गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

'मोदी रसोई' से जरूरतमंदो को भोजन

मोदी रसोई जरूरतमंद लोगों के घर पहुँचा रहे भोजन : मानव कल्याण चैरिटेबल उपाध्यक्ष रवि शर्मा


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद/लोनी। लॉक डाउन होने बाद से लोग ज़रूरतमंदों की मदद कर रहे है। और भूखे लोगो को भोजन वितरण कर रहे है। उन्होंने नाम चिन्हित कर भोजन के पैकेट को घर घर पहुचा रहे है।लोनी नगर पालिका क्षेत्र के डी- ब्लॉक इन्द्रापुरी कॉलोनी निवासी रवि शर्मा मानव कल्याण चैरिटेबल फाउंडेशन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैंप कार्यालय से करीब 451 लोगों को रोजाना भोजन के पैकेट वितरण कर रहे हैं। वही रवि शर्मा ने बताया कि यह मोदी रसोई के नाम से 28 मार्च से लगभग 451 लोगों को रोजाना भोजन के पैकेट वितरण किए जा रहे हैं। रवि शर्मा ने बताया की हम उन लोगों के घर चिन्हित कर रहे हैं जो


राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र त्यागी ने कहा मजदूरी,दिहाड़ी,गरीब लोग हैं उन लोगों के घर पर पहुंचाने के लिए साथियों की मदद से भोजन पहुंचा रहे हैं। लॉक डाउन होने के बाद से जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरण कर रहे हैं। बगैर किसी सरकारी अनुदान के यह रसोई उन बेलदार, गरीब,मजदूर व अहासय लोगों के लिए सैकड़ों की संख्या में भोजन के पैकेट को घर-घर वितरण करने का कार्य किया जा रहा है तथा अपनी टीम के कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की गई और कहा गया कि इस संकट की घड़ी में पूरा विश्व परेशान हैं। आज जो इस घड़ी में मेरे साथ गरीब मजदूर व असहाय लोगों की मदद कर रहे हैं। भगवान उन्हें लंबी आयु दे। जिससे ऐसे समय में हमेशा गरीब बेसहारा लोगों के लिए खड़े रहे। और रवि शर्मा ने कहा की हम लोग माननीय प्रधान मंत्री जी के दिये हुए निर्देश का पालन करते हुए शोसल डिसटेंस का पुरा ध्यान रख कार्य कर रहे ह क्षेत्रीय लोग भी  इस कार्य में  तन मन धन से अपना सहयोग दे रहे हैं इस मौके पर रवि शर्मा, पुष्पेंद्र शर्मा,पंडित रमेश शर्मा, पंकज जी ,सुषमा त्यागी,लोकेश कुमार, प्रदीप त्यागी,प्रेमचंद,प्रवीण कुमार, विक्रांत,आनंद वर्मा,भोजन वितरण करने में मदद कर रहे हैं।


कर्मचारियों का किया गया अभिनंदन

बीजेपी मंडल द्वारा सीएचसी के चिकित्सकों कर्मचारियों का किया गया अभिनंदन


कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान साहस और संयम दिखाकर लगातार कार्य करने पर धन्यवाद पत्र भी सौंपा गया


बिंदकी फतेहपुर। कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान लगातार बेहतर ढंग से साहस से सेवा करने पर भारतीय जनता पार्टी मंडल द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों कर्मचारियों सहित सभी लोगों को धन्यवाद पत्र देकर सेवा के लिए सराहना की गई वही सभी लोगों को फूल माला पहनाकर अभिनंदन भी किया गया और कहा गया कि निश्चित रूप से उनकी सेवाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं।


नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के बिंदकी मंडल अध्यक्ष अतुल दिवेदी उन्होंने भारतीय जनता पार्टी मंडल बिंदकी की ओर से संगठन के 50 लोगों का एक हस्ताक्षर युक्त धन्यवाद पत्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ सुनील चौरसिया को सौंपा इतना ही नहीं बीजेपी मंडल अध्यक्ष अतुल द्विवेदी ने अपने साथियों के साथ सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ सुनील चौरसिया के अलावा डॉ नीरज गुप्ता डॉक्टर जय सिंह डॉक्टर सत्य व्रत सचान डॉक्टर पीबी सिंह डॉ रुचि सिंह डॉक्टर पंकज अवस्थी डॉक्टर मोहित कुमार के अलावा फार्मेसिस्ट बच्छराज रमाकांत राजकुमार साहू नर्स नीतू सचान रिमादेवी लैब टेक्नीशियन अजय कुमार वार जेपी प्रसाद तथा वार्ड बाय मुकेश पांडे नरेंद्र दुबे तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नरेश कुमार बाबूराम कुआं भी फूल मालाओं से स्वागत किया इस मौके पर बीजेपी मंडल अध्यक्ष पिंकी ने कहा कि निश्चित रूप से वर्तमान समय में पूरे विश्व के साथ हमारे देश में भी कोरोनावायरस महामारी चल रही है। ऐसी स्थिति में जिस प्रकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक साहस का परिचय देते हुए मरीजों की सेवा कर रहे हैं इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है वही इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ सुनील चौरसिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के मंडल बिंदकी द्वारा चिकित्सकों व कर्मचारियों को सम्मानित कर जो हाउस ला बढ़ाया गया है इसके लिए वह धन्यवाद के पात्र हैं। आशा ही नहीं विश्वास है कि मैं और मेरे सभी कर्मचारी चिकित्सक इसी तरह अनवरत ढंग से कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान मरीजों की सेवा इलाज और देखभाल करते रहेंगे।


सुनील पुरी


फैक्ट्री ब्लास्ट में 1 की मौत, 7 घायल

सोलन। हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक जिले सोलन में फेविकॉल की फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद गैस लीक हो गई। गैस की चपेट में आने से एक शख्स की मौत हो गई और 7 लोगों की हालत गंभीर है। ये घटना बुधवार रात 12 बजे हुए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की पड़ताल कर रही है ।जानकारी के अनुसार, नालागढ़ के थाना में पीडी लाइट नामक फेविकोल फैक्ट्री है. यहां बुधवार रात को ब्लास्ट होने के बाद कैमिकल टैंक से जहरीली गैस लीक हो गई. गैस फैलने के बाद फैक्टरी के पास रहने वाले एक प्रवासी की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि 7 अन्य गंभीर हैं. बता दें कि लॉकडाउन के चलते फैक्टरी बंद थी और केवल सिक्योरिटी गॉर्ड ही मौके पर मौजूद थे।


ट्रंप ने मांगे सलाहकार और सलाह

नई दिल्ली। पहले से ही सुस्त पड़ी अमेरिकी इकानमी की कोरोना वायरस ने कमर तोड़ दी है। अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसको पटरी पर लाने के लिए भारतीयों से मदद मांगी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने छह भारतीयों को इसको दुरुस्त करने की जिम्मेदारी दी है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फिर पटरी पर लाने के लिए गठित समूह में गूगल के सुंदर पिचई और माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला को शामिल किया गया है। ये दिग्गज भारतीय अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का सुझाव राष्ट्रपति को देंगे।
ट्रंप ने विभिन्न उद्योगोंं के 200 से अधिक दिग्गजों को लेकर कई समूहों का गठन किया है। ये समूह उन्हें अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के संबंध में सुझाव देंगे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस महामारी के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई है। ट्रंप ने कहाकि, ये ऐसे नाम हैं, जो दुनिया में सबसे अच्छे, सबसे स्मार्ट और सबसे चमकदार हैं। ये हमें जरूर बेहतर विचार देंंगे।


अस्पतालों को निर्बाध बिजली आपूर्ति

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पं. श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को विद्युत विभाग से सभी जनपदों के अधीक्षण अभियंताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात की। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपदों में नामित किये गए कोविड-19 अस्पतालों, क्वरंटाइन व आइसोलेशन सेंटर्स पर निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित रहे। इन स्थानों पर यदि आवश्यक सुधार कार्य कराना हो तो तत्काल स्थानीय प्रशासन से सहयोग लेकर उसे अविलंब कराया जाए।


ऊर्जा मंत्री ने सभी 70 हजार स्थायी/संविदा कर्मिकों के स्मार्टफोन में आरोग्य सेतु ऐप भी डाउनलोड कराये जाने के निर्देश भी दिए। कहा कि तीन दिन में सभी संविदा और स्थायी कर्मिकों के स्मार्टफोन में यह ऐप होना चाहिए। उन्होंने निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्थाई तौर पर भी कोविड-19 हॉस्पिटल भी बनाए जा रहे हैं यहां भी विद्युत विभाग से संबंधित जरूरी काम अविलंब होने चाहिए। उन्होंने कर्मिकों के स्वास्थ्य का ध्यान प्राथमिकता पर लिए जाने की बात कही। निर्देशित किया कि सभी बिजली घरों में थर्मल स्कैनिंग की सुविधा के साथ मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाए। लॉकडाउन बढ़ने पर पूर्व में इसके लिए डिवीजन स्तर पर संसाधन जुटाने के लिए तय की गई 50 हजार रूपये की सीमा को 20 हजार रूपये और बढ़ाकर बढ़ाकर 70 हजार रूपये कर दी गई है।


ऊर्जा मंत्री ने कहा कि गर्मी बढ़ रही है ऐसे में बिजली का उपभोग व लोड बढ़ेगा। इसलिए ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जाए। जिन जिलों में सौभाग्य का काम अधूरा है उसे स्थानीय मजदूरों को लगाकर पूरा कराया जाए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व मेडिकल प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जाए। सोशल मीडिया पर सक्रियता बनाएं रखें, जिससे वहां आ रही शिकायतों का समाधान किया जा सके। सभी अधीक्षण अभियंता इस बात का विशेष ध्यान रखेंगे की किसी भी जनपद में कहीं संविदा कर्मचारियों का वेतन न रुके। वह समय से जारी हो, इसमें लापरवाही स्वीकार नहीं कि जाएगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग में अधीक्षण अभियंताओं के साथ ही अध्यक्ष व एमडी यूपीपीसीएल, एमडी ट्रांसमिशन के साथ सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक व निदेशक भी शामिल थे।


हिंदू महिला को मुस्लिमों ने दिया कंधा

भोपाल। कोरोना के संकट के बीच भोपाल में आपसी भाईचारे की तस्वीर सामने आई है। एक हिन्दू महिला की मौत के बाद उनके कोई परिजन सामने नहीं आए तो मुस्लिम समुदाय के युवक आगे आए और उन्होंने मृतक हिन्दू महिला की अर्थी को कंधा देते हुए शमशान ले गए। घटना भोपाल के टीला जमालपुर की है। सामान्य बीमारी के चलते महिला की बुधवार को सुबह मौत हो गई थी, लॉकडाउन की वजह से अंतिम यात्रा में महिला के रिश्तेदार नहीं आ सके। इसके बाद मोहल्ले के मुस्लिम युवकों ने महिला की अर्थी उठाई और उसे कंधा देते हुए श्मशान ले गए।


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साम्प्रदायिक सदभाव की तस्वीर बताया


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसकी तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- “इंदौर के साउथ तोड़ा के बाद आज भोपाल के टीला जमालपुरा इलाक़े से भी सामने आयी साम्प्रदायिक सद्भाव की तस्वीर। एक हिन्दू महिला की अर्थी को मुस्लिम समाज के युवकों ने कांधा दिया।


इंदौर के साउथ तोड़ा के बाद आज भोपाल के टीलाजमालपुरा इलाक़े से भी सामने आयी साम्प्रदायिक सद्भाव की तस्वीर। एक हिन्दू महिला की अर्थी को मुस्लिम समाज के युवकों ने दिया कांधा।इसी प्रकार का आपसी प्रेम-स्नेह-भाईचारा हमारी गंगा-जमुनी संस्कृति को बताता है।


दिखावे से दूर रहे कार्यकर्ताः अखिलेश

अखिलेश यादव ने सपाईयों को दी नसीहत-सेल्फी और फोटो से रहें दूर


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी ज़िलों के पदाधिकारीयों को निर्देशित करते हुए कहा है की ज़रुरतमन्दों की मदद करते वक़्त फोटो खींच कर न करें किसी को ज़लील।निर्वतमान ज़िलाध्यक्ष कृष्णमूर्ति सिंह यादव,निर्वतमान महानगर अध्यक्ष सै०इफ्तेखार हुसैन को अखिलेश यादव ने फोन कर ज़िला व नगर के समस्त पदाधिकारीयों को निर्देश जारी करने को कहा। उन्होने हर सम्भव ज़रुरतमन्दों की मदद करने की बात कही साथ ही यह भी कहा की इन दिनों लोग ज़रुरतमन्दों को राहत पहोँचाते वक़्त सेल्फी और फोटो खीँच कर वाट्सऐप और फेसबुक पर अपलोड कर रहे हैं।इस पर कड़ाई से अंकुश लगाया जाए।अखिलेश ने कहा हमे दूसरे लोगों की नक़ल नहीं करनी हम दूसरों के लिए नज़ीर बने ।लोग हम से सीखें न की हम दूसरों के ग़लत कार्यों को अपनाएँ।कहा मदद करते वक़्त अगर कोई पदाधिकारी या कार्यकर्ता फोटो खींच कर सोशल साईट्स पर अपलोड करे तो ऐसे लोगों को चिन्हित कर मुझे सूचित करें।समाजवादी पार्टी महानगर प्रवक्ता सै०मो०अस्करी ने बताया की मा०राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ज़िलाध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष को इस पर कड़ाई से रोक लगाने और किसी ज़रुरतमन्द को मदद पहोँचाते वक़्त इस बात का ख्याल रखने को कहा की आज कोरोना वॉयरस जैसी महामारी में जो हक़दार है उसकी मदद करें लेकिन सोशल डिस्टेन्स और डब्ल्यू एच ओ के निर्देशों का शतप्रतिशत पालन सूनिश्चित करते हुए ही राहत सामाग्री का वित्रण करें। फोटो और सेल्फी से दूर रहें।


पत्रकारिता का चिंतन 'स्वाध्याय'

पत्रकार
करोना महामारी में एक बात अजीब देखने मिली और शायद इस तरफ किसी का ध्यान नही गया । क्यों?
पत्रकार जहां इस करोना महामारी में देश के शासन-प्रशासन से कंधा मिलाकर लड़ने की कोशिश कर रहा है। हम उन बड़े चैनलों की बात नही कर रहेे है। क्योंकि उन्हें तो सैलरी मिल रही है लेकिन हमारे देश के स्थानीय पत्रकार जैसे साप्ताहिक, दैनिक, न्युज पोर्टल वाले भी इस समय परेशान हैं। वह किसी से अपनी परेशानी नही बयान कर पा रहे हैं। लेकिन हमारे देश में पत्रकारों के हित हेतु हजारों संस्थाए काम कर रही है। लेकिन लाकडान को 25दिन हो गए, आज तक गरीब पत्रकारों के बिषय में न प्रधानमंत्री, न ही किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री ,न ही किसी मंत्री, न ही किसी एमपी ,एमएलए,न ही को पत्रकारों की भलाई हेतु बनाई गई संस्था अभी तक किसी ने भी इस विषय पर कुछ कहा नही ।हमारे देश के दानवीरों को भी इनका ध्यान नही है। क्या जानबूझकर या उन्हे इनकी याद नही आई? यह एक विडम्बना ही है देश के शासन प्रशासन से कंधा मिलाकर पत्रकारों को लोग क्युं भूल रहे हैं।उनका भी ध्यान रखा जाए। सभी से मेरी अपील है
करोना महामारी से लडकर हम जरूर कामयाब होंगे।


कर्महीनता के पक्षकार 'आलोचना'

कर्महीनता के पक्षकार    'आलोचना'


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ,,शेर दिली प्रबंधन व्यवस्था के तहत ,,देश में भाजपा के प्रवक्ता , कार्यकर्ता एजेंट बनकर ,काम करते हुए ,गैर भाजपाई सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है ,,देश में सभी सरकारों को ऐसे एजेंट ,,कार्यकर्ता बने कथित पत्रकारों ,चेनल्स के हेड के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजकर राष्ट्रविरोधी षड्यंत्र से देश को बचाने का सबक़ लेना चाहिए ,,देश जानता है ,देश की जनता जानती है ,,वर्तमान हालातों में अधिकतम पत्रकार ,,भाजपा एजेंडे के तहत हर  खबर में ऐंगल तलाश कर खबर का प्रसारण ,प्रकाशन करते है ,,,भाजपा शासित सरकार हो या फिर केंद्र की सरकार हो ,उसकी किसी भी प्रकार की नाकामयाबी ,अव्यवस्था पर वोह कोई खबर नहीं बनाते है ,बस टारगेट बनाकर विपक्ष में बैठे लोगों के खिलाफ राई का पर्वत बनाना ,,झूंठ को बढ़ावा देना ,,गैरभाजपाई सरकारों ,और गैर भाजपाई वोटर्स को टारगेट करके ,,खबर बनाने की प्रयोगशालाए तैयार कर खबर बनाने का काम ,, इन कथित पत्रकार का लबादा ओढ़े ,,भाजपा के हिडन एजेंटों द्वारा किया जा रहा है ,,ऐसा  नहीं है देश में इन लोगों के खिलाफ क़ानून नहीं ,है लेकिन क़ानून ,,  में कई बार दिक़्क़त यह आती है ,के ,,हमने समझा तथा हाकम से करेंगे फरियाद ,कमबख्त वोह भी तुम्हारा चाहने वाला निकला ,,,उद्ध्वठकरे के खिलाफ एक साज़िश रची गयी ,भाजपा और भाजपा के हिडन एजेंट बने पत्रकारों को ,, उद्धव ठाकरे का शासन गले नहीं उतर रहा ,वोह कर्नाटक ,मध्य्प्रदेश की तर्ज़ पर सरकारें गिराने ,,वातावरण बिगाड़ने के एजेंडे पर  काम कर रहे है ,,इसीलिए कोरोना एड्वाज़री होते हुए भी ,आपदा प्रबंधन अधिनियम , ,महामारी अधिनियम ,के विधिक प्रावधानों में ,खबरों की मर्यादाओं की पाबंदी होने ,,धारा 144 में सकारात्मक और सच्ची खबरों के प्रकाशन , प्रसारण की बाध्यता होने पर भी ,,कथित एक खुद को पत्रकारिता का चैनल बताने वाले ,ऐ बी पी चैनल ,रजत शर्मा के ट्वीट और कुछ सोशल मिडिया एक्टिविस्टों ने ,सरकार के खिलाफ वातावरण बनाने के लिए अफवाह फैलाई और महाराष्ट्र के मुम्बई में अराजकता फैलाने के लिए योजनाबद्ध अफवाह से पहले तो भीड़ एकत्रित करवाई ,फिर उस भीड़ को सिर्फ मुस्लिम ,साम्प्रदायिक ऐंगल से जोड़ कर मस्जिद का चित्र बताते हुए ,,भड़काने वाली ,देश को गुमराह करने वाली , खबरों का प्रसारण शुरू किया ,,महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में विनय दूबे ,सोशल मीडिया एक्टिविस्ट और ,ऐ बी पी मराठा चैनल के पत्रकार कहे जाने वाले हिडन भाजपा कार्यकर्ता राहुल कुलकर्णी को गिरफ्तार किया है ,,,राहुल कुलकर्णी की गिरफ्तारी मात्र से ही ऐ बी पी चैनल में हिडन कार्यकर्ता रुबिका लियाक़त के हालात देखने लायक थे ,अपनी खुद की  चैनल हेड की गिरफ्तारी के खौफ से घबराकर ,पहली बार वोह ,एक बकरी जो शेर के सामने मिमियाती है इस तरह से मिमिया कर ,,खबर में मुस्लिम ऐंगल ,जमाती ऐंगल ,मस्जिद ऐंगल ,,नफरत फैलाने वाली पूर्व प्रसारित खबर का खंडन देती नज़र आयी ,,खुद रजत शर्मा जिन्होंने ट्वीट कर ,,कहा था ,इस भीड़ के पास सामान नहीं है ,,पलटी खा गए ,,शाबाश उद्धव ठाकरे ,ऐसे षड्यंत्रकारी राष्ट्रद्रोही हरकत करने वालों ,अफवाहबाजों ,,खबर खुद गढ़ कर ,देश में आराजकता का माहौल बनाने वालों के खिलाफ ऐसी कार्यवाही हर मुख्यमंत्री को करना ही चाहिए ,,पत्रकार है तो इनकी इज़्ज़त करेंगे हम ,लेकिन किसी   पार्टी ,किसी सरकार के एजेंट बनकर उनके प्रचारक ,,कार्यकर्ता की हैसियत से ,गुमराह करने वाले प्रयास करने वाले ,कभी बख्शे नहीं जाना चाहिए ,इस ऐ बी पी चैनल ने कोटा में ,,पॉलिथीन फेंकने वाली महिलाओं ,,अस्पताल में मानसिक रोगी महिला के हंगामे की खबर भी इसी ऐंगल से प्रसारित किया था ,,महिलाये दूसरी निकली ,,अस्पताल की महिला अधिकृत रूप से चिकित्सकीय  बयान के अनुसार मानसिक रोगी थी ,,यह भी उन्होने खबर में नहीं दर्शाया।


,क्योंकि खबर नहीं सिर्फ षड्यंत्र  वातावरण की मुहीम थी ,इस मामले में भी  कोटा के लोग इस चैनल खबर प्रसारक के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी में है ,राजस्थान में अशोक गहलोत के निर्देश पर , कई कथित सोशल मीडिया एक्टिविस्ट नफरतबाज़ों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्यवाही की है ,जिसमे कुछ फ़र्ज़ी पत्रकार है   कुछ सरकारी कर्मचारी ,यहाँ तक के पुलिस के सिपाही भी शामिल है ,,,,कोटा में  दिलचस्प मामला चर्चा का विषय बना है ,यहां नफरत बाज़ों ने कुछ युवाओ को नफरत एडिक्ट किया ,इन युवाओं ने आव देखा न ताव ,नफरत की अफवाहे ,,नफरत के बोल ,,,लिखना शुरू किये ,,बस पुलिस अधीक्षक को शिकायत मिली ,पुलिस ने इन नफरत के अल्फ़ाज़ लिखने वालों को लोकड़ाउंन उलंग्घन में पहले ही गिरफ्तार कर लिया , लेकिन इस षड्यंत्र ,इस नफरत के लिए यह कार्यवाही नाकाफी है ,इसको लेकर शिकायतकर्ता जब सक्रिय हुए तो ,इन गुमराह युवाओं को पानी गलती का अहसास हुआ और बस फिर सिफारिशों ,हाथा जोड़ी ,,माफ़ी नामे का दौर शुरू हो गया ,सभी जानते है ,यह हिडन सियासी एजेंट मीडिया गैरभाजपाई वोटर्स ,गैर भाजपाई सरकारों ,गैर भाजपाई नेताओं के खिलाफ ,अपनी प्रयोगशालाओं में नफरत की पैदावार कर ,घर घर नफरत बाँट रहे है ,,हालात यह है के इनकी फैक्ट्री से निकले नफरत के नशे के एडिक्ट ,घर घर युवा भी होते जा रहे ऐसे में इन बच्चों ने गुमराही में आकर अगर पहली गलती की है ,, तो शिकायत करता को इन नौजवानों को भूल का अहसास होने पर माफ़ कर देना चाहिए ,,अभी भी अगर राज्य सरकारें ,,सभी सोशल मीडिया एकाउंट ,, यू ट्यूब चैनल ,,प्रिंट मीडिया ,,,फेसबुक ,इंस्टाग्राम ,, ट्विटर ,वाट्सअप संदेशों को खंगाले ,उनके कमेंट जो वोह पोस्टों पर करते है ,देखे तो वोह  इस नफरत की प्रयोगशाला के वितरक है प्रसारक है ,ऐसे लोगों को तलाश कर ,खंगाल कर जेल की सींखचों में पहुंचाना ज़रूरी हो गया है ,एक तरफ नफरत है ,एक तरफ मोहब्बत है ,एक तरफ देश है ,एक तरफ देश में नफरत फैलाने वाले यह योजनाबद्ध नफरत की प्रयोगशाला चला रहे नफरतबाज़ है ,यह राष्ट्रीयता और राष्ट्रविरोधी लोगों के बीच की लड़ाई है ,इसलिए नफरत से इस देश को  खोखला करने वाले हर घटना में नफरत का ऐंगल तैयार करने वाले इन रिसर्च स्कॉलर हिडन कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही ,सख्त कार्यवाही होना ही चाहिए ,इसके लिए सरकारों को भी कढे क़दम उठाना होंगे ,,खुद आम जनता ,सोशल मीडिया सकारात्मक विचारधारा के एक्टिविस्टों को भी ,जागृति अभियान चलाकर ,ऐसे लोगों के खिलाफ मुक़दमे दर्ज करवाना होंगे ,नफरत फैलाने वाला कोई भी हो ,में ,मेरा भाई ,या दूसरा ,तीसरा कोई भी पक्ष हो उसके खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए ,में शुक्रगुज़ार हूँ ,वरिष्ठ पत्रकार उदयपुर निवासी अख्तर खान साहब का ,जो इस मुहिम में सकारात्मक तरीके से नफरतबाज़ों के चंगुल में फंसे ,नोजवानो को सच्चाई उजागर कर ,,इस नफरत के ज़हर से बचाने के प्रयासों में लग गए ,है अभी एक खबर महाराष्ट्र की मुंबई में भीड़ जमा होने पर प्रकाशित ,प्रसारित खबर ,और वर्तमान हालातों में ज़िम्मेदारियों  की खबर से नज़र अंदाज़ी पर एक रिसर्च यूं ट्यूब खबर तैयार की गयी है ,जिसे काफी  लोकप्रियता मिल रही ,है ,,एक बार फिर उद्धव ठाकरे ,मॉडल को राजस्थान सहित पूरे हिंदुस्तान में ईमानदाराना तरीके से लागू करने पर अभियान के रूप में काम होना चाहिए ,ताकि सरकारों की नाकामी से ध्यान हटाने के लिए  ,,नफरत और गुमराही खबरों की प्रयोगशाला के इन हिडन कार्यकर्ताओं की  नफरत प्रयोगशालाए  बंद हो सके और देश ,,नफरत की बीमारी का एडिक्ट ,मानसिक रोगी होने से बच सके ,,देश को भूख ,गरीबी ,रोज़गार ,चुनावी एजेंडे की क्रियान्विति ,जनता से जुडी खबरे मिल सकें ,,गैर भाजपाई सरकारों ,गैर भाजपाई वोटर्स को टारगेट खबरों पर विराम लगकर खबरे सिर्फ देश के लिए देशवासियों के लिए निष्पक्ष और निर्भीक प्रकाशित और प्रसारित हो सकें ,आओ हम जंग करे ,एक बार फिर नफरत के खिलाफ आज़ादी की ,,आओ फिर हम जंग करे ,ओरिजनल पत्रकारों के साथ ,मिलकर , पत्रकारिता के भेस में छुपे हिडन कार्यकर्ताओं खिलाफ जंग करें ,,यह देश हमारा  है ,इसे बचाने की यहां मोहब्बत का  माहौल तैयार करने की ज़िम्मेदारी हमारी ,आपकी सभी की तो है ,कुछ गिनती के नफरत बाज़ ,कुछ गिनती की नफरत प्रयोगशालाए चाहे किसी भी धर्म ,किसी भी मज़हब ,,  किसी भी पत्रकारिता की खाल में छिपी प्रयोगशाला में हो ,उसके खिलाफ हम है ,आप हैं फिर वोह चाहे ,में , मेरा भाई ,आप ,, आपका भाई क्यों न हो।


एडवोकेट ,अख्तर खान अकेला


वायरस की प्रवासियों पर दोहरी मार

राज्य सरकारों पर दोहरी मार
कोरोना संकट और प्रवासी लोग

इन दिनों देश के अधिकांश प्रदेशों के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हुई है!
एक चुनौती कोरोना संकट से निपटने की है, तो दूसरी चुनौती प्रवासी मजदूर और छात्र-छात्राओं की समस्याओं का समाधान करने की बनी हुई है!
घर बंदी पार्ट 2 के बाद देश के राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में प्रवासी मजदूर छात्र-छात्राओं की चुनौती एक साथ उग्रता के साथ खड़ी होती हुई दिखाई देने लगी!
राज्य सरकारों के सामने समस्या यह है कि सरकारें कोरोना संकट से निपटें या फिर प्रवासियों की समस्याओं का समाधान करें, जहां तक राज्य सरकारों की प्रवासियों को लेकर जिम्मेदारियां हैं उन जिम्मेदारियों को सरकार अपने स्तर पर निभा रही हैं लेकिन प्रवासी अपने घरों पर जाने की जिद पर अड़े हुए हैं इस समस्या का समाधान क्या हो इस पर राज्य केंद्र से मंत्रणा भी करते हुए दिखाई दे रहे हैं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एनडीटीवी चैनल पर इस समस्या के समाधान का हल भी बताया गहलोत ने कहा कि राजस्थान के कोटा शहर में लगभग 25000 छात्र-छात्राएं जो आईआईटी और मेडिकल की तैयारी कर रहे थे वह अपने घर जाना चाहते हैं, गहलोत ने कहा की मैंने इस बारे में प्रधानमंत्री को सुझाव भी दिया था की केंद्र कोई ऐसी व्यवस्था करें जिससे प्रवासी मजदूर वे छात्र छात्राएं अपने घरों पर सुरक्षित जा सके! राजस्थान में अटके पड़े प्रवासी छात्र छात्राओं के लिए गहलोत चिंतित भी नजर आए, और वह इस समस्या के समाधान का हल् ढूंढते दिखाई दिए!
वैसे तमाम राज्य प्रवासी मजदूर और छात्र-छात्राओं का पूरा ध्यान रख रहे हैं उन्हें खाने-पीने से लेकर रहने तक की समस्या नहीं आने दे रहे हैं इस काम में केवल सरकार ही नहीं बल्कि स्थानीय लोग वह समाज सेवक भी जुटे हुए हैं, इसके बाद भी प्रवासी मजदूरों वे छात्र छात्राओं को तनाव में देखा जा रहा है, इस समय इन लोगों को भरोसा दिलाने की सख्त जरूरत है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने प्रदेश के प्रवासियों में भरोसा दिलाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं राज्य सरकार ने प्रवासियों के लिए हेल्पलाइन सुविधा भी मुहैया करा रखी है जो रात दिन कार्य कर रही है, लेकिन गुजरात महाराष्ट्र और राजस्थान दिल्ली मैं अचानक से उमड़ा प्रवासियों का झुंड बताता है कि प्रवासी घर वापसी के अलावा और कुछ नहीं चाहते, वासियों को संयम धैर्य और विश्वास रखना चाहिए जो वह अभी तक रखते आए हैं थोड़े दिन की बात और है सरकार सारे देश के लिए चिंतित है, सरकार देश के हर नागरिक को कोरोना से भी और भूख से भी बचाने में जुटी हुई है!
                 देवेंद्र यादव 


पक्षी बचाओ अभियान जारी रखें।

पंक्षी बचाओ अभियान लगातार जारी रख रहे है पानी का सकोरा


धमतरी जन कल्याण सेवा समिति ने चौथे शिविर मे मराठा पारा वार्ड के आसपास पंक्षियों के लिए दाना पानी रखे। पंक्षियों के लिए घरों घर पानी की व्यवस्था करने के उद्देश्य से हर वर्ष पंक्षी बजाओ अभियान चलाया जाता है। इस वर्ष भी यह अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें मराठा पारा वार्ड के आसपास पानी का सकोरा रखा गया है। जिसमें पानी डालने की जिमेदारी खुद वहां के पंक्षी प्रेमी पर्व पार्षद दुष्यंत राव घोरपड़े ने ली और कहा यहां बहुत ही नेक कार्य है। ऐसे पुण्य कार्य मे हम सबको आगे आना चाहिए और हम सभी को अपने घरों के आसपास पशु पंक्षियों के लिए दाना पानी रखना चाहिए। समिति के अध्यक्ष गुड्डा रजक खुद अकेले ही आसपास मिट्टी के सकोरा रख और घर मे पंक्षियों के लिए दाना खुद तैयार कर रहे है। गुड्डा रजक ने कहा हर वर्ष यहां अच्छे कार्य हमारे समिति द्वारा किया जाता है और बहुत दिल से खुशी होती है की हम ऐसे कार्य कर रहे आगे भी यहां कार्य चलता रहेगा सभी नगर वासियों से एक अपील भी कि है आप भी अपने घरों के आसपास पशु पंक्षियों के लिए दाना पानी जरूर रखें।


मृतकों के शवों से फैल रहा संक्रमण

बैंकॉक। थाईलैंड में कोराना संक्रमण से मृत लोगों की लाशों से दूसरों में संक्रमण फैलने का पहला मामला सामने आया है। यह संक्रमण मरीज की लाश के शव परीक्षण से खुलासा हुआ। इसे विश्व में दर्ज इस प्रकार का पहला मामला बताया जा रहा है। यह मामला सामने आने के बाद विशेषज्ञों ने चीरघर और अंतिम संस्कार स्थलों से संक्रमण फैलने की चिंता जताई है।


बैंकॉक के वैज्ञानिकों ने जर्नल ऑफ फॉरेंसिक लीगल मेडिसिन स्टडी में शोध जारी करते हुए इस मामले की खुलासा किया है। यह शोध में बैंकॉक के आरवीटी चिकित्सा केंद्र के वोन श्रीविजितालाई और चीन के हैनान चिकित्सा विश्वविद्यालय के विरोज वाईवानितकित ने किया है। इन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित जीवित या मृतक के शव में संपर्क में आने से पहले हर व्यक्ति निजी सुरक्षा उपकरण जरूर पहनें। खासतौर से पोस्टमार्टम और शव परीक्षण के समय कोविड-19 रोगग्रस्त होने संभावना बन सकती है।


विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस संक्रमण से मारे गए लोगों के शव का अंतिम संस्कार बेहद सावधानी से होना चाहिए। अस्पताल से भी शव पूरी सावधानी से अंतिम संस्कार के लिए भेजें। श्रीलंका सरकार ने भी शव से संक्रमण का खतरा देखते हुए मुस्लिम समुदाय के आपत्ति को दरकिनार कर सभी शव जलाने का आदेश दिया है। यहां कई मुस्लिम समुदाय के मृतकों के शव जला दिए गए हैं। मौजूदा अध्ययन में यह साफ नहीं हुआ है कि शव में कोरोना वायरस कब तक रह सकता है या शव को छूने से यह किस तरह फैल सकता है। हालांकि दुनिया भर में मुर्दाघरों में सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने संक्रमण का खतरा जताया है।


राहुल की गरीबों को पैसा देने की मांग

राजकुमार भट्ट


नई दिल्ली/रायपुर। काँग्रेस नेता राहुल गांधी आज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के ज़रिए देश के लोगों से बात की। राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना से पैदा हुई मुश्किलों से ये देश बहुत बड़ा है। देश ने इससे भी बड़ी-बड़ी मुश्किलें देखीं हैं और निपटा है। भारत कोरोना के संकट से भी पार पा जाएगा।


राहुल ने केंद्र से न्याय योजना की तरह 20% गरीब लोगों को सीधे पैसा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि गरीबों को दिक्कत हो रही है और होने वाली है। इसलिए ये ज़रुरी है। उन्होंने मोदी से कहा कि न्याय योजना की जगह कोई और नाम रख लें। राहुल गांधी ने कहा कि संकट के समय एकजुट रहना है जाति और धर्म के आधार पर हममे बंटवारा हुआ तो दिक्कत होगी। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में इस बीमारी से मिडिल ऐज और युवाओ को भी खतरा है क्योंकि यहां वो बड़ी संख्या में शुगर, बीपी और हार्ट की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें ये बात बतानी पड़ेगी और इस आबादी के लिए अलग से योजना बनानी पड़ेगी।


राहल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद की रणनीति पर अब ध्यान देना जरूरी है। अब इन बातों पर विचार करना है कि टेस्टिंग, मेडिकल की रणनीति क्या होगी? प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और हॉस्पिटल को कैसे तैयार करेंगे? राहुल ने कहा कि लॉकडाउन के बाद बीमारी बढ़ने की आशंका है इसलिए एक्शन में देरी नहीं होनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि बेरोजगारी शुरू हो गई है और इसका बहुत बुरा रूप आने वाला है। केंद्र को।रोजगार देने वाले SMEs और बड़ी कंपनियों के लिए पैकेज तैयार करना चाहिए।


देश के 400 जनपद संक्रमण मुक्त

नई दिल्ली। पूरी दुनियाभर के देशों के साथ भारत में भी कोरोना वायरस का प्रकोप चरम पर है। सरकार इससे लोगों को बचाने में हरसंभव तरीके से लगी है। इसबीच कोरोना के संकट के दौरान एक खुशखबरी भी सामने आई है।


दरअसल, देश में कोरोनावायरस का संकट कायम है। इस बीच गुड न्यूज ये है कि देश के 718 जिलों में से 400 जिले कोरोना के संक्रमण से मुक्त हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जानकारी देते हुए बताया कि 718 जिलों में से 400 जिले कोरोना मुक्त हैं जहां अभी तक कोरोना पहुंचा नहीं है। सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है कि इन 400 जिलों को कोरोना से दूर रखा जाय व ये वायरस किसी भी तरह से इन जिलों में ना पहुंच पाय।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर खासकर भारत के लिए अगले दो-तीन हफ्ते में बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैंं। सरकार हालात पर पैनी नजर रखे हुए है। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना से संक्रमित जिलों को भी जल्द से जल्द संक्रमण से मुक्त करके कोरोना मुक्त जिलों की संख्या को और बढ़ाया जाय।


चीता हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के चीता हेलीकॉप्टर की गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी रिंग रोड पर आपात लैंडिंग हुई। वायु सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इन्द्रनील नंदी के अनुसार हेलीकॉप्टर उस समय हिंडन हवाई अड्डे की ओर लौट रहा था। प्रवक्ता ने कहा, “ हेलीकॉप्टर कोविड-19 के नमूनों को लाने के लिए हिंडन से चंडीगढ़ की ओर जा रहा था। हिंडन से लगभग तीन नाॅटिकल माइल (एनएम) पर हेलीकॉप्टर में अचानक तकनीकी खराबी आयी जिसके बाद राजधानी के बाहरी रिंग रोड राजमार्ग पर हेलीकॉप्टर को सुरक्षित उतार लिया गया।


उन्होेंने कहा कि पायलटों ने बिना समय गंवाये तुरंत सही कार्रवाई की थी। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर को आपात स्थिति में उतारने के दौरान किसी भी संपत्ति को काेई नुकसान नहीं हुआ है। हेलीकाॅप्टर में आई खराबी को ठीक करने के लिए रिकवरी विमान हिंडन से भेजा गया। हेलीकॉप्टर को ठीक करने के बाद उससे तुरंत सुरक्षित रूप से हिंडन वापस लाया गया। इस हेलीकॉप्टर को अपनी डिजाइन की वजह से रडार आसानी से पकड़ नहीं पाता है। करीब पौने तीन घंटे तक उड़ान भरने वाला ये अटैक हेलीकॉप्टर दुश्मन पर जब टूट पड़ता है तो उसकी शामत आ जाती है। इससे दुश्मन के आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप से टैंक तक तबाह किये जा सकते हैं। इससे पहले फरवरी में चीता हेलीकॉप्टर जम्मू के रियासी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। लेकिन दोनों पायलट हेलीकॉप्टर से सुरक्षित बाहर निकल आये थे। उस समय इस हेलीकॉप्टर ने ऊधमपुर से उड़ान भरी थी।


एमपी सरकार देगी मजदूरों को ₹1000

भोपाल। आपदा के बीच मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने एक अहम फैसला किया है। सरकार अन्य राज्यों में फंसे मध्यप्रदेश के मजदूरों के खाते में पैसा जमा कराएगी। शुरुआती तौर पर एक-एक हजार रुपए खाते में डाले जाएंगे। उसके बाद भी अगर जरूरत हुई तो खाते में और राशि भेजी जाएगी। सरकार ने एक और फैसला किया है। इसके अलावा राशन कार्ड धारकों को अब दो महीने का राशन फ्री में दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उन्होंने अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन के कारण उनके प्रदेश में रुके मध्यप्रदेश के मजदूरों के रुकने और राशन की व्यवस्था करने के लिए कहा है। प्रदेश के सांसदों और विधायकों से कहा गया है कि उनके क्षेत्र के ऐसे प्रभावित मजदूरों की सूची भेजें। जैसे-जैसे सूची आती जायेगी, नाम आते जाएंगे मजदूरों के खातों में राशि जमा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ हुई बैठक में तय किया है कि प्रदेश में फसल कटाई के बाद मजदूरों के पास काम खत्म हो चुका है।लिहाजा कलेक्टर्स को ऐसे मजदूरों के रुकने और राशन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए जाएं। मजदूरों की व्यवस्था के लिए उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की है। इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राशन कार्ड धारकों को इस माह से दो माह के लिए प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन नि:शुल्क देने की व्यवस्था की जाए। इसमें एक किलो दाल और गेहूंं-चावल दिया जाएगा। इसके अलावा जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनके राशन की व्यवस्था की जा रही है।


भारत ने दिया बुद्धिमानी का परिचय

संयुक्त राष्ट्र। कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर भारत द्वारा लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के फैसले का समर्थन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि आर्थिक कीमत पर लॉकडाउन का यह निर्णय बुद्धिमानी भरा कदम है।


ऑगेर्नाइजेशन के एशिया एंड पैसिफिक डिपार्टमेंट के डायरेक्टर चंगयोंग राई ने बुधवार को एक न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “स्लोडाउन के बीच भारत में महामारी का प्रसार हुआ और ऐसे में इसके रिक्वरी की संभावना अधिक अनिश्चित हो जाती है।” आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर के अनुमान को संशोधित कर जनवरी में किए गए 5.8 प्रतिशत से 1.9 प्रतिशत कर दिया, जो पहले अक्टूबर में किए गए 7 प्रतिशत से कम था। राई ने कहा, “कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई आर्थिक गतिविधि में गिरावट का कारण बन सकती है, विकास दर निश्चित रूप से नीचे जाएगी, लेकिन मुझे लगता है कि इस बीमारी के फैलने की दीर्घकालिक क्षति को कम करने के लिए लिया गया यह एक बुद्धिमान भरा और महत्वपूर्ण निर्णय है।”


उन्होंने कहा कि राजकोषीय प्रोत्साहन और साथ ही भारत सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा अपनाई गई मॉनेटरी पॉलिसी सही दिशा में है, लेकिन क्या वे पर्याप्त होंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि कन्टेंटमेंट पॉलिसी कैसे अपनाई जाती है और यह कितनी सफल होगी। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत के प्रयास सफल होंगे। हालांकि, ऐसा नहीं होने पर उन्होंने कहा, “लेकिन अगर स्थिति गंभीर होती है, तो मुझे लगता है कि छोटी अवधि में उनके पास अर्थव्यवस्था में मंदी को रोकने के लिए अधिक राजकोषीय और मॉनेटरी पॉलिसी का उपयोग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”


दो सगी बहनों के 10 दिन पुराने शव

कानपुर। पनकी थाना क्षेत्र के शिवालिक अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर-14 में दो सगी बहनें मृत पाई गईं। शव दीवार के सहारे टिके थे और गले में दुपट्टे का फंदा था, जो खिड़की से बंधा था। शव आठ से 10 दिन पुराने बताए जा रहे हैं। दरवाजे का अंदर से बंद होना, मौके से मिले कुछ और साक्ष्य आत्महत्या की ओर इशारा कर रहे हैं लेकिन सुसाइड नोट न मिलने की वजह से पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों बिंदुओं पर जांच कर रही है।


कल्याणपुर सीओ अजय कुमार ने बताया कि दिल्ली में बीएसएफ दफ्तर में हेड क्लर्क विकास पांडेय का सी ब्लॉक स्थित अपार्टमेंट में फ्लैट है। मूल रूप से कौशांबी की रहने वाली दो बहनों रेखा शुक्ला (30) और आभा शुक्ला (25) ने विकास का फ्लैट 12 मार्च को किराये पर लिया था। रेखा प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती थी, जबकि आभा घर में ही रहती थी। विकास ने बुधवार को किराया लेने के लिए रेखा के नंबर पर कई बार फोन किया पर नंबर बंद जाता रहा।


इस पर उन्होंने मोहल्ले में ही रहने वाले सोनू नाम के लड़के को फ्लैट पर भेजा। सोनू जब पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था। खटखटाने के बाद भी नहीं खुला। कुछ देर रुकने के बाद उसे अंदर से बदबू आने का अहसास हुआ। इस पर सोनू ने विकास को जानकारी दी। विकास ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची तो दोनों के शव दीवार से टिके मिले। पुलिस के मुताबिक दोनों बहनें अनाथ थीं। माता-पिता की उत्तराखंड त्रासदी में मौत हो गई थी और भाई की इसी साल जनवरी में मौत हुई है।


पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट होगी घटनाःएसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया घटना खुदकुशी की लग रही है। चूंकि सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, इसलिए कुछ कहना ठीक नहीं होगा। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। गुरुवार को रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पता चल जाएगा। उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।


केवल एक टैबलेट मिला, मोबाइल का पता नहींः फ्लैट मालिक विकास ने बताया था कि उसकी फोन पर रेखा से बातचीत होती थी। पुलिस ने जब छानबीन की तो मौके से कोई मोबाइल बरामद नहीं हुआ। सीओ ने बताया कि टैबलेट मिला है। हो सकता है कि रेखा टैबलेट से ही बात करती हो। पुलिस नंबर की सीडीआर निकाल रही है।


सीआरपीएफ कैंप के पास से मिला बम

पंकज भदौरिया


दंतेवाड़ा। जिले के कोंडासावली कैम्प के नजदीक सीआरपीएफ के जवानों ने 5-5 किलो का दो आईईडी बम बरामद किया है। नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाने कैम्प के पास में ही बम लगा रखा था। लेकिन जवानों ने इनकी साजिश को नाकाम करते हुए बम को डिफ्यूज कर दिया है। घटना अरनपुर थाना क्षेत्र का है, जिसकी पुष्टि CRPF डीआईजी डीएन लाल ने की है।दरअसल कोंडासावली स्थित सीआरपीएफ 231 बटालियन का कैम्प अरनपुर और जगरगुंडा के बीच घने जंगलों में पड़ता है। जहाँ मलंगीर एरिया कमेटी के नक्सलियों और जगरगुंडा इलाके के नक्सली दोनों की पकड़ मजबूत है। नक्सली लगातार बम प्लांट कर जवानों को फंसाने की रणनीति भी बनाते रहते हैं। नक्सलियों ने पेड़ भी गिरा रखा है। इलाके में जवान अब सर्चिंग में लगे हुए है। सेटेलाइट फोन से जवानों ने डीआईजी को सूचना दी है।


साहेब! हमें राशन कब मिलेगा ?

राशन के इंतजार में ग्रामीण, लॉक डाउन पर भूख न पड़ जाएं भारी


अरविंद द्विवेदी


अनूपपुर। मोदी जी का भारत और विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और कांग्रेस के आईआईटी, एम्स वाले भारत में इतनी भी क्षमता नहीं है कि वह एक महीने का भी लॉकडाउन सह सके व अपने मेहनतकश नागरिकों को रोजगार की गारंटी दे सके। यहाँ भारत की आर्थिक तरक्की के दावे की पहले ही दिन हवा तब निकल गई जब केवल लॉक डाउन की घोषणा होते ही एक झटके में करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए और इसका नजारा देश भर के प्रवासी मजदूरों के रूप में देखा गया। दूर दूर से पैदल आ रहे मजदूरों ने हमारे खोखले आर्थिक विकास को न केवल आइना दिखाया है बल्कि आने वाले दिनों मे देश में बनने जा रहे हालातों का भी ट्रैलर दिखाया है। वर्तमान समय में नेताओं के वादों और ज़मीनी हकीकत में बहुत अंतर है।


“तो कहने का मतलब ये है कि ये जो रोजगार बंद होने का सिलसिला शुरू हुआ है, वो बंद नहीं होने वाला है बल्कि आने वाले दिनों में इसका और भयावह रूप दिखाने वाला है.!”


खत्म हुआ राशन पेट भरने के लाले –शहरी क्षेत्रों में तो हालात फिर भी कुछ बेहतर है किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं क्योंकि ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था शहरों पे आश्रित होती है और शहर तो लॉक डाउन से पूरी तरह लॉक है।


आदिवासी बस्ती में रोज़ी रोटी का संकट –कोरोना संक्रमण के कारण जिले में लॉक डाउन किया गया है जिससे ग्रामीणों के बीच रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है रोज़गार के साधन न होने के कारण गांव में ही जो काम मिल जाये उसे करने को मजबूर है किंतु प्रशासन की सख्ती के चलते गांवो की हालात भी खराब होने की कगार पर है।


खतरे में ग्रामीणों का जीवन –कोरोना के कहर के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और बिगड़ते जा रहे हैं एक तो हाथ से रोजगार चला गया ऊपर से अब रोज़ी रोटी का संकट मुह बाएं खड़ा है यूं तो सरकार राशन देने की बात कह रही हैं कितु कहि ऐसा न हो भूख वितरण प्रणाली पर भारी पड़ जाए।


ग्रामीण क्षेत्रों में मजाक बनी होम डिलीवरी –लॉक डाउन में ग्रामीण क्षेत्रों की सभी किराने की दुकानें बंद है। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को हो रही है लेकिन इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है। होम डिलेवरी की सुविधा नगर पालिका क्षेत्र के लिए तो कर दी गई है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लोग आखिर कहां जाए। वहां न तो कोई सब्जी का ठेला पहुंच रहा है और न ही किराने का सामान।


अब गेंहू कटाई से उम्मीदे –पहले मौसम की मार और अब कोरोना के प्रकोप ने देशभर में खेती-किसानी को संकट में डाल दिया है। वहीं, गेहूं खरीद की तैयारियों में जुटी सरकार अब कोरोना की रोकथाम में जुट गई हैं। ऐसा होने से सबसे अधिक मार किसान पर भी पड़ने वाली है। इस बार फसल की शुरुआत में किसानों को बेहतर मानसून की वजह से अच्छी फसल की आस बंधी थी, जिस उम्मीद में किसान अब आश्रित हैं।


साहेब कहाँ है हमारा राशन –यूं तो जिले में लगभग डेढ़ लाख पात्रता पर्ची धारक है और सरकारी आकड़ो में लगभग 90 प्रतिशत लोगो को राशन पहुँचाया भी जा चुका है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों के ग्रामीण ही अभी राशन के इंतजार में है तो दूरदराज की कहानी अलग ही होगी। कहीं खाद्य विभाग आकड़ो की बाजीगरी तो नहीं कर रहा यह देखने बाली बात होगी क्योंकि जिले में खाद्यान का कितना स्टॉक रहा जिससे गरीबो को 3 माह का राशन एडवांस दे दिया गया क्योंकि आज भी पात्र हितग्राहियों को राशन का इंतजार करते हुए देखा जा सकता है।


'सोशल डिस्टेंसिंग' की धज्जियां उड़ी

धर्मेंद्र यादव


मैनपाट। विकासखंड मैनपाट के बैंकों में सोशल डिस्टेंस नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है जहां शासन प्रशासन द्वारा जन जागरूकता फैला कोरोना वायरस से बचाव एवं सावधानी बरतने युद्ध स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं वही शासकीय अधिकारी कर्मचारी ही सरकार की वायरस को लेकर जारी नियमों की खुलेआम अवहेलना कर धज्जियां उड़ा रहे हैं।


मामला मैनपाट के कमलेश्वरपुर भारतीय स्टेट बैंक की है जहां पिछले दो-तीन दिनों से जनधन खाते में 500 रुपये आने की खबर को लेकर दर्जनों की तादाद में लोग प्रतिदिन 10 से 15 किलोमीटर दूरी तय कर सुपलगा, पैगा असगवा जैसे बीहड़ क्षेत्र से जंगल की चढ़ाई चढ़कर लोग इस उम्मीद में आ रहे हैं कि हमारे जनधन खाते में 500 रुपये आ गया होगा वहीं कुछ लोगों का तांता तो इस बात को लेकर लगा हुआ था कि आए हुए पैसे को चेक करवा पासबुक में एंट्री करवानी है किंतु विडंबना यह है कि बैंक प्रबंधक द्वारा लोगों का खाता भी चेक नहीं किया जा रहा है और लोग बैंक के सामने बगैर डिस्टेंस का पालन किए दर्जनों की तादात में एकत्र हो शासन प्रशासन एवं बैंक प्रबंधन की लापरवाही से सोशल डिस्टेंस के नियमों का खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं।
गेट में ताला! गेटकीपर नशे में धुत्


 संवाददाता द्वारा जब भीड़ को देखकर स्थिति का जायजा लिया गया तो पता चला कि बैंक प्रबंधन अपने मुख्य गेट को बंद कर दो टूक शब्दों में यह कहते हुए की बैंक में कोई कार्य नहीं होगा सभी प्रकार के बैंकिंग लेनदेन बैंक सखी के माध्यमों से कराई जाएगी लेकिन लोगों व क्षेत्रवासियों को यह पता नहीं है कि उनका बैंक सखी कौन है वही भारतीय स्टेट बैंक के गेटकीपर नशे की हालत में लत पाया गया तथा लोगों को दूरी बनाने समझाइश देने के बजाय खुद ही निढाल पड़ा रहा इसकी सुध लेने न तो बैंक प्रबंधन ने उचित समझा और ना ही प्रशासनिक अमला द्वारा मुनासिब समझा गया जिसका खामियाजा दूरदराज से भूखे प्यासे आए महिला पुरुष ग्रामीण जनों को चिलचिलाती धूप में घंटों खड़े रहकर बेवजह परेशानियों का सामना करना पड़ा लोगों ने इस दिशा में स्थानीय प्रशासन से व्यवस्था सुदृढ़ करने मांग की है।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...