सोमवार, 27 अप्रैल 2020

सभी से लॉक डाउन पालन की अपील

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को किस तरह आया बढ़ाया जाए। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अहम बैठक हुई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होने वाली इस बैठक में गृह मंत्री अमित ने शाह ने सभी मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने की अपील की है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा कि सरकार ने सावधानीपूर्वक ट्रेड और इंडस्ट्री को कुछ छूट दी है। पीएम मोदी के ‘जान भी जहान भी’ के मार्गदर्शन पर सब आगे बढे।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये लड़ाई लंबी है धैर्य के साथ लड़नी पड़ेगी।


कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 25 मार्च से दो चरण में लॉकडाउन लागू किया गया है। देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने बैठक में कहा, ‘ये हमारा चौथा संवाद है। बीच-बीच में सभी मुख्यमंत्रियों से मेरी व्यक्तिगत बात होती रहती है। हमारे सामूहिक प्रयासों का कुछ हद तक असर दिख रहा है। लॉकडाऊन का प्रभाव पड़ा है और हमें उसका फायदा मिल रहा है।


बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शिरकत कर रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के दौरान तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री मास्क लगाए नजर आए तो वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने हरे रंग के बॉर्डर वाले सफेद गमछे से मुंह को ढंका हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना संक्रमण के कारण देश में युद्ध जैसी स्थिति है। उन्होंने जोर दिया कि लोगों को सावधान रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा था, ‘मैं आपसे अति आत्मविश्वासी नहीं होने का आग्रह करता हूं।आपको अपने अति-उत्साह में ये नहीं सोचना चाहिए कि यदि कोरोना वायरस अभी तक आपके शहर, गांव, सड़क या कार्यालय तक नहीं पहुंचा है, तो यह अब नहीं पहुंचेगा. कभी भी ऐसी गलती न करें। दुनिया का अनुभव हमें इस संबंध में बहुत कुछ बताता है।


सेवानिवृत्ति में नहीं किया कोई बदलाव

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु को कम करने की कोई योजना नहीं है। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने मीडिया के एक हिस्से में आई उन रिपोर्टों का खंडन किया कि कर्मचारियों को जल्द सेवानिवृत्त करने का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार के कर्मचारी वर्तमान में 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं। सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी कर उन रिपोर्टों को गलत बताया कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 50 वर्ष तक कम करने के लिए एक प्रस्ताव दिया है।


मंत्री ने कहा कि सेवानिवृत्ति की आयु को कम करने के किसी प्रस्ताव पर और सरकार के किसी स्तर पर चर्चा नहीं की गई है। सिंह ने कहा, कुछ प्रेरित तत्व हैं, जो पिछले कुछ दिनों में मीडिया के एक वर्ग में इस तरह की गलत जानकारी फैला रहे हैं। वे ऐसी खबरों के लिए सरकारी सूत्रों या कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को जिम्मेदार ठहराते हैं। इससे जुड़े पक्षों के मन में उत्पन्न भ्रम दूर करने के लिए हर बार एक त्वरित खंडन करने की मांग की जाती है। सिंह ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस समय देश कोरोना वायरस संकट से गुजर रहा है, कुछ तत्व और निहित स्वार्थी लोग मीडिया की कहानी गढ़कर सरकार के अच्छे कामों का महत्व कम करने की कोशिश करते हैं। इसके विपरीत कोरोना वायरस की चुनौती की शुरुआत से ही सरकार और कार्मिक विभाग ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए त्वरित निर्णय लिया है।


उड़ी एलओसी पर गोलाबारी जारी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सोमवार को भारतीय और पाकिस्तानी सेना के बीच भारी गोलीबारी और गोलाबारी शुरू हो गई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि हाजीपीर इलाके में दोनों पक्षों के बीच बड़े पैमाने पर गोलीबारी हुई। 
पाकिस्तानी सैनिकों ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी और गोलाबारी शुरू कर दी, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल कर करारा जवाब दिया। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया कि क्या पाकिस्तान की गोलाबारी का मकसद घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ कराना था। आखिरी रिपोर्ट आने तक, क्षेत्र में अभी भी छिटपुट गोलाबारी का दौर चल रहा था।


उन्नाव की महिला पत्रकार हुई संक्रमित

महिला पत्रकार कोरोना वायरस से संक्रमित
उन्‍नाव। जिला के गंगाघाट थानाक्षेत्र में शुक्लागंज की आनंद नगर मोहल्ला निवासी एक महिला पत्रकार के कोरोना वायरस से ग्रस्त पाए जाने के बाद उन्हें पृथक-वास में रखा गया है। संक्रामक रोग प्रभारी डा. आर एस मिश्रा ने सोमवार को बताया कि रविवार देर रात कानपुर से सूचना मिली कि जनपद के शुक्लागंज नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाली एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। इसके बाद कानपुर से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम महिला पत्रकार को लेकर कानपुर चली गयी जबकि उनके परिवार के तीन अन्‍य सदस्‍यों को उन्‍नाव जिला अस्‍पताल में आइसोलेट किया गया है। तीनों का सैम्‍पल लेकर जांच के लिए भेजा जायेगा।


मिश्रा ने बताया कि महिला पत्रकार का सैम्‍पल कानपुर में लिया गया था। इसलिए कानपुर में ही उन्‍हें पृथक-वास में रखा गया है। जिले में कोरोना संक्रमित यह दूसरा मरीज है। इससे पहले एक मरीज उन्‍नाव शहर कोतवाली अंतर्गत किला क्षेत्र में मिला था। सूचना के साथ ही उन्‍नाव जिला प्रशासन हरकत में आ गया और घर के आसपास के एक किलोमीटर इलाके को सील कर दिया।


मिश्रा ने बताया कि नगर पालिका व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मिलकर पूरे एरिया को सैनिटाइज करने का कार्य शुरू कराया है। दो दिन पहले अचानक तेज बुखार से पीडित हुए सीएमओ के रसोइया के बारे में मिश्रा ने बताया कि उसकी रिपोर्ट अभी नहीं मिली है । सीएमओ उन्नाव ने खुद को क्वारेंटाइन किया हुआ है । रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही रिपोर्ट प्राप्‍त होगी, आगे की कार्रवाई की जायेगी।


प्रवासियों को वापस लेने की अपील

महाराष्ट्र ने 6 राज्यों से की अपने 3.5 लाख प्रवासियों को वापस ले जाने की अपील, कहा- राज्यों की सीमा तक हम छोड़ेंगे


मुंबई। लॉकडाउन के दौरान नांदेड़ में ऐतिहासिक गुरुद्वारा हुजूर साहिब में फंसे 100 सिख श्रद्धालुओं के पहले जत्थे के पंजाब हरियाणा और नई दिल्ली वापस पहुंचने के बाद महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजय मेहता ने अन्य राज्यों के प्रमुखों से अपने प्रदेश के लोगों को वापस ले जाने की अपील की है। महाराष्ट्र में फिलहाल उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 3.5 लाख प्रवासी फंसे हुए हैं। मेहता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार दूसरे राज्यों के लोगों को उनके राज्यों के बॉर्डर तक छोड़ने के लिए तैयार है।


शनिवार को हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने कश्मीरी कामगारों और उत्तर प्रदेश के लोगों को अपने राज्यों में वापस भेजा है। पंजाब, हरियाण और दिल्ली के कुल 3800 श्रद्धालु लॉकडाउन घोषित होने से एक दिन पहले 23 मार्च को नांदेड़ आए हुए थे और फिर वहीं फंस गए।


3300 किमी का फासला तय करेंगी बसें


पहला जत्था शुक्रवार को रवाना किए जाने के बाद पंजाब सरकार ने शनिवार को 80 और बसें भेजीं जिसके आज पहुंचने की संभावना है। ये बसें बाकी श्रद्धालुओं को वापस लेकर आएंगी। ये बसें 3,300 किमी दूरी का फासला तय कर लौटेंगी जिसमें तीन ड्राइवर, एक कंडक्टर और एक पुलिसकर्मी मौजूद होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक मेहता ने अन्य राज्यों के अपने समकक्षों से कहा कि अगर वह राजी हो जाते हैं तो महाराष्ट्र सरकार प्रवासियों को अपने राज्य से उनके राज्यों की सीमा तक छोड़ेगी। वैसे ही जहां महाराष्ट्र के कामगार फंसे हैं उन्हें भी अन्य सरकारें राज्य की सीमा तक छोड़ें। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अजय मेहता ने ये मुद्दा केंद्रीय कैबिनेट सचिव की बैठक में उठाया।


केंद्र के सामने उठाया गया है मुद्दा
रिपोर्ट के मुताबिक सीएम उद्धव ठाकरे ने यह मुद्दा केंद्र सरकार और राज्य का दौरा करने पहुंची केंद्रीय टीम के सामने भी उठाया है, लेकिन दोनों ही तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला है। बता दें 15 अप्रैल को करीब 1500 प्रवासी कामगार मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे। मजदूरों को ये जानकारी मिली थी कि इस दिन उनके लिए लंबी दूरी वाली ट्रेन शुरू कर दी जाएंगी। गौरतलब है कि तख्त श्री हजूर साहिब सिख धर्म का एक पवित्र स्थान माना जाता है। देश भर में लॉकडाउन बढ़ने के बाद फंसे हुए श्रद्धालु पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के संपर्क में थे जिन्होंने सीएम ठाकरे से बातचीत की।


पंजाब के सीएम ने ली थी इजाज़त
ठाकरे ने सिंह ने कहा कि उन्हें श्रद्धालुओं को भेजने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी। इसके बाद पंजाब के सीएम ने ये मुद्दा गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखा जिन्होंने इसे विशेष मामला मानते हुए श्रद्धालुओं को ले जाने की अनुमति दी। पंजाब और महाराष्ट्र के बीच प्रमुख सचिव स्तर की वार्ता होने के बाद इसे मंजूरी मिल गई और नादेड़ के कलेक्टर को सिखों को यात्रा पास देने के निर्देश दिए गए।


अधिकारी ने कहा कि हमने श्रद्धालुओं को बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए। बसों में 52 यात्रियों की क्षमता के बावजूद सिर्फ 35 यात्रियों को भेजा गया. बाकी श्रद्धालुओं को भेजने के लिए 100 बसों की जरूरत होगी। श्रद्धालुओं के शुक्रवार को बस में चढ़ने से पहले उनकी मेडिकल जांच की गई। टेस्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया। अधिकारी ने बताया कि वापस पहुंच के लिए बाद ये सभी लोग 14 दिन के क्वारंटाइन में रहेंगे।


14 मार्च के बाद मौतों में भारी कमी

रोम। इटली में कोरोना वायरस के चलते होने वाली मौतों का 14 मार्च के बाद सबसे कम आंकड़ा दर्ज किया गया है।नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने एक दिन में 260 मौतों का आंकड़ा दर्ज किया है। बता दें, अमरीका के बाद इटली में सबसे अधिक मौतें हुई हैं। इटली में 26,644 लोगों की मौत हुई है। इटली में लगातार तीसरे दिन मौतों के आंकड़ों में गिरावट आई है। शनिवार को इटली में 415 मौतें हुई थीं।


वहीं इटली जहां लॉकडाउन से निकलने की तैयारी कर रहा है, वहीं यह स्पष्ट है कि लोम्बार्डी में कुछ गड़बड़ियां हुईं, जो कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र रहा। इटली यूरोप में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है और अमेरिका के बाद सबसे अधिक इसी देश में 26 हजार लोगों की इस घातक वायरस से मौत हुई है। इटली में सबसे पहले यह मामला 21 फरवरी को सामने आया और उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात पर जोर दे रहा था कि वायरस पर ‘नियंत्रण किया जा सकता है। हालांकि इस बात के भी साक्ष्य हैं कि जनसांख्यिकी और स्वास्थ्य सेवाओं में कमियों के साथ ही राजनीतिक एवं व्यावसायिक हितों के कारण लोम्बार्डी की एक करोड़ आबादी प्रभावित हुई और सबसे ज्यादा दुखद स्थिति नर्सिंग होम में देखी गई।


स्पेन में मृतकों की संख्या में कमी

 मेड्रिड। कोरोना वायरस महामारी से स्पेन में रोज मरने वालों की संख्या में कमी आई है और रविवार (26 अप्रैल) को यह संख्या 288 रही जो 20 मार्च के बाद से सबसे कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। देश में पिछले छह हफ्तों में पहली बार लॉकडाउन में ढील देते हुए बच्चों को बाहर निकलने की अनुमति दी गई।


स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि रोज मरने वालों की संख्या में कमी आयी है और यह शनिवार (25 अप्रैल) के 378 के आंकड़े से घटकर रविवार को 288 दर्ज किया गया। मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस की चपेट में आने से देश में अबतक 23 हजार 190 लोगों की मौत हो चुकी है जो दुनिया में अमेरिका और इटली के बाद सर्वाधिक है। स्पेन की सरकार द्वारा बच्चों को घर से बाहर निकलने देने की सख्त मनाही के आदेशों को हटाए जाने के कारण करीब छह हफ्ते बाद सड़कें बच्चों के खेलने-कूदने से गुलजार दिखीं। करीब 44 दिनों तक बच्चों के घरों में रहने के बाद स्पेन की सरकार ने 14 साल से कम उम्र के बच्चों को रविवार सुबह पहली बार घर से बाहर आने की इजाजत दी। वे अब अपने माता-पिता में से किसी एक के साथ घर के एक किलोमीटर तक के दायरे में एक घंटे तक सैर कर सकेंगे। फेस मास्क लगाकर घूम रहे तीन साल की उम्र के जुड़वां लड़कों की मां सुसाना ने कहा, “यह शानदार है। मैं विश्वास नहीं कर सकती छह हफ्ते हो गए। मेरे लड़के बहुत सक्रिय हैं। आज जब उन्होंने घर का मुख्य दरवाजा खुला देखा और मैंने उन्हें उनकी साइकिल दी तो वे बेहद रोमांचित नजर आए।” बच्चे अपने साथ अपना एक खिलौना रख सकते हैं लेकिन उन्हें दूसरे बच्चों के साथ खेलने की इजाजत नहीं होगी और उन्हें कम से कम एक मीटर की दूरी बरकरार रखनी होगी। पार्क भी बंद रखे गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि माता-पिता और बच्चे बाहर घूमकर आने के बाद साबुन से अच्छी तरह अपने हाथ धोएं।


मस्जिदः 2 दर्जन से अधिक लोगों की भीड़

ढाका। कोरोना के कहर के बीच दक्षिणी बांग्लादेश की एक स्थानीय मस्जिद में दो दर्जन से अधिक लोगों को नमाज के लिए एकत्रित करने वाले एक मौलवी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। रमजान के महीने में उन्होंने तकरीबन दो दर्जन लोगों का नमाज के दौरान नेतृत्व किया था।


बीडीन्यूज24 के अनुसार, मगुरा जिले के अदादंगा गांव की एक मस्जिद में मौलवी ने नमाज के लिए लोगों को इकट्ठा किया था। मौलाना के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रशासन वहां आने वाले अन्य 20-25 लोगों की सूची तैयार कर रहा है। वहीं, अगर किसी में भी कोरोना के लक्षण पाए गए तो उनका कोरोना का टेस्ट किया जाएगा। शालिकहा उप-जिले के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तनवीर रहमान ने बताया कि मस्जिद से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित मौलवी के बाघरपारा पशिचिमा गांव को लॉकडाउन कर दिया गया है। बांग्लादेश में अभी तक 5,416 कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा रविवार तक 145 लोगों की मौत हो चुकी हैैं।    
बांग्लादेश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए छह अप्रैल से ही मस्जिदों में एकत्रित होकर नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। वहीं, इससे संबंधित मंत्रालय ने भी नोटिस जारी करके लोगों से घरों में रहकर नमाज पढ़ने की अपील की है।नोटिस में कहा गया है कि शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए मस्जिदों में ज्यादा से ज्यादा दस लोग ही एकत्रित हो सकते हैं। वहीं, कोरोना वायरस की वजह से पांच मई तक के लिए लॉकडाउन को बढ़ाया गया है।


इंडोनेशियाः चमगादड़ों की बिक्री जारी

जकार्ता। कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। करीब 4 अरब लोग अपने घरों में कैद हैं और लाखों लोग मारे गए हैं। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस का स्रोत चमगादड़ों का माना जा रहा है और वहां पर इसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इस बीच इंडोनेशिया में चमगादड़ों की बिक्री धड़ल्‍ले से जारी है। आलम यह है कि चमगादड़ बेचने वाली दुकानों पर 'सोल्‍ड आउट' के बोर्ड लगे हैं।


जिंदा जानवरों की खरीद-फरोख्‍त के लिए पूरी दुनिया में कुख्‍यात उत्‍तरी इंडोनेशिया के टोमोहोन एक्‍सट्रीम मार्केट में कोरोना महामारी के बाद भी जिंदा जानवरों की बिक्री जारी है। इस मार्केट में काफी नमी रहती है जिससे कभी भी यहां से कोई महामारी फैल सकती है। इस बीच वैज्ञानिकों का कहना है कि इसी तरह के वातावरण वाली वुहान मार्केट से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला। हर दिन करीब 50 से 60 चमगादड़ बिक रहे। पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्‍था पेटा के सदस्‍यों ने अप्रैल महीने में टोमोहोन मार्केट का दौरा किया। ये लोग थाईलैंड के बैंकाक में स्थित एक मार्केट में भी गए थे। उन्‍होंने पाया कि इन बाजारों में फर्श खून से सनी हुई है। दुकानदार सूअर को काटकर उसे अपने खुले हाथों से लोगों को बेच रहे हैं। दुकानों के काउंटर पर सांप, कुत्‍ते, मेंढक और सूअर के मांस रखे हुए हैं।


मजदूरों की आवाजाही पर दिया आदेश

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों की आवाजाही का मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच चुका है। सोमवार को न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। जिसमें केंद्र सरकार को मामले की जांच करने और दो राज्यों के बीच मजदूरों की आवाजाही के मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया।


सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पूछा कि इस जानकारी को कैसे सत्यापित किया जाएगा कि प्रवासी मजदूरों की आवाजाही बंद नहीं हुई है। इसपर याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वे लोगों को उनके मूल गांव वापस भेजेंगे। हालांकि गृह मंत्रालय की तरफ से किसी भी तरह की आवाजाही की इजाजत नहीं है। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि गृह मंत्रालय ने मजदूरों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि पिछले दिनों मंत्रालय ने मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया था। जिसमें मजदूरों को किसी भी तरह की अंतर-राज्य आवाजाही की अनुमति नहीं है। गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा था कि लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए मजदूरों को कुछ शर्तों के साथ राज्य के अंदर उनके काम के स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि तीन मई तक बढ़ाए गए लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को किसी भी तरह की अंतर-राज्य आवाजाही की इजाजत नहीं होगी।


अमेरिका में घटकर मौत का आंकड़ा 1330

वाशिंगटन। अमेरिका में आज कोविड 19 से 1330 मौतें दर्ज की गईं। ये आंकड़ा जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी टैली द्वारा जारी किया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका दूसरे देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उन्हें यह समझा रहा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान से हुई है। उन्होंने कहा कि वायरस कहां से आया यह समझाने की जिम्मेदारी चीन की है। उन्होंने बेन शापिरो शो में शुक्रवार को कहा कि चीन को दिसंबर 2019 से वायरस के बारे में पता था। उन्होंने कहा, 'हमें अमेरिका में हुई मौतों और यहां जिस तरह के आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, उसके लिए जिम्मेदार पक्षों की जवाबदेही तय करनी होगी।'


देश में कोरोना संक्रमण फैलने की औसत दर भले ही लॉकडाउन के बाद कम हुई लेकिन तीन राज्यों में बढ़ते प्रकोप ने चिंता बढ़ा दी है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश में हालात चिंताजनक हैं। देशभर में कुल 826 मौतों में से दो तिहाई से ज्यादा (555 मामले) सिर्फ इन तीन राज्यों से हैं। इस लिहाज से दिल्ली चौथे और उत्तर प्रदेश छठे पायदान पर है। स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में एक दिन में 811 नए मरीज मिले। पिछले 6 दिन में 71 लोगों की मौत हुई है यानी औसतन हर दो घंटे में एक मरीज दम तोड़ रहा है।


महीनों बाद चीन के बंद स्कूल खुले

बीजिंग। कई महीनों के बंद के बाद चीन की राजधानी पेइचिंग के स्कूल सोमवार को खुले। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने स्कूलों में वापसी की और वापसी को लेकर वे काफी खुश थे। इसकी वजह यह थी कि उन्हें कई दिनों बाद अपने दोस्तों से मिलने का मौका मिल रहा था। यूनिफॉर्म में आए इन बच्चों के कंधों पर बैग था। वहीं, इन बच्चों की जिंदगी में जो नई चीज आ गई है वह है मास्क। सभी बच्चों के फेस पर मास्क लगा हुआ था।


अनोखे यूनिफॉर्म के साथ लौटे बच्चेः हैंगजाउ में पहली कक्षा के बच्चे भी स्कूल लौट आए हैं। इस बार उनका अनुभव बिल्कुल अलग है क्योंकि उनका यूनिफॉर्म बदल गया है। दरअसल, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए उन्हें मास्क के साथ ही स्पेशल हेड गियर पहनाया गया है।


चीन ने सूचना के आरोपों को नकारा

बीजिंग। चीन के विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें चीन पर संक्रमण को लेकर गलत सूचना देने का आरोप है। इसके पूर्व अमेरिका की राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कोरोना के वैश्विक प्रसार के लिए चीन को उत्‍तरदायी माना है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने कोरोना की जानकारी को दुनिया के सामने साझा नहीं किया।


उसने सारी जानकारी छिपा कर रखी। उधर, चीन ने कहा कि उसने कोरोना को लेकर कोई दुष्‍प्रचार नहीं किया। चीन ने कहा है उसके पास इसके पोख्‍ता सबूत है। यूरोपीय संघ की विदेश नीति शाखा की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन एवं रूस कोरोना प्रसार के लिए जिम्‍मेदार हैं। चीन यूरोपीय संघ की एक रिपोर्ट को रेकना चाहता था, लेकिन बाद में यह रिपोर्ट जारी कर दी गई। बीजिंग ने यूरोपीय संघ पर इस रिपोर्ट को रोकने के लिए दबाव डाला था। बीजिंग ने कहा कि इस रिपोर्ट से दोनों के संबंधों में कटुता उत्‍पन्‍न होगी।


नियमों में बदलाव से भड़क गया चीन

FDI नियमों में बदलाव से भड़क गया है चीन


चीनी मीडिया दे रही फार्मा निर्यात रोकने की धमकी


दवाओं के लिए बेस माल जैसा होता है एपीआई भारत में करीब 85 फीसदी API चीन से आता है


बीजिंग। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच चीन की कई देशों से तल्खी बढ़ रही है। अब इस सूची में भारत भी शामिल हो गया है। भारत द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों में बदलाव से भड़के चीन की सरकारी मीडिया में यह माहौल बनाया जाने लगा है कि चीन हमारे देश में अपने फार्मा निर्यात को रोक सकता है। चीन से हमारे देश में फार्मा की बात करें तो सबसे ज्यादा दवाएं बनाने के लिए जरूरी एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (API) आता है। क्या हम अपने देश में एपीआई बनाकर चीन की अकड़ खत्म नहीं कर सकते? क्या हैं आखिर समस्याएं, आइए जानते हैं...


क्या होता है एपीआईः सबसे पहले यह जान लें कि एपीआई क्या होता है। इसका मतलब होता है एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट। वि​श्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तैयार फार्मा उत्पाद यानी फॉर्मुलेशन के लिए इस्तेमाल होने वाले किसी भी पदार्थ को एपीआई कहते हैं। गौरतलब है कि एपीआई ही किसी दवा के बनाने का आधार होता है, जैसे क्रोसीन दवा के लिए एपीआई पैरासीटामॉल होता है। तो आपने यदि पैरासीटामॉल का एपीआई मंगा लिया, तो उसके आधार पर किसी भी नाम से तैयार दवाएं बनाकर उसे निर्यात कर सकते हैं। तैयार दवाएं बनाने की फैक्ट्री में ज्यादा निवेश करने की जरूरत नहीं होती है और इसे लगाना आसान होता है।


ब्रिटेन पीएम ने संभाल लिया कामकाज

लंदन। कोरोना से जंग जीतने के बाद एक हफ्ते पहले अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने सोमवार को अपने ऑफिस में फिर से कामकाज संभाल लिया। यूके की मीडिया के अनुसार, कोरोना से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए जॉनसन को 12 अप्रैल को डिस्चार्ज किया गया था। इसके बाद वह सोमवार को अपने ऑफिस 10, डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे और प्रधानमंत्री का कामकाज संभाला।


बोरिस की गैरमौजूदगी में ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब उनकी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। बीते हफ्ते ही ब्रिटेन के एक अखबार ने दावा किया था कि बोरिस जल्दी ही काम पर लौट सकते हैं। हालांकि इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा था कि फिलहाल जॉनसन के ऑफिस आने की तारीख तय नहीं है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ‘मैंने जॉनसन से बात की है। वह खुश हैं और निश्चित तौर पर उनके स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। लेकिन वह काम पर कब लौटेंगे, यह उनका और डॉक्टरों का मामला है।’ जॉनसन (55) को कोरोना वायरस की महामारी से ठीक होने के बाद 12 अप्रैल को सेंट थॉमस अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। अस्पताल से निकलने के बाद जॉनसन दो हफ्ते के लिए क्वारंटीन में चले गए थे। क्वारंटीन का वक्त पूरा होने के बाद जॉनसन ने अपने हेल्थ अडवाइजर्स से अस्पताल जाने को लेकर फीडबैक भी लिया था, जिसके बाद वह सोमवार को फिर से पीएम पद का कामकाज संभालने पहुंचे।


नाबालिक को नहीं मिलेगा 'मृत्युदंड'

रियाद। सऊदी अरब के किंग सलमान ने किया नाबालिक को मौत की सजा नहीं देने का आदेश जारी किया। देश के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। किंग ने 10 साल की कैद काट चुके लोगों के मामलों की समीक्षा करने और उनकी आगे की सजा माफ करने का भी आदेश दिया है। पिछले दो दिन में यहां की दो कठोर सजा खत्म की गई है। शनिवार को यहां कोड़े मारने की सजा पर रोक लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट के सजा के तरीके पर टिप्पणी करने के बाद यह फैसला किया गया था। अब यहां कोड़े मारने की सजा को जेल या जुर्माने में बदला गया है।


ऐसा माना जा रहा है कि किंग सलमान के बेटे और क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की वजह से इस्लामिक कानून के तहत कठोर सजा के प्रावधान बदले गए हैं। इस्लामिक कानून कट्टरपंथी वहाबी मान्यताओं पर आधारित है। दुनिया के कई देशों में इसका पालन होता है। किंग सलमान के आदेश के बाद देश में कम से कम छह लोगों की मौत की सजा खत्म हो जाएगी। ये सभी अल्पसंख्यक शिया समुदाय के हैं। सभी की उम्र 18 साल से कम है। हालांकि नाबालिगों से जुड़े आतंकी गतिविधियों वाले मामलों पर अलग से सुनवाई का आदेश जारी किया गया है। यहां पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का मामला दर्ज होता है। ऐसे मामलों में देश की कानून व्यवस्था बिगाड़ने और राजा के आदेश का उल्लंघन का आरोप लगाया जाता है। क्राउन प्रिंस सलमान ने सऊदी अरब में कई उदारवादी नीतियां अपनाई हैं। उन्होंने 2018 में देश में महिलाओं को कार चलाने की अनुमति दी थी। इसे सऊदी का एतिहासिक क्षण बताया गया था। उनकी कई कोशिशों को सराहा गया है, लेकिन मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में उन्हें आलोचना भी झेलनी पड़ी है। वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद उन पर गंभीर आरोप लगे हैं। 2019 में तुर्की के सऊदी दूतावास में खशोगी की हत्या कर दी गई थी।


'घरों में लोग, सड़क पर सांप'

सुनील यादव


अयोध्या में मचा हंगामा पुलिस ने उठाया बड़ा कदम


अयोध्या। कोरोनावायरस को लेकर लॉक डाउन से जनमानस ही नहीं बल्कि जमीनों पर रेंगने वाले जानवर भी अपना पेट भरने के लिए अब सड़कों पर दिखाई देने लगे हैं ऐसी एक घटना राम नगरी अयोध्या में दिखी जब लॉक डाउन के दौरान जरूरी सामानों को लेने के लिए खुले राशन की दुकान पर जा रहे लोगों को अपना जान बचाकर भागना पड़ा और देखते ही देखते बड़ी संस्था में लोग एकत्रित हो गए।
दरअसल अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के बाबू बाजार स्थित आज दोपहर लॉक डाउन के दौरान खुले राशन की दुकान पर जा रहे कुछ लोग अचानक सड़क पर विषैले नाग को देख जोर से चिल्लाते हुए भाग खड़े हुए जिसके बाद वहां पर बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई भीड़ को देखते हुए सांप राशन की दुकान में घुस गया और राशन दुकानदार भी अपनी दुकान को छोड़कर वहां से भाग खड़ा हुआ वही कोरोनावायरस को देखते हुए भीड़ की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को वहां से अपने घरों के लिए जाने की अपील की उसके बाद काफी मशक्कत के बाद अयोध्या पुलिस ने सपेरे के माध्यम से उस सांप को पकड़ लिया सपेरे द्वारा पूछे जाने पर सांप की स्थिति बहुत ही गंभीर बताया कहां किया घोड़ा पछाड़ सांप है जो कि बहुत ही विषैला होता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक सांप पिछले कई दिनों से दिखाई देता रहा है लेकिन पकड़ने की स्थिति में वह अक्सर नालो इत्यादि में छुप कर भाग जाता था लेकिन आज सांप भीड़ को देखते हुए दुकान में घुस गया जिसके कारण पकड़ा जा सका है यह सांप 5 फुट लंबा है जिसके कारण आसपास के क्षेत्र में काफी दिनों से भय का वातावरण था।


गरीबी के दलदल का दायरा

लाखों भारतीय गरीबी के दलदल में फंस सकते हैं
नई दिल्ली। आरबीआई के पूर्व गवर्नर दुव्वूरी सुब्बाराव ने रविवार को कहा कि लॉकडाउन यदि लंबे समय तक रहा, तो इससे लाखों भारतीय गरीबी के दलदल में फंस सकते हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि कोविड-19 संकट समाप्त होते ही अर्थव्यवस्था में वी शेप की रिकवरी आ सकती है और भारतीय अर्थव्यवस्था में अन्य देशों के मुकाबले अधिक तेजी के साथ रिकवरी होगी। सुब्बाराव ने यह बात एक वेबीनार में कही, जिसमें आरबीआई की पूर्व डिप्टी गवर्नर उषा थोराट ने भी हिस्सा लिया। वेबीनार का विषय था- इतिहास बार-बार दोहराता है, लेकिन अलग तरीके से- कोरोना के बाद की दुनिया के लिए सबक। वेबीनार का आयोजन मंथन फाउंडेशन ने किया था। 


भारत के बेहतर प्रदर्शन की संभावना से नहीं हों संतुष्ट
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा कि विश्लेषकों का मानना है कि इस साल भारत की जीडीपी घट जाएगी या इसकी विकास दर में गिरावट आएगी। लेकिन इस संकट से पहले ही हमारी विकास दर घट चुकी है। अब यह पूरी तरह से रुक गई है। पिछले साल विकास दर 5 फीसदी रही थी। इस साल यदि यह शून्य फीसदी रहती है, तो विकास दर में पूरे 5 फीसदी की गिरावट आएगी। यह सच है कि इस संकट के दौरान भारत का प्रदर्शन अधिकतर देशों से बेहतर होगा। लेकिन इससे हमें संतुष्ट नहीं हो जाना चाहिए। क्योंकि हम एक गरीब देश हैं और यदि लॉकडाउन जल्दी समाप्त नहीं किया गया, तो पूरी संभावना है कि लाखों लोग गरीबी के दलदल में फंस जाएंगे।


सुब्बाराव ने कहा कि विश्लेषकों के मुताबिक भारत में वी शेप में तेजी आएगी, जो कि अधिकतर देशों से बेहतर होगा। और हम वी शेप रिकवरी की उम्मीद क्यों करते हैं? क्योंकि चक्रवाती तूफान और भूकंप के विपरीत मौजूदा संकट में कोई संपत्ति बर्बाद नहीं हुई है। फैक्ट्र्रियां अपनी जगह खड़ी हैं। दुकान अपनी जगह बनी हुई हैं। लॉकडाउन समाप्त होते ही लोग काम करने के लिए तैयार हैं। इसलिए यह उम्मीद है कि रिकवरी वी शेप में आएगी। और जहां तक वी शेप रिकवरी की संभावना है, तो भारत की स्थिति अन्य देशों से बेहतर है।


उन्होंने कहा कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद कई अन्य देशों के मुकाबले भारत में अधिक तेजी के साथ रिकवरी हुई थी। इस साल भारत की विकास दर 1.9 फीसदी रहने के अंतरराष्ट्र्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुमान के बारे में उन्होंने कहा कि यह अनुमान पुराना पड़ चुका है। कई विश्लेषक मानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार घटने वाला है। उषा थोराट ने का कि मौजूदा स्थिति में सिस्टम में नकदी बढ़ाने से बहुत फायदा मिलने की उम्मीद नहीं है। बैंक और गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) ज्यादा कर्ज दे सकें, इसके लिए उन्हें क्रेडिट गारंटी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि संकट के समय राज्यों को ज्यादा सहयोग चाहिए और सब्सिडी में सुधार किए जाने की जरूरत है।


गाजियाबादः संक्रमित क्षेत्रों में स्क्रीनिंग

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। कोरोना-19 टीम जिला अस्पताल गाजियाबाद से एनटीईपी  व आरबीएसके की टीमों द्वारा विभिन्न सेक्टरों में वसुंधरा  गाजियाबाद क्षेत्र मे कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के घर के आसपास के घरों पर टीमों के सदस्यों द्वारा कोरोना वायरस के प्रति स्क्रीनिंग की गई। साथ ही कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के घर के बाहर कोविड -19 का स्टीकर भी लाया गया जिसमें टीम द्वारा घर-घर जाकर प्रत्येक सदस्यों का हालचाल व बाहर से आने वाले सदस्यों के बारे में भी जानकारी एकत्रित की। इसके साथ-साथ मलेरिया टीम द्वारा क्षेत्र में सैनिटाइजर का छिड़काव कराया गया। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एनटीईपी (टीबी) विभाग के श्री महेश कौशिक, नीरज कुमार शर्मा, रविंद्र कुमार भोजपुर, रविंद्र कुमार द्वितीय, सीपी गोड, राकेश कुमार बम्हेटा,पवन कुमार, कपिल कुमार, राजेंद्र सिंह, राजेश कुमार शर्मा, रविंद्र चौधरी, गौतम सिंह, प्रणेश कुमार दुबे जी एवं आरबीएसके की टीम की तरफ से डॉक्टर नवनीत कौशिक ,डॉक्टर आशुतोष सिंह,डॉ सुशांन्त, डॉक्टर चेतन वर्मा, वरुण शर्मा, स्वास्थ केंद्र लोनी से हैल्थ सुपरवाइजर श्री राधे कृष्ण शर्मा और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम सदस्यों के साथ सभी ने अपना योगदान दिया।


 


बिहार के 56 संक्रमित हुए स्वस्थ

अजयदीप चौहान


पटना। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से आज पूरी दुनिया लड़ रही है। भारत में भी कोरोना का आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ रहा है। बिहार में भी इस सप्ताह काफी तेज रफ़्तार से कोरोना का डाटा बढ़ा है। इसी कड़ी में इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है पटना से जहां कोरोना के 11 मरीजों के ठीक होने की पुष्टि हुई है। इन मरीजों के ठीक होने के साथ ही यह आंकड़ा बिहार में 56 हो गया है।


11 नए मरीज हुए ठीक
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के मुताबिक के मुताबिक अब तक बिहार में कुल 251 मरीज सामने आये हैं। जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने एक बड़ी जानकारी साझा करते हुए इस बात कि सूचना दी कि सूबे में 11 और मरीज ठीक हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि बिहार में स्वस्थ हुए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या 56 हो गई है।


बिहार में 193 केस एक्टिव
इन दिनों बिहार में लगातार पॉजिटिव मामले सामने आने के बीच यह एक बड़ी राहत की खबर है। एक सप्तास की बात की जाए तो 7 दिनों में कुल 165 पॉजिटिव मरीज सामने आये हैं। जिसके कारण बिहार के 21 जिले कोरोना संक्रमित हो गए हैं। बिहार में दो लोगों की मौत और 56 लोगों के ठीक होने के बाद फिलहाल 193 केस एक्टिव हैं। किस जिले के कितने मरीज ठीक हुए हैं। बिहार सरकार की ओर से अभी फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया गया है।


शनिवार को मिले 28 नए पॉजिटिव केस
इससे पहले बिहार में शनिवार रात तक कोरोना के 28 नए मरीजों की पहचान हुई थी। शनिवार को मिले 28 नए पॉजिटिव केसों में 7 पटना, 6 कैमूर, 5 बक्‍सर, 3 मुगेर, 2 रोहतास व आरा, सारण, वैशाली, अरवल और गया के एक-एक मरीज शामिल थे। कोरोना से 22 जिले अबतक प्रभावित हो चुके हैं। बिहार में 45 मरीज स्‍वस्‍थ हो अस्‍पताल से घर लौट चुके हैं. जबकि दो लोगों की मौत हो गई है। जो मुंगेर और वैशाली जिले के रहने वाले थे।


स्वस्थ होने पर नवादा के डीएम ने सर्टिफिकेट देकर किया सम्मानित


पीएम मोदी बोले- कोरोना को हराना एकमात्र लक्ष्य
उधर, देश में जानलेवा कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा है कि आज पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई लड़ रहा है। सबका एक ही लक्ष्य है कि कोरोना को हराना है। उन्होंने कहा कि भारत जैसा विशाल देश जो विकास के लिए प्रयत्नशील है, आज वह गरीबों के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। हर कोई अपने सामर्थ्य के हिसाब से इस लड़ाई को लड़ रहा है। कोई अपनी पूरी पेंशन, पुरस्कार राशि को पीएम केयर्स में जमा करा रहा है। कोई खेत की सारी सब्जियां दान दे रहा है, कोई मास्क बना रहा है,कहीं मजदूर भाई-बहन क्वारंटीन में स्कूल की रंगाई-पुताई कर रहे हैं। लोगों की मद कर रहे कोरोना वॉरियर्स
पीएम मोदी ने आगे कहा कि डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों। इतना ही नहीं हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफ़ी बदलाव हुआ है। हमारे पुलिसकर्मी ग़रीबों, ज़रुरतमंदो को खाना पंहुचा रहे हैं और दवा पंहुचा रहे हैं।


जांच में मिली हॉस्पिटल में बडी कमियां

शिव हॉस्पिटल की जांच में मिली कई बड़ी खामियां,


प्राइवेट अस्पताल पर एडिशनल सीoएमoओ एवं एसoडीoएम का छापा
    
मानक विहीन अस्पताल में नोटिस चस्पा कर 24 घंटे के अंदर मांगा जवाब


रोहित गोस्वामी


लखीमपुर। तहसील गोला गोकर्णनाथ लखीमपुर रोड स्थित शिव हॉस्पिटल की जांच में मिली कई बड़ी खामियां। जांच टीम में एडिशनल सीएमओ डॉ अश्वनी, एसडीएम गोला अखिलेश यादव ,गोला सीoएचoसी प्रभारी डॉ गणेश ने सामूहिक रूप से की जांच । एडिशनल सीएमओ डॉ अश्विनी ने बताया कि जांच के दौरान जिन कमियों को पाया गया उनको अगले दिन 11:00 बजे तक पूरा करके सीoएमoओ ऑफिस में स्पष्टीकरण दें। वहीं एसडीएम अखिलेश यादव ने बताया कि अस्पताल मानक के हिसाब से नहीं चल रहा था अस्पताल में सर्जरी हुई थी लेकिन सर्जरी करने वाला कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। मेडिकल वेस्टेज के लिए डिस्पोजल की कोई व्यवस्था नहीं पाई गई। मौके पर कोई भी स्टाफ मौजूद नहीं था। सभी अस्पताल से भाग गए थे। सारे दस्तावेज सील कर दिए गए हैं। और नोटिस चस्पा कर दी गई है। 24 घंटे का समय दिया गया है अपना जवाब दें। अगर नहीं देते हैं तो उसके हिसाब से कार्यवाही की जाएगी।


दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...