शुक्रवार, 1 मई 2020

अमेरिकाः 24 घंटे में 2,000 से अधिक मौतें

वाशिंगटन। अमेरिका में लगातार तीसरे दिन 24 घंटे की अवधि के भीतर कोरोना वायरस के कारण 2,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले अमेरिका में इस संक्रामक रोग से मरने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है। बृहस्पतिवार को देश में इस संक्रमण के कारण 2,053 लोगों की मौत हुई और उससे पहले बुधवार को 2,502 और मंगलवार को 2,207 लोगों ने इस संक्रमण के कारण जान गंवाई। बाल्टीमोर स्थित विश्वविद्यालय के अनुसार, अमेरिका में कोविड-19 से अब तक कम से कम 62,906 लोगों की मौत हो चुकी है।


लोगों को पुलिस ने लगाई फटकार

बैरिकेडिंग हटाकर निकले लोगों को पुलिस ने लगाई फटकार


एक दर्जन अन्य स्थानों पर भी की गई बैरिकेडिंग


बाजार के अंदर दिखा प्रभाव लोग दूर-दूर दिखे


फतेहपुर। बैरिकेडिंग हटाकर बाइक लेकर अंदर घुसे लोगों को पुलिस ने जमकर फटकार लगाई और कानून का उल्लंघन करने पर मुकदमा दर्ज करने की बात कही पुलिस ने बैरी केडिंग को दोबारा ठीक किया। बैरी कैटिंग का बाजार के अंदर पूरा प्रभाव दिखाई दिया लोग दूर-दूर दिखे सामाजिक दूरी का पालन नजर आया।


कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के लिए पुलिस और प्रशासन लगातार सक्रिय है। लॉक डाउन का पालन कराने और सोशल डिस्टैंसेस बनाए रखने को लेकर पुलिस ने नगर के एक दर्जन से अधिक स्थानों पर बैरिकेडिंग कराई थी जिसका पहले दिन से ही प्रभाव दिखाई पड़ा दूसरे दिन भी 1 दर्जन से अधिक नगर के विभिन्न स्थानों पर बैग केडिंग की गई। जिसका नगर के अंदर बाजार में पूरा प्रभाव दिखाई दिया नगर के मेन बाजार फाटक बाजार किराना गली नेहरू इंटर कॉलेज रोड में बहुत कम भीड़ देखने को मिली लोगों ने अपने वाहन बाइक आदि बाहर ही खड़ा करके अंदर खरीदारी की हालांकि कुछ लोग कानून का उल्लंघन कर बैग केडिंग कि कुछ बल्लिया हटाकर बाइक अंदर ले गए जिस पर कस्बा इंचार्ज अरविंद कुमार ने जमकर फटकार लगाई और बाइक सवारों से कहा कि कानून का उल्लंघन ना करें वरना बड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नगर के अंदर कई स्थानों पर बांस बल्लियों से की गई बैर केडिंग नगर के अंदर बाजार में पूरा प्रभाव दिखाई दिया लोग आवश्यक काम से ही घरों से निकलते दिखाई दिए बेवजह लोगों को पुलिस ने फटकार भी लगाई।


मुकेश ने सैलरी न लेने का फैसला किया

मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कोरोनावायरस महामारी के खत्म हो जाने तक कोई सैलरी न लेने का फैसला किया है। अंबानी की सैलरी सालाना 15 करोड़ रुपये है, जिसमें साल 2008-09 के बाद से कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।


कंपनी ने एक बयान में कहा, कोविड-19 के प्रभाव के समाप्त होने तक सैलरी न लेने के मुकेश अंबानी के प्रस्ताव को बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। भारत में कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर, जिसने राष्ट्र के सामाजिक, आर्थिक व औद्योगिक क्षेत्र को प्रभावित किया है, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने अपनी तनख्वाह न लेने का फैसला लिया है।
इसमें यह भी कहा गया है कि उन्होंने तब तक सैलरी न लेने का निश्चय किया है, जब तक उनकी कंपनी और इसके सारे बिजनेस सम्पूर्ण तरीके से अपनी कमाई करने की क्षमता को दोबारा हासिल नहीं कर लेते।


फेड कपः पहली भारतीय टेनिस खिलाड़ी

नई दिल्ली। भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा गुरुवार को फेड कप हर्ट पुरस्कार के लिए नामित होने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं। उन्हें एशिया/ओशियाना क्षेत्र से इंडोनेशिया की प्रिस्का मेडेलिन नुगरोरहो के साथ नामित किया गया है। सानिया ने हाल में चार साल बाद फेड कप टेनिस टूर्नमेंट में वापसी की थी।


दर्शकों के बीच अपने 18 महीने के बेटे इजहान की मौजूदगी में सानिया ने भारत को पहली बार फेड कप के प्ले ऑफ में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) की ओर से जारी बयान में सानिया ने कहा, ‘2003 में पहली बार भारतीय पोशाक में कोर्ट पर उतरना मेरे लिए गौरवपूर्ण लम्हा था। तब से मैंने 18 साल का लंबा सफर तय किया है। भारतीय टेनिस की सफलता में योगदान देकर मैं गौरवांवित महसूस कर रही हूं। 
उन्होंने कहा, ‘पिछले महीने फेड कप के एशिया/ओशियाना टूर्नमेंट में मिला नतीजा मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। एक खिलाड़ी कुछ विशेष लम्हों के लिए खेलता है और मैं फेड कप हर्ट अवॉर्ड के चयन पैनल की आभारी हूं कि उन्होंने मुझे यह मान्यता दी। 
हर्ट पुरस्कारों के विजेता का फैसला प्रशंसकों की ऑनलाइन वोटिंग के आधार पर होगा जो एक मई से शुरू होकर आठ मई तक चलेगी। यह फेड कप हर्ट पुरस्कार का 11वां सत्र है। यूरोप/अफ्रीका क्षेत्र से एस्टोनिया की एनेट कोनटावीट और लग्जमबर्ग की एलोनोरा मोलिनारो जबकि अमेरिका क्षेत्र से मैक्सिको की फर्नांडा कोंट्रेरास गोमेज और पराग्वे की वेरोनिका केपेड रॉयग को नामित किया गया है।


एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम हुए सस्ते

नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच आज आम जनता के लिए राहत भरी खबर आई है। आज से 19 किलोग्राम और 14.2 किलोग्राम वाले गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर के दाम सस्ते हो गए हैं। तेल कंपनियां हर महीने की शुरुआत में एलपीजी सिलिंडर के दामों की समीक्षा करती है। हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होता है और इसके हिसाब से एलपीजी के दामों में अंतर होता है। 
इतना सस्ता हुआ गैर-सब्सिडी वाला सिलिंडर आईओसीएल की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाला गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर 162.50 रुपये सस्ता हो गया है। इसके बाद इसकी कीमत 581.50 रुपये हो गई है, जो पहले 744 रुपये थी। कोलकाता में इसका दाम 774.50 रुपये से घटकर 584.50 रुपये हो गया है, मुंबई में यह 714.50 रुपये से कम होकर 579 रुपये हो गया है। वहीं चेन्नई में यह पहले 761.50 रुपये का था, जो आज से 569.50 रुपये का हो गया है।
 इतना सस्ता हुआ 19 किलोग्राम वाला सिलिंडर
दिल्ली में 19 किलोग्राम वाला सिलिंडर 256 रुपये सस्ता हो गया है। इसके बाद इसकी कीमत 1029.50 रुपये हो गई है, जो पहले 1285.50 रुपये थी। कोलकाता में इसका दाम 1348.50 रुपये से घटकर 1086 रुपये हो गया है, मुंबई में यह 1234.50 रुपये से कम होकर 978 रुपये हो गया है। वहीं चेन्नई में यह पहले 1402 रुपये का था, जो आज से 1144.50 रुपये का हो गया है। 


सरकार देती है गैस सिलिंडर पर सब्सिडी 
मौजूदा समय में सरकार एक वर्ष में प्रत्येक घर के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलिंडरों पर सब्सिडी प्रदान करती है। अगर ग्राहक इससे ज्यादा सिलिंडर लेना चाहते है, तो वे उन्हें बाजार मूल्य पर खरीदते हैं। गैस सिलिंडर की कीमत हर महीने बदलती है। इसकी कीमत औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क और विदेशी विनिमय दरों में बदलाव जैसे कारक निर्धारित करते हैं।
15 दिन के अंतर पर ही होगी बुकिंग
मालूम हो कि आईओसी ने कहा है कि अब 15 दिन के अंतर पर ही ग्राहकों द्वारा रसोई गैस की बुकिंग कराई जा सकेगी। इस संदर्भ में आईओसी के अध्यक्ष संजीव सिंह ने एक वीडियो संदेश में आश्वस्त किया कि देश में रसोई गैस की कोई कमी नहीं है।


संक्रमितो की संख्या बढ़कर 35043 हुई

नई दिल्ली। पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना वायरस के 1993 नए केस रिपोर्ट हुए हैं। इससे हमारी कुल कंफर्म पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़कर अब 35043 हो चुकी है। इनमें 25007 एक्टिव केसों का अभी विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। पिछले 24 घंटों में देखें 554 लोग ठीक हो चुके हैं। जिससे कि हमारे यहां ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 8888 हो चुकी है। इस तरह हम देखते हैं तो पाते हैं कि हमारा रिकवरी रेट निरंतर बढ़ते हुए अब 25.37 प्रतिशत हो चुका है।


गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि रेलवे ने 13 लाख वैगन से अधिक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है। ट्रक और सामान ढोने की आवाजाही में बढोतरी हो रही है। आर्थिक गतिविधियों के लिए यह जरूरी है कि राज्य की सीमाओं पर ट्रकों को रोका नहीं जाए। अभी भी कई राज्यों में ऐसी समस्या आ रही है। गृह मंत्रालय ने फिर से स्पष्ट किया है ट्रक और मालवाहक वाहनों को किसी पास की जरूरत नहीं है। चाहे वो भरे हों या खाली हों।


कल सुबह होगी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली जीओएम की छठी बैठक


कोरोना पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली जीओएम की छठी बैठक कल सुबह होगी। इस दौरान तीन मई को खत्म हो रहे लॉकडाउन पर चर्चा होगी। चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को हटाने पर चर्चा की जाएगी। जीओएम के जरिए अपनी सिफारिशें पीएमओ को दी जाएगी, जिस पर पीएम फैसला करेंगे. बैठक में कई मंत्रालयों के मंत्री मौजूद रहेंगे।


गाज़ः फर्जीवाड़े में कई अधिकारी निलंबित

बलरामपुर रामानुजगंज। प्रदेश के बलरामपुर रामानुजगंज ज़िले के वाड्रफनगर इलाक़े में काग़ज़ों पर मनरेगा का काम कर,क़रीब तीस लाख से उपर के फर्जीबाड़े के मसले पर एक साल से लंबित रिपोर्ट पर कार्यवाही करते हुए राज्य सरकार के पंचायत विभाग ने सख़्त कार्रवाई करते हुए SDM ज्योति बबली बैरागी जो कि तत्कालीन प्रभारी सीईओ थीं,तथा सीईओ एस के मरकाम को सस्पेंड कर दिया है,वहीं मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी अश्वनी तिवारी के विरुद्ध FIR के आदेश जारी किए गए हैं


मालूम हो कि वर्ष 2014-15 और 2015-16 में मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत गुडरु के चपोता में मिट्टी मुरुम सड़क सह पुलिया निर्माण,ग्राम पंचायत तुगंवा में नदी किनारे तटबंध निर्माण,ग्राम पंचायत जमई में डब्लूबीएम और ग्राम पंचायत पेंडारी में मिट्टी मुरुम सडक सह पुलिया निर्माण किया जाना था,लेकिन SDM वाड्रफनगर की जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि कोई काम हुआ ही नहीं और 38 लाख 58 हज़ार पाँच सौ अठारह रुपए का फ़र्ज़ी भुगतान कर दिया गया


इस मामले को लेकर संभागायुक्त एमिल लकड़ा ने ज़िला पंचायत बलरामपुर से की गई कार्यवाही की जानकारी माँगी थी,संभागायुक्त ईमिल लकड़ा ने तत्कालीन सीईओ एस के मरकाम और मौजुदा SDM ज्योति बबली बैरागी जो कि तत्कालीन प्रभारी सीईओ थीं, उन्हें निलंबित करने के आदेश दिए वहीं एक अन्य अश्वनी तिवारी के विरुद्ध FIR के आदेश जारी किए गए है।


मनरेगा घोटाले की जाँच रिपोर्ट दबाए जाने के मसले को लेकर जानकारी सामने आने पर पंचायत विभाग के आला अधिकारियों ने गहरी नाराज़गी जताई है। उपरोक्त दोनों अधिकारियों के ख़िलाफ़ एक महिने के भीतर विभागीय जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।


उद्धव ठाकरे को मिला अभय वरदान

राणा ओबराय

उद्धव ठाकरे को मिल गया अभयदान, चुनाव आयोग ने एमएलसी चुनाव कराने की दी मंजूरी
मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों के लिए चुनाव 21 मई को होंगे। गुरुवार तक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर मंडरा रहे खतरे के बाद शुक्रवार सुबह पूरी तरह छंट गए। चुनाव आयोग ने राज्य में एमएलसी चुनाव को हरी झंडी दे दी है। देश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण इन सीटों पर चुनाव पर रोक लगा दी गई थी लेकिन कल महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि इन सीटों के लिए चुनाव कराने की अनुमति दी जाए।
क्यों खतरे में थी उद्धव की कुर्सी?,,,,,,,
गौरतलब है कि ये सीटें 24 अप्रैल से रिक्त पड़ी हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति केवल छह माह तक की मुख्यमंत्री या मंत्री रह सकता है। अब छह माह की अवधि समाप्त हो रही है इसलिए उनका इस अवधि के बाद दोनों में से किसी एक सदन का सदस्य निर्वाचित होना अनिवार्य है। उद्धव ठाकरे बिना चुनाव लड़े ही सीधे सीएम बने हैं, ऐसे में उन पर यह नियम लागू होता है। सूत्रों के अनुसार कोश्यारी के अनुरोध के तर्कों को देखते हुए आयोग ने चुनाव की मंजूरी दे दी। कोश्यारी ने महाराष्ट्र में माैजूदा राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति को समाप्त करने के मद्देनजर विधानपरिषद की उन नौ सीटों पर जल्द से जल्द चुनाव कराने का अनुरोध किया था, जो कि 24 अप्रैल से रिक्त पड़ी हैं। चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन के दौरान छूट के लिए कई उपायों की घोषणा की है और विधानपरिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कुछ दिशानिर्देशों के साथ संपन्न कराये जा सकते हैं। चुनाव आयोग ने कोरोना संकट के परिप्रेक्ष्य में विधानपरिषद की इन नौ सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।


बढ़ते तापमान का वायरस पर प्रभाव

कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन किया गया है। कोरोना को लेकर अब तक कई स्टडी हो चुकी हैं जिसके अलग-अलग नतीजे मिले हैं। पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना संक्रमण से डरी हुई है। अब तक कोरोना वायरस को लेकर कोई वैक्सीन तैयार नहीं हुआ है। हालांकि नेशनल एनवाइरॉनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) द्वारा नागपुर में की गई रिसर्च में नया तथ्य सामने आया है। अब तक बढ़ते तापमान और कोरोना संक्रमण को लेकर कोई Corelation सामने नहीं आया था। लेकिन इस स्टडी के मुताबिक ज्यादा तापमान में कोरोना संक्रमण में कमी आने का दावा किया गया है। स्टडी में बताया गया है कि यह कोरिलेशन बहुत मजबूत है जो 85 प्रतिशत तक है जो दिन के तामपान में बढ़ोतरी होने और कोविड संक्रमण में कमी आने के बीच है।


NEERI ने यह रिसर्च मैथेमेटिकल मॉडल के आधार पर की है। स्टडी में लिया गया Covid19 सोर्स डेटा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और तापमान का डेटा भारतीय मौसम विभाग से लिया गया है। स्टडी में Average Real Time तापमान और Relative Humidity और उनके बीच संबंधों का अध्यन किया गया, इनका कोविड 19 के महाराष्ट्र और कर्नाटक के मामलों से तुलना की गई। NEERI ने रिसर्च के बाद कहा कि जब तापमान की ग्रॉस वैल्यू और रिलेटिव ह्यूमिडिटी को इन दो राज्यों पर consider किया गया तो यह सामने आया कि जब दिन का औसत तापमान 25 डिग्री या उससे ज्यादा हुआ तो कोविड 19 के मामलों में कमी आई है।
हालांकि, स्टडी में यह भी कहा गया है कि भारत का हॉट क्लाइमेट कोविड 19 संक्रमण की रोकथाम के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, वहीं सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा। NEERI के वैज्ञानिक हेमंत भैरवानी ने कहा 'हम सिर्फ कोरोना संक्रमण और उसके प्रभाव को सिर्फ तापमान और आर्द्रता पर ही फोकस नहीं रखना चाहते हैं। इसलिए, हमने सोशल डिस्टेंसिंग को भी शामिल किया है। कोरोना बहुत खतरनाक बीमारी है और भारत एक बहुजनसंख्या वाला देश है। ऐसे में बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए ज्यादा तापमान का फायदा नहीं उठाया जा सकता है।'


आसान नहीं है प्रवासियों की घर वापसी

नई दिल्ली। देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए भले ही केंद्र सरकार की हरी झंडी मिल गई हो, लेकिन राज्यों के लिए अब इन मजदूरों का पलायन एक बड़ी चुनौती बन गया है। कोरोना के त्रासदी काल में घर जाने से पहले मजदूरों का पंजीकरण, वाहनों का इंतजाम, स्क्रीनिंग समेत तमाम जरूरी बंदोबस्त अब सरकारों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। सबसे बड़ी समस्या ऐसी स्थितियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने की है, जिसके लिए तमाम राज्य अधिकारियों से मंथन करने में जुटे हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को केंद्र से मांग की है कि वह अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेनों का इंतजाम कराए। मोदी ने केंद्र सरकार से असमर्थता जताते हुए कहा है कि बिहार जैसे राज्य खुद अपने 27 लाख मजदूरों को महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के राज्यों से घर लाने में सक्षम नहीं हैं।
दूसरी ओर बिहार के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संजय कुमार ने भी यह माना है कि अगर मजदूर राज्य में वापस लौटते हैं तो उनकी स्क्रीनिंग कराई जा सकती है। हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि घर लौटने वाले मजदूरों को क्वारंटीन में रखने की नौबत आई तो इसके लिए कितना बड़ा इंतजाम करना होगा।
मजदूरों की घर वापसी होगी बड़ी चुनौती


 
वहीं यूपी की योगी सरकार ने देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे मजदूरों को तत्काल घर ना आने की सलाह दी है। सीएम योगी ने मजदूरों से अपील करते हुए कहा है कि वह आगे भी उसी धैर्य को बरकरार रखें, जिसका प्रदर्शन उन्होंने अब तक किया है। योगी ने कहा है कि जो भी मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं, वह अपने राज्य की सरकार से बात कर लें। यूपी की सरकार ऐसे मजदूरों को वापस लाने के लिए सारे इंतजाम कर रही है और प्रदेश के अधिकारी खुद अलग-अलग राज्यों के संपर्क में हैं।
यूपी सरकार बना रही प्लान:-
यूपी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, देश के किसी कोरोना प्रभावित राज्य से वापस यूपी आने वाले लोगों को 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन में रखने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए अभी योजना अमल में लाई नहीं गई है। सरकार की तैयारी है कि हम या तो ऐसे मजदूरों को अपने राज्य के बॉर्डर से रिसीव कर लें या फिर अलग-अलग राज्यों में परिवहन निगम की बसों को भेजकर इन्हें वापस लाया जाए।
महाराष्ट्र में DM की अनुमति के बिना ना छोड़ें जिला:-
महाराष्ट्र सरकार ने भी गुरुवार को एक विस्तृत गाइडलाइन जारी करते हुए अंतरराज्यीय मूवमेंट की नियमावली की जानकारी दी है। उद्धव सरकार का आदेश है कि प्रदेश में रहने वाला भी शख्स बिना जिला कलेक्टर के आदेश के अपने जिलों से बाहर नहीं जा सकेगा। इसके अलावा कलेक्टर की अनुमति के बिना किसी भी जिलों में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। अगर किसी को बाहर जाने की इजाजत दी जाती है तो ऐसे लोगों को वाहन पास जारी किए जाएंगे, जिसमें यात्रियों के रूट, नाम और अन्य डिटेल्स लिखे होंगे।
कलेक्टरों को दिए गए हैं कई अधिकार
इसी तरह गुजरात की सरकार ने भी प्रदेश में रहने वाले 5-7 लाख प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए पास की व्यवस्था लागू की है। इसका पूरा प्राधिकार जिला कलेक्टर को दे दिया गया है। सरकार ने कहा है कि जो भी मजदूर घर जाना चाहते हैं, उन्हें सरकार के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा और वेरिफिकेशन के बाद ऐसे लोगों को पास इशू किए जाएंगे। असम और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी सरकारों ने ऐसे ही ऑनलाइन सिस्टम का इंतजाम किया है, जिसपर रजिस्ट्रेशन के बिना किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। भले ही सरकारों ने अलग-अलग योजनाओं के आधार पर मजदूरों को घर भेजने की कोशिश शुरू की है, लेकिन यह जरूर है कि इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों की घर वापसी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति जरूर बना सकती है।


दहेज के लालच में मां-बेटे की हत्या

जमुई। नगर थाना क्षेत्र के लोहरा गांव में दहेज लोभियों ने विवाहिता एवं उसके एक साल के पुत्र की पीट-पीट कर हत्या कर दी। मामले को लेकर मृतका के पिता ने थाने में मामला दर्ज कराया है। जिसमें दामाद सहित तीन लोगों को आरोपित किया है। मृतका गुड़िया (20) के पिता शेखपुरा जिला के फतेहपुर गांव निवासी उमेश राम ने बताया कि पुत्री की शादी जमुई थाना क्षेत्र के लोहरा गांव निवासी सुरेश राम के पुत्र दीपक राम से तीन साल पहले की थी। गुड़िया को शौरिक नाम का एक साल का पुत्र भी था। बुधवार की रात शौरिक का जन्मदिन मनाया जा रहा था। इसी दौरान किसी ने दीपक का मोबाइल चुरा लिया। इसी बात से आक्रोशित दीपक ने गुड़िया की जमकर पिटाई कर दी। पिटाई से उसकी हालत खराब हो गई और गुरुवार की सुबह उसकी मौत हो गई। जिसके बाद दीपक ने शौरिक की भी हत्या कर दी। गुड़िया के ससुराल वालों ने ही फोन कर बताया कि तबियत ज्यादा खराब होने के बाद गुड़िया और उसके पुत्र को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया जहां दोनों की मौत हो गई। उमेश ने बताया है कि दहेज के लिए अक्सर पति दीपक, सास कुंती देवी तथा देवर प्रह्लाद कुमार उसे प्रताड़ित किया करते थे। ग्रामीणों की मानें तो पारिवारिक कलह में गुड़िया ने बच्चे संग सल्फास खाकर खुदकशी कर ली। थानाध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह ने बताया कि मृतका के पिता के आवेदन पर हत्या का मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल सभी आरोपित फरार है।


विश्व का सर्वाधिक लोकप्रिय बैंक

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ट्विटर पर दुनिया का सबसे लोकप्रिय केंद्रीय बैंक है। दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंकों के ट्विटर अकाउंट के विश्लेषण से पता चलता है कि आरबीआई के ‘फॉलोअर्स’ की संख्या सबसे अधिक है।
गुरुवार को सुबह तक आरबीआई के ट्विटर हैंडल के ‘फॉलोअर्स’ की संख्या 45 लाख थी। एक अधिकारी ने बताया कि अकेले 20 अप्रैल को आरबीआई के ट्विटर हैंडल से 1।31 लाख नए ‘फॉलोअर्स’ जुड़े।


अधिकारी ने कहा कि मौजूदा अभियान की वजह से आरबीआई के ‘फॉलोअर्स’ की संख्या में इजाफा हो रहा है। अधिकारी ने कहा कि मार्च 2019 से आरबीआई के ‘फॉलोअर्स’ की संख्या दोगुना से अधिक हो चुकी है। यह 3,42,000 से करीब 7,50,000 पर पहुंच गई है। आरबीआई का ट्विटर अकाउंट जनवरी, 2012 में शुरू हुआ था।


आरबीआई के बाद दूसरा नंबर दक्षिण एशियाई देश इंडोनेशिया के ‘बैंक इंडोनेशिया’ का है। इसके ‘फॉलोअर्स’ की संख्या 7।15 लाख है। तीसरे नंबर पर बैंको डी मैक्सिको (मैक्सिको का केंद्रीय बैंक) है। इसके ‘फॉलोअर्स की संख्या 7।11 लाख है।आरबीआई ने एक ट्विटर अकाउंट ‘आरबीआई सेज’ भी शुरू किया है। इसी नाम से उसने अप्रैल के शुरू में फेसबुक पेज भी शुरू किया है। इसी के साथ केंद्रीय बैंक ने एक सुरक्षा अभियान भी शुरू किया है जिसमें लोगों को सलाह दी जा रही है कि लॉकडाउन के दौरान वे बैंक शाखाओं में जाने से बचें। ट्विटर खासकर कोविड-19 संकटकाल में सूचनाओं के प्रसार का एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है। यही वजह है कि दुनिया के कई प्रमुख केंद्रीय बैंक ट्विटर पर सक्रिय हैं।


त्रिदेशिय मोटो जीपी रेस हुई रद्द

लंदन। कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए जर्मनी, नीदरलैंड्स और फिनलैंड मोटोजीपी रेस को रद्द कर दिया गया है। इनका आयोजन जून और जुलाई में होना था। जर्मनी ग्रां प्री का आयोजन 19 से 21 जून तक साचसेनरिंग में होना था जबकि डच मोटो ग्रां प्री 26 से 28 जून तक आसेन में होनी थी।


वहीं, फिनलैंड मोटो जीपी ग्रां प्री रेस 10 से 12 जुलाई तक आयोजित होनी थी। इसके साथ ही कोरोना के कारण महिला पीजीए चैंपियनशिप भी स्थगित कर दी गयी है। यह चैम्पियनशिप अब यह अक्टूबर में होगी। अमेरिका स्थित एलपीजीए टूर ने कहा कि उसकी योजना अपने 2020 गोल्फ सत्र को जुलाई के मध्य में दोबारा शुरू करने की है।महिला गोल्फ के पांच मेजर टूर्नामेंटों में से एक महिला पीजीए चैंपियनशिप पेनसिलवेनिया के अरोनिमिंक गोल्फ क्लब में जून के अंत में होनी थी पर अब यह आठ से 11 अक्टूबर तक खेली जाएगी।


एप्पल 12, 5G होगा 11 से सस्ता

नई दिल्ली । सस्ते आईफोन की लॉचिंग के बाद अब एप्पल आईफोन12 पर काम कर रही है। यह कंपनी का पहला 5जी फोन होगा, जिसकी लॉचिंग इसी साल की जा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक आईफोन 12 सीरीज की कीमत 600 और 700 डॉलर होगी। इसका सीधा मतलब है कि आईफोन 12 का बेस वेरियंट एप्पल आईफोन 11 से सस्ता हो सकता है। वहीं, इसके पहले रिपोर्ट में कहा गया था कि आईफोन 12 प्रो का डिजाइन काफी हद तक आईफोन 5 से प्रेरित होगा।


हालांकि इसमें 2.5डी ग्लास की जगह सपाट ग्लास का इस्तेमाल होगा। सीरीज के स्मार्टफोन में ए14 बायोनिक प्रोसेसर दिया जाएगा। अब रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि इस सीरीज के तहत कंपनी चार मॉडल-आईफोन 12, आईफोन 12 प्लस, आईफोन 12 प्रो और आईफोन 12 प्रो मैक्स लांच करेगी। आईफोन 12 में 5.4 इंच स्क्रीन, आईफोन 12 प्लस में 6.1 इंच स्क्रीन, आईफोन 12 प्रो में 6.1 इंच स्क्रीन और आईफोन 12 प्रो मैक्स में 6.7 इंच की स्क्रीन हो सकती है।सीरीज के दो स्मार्टफोन में ड्यूल रियर कैमरा,एलसीडी स्क्रीन और पतला एल्युमीनियम अलॉय फ्रेम का इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं, दो अन्य मॉडल्स में ट्रिपल रियर कैमरा, ओलेड स्क्रीन और स्टेनलैस स्टील मिडल फ्रेम का इस्तेमाल किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, आईफोन 12, आईफोन 12 प्लस और आईफोन 12 प्रो को सितंबर में और आईफोन 12 प्रो मैक्स अक्टूबर में लाया जाएगा।


चीन की कठपुतली बना डब्ल्यूएचओ

वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को चीन के हाथों की कठपुतली बताते हुए कहा कि अमेरिका डब्ल्यूएचओ के बारे में जल्द ही कुछ सिफारिशें लेकर आएगा और उसके बाद चीन के बारे में भी ऐसा ही कदम उठाया जाएगा।



ट्रंप ने कोरोना वायरस महामारी पर डब्ल्यूएचओ पर कहा कि उन्होंने हमें गुमराह किया। ट्रंप ने व्हाइट हाउस के अपने ओवल कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि हम जल्दी एक सिफारिश लेकर आएंगे, लेकिन हम विश्व स्वास्थ्य संगठन से खुश नहीं हैं। ट्रंप ने कोरोना वायरस फैलने में डब्ल्यूएचओ की भूमिका की जांच शुरू की है और संगठन पर महामारी के दौरान चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। जांच लंबित रहने तक राष्ट्रपति ने डब्ल्यूएचओ को अमेरिका से दी जाने वाली सहायता भी रोक दी है। यह जांच चीन की भूमिका देखेगी और साथ में यह भी पता लगाएगी कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर में कैसे फैला। राष्ट्रपति से पूछा गया कि आपने खुफिया एजेंसियों से जो जांच शुरू कराई है, उससे आप चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बारे में क्या जानने की उम्मीद कर रहे हैं?



ट्रंप ने कहा कि हम इससे खुश नहीं है और हम डब्ल्यूएचओ में सबसे ज्यादा योगदान करते हैं और उन्होंने हमें गुमराह किया। मुझे नहीं पता। वे जो जानते थे, उन्हें उससे ज्यादा पता होना चाहिए था। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें वे चीजे पता हैं जो उन्हें नहीं पता थी और या वे इसे नहीं जानते थे, या उन्होंने हमें बताया नहीं, या अब आप जानते हैं कि ब्ल्यूएचओ चीन के हाथों की कठपुतली है। इसको देखने का मेरा नजरिया यह है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका डब्ल्यूएचओ को औसतन 40-50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता देता है और चीन 3.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर देता है। फिर भी डब्ल्यूएचओ चीन के लिए काम करता प्रतीत होता है। उन्हें मालूम होना चाहिए था कि चल क्या रहा है और उन्हें इसे रोकने में सक्षम होना चाहिए था।



एक सवाल के जवाब में राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत सारे विभिन्न लोग और समूह हैं जिन्हें अमेरिका यह धन दे सकता है और वे काफी उपयोगी होंगे। ट्रंप ने कहा कि आप इस बीमारी को फैलने से रोकने या रोकने की बात करते हैं, जिसे वहीं (चीन में) रुक जाना चाहिए था। चीन ने देश से बाहर विमानों को जाने की इजाजत दी लेकिन चीन में ही विमानों को नहीं जाने की इजाजत थी।राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विमानों को बाहर जाने की इजाजत दी और विमान वुहान से बाहर आ रहे हैं। वे दुनिया भर में जा रहे हैं। वे इटली जा रहे हैं, लेकिन वे चीन में ही नहीं जा रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन बहुत स्पष्ट सिफारिश लेकर आएगा। इस विषय में चीन में जो हुआ, उसमें कुछ भी सकारात्मक नहीं था और चीन वहीं पर इस वायरस को रोक सकता था।


वायरस ने छीन ली 227638 की जिंदगी

वाशिंगटन। कोरोना महामारी पर लगाम लगाने की तमाम कोशिशें नाकाम होती जा रही हैं। हालांकि पूरी दुनिया के साइंटिस्ट इसका इलाज खोजने में जुटे हैं, लेकिन फिलहाल अभी सफलता नहीं मिली है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमितों का आंकड़ा 31 लाख से अधिक हो चुका है।


वैश्विक स्तर पर कोरोना रागियों की संख्या 31,93,886 हो चुकी है जबकि 2,27,638 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना के सर्वाधिक मरीज अमेरिका में है। संक्रमणों की संख्या के मामले में दूसरे और तीसरे नंबर पर स्पेन और इटली में क्रमशः 236,899 और 2,03,501 मामले सामने आए हैं। दोनों देशों में क्रमशः 23,822 और 27,359 मौतें हो चुकी हैं। ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण के 161,149 मामले सामने आए हैं और जर्मनी में 157,641 मामलों की पुष्टि हुई है।पाकिस्तान में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या बुधवार को 15 हज़ार को पार कर गई है। कोरोना महामारी से अब तक पाकिस्तान में 343 लोगों की मौत हो गई है। पाकिस्तान में करीब 480 स्वास्थ्य कर्मी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।


मालदीव में कोरोना वायरस से पहली मौत हुई है। देश में फिलहाल, कुल सकारात्मक मामले 280 हैं। स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल्ला अमीन ने गुरुवार को कहा कि पीड़िता राजधानी माले की 83 वर्षीय महिला थी। इस हिंद महासागर द्वीपसमूह राज्य में पर्यटक रिसॉर्ट्स में कोरोना वायरस के पहले मामले दर्ज किए गए थे और कुछ समय के लिए अधिकारियों ने इसे समुदाय में फैलने से रोक दिया था। हालांकि, अब राजधानी द्वीप में रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है और साथ ही दूर-दराज के द्वीपों में संक्रमण का कोई स्रोत नहीं है।


भोजन वितरण में 3 मिलियन का आंकड़ा

नई दिल्ली। कोविड-19 के कारण राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान भारतीय रेलवे की ओर से देश भर में किए जा रहे नि:शुल्क गर्म पके हुए भोजन के वितरण ने आज 3 मिलियन का आंकड़ा पार कर लिया। 20 अप्रैल 2020 को भारतीय रेल की ओर से किए जा रहे इस वितरण में 2 मिलियन का आंकड़ा पार कर लिया गया था, जबकि पिछले 10 दिनों में ही इसने नि:शुल्क भोजन वितरित करने में 1 मिलियन का आंकड़ा पार कर लिया है। वैश्विक महामारी ने अभूतपूर्व परिस्थितियां उत्पन्न की हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोगों के समक्ष भूख का संकट उत्पन्न हो गया है। फंसे हुए व्यक्ति, दिहाड़ी मजदूर, प्रवासी, बच्चे, कुली, बेघर, गरीब और घुमंतु लोग जो अस्थायी आबादी का निर्माण करते हैं वे इस महामारी और लॉकडाउन से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के बाद 28 मार्च 2020 से कई रेलवे संगठनों के भारतीय रेलवे कर्मचारियों ने जरूरतमंद लोगों को गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के लिए अथक परिश्रम किया है। रेलवे आईआरसीटीसी बेस किचन, आरपीएफसंसाधनों और गैर सरकारी संगठनों के योगदान के माध्यम से पेपर प्लेट्स के साथ दोपहर का भोजन और रात के भोजन के लिए खाने के पैकेटों सहित बड़े पैमाने पर पका हुआ भोजन उपलब्ध करा रहा है। जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन वितरित करते समयसामाजिक दूरी और स्वच्छता का ध्यान रखा जा रहा है।
रेलवे स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों और उसके नजदीकी क्षेत्रों के जरूरतमंद लोगों की भोजन संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिएआरपीएफ, जीआरपी, जोन्स के वाणिज्यिक विभागों, राज्य सरकारों, जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से भोजन का वितरण किया जा रहा है। विभिन्न जोनों जैसे- पश्चिमी, पूर्वी, दक्षिणी और दक्षिण मध्य में फैले नई दिल्ली, बैंगलुरु, हुबली, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद, भुसावल, हावड़ा, पटना, गया, रांची, कटिहार, दीन दयाल उपाध्याय नगर, बालासोर, विजयवाड़ा, खुर्दा, काटपाडी, तिरुचिरापल्ली, धनबाद, गुवाहाटी, समस्तीपुर, प्रयागराज, इटारसी, विशाखापट्टनम, चेंगलपट्टू, पुणे, हाजीपुर, रायपुर और टाटानगर उत्तरी क्षेत्रों में आईआरसीटीसीबेस किचन के सक्रिय सहयोग से30 अप्रैल 2020 तक 30 लाख से अधिक पके हुए भोजन वितरित किए जा चुके हैं। इनमें से लगभग 17.17 लाख पके हुए भोजन आईआरसीटीसी द्वारा प्रदान किए गए हैं, लगभग 5.18 लाख भोजन आरपीएफ द्वारा अपने स्वयं के संसाधनों से प्रदान किए गए हैं, लगभग 2.53 लाख भोजन रेलवे के वाणिज्यिक और अन्य विभागों द्वारा प्रदान किए गए हैं और लगभग 5.60 लाख भोजन रेलवे संगठनों के साथ काम करने वाले एनजीओ द्वारा दान किए गए हैं। आईआरसीटीसी, अन्य रेलवे विभागों, गैर सरकारी संगठनों और अपने स्वयं के किचन से तैयार किए गए भोजन को जरूरतमंद लोगों में वितरित करने में रेलवे सुरक्षा बल ने प्रमुख भूमिका निभाई है। यह सिलसिला 28.03.2020 को 74 स्थानों पर 5419 जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन के वितरण के साथ शुरू हुआ और फिर इसकीसंख्या दैनिक आधार पर बढ़ती गई। वर्तमान में देश भर में लगभग 300 स्थानों पर प्रतिदिन लगभग 5०० लोगों को आरपीएफ द्वारा भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।


चीन से 14 टन चिकित्सा सामग्री आई

नई दिल्ली। निजी क्षेत्र की एयरलाइन स्पाइसजेट ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह चीन से यहां 14 टन चिकित्सा सामग्री लेकर आई है। एयरलाइन ने कहा कि उसने चीन के गुआंगझू से दिल्ली के लिये बुधवार को अपनी पहली मालवाहक उड़ान का परिचालन किया, जिसमें चिकित्सा सामग्री लदी हुई थी। एयरलाइन ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि मालवाहक विमान बुधवार को रात आठ बज कर 20 मिनट पर गुआंगझू से कोलकाता पहुंचा। इसके बाद, बी 737 उड़ान वहां से रात सवा ग्यारह बजे दिल्ली पहुंची। एयरलाइन ने कहा कि विमान में दवाइयां एवं सुरक्षा उपकरण सहित 14 टन चिकित्सा सामग्री थी। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान सभी यात्री उड़ानें स्थगित हैं।


दिल्ली में 125 नए मामले, संक्रमित-3439

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना हाटस्पॉट यानी कंटेनमेंट जोन की संख्या 100 हो गई है। बुधवार को शहर में कोरोनावायरस के 125 नए मामले सामने आए हैं, और इसके साथ ही दिल्ली में कोरोना के कुल मामले 3439 हो गए हैं। अभी तक कोरोना के कारण यहां 56 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इनमें से दो रोगियों की मृत्यु बुधवार को हुई है। दिल्ली में कोरोना के 1092 रोगी अभी तक ठीक हो चुके हैं। इनमें से 14 रोगियों को बुधवार को अस्पताल से छुट्टी मिली है। शहर में कुल 2291 कोरोना के एक्टिव रोगी हैं। दिल्ली में बुधवार को कोरोना हॉटस्पॉट की संख्या 100 ही रही। मंगलवार को भी दिल्ली में 100 कोरोना हॉटस्पॉट थे। बुधवार को इसमें कोई नया हॉटस्पॉट नहीं जोड़ा गया। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जिन इलाकों को हम हॉटस्पॉट मानकर सील कर रहे हैं, वहां बाहर से किसी व्यक्ति को अंदर नहीं जाने दिया जाता। इसी तरह अंदर रह रहे व्यक्ति भी बाहर नहीं आ सकते। यहां रह रहे लोगों तक जरूरत के सारे सामान यहां तैनात पुलिसकर्मी व अन्य कर्मचारियों द्वारा पहुंचाए जा रहे हैं। इसके साथ ही दिल्ली में अब गली-मोहल्ले या कॉलोनी की दुकानों को खोलने की अनुमति होगी। ऐसी दुकानें जो किसी मॉल या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर नहीं हैं, उन्हें खोलने की इजाजत दी जाएगी। दिल्ली सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश का पालन करते हुए यह फैसला किया है। हालांकि दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना हॉटस्पॉट वाले कंटेनमेंट जोन में किसी तरह की व्यवसायिक की गतिविधि की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही दिल्ली में किसी भी बड़े बाजार में स्थित दुकानों को खोलने की इजाजत भी नहीं दी गई है। सरकार ने केवल रिहायशी इलाकों के आसपास स्थित एकल दुकानों को खोलने की अनुमति दी है।


समय से शुरू होगा संसद का मानसून-सत्र

समय से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र


उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को उम्मीद


नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति व राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने उम्मीद जताई है कि सरकार जिस तरह से कदम उठा रही है उससे लगता है कि संसद का मानसून सत्र समय से शुरू हो जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि सत्र के बारे में अंतिम फैसला समीक्षा के बाद लिया जाएगा। नायडू ने राज्यसभा के सभी सदस्यों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीजेआई एसए बोबडे, पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों, मौजूदा और पूर्व सीजेआई, राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों से बात की है। नायडू ने इसे मिशन कनेक्ट नाम दिया और सभी से कोरोना के हालातों का जायजा लिया। इस दौरान जब कुछ सदस्यों ने उनसे मानसून सत्र शुरू होने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा परिस्थिति को देखते हुए ही इसका फैसला किया जाएगा। नायडू ने ट्वीट किया, सरकार के कदमों के सकारात्मक नतीजों से उम्मीद लगाई जा सकती है कि मानसून सत्र समय से शुरू हो सकता है।


जहाजरानी मंत्रालय की नई वेबसाइट

नई दिल्ली। जहाजरानी मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट एसएचआईपीएमआईएन.जीओवी.इन का पुनर्निर्माण किया है। नई वेबसाइट ओपेन सोर्स टेक्नोलॉजी पर आधारित है और एनआईसी क्लाउड मेघराज पर तैनात है। इस वेबसाइट की रूपरेखा भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा जारी भारत सरकार की वेबसाइटों के लिए दिशानिर्देश (जीआईजीडब्ल्यू) के अनुरूप तैयार की गई है। नई वेबसाइट की अच्छी डिजाइन तथा जीवंत होमपेज है। इस वेबसाइट में बेहतर वीडियो अपलोडिंग सुविधा के साथ सोशल मीडिया इंटीग्रेशन एक नया फीचर है।


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...