलदीप एक जनवरी को तीन दिन के अवकाश पर घर आए थे लेकिन वापस ड्यूटी पर नहीं गए।कोतवाल ने बताया कि कुलदीप नशे के भी आदी थे। उनकी पत्नी डेढ़ साल पहले दोनों बेटियों को लेकर मायके चली गई थी। इसके बाद कुलदीप अपने चार भाइयों और अन्य स्वजनों से अलग मकान में रहने लगे। शनिवार देर रात मकान से दुर्गंध आने पर लोगों ने उनके पिता को सूचना दी। पुलिस ने मकान का दरवाजा तोड़ा और अंदर देखा तो एक तख्त पर कुलदीप मृत पड़े थे। शरीर पर चोट आदि का कोई निशान नहीं था। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट न होने से बिसरा सुरक्षित रखा गया है।


लॉक डाउन का सख्ती से हो पालनः योगी

लखनऊ। लॉकडाउन का तीसरा चरण लागू होने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती से इसके पालन करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों से कहा है कि हॉटस्पॉट में रहने वाले लोग किसी भी सूरत में अपने कार्यस्थल पर न जा पाएं। ये लोग अपने सहकर्मियों के लिए कोरोना कैरियर साबित हो सकते हैं। उन्होंने प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के संचालन के लिए भी जल्द कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है।लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर रविवार को टीम-11 के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त लेबर रिफार्म पर कार्ययोजना बनाएं। गाइडलाइन के अनुसार औद्योगिक गतिविधियों के लिए कार्ययोजना बनाकर उन्हें संचालित कराएं। सीएम योगी ने कहा कि लाभार्थियों के बैंक खाते में भरण-पोषण भत्ते की धनराशि यथाशीघ्र भेजें। क्वारंटाइन सेंटर व कम्युनिटी किचन आदि व्यवस्थाओं का अधिकारी सतत निरीक्षण करें। इस कार्य में कोई भी शिथिलता न बरती जाए। डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को और प्रभावी बनाएं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाहर से ट्रेन से आ रहे प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को क्वारंटाइन सेंटर में रखकर उनकी सही ढंग से स्क्रीनिंग की जाए। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को बाहर से आ रही ट्रेनों से आ रहे प्रवासी लोगों के संबंध में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि मंडियों में किसानों, थोक व्यापारियों, खुदरा व्यापारियों के लिए समय सारिणी बना लें।


मंडियों का निरंतर निरीक्षण होना चाहिए।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं को पूरे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चलवाएं। स्वास्थ्य मंत्री को भी इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध कराने वाले अस्पतालों से दूरभाष पर जानकारी लेने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों के साथ ही डिग्री व माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को भी प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए व्यापक पैमाने पर प्रशिक्षण दिलाने के लिए प्रत्येक जिले में मास्टर ट्रेनर्स लगाए जाएं। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आरके तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


यूपीः158 नए संक्रमित, आंकड़ा-2645

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण की रफ्तार अभी कम नहीं हुई है। रविवार ऐसा दिन रहा जब एक ही दिन में रिकॉर्ड 158 नए कोरोना पॉजिटिव लोग मिले हैं और तीन लोगों की मौत हो गई है। इनमें मेरठ, मथुरा और कानपुर के एक-एक शामिल हैं। राज्य में कुल संक्रमित लोगों का आंकड़ा 2645 पहुंच गया है, जबकि 49 लोगों अभी तक इसके शिकार हो चुके हैं। इनमें तब्लीगी जमात और उनके संपर्क में आए कोरोना संक्रमितों की संख्या 1138 है। उत्तर प्रदेश के आगरा में सर्वाधिक 596 कोरोना संक्रमित लोग हैं और दूसरे नंबर पर अब कानपुर में 256 संक्रमित लोग हैं। तीसरे नंबर पर 241 संक्रमित लोगों  के साथ लखनऊ है। इस बीच राहत देने वाली बात यह है कि रविवार को 56 संक्रमित लोग ठीक हो गए हैं। अब तक राज्य में 754 संक्रमित लोग अब ठीक हैं, उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। यानी अब राज्य में कुल 1891 एक्टिव केस हैं। अब तक कोरोना वायरस 64 जिलों में अपने पैर पसार चुका है। राज्य सरकार ने आठ जिलों को संक्रमण मुक्त घोषित किया था, लेकिन बाराबंकी में फिर संक्रमित सामने आया है। ऐसे में अब 57 जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं।रविवार को जो 158 संक्रमित चिह्नित किए गए उसमें आगरा में 60 पॉजिटिव हैं। इसमें 46 संक्रमित रविवार के हैं और 14 संक्रमित वे है, जिन्होंने प्राइवेट लैब में जांच करवाई थी, मगर आंकड़ा अब तक नहीं जुड़ पाया था। इसी तरह गाजियाबाद में 14 संक्रमित मिले इसमें से 9 लोग रविवार के हैं और पांच संक्रमित वे है जिन्होंने प्राइवेट लैब में जांच करवाई थी। संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ विकास इंदु अग्रवाल ने बताया कि रविवार को आंकड़ों के मिलान के दौरान यह विसंगति दूर की गई।इसके अलावा जो संक्रमित रविवार को पाए गए उनमें लखनऊ में चार, नोएडा में नौ, कानपुर में 29, मुरादाबाद में दो, वाराणसी में तीन, मेरठ में एक, बुलंदशहर में एक, हापुड़ में नौ, फीरोजाबाद में 10, प्रतापगढ़ में एक, हाथरस में एक, औरैया में दो, बाराबंकी में एक, प्रयागराज में एक, मथुरा में पांच, मुजफ्फरनगर में एक, संभल में दो, अलीगढ़ में एक और जालौन में एक संक्रमित पाया गया है। इस तरह कुल 2645 संक्रमित लोग अभी तक पाए जा चुके हैं।यूपी में अब तक 95841 लोगों के नमूने जांच के लिए लैब भेजे जा चुके हैं। इसमें से 91828 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।


यानी इनमें कोरोना वायरस नहीं पाया गया है। वही 1008 लोगों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।उत्तर प्रदेश में कोरोना के कारण अब तक 49 लोग काल के मुंह में समा चुके हैं। इनमें सर्वाधिक आगरा के 15 लोग शामिल हैं। ऐसे मेरठ व मुरादाबाद में सात-सात, कानपुर में पांच, फीरोजाबाद व मथुरा में दो-दो और गाजियाबाद, लखनऊ, अमरोहा, बरेली, बस्ती, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, वाराणसी, कानपुर देहात व श्रावस्ती में एक-एक संक्रमित लोगों की मौत हुई है।अब तक आगरा में 596, लखनऊ में 226, गाजियाबाद में 82, नोएडा में 168, लखीमपुर खीरी में 4, कानपुर में 256, पीलीभीत में 3, मुरादाबाद में 115, वाराणसी में 64, शामली में 27, जौनपुर में 8, बागपत में 17, मेरठ में 114, बरेली में 10, बुलंदशहर में 55, बस्ती में 32, हापुड़ में 44, गाजीपुर में 6, आजमगढ़ में 8, फिरोजाबाद में 147, हरदोई में 2, प्रतापगढ़ में 9, सहारनपुर में 202, शाहजहांपुर में 1, बांदा में 7, महाराजगंज में 7, हाथरस में 7, मिर्जापुर में 3, रायबरेली में 44, औरैया में 12, बाराबंकी में 2, कौशांबी में 2, बिजनौर में 34, सीतापुर में 20, प्रयागराज में 10, मथुरा में 27, बदायूं में 16, रामपुर में 25, मुजफ्फरनगर में 24, अमरोहा में 30, भदोही में 2, कासगंज में 3, इटावा में 2, संभल में 21, उन्नाव में 3, कन्नौज में 7, संत कबीर नगर में 25, मैनपुरी में 7, गोंडा में 3, मऊ में 1, एटा में 11, सुल्तानपुर में 3, अलीगढ़ में 42, श्रावस्ती में 6, बहराइच में 14, बलरामपुर में 1, अयोध्या में 1, जालौन में 5, झांसी में 9, गोरखपुर में 3, कानपुर देहात में 1, सिद्धार्थनगर में 4, देवरिया में 2, महोबा में 2 व्यक्ति अब तक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।


चरित्र पर संदेह, पत्नी की नाक काटी

कानपुर। कानपुर के नवाबगंज थाना क्षेत्र में पति ने शक की वजह से पत्नी की धारदार हथियार से नाक काट दी। इस घटना को अंजाम देने के बाद पति खुद ही थाने पहुंचकर पुलिस के सामने पेश हो गया। हालांकि, महिला ने इस घटना की शिकायत करने से इनकार करते हुए अपना इलाज एक निजी अस्पताल में करा लिया है। एनबीटी ऑनलाइन ने इस मामले में एसओ नवाबगंज आरके पचौरी से बात की। उन्होंने बताया कि हमने धारा 151 के तहत केस दर्ज कर लिया है लेकिन महिला मामले में कुछ भी बोलने को लेकर तैयार नहीं है।


कानपुर के रहने वाले एक शख्स ने पत्नी पर शक के चलते हमला कर दिया। इसके बाद वह चाकू लेकर नवाबगंज थाने में पहुंच गया। पुलिसवालों ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु कर दी। इन्स्पेक्टर नवाबगंज आरके पचौरी ने बताया कि ज्योरा गांव में रहने वाला एक शख्स मजदूरी का काम करता है। वह लॉकडाउन की वजह से इन दिनों घर में ही रह रहा है। रविवार को उसका पत्नी से विवाद हो गया। इस दौरान उसने पत्नी की नाक पर हमला कर दिया। फिर वह नवाबगंज थाने पहुंचा, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया।


पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि बीते दो महीने से पति उस पर शक कर रहा था, जिसकी वजह से उन दोनों के बीच अकसर विवाद होता था। रविवार को उसने अचानक चाकू से हमला कर दिया। महिला ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई कराने से मना कर दिया है।


दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...